स्पीकर खंडूरी ने दिलाई सीएम धामी को विधानसभा सदस्य की शपथ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा देहरादून में विधानसभा सदस्य के रूप में शपथ ली। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूड़ी भूषण ने श्री पुष्कर सिंह धामी को शपथ दिलाई।

शपथ ग्रहण के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड की सम्पूर्ण जनता का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि चम्पावत की देवतुल्य जनता के आशीर्वाद से उन्होंने चम्पावत विधानसभा उपचुनाव में बड़ी जीत हांसिल की। उन्होंने उत्तराखण्ड की जनता का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश की जनता ने उन्हें जो प्यार, स्नेह एवं आशीर्वाद दिया। उसके लिए वे प्रदेश की जनता के आभारी हैं। उन्होंने पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं का भी आभार व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में उत्तराखण्ड राज्य को 2025 तक देश के सर्वश्रेष्ठ राज्यों की श्रेणी में लाने के पूरे प्रयास किये जायेंगे। 2025 में जब उत्तराखण्ड राज्य अपनी स्थापना का रजत जंयती वर्ष मनायेगा, उस समय हम हर क्षेत्र में अग्रणी राज्यों की श्रेणी में होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की जनता ने उन पर जो भरोसा जताया है, उसके अनुरूप उत्तराखण्ड को देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए वे पूरी क्षमता एवं ऊर्जा से कार्य करेंगे। जन सहभागिता से उत्तराखण्ड का समग्र विकास किया जायेगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड हर क्षेत्र में तेजी से प्रगति करे, यह सबकी सामुहिक जिम्मेदारी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के धेय वाक्य ‘‘ सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास एवं सबका प्रयास’’ पर हम सब आगे बढ़ेंगे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज उनके साथ प्रदेश के हर व्यक्ति ने प्रदेश के विकास के लिए संकल्प लिया है। यह विकल्प रहित संकल्प है। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य अन्त्योदय के मार्ग पर चलना है। प्रदेश की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए राज्य सरकार ‘‘सरलीकरण, समाधान, निस्तारण एवं संतुष्टि’’ के मंत्र पर कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दृष्टिपत्र/ संकल्प पत्र में जनता से किये वायदों को गंभीरता से पूरा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नई सरकार के गठन के बाद पहली कैबिनेट में ही हम राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में आगे बढ़े। इसके लिए समिति का गठन किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड आध्यात्म एवं संस्कृति का केन्द्र तो है ही, साथ ही वीरों की भूमि भी है।

सरकार देगी डेढ़ लाख लोगों को राहत, लायेगी अध्यादेश

नजूल नीति पर सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद अब उतराखंड सरकार इसी महीने इसका अध्यादेश लाएगी। इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। इससे पहले छह दिसंबर की कैबिनेट बैठक में इसका प्रस्ताव लाया जाएगा। शहरी विकास मंत्री बंशीधर भगत ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रयासों से देवस्थानम बोर्ड के बाद नजूल प्रकरण का भी समाधान हो गया है। उन्होंने कहा कि छह दिसंबर को कैबिनेट की बैठक में नजूल नीति का प्रस्ताव आएगा।

इसके बाद नौ व दस दिसंबर को होने जा रहे शीतकालीन सत्र में नजूल नीति का अध्यादेश लाया जाएगा। मंत्री भगत ने कहा कि वर्ष 2018 में भी भाजपा की सरकार ही कैबिनेट में नजूल नीति का प्रस्ताव लाई थी, जिसका शासनादेश आने से पहले ही हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी। अध्यादेश आने के बाद प्रदेश में नजूल भूमि एक्ट लागू किया जाएगा। जिससे उत्तराखंड के लाखों परिवारों को नजूल भूमि पर मालिकाना हक मिल जाएगा। साथ ही अधिक से अधिक लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना का भी लाभ मिल सकेगा।

करीब चार लाख हेक्टेयर है नजूल भूमि
देहरादून, हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर के अलावा नैनीताल जिले के तराई क्षेत्र में सबसे अधिक नजूल भूमि है। आधिकारिक सूत्रों की मानें तो प्रदेश में 392,204 हेक्टेयर नजूल भूमि है। इस भूमि के बहुत बड़े हिस्से पर डेढ़ लाख से अधिक लोग काबिज हैं। कहीं भूमि लीज पर है तो कहीं इस पर दशकों से कब्जे हैं। सरकार नीति के तहत इस भूमि को फ्री होल्ड कराना चाहती है।

नजूल भूमि नीति में कब क्या हुआ
– 2009 में सरकार ने नजूल भूमि फ्री होल्ड नीति बनाई।
– इसके तहत भूमि फ्री होल्ड करने की कवायद शुरू की।
– सरकार की नीति के प्रावधानों को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई।
– हाईकोर्ट ने नीति पर रोक लगाई और कब्जे हटाने के आदेश दिए।
– मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जिसमें यथास्थिति बनाने के आदेश हुए।
– 2018 में भाजपा सरकार ने भी नई नजूल नीति लाने की कोशिश की।

कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में विस सत्र को सफल बनाने पर दिया जोर

उत्तराखंड विधानसभा के कल 24 जून से आरंभ हो रहे सत्र के सिलसिले में आज विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल की अध्यक्षता में कार्य मंत्रणा समिति की बैठक आयोजित की गई। इसमें तय किया गया कि संसदीय कार्य मंत्री रहे दिवंगत प्रकाश पंत को सत्र के पहले दिन सोमवार को श्रद्धांजलि दी जाएगी। 25 जून को होने वाले विधायी कार्यों के लिए 24 जून को दुबारा कार्य समिति की बैठक करके एजेंडा तय किया जाएगा। विधानभवन में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, विधान सभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चैहान, कार्यकारी संसदीय कार्य मंत्री मदन कौशिक, नेता प्रतिपक्ष इन्दिरा हृदयेश, गोविंद सिंह कुंजवाल, प्रीतम सिंह आदि मौजूद रहे।
वहीं, कल से आरंभ हो रहे विधानसभा सत्र की अवधि को लेकर विपक्ष ने सवाल खड़े किए हैं। विपक्ष का कहना है कि महज दो दिन का सत्र सरकार ने खानापूर्ति के लिए ही आहूत किया है, क्योंकि छह माह के भीतर सत्र बुलाने की बाध्यता है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल का कहना है कि सरकार के मंत्री सदन में जबाब देने से बचना चाहते हैं वहीं, दूसरी ओर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने विपक्ष की आपत्ति को खारिज किया है। उनका कहना है कि फिलहाल कोई बिजनेस नहीं है। जो विधेयक हैं, वे अभी पाइप लाइन में हैं। लिहाजा, सदन को अनावश्यक नहीं बढ़ाया जा सकता। यह बात विपक्ष भी जानता है। हालांकि, मुख्यमंत्री ने सदन के सुचारू संचालन में विपक्ष का सहयोग मिलने की उम्मीद भी जताई।