गढ़वाल केंद्रीय विवि को एक नवंबर से शुरू करना होगा शैक्षणिक सत्र

गढ़वाल केंद्रीय विश्व विद्यालय शैक्षणिक सत्र 2020-21 को एक नवंबर से शुरू करेगा। इसके लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने विवि को कक्षाएं शुरू करने के निर्देेश भी दिए हैं। साथ ही विवि को मार्च 2021 तक प्रथम बैच की परीक्षा भी करानी होगी।

बता दें कि कोरोना संक्रमण के चलते इस वर्ष शैक्षणिक सत्र देरी के साथ शुरू किया जा रहा है। वर्तमान में गढ़वाल विवि में स्नातक प्रथम वर्ष में प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन पत्र भरने की प्रक्रिया पूरी हो गई है। जबकि स्नातकोत्तर और व्यवसायिक पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए आवेदन भरने की अंतिम तिथि पांच अक्तूबर और 24 अक्तूबर निर्धारित की गई है।

विवि के कुलसचिव प्रो. एनएस पंवार ने बताया कि यूजीसी ने 31 अक्तूबर तक प्रवेश प्रक्रिया संपन्न कर एक नवंबर से कक्षाएं शुरू करने के निर्देश दिए हैं। यूजीसी की ओर से जारी गाइडलाइन के अनुसार आठ मार्च से 26 मार्च 2021 तक परीक्षाएं करानी होंगी।

27 मार्च से चार अप्रैल तक सेमेस्टर ब्रेक रहेगा। जबकि पांच अप्रैल से एवन सेमेस्टर (सम) की कक्षाएं शुरू हो जाएंगी। इस सेमेस्टर की परीक्षाएं नौ अगस्त से 21 अगस्त तक परीक्षाएं चलेंगी। 30 अगस्त से अगले सेमेस्टर की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।  

उन्होंने बताया कि स्नातक प्रथम वर्ष में प्रवेश के लिए डीन स्तर पर मेरिट लिस्ट बनाने की कार्रवाई चल रही है। इसके बाद प्रवेश शुरू हो जाएंगे। स्नातकोत्तर और व्यवसायिक पाठ्यक्रमों में भी अक्तूबर माह में प्रवेश प्रक्रिया संपन्न हो जाएंगी।

यूपी-उत्तराखंड के नारसन बॉर्डर पर बिना पास के एंट्री कराने पर शिक्षक गिरफ्तार

(एनएन सर्विस)
यूपी-उत्तराखंड के नारसन बॉर्डर पर तैनात एक शिक्षक ने बिना पास के प्रदेश में एंट्री करवाने के लिए पैसे मांगे तो लोगों ने मौके पर हंगामा कर दिया। विवाद बढ़ा तो मौके पर मौजूद पुलिस ने शिक्षक को हिरासत में लिया। साथ ही मामले की शिकायत शिक्षा विभाग के अधिकारियों से कर दी। बताया जा रहा कि शिक्षक के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई की सिफारिश भी की है।
कोरोना संक्रमण के चलते अन्य प्रदेशों से आने वाले वाहनों के लिए पास अनिवार्य किया गया है। इसके लिए नारसन बॉर्डर पर पुलिस के साथ-साथ शिक्षकों की भी ड्यूटी लगाई गई है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, बृहस्पतिवार रात अन्य प्रदेश से कुछ लोग यूपी-उत्तराखंड के नारसन बॉर्डर पर पहुंचे थे। शिक्षक को इन लोगों ने पास नहीं होने की जानकारी दी। आरोप है कि इस पर शिक्षक ने प्रति व्यक्ति के हिसाब से पर्ची बनवाने के लिए 300 रुपये लिए। जब यह लोग वहां से निकासी द्वार पर पहुंचे तो पुलिसकर्मियों ने रोककर पास मांगा। इस पर उन लोगों ने बताया कि पास नहीं होने पर ड्यूटी में तैनात एक कर्मचारी ने उनसे 300 रुपये लेकर पर्ची बनाई है, लेकिन पुलिस ने उन्हें जाने नहीं दिया। जिस पर लोगों ने अवैध वसूली का आरोप लगाते हुए मौके पर हंगामा कर दिया। विवाद बढ़ता देख पुलिस ने संबंधित शिक्षक को हिरासत में ले लिया और उच्चाधिकारियों को इसकी जानकारी दी।
साथ ही शिक्षा विभाग के अधिकारियों से भी शिकायत की गई। चैकी प्रभारी लक्ष्मण सिंह कुंवर ने बताया कि एक शिक्षक मौके पर अवैध तरीके से 300 रुपये में पर्ची बना रहा था। हंगामा कर रहे लोगों के पहचान करने पर शिक्षक को हिरासत में ले लिया गया है। चेक पोस्ट प्रभारी जय सिंह ने बताया कि शिकायत से उच्च अधिकारियों को अवगत कराया गया है। वहीं, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नमामि बंसल ने बताया कि शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों को रिपोर्ट भेजी जा रही है। वहीं, कुछ दिन पहले नारसन बॉर्डर पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने के नाम पर वसूली करते एक व्यक्ति को पकड़ा गया था। मामले में पुलिस की रिपोर्ट मिलने के बाद डीएम से कार्रवाई की सिफारिश की जाएगी।

रोडवेज बसों का संचालन कल से, सोशल डिस्टेसिंग का करना होगा पालन

प्रदेशभर में रोडवेज बसों का संचालन 25 जून से किया जा रहा है। परिवहन निगम की बोर्ड बैठक में यह फैसला लिया गया। देहरादून मंडल के 37, नैनीताल मंडल के 36 और टनकपुर मंडल के 10 मार्गों पर बसों का संचालन किया जाएगा। अभी दूसरे राज्यों के लिए बसें संचालित नही की जायेंगी।
अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश की अध्यक्षता में परिवहन निगम की बोर्ड बैठक हुई। जिसमें बसों के संचालन को मंजूरी दी गई। बोर्ड बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार, पहले चरण में राज्य के अंदर ही चुनिंदा 83 मार्गों पर ही बसों का संचालन किया जाएगा। यात्रियों की संख्या बढ़ने के साथ ही गाड़ियों की संख्या में बढ़ोत्तरी की जायेगी। वहीं, कल से शुरू होने जा रही रोडवेज बसों के लिए परिवहन निगम ने एडवाइजरी जारी कर दी है। इसके तहत तीन यात्रियों वाली सीट पर दो और दो यात्री वाली सीट पर एक मुसाफिर ही सफर कर सकेगा। एडवाइजरी में यात्रियों के लिए मास्क की अनिवार्यता के साथ ही सैनिटाइजेशन आदि की जिम्मेदारी परिचालकों को सौंपी गई है।
एडवाइजरी के अनुसार सभी बसों में ड्राइवर-कंडक्टर के लिए अलग से केबिन बनाना होगा। बसों में कोरोना संक्रमण के जागरुकता से जुड़े स्टीकर भी लगाने होंगे। बसों के रवाना होने से पहले ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों को सैनिटाइजेशन का प्रमाणपत्र देना होगा। बसों के साथ पूरे स्टेशन परिसर को प्रतिदिन सैनिटाइजेशन कराना होगा। 
सोशल डिस्टेंसिंग पर रहेगी कड़ी नजर
किसी भी डिपो के अंदर दाखिल होने वाले सभी यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी। इसके लिए कर्मचारियों की अलग से ड्यूटी लगाई जाएगी। शाम सात बजे के बाद कोई भी बस रवाना नहीं होगी। सहायक महाप्रबंधक यात्रा मार्गों पर निरीक्षक की ड्यूटी होगी जो बसों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित कराएंगे। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने पर संबंधित चालक-परिचालक के खिलाफ कार्रवाई का भी प्रावधान रखा गया है।
इन मार्गों पर होगा संचालन
पहले चरण में देहरादून से मसूरी, बड़कोट, पुरोला, टिहरी, उत्तरकाशी, जोशीमठ, बीरोंखाल, श्रीनगर, हरिद्वार, कालसी, विकासनगर, ऋषिकेश, रुड़की के लिए बसों का संचालन किया जाएगा। हरिद्वार डिपो की जेएनएनयूआरएम की बसों को हरिद्वार से लक्सर, ऋषिकेश एम्स रुड़की, देहरादून, लक्सर से देहरादून, नारसन के लिए बसों का संचालन किया जाएगा। रुड़की डिपो की ओर से देहरादून और हरिद्वार, ऋषिकेश के लिए बसें संचालित की जाएंगी।
नैनीताल मंडल में रानीखेत से हल्द्वानी, अल्मोड़ा, बागेश्वर, टनकपुर, भवाली से नैनीताल रामनगर, नैनीताल, हल्द्वानी, नौकुचियाताल, घोड़ाखाल के लिए बसों का संचालन होगा। इसके अलावा रामनगर से टनकपुर, हल्द्वानी, नैनीताल, काशीपुर, जसपुर, काशीपुर से टनकपुर, हल्द्वानी, रुद्रपुर से हल्द्वानी, टनकपुर, खटीमा, काशीपुर के लिए गाड़ियों का संचालन होगा। वही हल्द्वानी डिपो से नैनीताल, जंगलिया गांव, पिथौरागढ़, टनकपुर, चोरगलिया टनकपुर के लिए गाड़ियों का संचालन होगा। काठगोदाम डिपो से टनकपुर, नैनीताल, जसपुर के लिए गाड़ियां संचालित की जाएंगी।
वाल्वो व एसी बसें नहीं होंगी संचालित
वाल्वो के साथ ही वातानुकूलित बसों के संचालन पर रोक रहेगी। साथ ही परिवहन निगम की नियमित बसों के अलावा अनुबंधित बसों का भी संचालन नहीं किया जाएगा। महाप्रबंधक दीपक जैन ने बताया कि दूसरे राज्यों में बसों का संचालन शुरू होने के बाद ही वातानुकूलित वॉल्वो और अनुबंधित बसों का संचालन किया जाएगा।
यात्री मिलने के बाद अतिरिक्त बसों का होगा संचालन
25 जून से चलने वाली रोडवेज बसों का संचालन यात्रियों की संख्या पर निर्भर होगा। अगर पर्याप्त संख्या में यात्री होंगे, तभी बस संचालित की जाएगी। यात्री कम होनी की स्थिति में ड्यूटी पर तैनात स्टेशन प्रभारी को बसों को रोकने का अधिकार होगा।

मुख्यमंत्री के जीवन को लेकर उड़ाई अफवाह, मुकदमा दर्ज

सोशल मीडिया पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के जीवन लेेेेकर अफवाह उड़ा दी गई, जिससे हड़कंप मच गया। मामले को संज्ञान में लेते हुए एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार ने एसएसपी देहरादून को कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। वहीं, इस मामले को लेकर कैंट थाने में चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
सोशल का मीडिया का कुछ लोग गलत तरीके से इस्तेमाल कर रहा है। कभी किसी नेता की छवि धूमिल किए जाने की कोशिश सोशल मीडिया के जरिए की जा रही है। तो कभी अफवाहों के जरिए लोगों को गुमराह किया जा रहा है। इस बार तो हद ही हो गई। अज्ञात शख्स ने सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के जीवन को लेकर अफवाह फैला दी।
मामले पर महानिदेशक अपराध और कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने सख्त रुख दिखाते हुए एसएसपी अरुण मोहन जोशी को आरोपित के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगी। ऐसे लोगों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।

संकट के समय मदद मांगने गई पुलिस को आश्रम ने लौटाया बैरंग

मंगलवार को चैकी इंचार्ज कैलाश गेट विकेन्द्र कुमार पुलिसकर्मियों के साथ शीशमझाड़ी स्थित स्वामी स्वतंत्रतानंद आश्रम शिव शक्ति ट्रस्ट पहुंचे। यहां तीन घंटे तक पुलिसकर्मी आश्रम के कर्मचारियों को आवाज लगाते रहे। मगर, कोई नहीं पहुंचा। तीन घंटे बाद आश्रम के मैनेजर सतीश शर्मा बाहर आए। चैकी इंचार्ज ने पूछा कि क्या आप लॉकडाउन के चलते पीएसी के जवानों को अपने हॉल में ठहरा सकते हैं। इस पर मैनेजर ने साफ इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि पुलिस के ठहरने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। चैकी इंचार्ज ने बताया कि आश्रम धर्माथ कार्यों के लिए खोला गया है, यहां प्रतिवर्ष विदेशी नागरिक ठहरते हैं। संकट के समय में आश्रम के इस व्यवहार से नाराज उन्होंने कार्रवाई करने को कहा है। उन्होंने थानाध्यक्ष राम किशोर सकलानी को इसकी सूचना दी है।

रशियन नागरिकों ने बढ़ाई मुश्किल, एबेंसी से अनुमति मिलने के बाद पुलिस ने किया रवाना
रशियन एबेंसी से बिना अनुमति मिले मंगलवार को 52 नागरिक बस संख्या यूपी17एटी-2444 में सवार होकर दिल्ली एयरपोर्ट जा रहे थे। तभी पुलिस को सूचना मिली और कैलाश गेट पर बस को रोका गया। मौके पर एडिशनल एसपी उत्तम सिंह नेगी भी पहुंचे। उन्होंने बस चालक से अनुमति मांगी। मगर, वह रशियन एंबेसी का कोई अनुमति पत्र नहीं दिखा पाया। चालक ने स्थानीय प्रशासन के अनुमति वाला पत्र दिखाया। इसे पुलिस ने नहीं माना। एडिशनल एसपी ने सभी विदेशी नागरिकों को एक स्थानीय होटल में ठहराया। वहीं, दो घंटे के बाद रशियन एबेंसी से अनुमति मिलने के बाद इन्हें रवाना किया गया।

सबके सहयोग से ही हम कोरोना वायरस को हरा सकते हैंः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने फेसबुक लाईव द्वारा प्रदेशवासियों से एक बार फिर से सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि बङी संख्या में उत्तराखंड के लोग बाहर हैं जो आना चाहते हैं। परंतु इस समय जो जहां है वहीं रहना है। भारत सरकार ने सभी राज्य सरकारों को निर्देशित किया है कि अपने अपने राज्यों में बाहर के जो लोग फंस गए हैं उनके लिए भोजन आदि की पूरी व्यवस्था करें। कोई भी भूखा नहीं रहेगा। हालांकि दिक्कत जरूर होगी परंतु इन दिक्कतों में संयम और सतर्कता बनाकर रखना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में जो लोग बाहर से अपने गांवों में आ चुके हैं, वे सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन करे। अपने बच्चों से भी कुछ दिनों के लिए दूर रहें। खुद को भी बचाएं और अपने परिवार और गांव को भी बचाएं। जाने अनजाने में कोई भी गलती नहीं करनी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में बङी संख्या में दूसरे प्रदेशों के श्रमिक और पर्यटक हैं। इन सभी के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं की गई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सबके सहयोग से ही हम कोरोना वायरस को हरा सकते हैं। कोरोना हारेगा, उत्तराखंड जीतेगा।