दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे बनने से दूरी मात्र दो घंटे में होंगी पूर्ण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे के तहत उत्तराखण्ड में चल रहे कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने डाटकाली के निकट एलिवेटेड रोड के निर्माण कार्य एवं डाटकाली में बन रहे टनल का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने एनएचएआई के अधिकारियों से कार्य प्रगति की जानकारी ली।
मुख्यमंत्री ने कार्यदाई संस्थाओं को निर्धारित समयावधि में कार्य पूर्ण करने एवं गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखने को कहा। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे से सबंधित जो भी कार्य होने हैं, उनमें तेजी लाने के लिए एनएचएआई को जो भी आवश्यक सहयोग चाहिए होगा, राज्य की ओर से दिया जायेगा, ताकि कार्यों में किसी भी प्रकार से विलंब न हो। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे के उत्तराखण्ड में होने वाले कार्यों के लिए रात्रि में भी अनुमति दी गई है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे बन जाने के बाद दिल्ली से देहरादून की दूरी मात्र दो से ढ़ाई घण्टे में पूर्ण होगी। इस परियोजना के पूर्ण होने से उत्तराखण्ड को बहुत फायदा होगा। दिल्ली और उसके आस-पास के लोगों को उत्तराखण्ड आने में काफी सुगमता होगी। उन्होंने कहा कि राज्य में जिस तेज गति से सड़क कनेक्टिविटी बढ़ रही है। इससे आने वाले समय में राज्य में आर्थिक गतिविधियों में भी तेजी आयेगी।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे पर कार्य कर रहे श्रमिकों से बातचीत की और उनका हालचाल जाना। मुख्यमंत्री ने एनएचएआई के अधिकारियों से कहा कि इन श्रमिकों के स्वास्थ्य, रहने एवं खाने की व्यवस्थाओं का पूरा ध्यान रखा जाए।
एनएचएआई के अधिकारियों ने बताया कि मार्च 2024 तक एक्सप्रेसवे के कार्यों को पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। प्रयास किये जा रहे हैं, कि उससे पूर्व ही ये कार्य पूर्ण किये जाएं।
इस अवसर पर चीफ इंजीनियर लोक निर्माण विभाग अयाज अहमद, जिलाधिकारी देहरादून सोनिका, अपर सचिव विनीत कुमार एवं एनएचएआई के अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्य सचिव ने पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाने पर दिया जोर

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने मंगलवार को सचिवालय में पर्यटन विभाग के साथ पर्यटन के क्षेत्र में प्रदेश में भावी संभावनाओं पर विस्तृत चर्चा की। मुख्य सचिव ने सचिव पर्यटन को पर्यटन प्रदेश में आर्थिकी और रोजगार का महत्त्वपूर्ण साधन है। चारधाम यात्रा के साथ ही प्रदेश के पर्यटक स्थल इसमें महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सप्ताहांत में पूरे सालभर अधिकतम पर्यटक दिल्ली एनसीआर से आते हैं, और दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे बन जाने के बाद जब दिल्ली-एनसीआर के पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी, उसके लिए हमें अभी से तैयारियां शुरू करनी होंगी।
मुख्य सचिव ने कहा कि इसके लिए हमें पर्यटकों को नए पर्यटक स्थल और नए साहसिक खेलों को शामिल करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि देश-विदेश में अभी पर्यटन के क्षेत्र में क्या-क्या नया हो रहा है, और उन में से उत्तराखण्ड में क्या-क्या किया जा सकता है, इसकी एक लिस्ट तैयार की जाए। प्रदेश में पर्यटन की दृष्टि से यहां की भौगोलिक एवं प्राकृतिक स्थिति के अनुसार पर्यटन गतिविधियों की 02 कैटेगरी तैयार किए जाने के निर्देश दिए, जिसमें कैटेगरी ‘ए‘ में ऐसी गतिविधियों को रखने के निर्देश दिए जिन्हें तुरन्त शुरू किया जा सकता है एवं कैटेगरी ‘बी‘ में ऐसे गतिविधियां रखी जाएं जिन्हें शुरू किए जाने के लिए पहले कई प्रकार के कार्य किए जाने हैं। प्रदेश में हाई-एंड टूरिस्म को बढ़ावा देने के लिए सम्भावनाएं तलाशी जाएं। फाईव स्टार होटल और रिजॉर्ट्स के क्षेत्र में प्राईवेट क्षेत्र को आकृषित किए जाने के लिए कार्य किया जाए। प्रदेश के शुद्ध वातावरण में ऐस्ट्रॉ विलेज की भी काफी सम्भावनाएं हैं। प्रदेश भर में इसके लिए 5, 10 जगहें चिन्हित कर इसे शीघ्र शुरू किया जाना चाहिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि वाटर स्पोर्ट्स में प्रदेश में अत्यधिक सम्भावनाएं हैं। दिल्ली एनसीआर से अधिकतर पर्यटक राफ्टिंग एवं क्याकिंग आदि साहसिक खेलों के कारण वर्षभर उत्तराखण्ड आते हैं। टिहरी झील में वाटर बाईकिंग, पैरासेलिंग, आदि को तुरन्त शामिल किया जा सकता है। बंजी जम्पिंग, रॉक क्लाइम्बिंग, वाईल्ड लाईफ सफारी, पैरा ग्लाईडिंग आदि जैसी तुरन्त शुरू की जा सकने वाली गतिविधियों को तुरन्त शुरू कर लिया जाए। इसके लिए प्राईवेट क्षेत्र से आने वाले लोगों को इंटरेस्ट सबवेंशन देकर बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश की खूबसूरती को दिखाने के लिए हैलीकॉप्टर, हॉट एयर बलून आदि से प्रदेश के विभिन्न खूबसूरत पर्यटन स्थलों की एरियल व्यू की व्यवस्था की जा सकती है। इसके लिए ऋषिकेश हरिद्वार जैसी जगह पर लंडन आई ( स्वदकवद म्लम ) जैसी संरचनाओं पर भी विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने पर्यटन विभाग को बड़े शहरों में 5 से 10 जगहों पर स्केटिंग रिंग, आईस हॉकी, लाईट एंड साउंड शॉ आदि के लिए व्यवस्थाएं किए जाने के भी निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि इन गतिविधियों के शुरू होने के लिए प्रशिक्षित लोगों की भी आवश्यकता होगी। इसके लिए पर्यटन विभाग को प्रशिक्षण कार्यक्रमों को भी संचालित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पर्यटकों को प्रदेश में होने वाली समस्त पर्यटन गतिविधियों की जानकारी एक जगह मिल सके इसके लिए पोर्टल को लगातार अपडेट किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा दिए जाने के लिए बजट की कमी नहीं होने दी जाएगी। यदि पॉलिसी में कुछ परिवर्तन करने की आवश्यकता होगी, वह भी किया जाएगा, ताकि प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा मिले और यहां के युवाओं को रोजगार मिले।
इस अवसर पर सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

5400 करोड़ लागत से 250 किमी राष्ट्रीय राजमार्गों का हुआ लोकार्पण व शिलान्यास

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में उत्तराखण्ड के लिए 5400 करोड़ रूपये की लागत से 250 किमी लम्बे राष्ट्रीय राजमार्गों का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इनमें 5000 करोड़ के राजमार्गों का लोकार्पण और 400 करोड़ के राजमार्गों का शिलान्यास किया गया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री के अनुरोध पर राज्य का सीआरएफ की स्वीकृति को 10 गुना कर दिया है। प्रस्ताव मिलने पर इस वर्ष 250 करोड़ रूपए के कार्य की स्वीकृति दे दी जाएगी।

लोकार्पण किए गए राष्ट्रीय राजमार्गों में मुजफ्फरनगर-हरिद्वार एनएच 58 का 4 लेन निर्माण (लम्बाई 78 किमी लागत 1750 करोड़ रूपए), रूड़की-छुटमलपुर-गागलहेड़ी(एनएच 73), छुटमलपुर-गणेशपुर (एनएच 72 ए) का 4 लेन निर्माण (लम्बाई 54 किमी लागत 2200 करोड रूपए), हरिद्वार-देहरादून एनएच 58 एवं 72 का 4 लेन निर्माण (लम्बाई 37 किमी, लागत 1000 करोड़ रूपए), मुजफ्फरनगर-हरिद्वार एलिवेटेड संरचना मायापुरी एस्केप चैनल पर सेतु एनएच 58 (लम्बाई 01 किमी, लागत 50 करोड़ रूपए) शामिल हैं। इसी प्रकार रूद्रप्रयाग जिले में 1 किमी लम्बी टनल का निर्माण एवं अलकनंदा नदी पर एनएच 107, एनएच 7 को जोड़ने के लिए दीर्घ सेतु का निर्माण (लम्बाई 02 किमी, लागत 250 करोड़ रूपए), अल्मोड़ा जिले में एनएच 309 बी के अंतर्गत पैटशाल से पनुवानौला और दानिया से पनार के सुदृढ़ीकरण का कार्य (लम्बाई 45 किमी, लागत 50 करोड़ रूपए) और पौड़ी गढ़वाल जिले में एनएच 119 (नया 534) के अंतर्गत सतपुली से अगरोड़ा तक सुदृढ़ीकरण का कार्य (लम्बाई 33 किमी, लागत 100 करोड़ रूपए) का शिलान्यास किया गया।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि बहुत सी अड़चनों के बाद इस प्रोजेक्ट को पूरा किया जा सका है। हमने वचन दिया था कि कुम्भ से पहले यह काम कर लिया जाएगा। बड़ी खुशी है कि हम इसे पूरा करने में कामयाब रहे। इन राजमार्गों के पूरा होने से समय की काफी बचत होगी।

योजनाओं से ट्रेफिक में मिलेगी सुविधा, रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुजफ्फरनगर-हरिद्वार एनएच 58 से बाईपास निर्माण से पुरकाजी रूड़की व बहादराबाद शहर को ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी, समय व ईंधन की बचत होगी। कुम्भ नगरी हरिद्वार के लिए यात्रा सुगम होगी। रोजगार के नये अवसरों का सृजन होगा और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

हरिद्वार-देहरादून एनएच 58 एवं 72 से हरिद्वार से देहरादून की यात्रा सुगम होगी। इसमें राजाजी टाईगर रिजर्व वन्य जीव के आवागमन के लिए तीन एलीफेंट कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है। बाईपास निर्माण से डोईवाला को यातायात जाम से राहत मिलेगी।

रूड़की-छुटमलपुर-गागलहेड़ी(एनएच 73), छुटमलपुर-गणेशपुर (एनएच 72 ए) से उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड के बीच सुगम आवागमन की सुविधा होगी। बाईपास निर्माण से रूड़की एवं छुटमलपुर को जाम से राहत मिलेगी। भगवानपुर व सिडकुल औद्योगिक क्षेत्र में व्यावसायिक वाहनों की बेहतर कनेक्टिवीटी होगी। मुजफ्फरनगर-हरिद्वार एलिवेटेड संरचना मायापुरी एस्केप चैनल पर सेतु से हरिद्वार में ट्रेफिक जाम से राहत मिलेगी।

रूद्रप्रयाग जिले में 1 किमी लम्बी टनल का निर्माण एवं अलकनंदा नदी पर एनएच 107, एनएच 7 को जोड़ने के लिए दीर्घ सेतु के निर्माण से बाईपास निर्माण से रूद्रप्रयाग में जाम से राहत मिलेगी और केदारनाथ व बदरीनाथ जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए सुविधा मिलेगी। पौड़ी गढ़वाल जिले में एनएच 119 से सड़क की राईडिंग गुणवत्ता में सुधार होगा, संकीर्ण पुलों का चैड़ीकरण होगा और चारधाम यात्रा के लिए वैकल्पिक मार्ग विकसित होगा।

चारधाम परियोजना में 450 किमी के काम पूरे
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि चारधाम परियोजना बहुत महत्वपूर्ण है। यह 12500 करोड़ की 825 किमी की परियोजना है। इसमें 53 पैकेज हैं। 647 किमी में इसका काम शुरू हो गया है। इसमें से 450 किमी के 7508 करोड़ रूपए के कार्य पूरे हो चुके हैं। सामरिक दृष्टि से यह मार्ग परियोजना बहुत महत्वपूर्ण है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस परियोजना में सड़कों का निर्माण अंतर्राष्ट्रीय स्तर का वैज्ञानिक तरीके से किया जा रहा है। दुर्घटना रोकने के लिए क्रेश बेरियर भी बनाए गए हैं। अभी तक 13 लाख से ज्यादा पेड़ लगाए हैं।

केंद्रीय मंत्री ने हाल ही में मुख्यमंत्री द्वारा दिल्ली में मुलाकात के दौरान उन्हें भेंट की गई ऐंपण पर आधारित कलाकृति की तारीफ की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी की ये भेंट प्राप्त करने के बाद उन्होंने निर्णय किया है कि चारधाम परियोजना के रोड साईड एमेनिटी में 2000 वर्ग फीट के पैवेलियन राज्य सरकार को देंगे ताकि वहां उत्तराखण्ड के पारम्परिक हस्तकला, और स्थानीय उत्पादों को विक्रय के लिए रखा जा सके। इनसे उत्तराखण्ड के हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा।

कैलाश मानसरोवर का सड़क मार्ग जल्द होगा पूरा
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगर अच्छी सड़कें होती तो 2013 की आपदा में बहुत से लोगों का जीवन बचाया जा सकता था। चारधाम सड़क परियोजना को अपने जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि बताते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इससे वर्ष भर चारधाम यात्रा संचालित की जा सकेगी। चारधाम के लिए ऑल सीजन रोड़ का उनका सपना पूरा हो रहा है। उनका दूसरा सपना है कि उत्तराखण्ड से सड़क मार्ग से कैलाश मानसरोवर जाने का। मार्ग का 85 प्रतिशत काम पूरा हुआ है। अगले 5-6 माह में यह सड़क पूरी हो जाएगी और वे स्वयं इस सड़क से मानसरोवर के दर्शन के लिए जाएंगे। चारधाम परियोजना हमारी आस्था, अस्मिता और स्वाभिमान का प्रोजेक्ट है। हमें पर्यावरण और विकास को साथ लेकर चलना है। एक पेड़ के बदले हम 10 पेड़ लगाएंगे।

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे से हरिद्वार के लिए भी कनेक्टिविटी
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दिल्ली से देहरादून का सफर आने वाले समय में केवल 2 घंटे का होगा। दिल्ली से देहरादून एक्सप्रेस वे के तहत एक कनेक्टिविटी दिल्ली-हरिद्वार के लिए भी दी जाएगी। इससे दिल्ली-हरिद्वार का मार्ग भी 2 घंटे का हो जाएगा। सहारनपुर बाईपास से 2000 करोड़ की लागत से 49 किमी का 6 लेन का नया मार्ग बनाया जाएगा। जनवरी 2024 से पहले इसका उद्घाटन कर दिया जाएगा। दिल्ली-देहरादून कॉरिडोर की कुल लम्बाई 210 किमी और कुल लागत 13 हजार करोड़ रूपये होगी। पहले चरण में यह 6 लेन का होगा। नौ पैकेज में यह काम होगा, इसमें से 5 पैकेज का टेंडर भी हो गया है। शेष 4 पैकेज का टेंडर अप्रैल 2021 तक हो जाएगा।

उत्तराखण्ड के चल रहे सड़क प्रोजेक्टों की जानकारी दी
मुख्यमंत्री के अनुरोध पर यमुनाघाटी क्षेत्र को चारधाम परियोजना से जोड़ने के लिए डीपीआर बनाया जा रहा है। सांसद अजय टम्टा के अनुरोध पर जौलजीवी-मड़कोट-मुन्स्यारी-थापा से मिलम की सड़क खोलने के लिए बीआरओ को कह दिया गया है। सतपाल महाराज जी के अनुरोध पर धनोरीपुल, मिरापुल की मरम्मत और सल्ट महादेव से थैलीसैंण की मरम्मत का काम कर दिया गया है। मदन कौशिक के अनुरोध पर पावनधाम चैक से दुधाधारी चैक तक एलीवेटेड रोड और भूपतवाला में बन रहे अंडरपास में पिलर निर्माण किया जाएगा। डॉ धनसिंह रावत ने श्रीनगर में एलीवेटेड रोड व मैरीन ड्राइव के अनुरोध पर डीपीआर बना ली गई है।

कोटद्वार-सतपुली-ज्वाल्पा- श्रीनगर 2 लेन का डीपीआर बन गया है। रामेश्वर से अल्मोड़ा तक 2 लेन सड़क का निर्माण की डीपीआर बन गयी है। कालसी से बड़कोट बैंड 2 लेन सड़क का निर्माण की डीपीआर को सुधार के लिए भेजा गया है।

डाटकाली से आईएसबीटी तक सड़क मरम्मत कार्य, बागेश्वर से बिलना तक सड़क सुरक्षा कार्य, छारा में सड़क सुरक्षा कार्य अल्मोड़ा में बनारघाट में सड़क सुरक्षा कार्य, पाण्डुवाखाल से कर्णप्रयाग तक सड़क मरम्मत का कार्य, चोपता से कुण्डा तक सड़क मरम्मत का कार्य, चमोली से चोपता तक रामनगर से बुआखाल मोटरमार्ग पर दो पुलों का निर्माण, चम्पावत-लोहाघाट-पिथौरागढ़ सड़क मरम्मत कार्य, काकड़ीघाट से कुड़ाब तक चैड़ीकरण जल्द अवार्ड कर दिए जाएंगे।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश के साथ उत्तराखण्ड में भी तेजी से विकास के काम हो रहे हैं। केन्द्र द्वारा स्वीकृत विभिन्न सड़क परियेजनाओं से उत्तराखण्ड में सड़क कनेक्टिविटी में काफी विस्तार हो रहा है। इससे न केवल चार धाम यात्रा सुगम होगी बल्कि उत्तराखण्ड में पर्यटन गतिविधियों का विस्तार होगा। इसका फायदा प्रदेश की अर्थव्यवस्था को होगा। इससे लाखों लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।

एनएचएआई के चैयरमैन एसएस संधु ने बताया कि पांवटा-देहरादून 4 लेन स्वीकृत हो चुकी है यहां से मसूरी के लिए वैकल्पिक मार्ग का प्लान भी तैयार किया जा रहा है। हरिद्वार रिंग रोड़ स्वीकृत हो चुकी है। खटीमा बाईपास भी प्लान किया गया है। रामपुर में बाईपास से नैनीताल के लिए समय की बचत होगी। मुरादाबार बाईपास से कार्बेट के लिए समय बचेगा।

इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, केंद्रीय सड़क परिवहन राज्य मंत्री जनरल(से.नि) वी.के. सिंह, केंद्रीय पशुपालन, डेयरी व मत्स्य राज्य मंत्री संजीव बालियान, विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल, शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक, सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज, सांसद नरेश बंसल, अजय टम्टा, तीरथ सिंह रावत, उत्तर प्रदेश के राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल, सांसद हाजी फजलुर्रहमान आदि उपस्थित थे।