सीएम की अध्यक्षता में हुई उत्तराखण्ड चार धाम देवस्थानम् प्रबन्धन बोर्ड की बैठक, लिए अहम निर्णय


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड की तीसरी बैठक आयोजित हुई। बैठक में बोर्ड के वर्ष 2021-22 के बजट को अनुमोदित किया गया। इसके साथ ही जोशीमठ में श्री बद्रीनाथ वेद वेदांग स्नात्तकोतर संस्कृत महाविद्यालय जोशीमठ की अध्यासन वाली भूमि पर वेद अध्ययन केन्द्र स्थापित किये जाने का भी निर्णय लिया गया। बैठक में बोर्ड द्वारा धार्मिक मान्यताओं को देखते हुए श्री बद्रीनाथ, श्री केदारनाथ, गंगोत्री एवं यमुनोत्री मन्दिरों के गर्भगृह से सजीव प्रसारण न किये जाने का भी सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया।

बैठक में श्री केदारनाथ धाम में पूजाध्यात्रा व्यवस्था के सफल संचालन हेतु मास्टर प्लान के अनुसार आधारभूत संरचनाओं का निर्माण कार्य सम्पादित करने हेतु कन्सलटेंट चयनित किये जाने पर भी सहमति दी गई।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी सदस्यों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि चारधाम स्थित मन्दिरों में पुरानी परम्परायें चलती रहेगी। राज्य सरकार का कार्य मन्दिर की आन्तरिक व्यवस्थाओं पर अधिकार करना नही बल्कि सहयोग करना है। हमारा उद्देश्य मन्दिर परिसरों की सुविधाओं के विकास में सहयोगी बनना है। उन्होंने सभी सदस्यों से इस सम्बन्ध में सभी को अवगत कराने की भी अपेक्षा की है। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में सभी सम्बन्धित लोगों से वार्ता भी की जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यात्रा संचालित न होने की दशा में आवश्यकता पड़ने पर बोर्ड को अतिरिक्त वित्तीय सहायता दिये जाने पर भी विचार किया जायेगा, इसके लिये मुख्यमंत्री ने संशोधित प्रस्ताव प्रेषित करने को कहा।

बैठक में आयुक्त गढ़वाल एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थानम बोर्ड रविनाथ रमन ने बोर्ड के कार्यकलापों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2021-22 में श्री बद्रीनाथ देवस्थानम हेतु 24.46 करोड़, श्री केदारनाथ देवस्थानम के लिये 29.92 करोड़ तथा गंगोत्री एवं यमुनोत्री के लिये 50-50 लाख का बजट प्रस्तावित है जिसे बोर्ड द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है।
बैठक में पर्यटन मंत्री तथा उपाध्यक्ष चारधाम देवस्थानम बोर्ड सतपाल महाराज, मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. सन्धु, सचिव दिलीप जावलकर, अपर सचिव वित वी षणमुगम, बोर्ड के सदस्यों में महाराजा मनुजेन्द्र शाह, निवास पोस्ती, आशुतोष डिमरी, गोविन्द सिंह पंवार, कृपाराम सेमवाल, जयप्रकाश उनियाल तथा महेन्द्र शर्मा उपस्थित थे।

इस अवसर पर अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड वीडी सिंह, वित नियन्त्रक जगत सिंह बिष्ट, डॉ. हरीश गौड, अनिल ध्यानी, प्रमोद नौटियाल, कुलदीप नेगी आदि उपस्थित थे।

तीर्थ पुरोहितों के हकहकूकों के साथ नहीं होगी छेड़छाड़ः सीएम

चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड राज्य के धार्मिक स्थलों को बुनियादी सुविधाएं देगा। इससे किसी भी तीर्थ पुरोहित, हकहकूकधारी के अधिकारों के साथ छेड़छाड़ नहीं होगी। यह बात मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रेसवार्ता के दौरान कही।

उन्होंने कहा कि बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री और इनके आसपास के मंदिरों का प्रबंधन चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के नियंत्रण में रहेगा। लेकिन, इनसे जुड़े पुजारी, न्यासी, तीर्थ, पुरोहितों, पंडों और हकहकूकधारियों को वर्तमान में प्रचलित देव दस्तूरात और अधिकार यथावत रहेंगे।

उन्होंने कहा कि कहा कि जब हम कोई भी सुधार करते हैं तो उसकी प्रतिक्रिया होती ही है। सीएम ने साफ अल्फाज में कहा कि तीर्थ पुरोहितों के हितों को पूरी तरह सुरक्षित रखा जायेगा। प्रदेश के चार धाम सहित अन्य धार्मिक स्थलों पर देश-विदेश से के श्रद्धालु आना चाहते हैं। उत्तराखंड को अच्छे आतिथ्य के रूप में जाना जाता है। देश-विदेश के श्रद्धालुओं को उत्तराखंड के धार्मिक स्थलों पर आने का मौका मिले और उन्हें अच्छी सुविधाएं उपलब्ध हों इसके लिए यह विधेयक लाया गया है। मालूम हो कि चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड विधेयक को राजभवन ने मंजूरी दे दी है।