रिकवरी रेट में उत्तराखण्ड देश में दूसरे नम्बर पर: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम तथा बचाव के लिए किये जा रहे कार्यों की वीडियों कांफ्रेंस के माध्यम से समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि होम क्वारंटीन पर रखे गये लोगों की नियमित मॉनिटरिंग की जाय। इसके लिए मुख्य विकास अधिकारियों को नोडल ऑफिसर बनाया जाय। होम क्वारंटीन एवं पर्यटन स्थलों पर सतत निगरानी के लिए पीआरडी, होमगार्ड एवं अन्य लोगों की ड्यूटी लगाई जाय। नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कारवाई की जाय। हाई रिस्क मामलों एवं आरोग्य सेतु एप पर भी नियमित निगरानी रखी जाय। सर्विलांस सिस्टम को और अधिक मजबूत करने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चार मैदानी जनपदों देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंह नगर एवं नैनीताल में विशेष सतर्कता की आवश्यकता है। इन जनपदों में सैनिटाइजेशन पर विशेष ध्यान दिया जाय। अभी प्रदेश में 558 कोविड के सक्रिय मामलों में से 473 इन चार जनपदों में हैं। शेष 9 जनपदों में 85 एक्टिव केस हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि सब्जी मण्डियों एवं पर्यटक स्थलों पर फिजिकल डिस्टेंसिंग एवं कोविड-19 के अन्य मानकों का पूरा अनुपालन किया जाय। मानकों का अनुपालन न करने वालों पर कारवाई की जाय। कन्टेंटमेंट जोन माइक्रो लेबल पर बनाये जाय, ताकि उनकी निगरानी भी सही तरीके से हो एवं लोगों को अनावश्यक परेशानियां न हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कोविड सैंपल टेस्टिंग की संख्या बढ़ाई गई है। जल्द ही कुछ और ट्रू-नेट मशीन राज्य को मिलने वाली हैं, जिससे सैंपलिंग में और तेजी आयेगी। उन्होंने जिलाधिकारी नैनीताल को निर्देश दिये कि एसडीआरएफ के सहयोग से नैनीताल में 500 बैड का कोविड केयर सेंटर बनाया जाय। अभी उत्तराखण्ड रिकवरी रेट में देश में लद्दाख के बाद दूसरे नम्बर पर है। उन्होंने कहा कि कोविड पर प्रभावी नियंत्रण हेतु जिन जनपदों की सीमाएं अन्य प्रदेशों के जनपदों की सीमाओं से लगी हैं, सतर्कता के दृष्टिगत उस जनपद के प्रशासन से समन्वय रखा जाय। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये दिये की मानसून के दृष्टिगत सभी व्यवस्थाएं सुचारू रखी जाय, रिस्पांस सिस्टम कम से कम किया जाय। डेंगू से बचाव हेतु सभी तैयारियां पूर्ण कर ली जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड के दौरान सभी जिलाधिकारी एवं उनकी टीम अच्छा कार्य कर रहे हैं। लेकिन अभी हमको पूरी सतर्कता के साथ कार्य करने होंगे। जनता का भी सकारात्मक सहयोग मिला है।
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि सर्विलांस सिंस्टम को प्राथमिकता पर रखा जाय। सभी जिलों में सैंपल टेस्टिंग टारगेटेड हो। हमें कोरोना से बचाव के साथ ही आर्थिक गतिविधियों पर भी ध्यान देना होगा। प्रधानमंत्री जी के जान और जहान दोनों कांसेप्ट पर काम करना होगा। कान्टेक्ट ट्रेसिंग पर विशेष ध्यान दिया जाय। राज्य में स्थिति नियंत्रण में हैं, आगे भी हमारे प्रयास इसी तरह के होने चाहिए। बैठक में बताया गया कि काशीपुर में अधिक एक्टिव केस के दृष्टिगत काशीपुर में लॉकडाउन किया गया है।

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत राज्य में सिंचाई व्यवस्था होगी सुढ़ढ

(एनएन सर्विस)
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की राज्य स्तरीय स्वीकृति समिति की बैठक में 2020-21 के 344 करोड़ 76 लाख रूपये लागत की प्रस्तावित योजनाओं को अनुमोदित किया गया। इसी के साथ वर्ष 2019-20 के लघु सिंचाई की पूर्व में उपलब्ध धनराशि 29 करोड़ 78 लाख लागत की योजना में धनराशि जारी करने के निर्देश दिए गए।
बैठक में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह द्वारा सूक्ष्म सिंचाई निधि के अन्तर्गत चाय बागानों हेतु सिंचाई की सुविधाओं की स्थापना से सम्बन्धित लगभग 15 करोड़ 63 लाख लागत के प्रस्तावित योजना में वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली उत्तराखंड औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के वाईस चासंलर डाॅ अजित कुमार कर्नाटक के प्रस्ताव के सुझाव को शामिल करने के निर्देश दिए गए। बैठक में पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के वांइस चांसलर डाॅ. तेज प्रताप सिंह तथा भारत सरकार के अपर आयुक्त वी.वी.एम. राव ने भी वीडियो कांन्फ्रेसिंग के माध्यम से अपने सुझाव दिए। मुख्य सचिव द्वारा सुझाव को प्रस्तावित योजना में शामिल करने के निर्देश दिये गये। बैठक में सचिव कृषि आर मीनाक्षी सुन्दरम, संयुक्त सचिव सिंचाई ओमकार सिंह, मुख्य अभियन्ता लघु सिंचाई मोहम्मद उमर, प्रमुख अभियन्ता राजकीय सिंचाई मुकेश मोहन सहित कृषि एवं उद्यान के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

बुजुर्ग, छोटे बच्चों और गर्भवती महिलाओं का डेटा तैयार करने के निर्देश

(एनएन सर्विस)
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने शनिवार को सचिवालय में कोविड-19 के दृष्टिगत सभी जिलाधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की। उन्होंने कहा कि प्रत्येक प्रवासी की ट्रैवल्स हिस्ट्री की जानकारी प्राप्त करते हुए उनका कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग अनिवार्य रूप से किया जाए। उन्होंने कम टेस्टिंग रेसियो वाले जनपदों को टेस्टिंग रेशियो बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कोरोना संक्रमण को रोकने एवं इसके नियंत्रण में लगे अधिकारियों-कर्मचारियों को खुद की भी सुरक्षा का ध्यान रखते हुए इस संक्रमण को आपसी समन्वय के साथ कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिलाधिकारियों को इस कार्य में लगे सभी अधिकारी एवं कर्मचारियों को आवश्यक प्रशिक्षण उपलब्ध कराते हुए, उन्हें सुरक्षा किट उपलब्ध कराए जाने के निर्देश भी दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रवासियों का बेहतर ढंग से डाटा तैयार किया जाए ताकि पॉजीटिव पाए जाने पर उसकी टै्रवल हिस्ट्री की जानकारी तत्काल उपलब्ध हो सके और संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। उन्होंने पोर्टल पर लगातार डाटा अपलोड करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि कोरोना संक्रमण के प्रभाव को कम करने के लिए अपने-अपने जनपदों में छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं, बुजुर्ग व गंभीर रोग से ग्रसित व्यक्तियों का डाटा तैयार करते हुए उन्हें सार्वजनिक स्थानों पर घूमने-फिरने को पूर्णतः प्रतिबंधित किया जाए। उन्होंने कहा कि कोविड-19 संक्रमण को रोकने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार के साथ ही सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का अनुपालन सुनिश्चित करवाया जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि क्वारंटीन सेंटरों हेतु बनाए गए प्रभारी अधिकारियों के पास अनिवार्य रूप से सुरक्षा किट की उपलब्धता के साथ ही उन्हें निर्धारित प्रोटोकॉल की पूर्ण जानकारी दी जाए। क्वारंटीन सेंटरों में रह रहे प्रवासियों की टै्रवल हिस्ट्री आदि की जानकारी का रजिस्टर भी मेन्टेन किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि क्वारंटीन सेंटरों में काउन्सलरों के माध्यम से प्रवासियों की निरन्तर काउंसिलिंग की जाए। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को क्वारंटीन सेंटरों की व्यवस्थाओं का लगातार निरीक्षण करने के निर्देश दिए। उन्होने सभी जिलाधिकारियों को सोशल डिस्टेसिंग का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराए जाने तथा सभी व्यक्तियों द्वारा सार्वजनिक स्थलों पर मास्क का उपयोग अनिवार्य रूप से करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नियमों का पालन नहीं करने वालों के विरूद्ध आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। मुख्य सचिव ने सभी अधिकारियों को कोरोना संक्रमण के नियंत्रण एवं रोकथाम के लिए गंभीरता एवं उत्साह के साथ बेहतर ढंग से कार्य किये जाने पर बधाई देते हुए आगे भी इसी उत्साह के साथ कार्य करने की बात कही।
सचिव स्वास्थ अमित नेगी ने सभी जिलाधिकारियों से कहा कि जनपद में आने वाले प्रवासियों को बेहतर ढंग से डाटा तैयार हो तथा उनकी निगरानी के लिए एक्टिव सर्विलांस को और अधिक बढ़ाया जाए। उन्होंने आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के माध्यम से होम एवं संस्थागत क्वारंटीन सेंटरों में रह रहे प्रवासियों का सर्विलांस कराते हुए कोविड केयर सेंटरों में सभी आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित कराए जाने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में ऋण की उपब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश

(एनएन सर्विस)
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में सचिवालय सभागार में राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति उत्तराखण्ड की विशेष बैठक आयोजित हुई। बैठक में वार्षिक ऋण योजना 2020-21 पर चर्चा करते हुए स्थानीय स्तर पर आर्थिक गतिविधियों को संचालित किये जाने की पर्याप्त संभावनाओं पर विचार करते हुए वार्षिक ऋण योजना को बढ़ाकर 25 हजार 793 करोड़ की संशोधित वार्षिक ऋण योजना अनुमोदित की गई। ज्ञातव्य है कि पूर्व में यह वार्षिक योजना 23 हजार 980 करोड़ की स्वीकृति थी जिसे राज्य में स्थानीय प्रवासी युवाओं के स्वरोजगार की संभावनाओं के आर्थिक गतिविधियों को संचालित किये जाने की संभावना को देखते हुए राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति उत्तराखण्ड द्वारा डी.एल.आर.सी/डी.सी.सी द्वारा अनुमोदित वार्षिक ऋण योजना में विशेष रूप से कृषि क्षेत्र के लक्ष्यों को बढ़ाकर योजना का आकार बढ़ाया गया, तथा इस योजना में 1 हजार 913 करोड़ रूपये की वृद्धि की गयी।
मुख्य सचिव द्वारा चर्चा के दौरान बैंकर्स एवं अधिकारियों को निर्देश दिये कि उत्तराखण्ड सरकार द्वारा घोषित मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में व्यक्तिगत ध्यान देकर अधिक से अधिक लाभार्थियों को लाभ पहुंचाया जाए। बैठक में बताया गया कि युवा उद्यमियों द्वारा डेरी एवं कुक्कुट पालन के क्षेत्र में अधिक उत्साह दिखाया जा रहा है। मुख्य सचिव ने संबंधित विभागाध्यक्ष को निर्देश दिये कि युवा उद्यमियों द्वारा प्रस्तुत प्रस्तावों को तकनीकी दृष्टि से मदद कराकर बैंकर्स से स्वीकृत कराने में सक्रिय सहयोग दें।
मुख्य सचिव द्वारा जिला स्तरीय पुर्ननिरीक्षण समितिध्जिला परामर्शदात्री समिति की प्रगति की समीक्षा के दौरान एजीएम राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति एसबीआई रमेश कुमार पंत द्वारा बताया गया कि जनपद देहरादून, नैनीताल एवं रुद्रप्रयाग जिलों में मई माह में बैठक नहीं हो पायी है बाकी सभी जिलों में जिला स्तरीय पुर्ननिरीक्षण समितिध्जिला परामर्शदात्री समिति की बैठक की जा चुकी है। इस पर मुख्य सचिव द्वारा अवशेष तीनों जनपदों में शीघ्र बैठक कराये जाने हेतु वित्त सचिव सौजन्या को सम्बन्धित जिलाधिकारियों से समन्वय कर क्रियान्वित करने के निर्देश दिये गये।
बैठक में अपर मुख्य सचिव एम.एस.एम.ई मनीषा पंवार, सचिव कृषि एवं पशुपालन आर. मीनाक्षी सुन्दरम, वित्त सचिव सौजन्या, अपर सचिव सोनिका, इंडस्ट्री एसोसिएशन के अध्यक्ष पंकज गुप्ता, उप महाप्रबंधक एस.बी.आई बी.एल सैनी तथा सहायक महाप्रबंधक एन.एस रावत, सी.जी.एम नाबार्ड सुनील चांवला, डीजीएम आर.बी.आई तारिका सिंह, क्षेत्रीय निदेशक आर.बी.आई राजेश कुमार सहित समस्त विभागों के सचिव एवं विभागाध्यक्ष उपस्थित थे।

50 प्रतिशत यात्री क्षमता के साथ खुलेंगे सार्वजनिक परिवहन

राज्य सरकार ने ऑरेंज और ग्रीन जोन वाले जिलों में वाहनों को आधी क्षमता के साथ संचालन की अनुमति दे दी है। परिवहन विभाग इसके लिए जल्द ही एसओपी जारी करने वाला है। किसी जिले के रेड जोन में आने की स्थिति में वहां सार्वजनिक परिवहन पूरी तरह से बंद रहेगा। जबकि इंटर स्टेट परिवहन सामान्य तौर पर प्रतिबंधित है, लेकिन राज्यों की आपसी सहमति के आधार पर प्रवासियों को लाने के लिए बसें चलाई जा सकेंगी।
अभी प्रदेश में कोई भी जिला रेड जोन में नहीं होने से पूरे प्रदेश में बसों सहित अन्य सार्वजनिक परिवहन का संचालन करने का निर्णय ले लिया गया है। एक जिले से दूसरे जिले के बीच बसों के संचालन से लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। हालांकि वाहन की क्षमता से आधी सवारी को ही लेकर जाया जा सकेगा।
राज्य सरकार ने इंटर स्टेट परिवहन के संचालन को भी सहमति दी है, जिसके लिए नोडल अधिकारी, मंडलायुक्त और जिला मजिस्ट्रेट की अनुमति अनिवार्य है। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की ओर से जारी आदेश में परिवहन विभाग को निर्देशित किया गया है कि सार्वजनिक परिवहन की एसओपी (स्टेंडर्ड ऑपरेंटिंग प्रोसिजर) तैयार कर लें, जिसके बाद संचालन शुरू हो सकेगा। संचालन में सोशल डिस्टेंसिंग के मानकों का पूरी तरह से पालन होगा।
इस नियम का करना होगा पालन
उत्तराखंड में लॉकडाउन-4 में अब वाहनों का संचालन होने लगेगा। लेकिन अधिक आबादी वाले आठ शहरों में निजी वाहनों का संचालन ऑड-ईवन नंबर प्लेट के हिसाब से होगा। एक दिन ऑड नंबर और दूसरे दिन ईवन नंबर के चैपहिया वाहन चलाएं जा सकते हैं। वहीं, दोपहिया वाहन सभी दिन चल सकेंगे। उल्लंघन करने वालों पर सख्त कदम उठाए जा सकते हैं।
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने बताया कि देहरादून, हल्द्वानी, रुद्रपुर, काशीपुर, हरिद्वार, कोटद्वार, रुड़की, ऋषिकेश में सरकार ने सड़कों पर वाहनों की सीमित संख्या रखने के लिए ऑड-ईवन की व्यवस्था बनाई है। जिलों को इस संबंध में निर्देश जारी किए जाएंगे, जिसके बाद यह व्यवस्था लागू कर दी जाएगी। यह व्यवस्था प्राइवेट वाहनों के लिए रहेगी।

उत्तराखण्ड में कोरोना की डबलिंग रेट में लगातार हो रहा सुधार

मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने मीडिया ब्रीफिंग कर कोविड-19 के संबंध में अपडेटेड स्थिति की जानकारी दी। मुख्य सचिव ने कहा कि सरकार दूसरे राज्यों से उत्तराखण्ड लौटने के इच्छुक प्रवासियों को वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध है। लगभग 1 लाख 64 हजार लोगों ने इसके लिए पंजीकरण कराया है। अभी तक 7300 लोगों को दूसरे राज्यों से लाया जा चुका है जबकि 8146 को राज्य के भीतर ही एक जिले से दूसरे जिले में भेजा गया है। जो भी उत्तराखण्ड लौटना चाहते हैं, उन्हें वापस लाया जाएगा। थोड़ा संयम और धैर्य रखने की जरूरत है। तमाम तरह की सावधानियां बरतनी होती है। इसलिए एक साथ इकट्ठा सबको नहीं लाया जा सकता है। स्वास्थ्य परीक्षण, वाहनों की व्यवस्था, रूकने की व्यवस्था आदि बातें देखनी होती हैं। सरकार इस काम में दिन रात लगी है। पूरा काम सुनियोजित तरीके से किया जाना है। हरियाणा से 1500 लोगों को निजी वाहन से आने की अनुमति दी गई है। यहां बसें भी भेजी जाएंगी। उदयपुर व जम्मू से 400-400 लोगों को लाने की व्यवस्था की जा रही है। गुजरात व महाराष्ट्र को सूचना दी गई है कि सूरत, अहमदाबाद व पुणे से लोगों को ट्रेन से लाया जाना है। हमारी रेल मंत्रालय से बात हो चुकी है। संबंधित राज्यों को भी रेल मंत्रालय से बात करनी है। उत्तराखण्ड के लोगों को ट्रेन से लाने में जो भी व्यय आएगा, उसका वहन उत्तराखण्ड सरकार द्वारा किया जाएगा। केरल के दो शहरों से भी लगभग 1000 लोगों को लाया जाना है। भारत सरकार द्वारा विदेशों से भारतीय नागरिकों को लाने की व्यवस्था की जा रही है। इनमें उत्तराखण्ड का व्यक्ति होने पर विदेश मंत्रालय द्वारा हमें अवगत कराया जाएगा। इसके लिए हमने एसओपी तैयार कर ली है।
मुख्य सचिव ने कहा कि पिछले दो दिन से प्रदेश में कोई भी कोरोना पॉजिटिव केस नहीं आया है। वर्तमान में कुल पॉजिटिव केस 61 हैं, इनमें से 39 रिकवर हो चुके हैं जबकि 21 एक्टीव केस हैं। इनमें भी सभी की स्थिति सामान्य है। एक महिला जिसकी मृत्यु हुई है, उन्हें काफी क्रिटीकल हालत में एम्स ऋषिकेश में लाया गया था, बाद में जांच में इन्हें कोरोना संक्रमित पाया गया। परंतु उनकी मृत्यु अन्य कारण से हुई है। अभी तक कुल 7784 टेस्ट की रिपोर्ट प्राप्त हुई है। इनमें से 7723 की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। प्रदेश में कोरोना मामलों के दोगुने होने की दर में लगातार सुधार हो रहा है। आज के दिन हमारी डबलिंग रेट 47 दिन है। इस दृष्टि से हम देश के अग्रणी राज्यों में हैं। यहां के कुल कोराना पॉजिटिव मामलों में 85 प्रतिशत पुरूष हैं जबकि 15 प्रतिशत महिलाएं हैं। इसमें भी अधिकांश युवा हैं। इसलिए हमारे यहां रिकवर होने की अधिक सम्भावना है। देश में भेजे गए सेम्पल के सापेक्ष पॉजिटिव केस 3.86 प्रतिशत है जबकि राज्य में यह 0.78 प्रतिशत है। हमारी मृत्यु दर भी राष्ट्रीय औसत से लगभग आधी है। हालांकि ये मृत्यु भी प्रत्यक्ष रूप से कोरोना से नहीं हुई है। अभी तक प्रदेश में कोरोना को काफी हद तक नियंत्रित रखा गया है। हमारे यहां कान्टेक्ट ट्रेसिंग भी प्रभावी तौर पर की गई।
मुख्य सचिव ने बताया कि प्रदेश में 426 चिकित्सक ऐसे थे जिनका आयेग द्वारा वर्ष 2010 से 2015 के बीच चयन किया गया परंतु उन्होंने या तो जॉइन नहीं किया या परिवीक्षा अवधि पूरी नहीं की। ऐसे चिकित्सकों की सेवाएं समाप्त की गई हैं। अब हम इनकी जगह पर चिकित्सकों की नई भर्ती कर सकते हैं। हाल ही में 401 चिकित्सकों को नियुक्ति दी गई है। 467 पदों का अध्याचन भी चयन आयोग को भेजा जा रहा है। आयोग से चयन प्रक्रिया को जल्द पूरा करने का अनुरोध किया जाएगा। इसके अलावा कैबिनेट द्वारा 180 पदों को पुनर्जीवित किया गया था। इन पदों पर जल्द भर्ती कराई जाएगी।
मुख्य सचिव ने कहा कि अभी तक जनता ने पूरा सहयोग किया है। लॉकडाउन-3 में भी हमें जिम्मेवारी का परिचय देना है। मास्क, सेनेटाईजेशन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। वर्तमान में दी गई शिथिलता चलती रहेगी। यदि अनुशासन बनाए रखा जाएगा तो और भी शिथिलता पर विचार किया जा सकता है। कोरोना संक्रमित होने पर घबराने की जरूरत नहीं है।
प्रदेश में औद्योगिक गतिविधियां भी शुरू की गई हैं। 4479 उद्योगों को ऑनलाईन अनुमति दी गई है। इन्होंने काम भी शुरू कर दिया है। इनमें 1 लाख 66 हजार श्रमिक, कार्मिक संलग्न हैं। सड़क, रेल, एयरपोर्ट, भवन निर्माण आदि काम शुरू होने जा रहे हैं। इनकी आवश्यकता को देखते हुए खनन का काम भी शुरू कर दिया गया है। जिलाधिकारियों को इसे प्राथमिकता से देखने को कहा गया है।
भवन निर्माण से जुड़े श्रमिकों को लॉकडाउन में राहत देने के लिए दो किश्तों में 1-1 हजार, कुल दो हजार रूपए उनके खातों में ट्रांसफर किए गए हैं। लगभग 1 लाख 98 हजार श्रमिक इससे लाभान्वित हुए हैं।
मुख्य सचिव ने कहा कि सोशल मीडिया में सरकार की तैयारियों के बारे में बहुत सी अफवाहें चलती रहती हैं। लोगों से अनुरोध है कि प्रामाणिक जानकारियों पर ही विश्वास करें। हम पूरी व्यवस्था कर रहे हैं।

इस समय राहत और बचाव कार्यों को प्राथमिकता देंः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कोविड-19 के दृष्टिगत सभी जिलाधिकारियों को जनपद की परिस्थिति के अनुकूल आम आदमी की समस्याओं के समाधान में मानवीय व व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाने पर ध्यान देने को कहा है। उन्होंने कहा कि शादी विवाह में दूल्हा और दुल्हन दोनों के पक्षों की व्यावहारिकता देखें। ऐसे प्रकरण अंतर्जनपदीय भी हो सकते हैं। विवाह के लिए केन्द्र सरकार के सामाजिक दूरी व अन्य निर्देशों का अनुपालन करते हुए अनुमति प्रदान की जाए। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए हैं कि जो लोग अपनी रिश्तेदारी आदि वजह से लॉक डाउन में फंस गए हैं उनका स्वास्थ्य परीक्षण करते हुए ग्रीन कैटेगरी के जनपदों में जाने की अनुमति प्रदान की जाए। यही नहीं जिन लोगों को क्वॉरेंटाइन में रखे हुए 14 दिन पूरे हो गए हैं उन्हें 15वें दिन स्वास्थ्य परीक्षण के बाद यथा स्थान भेजने की व्यवस्था कर दी जाए।
मुख्यमंत्री आवास में शासन के उच्चाधिकारियों के साथ सभी जिलाधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोविड-19 के दृष्टिगत इससे संबंधित बचाव एवं राहत कार्यों की समीक्षा एवं भारत सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुपालन के संबंध में व्यापक चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि काश्तकारों के व्यापक हित में आम व लींची के सीजन के दृष्टिगत इसे क्रय करने हेतु आने वाले ठेकेदारों को भी आवश्यक चिकित्सा सुरक्षा जांच के बाद आवागमन की सुविधा प्रदान की जाए। उन्होंने कहा कि मटर की खेती करने वाले किसानों के हित में फ्रोजन मटर की प्रोसेसिंग करने वाले उद्योगों को भी प्रोत्साहित किया जाए। मुख्यमंत्री ने गर्मी व सर्दी के मौसम में प्रदेश के सीमांत जनपदों उत्तरकाशी, चमोली व पिथौरागढ़ में माइग्रेट होने वाले लोगों के आवागमन, पशुओं को चारा-पानी, गर्मी के दृष्टिगत पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉक डाउन के कारण प्रदेश में हजारों लोगों ने रिवर्स माइग्रेशन किया है, लॉक डाउन के बाद भी इनकी संख्या और बढ़ सकती है इसके लिए एक प्रोफॉर्मा तैयार किया गया है जिसमें उनकी दक्षता आदि का पूरा विवरण तैयार किया जाना है। इसके लिए 30 हजार आवेदन भेजे जा चुके हैं। यह प्रक्रिया भविष्य की योजना तैयार करने में मददगार हो सकेगी। जिला अधिकारी अपने जनपदों में इसका भी ध्यान रखें। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों से मुख्यमंत्री राहत कोष में योगदान के लिए अधिक से अधिक लोगों को प्रोत्साहित करने की भी अपेक्षा की। इस धनराशि से जनकल्याण के कार्यों में बड़ी मदद मिल सकती है। उन्होंने जिलाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जो भी निर्देश राज्य सरकार द्वारा कोविड-19 के दृष्टिगत राहत एवं बचाव कार्यों के संबंध में जारी किए जा रहे हैं उनका पालन गंभीरता के साथ सुनिश्चित किया जाए।
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने सभी जिलाधिकारियों से जनपद में मेडिकल स्टाफ की तैनाती के साथ ही उनके प्रशिक्षण पर ध्यान देने को कहा ताकि भविष्य की चुनौतियों का सामना करने में मदद मिल सके। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के निर्देशों के अनुरूप कृषि व खेती से संबंधित कार्यों को सुचारू रूप से संचालन की व्यवस्था की जाए। माइग्रेट लेबरों के हित में उद्योगों से समन्वय कर उनकी आवश्यकता के दृष्टिगत उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि माइग्रेट कैम्पों में नियमित रूप से हेल्थ चेकिंग व उनके मनोबल को बढ़ाने के भी प्रयास किए जाएं।
कहा कि आवश्यक सामान लेकर जाने वाले ट्रक ड्राइवरों को कतिपय जनपदों में 14 दिन के लिए क्वॉरेंटाइन किए जाने की बात भी सामने आ रही है, ऐसे ड्राइवरों के स्वास्थ्य की जांच कर उन्हें जाने दिया जाए। उन्होंने वितरित की जा रही सामग्री की एकाउंटिंग पर भी ध्यान देने को कहा। मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को कोविड-19 के दृष्टिगत वन विभाग के जिन कर्मचारियों की तैनाती की गई है उन्हें वनाग्नि के बचाव आदि कार्यों के दृष्टिगत कार्यमुक्त कर दें, इनके स्थान पर पीआरडी स्वयं सेवकों की तैनाती की जाए ।
अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कहा कि भारत सरकार के निर्देशों के अनुरूप राष्ट्रीय राजमार्ग, चारधाम सड़क परियोजना, कुंभ मेले से संबंधित कार्य, पुलों, नाबार्ड, लोनिवि, राज्य योजना व जिला योजना से संबंधित 75 प्रतिशत प्रगति वाले निर्माण कार्य किए जाने हैं, इसका परिचालन मानकों के अनुरूप किया जाना है। उन्होंने निर्माण कार्यों के मजदूरों को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ ही इसका साप्ताहिक अनुश्रवण किए जाने तथा कार्य स्थल पर अथॉरिटी इंजीनियर, जे.ई. की तैनाती सुनिश्चित करने को कहा, इसकी व्यवस्था बनाने की जिम्मेदारी इनकी रहेगी।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव उद्योग मनीषा पंवार, सचिव स्वास्थ्य नितेश झा, सचिव वित्त अमित नेगी, सचिव शहरी विकास शैलेश बगोली, सचिव पेयजल अरविंद ह्यांकी, सचिव कृषि आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव खाद्य सुशील कुमार एवं पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी ने उनके स्तर पर की जाने वाली व्यवस्थाओं पर जिलाधिकारियों से चर्चा की। जिलाधिकारियों ने अपनी समस्याओं से भी मुख्यमंत्री को अवगत कराया।

प्रयागराज कुम्भ मेले की तरह होंगी हरिद्वार कुंभ मेले की व्यवस्थाएंः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में बुधवार को मुख्यमंत्री आवास में कुम्भ मेला-2021 की तैयारियों के संबंध में बैठक संपन्न हुई। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मेलाधिकारी प्रयागराज कुम्भ मेला 2019 श्री विजय किरन आनन्द ने प्रयागराज कुम्भ मेला 2019 हेतु की गई तैयारियों पर प्रस्तुतीकरण दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2021 में होने जा रहे कुम्भ मेले में 15 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की सम्भावना है। इतनी बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कुम्भ क्षेत्र का विस्तार किया जाना आवश्यक है। उन्होंने अवस्थापना संबंधी कार्यों जैसे सडक, विद्युत, पेयजल आपूर्ति, कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने, चिकित्सा सुविधा, स्वच्छता व कूड़ा निस्तारण, आवासीय व पार्किंग व्यवस्था व कुम्भ मेला क्षेत्र विस्तार योजना पर तेजी से कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को सभी आवश्यक व्यवस्थाएं समय से सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी सेक्टर ऑफिसर्स को भी शीघ्र तैनात करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रयागराज में आयोजित कुम्भ पूर्ण रूप से सफल रहा था। उन्होंने प्रयागराज कुम्भ 2019 का अध्ययन एवं मेलाधिकारी श्री विजय किरन आनन्द के अनुभवों की सहायता से कुम्भ 2021 को सफल बनाने हेतु हर सम्भव प्रयास किये जाने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी आवश्यक शासनादेश भी शीघ्र जारी करने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश, मेलाधिकारी कुम्भ मेला 2021 दीपक रावत, महानिदेशक पुलिस अशोक कुमार, सचिव अमित नेगी, दिलीप जावलकर एवं सौजन्या सहित शासन के उच्चाधिकारी भी उपस्थित थे।

मुख्य सचिव ने दिये इन शहरों में पाॅलीथिन बंद करने के निर्देश

सचिवालय सभागार में आज मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह के समक्ष प्रदेश के पांच शहरों देहरादून, ऋषिकेश, मसूरी, नैनीताल एवं हल्द्वानी को सन् 2020 तक प्लास्टिक मुक्त करने विषयक कार्य योजना का शहरी विकास विभाग द्वारा प्रस्तुतीकरण किया गया।
प्रस्तुतीकरण के दौरान अवगत कराया गया, कि विभाग द्वारा 50 माईक्रोन से कम मोटाई के प्लास्टिक थैलों को पूर्णतः प्रतिबन्धित करने का शासनादेश के अनुपालन में सख्ती से कार्रवाई की जा रही है तथा सिंगल यूज प्लास्टिक के विषय मेंं व्यापार मण्डल, स्कूली छात्र, समाचार पत्रों आदि के माध्यम से प्रचार-प्रसार लगातार किया जा रहा है। बताया गया, कि उत्तराखण्ड कूड़ा फेंकना एवं थूकना प्रतिषेध अधिनियम 2016 दिनांक 30-11-2016 के अंतर्गत अब तक 1560 चालान कर रू0 7.57 लाख का अर्थ दण्ड दोषियों से वसूला गया है। बैठक में बताया गया, कि उत्तराखण्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा नियमावली व प्रतिबंधित प्लास्टिक के प्रकार की सूची बनाई जा रही है। प्रस्तुतीकरण के दौरान बताया गया कि नगर निकाय क्षेत्र के अंतर्गत किसी भी प्रकार के प्लास्टिक व थर्माकोल से बनी थैलियां, पत्तल, ग्लास, कप, पैकिंग सामग्री इत्यादि का इस्तेमाल तत्काल प्रभाव से पूर्णतः प्रतिबंधित है।
प्रस्तुतीकरण के दौरान बताया गया, कि प्रथम चरण में प्रदेश के पांच शहरों देहरादून, ऋषिकेश, मसूरी, नैनीताल एवं हल्द्वानी में निर्धारित प्राविधान के तहत 4947 लोगों से चालान द्वारा अक्टूबर 2019 तक रू 58.13 लाख की वसूली की गई तथा 11 सितम्बर से 27 अक्टूबर, 2019 तक प्रदेश में चलाये गए ‘‘स्वच्छता ही सेवा‘‘ अभियान के अंतर्गत 35.76 मी0टन प्लास्टिक संग्रहण किया गया तथा 13.88 मी0टन प्लास्टिक रिसाईकिल किया गया। प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि देहरादून, ऋषिकेश, हल्द्वानी में प्लास्टिक काम्पेक्टर के लिए धनराशि जारी कर दी गई है तथा मसूरी में प्लास्टिक काम्पेक्टर उपलब्ध है एवं नैनीताल से संग्रहित प्लास्टिक का रिसाईक्लिंग कार्य हल्द्वानी में किया जायेगा। प्रस्तुतीकरण में यह भी बताया गया कि प्लास्टिक से ईंधन बनाने की योजना हरिद्वार में प्रस्तावित है, जिसके लिए शीघ्र ही आर0एफ0पी0 प्रकाशित की जा रही है।
बैठक में सचिव वित्त अमित नेगी, सचिव वन अरविन्द सिंह ह्यांकी, अपर सचिव चन्द्रेश यादव सहित विभिन्न विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

उत्तराखंड में हवाई सेवा के विस्तार का खाका तैयार

केन्द्रीय नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी ने नागरिक उड्डयन संबंधित विभिन्न विषयों पर वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से समीक्षा की।
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने केन्द्रीय मंत्री को अवगत कराया कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा प्रदेश में प्रथम चरण की चयनित वायुयान सेवा देहरादून-पंतनगर (एलायंसएयर) तथा द्वितीय चरण की वायुयान सेवा देहरादून-पिथौरागढ़, पिथौरागढ़-देहरादून, पिथौरागढ़-हिंडन आपरेटर हेरिटेज द्वारा चलाई जा रही है। उन्होंने भारत सरकार नागरिक उड्डयन मंत्रालय का आभार प्रकट किया। इसी क्रम में उन्होंने मंत्रालय द्वारा तृतीय चरण की चयनित वायुयान सेवा पंतनगर-चंडीगढ़, पंतनगर-लखनऊ (हेरीटेज आॅपरेटर) एवं पंतनगर-कानपुर (स्पाईसजेट) सेवाएं तथा द्वितीय चरण की चयनित देहरादून-इलाहाबाद (इंडिगो) एवं पिथौरागढ़ -पंतनगर (हेरिटेज) वायुयान सेवाओं को भी शीघ्र ही संचालित करने का अनुरोध किया।
मुख्य सचिव ने देहरादून एयरपोर्ट के विस्तारीकरण की ओर मंत्री का ध्यान आकृष्ट किया। उन्होंने बताया कि वर्तमान में देहरादून एयरपोर्ट की रनवे लम्बाई 2140 मीटर है, जिससे अधिकतम 130 से 140 यात्रियों का प्रति विमान आवागमन संभव है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा जौलीग्रांट हवाई अड्डे को अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के रूप में विकसित किये जाने की सैद्धान्तिक सहमति प्रदान की गई है, जिसके क्रम में प्रथम चरण में जौलीग्रांट हवाई अड्डे के विस्तारीकण हेतु भूमि अधिग्रहण का निर्णय लिया गया है। प्रथम चरण में एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के बाद एयरपोर्ट के रनवे की लम्बाई 2765 मीटर हो जाएगी जिससे इस एयरपोर्ट से एयरबस ए-321 एवं ए-320 की उड़ान संभव हो पायेगी एवं लगभग 172 से 180 यात्रियों का प्रति वायुयान का आवागमन संभव होगा। उन्होंने अवगत कराया कि द्वितीय चरण में भी जौलीग्रान्ट हवाई अड्डे के विस्तार के लिए 3500 मीटर के रनवे का निर्माण करने का प्रदेश सरकार द्वारा सैद्धान्तिक निर्णय लिया गया है।
मुख्य सचिव ने भारत सरकार की क्षेत्रीय संपर्क योजना के अंतर्गत चयनित स्थलों पर छवद. ैबीमकनसम व्चमतंजवते च्मतउपज के अंतर्गत संचालन की अनुमति का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश सरकार पर व्यय भार कम पड़ेगा, जिसपर मा. मंत्री द्वारा विचार करने की बात स्वीकार की गई। मुख्य सचिव ने भारत सरकार की क्षेत्रीय संपर्क योजना के अंतर्गत नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा केन्द्रीयकृंत स्तर पर उपकरणों के क्रय कर उन्हें संबंधित हैलीपैड एवं हवाई पट्टियों पर शीघ्र स्थापित कराने का अनुरोध किया। मुख्य सचिव द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि आर.सी.एस योजना में देहरादून- पिथौरागढ़ एवं पिथौरागढ़-पंतनगर एवं पंतनगर-हिंडन तक हवाई सेवा संचालित है, किन्तु समय-समय पर उक्त सेवा में व्यवधान बना रहता है, जिसे नियमित कराने का अनुरोध किया। उन्होंने उक्त वायुयान मार्गों पर यात्रियों की संख्या अधिक होने की जानकारी देते हुए इन वायुयान मार्गों पर अधिक क्षमता के वायुयान विमान संचालित कराने का अनुरोध किया।