ड्रोन के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए ड्रोन पॉलिसी का प्रचार प्रसार करने के निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने मंगलवार को सचिवालय में प्रदेश को ड्रोन पॉलिसी के सम्बन्ध में अधिकारियों के साथ बैठक ली। मुख्य सचिव ने कहा कि ड्रोन क्षेत्र में नवोन्मेषी दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है। इसके लिए देश के प्रौद्योगिकी संस्थानों से सहयोग लेने के लिए अनुबंध किए जाएं।
मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तराखण्ड मोस्ट हेलीकॉप्टर फ्रेंडली स्टेट है। इससे एक ओर हैली सेवा को अत्यधिक फायदे हैं। उन्होंने कहा कि ड्रोन कॉरिडोर के लिए जीरो रिस्क एरिया पर फोकस किया जाए। कहा कि पिटकुल और यूपीसीएल की बहुत सी हाई टेंशन और लो टेंशन लाइन्स को ध्यान में रखते हुए यूपीसीएल और पिटकुल से आपसी सामंजस्य स्थापित किया जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि ड्रोन के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए ड्रोन पॉलिसी का प्रचार प्रसार किया जाए। साथ ही प्रदेश के युवाओं को ड्रोन के क्षेत्र में प्रशिक्षण और रोजगार की दिशा में भी कार्य किए जाने की आवश्यकता है। कहा कि प्रदेश के सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों से ड्रोन के विभिन्न प्रकार के कोर्स कराए जा सकते हैं।
इस अवसर पर सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, निदेशक आईटीडीए विनीत कुमार एवं आईजी (सुरक्षा) राजीव स्वरूप सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

पर्वतीय क्षेत्रों के सूख रहे जलस्रोतों को रिचार्ज करना जरुरी-मुख्य सचिव

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में सचिवालय में जल स्रोत एवं नदी पुनरोद्धार प्राधिकरण (SARRA) की बैठक सम्पन्न हुयी। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तराखण्ड एक पर्वतीय प्रदेश होने के कारण मानसून सीजन के 3 महीनों में प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में होने वाली वर्षा का लगभग 90 प्रतिशत जल नदियों में बह जाने के कारण किसी भी प्रयोग में नहीं आ पाता और पर्वतीय क्षेत्रों में बाकी महीनों में पानी की कमी बनी रहती है।
मुख्य सचिव ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में वर्षा के जल को लाखों की संख्या में चेकडैम बनाकर संग्रहित कर भूजल को बढ़ाया जा सकता है। इससे पर्वतीय क्षेत्रों में सूख रहे जलस्रोतों को रिचार्ज किए जाने में सहायता मिलेगी, साथ ही, पर्वतीय क्षेत्रों के जल स्रोतों एवं नदियों में वर्षभर पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के भूभाग का 70 प्रतिशत से अधिक वन क्षेत्र है, इसलिए वन विभाग को इसके लिए महत्त्वपूर्ण एवं एक्टिव भूमिका निभानी होगी।
मुख्य सचिव ने SARRA को चेक डैम बनाने के लिए मास्टर प्लान तैयार किए जाने के निर्देश दिए। कहा कि मास्टर प्लान में प्राथमिकता को पहले से निर्धारित किया जाए। बिना समस्या वाले ऐसे स्थान जहां कम से कम तैयारी में तुरन्त कार्य शुरू किया जा सकता उनको प्राथमिकता में रखा जाए। उन्होंने कहा कि अगले 1 साल, 2 साल, 5 साल और 10 साल के लिए लक्ष्य निर्धारित करते हुए लक्ष्य के अनुसार योजना की लगातार मॉनिटरिंग की जाए। उन्होंने कहा प्रत्येक नदी के लिए अधिकारी नियुक्त कर ऐसे स्थानों को चिन्हित कर प्रदेश को सैचुरेट किया जाए जहां नदी की स्प्रिंग में चेक डैम बनाकर पानी का संग्रहण किया जा सके। मुख्य सचिव ने कहा कि SARRA के कुल बजट का 70-80 प्रतिशत खर्च चेक डैम पर खर्च किया जाए।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव अरविन्द सिंह ह्यांकी, जलागम प्रबन्धन से नीना ग्रेवाल सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

सड़कों से गौ वंश को हटाने के लिए युद्ध स्तर पर हो गौशालाओं का निर्माण-मुख्य सचिव

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने बुधवार को सचिवालय में प्रदेश में गौशालाओं के निर्माण की प्रगति की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में अधिक से अधिक गौशालाओं का निर्माण शीघ्र से शीघ्र किया जाए ताकि प्रदेश की सड़कों से गायों को हटाकर गौशालाओं में शिफ्ट किया जा सके।
मुख्य सचिव ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में शहरी विकास एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जिला परिषद के अंतर्गत यह कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि योजना से प्रदेश को पूर्ण रूप से सैचुरेट करने के लिए बजट की व्यवस्था मिसिंग लिंक से की जाएगी। उन्होंने निर्देश दिए कि गौशालाओं को बड़ा बनाया जाए ताकि आने वाले 10-15 सालों तक उन्हें फिर से बढ़ाने की आवश्यकता न पड़े। इसके लिए पूर्व में भेजे गए छोटी गौशालाओं के प्रस्तावों को वापस लौटाकर अगले एक हफ्ते में बड़ी गौशालाओं के प्रस्ताव मांगे जाएं। उन्होंने अधिकारियों से अगले 10 दिन में सड़कों को लावारिस गायों से मुक्त किए जाने के लिए टाईमलाईन सहित कार्ययोजना प्रस्तुत किए जाने के निर्देश दिए। कहा कि गौशालाओं के मैनेजमेंट और मॉनिटरिंग के लिए मैकेनिज्म भी तैयार किया जाए।
इस अवसर पर सचिव डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम, एच.सी. सेमवाल एवं अपर सचिव अरूणेन्द्र चौहान सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

कार्यों में तेजी लाने के लिए सप्ताह में दो बार हो समीक्षा

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने बुधवार को सचिवालय में पूंजी निवेश हेतु राज्यों को विशेष सहायता योजना 2023-24 के तहत किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने कार्यों में तेज़ी लाने के लिए सचिव स्तर पर सप्ताह में 2 बार बैठक कर समीक्षा किए जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि प्रस्तावों के अनुमोदन के लिये डेडिकेटेड टीम लगाई जाए ताकि फ़ाइलों के पारगमन में अत्यधिक समय न लगे।
मुख्य सचिव ने प्रदेश में पुस्तकालयों के निर्माण पर अधिकारियों को शीघ्र कार्य करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि विद्यालयों के पुस्तकालयों को मजबूत किया जाए। साथ ही जहां उपलब्ध नहीं हैं वहां नए तैयार किए जाएं। उन्होंने कहा कि इन पुस्तकालयों का लाभ स्थानीय लोग भी उठा सकें इसके लिए पुस्तकालय की एंट्री विद्यालय के बाहर से दी जाए।
मुख्य सचिव ने सभी विभागों को अपनी भूमि के उपयोग के लिये अगले 30 से 50 वर्षों का मास्टर प्लान बनाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि विभाग अगले 50 सालों की आवश्यकताओं के हिसाब से मास्टर प्लान बना लेंगे तो भूमि का उचित रूप से उपयोग हो सकेगा। इससे विभागों की भविष्य की आवश्यकताओं को सही तरीके से पूरा किया जा सकेगा।
मुख्य सचिव ने योजना के तहत किए जा रहे कार्यों की उपयोगिता प्रमाणपत्र भी समय से उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिये। कहा कि जिन विभागों का बजट अभी तक रिलीज़ नहीं हुआ है, विभाग तेज़ी से कार्यों को पूरा कर उपयोगिता प्रमाणपत्र उपलब्ध कराएँ।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, सचिव दिलीप जावलकर, रवीनाथ रमन, एच.सी. सेमवाल, विजय कुमार यादव, अपर सचिव डॉ. अहमद इकबाल, नितिन भदौरिया एवं अमनदीप कौर सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

रेलवे और प्रदेश के उच्चाधिकारियों को सकारात्मक रुख अपनाने के निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में गुरुवार को सचिवालय में रेलवे से संबंधित मुद्दों के निस्तारण के लिए डिवीज़नल रेलवे मैनेजर मुरादाबाद राजकुमार सिंह के साथ बैठक की। मुख्य सचिव ने रेलवे एवं उत्तराखंड सरकार के अधिकारियों को सकारात्मक रुख़ अपनाते हुए दोनों ओर आ रही समस्याओं को लगातार बैठकें आयोजित कर निस्तारित करने के निर्देश दिये।
मुख्य सचिव ने रेलवे को हर्रावाला रेलवे स्टेशन को 24 कोच टर्मिनल बनाए जाने को लेकर कार्यों में तेज़ी लाने के निर्देश दिये। उन्होंने इसके लिए भूमि अधिग्रहण और हस्तांतरण की प्रक्रिया शीघ्र शुरू किए जाने हेतु रेलवे और शासन की ओर से कार्रवाई में तेज़ी लाए जाने के निर्देश दिये। उन्होंने भंडारीबाग़ आरओबी की रेलवे बोर्ड स्तर पर अटकी स्वीकृति शीघ्र करवाये जाने के भी निर्देश दिये। डीआरएम मुरादाबाद ने इस पर एक हफ़्ते में स्वीकृति दिलवाए जाने का आश्वासन दिया।
मुख्य सचिव ने देहरादून मोहंड सहारनपुर नई रेलवे लाइन की प्रगति की जानकारी ली। बैठक में बताया गया कि फ़रवरी माह तक इस नई रेलवे लाइन का सर्वे का कार्य पूर्ण हो जाएगा। डीपीआर कार्य को स्वीकृति मिल गई है शीघ्र ही डीपीआर तैयार हो जाएगी। उन्होंने रेलवे भूमि में अतिक्रमण को रेलवे और सम्बन्धित ज़िलाधिकारियों को नये अतिक्रमण रोकने के लिए लगातार आपसी सामंजस्य के साथ कार्य करने के निर्देश दिये।
मुख्य सचिव ने रेलवे और वन विभाग के बीच मुद्दों को भी आपसी तालमेल के साथ निस्तारित किए जाने के निर्देश दिये। उन्होंने निर्देश दिये कि वन विभाग, लोक निर्माण विभाग और अन्य सभी सम्बन्धित विभाग एक दूसरे के साथ आ रही समस्याओं से संबंधित विभागों से तत्काल अवगत कराएँगे, संबंधित विभाग 15 दिन के अंदर बैठक आयोजित करा कर समस्या के निस्तारण के लिए सहयोग करेगा।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, वन प्रमुख (हॉफ) अनूप मलिक, सचिव अरविंद सिंह ह्याँकी, सचिन कुर्वे एवं वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से हरिद्वार एवं देहरादून जनपदों के ज़िलाधिकारी उपस्थित रहे।

हर्बल अरोमा टूरिज्म पार्क के विस्तार की कार्ययोजना बनाने के निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में बुधवार को सचिवालय में प्रदेश के वन पंचायत में जड़ी-बूटी उत्पादन के सम्बन्ध में सम्बन्धित विभागों के साथ बैठक आयोजित हुयी। मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में वन पंचायतों एवं वन से लगे क्षेत्रों में जड़ी-बूटी के उत्पादन की दिशा में कार्य शीघ्र शुरू किए जाने के निर्देश दिये।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि इसके लिए शीघ्र ही एक फेडरेशन का गठन किया जाए। उन्होंने कहा कि सभी ऐसी इच्छुक वन पंचायतों को, जो हर्बल अरोमा टूरिज्म पार्क के लिये मानदंडों को पूरा करता है, इसमें शामिल किया जाये। इसके लिए डीएफ़ओ के माध्यम से शीघ्र कार्रवाई करने के निर्देश दिये गए। उन्होंने कहा कि वन पंचायतों के क्षेत्र विस्तार (बड़ी वन पंचायतें) के बजाय इच्छुक वन पंचायतों को प्राथमिकता दी जाए, इससे सफलता की अधिक संभावनाएं हैं। उन्होंने छोटे और बड़ी मूल्य संवर्धन इकाइयों पर भी फोकस किए जाने के निर्देश दिये। कहा कि प्रदेश में अधिक से अधिक वैल्यू एडिशन यूनिट तैयार की जाएं।
मुख्य सचिव ने कहा कि किस विभाग और अधिकारी को क्या करना है इसकी जानकारी के लिए अगले दो तीन सप्ताह में वर्कशॉप का आयोजन कर लिया जाए। उन्होंने प्रत्येक स्तर पर जो भी कार्य होने हैं उसके लिए तिथि सहित समय सीमा निर्धारित कर ली जाए। उन्होंने औषधीय पौधों की नर्सरी भी समय से तैयार हो जाएं इसके लिए भूमि चयन एवं अन्य तैयारियां भी साथ साथ शुरू की जाए। उन्होंने कहा कि इसमें जिलाधिकारी एवं डीएफओ को महत्त्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। इसके लिए डीएम, डीएफ़ओ एवं ज़िला उद्यान अधिकारी लगातार बैठकें आयोजित कर योजना को गति देने का कार्य करें।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, पीसीसीएफ डॉ. धनंजय मोहन, सीसीएफ डॉ. पराग मधुकर धकाते, सचिव दीपेन्द्र कुमार चौधरी एवं निदेशक सेंटर फॉर एरोमैटिक प्लांट डॉ. निरपेंद्र चौहान सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को समय से पूरा करने के निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने गुरूवार को सचिवालय में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत प्रदेश में बन रही सड़कों और पुलों की प्रगति की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने कहा कि दूरस्थ क्षेत्रों को जोड़ने के लिए बनायी जा रही यह सड़कें बहुत ही महत्त्वपूर्ण हैं, इनका निर्धारित समयसीमा के अंदर बनाया जाना अति महत्त्वपूर्ण है। उन्होंने इन सड़कों का कार्य पूरा करने के लिए जिलाधिकारी एवं डीएफओ को उच्च प्राथमिकता पर लेकर इन सड़कों का निर्माण प्रत्येक स्थिति में पूर्ण करने पर जोर दिया।
मुख्य सचिव ने कहा कि सभी जिलाधिकारी एवं डीएफओ लगातार बैठकें आयोजित कर योजनाओं के पूर्ण होने में आ रही समस्याओं को निस्तारित कर कार्य पूरा कराएं। उन्होंने कहा कि कम समय में अधिक कार्य पूरा करने के लिए 2 या 3 शिफ्ट में कार्य पूरा कराया जा सके इसकी संभावनाएं भी तलाशी जाएं। उन्होंने मुख्य अभियंता एवं अन्य उच्चाधिकारियों को मौके पर जाकर समस्याओं के निस्तारण के निर्देश भी दिए। उन्होंने विभिन्न कार्यों की मॉनिटरिंग के लिए बनाए गए नोडल अधिकारियों को लगातार सम्बन्धित से सम्पर्क कर समस्याओं के निस्तारण किए जाने की बात कही।
मुख्य सचिव ने कहा उच्च प्राथमिकता के कार्यों को रूटीन कार्यों की भांति न कर प्रतिदिन उसके लिए समय निकालने की आवश्यकता है। कहा कि प्रतिदिन कार्यों में लगे श्रमिकों एवं मशीनों की संख्या की जानकारी लेकर बचे काम को समय पर समाप्त करने के लिए कितने श्रमिकों को बढ़ाने की आवश्यकता है, इसकी रिपोर्ट मांगी जाए।
इस अवसर पर सचिव राधिका झा सहित सम्बन्धित विभाग के अन्य अधिकारी एवं जनपदों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिलाधिकारी उपस्थित थे।

उद्योगपतियों को समस्याओं का समाधान करने का दिया आश्वासन

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में शुक्रवार को सचिवालय में इंडस्ट्रियल एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के प्रतिनिधिमंडल एवं विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक संपन्न हुई। बैठक के दौरान इंडस्ट्रियल एसोसिएशन ऑफ उत्तराखण्ड द्वारा मुख्य सचिव को विभिन्न समस्याओं द्वारा अवगत कराया गया। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए उनकी समस्याओं के निस्तारण के लिए प्राथमिकता से कार्य किया जाए।
मुख्य सचिव ने ऊर्जा निगमों से सम्बन्धित समस्याओं के निस्तारण के लिए अधिशासी अभियंता स्तर पर प्रत्येक तीन माह में इंडस्ट्री के साथ बैठक कर उनकी समस्याओं के निस्तारण किए जाने के निर्देश दिये। उन्होंने सिंगल विंडो सिस्टम को और प्रभावी बनाने के लिए अन्य राज्यों द्वारा किए जा रहे प्रयासों को अपनाकर विभिन्न विभागों द्वारा दी जाने वाली स्वीकृतियों को शीघ्रातिशीघ्र उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि प्रदेश भर में प्लास्टिक कचरा निस्तारण के लिए क्यूआर कोड सहित उद्योग संघ द्वारा सुझाये उपायों एवं अन्य उपायों पर भी कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश को प्लास्टिक मुक्त किए जाने के लिए प्रदेश सरकार, इंडस्ट्रीज एवं आमजन को मिलकर कार्य करना होगा।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव मीनाक्षी सुंदरम, विनय शंकर पाण्डेय, सदस्य सचिव उत्तराखण्ड पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड सुशांत पटनायक, अपर सचिव रोहित मीणा, इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखण्ड के अध्यक्ष पंकज गुप्ता सहित एसोसिएशन के अन्य सदस्य एवं सम्बन्धित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

राजधानी में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की नितांत आवश्यकता-मुख्य सचिव

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने बुधवार को सचिवालय में प्रदेश में एयर कनेक्टिविटी को बढ़ाये जाने के साथ ही हैलीपैड्स और हेलीपोर्ट्स के निर्माण की प्रगति की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को पूरे प्रदेश में अधिक से अधिक हेलीपैड बनाए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि इनसे प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों को आपातकालीन परिस्थितियों में बहुत मदद मिलेगी।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में अंतरराष्ट्रीय निवेश को बढ़ाने के लिए राजधानी में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की नितांत आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जौलीग्रांट एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय बनाए जाने हेतु तेज़ी से प्रयास किए जाएं। एयरपोर्ट अथॉरिटी द्वारा यदि दिलचस्पी नहीं दिखाई जाती है तो राज्य सरकार को अपने स्तर से भी जौलीग्रांट एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय बनाया जाएगा।
मुख्य सचिव ने कहा कि इन सभी हेलीपैड्स और हेलीपोर्ट्स को बनाये जाने हेतु डेडिकेटेड टीम लगाई जाए ताकि इन प्रोजैक्ट्स पर प्रतिदिन कार्य हो साथ ही मॉनिटरिंग भी हो सके। उन्होंने कहा कि मसूरी, ऋषिकेश, हरिद्वार और पर्यटन स्थलों पर तेजी से कार्य किया जाए। उन्होंने आईडीपीएल भूमि पर भी एक हैलीपैड तैयार किए जाने के निर्देश दिये।
इस अवसर पर सचिव ी सचिन कुर्वे एवं अपर सचिव सी. रविशंकर सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

ठोस कूड़ा प्रबंधन के लिए कार्य योजना तैयार करें-मुख्य सचिव

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने बुधवार को सचिवालय में प्रदेश के सभी स्थानीय निकायों में ठोस कूड़ा प्रबन्धन के सम्बन्ध में बैठक ली। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को ठोस कूड़ा प्रबंधन के लिए कार्य योजना तैयार किए जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी स्थानीय निकायों से 100 प्रतिशत सेग्रीगेशन ऐट सोर्स लागू किया जाए।
मुख्य सचिव ने सभी स्थानीय निकायों में कूड़ा उठाने वाले वाहनों की संख्या की जानकारी माँगी। उन्होंने कहा कि स्थानीय निकायों के लिए आवश्यक वाहनों की शीघ्र व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। कहा कि सड़कों से बड़े डस्टबिन हटाए जाने चाहिए। उन्होंने सभी यूएलबी से आवासीय भवनों, व्यावसायिक भवनों और संस्थानों से श्रेणीवार घर-घर से कूड़ा उठान और कूड़े का स्रोत से पृथक्करण (सेग्रीगेशन एट सोर्स) की रिपोर्ट भी तलब की। उन्होंने इसके लिए रियल टाइम मॉनिटरिंग और थर्ड पार्टी सर्वे की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के भी निर्देश दिये।
मुख्य सचिव ने पेयजल निगम द्वारा संचालित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के सम्बन्ध में भी जानकारी ली। उन्होंने सभी एसटीपी का थर्ड पार्टी सर्वे और रियल टाइम मॉनिटरिंग की व्यवस्था किए जाने के निर्देश दिये गए। मुख्य सचिव ने प्रमुख सचिव शहरी विकास को भी सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर अपनी टीम दुरुस्त किए जाने के निर्देश दिये।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर के सुधांशु सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।