बेस चिकित्सालय पहुंचे मुख्य सचिव ने जिलाधिकारी को दिये निर्देश

प्रदेश के मुख्य सचिव एसएस संधु ने जनपद के नैनी सैनी एयरपोर्ट एवं पिथौरागढ़ स्थित बेस चिकित्सालय भवन का स्थलीय निरीक्षण किया।
मुख्य सचिव ने सर्वप्रथम नैनी सैनी एयरपोर्ट का स्थलीय निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस दौरान जिलाधिकारी द्वारा नैनी सैनी हवाई पट्टी के विस्तार की कार्ययोजना का प्रस्तुतीकरण भी पावर प्रजेंटेशन के माध्यम से मुख्य सचिव के समक्ष रखा गया। इस दौरान मुख्य सचिव द्वारा सचिव दिलीप जावलकर से नैनी सैनी में हवाई सेवा शुरू होने के बारे में जानकारी ली गई। जिस पर सचिव श्री जावलकर ने बताया कि आगामी 2 माह के भीतर हवाई सेवा शुरू हो जाएगी।
इसके बाद मुख्य सचिव द्वारा पिथौरागढ़ स्थित बेस चिकित्सालय भवन का स्थलीय निरीक्षण किया गया। उन्होंने जिलाधिकारी को निर्देश दिए कि बेस चिकित्सालय भवन के हैण्ड ओवर की कार्रवाई तुरन्त की जाए। उन्होंने कहा कि बेस चिकित्सालय भवन के उचित रख-रखाव का भी ध्यान रखा जाय। इस दौरान मुख्य सचिव ने बताया कि सचिव स्वास्थ्य बेस चिकित्सालय के निरीक्षण के लिए पहुंच रहे हैं। संभावना है कि बेस चिकित्सालय का संचालन अति शीघ्र शुरू हो जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि पिथौरागढ़ स्थित बेस चिकित्सालय के संचालन को लेकर सचिवालय स्तर पर भी कुछ दिन पूर्व मीटिंग आयोजित की गई थी।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन, सचिव सिविल दिलीप जावलकर, सचिव परिवहन अरविंद सिंह हयांकी, जिलाधिकारी रीना जोशी, मुख्य विकास अधिकारी वरुण चैधरी, एसपी लोकेश्वर सिंह, अपर जिलाधिकारी फिंचाराम चैहान, मुख्य चिकित्सा अधिकारी एचएस हंयाकी आदि उपस्थित थे।

मुख्य सचिव ने बिजली चोरी रोकने के दिए निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने सोमवार को सचिवालय में उत्तराखण्ड पावर कारपोरेशन लिमिटेड, उत्तराखण्ड जल विद्युत निगम लिमिटेड, पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन ऑफ उत्तराखण्ड लिमिटेड एवं उरेडा की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने उद्योग एवं आमजन की समस्याओं को देखते हुए यूपीसीएल को कम से कम विद्युत कटौती करते हुए विद्युत आपूर्ति करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विद्युत चोरी रोकने के साथ ही लाइन लॉस आदि को लगातार कम करने हेतु विशेष प्रयास किए जाएं। उन्होंने पेड़ों की लॉपिंग के लिए यूपीसीएल और वन विभाग को संयुक्त रूप से कार्य करने के निर्देश दिए ताकि आंधी-तूफान जैसी परिस्थितियों में विद्युत लाइनें न टूटें और विद्युत आपूर्ति बाधित न हो।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में सोर्स ऑफ एनर्जी बढ़ाए जाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने यूजेवीएनएल को सोलर एनर्जी के क्षेत्र में भी काम करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि शासन और भारत सरकार के स्तर पर लंबित सभी मामलों को शीघ्रता से निस्तारित किया जाए।
मुख्य सचिव ने पिटकुल को उनके सभी महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स में फॉरेस्ट क्लियरेंस आदि के सम्बन्ध में वन विभाग के साथ संयुक्त बैठक कर प्रकरणों को निस्तारित करते हुए प्रोजेक्ट्स को समय से पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने उरेडा को भी सोलर एनर्जी का उत्पादन बढ़ाए जाने हेतु अध्ययन कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने उन राज्यों, जिन्होंने सोलर एनर्जी के क्षेत्र में अच्छा कार्य किया है, द्वारा किए गए कार्यों और नवोन्मेषी सुझावों का भी अध्ययन कर राज्य में अपनाए जाने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, तीनों निगमों के प्रबन्ध निदेशक सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।

मुख्य सचिव ने सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के दिए निर्देश

‘‘सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए इनोवेटिव विकल्पों और हरसंभव प्रयासों को संजीदगी से अमल में लायें‘‘। मुख्य सचिव एस.एस.संधु ने सचिवालय सभागार में राज्य स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में संबंधित अधिकारियों को उपरोक्त दिशा-निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि लोगों का जीवन बचाना हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए और इसके लिए विभिन्न विभागों को अपने विभागीय स्तर पर तथा सामूहिक समन्वय से जरूरी कदम उठाये जाने चाहिए। सड़क सुरक्षा से संबंधित कार्यों में किसी भी प्रकार की देरी न की जाए और सुधारीकरण के कार्यों की तीव्र प्रगति के लिए नियमित मॉनिटरिंग की जाए।

लाइसेंस जारी करते समय पूरी प्रक्रिया का ठीक ने अनुपालन करें
परिवहन विभाग को निर्देश दिए कि विभिन्न श्रेणी के लाइसेंस बनाते समय ट्रायल-ट्रेस्टिंग की वीडियो रिकॉर्डिंग रखें तथा ट्रायल का डेटा पोर्टल पर अपलोड करें ताकि कोई भी व्यक्ति किसी भी मीडिएटर(मध्यस्थ) के माध्यम से लाइसेंस न बनवा सके। उन्होंने परिवहन विभाग और यातायात पुलिस को निर्देश दिए कि मुख्य चैराहों और मुख्य सार्वजनिक रूट पर सी.सी.टी.वी कैमरे के साथ ही राडार और स्पीड इन्टरसेप्टर तकनीक का इस्तेमाल करें और इस तकनीक को चैपहिया और दो पहिया वाहनों में भी लगाएं। साथ ही इसका नियमित सुपरविजन करते हुए ओवरस्पीडिंग, रैश डाइविंग और सड़क सुरक्षा के प्रावधानों का उल्लंघन करने वालों पर सक्रियता से एक्शन लेते हुए सड़क सुरक्षा के जोखिम को न्यूनतम करें।
मुख्य सचिव ने लोक निर्माण विभाग और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को ब्लैक स्पॉट और वलनरेबल (दुर्घटना की दृष्टि से जोखिम वाले) क्षेत्रों को ए, बी व सी श्रेणी में वर्गीकृत करते हुए तद्नुसार जोखिम की अधिकता के अनुसार सुधारीकरण से संबंधित सभी कार्य संपन्न करने के निर्देश दिये। निर्देशित किया कि जहां तक संभव हो सके सड़क मार्गों पर साईकिल ट्रैक का भी निर्माण करें, विशेषकर औद्योगिक क्षेत्रों में जहां पर कामगारों (श्रमिकों) का आना-जाना रहता है, वहां पर साईकिल ट्रैक जरूर बनायें। विभिन्न रूट पर स्पीड ब्रेकर व रम्बल स्ट्रीप इस तरह से बनायें ताकि औसतन गति से वाहन चलाने वाले को अनावश्यक परेशानी न हो। साथ ही तीव्र गति से वाहन चलाने वाले का वाहन धीमा हो जाए। उन्होंने सड़क सुरक्षा का अच्छी ऐजेंसी से थर्ड पार्टी ऑडिट करवाने और माननीय न्यायालय तथा सड़क सुरक्षा समिति के समय-समय पर प्राप्त होने वाले सुझावों को अमल में लाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने अवैध मीडियन्स को तत्काल बंद करने, मुख्य मार्ग से 90 डिग्री पर सीधे मिलने वाले संपर्क मार्ग अथवा रास्तों पर जरूरी सुरक्षा उपाय करने और पहाड़ी क्षेत्रों में आवश्यकतानुसार क्रैश बैरियर लगाने के निर्देश दिए। परिवहन विभाग को निर्देशित किया कि सुरक्षा मानकों का दूसरी बार उल्लंघन करने वाले वाहन चालक के डाइविंग लाईसेंस को छः माह के लिए तथा तीसरी बार उल्लंघन करने पर एक वर्ष के लिए लाईसेंस को निलंबित करें। कहा कि बिना हेलमेट वाहन चलाने वालो से हेलमेट का चार्ज लेते हुए नया हेलमेट दें, साथ ही मानक के अनुरूप जुर्माना की जितनी धनराशि है, उसका 50 प्रतिशत धनराशि भी वसुले।
मुख्य सचिव ने कहा कि दुर्घटना होने के पश्चात् गोल्डन अवर में लोगों का जीवन बचाने में स्वास्थ्य विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसके लिए उन्होंने स्वास्थ्य विभाग और परिवहन विभाग को संयुक्त रूप से पर्वतीय क्षेत्रों में दुर्घटना में घायल लोगों के त्वरित इलाज हेतु व्यवहारिक समाधान तलाशने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने वीडियो कन्फ्रेसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि सड़क दुर्घटनाओं से संबंधित पूर्व की जितनी भी मजिस्ट्रेट जांच अभी तक लंबित है, उसका दो माह के भीतर निस्तारण करें, साथ ही आगे से प्रत्येक मजिस्ट्रियल जांच को प्रत्येक हाल में तीन माह के भीतर निस्तारित करें। ऑटोमेटेड टेस्टिंग लेन, डाइविंग स्कूल और फिटनेस टेस्ट लेन बनवाने के लिए भूमि का तत्काल सर्वे किया जाए तथा इस संबंध में यदि निजी संस्थानों का भी सहयोग लिया जा सकता है तो उस पर भी विचार करें। उन्होंने अग्रिम निर्देश देते हुए कहा कि सभी जनपदों में ‘इन्स्टिट्यूट सोशल रेस्पोंसिबिल‘ इनिशिएटिव प्रारंभ करें जिसके अंतर्गत विभिन्न इंजीनियरिंग संस्थानों में अध्यनरत छात्रों, रिटायरमेंट इंजीनियरों अथवा समाज के सक्रिय और रचनात्मक नागरिकों को सड़क सुरक्षा के संबंध में बेहतरीन सुझाव और फीडबैक देने के लिए मंच प्रदान करें। इसके लिए उन्होंने प्रत्येक विकासखण्ड स्तर पर भी उपजिलाधिकारियों की अध्यक्षता में सड़क सुरक्षा समिति गठित करने के निर्देश दिये जिसमें उपरोक्त सभी लोगों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित हो।
इस दौरान बैठक में पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, सचिव अरविन्द सिंह ह्यांकी, रंजीत सिन्हा, आयुक्त गढ़वाल रविनाथ रमन, प्रभार सचिव विनोद कुमार सुमन, वी. षणमुगम, आयुक्त परिवहन दीपेन्द्र कुमार चैधरी सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।