केंद्रीय बजट में राज्य को मिली रेल सुविधा, होगा विस्तारः धामी

उत्तराखंड में रेल सुविधाओ के विकास के लिए केंद्रीय बजट में 5004 करोड़ रूपये का प्रावधान किए जाने के लिए प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन का विशेष धन्यवाद और आभार।

इससे निसंदेह राज्य में रेल सुविधाओं का विस्तार होगा। यात्री सुविधाओं में वृद्धि होगी। प्रदेश में 11 प्रमुख रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास किया जाएगा। देहरादून और हरिद्वार रेलवे स्टेशन को विश्वस्तरीय रूप भी दिया जाएगा। रेल सुविधाओ को लेकर किए गए प्रावधानों से यात्रियों को काफी सुविधा मिलेगी। वन स्टेशन वन प्रोडक्ट योजना राज्य के स्थानीय उत्पादों को भी प्रोत्साहन मिलेगा।

आरएलडीए और एमडीडीए के सहयोग से पुनर्विकसित होगा देहरादून का रेलवे स्टेशन

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने देहरादून रेलवे स्टेशन पुनर्विकास परियोजना की स्थिति की समीक्षा करते हुए रेल भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए) के अधिकारियों को समयबद्धता एवं गुणवतत्ता के साथ कार्य पूर्ण करने को कहा। आरएलडीए के वाइस-चेयरमैन वेद प्रकाश डुडेजा ने परियोजना के विकास के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री को अवगत कराया और 83.5 मीटर ऊंची बिल्डिंग समेत डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) के लिए मंजूरी मांगी।

ज्ञातव्य है कि देहरादून रेलवे स्टेशन को आरएलडीए और एमडीडीए द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया जा रहा है और इस संबंध में दोनों संस्थाओं के बीच पिछले साल एमओयू साइन किया गया था। पुनर्विकास का उद्देश्य यात्री सुविधा के अनुरूप स्टेशन को अलग-अलग प्रवेश और निकास, फूड आउटलेट्स, अंडरग्राउंड पार्किंग समेत अन्य अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ अपग्रेड करना है। इस योजना में देहरादून स्टेशन में प्रवेश-निकास के लिए वर्तमान यातायात समस्याओं को दूर किया जाएगा। यात्री-आगंतुक हाई-राइजिंग टॉवर के ऊपर रिवॉल्विंग रेस्टोरेंट से लगभग एक घंटे में पूरे दून घाटी के 360 डिग्री बर्ड आई व्यू का आनंद ले सकते हैं। यह उत्तराखंड राज्य में अपनी तरह का पहला रिवॉल्विंग रेस्टोरेंट होगा। प्रस्तावित स्टेशन की लागत स्टेशन के लिए 125 करोड़ व कमर्शियल डेवलपमेंट के लिए 400 करोड़ रुपया होगी।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने एमडीडीए को कैबिनेट की मंजूरी के लिए प्रस्ताव को जनवरी 2021 के तीसरे सप्ताह में होने वाली अगली कैबिनेट बैठक में रखने की सलाह दी। रेल भूमि विकास प्राधिकरण के वाइस-चेयरमैन डुडेजा ने कहा कि हमने राज्य सरकार से देहरादून रेलवे स्टेशन की डीपीआर पर जल्द मंजूरी के लिए अनुरोध किया है, ताकि जल्द से जल्द आरएफपी मंगाई जा सके। देहरादून रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास, वैश्विक मानकों के अनुरूप किया जाएगा और यह यात्रियों को सुखद अनुभव प्रदान करेगा। स्टेशन का पुनर्विकास रियल एस्टेट की कीमतों को बढ़ाने के साथ-साथ पर्यटन की क्षमता और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देगा। साथ ही यह सभी स्टेकहोल्डर्स के लिए भी फायदेमंद होगा।

बैठक में मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) के वाइस-चेयरमैन रणवीर सिंह चैहान, उत्तराखंड के आवास सचिव शैलेश बगौली और देहरादून के जिलाधिकारी डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव भी उपस्थित थे।

एमडीडीए और रेलवे लैंड डेवलपमेंट प्राधिकरण के मध्य किया गया एमओयू

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की उपस्थिति में मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण एवं रेलवे लैंड डेवेलपमेंट प्राधिकरण के मध्य देहरादून रेलवे स्टेशन पुनर्विकास परियोजना हेतु समझौता ज्ञापन हस्तारक्षित किया गया। एमडीडीए उपाध्यक्ष डॉ आशीष कुमार श्रीवास्तव एवं रेलवे लैंड डेवेलपमेंट प्राधिकरण के उपाध्यक्ष वेदप्रकाश ने उक्त समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक पल है। यह पहला ऐसा पीपीपी मॉडल है जिसे देश में उदाहरण के तौर पर अपनाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि यह प्रोजेक्ट निर्धारित समय सीमा के अन्दर पूरा कर लिया जाएगा। उत्तराखण्ड में एक अच्छी परम्परा शुरू हो रही है। प्रदेश के विकास के लिए शुरू किए गए विभिन्न प्रोजेक्ट्स अपनी निर्धारित समय सीमा से पूर्व ही पूर्ण किए गए हैं। इससे जहां एक ओर प्रोजेक्ट की उपयोगिता बनी रहती है, वहीं दूसरी ओर प्रोजेक्ट्स में आर्थिक रूप से बचत भी होती है।

एमडीडीए उपाध्यक्ष डॉ आशीष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि अब देहरादून रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास के कार्य को प्रारंभ कर दिया जाएगा। परियोजना के लिए फीजिबिलिटी स्टडी, डिटेलड मास्टर प्लानिंग, अर्बन प्लानिंग व डीपीआर इत्यादि से संबंधित कार्य कर लिया गया है। लगभग 507 करोड़ रूपए की अनुमानित लागत से निर्मित होने वाले इस प्रोजेक्ट को तीन वर्षों में पूर्ण कर लिया जाएगा। रेलवे स्टेशन का निर्माण उत्तराखण्ड की वास्तुकला के आधार पर किया जाएगा। इसमें बजट एवं स्टार होटल, कमर्शियल स्पेस, पार्किंग, किड्स जोन, दिव्यांग लोगों के लिए विशेष प्रोविजन, रेलवे स्टेशन हेतु मेन रोड पर मुख्य द्वार का निर्माण, ओल्ड टेहरी की तर्ज पर क्लॉक टावर का निर्माण, पैदल यात्री प्लाजा, अंडर पास, यातायात के सुगम प्रबंधन एवं यात्रियों की सुविधाओं हेतु रेलवे स्टेशन पर आवागमन हेतु दूसरे छोर (भण्डारी बाग) की ओर से भी द्वार बनाया जाएगा, स्टेशन पर आने एवं निकासी के लिए पृथक व्यवस्था की जायेगी।

देहरादून रेलवे स्टेशन से तीन माह तक ट्रेनों की आवाजाही बिल्कुल बंद

देहरादून रेलवे स्टेशन से तीन महीने ट्रेनों का संचालन बंद रहेगा। 10 नवंबर से अगले साल सात फरवरी तक दून से किसी भी ट्रेन का संचालन नहीं हो सकेगा। देहरादून स्टेशन के पुनरुद्धार के लिए रेलवे बोर्ड ने मेगा ट्रैफिक ब्लॉक की अनुमति दे दी है। ऐसे में तीन महीने यात्रियों की दिक्कत बढ़नी तय है। कुछ टेनें हरिद्वार, नजीबाबाद और अलीगढ़ स्टेशनों से संचालित होंगी। इसके अलावा अन्य सभी ट्रेनें रद्द रहेंगी।

दून स्टेशन के विस्तार और री मॉडलिंग कार्य के लिए पिछले कई समय से मेगा ट्रैफिक ब्लॉक लेने के लिए ठेकेदार से लेकर रेलवे बोर्ड के स्तर तक पत्राचार चल रहा था। इसके लिए कई बार प्रस्ताव में ट्रेनों के शेड्यूल को लेकर परिवर्तन किया गया।

दिवाली समेत अन्य त्योहारों का सीजन होने के चलते रेलवे बोर्ड मेगा ट्रैफिक ब्लॉक देने पर फैसला नहीं ले पा रहा था। आखिरकार रेलवे ने अब दिवाली बाद के लिए इसकी अनुमति दे दी है। इस दौरान दून से चलने वाली सभी 18 ट्रेनें रद्द रहेंगी।

ये ट्रेनें हरिद्वार तक ही आएंगी
पश्चिम बंगाल से आने वाली हावड़ा एक्सप्रेस, कोटा (राजस्थान) से आने वाली नंदा देवी एक्सप्रेस और नई दिल्ली से आने वाली शताब्दी एक्सप्रेस 10 नवंबर से सात फरवरी तक हरिद्वार तक ही आएंगी। ये तीनों ट्रेनें हरिद्वार से ही अपने गंतव्य के लिए वापस चली जाएंगी।

जबकि बुध और शनिवार को देहरादून-पश्चिम बंगाल के बीच चलने वाली उपासना एक्सप्रेस भी 13 नवंबर से पांच फरवरी तक हरिद्वार से ही संचालित होगी। देहरादून स्टेशन के एडिशनल सुप्रीटेंडेंट सीताराम सोनकर ने बताया कि मुख्यालय से इस संबंध में दिशा निर्देश मिल गए हैं। इसी के अनुसार, ट्रैफिक ब्लॉक रखा गया है।

लिंक और राफ्ती गंगा का यह रहेगा शेड्यूल
मंगलवार, बृहस्पतिवार और शनिवार को दून से संचालित होने वाली गोरखपुर (राफ्ती गंगा) एक्सप्रेस 12 नवंबर से छह फरवरी तक नजीबाबाद तक आएगी और वहीं से वापस चली जाएगी। इसी तरह, इलाहाबाद से आने वाली लिंक एक्सप्रेस 10 नवंबर से नौ फरवरी तक अलीगढ़ तक ही आएगी।