देश में लगातार पांचवें दिन कोरोना के 40 हजार मामले

देश में रविवार को रात ग्यारह बजे तक कोरोना विषाणु संक्रमण के 40,715 मामले सामने आए जबकि 419 लोगों की संक्रमण की वजह से मौत हुई। देश में लगातार पांचवें दिन 40 हजार से अधिक कोरोना के मामले सामने आए। ये आंकड़े राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के स्वास्थ्य विभागों की ओर से जारी किए गए।
वहीं, केरल में भी लगातार पांचवें दिन 20 हजार से अधिक मामले दर्ज किए गए। पांच राज्यों में एक हजार से अधिक और सात हजार से कम मामले सामने आए जबकि 18 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में सौ से कम मामले दर्ज किए गए। देश में सबसे अधिक कोरोना संक्रमण के मामले केरल में दर्ज किए गए। केरल स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक राज्य में कोरोना के 20,728 मामले सामने आए जबकि 56 लोगों की मौत हुई। केरल में 27 जुलाई को 22,129, 28 जुलाई को 22,056, 29 जुलाई को 22,064, 30 जुलाई को 20,772 और 31 जुलाई को 20,624 मामले दर्ज किए गए थे।
रविवार को महाराष्ट्र में 6,479, आंध्र प्रदेश में 2,287, तमिलनाडु में 1,990, कर्नाटक में 1,875, ओड़ीशा में 1,437, मिजोरम में 861, मणिपुर में 832, असम में 754, पश्चिम बंगाल में 701, मेघालय में 589, तेलंगाना में 455, अरुणाचल प्रदेश में 266, त्रिपुरा में 222, छत्तीसगढ़ में 214, सिक्किम में 206, जम्मू कश्मीर में 145, हिमाचल प्रदेश में 134, पुदुचेरी में 90, दिल्ली में 85, नगालैंड में 73, गोवा में 59, बिहार में 45, उत्तर प्रदेश में 36, झारखंड में 32, हरियाणा में 29, पंजाब में 26, गुजरात में 23, उत्तराखंड में 22, मध्य प्रदेश में 17, राजस्थान में 10 मामले आए। लद्दाख में 10, लक्षद्वीप में छह, अंडमान निकोबार में दो और चंडीगढ़ में एक मामला दर्ज किया गया।

अल्मोड़ा पहुंचे सीएम, कोविड कंट्रोल रूम का किया निरीक्षण

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत जनपद अल्मोड़ा के मुख्यालय पहुॅचे। जहॉ उन्होंने बेस चिकित्सालय-मेडिकल कालेज का निरीक्षण किया। उन्होंने बेस चिकित्सालय में चल रही व्यवस्थाओं का जायजा लेते हुए अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने सर्वप्रथम चिकित्सालय में कोरोना मरीजों की जानकारी के लिए स्थापित हैल्प डैस्क का निरीक्षण कर जानकारी प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने चिकित्सालय में डिजीटल डिस्प्ले सिस्टम जिसके माध्यम से लोग प्रतिदिन बेस में हो रहे आरटीपीसीआर सैम्पल की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, का भी निरीक्षण किया।
वहीं कोविड कन्ट्रोल रूम का भी उन्होंने निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने सीएनडीएस द्वारा बनाये जा रहे 12 बैड के आईसीयू कक्षों का निरीक्षण भी किया। प्राचार्य मेडिकल कालेज द्वारा इसके बारे में जानकारी प्रदान की गयी। उन्होंने आईसीयू कक्ष को जल्द से जल्द संचालित करने के निर्देश अधिकारियों को दिये।

निरीक्षण के दौरान उन्होंने कोविड वार्ड व उसमें भर्ती मरीजों की जानकारी अधिकारियों से प्राप्त की और कहा कि मरीजों के ईलाज में किसी भी प्रकार की कमी न होने दी जाय और उन्हें बेहतर ईलाज मुहैया कराया जाय। इस दौरान एचएलएल संस्था द्वारा बेस में निर्माणाधीन आक्सीजन जनरेशन प्लान्ट का निरीक्षण करते हुए उन्होंने अधिकारियों को 25 मई तक प्लान्ट निर्माण करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि एचएलएल के उच्चाधिकारियों से उनके द्वारा वार्ता कर कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिये जायेंगे। उन्होंने कहा कि मेडिकल कालेज के अवशेष निर्माण कार्य किन्ही कारणों से रूके थे जो अब प्रारम्भ हो चुके है और उन्हें जल्द से जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि कोविड संक्रमण की रोकथाम के लिए आवश्यक संसाधनों की कमी आडे़ नहीं आने दी जायेगी। अल्मोड़ा को एक दो दिन में 35 आक्सीजन कन्सन्ट्रेटर्स उपलब्ध कराए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेडिकल कालेजों में अन्तिम वर्ष के छात्रों व पूर्व सैनिकों की सेवायें लेकर कोविड में मैनपावर की कमी को दूर किया जायेगा।

इसके बाद मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत द्वारा राजकीय होटल मैनेजमेंट में चल रहे वैक्सीनेशन सेन्टर का निरीक्षण भी किया उन्होंने टीका लगा रहे लोगों से जानकारी प्राप्त की और कहा कि हमें अधिक से अधिक लोगां का टीकाकरण करते हुए इस महामारी को रोकने के प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि आज से प्रदेश में 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग के नागरिकों के लिए मुफ्त टीकाकरण प्रारम्भ किया गया है जिसमें 400 करोड़ से अधिक धनराशि का व्यय होगी जिसका वहन राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार जनता के साथ खड़ी है सभी को बेहतर स्वास्थ्य सुविधायें उपलब्ध कराने के हर सम्भव प्रयास किये जा रहे है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 में मीडिया कर्मियों द्वारा बेहतर कार्य किया गया है इस दौरान मीडिया के महत्व को देखते हुए उन्हें फ्रर्न्ट लाईन वर्कर के रूप में प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीन लगायी जा रही है।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कोरोना संक्रमण रोकथाम के लिए बेहतर प्रबन्ध करने, दवाईयों व आवश्यक उपकरणों की कालाबाजारी करने वाले पर सख्ती और जनपद की सीमाओं में कड़ी निगरानी रखते हुए प्रत्येक आने वाले व्यक्ति की गहन जॉच करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष ध्यान देने की जरूरत है, आशा सर्विलांस बढ़ाया जाय। पॉजिटिव आ रहे लोगां को होम आईसोलेशन किट तत्काल उपलब्ध कराये और उनके स्वास्थ्य की जानकारी लेते रहें। उन्होंने कहा कि लोगों को इस बात के लिए प्रेरित किया जाय कि हल्के लक्षण होने पर भी अपनी जॉच अवश्य करायें व डाक्टर का परामर्श अवश्य लें।

जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने जनपद में करोना संक्रमण की रोकथाम एवं आवश्यक तैयारियों की पॉवर पाइंट प्रजेंटशन के माध्यम से मुख्यमंत्री के सम्मुख रखी। इस दौरान प्राचार्य मेडिकल कालेज आर.जी. नौटियाल ने भी मेडिकल कालेज के कार्यों की प्रगति व समस्याओं के बारे में मुख्यमंत्री को अवगत कराया जिस पर उन्होंने शीघ्र समाधान करने का आश्वासन दिया। इस दौरान मा0 विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चैहान, सांसद अजय टम्टा, विधायक महेश नेगी, विधायक महेश जीना ने कई समस्यायें सम्बन्धित क्षेत्र से मुख्यमंत्री के सम्मुख रखी जिस पर उन्होंने उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया।

कार्यक्रम के दौरान कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, बाल विकास राज्य मंत्री रेखा आर्या, सांसद नैनीताल अजय भट्ट, भाजपा जिलाध्यक्ष रवि रौतेला, जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पंकज भट्ट, मुख्य विकास अधिकारी नवनीत पाण्डे, अपर जिलाधिकारी बीएल फिरमाल, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. सविता हंयाकी, एसीएमओ डॉ. योगेश पुरोहित, डॉ. दीपांकर डेनियल, उपजिलाधिकारी सीमा विश्वकर्मा, मोनिका, तहसीलदार संजय कुमार, पीएमएस एचसी गढ़कोटी, अनिल आर्या, पूर्व जिलाध्यक्ष भाजपा गोविन्द सिंह पिलख्वाल, रमेश बहुगुणा, कैलाश गुरूरानी, पुलिस उपाधीक्षक वीर सिंह, आपदा प्रबन्धन अधिकारी राकेश जोशी आदि उपस्थित थे।

हरिद्वार कोविड पोर्टल और प्री-पेड एंबुलेंस सर्विस को सीएम ने दिखाई हरी झंडी

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने हरिद्वार पहुंचकर उत्तराखंड सरकार एवं पतंजलि योगपीठ के संयुक्त प्रयासों से संचालित हो रहे हैं 140 क्षमता के कोविड अस्पताल का विधिवत शुभारंभ किया। इस अस्पताल में 140 ऑक्सीजन बेड, 10 इमरजेंसी बेड, 4 वेंटीलेटर की व्यवस्था है। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने हरिद्वार कोविड पोर्टल और प्री-पेड एंबुलेंस सर्विस को भी हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ किया। पतंजलि योगपीठ के सहयोग से संचालित होने वाले अस्पताल में स्टाफ, सफाई, ठहरने भोजन, दवाओं इत्यादि की व्यवस्था भी पतंजलि योगपीठ द्वारा की जाएगी।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि हरिद्वार में संचालित होने वाले इस कोविड अस्पताल का लाभ आस पास के जिलों के लोग भी ले सकेंगे, मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई में हम सबको कोविड-19 गाइडलाइन का अक्षररूश पालन करना है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कोरोना से लडने के लिए कारगर कदम उठा रही है। प्रदेश में 18 साल से ऊपर के लोगों के लिए निशुल्क कोरोना वैक्सीन की व्यवस्था की गई है, उन्होंने कहा कि इस पूरे अभियान में 400 करोड़ से ज्यादा का खर्च आएगा।’

’मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में लगातार वेंटिलेटर की संख्या बढ़ाई जा रही है। आईडीपीएल ऋषिकेश में एवं सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी में 500- 500 बैड के 2 अस्थाई अस्पताल अगले कुछ दिनों में तैयार हो जाएंगे जिसके लिए हमने डीआरडीओ के लिए 40 करोड़ जारी कर दिए हैं। इसके साथ ही हल्द्वानी सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज में अगले कुछ दिनों में ऑक्सीजन टैंक स्थापित किया जा रहा है।हिमालयन इंस्टीट्यूट जॉली ग्रांट में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने हेतु भारत सरकार से आग्रह किया गया है, जिसका सकारात्मक जवाब मिला है उम्मीद है कि जल्द ये स्थापित हो जाएँगे।’

इस दौरान पतंजलि योगपीठ के संस्थापक स्वामी रामदेव ने कोरोना महामारी को लेकर सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। कार्यक्रम में शहरी विकास मंत्री बंशीधर भगत, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, रानीपुर विधायक आदेश चैहान, हरिद्वार मेयर अनीता शर्मा एवं पतंजलि योगपीठ के आचार्य बालकृष्ण मौजूद रहे।

राज्य के विधायक एक करोड़ तक के कोविड कार्य करा सकेंगे

उत्तराखंड में बढते कोविड संक्रमण के देखते हुए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने राज्यहित में महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए विधायक निधि से 1 करोड़ रुपए तक के कोविड कार्यो को करवाने हेतु स्वीकृति दे दी है। मुख्यमंत्री के निर्णय के बाद अब प्रदेश के सभी विधायकगण अपनी विधायक निधि से अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में कोविड रोकथाम सम्बंधी जरुरी व्यवस्थाओं पर एक करोड़ रुपए तक खर्च कर सकते हैं। वर्तमान में कोविड की परिस्थितियों को देखते हुए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने यह निर्णय लिया है। ’मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सभी विधायकगणों से अपेक्षा की है, कि वे तत्काल अपने-अपने क्षेत्रों में कोविड की रोकथाम के लिए हर सम्भव प्रयास करेंगे और विशेषकर सूदूरवर्ती इलाकों में रह रहे लोगों को कोविड की जंग जीतने में मदद करेंगे।’

सरकार के शासकीय प्रवक्ता कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश के सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों के विधायक अपनी विधायक निधि से 1 करोड़ रुपए तक खर्चा कर सकते हैं जिसके जरिए आईसीयू वार्ड, आक्सीजन सिलेंडर, वेन्टीलेटर जैसी जरुरतों को पूरा करने के लिए विधायकगण, जिलाधिकारी और सीएमओ से विचार विमर्श करने के बाद जारी कर सकते हैं। बताया कि मुख्यमंत्री के इस निर्णय से सूदूरवर्ती गांवों के जो प्रथामिक केद्र एंव अन्य स्वास्थ्य केंद्र हैं, वहां भी वो सुविधा उपलब्ध कराई जा सकेगी जो बडे अस्पतालों में कराई जा रही हैं। कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि कोरोना के इस संकटकाल में इस निर्णय का फायदा निस्संदेह इस विषम भौगोलिक परस्थितियों वाले राज्य के दूरस्थ क्षेत्र के हर एक व्यक्ति को मिल सकेगा।

उत्तराखंड में बढते कोविड संक्रमण के देखते हुए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने राज्यहित में महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए विधायक निधि से 1 करोड़ रुपए तक के कोविड कार्यो को करवाने हेतु स्वीकृति दे दी है। मुख्यमंत्री के निर्णय के बाद अब प्रदेश के सभी विधायकगण अपनी विधायक निधि से अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में कोविड रोकथाम सम्बंधी जरुरी व्यवस्थाओं पर एक करोड़ रुपए तक खर्च कर सकते हैं। वर्तमान में कोविड की परिस्थितियों को देखते हुए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने यह निर्णय लिया है।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सभी विधायकगणों से अपेक्षा की है, कि वे तत्काल अपने-अपने क्षेत्रों में कोविड की रोकथाम के लिए हर सम्भव प्रयास करेंगे और विशेषकर सूदूरवर्ती इलाकों में रह रहे लोगों को कोविड की जंग जीतने में मदद करेंगे।

सरकार के शासकीय प्रवक्ता कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश के सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों के विधायक अपनी विधायक निधि से 1 करोड़ रुपए तक खर्चा कर सकते हैं जिसके जरिए आईसीयू वार्ड, आक्सीजन सिलेंडर, वेन्टीलेटर जैसी जरुरतों को पूरा करने के लिए विधायकगण, जिलाधिकारी और सीएमओ से विचार विमर्श करने के बाद जारी कर सकते हैं। शासकीय प्रवक्ता उनियाल ने बताया कि मुख्यमंत्री के इस निर्णय से सूदूरवर्ती गांवों के जो प्रथामिक केद्र एंव अन्य स्वास्थ्य केंद्र हैं, वहां भी वो सुविधा उपलब्ध कराई जा सकेगी जो बडे अस्पतालों में कराई जा रही हैं। कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि कोरोना के इस संकटकाल में इस निर्णय का फायदा निस्संदेह इस विषम भौगोलिक परस्थितियों वाले राज्य के दूरस्थ क्षेत्र के हर एक व्यक्ति को मिल सकेगा।

जिला देहरादूनः 26 अप्रैल से एक सप्ताह का कोरोना कर्फ्यू

राजधानी में कोविड संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए डीएम डॉ० आशीष कुमार श्रीवास्तव, जिला मजिस्ट्रेट, देहरादून ने सोमवार 26 अप्रैल शाम 7 बजे से 3 मई सोमवार सुबह 5 बजे तक कोरोना कर्फ्यू लगाने के आदेश दिए है।
जनपद देहरादून के नगर निगम ऋषिकेश, देहरादून एवं छावनी परिषद गढीकैन्ट और क्लेमनटाऊन के क्षेत्र पर ये लागू होंगे।
1- दिनांक 26 अप्रैल 2021 (सोमवार) की सांय 07 बजे से दिनांक 03 मई 2021 (सोमवार) प्रातः 05 बजे तक जनपद देहरादून के नगर निगम ऋषिकेश, देहरादून एवं छावनी परिषद गढीकैन्ट और क्लेमनटाऊन के क्षेत्रार्न्तगत पूर्णतः कोरोना कर्फ्यू रहेगा। इस दौरान निजी वाहनों का आवागमन भी पूर्णतयाः प्रतिबन्धित रहेगा।
2- उक्त कोरोना कर्फ्यू अवधि में निम्नवत सेवाओं से जुड़े दुकानो व वाहनो को सशर्त छूट निम्न प्रकार से रहेगी: फल, सब्जी की दुकानें, डेरी, बेकरी, मीट-मछली (वैध लाईसेंसधारी) की दुकाने, राशन की दुकाने, सरकारी सस्ता गल्ला की दुकाने तथा पशुचारा की दुकाने अपरान्ह 04 बजे तक ही खुली रह
पेट्रोल पम्प व गैस आपूर्ति तथा दवा की दुकानें पूरे समय खुली रहेगी।
आवश्यक सेवा से जुड़े वाहनो तथा सरकारी वाहनों को केवल ड्यूटी हेतु आवागमन में छूट होगी। हवाई जहाज, ट्रेन तथा बस से यात्रा करने वाले व्यक्तियों को आवागमन में छूट होगी।
→ शादी और संबन्धित समारोहों में प्रवेश करने के लिए बैंकेट हॉल / सामुदायिक हॉल और विवाह समारोहों से संबंधित
व्यक्तियों / वाहनों की आवाजाही हेतु प्रतिबन्धों के साथ छूट रहेगी समारोह स्थल पर 50 से अधिक व्यक्ति एकत्रित नहीं हो सकेंगे ।
→ सार्वजनिक हित के निर्माण कार्य चलते रहेगे तथा इनसे जुड़े हुए कार्मिक एवं मजदूरो तथा निर्माण सामग्री के वाहनो को आवागमन में छूट रहेगी।
→ औद्योगिक इकाईयो, तथा इनके वाहन व कार्मिकों को आने-जाने की छूट होगी। → रेस्टोरेन्ट तथा मिठाई की दुकानो से होम डिलवरी में छूट रहेगी
शव यात्रा से संबंधित वाहनो को छूट रहेगी तथा अंतिम संस्कार में 20 से अधिक व्यक्ति सम्मलित नही हो सकेंगे।
→ केन्द्र सरकार तथा राज्य सरकार के अधीन समस्त शासकीय तथा अशासकीय कार्यालय (आवश्यक सेवा के कार्यालयों को छोड़कर) बन्द रहेंगे।
→ मालवाहक वाहनो के आवागमन में छूट रहेगी।
→ वास्तविक रूप से चिकित्सालय उपचार हेतु जाने वाले व्यक्तियों के वाहनों को आवागमन में छूट होगी।
कोविड 19 जांच एवं टीकाकरण हेतु निकटवर्ती केन्द्र तक आवागमन की छूट होगी।
→ पोस्ट ऑफिस तथा बैंक यथा समय खुले रहेंगे।
दिनांक 26.04.2021 को बाजार सांय 05 बजे तक खुले रहेंगे तथा सांय 07 बजे से पूर्व की भाँति रात्रि कर्फ्यू

सीएम से मुलाकात कर स्पीकर प्रेमचंद ने जाना स्वास्थ्य हाल

विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने आज मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से उनके शासकीय आवास पर शिष्टाचार भेंट की। उन्होंने कोरोना संक्रमण से जंग जीतने पर मुख्यमंत्री को गुलदस्ता भेंट करते हुए शुभकामनाएं दी एवं उनकी कुशलक्षेम जानी। इस अवसर पर उन्होंने मुख्यमंत्री के स्वस्थ जीवन की कामना की है।

भेंट वार्ता के दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने प्रदेश से संबंधित विभिन्न विषयों पर मुख्यमंत्री से वार्ता की जिसमें विस अध्यक्ष ने प्रदेश में कोरोना के टीके के सफल पूर्वाभ्यास के बाद प्रदेश के लोगों पर लगाए जाने वाले कोरोना वैक्सीनेशन की प्रक्रिया एवं व्यवस्था के संबंध में वार्ता की।

उन्होंने इस दौरान कुंभ मेले के संचालन को लेकर भी बातचीत की वहीं गैरसेंण के विकास को लेकर प्रस्तावित योजनाओं सहित विभिन्न विषयों पर वार्ता की। मुलाकात के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री कोरोना की जंग जीतने के बाद प्रदेश के विकास में पुनः दुगने उत्साह एवं भरपूर ऊर्जा के साथ कार्यों में जुट गए हैं। उन्होंने प्रदेशवासियों का भी धन्यवाद किया कि उनकी पूजा-अर्चना एवं शुभकामनाओं के साथ मुख्यमंत्री शीघ्र ही स्वस्थ होकर हमारे बीच पहुंचे हैं।

रेलवे मार्ग पर घूम रहे लोगों को एसडीआरएफ ने दी कोरोना संक्रमण की जानकारी

एसडीआरएफ की टीम ने आज रेलवे मार्ग पर घूम रहे यात्रियों, दुकानदार को कोविड -19 की जानकारी देकर जागरूक किया। इस दौरान टीम ने प्रशिक्षण के जरिए बताया कि लगातार मास्क लगाकर व सामाजिक दूरी को अपनाकर इससे बचा जा सकता है।

एसडीआरएफ के सब इंस्पेक्टर कविंद्र सजवाण ने बताया कि किसी भी वस्तु को छूने के बाद हाथों को सेनिटाइज, या साबून से अच्छे से धोएं। अपने हाथों को कार्य के दौरान मुँह को बिल्कुल न छुएं, किसी भी स्थान पर न छींके व थूकें, घरों में जाकर कमरे में अपने जूते चप्पल न ले जाएं, कपड़ों को वाश करें या धूप में सुखाएं,हाथों को धुलने के तरीके भी बताए गए।

बताया कि ठंडी चीज खाने से बचें, गर्म पानी का सेवन करते रहें। उन्होंने योग को अपनाने पर भी जोर दिया। कहा कि इससे इम्युनिटी बढ़ाई जा सकती है। साथ ही उन्होंने बुजुर्ग, बच्चों का विशेष ध्यान देने पर भी जोर दिया। इस दौरान एसडीआरएफ की ओर से संदीप सिंह, रविन्द्र सिंह, सुमित नेगी आदि उपस्थित रहे।

एम्स में भर्ती 1600 से अधिक कोविड रोगी हुए स्वस्थ्य

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में 90 वर्षीय बुजुर्ग महिला से कोरोना हार गया है। जी हां, यहां कोरोना संक्रमित होने के बाद से बुजुर्ग महिला को भर्ती किया गया था। अब वह पूरी तरह से स्वस्थ होकर घर लौट गई है।

एम्स निदेशक प्रो. रविकांत ने कहा कि निर्धन व्यक्ति को समुचित और बेहतर मेडिकल सुविधा देने के लिए एम्स प्रतिबद्ध है। जिस वक्त कोविड चरम पर था और अन्य अस्पताल कोविड रोगियों का इलाज करने में असमर्थता जाहिर कर रहे थे, उस दौरान कोविड मरीजों का इलाज करने में एम्स ने प्राथमिकता रखी। कहा कि कोविड मरीजों के इलाज के लिए एम्स में पर्याप्त मात्रा में बैड, आईसीयू और वेंटिलेटर्स का प्रबंध किया गया है। हेल्थ केयर वर्करों की सराहना करते हुए कहा कि कोरोना संक्रमित मरीजों की जान बचाने के लिए हेल्थ केयर वर्कर्स की टीम ने जोखिम उठाते हुए दिन-रात अपनी जिम्मेदारी निभाई है।

डीन हॉस्पिटल अफेयर्स प्रो. यूबी मिश्रा ने बताया कि एम्स में कोविड काल शुरू होने के बाद से अब तक 1600 से अधिक कोविड मरीज ठीक होकर घर लौट चुके हैं। इन मरीजों में 90 साल की वृद्ध महिला से लेकर 1 दिन का नवजात शिशु तक का मरीज शामिल हैं। उन्होंने बताया कि 90 साल की वृद्धा मूलरूप से टिहरी गढ़वाल जिले के कीर्तिनगर विकासखंड के अंतर्गत मूलधार गांव की निवासी है। कोविड पाॅजिटिव इस वृद्धा को बीती 8 सितम्बर को एम्स में भर्ती किया गया था। इसे पहले से अस्थमा की बीमारी की शिकायत थी और कोरोना संक्रमित होने के बाद इसे सांस लेने में अत्यधिक तकलीफ हो रही थी। 17 दिनों तक अस्पताल में रहने के बाद पूर्ण स्वस्थ होने पर इसे 25 सितम्बर को डिस्चार्ज कर दिया गया था।

कहा कि कोविड मरीजों का ग्राफ कुछ कम हुआ है, लेकिन इसका खतरा अभी टला नहीं है। इस बीमारी के प्रति जरा सी लापरवाही फिर से भारी पड़ सकती है। उधर, 90 वर्षीय वृद्धा मौली देवी के पौत्र चैदहबीघा, ऋषिकेश निवासी दीपक कंडारी ने बताया कि उनकी दादी आजकल गढ़वाल में है और पूर्णतौर से स्वस्थ है। अपनी दादी के बेहतर उपचार के लिए उन्होंने एम्स ऋषिकेश के विशेषज्ञ चिकित्सकों का आभार जताया।

कोविड-19 पर प्रधानमंत्री मोदी ने समय पर लिए सही फैसलेः त्रिवेन्द्र

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा है कि मोदी 2.0 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने बड़े ऐतिहासिक फैसले लिए। देश के रक्षा क्षेत्र को मजबूत किया। धारा 370 और 35 ए को खत्म कर नया इतिहास लिखा। तत्काल तीन तलाक को खत्म कर मुस्लिम बहनों को बड़ी राहत दी। नागरिकता संशोधन कानून को मंजूरी दी गई। राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया गया। कारपोरेट टैक्स और आयकर में रियायत दी गईं। सामाजिक सुरक्षा के दायरे को बढ़ाते हुए छोटे दुकानदारों के लिए पेंशन योजना की शुरूआत की गई। हर घर जल हर घर नल योजना पर टाईमबाउंड तरीके से काम चल रहा है। एक देश एक राशन कार्ड योजना लागू की गई है।

स्काईप के माध्यम से मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सही समय पर लिए गए सही निर्णय से भारत में कोरोना वायरस से उतना नुकसान नहीं हुआ जैसी कि सम्भावना जताई जा रही थी। लॉकडाउन से संक्रमण की दर को नियंत्रित किया गया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ रूपए का पैकेज प्रदान किया। इससे आत्मनिर्भर भारत का मार्ग प्रशस्त हो रहा है। इस पैकेज द्वारा मजदूरों, किसानों और गांवों को मजबूती मिलेगी। इसमें एमएसएमई सेक्टर को भी बूस्ट करने के लिए बहुत से महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं। इसका फायदा राज्य के एमएसएमई क्षेत्र को भी मिलेगा। विशेष तौर अपने गांव लौटे प्रवासी श्रमिकों को काम मिलेगा। कर्मचारियों को राहत देते हुए अब अगले तीन माह तक पीएफ में अंशदान का भुगतान सरकार करेगी जिसपर 2500 करोड़ का खर्च आएगा। स्वास्थ्य क्षेत्र में सार्वजनिक व्यय को बढ़ाने से स्वास्थ्यगत ढांचा मजूबत होगा। हेल्थ एवं वेलनेस सेंटरों में सुविधाएं बढेंगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में अभी तक लगभग 2 लाख के करीब लोग वापस लौटे हैं। इनका विवरण तैयार किया जा रहा है। प्रदेश में केंद्र सरकार की गाईडलाईन के अनुसार आने वालों की स्क्रिनिंग, टेस्टिंग और क्वारेंटाईन की व्यवस्था की जा रही है। राज्य में कोराना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, परंतु हमारी पूरी तैयारी है। लगभग 14 हजार बैड संस्थागत फेसिलिटी में उपलब्ध हैं। आईसीयू, वेंटिलेटर के साथ ही चिकित्सकों और पेरामेडिकल स्टाफ की संख्या में इजाफा किया गया है।

भारत सरकार ने 8 जून से धार्मिक स्थलों को खोलने की अनुमति दी है। चारधाम यात्रा को सीमित, नियंत्रित और सुरक्षित रूप से शुरू करने पर विचार किया जाएगा। परिस्थितियों के अनुरूप इसे लेकर निर्णय लिया जाएगा। पर्यटन से जुड़े लोगो को राहत देने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। प्रदेश की अर्थव्यवस्था को दोबारा गति देने के लिए बहुत सी आर्थिक गतिविधियों को शुरू किया गया है। रजिस्ट्री, स्टाम्प आदि से सरकार को राजस्व मिलने लगा है। युवाओं और प्रदेश में लौटे लोगों के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना प्रारम्भ की गई है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। औद्योगिक इकाईयों को संचालन की अनुमति दी गई है।

लॉकडाउन और दो सप्ताह बढ़ाने पर राज्यों के बीच सहमति बनी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोविड-19 से निपटने की रणनीति पर विचार-विमर्श करने के लिए राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंस की है। कई राज्यों ने प्रधानमंत्री से लॉकडाउन और दो सप्ताह बढ़ाने का अनुरोध किया है। प्रधानमंत्री ने कहा है कि लॉकडाउन और दो सप्ताह बढ़ाने पर राज्यों के बीच सहमति लगती है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ हमारा संघर्ष तब तक मजबूत रहेगा जब तक देश का प्रत्येक नागरिक अपनी जिम्मेदारी निभायेगा और सरकार तथा प्रशासन के निर्देशों का पालन करेगा।
मोदी ने लॉकडाउन तथा परस्पर सुरक्षित दूरी पर जोर देते हुए कहा कि लोगों का जीवन बचाने के लिए यह आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सरकार का मंत्र जान है तो जहान है के स्थान पर जान भी और जहान भी होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि केन्द्र और राज्यों के संयुक्त प्रयासों से कोविड-19 का प्रकोप घटाने में मदद मिली है, लेकिन अब स्थिति तेजी से बदल रही है और सतर्कता जरूरी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अगले तीन-चार सप्ताह वायरस के प्रभाव को जानने के लिए महत्वपूर्ण हैं। मोदी ने कहा कि भारत में आवश्यक दवाई की पर्याप्त आपूर्ति है और अग्रिम पंक्ति में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए जरूरी उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कालाबाजारी और जमाखोरी करने वाले लोगों को सख्त चेतावनी दी। डॉक्टरों और चिकित्सकर्मियों पर हमले और पूर्वोत्तर तथा कश्मीर के छात्रों के साथ बुरे बर्ताव की कड़ी आलोचना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे मामलों से सख्ती से निपटा जाना चाहिए। उन्होंने लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों पर काबू करने तथा परस्पर दूरी बनाये रखने पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य का बुनियादी ढांचा मजबूत करने और रोगियों तक टेलीमेडिसन के जरिये पहुंचने को भी कहा। उन्हांेने सुझाव दिया कि कृषि उपज की डायरेक्ट मार्केटिंग करने से मंडियों में भीड़ को रोका जा सकता है। इसके लिए कृषि उत्पाद मंडी समिति प्रावधानों में सुधार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे किसानों की मदद हो सकेगी। प्रधानमंत्री ने आरोग्य सेतु एप को लोकप्रिय बनाने को कहा। उन्होंने इसके लिए दक्षिण कोरिया और सिंगापुर में मिली सफलता का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि उनके अनुभव से भारत ने इस एप के माध्यम से यह प्रयास किया है। इस एप को ई-पास के रूप में इस्तेमाल संभावना तलाशने पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि यह एक स्थान से दूसरे स्थान की यात्रा करने में सहायक होगा।
आर्थिक चुनौतियों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह संकट आत्मनिर्भर बनने और देश को आर्थिक शक्ति बनाने का एक मौका है। बैठक में मुख्यमंत्रियों ने अपने-अपने राज्यों की स्थिति के बारे में अवगत कराया और महामारी को काबू करने के उपाय, स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे में सुधार प्रवासी मजदूरों की मदद और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बनाये रखने के कदमों की जानकारी दी।