केंद्रीय रक्षा मंत्री ने किया देहरादून स्थित शौर्य स्थल का उद्धाटन

केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून स्थित शौर्य स्थल का उद्घाटन किया।

केन्द्रीय रक्षा मंत्री एवं मुख्यमंत्री ने शौर्य स्थल पर पुष्प चक्र अर्पित कर उत्तराखण्ड के वीरगति प्राप्त योद्धाओं को श्रद्धांजलि दी। केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शौर्य स्थल का अवलोकन किया एवं शहीदों के परिजनों से मुलाकात भी की।

सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी, जनरल अनिल चौहान सीडीएस, सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह, पूर्व राज्यसभा सांसद तरूण विजय एवं मेजर जनरल संजीव खत्री ने भी उत्तराखण्ड के वीरगति प्राप्त योद्धाओं को श्रद्धांजलि दी।

देश व समाज में सकारात्मक परिवर्तन युवाओं से ही सम्भवः राजनाथ

राज्य स्थापना दिवस पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रदेश वासियों को बधाई देते हुए कहा कि उत्तराखण्ड से उनका हमेशा भावनात्मक लगाव रहा है। जब उत्तराखण्ड का निर्माण हुआ था वे ही संयुक्त उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। बड़ी खुशी की बात है कि उत्तराखण्ड तेजी से आगे बढ़ रहा है। राज्य ने राष्ट्रीय स्तर अपनी विशेष पहचान बनाई है। उत्तराखण्ड 20 वें वर्ष में प्रवेश कर गया है। यह ऐसी अवस्था होती है जब सब कुछ कर गुजरने की ललक होती है, साथ ही जोखिम भी उठाने का भाव होता है।

रक्षा मंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड भारत की देवभूमि है। पूरी दुनिया में इसे सम्मान प्राप्त है। प्रधानमंत्री ने कहा है कि यहां का हर गांव सैन्यधाम है। उत्तराखण्ड की शिक्षण संस्थानों मं देश भर के छात्र-छात्राएं पढ़न आते हैं। इसे देश का विद्याधाम भी कहा जा सकता है। यहां के शिक्षण संस्थान लघु भारत का रूप हैं।

रक्षा मंत्री राजनाथ ने कहा कि भारत ही एक ऐसा देश है जहां संस्कृति एक-दूसरे को जोड़ती है। सच्चे मायनों में राष्ट्र की संज्ञा, भारत को ही दी जा सकती है क्योंकि यही एक ऐसा देश है जिसने अपनी सांस्कृतिक पहचान सदियों से बनाए रखी है। यहां की विविधता में एकता अद्भुत है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राज्य आंदोलन के शहीदों का स्मरण करते हुए कहा कि सरकार प्रदेश के संतुलित विकास के लिए लगातार प्रयासरत है। इस दौरान उन्होंने विभिन्न घोषणाएं की।
1. आंगनवाडी केंद्रों पर 3 से 6 वर्ष के बच्चों के लिए सप्ताह में 4 दिन दूध, 2 दिन अंडा व केला उपलब्ध होगा।
2. राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के समान ही मुख्यमंत्री राज्य कृषि विकास परियोजना लागू होगी।
3. वृद्धावस्था, विकलांगता, विधवा पेंशन में 200 रुपए की वृद्धि की जाएगी, 1 जनवरी 2020 से लागू होगी।
4. उपनल, पीआरडी कर्मचारियों का मानदेय बढ़ाकर 500 रुपए प्रतिदिन किया जाएगा, यह भी 1 जनवरी 2020 से लागू होगा।
5. इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए नीति बनाई जाएगी।
6. सीमांत क्षेत्रों के विकास के लिए सीमांत तहसीलों में मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना लाई जाएगी। इससे पहाड़ों और दूरस्थ क्षेत्रों से पलायन रुक सकेगा, रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इसका सुझाव सैनिक सम्मेलन में प्राप्त हुआ था।
7. कामकाजी महिलाओं के बच्चों की देखभाल के लिए सेलाकुईं व रुद्रपुर में महिला हॉस्टल का निर्माण किया जाएगा।
9. राज्य में पशुओं का बीमा कराये जाने हेतु बीमा धनराशि की गैप फंडिंग की भरपाई राज्य सरकार द्वारा की जाएगी।
10. ग्रामीण क्षेत्रों के लिए सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट योजना बनाई जाएगी।
11. राज्य में दीनदयाल उपाध्याय एकीकृत भूकंप सुरक्षा कार्यक्रम का क्रियान्वयन किया जाएगा।
12. प्राथमिक स्कूलों में बच्चों को सप्ताह में एक दिन फोर्टिफाइट मीठा दूध उपलब्ध कराया जाएगा।
13. सभी जनपदों में आधुनिक विधि से सर्वेक्षण कर भू बंदोबस्त किया जाएगा। पहले पौड़ी गढ़वाल और अल्मोड़ा जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में किया जाएगा।
14. मिशन इन्द्रधनुष के तहत चिन्हित अति संवेदनशील क्लटरों में स्वास्थ्य से इतर अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराने के लिए सभी जनपदों में सर्व उत्थान सर्व समृद्धि अभियान चलाया जाएगा।
15. लोक कलाकारों के मानदेय को 400 रूपए से बढ़ाकर 600 रूपए और टीम लीडर का मानदेय 500 से बढ़ाकर 700 रूपए किया जाएगा।

कार्यक्रम में सूचना विभाग द्वारा प्रकाशित विकास पुस्तिका और बीस सूत्री कार्यक्रम की प्रगति रिपोर्ट 2018-19 का विमोचन किया गया।

मोदी, शाह को बना सकते है रक्षा मंत्री

शुक्रवार (28 जुलाई) को जब देश-दुनिया की निगाहें बिहार में नीतीश कुमार के शक्ति परीक्षण और पाकिस्तान में नवाज शरीफ को सुप्रीम कोर्ट द्वारा पद से हटाए जाने पर टिकी थीं तो भारतीय जनता पार्टी (बीेजपी) के अध्यक्ष अमित शाह गुजरात से राज्य सभा की उम्मीदवारी पर मीडिया ने ज्यादा तवज्जो नहीं दी। बीजेपी ने अमित शाह और स्मृति ईरानी को गुजरात से राज्य सभा चुनाव में उतारा है। गुजरात में बीजेपी की जो स्थिति है उसे देखते हुए दोनों का राज्य सभा पहुँचना तय माना जा रहा है। अभी अमित शाह गुजरात के सरखेज विधान सभा से विधायक हैं। शाह को अचानक राज्य सभा भेजने की कवायद से राजनीतिक गलियारे में ये कानाफूसी होने लगी है कि उन्हें नरेंद्र मोदी कैबिनेट में जगह दी जाने वाली है। केंद्र में मंत्री बनने के लिए सांसद होना जरूरी है इसलिए अमित शाह को ऊपरी सदन में लाया जा रहा है।
मीडिया में यहाँ तक खबर चल रही है कि अमित शाह को रक्षा मंत्री बनाया जा सकता है। मार्च 2017 में मनोहर पर्रीकर के रक्षा मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद से ही यह महत्वपूर्ण पद खाली पड़ा है। पर्रिकर केंद्रीय कैबिनेट छोड़कर गोवा के मुख्यमंत्री बन गए थे। पर्रिकर के इस्तीफे के बाद रक्षा मंत्रालय का दायित्व वित्त मंत्री अरुण जेटली को सौंप दिया गया। हालांकि जेटली के स्वास्थ्य और वित्त मंत्रालय के भार को देखते हुए उम्मीद की जा रही थी कि जल्द ही किसी बड़े नेता को रक्षा मंत्रालय का जिम्मा सौंपा जाएगा। लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ है। भारत और चीन के बीच जारी सिक्किम में सीमा विवाद के बीच नरेंद्र मोदी सरकार की इस बात के लिए आलोचना हो रही है कि देश के पास एक पूर्णकालिक रक्षा मंत्री नहीं है। रक्षा मंत्रालय देश के प्रमुख मंत्रालयों में शुमार होता है इसलिए इस पर किसी बड़े नेता की तैनाती होनी है। माना जा रहा है कि अमित शाह को रक्षा मंत्री बनाकर बीजेपी ये संदेश देना चाहेगी कि वो देश की सुरक्षा को बहुत ज्यादा गंभीरता से लेती है।