इस वर्ष होली छलड़ी को लेकर न रहे भ्रम की स्थिति, जाने संपूर्ण जानकारी

कुमाऊंनी रिश्ते संस्था के संचालक योगेश जोशी ने इस वर्ष फाल्गुन शुक्ल पक्ष व्रत पर्व का कैलेंडर जारी किया है।

*फाल्गुन शुक्ल पक्ष व्रत पर्व-*

? दुर्गाष्टमी,होलाष्टक प्रारम्भ- 10 मार्च 26 गते फाल्गुन

?चीर बंधन,रंगधारण ध्वजारोपण-13 मार्च(प्रातः 10 बजकर 22 मिनट बाद) मासांत

?आमलकी एकादशी व्रत,चैत्र मास प्रारम्भ व फलदेई-14 मार्च 1 गते चैत्र

?होलिका दहन-17 मार्च(रात्रि 9:4 से 10 :22 के मध्य)

?होली छलड़ी-19 मार्च 6 गते(चैत्र कृष्ण प्रतिपदा)

? *नोट-*
?14 मार्च को सम्पूर्ण एकादशी तिथि भद्रा से व्याप्त होने के कारण रंगधारण,चीर बंधन 13 मार्च को 10 बजकर 22 मिनट बाद किया जाना शास्त्र सम्मत है।

?17 मार्च होलिका दहन के दिन पूर्णिमा तिथि व प्रदोष काल भद्रा से व्याप्त होने के कारण होलिका दहन भद्रापुच्छ रात्रि 9 बजकर 4 मिनट से 10 बजकर 22 मिनट के मध्य किया जाना शास्त्र सम्मत है।

?इस वर्ष छलड़ी को लेकर लोग भ्रम की स्थिति मे है पर 18 मार्च को सम्पूर्ण पूर्वान्ह में पूर्णिमा तिथि है और छलड़ी सदैव उदयव्यापिनी चैत्र कृष्ण प्रतिपदा में होती है अतः छलड़ी(होली)19 मार्च को शास्त्र सम्मत है।

लोक कलाकारों को प्रोत्साहित करें और पहाड़ी वाद्य यंत्रों की ध्वनि को करें स्वीकार

आज के वक्त में जहां आधुनिक वाद्य यंत्रों ने अपने पैर पसार लिए है, वहीं उत्तराखंड में आज भी अपनी संस्कृति को संजोए रखने के प्रयास जारी हैं। विलुप्ति की दहलीज पर इन पहाड़ी वाद्य यंत्रों की ध्वनि को जो कोई भी सुनता है, मंत्रमुग्ध ही हो जाता है और इसे संचालित करने वाले लोक कलाकारों की प्रशंसा किए नहीं थकता। यह मनोरमणीय आनंद आप भी लें सकते है। इसके लिए ऋषिकेश में सात दिवसीय कार्यशाला आयोजित हो रही है, रविवार को कार्यशाला का दूसरा दिन है। यहां हर तरह के पहाड़ी वाद्य यंत्रों को न सिर्फ देखने का मौका आप को मिल सकता है, बल्कि इससे निकलने वाले हर सुर का आप आनंद ले सकते है, तो देर न करें। इस कार्यशाला में लोक वाद्य में बजाए जाने वाली तालों और चालो का आपसी सामंजस्य की चरणबद्ध तरीके से प्रस्तुति के लिए कलाकारों को समयबद्व होकर अपने प्रस्तुतीकरण का अभ्यास कराया जाएगा।


इससे पूर्व नगर निगम ऋषिकेश और नमामि गंगे प्रकोष्ठ उमंग हेमवतीनन्दन बहुगुणा केंद्रीय गढ़वाल विश्वविद्यालय श्री नगर गढ़वाल के संयुक्त तत्वावधान उत्तराखण्डी लोक वाद्यों पर केन्द्रित कार्यशाला हिमालयी निनाद का शुभारंभ मेयर अनिता ममगाईं ने किया। कहा कि उत्तराखंड की लुप्त हो रही वादन कला की संस्कृति को जागृत करने के लिए यह अनोखा प्रयास किया जा रहा है, वह सराहनीय ही नहीं बल्कि अनुकरणीय भी है। लोककला के संरक्षण के लिए किया जा रहा यह प्रयास कलाकारों का मनोबल बढ़ाने में सहयोग करेगा।

कार्यशाला के उपरांत कार्यक्रम की प्रस्तुति के लिए वृहद कार्यक्रम नगर की हद्वय स्थली त्रिवेणी घाट में आयोजित किया जायेगा। विभिन्न पर्व, मेलों व संस्कारों में गाए जाने वाले लोक गीतों को बेहद खास बनाने में पहाड़ के वाद्य यंत्रों का विशेष स्थान है। एक दौर में परंपरागत वाद्य यंत्रों का वादन बहुतायत से होता था, लेकिन आधुनिकता की चकाचैंध से यहां के परंपरागत वाद्य यंत्रों की धुनें अब कभी कभार ही सुनाई देती हैं।

कार्यक्रम के संयोजक गणेश खुगशाल गणी ने बताया कि वोकल फोर लोकल के लिए नगर निगम ने पर्वतीय अंचल की लोक संस्कृति के प्रतीक यहाँ के लोक वाद्यों की कर्णप्रिय धुनों को संजोने के लिए नायाब पहल की है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के संरक्षण में इन वाद्य यंत्रों का संव‌र्द्धन बेहतर ढंग से हो सकता है इसके लिए कोशिश की जानी चाहिए। कार्यशाला के माध्यम से जो कलावंत पारंगत होंगे वे इस धरोहर को आगे बढ़ाने के लिए इसमें रूचि रखने वाले युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिए कार्य करेंगे यही इस अभिनव कार्यशाला आयोजन का मुख्य उद्देश्य है।गणी ने बताया कि कार्यशाला पूर्ण होने पर गंगा घाट पर कार्यक्रम आयोजित कर एक प्रस्तुतिकरण किया जाएगा जिसमें तमाम कलाकार उत्तराखंडी वेशभूषा में अपनी प्रस्तुति देंगे।

कलाकारों के बारे में जानकारी देते हुए गणी ने बताया कि कार्यशाला में ढोली गजेंदर लाल ढांढरी पौड़ी से दमौ वादक परअजय चंद्रबदनी टिहरी से मशकवीन वादक विनोद चन्द्रबदनी से नगाडा वादक गोविंद लाल भरतपुर रामनगर से, रौंटी वादक सुरेंद्र प्रकाश जखल अल्मोड़ा से, रणसिंहा वादक अनिलबर्मा और मुन्ना दास चकराता से डौंर वादक पवन चैहान चैंदकोट नौंगांवखाल से, थाली वादक सौरभ नेगी धरासू मवालस्यूं, हुड़का वादक सुरेन्द्र बैसवाल सिल्ला भटवेड़ी देहरादून से बांसुरी वादक कैलाश ध्यानी गिंवाली लैंसडौन तथा कार्यशाला निर्देशक मोछंग वादक रामचरण जुयाल इस कार्यशाला में पौड़ी से आकर प्रतिभाग कर रहे हैं।

डॉ सर्वेश उनियाल (उमंग प्रकोष्ठ हेमवतीनन्दन बहुगुणा केंद्रीय गढ़वाल विश्व विद्यालय)ने उद्घाटन समारोह की मुख्य अतिथि मेयर अनिता ममगांई को स्मृति चिह्न भेंट कर उनका अभिनन्दन किया। कार्यक्रम में राज्य परियोजना प्रबंधन ग्रुप नमामि गंगे उत्तराखण्ड के संदीप उनियाल, नमामि गंगे की सह संयोजक नेहा नेगी आदि ने भी शिरकत की।

संगम कला ग्रुप ने डा. धीरेंद्र रांगड़ को बनाया रिजनल को-ऑर्डिनेटर

संगम कला ग्रुप के ग्लोबल अध्यक्ष वीएसके सूद ने डॉ. धीरेंद्र रांगड़ के अनुभव व कार्यकुशलता को देखते हुए उन्हें ऋषिकेश क्षेत्र से संगम कला ग्रुप का रिजनल को-ऑर्डिनेटरश् नियुक्ति किया।

देहरादून रोड स्थित एक होटल में आयोजित कार्यक्रम में अध्यक्ष सूद ने दायित्व पत्र कर साथ सुरतरंग बुक सौपते हुए डॉ. रांगड़ से निष्ठा व ईमानदारी के साथ अपने कर्तव्यों के निर्वाहन की आशा की।

उन्होंने बताया कि 42 वर्षों से कला-संगीत के क्षेत्र में कार्य कर रहे ग्रुप की सम्पूर्ण भारतवर्ष में 90 शाखाये हैं। सोनू निगम, सुनिधि चैहान, श्रेया घोषाल आदि ने विभिन्न वर्षों में संगम कला ग्रुप के मंच पर प्रतिभाग कर अपने कैरियर की शुरुआत की।

दिग्गज फिल्म निर्माता यश चोपड़ा ने ऑस्ट्रेलिया के एक कार्यक्रम में कहा था ग्रुप ने बहुत सी प्रतिभाओं को खोजा जो आज बड़े मुकाम पर है। उदित नारायण, महेन्द्र कपूर, ए.आर.रहमान, हंसराज हंस, कुमार सनु,पंकज उदास, अनूप जलोटा, गुलाम अली आदि कलाकारों को संगम कला ग्रुप द्वारा अवार्ड फंक्शनों में सम्मानित जा चुका है।

इस अवसर पर नीना सूद, देहरादून के को-ऑर्डिनेटर जगदीश बाबल, मसूरी के को-ऑर्डिनेटर रूपचंद गुरुजी, उत्तम घोष, मनीता घोष आदि उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने सड़कों के निर्माण कार्य को दी 5 करोड़ रूपए की स्वीकृति

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की घोषणा के अन्तर्गत पूर्व विधायक स्व. राजेंद्र शाह की आदमकद प्रतिमा के लिए 11.96 लाख की स्वीकृति दी गई है। इस धनराशि को एकमुश्त जारी करने की भी मुख्यमंत्री ने सहमति दी है।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लोक निर्माण, शिक्षा, समाज कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण, पर्यटन और धर्म संस्कृति समेत कुछ अन्य विभागों से संबंधित विकास कार्यों की स्वीकृति दी है। लोक निर्माण के तहत विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में सड़कों के निर्माण के लिए करीब 5 करोड़ की स्वीकृति जारी की है।

राज्य योजना के तहत जनपद उत्तरकाशी के विधानसभा क्षेत्र यमुनोत्री के विकासखंड चिन्यालीसौड़ के अंतर्गत मरगांव-जसपुर-चमियारी से उलण मोटर मार्ग के नवनिर्माण के लिए 3.30 करोड़ की स्वीकृति दी है। चालू वित्त वर्ष में इस मोटर मार्ग के लिए 10 हजार की स्वीकृति प्रदान की है। इससे इस मोटर मार्ग का निर्माण सुनिश्चित हो गया है। इस विधानसभा क्षेत्र में इस योजना समेत कुल 41.14 करोड़ की स्वीकृतियां जारी कर दी हैं।

हरिद्वार के खानपुर में दो खड़जा मार्ग के निर्माण कार्य के लिए 55.19 लाख की स्वीकृति जारी की गई है। ऊधमसिंहनगर के रुद्रपुर विधानसभा क्षेत्र के बुक्सौरा में आनंद सिंह के घर से फाल सिंह के घर तक मार्ग निर्माण के लिए 21.68 लाख की मंजूरी दी है। रुद्रपुर में ही एनएच-74 से प्रेमनगर अलखदेवी मार्ग के चैड़ीकरण का कार्य भी मंजूर कर दिया है। इसके लिए मुख्यमंत्री ने 5.29 लाख की स्वीकृति दी है। गदरपुर दिनेशपुर मदकोटा मोटर मार्ग के 04 किलोमीटर से श्यामनगर तक मार्ग का सुदृढ़ीकरण और निर्माण कार्य के लिए 1.73 करोड़ की स्वीकृति दी है।
पर्यटन विभाग के तहत नैनीताल जिले में भीमताल में करकोटक की चोटी का पर्यटन की दृष्टि से विकास और सौंदर्यीकरण के लिए मुख्यमंत्री ने 94.92 लाख की मंजूरी दी है। इसके लिए चालू वित्तीय वर्ष में 50 लाख की धनराशि अवमुक्त करने के भी आदेश दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत कुल 951 अनाच्छित बस्तियों में रह रहे बच्चों को केंद्र सरकार से अनुमन्य दरों पर परिवहन सुविधा मुहैया कराने की भी मुख्यमंत्री ने स्वीकृति दी है। केंद्र सरकार से इसके लिए कुल 2743 बच्चों को 6 हजार रुपए प्रति बच्चा प्रति वर्ष की दर से कुल 164.58 लाख रुपए अनुमोदित किया गया है।

टिहरी जिले के राजकीय इंटर कालेज ठेला, नैलचामी मे 4 कक्षा कक्षों के निर्माण को भी मुख्यमंत्री ने सहमति दी है। कार्यदायी संस्था ग्रामीण निर्माण विभाग ने इसके लिए 45 लाख का इस्टीमेट भेजा था। इसमें से 40 फीसदी राशि 18 लाख जारी करने पर स्वीकृति दी गई है। टिहरी के ही थौलधार विकासखंड के राजकीय इंटर कालेज बगियाल में दो कक्ष-कक्षों केनिर्माण के लिए 42.28 लाख की मंजूरी दी गई है। मुख्यमंत्री की घोषणा के क्रम में ही क्यारी स्थित राजकीय इंटर कालेज में दो कक्षा कक्षों की मंजूरी के लिए भी 42.28 लाख की सहमति दी है।

डोईवाला विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत राजकीय इंटर कालेज इठारना का जीर्ण शीर्ण भवन ध्वस्त कर नया भवन बनाया जाएगा। इसके लिए 4.53 करोड की मुख्यमंत्री ने सहमति दी है। पहली किश्त के रूप में 40 फीसदी यानि 1.81 करोड़ की राशि जारी करने की स्वीकृति दी है। देहरादून के राजकीय प्राथमिक विद्यालय डोभालवाला की मरम्मत कार्य के लिए 8.99 लाख की स्वीकृति दी है। पहली किश्त 3.60 लाख अवमुक्त करने की सहमति दी है।

युवा कल्याण व पीआरडी विभाग के तहत विधानसभा क्षेत्र ज्वालापुर के ग्राम नौकराग्रांट बुग्गावाला में मिनी स्टेडियम का निर्माण किया जाएगा।इसके लिए मुख्यमंत्री ने 96.85 लाख के सापेक्ष 40 फीसदी धनराशि यानि 38.74 लाख की वित्तीय स्वीकृति दी है।

मुख्यमंत्री ने समाज कल्याण विभाग के तहत तहसील लक्सर मे अंबेडकर वृद्ध आश्रम विष्णु विहार कालोनी गोरधनपुर रोड के लिए घोषणा मद से 10 लाख की अनुदान सहायता स्वीकृत की है। अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाओं का विकास योजना के तहत 61 निर्माण कार्यों के लिए 3.38 करोड़ अवमुक्त किए जाने पर सहमति दी है। समाज कल्याण विभाग में व्यवसायिक तथा विशेष सेवाओं के लिए भुगतान में विभागीय आनलाइन पेंशन पोर्टल की सुरक्षा आडिट के भुगतान के लिए 66 हजार की राशि मंजूर की गई है। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के तहत 31 निर्माण कार्य के ले 1.47 करोड़ की मंजूरी दी गई है। इसमें ऊधमसिंह नगर में 12, नैनीताल में 18 और देहरादून में एक निर्माण कार्य होना है।

पेयजल और स्वच्छता विभाग के तहत अल्मोड़ा के सोमेश्वर विधानसभा क्षेत्र में सुनौली अनुसूचित बस्ती दाड़िमखोला, थापला व बसौली में 3 हैंडपंप लगाए जाने हैं। इसके लिए मुख्यमंत्री ने 9.41 लाख की स्वीकृति के साथ ही इस राशि को जारी करने निर्देश दिए हैं।

आबकारी विभाग में ट्रैक और ट्रैस प्रणाली लागू की जाएगी। इस प्रणाली को लागू करने के लिए मुख्यमंत्री ने 4.63 करोड़ के बजट प्राविधान किए जाने के संबंध में विभागीय प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आपदा प्रबंधन विभाग के तहत चिन्यालीसौड़ के आपदा प्रभावित कान्सी के प्रभावित परिवारों को अन्यत्र सुरक्षित स्थान पर विस्थापित किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। आपदा प्रबंधन विभाग के तहत पिथौरागढ़, देहरादून, हरिद्वार को क्रमशः 1 करोड़, 3 करोड़ और 5 करोड़ कुल 9 करोड़ की राशि अवमुक्त करने की मुख्यमंत्री ने स्वीकृति दी है। लेकिन राज्य कार्यकारी समिति की आगामी बैठक में इसकी कार्यात्तर स्वीकृति ली जाएगी।

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने विश्व बैंक सहायतित परियोजना उत्तराखंड डिजास्टर रिकवरी प्रोजेक्ट दृएएफ के अंतर्गत हो रहे कार्यों के लिए 50 करोड़ की स्वीकृति दी है। इस प्रोजेक्ट के तहत करीब 50 पुलों का निर्माण, 5 नदी किनारे सुरक्षित निर्माण कार्य, यूएसडीएमए भवन निर्माण कार्य, 7 ढलान स्थिरीकरण कार्य तथा एसडीआरएफ मुख्यालय निर्माण कार्य चल रहा है। साथ ही प्रोजेक्ट के अधीन आकस्मिक आपातकालीन व्यवस्थाओं के घटक के तहत 140 एंबुलेंस, 1000 फालर बेड्स, 4 सीटी स्कैन मशीन व लैब सुदृढीकरण कार्य होना है।