प्रश्न पत्रों को डबल लॉक और सीसीटीवी की निगरानी में रखा जाए-मुख्य सचिव

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में शुक्रवार को सचिवालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग द्वारा संचालित की जाने वाली चयन परीक्षाओं को शुचितापूर्ण एवं पारदर्शिता के साथ कराए जाने के सम्बन्ध में सभी जनपदों के जिलाधिकारियों एवं पुलिस अधीक्षकों के साथ बैठक आयोजित हुयी।
मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग को हस्तांतरित परीक्षाओं में से दिसम्बर माह में पुलिस आरक्षी, आईआरबी एवं अग्निशामक की परीक्षा सम्पन्न होनी है। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को इस परीक्षा एवं आगे होने वाली अन्य परीक्षाओं को शुचितापूर्ण एवं पारदर्शिता से कराने हेतु फुल प्रूफ प्लान तैयार किए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को प्रश्न प़त्रों को रखने हेतु डबल लॉक सिस्टम और सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था किए जाने के निर्देश दिए। कहा कि परीक्षा केन्द्रों के लिए भी वीडियोग्राफी हेतु सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि परीक्षा केन्द्रों में किसी भी प्रकार की कलाई में पहनने वाली घड़ी (स्मार्ट वॉच सहित), मोबाईल फोन एवं गैजेट्स को पूर्णतः प्रतिबन्धित रखा जाए। समय देखने हेतु परीक्षा केन्द्रों में घड़ी की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए। दूरस्थ क्षेत्रों से आने वाले परीक्षार्थियों मोबाईल एवं घड़ी रखने हेतु उचित व्यवस्था रखी जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि परीक्षा का आयोजन जनपद स्तर पर समग्र तौर पर जिलाधिकारी की देखरेख में सम्पादित किया जाए। आयोग के सहयोग के लिए प्रत्येक जनपद में नोडल अधिकारी की तैनाती की जाए। उन्होंने आयोग द्वारा भी भविष्य में होने वाली सभी परीक्षाओं के लिए परीक्षा केन्द्रों में अलाउड और नॉट अलाउड की पूरी लिस्ट का प्रचार-प्रसार किए जाने की अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि आयोग द्वारा परीक्षाओं में तैनात अधिकारियों-कर्मचारियों हेतु ऑनलाईन ट्रेनिंग की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
मुख्य सचिव ने परीक्षा केंद्रों के चयन के सम्बन्ध में जिलाधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि आने वाले समय में लगातार परीक्षाएं होनी हैं और आगे भी होती रहेंगी। उन्होंने कहा कि दिसम्बर माह में होने वाली परीक्षा में स्नो फॉल और मार्ग अवरूद्ध होने के कारण कोई भी परीक्षार्थी परीक्षा देने से वंचित न रहे इसके लिए परीक्षा केन्द्रों के चयन में विशेष ध्यान दिया जाए। ऐसे परीक्षा केन्द्रों का चयन किया जाए जिनमें पर्याप्त वांछित व्यवस्थाएं परिपूर्ण हों। परीक्षार्थी समय से परीक्षा देने पहुंच सकें इसके लिए पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन की भी उचित व्यवस्था हो। उन्होंने परीक्षा के समय में परिवर्तन कर परीक्षा का समय 10 बजे से 12 बजे को बढ़ाकर प्रातः 11 बजे से 1 बजे किए जाने के निर्देश दिए ताकि दूरस्थ क्षेत्रों से आने वाले परीक्षार्थियों को कोई समस्या न हो।
मुख्य सचिव ने पुलिस विभाग को कोचिंग सेंटर्स की गतिविधियों पर निगरानी रखने के निर्देश दिए। उनके साथ बैठक कर जानकारी दी जाए कि नकल आदि की गतिविधियों में संलिप्तता पाए जाने पर कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी। मुख्य सचिव ने परीक्षाओं के शुचितापूर्ण एवं पारदर्शिता पूर्ण संचालन के लिए सभी जिलाधिकारियों से भी सुझाव भी मांगे।
उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष राकेश कुमार ने कहा कि परीक्षाओं के आयोजन में जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। किसी भी प्रकार का लूपहोल नहीं छोड़ा जाएगा। अधिकारियों कर्मचारियों के लिए ऑनलाईन ट्रेनिंग प्रोग्राम संचालित किए जाएंगे।
बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार एवं सचिव शैलेश बगोली सहित अन्य उच्चाधिकारी भी उपस्थित रहे।

नियमित समीक्षा कर पर्यटन क्षेत्र को पर्यटन उद्योग बनाने के निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने गुरुवार को सचिवालय में पर्यटन विभाग की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान मुख्य सचिव ने पर्यटन विभाग द्वारा कराए जा रहे विभिन्न कार्यों की प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने विभाग द्वारा कराए जा रहे कार्यों के लिए ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस को अपने सिस्टम में शामिल करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पिछले अनुभवों से सीखते हुए अपने सिस्टम की कमियों को लगातार दूर किए जाने के प्रयास किए जाएं। उन्होंने चारधाम यात्रा में बुकिंग सिस्टम को मजबूत किए जाने की भी बात की। कहा कि चारधाम यात्रा के लिए अभी से तैयारियां शुरू की जाएं। उन्होंने चारधाम यात्रा हेतु संचालित कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम को सालभर संचालित किए जाने के भी निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में एडवेंचर टूरिज्म की असीम संभावनाओं को देखते हुए योजनाएं तैयार की जाएं। पूरे विश्व में वाटर स्पोर्ट्स में क्या-क्या चल रहा है, और उसमें यहां क्या-क्या किया जा सकता है? इसके लिए डेडिकेटेड टीम या कन्सल्टेंट लगाया जाए। उन्होंने टिहरी झील में सी-प्लेन, स्कूबा डाईविंग और अन्य एडवेंचर स्पोर्ट्स पर भी कार्य करने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि प्रदेश में लैंड बैंक तैयार कर फाईव स्टार और फॉर स्टार होटेल्स के लिए स्थान चयनित कर निवेशकों को आकर्षित करने पर फोकस किया जाए। इससे प्रदेश में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और प्रदेश की आर्थिकी के लिए भी लाभप्रद होंगें। उन्होंने प्रदेश में रोप-वे प्रोजेक्ट्स पर तेजी से कार्य करने के निर्देश दिए। कहा कि फॉरेस्ट क्लीयरेंस एवं अन्य आपत्तियों का निस्तारण प्रतिदिन और वीकली मॉनिटरिंग कर के किया जाए।
मुख्य सचिव ने होमस्टे योजना के सरलीकरण के भी निर्देश दिए। कहा कि होमस्टे योजना का स्थानीय लोग ज्यादा से ज्यादा लाभ ले सकें इसके लिए सरलीकरण आवश्यक है। साथ ही, इस योजना का फीडबैक भी लिया जाना जरूरी है। यदि योजना में सुधार की गुंजाईश है तो उसे भी किया जाए। उन्होंने नए उद्यमियों के लिए मार्केटिंग प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बहुत से स्थानीय लोगों ने होमस्टे खोले हैं, परन्तु मार्केटिंग और एडवरटाइजिंग के लिए उनके पास धन एवं संसाधनों की कमी है। इसके लिए लोगों को नॉमिनल चार्ज पर एक प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराया जाना चाहिए। उन्होंने पर्यटन विभाग को वेटर, टूर गाईड आदि की फ्री ऑनलाईन ट्रेनिंग की भी व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बहुत से लोग ट्रेनिंग इसलिए नहीं कर पाते कि उन्हें ट्रेनिंग के दौरान रोजगार और सैलरी का नुकसान होगा। कहा कि छोटे-छोटे वीडियोज के माध्यम से गाईड और वेटर आदि की सर्विस देते समय क्या करें, क्या न करें, जैसे वीडियोज के माध्यम से निशुल्क ट्रेनिंग उपलब्ध कराए जाने की दिशा में कार्य किया जाए। इसके लिए सिस्टम विकसित किया जाए।
मुख्य सचिव ने पूर्णागिरी क्षेत्र के विकास के लिए मास्टर प्लान तैयार करने के भी निर्देश दिए। कहा कि यह क्षेत्र पर्यटन के क्षेत्र में गेम चेंजर साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की प्राकृतिक सुंदरता एवं शुद्धता ऐस्ट्रो टूरिज्म के अनुकूल है। सम्भावनाओं को तलाशते हुए हर डेस्टीनेशन में ऐस्ट्रो टूरिज्म पर कार्य किया जाना चाहिए। उन्होंने उत्तराखण्ड में पर्यटन की दृष्टि से युवाओं को आकर्षित करने के लिए नई से नई तकनीक के माध्यम से विभिन्न प्रकार की जानकारियां उपलब्ध कराए जाने की बात भी कही।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में आयुष, योगा और पंचकर्म महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। आयुष, योगा और पंचकर्म विभिन्न बीमारियों को जड़ से दूर करने में सक्षम हैं। उत्तराखण्ड योगा कैपिटल के रूप में विश्वविख्यात है। हमारे वेलनेस सेंटर स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोगों को आकर्षित कर पर्यटन और रोजगार दृष्टि से प्रदेश के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने पर्यटन के क्षेत्र में अच्छा कार्य कर रहे अन्य राज्यों की बेस्ट प्रेक्टिसेज का अध्ययन कर प्रदेश की योजनाओं में शामिल किए जाने की भी बात कही।
इस अवसर पर सचिव सचिन कुर्वे सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

किसी भी प्रकार की स्कीम को लाने के लिए निवेशकों से सुझाव लिये जाये-मुख्य सचिव

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने मंगलवार को सचिवालय में एम.एस.एम.ई. की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों का अत्यधिक महत्त्व है। यह प्रदेश की आर्थिकी में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
मुख्य सचिव ने कहा कि चारधाम यात्रा के दौरान प्रदेश में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु आते हैं। मुख्य सचिव ने श्रद्धालुओं के लिए सोवेनियर तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सोवेनियर के लिए डिजाईन, गुणवत्ता, उत्पादन और मार्केटिंग पर फोकस किया जाए। मुख्य सचिव ने साईज और पैकेजिंग पर भी विशेष ध्यान दिए जाने की बात कही, ताकि श्रद्धालुओं को इन्हें ले जाने में किसी प्रकार की परेशानी न हो।
मुख्य सचिव ने शिकायत निवारण तंत्र को मजबूत किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने राज्य स्तर एवं जनपद स्तर दोनों में शिकायतों के निस्तारण को प्राथमिकता दिए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की स्कीम को लाने के लिए निवेशकों से सुझाव अवश्य लिए जाएं। उनके सम्मुख आ रही समस्याओं के निराकरण पर फोकस करते हुए निवेशकों को अधिक से अधिक सपोर्ट किया जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना सहित अन्य योजनाओं के सम्बन्ध में फील्ड स्तर पर फीडबैक जरूर लिया जाए, ताकि उद्यमियों द्वारा योजनाओं के अधिक से अधिक लाभ लिया जा सके। मुख्य सचिव ने वन डिस्ट्रिक्ट टू प्रोडक्ट (ओडीटीपी) को अधिक से अधिक बढ़ावा दिए जाने के भी निर्देश दिए। कहा कि ओडीटीपी को ग्रॉथ सेंटर्स से भी जोड़ा जा सकता है। इससे ग्रोथ सेंटर्स का स्कॉप बढ़ेगा। उन्होंने परम्परागत एवं मांग के अनुरूप उत्पादों को बढ़ावा दिए जाने की बात कही। साथ ही कैपेसिटी बिल्डिंग पर फोकस करते हुए ऐसे कार्यक्रम संचालित किए जाएं जो रोजगार के लिए सहायक हों। मुख्य सचिव ने विभागीय प्रक्रमों को सरल किए जाने के निर्देश दिए। जिससे निवेशकों एवं स्वरोजगार के इच्छुक लोगों को प्रोत्साहन किया जाए। सिंगल विंडो सिस्टम में अधिक से अधिक फोकस किया जाए।
इस अवसर पर सचिव डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय एवं महानिदेशक उद्योग रोहित मीणा सहित निदेशक सुधीर नौटियाल एवं अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।

विदेशों से निवेश हो इसके लिए सरकार कर रही विभिन्न देशों में भारत के राजूदतों के साथ चर्चा

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु की अध्यक्षता में सोमवार को सचिवालय में स्वीडन में भारत के राजदूत/उच्चायुक्त तन्मय लाल, ताजिकिस्तान में विराज सिंह, पनामा में उपेन्द्र सिंह रावत, ब्रूनेई में आलोक अमिताभ डिमरी, केन्या में नामग्या खम्पा, अल्जीरिया में गौरव अहलूवालिया और स्लोवेनिया में नम्रता एस. कुमार के साथ “बिजनेस मीट“ कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर शासन के उच्चाधिकारियों के साथ विभिन्न उद्योगों से जुड़े प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग कर अपने विचार रखे।
मुख्य सचिव ने 7 देशों के मिशन प्रमुखों का उत्तराखण्ड में स्वागत करते हुए कहा कि यह आयोजन विदेश में भारत के हितों को बढ़ावा दिए जाने के लिए एक महत्त्वपूर्ण प्लेटफार्म साबित होगा। उन्होंने कहा कि भारतीय राजदूत और उच्चायुक्त इस सम्मेलन के माध्यम से उत्तराखण्ड द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में किए जा रहे प्रयासों की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तराखण्ड अभी एक नया राज्य है, अपने 22 वर्षों के सफर में उत्तराखण्ड ने इंडस्ट्री फ्रेंडली माहौल तैयार किया है। हम उद्योग को देश में सबसे सस्ती बिजली उपलब्ध करवा रहे हैं। उत्तराखण्ड की लोकेशन इंडस्ट्री की दृष्टि से काफी महत्त्वपूर्ण है, जो राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से काफी करीब है। नए एक्सप्रेस-वे बन जाने के बाद दिल्ली से देहरादून की दूरी मात्र 2 घंटे की हो जायेगी, जो उत्तराखण्ड में पर्यटन और उद्योग की दृष्टि से काफी लाभप्रद होगी। इसके साथ ही, प्रदेश में हॉस्पिटैलिटी के क्षेत्र में अत्यधिक संभावनाऐं बढ़ जाएंगी। उन्होंने कहा कि हम हाई एंड टूरिस्ट को भी आकर्षित करने के प्रयास कर रहे हैं। ऋषिकेश विश्वपटल पर इंटरनेशनल योगा कैपिटल के रूप में जाना जाता है, जो वैलनेस की दिशा में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता आ रहा है।
मुख्य सचिव ने राजदूतों एवं उच्चायुक्तों के माध्यम से इन देशों के व्यापारिक समुदाय को उत्तराखंड में उद्यमियों के साथ सहयोग करने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि इसके लिए नियमित संवाद स्थापित किया जाएगा। हम राज्य की प्रगति के लिए एवं निवेशकों को सहयोग प्रदान करने के लिए क्षेत्र-विशिष्ट नीतियां लेकर आ रहे हैं। कुछ नीतियां जो पाइपलाइन में हैं, वे हैं लॉजिस्टिक्स पॉलिसी, सर्विस सेक्टर पॉलिसी, ड्रोन पॉलिसी, डिस्ट्रिक्ट वाइज स्टार्ट-अप स्ट्रैटेजी और ईवी पॉलिसी आदि, ये नीतियां इन सम्बन्धित क्षेत्रों को बढ़ावा देंगी और देश में कारोबारी माहौल में सुधार करेंगी। मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तराखंड सरकार हर कदम पर निवेशकों को सहयोग प्रदान करने के लिए संकल्पित है।
इस अवसर पर विभिन्न देशों में कार्य कर रहे राजदूतों ने सुझाव दिया कि राज्य के पर्वतीय अंचल के उत्पादों को राज्य की ओर से बढ़ावा दिया जाना चाहिए। राज्य के उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही उनकी मेनुफेक्चरिंग, ब्रांडिंग एवं पैकेजिंग की अच्छी व्यवस्था हो। बैठक में सुझाव दिया गया कि उत्तराखंड को योग और वेलनेस टूरिज्म के रूप में वैश्विक स्तर पर तेजी से उभारा जा सकता है। उत्तराखंड योग की भूमि रही है। यहां से प्रशिक्षण लेकर विभिन्न देशों में लोग योग का प्रशिक्षण दे रहे हैं। अधिक से अधिक लोग राज्य में योग का प्रशिक्षण ले सकें, इसकी राज्य में अच्छी व्यवस्था की जा सकती है। राज्य में अपने प्रवास के दौरान, राजदूत एवं हाई कमिश्नर राज्य में निवेश के विभिन्न अवसरों पर चर्चा करेंगे और राज्य से निर्यात को बढ़ावा देंगे। राजदूत आकांक्षी जनपद हरिद्वार का भी दौरा करेंगे, जहां ओडीओपी (एक जिला, एक उत्पाद) की जानकारी साझा की जाएगी।
सचिव उद्योग डॉ. पंकज कुमार पांडे ने सभी विशिष्ट और सम्माननीय अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि राज्य सरकार पर्याप्त बुनियादी ढांचा बनाने और उद्योगों के अनुकूल वातावरण तैयार करने की दिशा में लगातार कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में उभरते क्षेत्रों में व्यापार को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इस संगोष्ठी में विशेषज्ञों, संगठनों, स्टार्ट-अप्स, उद्योग संघों और निवेशकों द्वारा अपने अनुभव और सुझाव साझा किये जायेंगे। उत्तराखण्ड निवेश गंतव्य और निर्यात में अग्रणी राज्यों में शामिल हो, यह हमारा प्रयास है। उत्तराखण्ड प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध है। राज्य पहले से ही जिंक और जिंक उत्पाद, ऑटोमोबाइल, ऑटो कंपोनेंट्स, फार्मास्युटिकल उत्पाद, उद्योगों द्वारा उपयोग किए जाने वाले रसायन, प्लास्टिक और प्लास्टिक उत्पाद, सेब, चावल, आम, बाजरा आदि कृषि आदि उत्पादों का निर्यात कर रहा है।
सचिव कृषि वी.वी.आर.सी. पुरूषोतम ने राज्य में कृषि एवं बागवानी के क्षेत्र में निवेश की सम्भावनाओं की जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि राज्य में फूड पार्क, एरोमेटिक आयल हर्ब, स्पाइस, हिमालयन गोट मीट, हिमालयन हर्ड चीज, बद्री गाय घी की बड़ी मांग है।
महानिदेशक उद्योग रोहित मीणा ने व्यापक प्रस्तुतीकरण के माध्यम से प्रदेश में उद्योगों की स्थिति एवं निवेश से सम्बन्धित संभावनाओं एवं उद्योगों के हित में राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी पर्यटन विकास परिषद पूजा गर्ब्याल ने प्रदेश में पर्यटन से सम्बन्धित गतिविधियों की जानकारी दी।
सचिव वित्त आर. मीनाक्षी सुन्दरम ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड निवेश के क्षेत्र में संभावनाओं का प्रदेश है। उन्होंने कहा कि राज्य में उद्यमियों एवं निवेशकों के सहयोग के लिये नोडल अधिकारी तैनात किये जायेंगे। विभिन्न क्षेत्रों के लिये निर्धारित की गई नीतियों के प्रति आकर्षित होने वाले उद्यमियों एवं निवेशकों को सुविधा हो सके।
बिजनेस मीट में उद्यमी पंकज गुप्ता, आईटीसी, फार्मास्यूटिकल्स, हीरो मोटो कॉर्प के प्रतिनिधियों के साथ उद्यमी एस.पी.सिंह, प्रणव कुकरेती आदि ने भी अपने विचार रखे।
इस अवसर पर निदेशक उद्योग सुधीर नौटियाल के साथ विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं उद्योग व्यापार से जुड़े लोग उपस्थित रहे।

सीएस से दिये निर्देश, एक करोड़ की धनराशि का टेंडर या निविदा अब यहां प्रकाशित होंगे

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु की अध्यक्षता में गुरुवार को सचिवालय में विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित यूकेपीएफएमएस परियोजना के मिड टर्म रिव्यू की बैठक आयोजित की गई।
बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने सभी विभागों के विभागाध्यक्षों से यह अपेक्षा की कि वे वित्त विभाग द्वारा प्रोक्योरमेंट अधिप्राप्ति शिकायत क्रियाविधि पोर्टल (E-Procurement Grievance Registration Mechanism Portal) में तत्काल अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि 1 करोड़ रुपए से अधिक की सभी ई – निविदाओं को अनिवार्य रूप से उक्त पोर्टल (http://pgrm.uk.gov.in) प्रकाशित कराया जाना सुनिश्चित किया जाए एवं प्राप्त शिकायतों का समयबद्ध रूप से निस्तारण किया जाए।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव दिलीप जावलकर एवं आयुक्त राज्यकर अहमद इकबाल भी उपस्थित थे।

विश्व स्तर का हो उत्तराखण्ड लैंडस्लाइड मिटिगेशन एंड मैनेजमेंट सेंटर-मुख्य सचिव

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने बुधवार को सचिवालय में उत्तराखण्ड लैंडस्लाइड मिटिगेशन एंड मैनेजमेंट सेंटर की प्रगति की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने सचिव आपदा को सेंटर की स्थापना में तेजी लाने के निर्देश देते हुए कहा कि यह सेंटर विश्व स्तर का बनाया जाना है।
मुख्य सचिव ने कहा कि हिमालयी राज्यों में भूस्खलन बहुत बड़ी समस्या है, परन्तु राष्ट्रीय स्तर में भी भूस्खलन से सम्बन्धित अध्ययन, शोध और न्यूनीकरण के लिए समर्पित कोई संस्थान उपलब्ध नहीं है। इस क्षेत्र में उत्तराखण्ड लैंडस्लाइड मिटिगेशन एंड मैनेजमेंट सेंटर सिर्फ अन्य राज्यों को ही नहीं बल्कि देश-विदेश में सेवा उपलब्ध कराने में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
मुख्य सचिव ने कहा कि इस सेंटर के कार्यों में गुणवत्ता बनाए रखने के लिए विश्व स्तरीय विशेषज्ञता पर फोकस किया जाए। इस सेंटर में सम्बन्धित क्षेत्र से प्रोफेशनल्स को ही तैनात किया जाए। उन्होंने कहा कि इसके लिए सम्बन्धित क्षेत्र में कार्य कर रहे नेशनल और इंटरनेशनल संस्थानों में कार्य कर रहे प्रोफेशनल्स से संपर्क किया जाए।
मुख्य सचिव ने उत्तराखण्ड लैंडस्लाइड मिटिगेशन एंड मैनेजमेंट सेंटर शीघ्र ऑपरेशनल किए जाने हेतु प्रत्येक स्तर की तिथियां निर्धारित किए जाने के निर्देश दिए। इस अवसर पर सचिव आपदा डॉ. रंजीत सिन्हा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

मुख्य सचिव ने खाद्य पदार्थों में मिलावट को रोकने के दिए निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में शुक्रवार को सचिवालय में फूड सेफ्टी एण्ड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन की राज्य स्तरीय सलाहकार समिति की प्रथम बैठक संपन्न हुई। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम-2006 का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। इसके लिए सभी सम्बन्धित विभागों और हितधारकों को आपसी सहयोग के साथ कार्य करना होगा।
मुख्य सचिव ने सैंपलिंग और टेस्टिंग बढ़ाए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि खाद्य पदार्थों में मिलावट को रोकने हेतु कड़े कदम उठाए जाएं। इसके लिए मोबाइल टेस्टिंग वैन की संख्या बढ़ाए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने सही, सुरक्षित और पोषक आहार हेतु अभियान में आमजन की भागीदारी सुनिश्चित किए जाने पर बल दिया। उन्होंने राज्य के छोटे-बड़े होटल एवं रेस्टोरेंट के हाइजीन सर्टिफिकेशन पर जोर देते हुए इसे अभियान के रूप में चलाए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि होटल्स को भी हाइजीन रेटिंग प्राप्त करने एवं होटल के बाहर अथवा साइनबोर्ड में प्रदर्शित करने हेतु जागरूक किया जाए, साथ ही लोगों को भी जागरूक किया जाए कि वे हाइजीन रेटिंग देखकर ही होटल रेस्टोरेंट में जाएं।
मुख्य सचिव ने कहा कि भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण द्वारा संचालित ’ईट राइट अभियान’ के उद्देश्य को पूर्ण करने के लिए लोगों को सही भोजन, बेहतर भोजन के विषय में अवगत कराए जाने हेतु प्रयास किए जाएं। विडियोज एवं जिंगल्स के माध्यम से आमजन के साथ ही होटल, रेस्तरां आदि से सम्बन्धित लोगों को भी मौसमी, जैविक तरीके से उगाई गई साग-सब्जियों, तेल, नमक एवं चीनी के कम उपयोग वाले उत्पादों की बिक्री के लिए प्रेरित किया जाए। उन्होंने कैपेसिटी बिल्डिंग पर फोकस करते हुए होटल रेस्टोरेंट से जुड़े लोगों को ऑनलाइन एवं ऑफलाइन माध्यम से लगातार प्रशिक्षण दिए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि इस्तेमाल किए गए खाद्य तेल के डिस्पोजल और अन्यत्र प्रयोग पर विशेष ध्यान देते हुए इसका लगातार प्रचार प्रसार किया जाए। इसके लिए प्रत्येक होटल रेस्टोरेंट संचालक को खाद्य तेल को बार-बार प्रयोग करने से होने वाले खतरों से अवगत कराते हुए प्रयोग किए जा चुके खाद्य तेल के डिस्पोजल की उचित जानकारी उपलब्ध कराई जाए।
बैठक के दौरान सचिव राधिका झा ने बताया गया कि मार्च 2022 तक 13777 लीटर यूज्ड कुकिंग ऑयल एकत्र किया गया जिससे आईआईपी देहरादून ने 7000 लीटर बायोडीजल और 6000 लीटर बायोजेट फ्यूल तैयार किया गया।
सचिव राधिका झा ने बताया कि पिछले 2-3 वर्षों में राज्य सरकार खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में लगातार बेहतर कार्य कर रही है। खाद्य सुरक्षा की दृष्टि से राज्य शीर्ष 10 राज्यों में शामिल है। वर्ष 2019-20 में राज्य की 17वीं रैंक थी जो वर्ष 2020-21 में 14वीं हो गई। वर्ष 2021-22 में राज्य की रैंक 7वीं है। उन्होंने कहा कि कैपेसिटी बिल्डिंग के लिए 28 ट्रेनिंग सेशन किए गए जिसमें लगभग 2600 लोगों को प्रशिक्षण दिया गया। साथ ही प्रवर्तन, निरीक्षण, नमूना अभियोजन और न्यायनिर्णयन की लगातार निगरानी की जा रही है।
इस अवसर पर महिला एवं बाल कल्याण विभाग, शिक्षा विभाग, खाद्य आपूर्ति, कृषि एवं अन्य सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी भी उपस्थित रहे।

सीएस ने एनएचएआई के विभिन्न निर्माण कार्यों की समीक्षा की

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने सचिवालय स्थित सभागार में एनएचएआई के अंतर्गत प्रदेश में बन रहे विभिन्न रोड प्रोजेक्ट्स की समीक्षा की। उन्होंने दिल्ली देहरादून, मसूरी-पांवटा साहिब, नजीबाबाद-जसपुर, हरिद्वार-हल्द्वानी, हल्द्वानी-नगीना और देहरादून रिंग रोड सहित सहारनपुर बायपास, खटीमा बायपास और हरिद्वार बायपास, गदरपुर बायपास आदि प्रोजेक्ट्स की प्रगति की प्रोजेक्टवाइज जानकारी ली।
मुख्य सचिव ने एनएचएआई के अधिकारियों को निर्धारित समय सीमा के अंतर्गत प्रोजेक्ट्स को पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी प्रोजेक्ट्स में सभी प्रकार के क्लीयरेंस समय से लेने के निर्देश दिए। उन्होंने दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे सहित अन्य सभी प्रोजेक्ट्स में नेटवर्क उपलब्धता के दृष्टिगत सभी प्राविधान किए जाने की बात भी कही। साथ ही निर्माण सामग्री की कमी न हो इसके लिए खनन विभाग को भी निर्देश दिए कि एनएचएआई को हर सम्भव सहायता उपलब्ध कराई जाए ताकि सभी प्रोजेक्ट्स समय से पूर्ण हो सकें। उन्होंने कहा कि जिन प्रोजेक्ट्स में भूमि अधिग्रहण का कार्य होना है, उनमें तेजी लाते हुए भुगतान शीघ्रता से किया जाए। उन्होंने एनएचएआई हाईवे के निकट देहरादून के आसपास लॉजिस्टिक पार्क विकसित किए जाने के भी निर्देश दिए, कहा कि लॉजिस्टिक पार्क हेतु भूमि शीघ्र चिन्हित कर कार्य प्रारंभ किया जाए।
मुख्य सचिव ने एनएचएआई को देहरादून-चंडीगढ़ हेतु नए एलाइनमेंट पर भी कार्य किए जाने हेतु निर्देशित किया, कहा कि इससे देहरादून-चंडीगढ़ का सफर भी मात्र 2 घंटे का रह जाएगा।
बैठक में बताया गया कि दिल्ली देहरादून एक्सप्रेस वे का कार्य 3 पैकेज में होना है, पैकेज-1, 2 अक्टूबर 2023 एवं पैकेज-3 अप्रैल 2024 तक पूर्ण होना है। इसी प्रकार देहरादून-पांवटा प्रोजेक्ट में भूमि अधिग्रहण का कार्य गतिमान है, फॉरेस्ट क्लीयरेंस मिल गई है।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द वर्द्धन, प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, एनएचएआई से मनोज कुमार सहित अन्य सम्बन्धित उच्चाधिकारी भी उपस्थित रहे।

मुख्य सचिव ने कहा- निर्माण कार्यो में तेजी लाने के हो प्रयास

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने सचिवालय स्थित सभागार में वाह्य सहायतित योजनाओं की समीक्षा के दौरान विभागों को परियोजनाओं में तेजी लाते हुए समयबद्धता के साथ पूर्ण किए जाने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव ने विभिन्न विभागों को निर्देश दिए कि चालू परियोजनाओं और अंडर पाइपलाइन परियोजनाओं के प्रत्येक स्तर के पूर्ण होने की तिथि निर्धारित करते हुए लगातार समीक्षा की जाए। उन्होंने कहा कि धीमी गति से चल रही परियोजनाओं की वह स्वयं मासिक समीक्षा करेंगे। साथ ही उन्होंने विभागों द्वारा इन योजनाओं की मासिक प्रगति रिपोर्ट मुख्य सचिव कार्यालय को प्रेषित किए जाने के भी निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि अंडर पाइपलाइन परियोजनाओं में यह ध्यान रखा जाए कि किसी अन्य विभाग द्वारा उस क्षेत्र के लिए उसी प्रकार का प्रोजेक्ट शुरू न किया जा रहा हो। इसके लिए सभी सम्बन्धित विभागों को आपसी सामंजस्य के साथ काम करना होगा। इसके लिए एक सिस्टम विकसित किया जाए ताकि कार्यों में डुप्लीकेसी न हो।
बैठक के दौरान बताया गया कि वर्ल्ड बैंक, एडीबी, जाइका और आईफैड द्वारा वित्त पोषित शहरी विकास, ग्राम्य विकास, पेयजल, पर्यटन एवं सिंचाई विभाग के लगभग 18,844 करोड़ के प्रोजेक्ट्स पाइपलाइन में हैं।
इसके उपरांत, मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने केंद्र पोषित योजनाओं की समीक्षा भी की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी विभाग केंद्र पोषित योजनाओं को निर्धारित समय सीमा में पूर्ण करें। इसके लिए योजनाओं की प्रगति के अनुसार समीक्षा करें। उन्होंने धीमी गति से चल रही योजनाओं की प्रत्येक माह में 2 बार अथवा कम से कम एक समीक्षा अवश्य करें। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी विभाग केंद्र सरकार की सभी योजनाओं का लाभ लेना सुनिश्चित करें। इसके लिए सभी योजनाओं की सूची तैयार की जाए।
बैठक के दौरान, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, विनोद कुमार सुमन, अपर सचिव रंजना, सीईओ स्मार्ट सिटी सोनिका सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।

दुर्घटनाओं को रोकने के लिए जिला स्तरीय समितियां बनाने के निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु की अध्यक्षता में मंगलवार को राज्य सड़क सुरक्षा कोष प्रबन्ध समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक के दौरान परिवहन विभाग, शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस विभाग और लोक निर्माण विभाग के वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए विभिन्न प्रस्तावों को अनुमोदन किया गया।
बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने प्रदेशभर में चिल्ड्रन ट्रैफिक पार्क बनाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने देहरादून, नैनीताल, हरिद्वार और उधमसिंह नगर जैसे अधिक ट्रैफिक दबाव वाले क्षेत्रों से इसकी शुरुआत किए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि छोटे बच्चे बहुत जल्दी सीखते हैं और उसे जिन्दगी भर याद रखते हैं। इससे बच्चों में ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूकता बढ़ेगी और आने वाले समय में देश और प्रदेश को ट्रैफिक नियमों के प्रति जिम्मेदार नागरिक मिलेंगे।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि दुर्घटनाओं को रोकने हेतु रोड इंजीनियरिंग वर्क्स के लिए प्रत्येक जिले में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समितियां बनाई जाएं। इन समितियों में स्टेक होल्डर विभागों को भी शामिल कर संवेदनशील क्रॉसिंग अथवा पॉइंट्स का ट्रीटमेंट प्लान तैयार कर सुधारीकरण किया जाए।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को 10 से 15 मिनट की विडियोज बनाकर स्कूलों में बच्चों को दिखाए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इससे बच्चों में ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूकता बढ़ेगी। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को प्रदेश की सड़कों में शीघ्र से शीघ्र ब्लैक स्पॉट को ठीक किए जाने और क्रैश बैरियर लगाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने दुर्घटना सम्भावित क्षेत्रों में साइनेज आदि की उचित व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी, एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर वी. मुरूगेशन, सचिव विनोद कुमार सुमन, अपर सचिव गृह रिद्धिम अग्रवाल सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।