दिवंगत कांस्टेबल की आश्रिता को सीएम ने 50 लाख रुपये का चेक सौंपा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कांस्टेबल स्वर्गीय प्रदीप कुमार की पत्नी दीपमाला को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में 50 लाख रुपए का चेक सौंपा। यह चेक एचडीएफसी बैंक की ओर से कांस्टेबल स्वर्गीय प्रदीप कुमार की पत्नी को दिया गया। प्रदीप कुमार का वेतन अकाउंट एचडीएफसी बैंक में संचालित था, जबकि उनका कोई अंशदान भी नहीं कट रहा था।
उधमसिंह नगर के निवासी कांस्टेबल प्रदीप कुमार विकासनगर क्षेत्राधिकारी कार्यालय में तैनात थे। 15 मई 2022 को उनकी दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने डीजीपी अशोक कुमार को निर्देश दिए कि कुछ ऐसी सुदृढ़ व्यवस्था की जाय कि ऐसी घटना होने पर जवानों के परिवारजनों को कुछ आर्थिक मदद मिल सके।
इस मौके पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, डीजीपी अशोक कुमार, सर्कल हेड एचडीएफसी बैंक बकुल सिक्का मौजूद रहे।

भारी पुलिस बल की मौजूदगी में भर्ती घोटाले के आरोपी का रिजॉर्ट ध्वस्तीकरण की कार्यवाही शुरु

उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग भर्ती घोटाले के मास्टरमाइंड हाकम सिंह के सांकरी स्थित अवैध रिसोर्ट को आज आखिरकार ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू हो गई है। पहले बुलडोजर और फिर प्रशासन ने ग्रामीणों कि मदद से इस आलीशान रिसोर्ट को ध्वस्त करना शुरू कर दिया। देर शाम तक रिसोर्ट के काफी हिस्से को हटाने की कार्रवाई की जा चुकी है।
उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग की भर्तियों में गड़बड़ी को लेकर पिछले दिनों कुछ युवाओं ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की थी। युवाओं की शिकायतों को बेहद गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री ने इस मामले की जांच के आदेश दिए। डीजीपी अशोक कुमार के निर्देशों ओर अगले ही दिन इस मामले में देहरादून के रायपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। जांच के दौरान एक के बाद एक बड़े खुलासे होते चले गए। सबसे बड़ा नाम उत्तरकाशी के नेता हाकम सिंह को लेकर हुआ। सीएम ने कार्रवाई से गुरेज नहीं किया और इसी का नतीजा रहा कि हाकम सिंह को जेल की सलाखों के पीछे भेजने में देर नहीं लगाई गई। इस मामले में एसटीएफ अब तक 40 से ज्यादा गिरफ्तारियां कर चुकी है। जबकि हाकम सिंह की संपत्तियों की जब जांच हुई तो उसकी अकूत दौलत और तमाम रिसोर्ट आदि के बारे में पता चला।
ऐसा ही एक रिसोर्ट हाकम का मोरी सांकरी में भी होना प्रकाश में आया। सुदूरवर्ती क्षेत्र में होने के बावजूद यहां आलीशान रिसोर्ट काली कमाई से बनाया गया। प्रशासन की जांच में हालांकि इसके सरकारी भूमि पर बने होने की पुष्टि हुई।
राजस्व विभाग व गोविंद वन्य जीव विहार द्वारा संयुक्त रूप से अतिक्रमण को लेकर नाप-जोख की गई थी। नाप जोख में वन विभाग की मुनारे क्षतिग्रस्त पाए गए। संयुक्त टीम द्वारा वन एवं राजस्व की अतिक्रमण भूमि की नाप-जोख कर चिन्हित किया गया। वन विभाग द्वारा क्षतिग्रस्त मुनारों की पुनः मरम्मत का कार्य भी किया गया और वन भूमि के अतिक्रमण को लेकर चेतावनी बोर्ड भी लगाए गए। साथ ही अतिक्रमण की गई भूमि को सील किया गया था।
इसी क्रम में रिसोर्ट के अतिक्रमण के ध्वस्तीकरण का निर्णय लिया गया और आज इसी क्रम में ध्वस्तीकरण की कार्यवाही प्रारंभ की गई। आज तहसील मोरी के सांकरी में स्थित रिजॉर्ट के वन भूमि पर अतिक्रमण को लेकर वन विभाग,राजस्व व पुलिस प्रशासन टीम ने ध्वस्तीकरण की कार्यवाही शुरू की। पुलिस बल की मौजूदगी में अवैध अतिक्रमण में बने रिजॉर्ट का ध्वस्तीकरण का कार्य गतिमान है, वहीं ग्रामीणों द्वारा भी इस कार्य में प्रशासन को सहयोग किया जा रहा है।

डीजीपी ने चुनाव को लेकर दिये अहम निर्देश

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव का काउंटडाउन शुरू हो गया है। ऐसे में चुनाव को निष्पक्ष, पारदर्शी और शांतिपूर्क तरीके से संपन्न कराने के लिए पुलिस महकमे ने कमर कस ली है। लेकिन पुलिस प्रशासन के सामने कोविड के तेजी से फैलते संक्रमण के चलते चुनौतियां भी बढ़ गई है। ऐसे में फ्रंटलाइन में तैनात पुलिसकर्मियों को भी बूस्टर डोज लगाई जा रही है। इसी कड़ी में डीजीपी अशोक कुमार ने भी खुद कोविड बूस्टर डोज लगाकर अभियान को शुरू किया।
उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव में सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर केंद्रीय पैरामिलिट्री फोर्स की 25 कंपनियों की टुकड़ियां उत्तराखंड पहुंच चुकी है। जबकि, संवेदनशील और अतिसंवेदनशील इलाकों में फ्लैग मार्च भी निकाला जा रहा है। सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म पर किसी तरह की अराजकता, सांप्रदायिक और वोट बैंक के लिए गुमराह करने वाले पोस्ट पर भी नजर रखी जा रही है।
पुलिस विभाग ने अलग से जिलेवार इंटेलिजेंस सेल के साथ ही सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल को अपग्रेड कर मुस्तैदी से निगरानी के लिए रखा है। डीजीपी अशोक कुमार के मुताबिक, सोशल मीडिया के जरिए माहौल खराब करने आदि की शिकायत सामने आने पर उसके खिलाफ तत्काल कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। ताकि शांति और निष्पक्ष तरीके से चुनाव संपन्न कराई जा सके.उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार के मुताबिक, चुनाव के दरमियान अराजकता, सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने वाले और क्रिमिनल बैकग्राउंड से जुड़े लोगों पर विशेष निगरानी रखी जाएगी। चुनाव से पहले हथियार बंदूक, पिस्टल जैसे लाइसेंसी असलहा धारकों समेत आपराधिक पृष्ठभूमि से जुड़े लोगों पर गुंडा एक्ट, गैंगस्टर वारंट, तामील कराने और उन्हें शांति व्यवस्था के लिए थाने स्तर पाबंद करने जैसे कानूनी कार्रवाई भी तेजी से सुनिश्चित की जा रही है।
डीजीपी अशोक कुमार का कहना है कि निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार राज्य के सभी जिलों में प्रभारियों को कड़े दिशा निर्देश देकर कानून व्यवस्था की सुदृढ तैयारी की जा रही है। जिलेवार सुरक्षा नोडल अधिकारी नियुक्त करने के साथ ही पर्याप्त संख्या में पुलिस सुरक्षा बलों की अलग-अलग स्थानों में तैनाती सुनिश्चित की जा रही है। संवेदनशील और अतिसंवेदनशील चुनाव इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल और फ्लैग मार्च निकाल कर जनता को निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव का संदेश दिया जा रहा है। फ्रंटलाइन पुलिसकर्मियों को कोविड बूस्टर डोजः डीजीपी अशोक कुमार के मुताबिक, कोविड-19 की लहर जिस तरह से तेजी से फैल रही है, ऐसे में चुनाव ड्यूटी को कराना एक अलग से चुनौती बनी हुई है, लेकिन इसके बावजूद महामारी में फ्रंटलाइन वॉरियर्स के रूप में काम कर रहे पुलिसकर्मियों को वैक्सीन की बूस्टर डोज दी जा रही है।

राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने सूचना विभाग की विकास पुस्तिका का विमोचन किया

राज्यपाल ले. ज. गुरमीत सिंह (से.नि) ने मंगलवार को राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर पुलिस लाइन में आयोजित रैतिक परेड का निरीक्षण कर सलामी ली।
राज्यपाल गुरमीत सिंह द्वारा उत्तराखण्ड पुलिस के 12 अधिकारियों/कर्मचारियों को राष्ट्रपति पुलिस पदक, एवं पुलिस पदकों से अलंकृत किया। विशिष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रपति का पुलिस पदक पूरण सिंह रावत, पुलिस महानिरीक्षक प्रशिक्षण, पुलिस मुख्यालय उत्तराखण्ड (स्वतंत्रता दिवस-2019), विमला गुंज्याल, पुलिस उपमहानिरीक्षक पीएसी, प्रशिक्षण, पुलिस मुख्यालय उत्तराखण्ड (स्वतंत्रता दिवस-2019), अनिल कुमार त्यागी, अग्निशमन द्वितीय अधिकारी, जनपद पौड़ी गढ़वाल (गणतन्त्र दिवस-2020)। सराहनीय सेवाओं के लिए राष्ट्रपति का पुलिस पदक नारायण सिंह नपलच्याल पुलिस उपमहानिरीक्षक सीआईडी, सीआईडी मुख्यालय (स्वतंत्रता दिवस-2019) योगेन्द्र सिंह रावत, पुलिस उपमहानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जनपद हरिद्वार (स्वतंत्रता दिवस-2019) वीरेन्द्र प्रसाद डबराल, सहायक सेनानायक (सेवानिवृत), 40 वीं वाहिनीं पीएसी, भगवान सिंह, प्लाटून कमाण्डर विशेष श्रेणी (सेवानिवृत), 46 वीं वाहिनीं पीएसी श्याम सुन्दर पाण्ड उपनिरीक्षक विशेष श्रेणी (सेवानिवृत), जनपद-अल्मोड़ा सुनील कुमार सिंह, फायर सर्विस चालक, जनपद-देहरादून (गणतन्त्र दिवस-2020), राकेश कुमार, लीडिंग फायरमैन, जनपद-देहरादून (गणतन्त्र दिवस-2020), वंश नारायण यादव, लीडिंग फायरमैन,जनपद-चम्पावत (स्वतंत्रता दिवस-2020), खजान सिंह तोमर, लीडिंग फायरमैन, जनपद-टिहरी गढ़वाल (स्वतंत्रता दिवस-2020), उत्कृष्ट थाना-पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो, गृह मंत्रालय, भारत सरकार के मानकों के अनुरुप जनपद अल्मोड़ा के थाना सल्ट को उत्कृष्ट थाना-2021 चुना गया तथा सुशील कुमार, प्रभारी निरीक्षक सल्ट को ट्रॉफी प्रदान कर सम्मानित किया गया।
समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल ले. ज. गुरमीत सिंह (से.नि) ने उपस्थित जनसमूह को राज्य स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दी। उन्होंने राज्य आन्दोलनकारियों को भी नमन किया। राज्यपाल ने अनुशासित और भव्य पुलिस परेड के लिए पुलिस परिवार को बधाई दी। अपने संबोधन में राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा कि राष्ट्र की कानून-व्यवस्था की नींव पुलिस है। समय के साथ पुलिस के कार्य एवं उत्तरदायित्व व्यापक होते जा रहे हैं। आज पुलिस केवल कानून व्यवस्था स्थापित करने तथा अपराधों पर नियंत्रण तक सीमित नही है। पुलिस की भूमिका रचनात्मक भी हो गई है। आज हमारी पुलिस युवाओं को उचित मार्गदर्शन देने, नशा-मुक्ति अभियान चलाने, असहाय लोगों की मदद करने, मानवीय सेवा तथा मुसीबत में पड़े लोगों तक सहायता पहुंचाने जैसे महत्वपूर्ण कार्य कर रही है, यह सराहनीय है। हमें अपनी संवेदनशीन पुलिस से ऐसी ही अपेक्षा है। राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा कि पुलिस और पब्लिक के बीच बेहतर समन्यव आवश्यक है। आज ईफेक्टिव पुलिसिंग की आवश्यकता बढ़ गई है। पुलिस को नई परिस्थितियों के अनुसार अपनी क्षमता और ट्रेनिंग में निरन्तर सुधार की जरूरत है। आज के डिजिटल युग में साइबर क्राइम एवं सोशल मीडिया क्राइम भी पुलिस के समक्ष बड़ी चुनौती है। इसके लिये पुलिस विभाग में उच्च स्तरीय साइबर सेल के गठन की आवश्यकता है। समाज में अपराधों के नियंत्रण में टेक्नॉलाजी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंफोर्ममेशन एण्ड क्युनिकेशन टेक्नॉलॉजी पुलिस के लिये वरदान सिद्ध हो सकती है। राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा कि वास्तव में लॉकडाउन के समय सबसे महत्वपूर्ण पक्ष था पुलिस द्वारा किये गये सामाजिक सेवा कार्य। पुलिस को सामाजिक दूरी के नियमों का पालन सुनिश्चित करवाने के साथ ही लोगों को आवश्यक सूचनाएं देने तथा अनिवार्य वस्तुओं की आपूर्ति का कार्य भी करना पड़ा। पुलिस के अधिकारी तथा जवान तत्काल मदद की गुहार लगाने वाले नागरिकों के सीधे सम्पर्क में आ गए। राज्यपाल ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान पुलिस की भूमिका जरूरतमंदों की सहायता एवं सेवा पर केन्द्रित रही, यह अत्यन्त सराहनीय है। जरूरतमंदों को राशन, दवाईयां, मास्क, सेनेटाइजर, ऑक्सीजन कॉन्सट्रेटर आदि वितरित करके पुलिस अनेक असहाय लोगों के लिए आशा की किरण बनी। हमारे निष्ठावान पुलिस के जवानों ने अपने कर्तव्यों के पालन के साथ मानवता का धर्म भी निभाया तथा निराश्रितों का सहारा बनी, इसके लिए उत्तराखण्ड पुलिस परिवार को विशेष बधाई। राज्यपाल ने कहा कि इस वर्ष उत्तराखण्ड राज्य ने अपनी स्थापना के 21 वर्ष पूरे कर लिये हैं। आज हम पूरी तरह से युवा हो चुके हैं। एक युवा राज्य से जन अपेक्षाएं भी अधिक होंगी। निश्चित ही हमारी कार्यशैली, विजन और मिशन में और अधिक गम्भीरता की आवश्यकता होगी। हमें राज्य के विकास का रोडमैप उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति, सुन्दर परम्पराओं, प्रकृति प्रेम की मान्यताओं एवं स्थानीय लोगों की भावनाओं के आधार पर बनाना होगा।
राज्यपाल ने कहा कि राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में महिलाएं ही आर्थिक व सामाजिक सरंचना की रीढ़ हैं। हाल ही मैंने राज्य के कुछ पर्वतीय जिलों का दौरा किया। सच में, पहाड़ की महिलाएँ स्थानीय उत्पादों एवं हस्तशिल्पों के माध्यम से क्रान्ति कर रही हैं। महिलाएँ स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं। उनकी आमदनी बढ़ रही हैं। यह किसी चमत्कार से कम नही है। मैं पहाड़ की परिश्रमी एवं स्वाभिमानी नारियों की प्रंशसा करता हूँ।
राज्यपाल ने कहा कि राज्य के पर्वतीय जिलों में कुछ युवाओं ने रिवर्स माइग्रेशन की बड़ी अच्छी मिसाल पेश की है। बड़े महानगरों से लौटे प्रवासी युवाओं ने अपने गांव-घरों में मशरूम की खेती, मुर्गी पालन, फलों और सब्जियों के उत्पादन से स्वरोजगार के द्वार खोले हैं। कुछ युवा उत्तराखण्ड के स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ब्रांण्ड के रूप में स्थापित करने के लिये प्रयासरत है। वे थिंक ग्लोबली एक्ट लोकली के वाक्य को समझ चुके हैं। बहुत से उच्च शिक्षित युवा मल्टीनेशनल कम्पनियों की नौकरियां छोड़ कर अपने गांवों को पुनः आबाद करने के मिशन में लगे है। आपकी हिम्मत और जुनून प्रंशसनीय है। उत्तराखण्ड के युवाओं का अपने गांव और मिट्टी से जुड़ने का यह जज्बा राज्य के विकास की नई इबारत लिखेगा।
राज्यपाल ने कहा कि देश और दुनियाभर में रहने वाले उत्तराखण्ड के प्रवासी युवाओं से अनुरोध है कि आपके गांव, घर और पहाड़ आपकी राह देख रहे हैं। आप अपनी योग्यता, प्रतिभा और क्षमता का लाभ अपने राज्य को देने का यथासंभव प्रयास करें। राज्यपाल ने कहा कि युवा साथियों से यह भी आग्रह है कि वे ट्रांसफोर्मेशन, मॉर्डननाइजेशन, डिजिटलाइजेशन, इनोवेशन की इस यात्रा से जुड़कर देश के विकास में योगदान दें। राज्यपाल ने कहा कि वीरों की भूमि उत्तराखण्ड सैनिक राज्य है। लेकिन अब हमें अपने बेटों के साथ ही अधिक से अधिक बेटियों को भी सैन्य सेवाओं हेतु प्रोत्साहित करना होगा। यह प्रसन्नता का विषय है कि अब एनडीए के प्रवेश द्वार भी बालिकाओं के लिये खुल गये हैं। भविष्य में हमारी बेटियां भी सेना के बड़े एवं निर्णायक पदों पर पहुंचेगी। वे राष्ट्र की एकता और अखण्डता की वीर प्रहरी होंगी। मुझे आशा है कि अधिक से अधिक पहाड़ की बेटियां भी सैन्य सेवाओं में आएंगी तथा देश तथा प्रदेश को गौरवान्वित करेंगी। मेरा राज्य में रह रहे भूतपूर्व सैनिकों से आग्रह है कि राज्य की प्रगति विशेषकर रिवर्स माइग्रेशन के लिये कार्य करें। अपनी सेना की टै्रनिंग व अनुभवों का लाभ राज्य को दे। आपके समाज और राज्य को आपसे बहुत सी अपेक्षाएं हैं। राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री का उत्तराखण्ड को विश्व की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक राजधानी के रूप में विकसित करने का सपना है। भविष्य में पूरी दुनिया से लोग यहां आत्मिक शांति के लिए आएंगे। आधुनिक इतिहास में पहली बार इतने बडे़ स्तर पर केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण किया जा रहा है। प्रधानमंत्री जी ने कहा कि इक्कीसवी सदी का तीसरा दशक उत्तराखण्ड का होगा। यह हर उत्तराखण्डवासी के लिए हर्ष और गर्व का विषय है। राज्यपाल ने कहा कि हेमकुंड साहिब के दर्शन के लिये रोपवे का निर्माण किया जा रहा है। अब दुनियाभर के सिक्ख श्रद्धालु हेमकुंड साहिब के दर्शन और अधिक सुविधापूर्वक कर पाएंगे।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में घोषणा की कि उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारियों, जिनको रू. 3100 पेंशन प्राप्त हो रही है, को बढ़ाकर रू. 4500 तथा जिनको रू. 5000 पेंशन प्राप्त हो रही है, को बढ़ाकर रू. 6000 किया जायेगा। राज्य के प्रत्येक जनपद मुख्यालय पर अध्ययनरत छात्राओं के शिक्षा को सुगम एवं सुविधायुक्त बनाने हेतु एक-एक महिला छात्रावास का निर्माण किया जायेगा। राज्य में आवश्यकतानुसार जनपद मुख्यालयों पर कामकाजी महिला छात्रावास का निर्माण किया जायेगा। ईजा-बोई शगुन योजना के तहत सरकारी अस्पतालों में जच्चा-बच्चा के सुरक्षित स्वास्थ्य हेतु अस्पतालों में 48 घण्टे रुकने वाली प्रसूता महिला को रू. 2000 उपहार धनराशि भेंट की जायेगी। जी रैया चेली-जागी रैया नौनी योजना के तहत 11 से 18 आयु वर्ग की किशोरियों को टी.एच.आर. सुविधा प्रदान की जायेगी। 11 से 18 आयु वर्ग की किशोरियों को सेनेटरी नैपकीन उपलब्ध कराने हेतु प्रत्येक आंगनबाड़ी केन्द्रों में सेनेटरी नैपकीन वेण्डिंग मशीन की स्थापना की जायेगी। 11 से 18 आयु वर्ग की किशोरियों के बेहतर स्वास्थ्य परीक्षण यथाः हीमोग्लोबीन इत्यादि की जाँच निःशुल्क की जायेगी तथा हेल्प लाईन नं० 104 के माध्यम से निःशुल्क चिकित्सीय परामर्श भी उपलब्ध कराया जायेगा। आरोग्य उत्तराखण्ड क्रोनिक डीजीज (दीर्घकालिक एवं पुरानी बिमारियां) के उपचार में ली जाने वाली दवाइयों को निःशुल्क उपलब्ध कराया जायेगा। देहरादून एवं हल्द्वानी में नशामुक्ति केंद्र की स्थापना की जायेगी। राज्य में स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन डेवलपमेंट की स्थापना की जायेगी। कोविड-19 में सराहनीय कार्य के दृष्टिगत एनएचएम के कर्मियों को रू. 10,000 एकमुश्त प्रोत्साहन धनराशि प्रदान की जाएगी। राज्य के युवाओं को देश से बाहर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाने हेतु राज्य में विदेश रोजगार प्रकोष्ठ का गठन किया जाएगा। ई-डिस्ट्रिक्ट के माध्यम से संचालित 32 सेवाओं को अद्यतन करते हुए कुल 75 सेवाओं को ’’अपणि सरकार पोर्टल’’ के माध्यम से आम जनमानस को लाभ पहुंचाया जाएगा। सेवा का अधिकार अधिनियिम में अधिसूचित अवशेष 190 सेवाओं को भी शीघ्र ही ’’अपणि सरकार पोर्टल’’ के माध्यम से संचालित कर आम जनमानस को लाभ पहुंचाया जाएगा। प्रदेश में खेल को प्रोत्साहित करने तथा युवाओं को खेल की विभिन्न विधाओं से जोड़ने के लिए ’’खेल नीति-2021’’ तुरन्त लागू की जाएगी। उत्तराखंड में स्वास्थ्य, पर्यटन से राज्य की आर्थिकी को बढ़ाने हेतु राज्य को आयुष वेलनैस का हब बनाया जाएगा। जिसके अन्तर्गंत गढ़वाल मंडल विकास निगम एवं कुमाऊं मंडल विकास निगम के पर्यटक गृहों में आयुष वेलनैस सेन्टर खोले जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड राज्य निर्माण के सभी अमर शहीदों व आंदोलनकारियों को श्रद्धापूर्वक नमन करते हुए प्रदेश की जनता को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के उत्तराखण्ड के प्रति विशेष लगाव और केंद्र सरकार के सहयोग से उत्तराखण्ड तेजी से विकास की ओर अग्रसर हो रहा है। पिछले पांच वर्षों में केंद्र सरकार द्वारा लगभग एक लाख करोड़ रूपए की विभिन्न परियोजनाएं प्रदेश के लिए स्वीकृत की गई हैं। इनमें से बहुत सी परियोजनाओं पर काम हो गया है और अन्य पर काम तेजी से चल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी योजना है कि 2025 तक उत्तराखंड के प्रत्येक गांव को लिंक मार्गों के माध्यम से बड़े राजमार्गों और ऑल वेदर रोड से जोड़ सकें। जिससे पहाड़ों पर औद्योगिक विकास के लिए आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जा सके और पलायन की समस्या से उत्तराखंड को मुक्ति दिलाकर पहाड़ की जवानी को पहाड़ के काम लाया जा सके। उन्होंने कहा कि विश्व के सर्वाधिक ऊंचाई पर स्थित सिखों के पवित्र धर्म स्थल हेमकुंड साहब को शीघ्र ही रोपवे से जोड़ा जाएगा। इसके साथ ही इसी योजना के अन्तर्गत 12 ज्योर्तिलिंगों में से एक केदारनाथ धाम तक केबल कार द्वारा पहुंचा जा सकेगा। राज्य सरकार नैनीताल में स्थित कैंचीधाम के विकास के लिए भी काम कर रही है जिसके अंर्तगत 60 करोड़ से अधिक के विभिन्न विकास कार्य किए जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा राज्य अतुलनीय प्राकृतिक सौन्दर्य से भरपूर है, वहीं दूसरी ओर प्राकृतिक आपदाएं भी समय-समय पर हमारी परीक्षाएं लेती रही हैं। पिछले दिनों अतिवृष्टि के कारण आई आपदा इसका एक उदाहरण है, जिसमें कई लोगों ने जान गंवाईं, जो अत्यन्त दुखद है। मैं उन सभी मृत आत्माओं के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट करता हूं। राज्य सरकार आपदाओं का सामना त्वरित गति से करने के लिए संकल्पबद्ध है। इसी के परिणाम स्वरुप गत दिनों में आई आपदा का सामना हम सही प्रकार से कर सके और समय से राहत व बचाव कार्यों को संचालित कर कई लोगों की जान भी बचा सके। उन्होंने आपदा के समय हमेशा आगे रहकर लोगों की मदद करने के लिए पुलिस, एसडीआरएफ समेत सभी सम्बन्धित विभागों की सराहना भी की। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले दो वर्षों से पूरा देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से दुनिया का सबसे बड़ा निःशुल्क कोविड वैक्सीनेशन महाभियान संचालित किया जा रहा है। हाल ही में हमारे देश ने 100 करोड़ वैक्सीनेशन डोज का पड़ाव पार किया है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में उत्तराखंड, 18 वर्ष से अधिक सभी नागरिकों को कोविड-19 वैक्सीन की प्रथम डोज लगाये जाने वाला राज्य बन गया है। शत-प्रतिशत दूसरी डोज का लक्ष्य भी शीघ्र ही पूरा कर लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का पूरा कार्यकाल दूरस्थ और पिछड़े क्षेत्रों के विकास को समर्पित रहा है। यह पहली सरकार है जिसने पलायन को गम्भीरता से लिया और रिवर्स पलायन को साकार करने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। पर्वतीय क्षेत्रों में निवेश के लिए पर्यटन, आयुष व वेलनेस, आईटी, सौर ऊर्जा सहित सर्विस सेक्टर पर विशेष फोकस किया गया है। सीमांत तहसीलों के लिए ’’मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना’’ शुरू की है तथा सभी न्याय पंचायतों में क्लस्टर आधारित एप्रोच पर ग्रोथ सेंटर बनाए जा रहे हैं। वोकल फॉर लोकल पर आधारित ’’एक जनपद दो उत्पाद’’ योजना द्वारा स्थानीय लोगों के लिए स्वरोजगार के अवसर पैदा करने कोशिश की है। सरकार द्वारा शुरू की गई होम स्टे योजना से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की अपेक्षा के अनुसार हम वर्ष 2025 तक जब उत्तराखंड अपनी स्थापना का रजत जयंती वर्ष मना रहा होगा, तब हम उसे देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए संकल्पबद्ध हैं और इसके लिए हम ’’विकल्प रहित संकल्प’’ के मंत्र को ध्यान में रखकर दिन-रात कार्य कर रहे हैं। जिसके द्वारा हम अन्त्योदय के अपने अंतिम लक्ष्य को प्राप्त कर सकें और उत्तराखंड को सच्चे अर्थों में देवभूमि बना सकें।
डी.जी.पी अशोक कुमार ने अपने संबोधन में उत्तराखण्ड पुलिस की उपलब्धियों की जानकारी दी। राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सूचना एवं लोक संपर्क विभाग द्वारा प्रकाशित विकास पुस्तिका ‘‘विकल्प रहित संकल्प, नये इरादे, युवा सरकार, उत्तराखण्ड विकास के स्वर्णिम पथ पर’’ का विमोचन किया। इसके साथ ही उत्तराखण्ड पुलिस पत्रिका व उपवा की वार्षिक पत्रिका का भी विमोचन किया गया।
रैतिक परेड का नेतृत्व जन्मेजय खण्डूरी, पुलिस उपमहानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून द्वारा, द्वितीय कमाण्ड एवं परेड एडजूटेन्ट के साथ किया गया। परेड में उत्तराखण्ड पुलिस की विभिन्न शाखाओं जैसे ट्रैफिक पुलिस, नागरिक पुलिस, पीएसी, महिला पीएसी, पुलिस दूरसंचार, दंगा नियन्त्रण, डॉग स्क्वाड, कमाण्डो दस्ता, फायर सर्विस, एसडीआरएफ, सीपीयू आदि सम्मिलित थे। कार्यक्रम का संचालन उपनिरीक्षक पूनम प्रजापति एवं आरक्षी फायर मनीष पन्त द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल, मुख्य सचिव एस एस संधु , अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, मनीषा पंवार सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारीगण एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।

पीटीसी नरेंद्र नगर से 17 पुलिस उपाधीक्षकों ने पास किया प्रशिक्षण, उत्तराखंड पुलिस में हुए शामिल

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने पीटीसी नरेन्द्र नगर में पुलिस उपाधीक्षक आधारभूत प्रशिक्षण दीक्षांत समारोह में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने प्रशिक्षणरत पुलिस उपाधीक्षकों को प्रशिक्षण के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन करने पर सम्मानित भी किया। मुख्यमंत्री द्वारा जिन पुलिस उपाधीक्षकों को सम्मानित किया गया उनमें रीना राठोर, नताशा सिंह, अभिनय चैधरी, स्वप्निल मुयाल, सुमित पाण्डे शामिल हुए। इस बार 17 पुलिस उपाधीक्षकों ने पीटीसी नरेन्द्र नगर से अपना प्रशिक्षण पूरा किया है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि पी.टी.सी में आडिटोरियम का निर्माण किया जायेगा। साइबर क्राइम को रोकने हेतु कोर्सेज शुरू किये जायेंगे। पुलिस प्रशिक्षण संस्थानों में कार्यरत प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण भत्ता दिया जायेगा।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने प्रशिक्षण के उपरांत पास आउट होने वाले सभी पुलिस उपाधीक्षकों को बधाई देते हुए कहा कि किसी विशेष उद्देश्य की प्राप्ति के लिए दी जाने वाली शिक्षा ही प्रशिक्षण है। प्रशिक्षण कोई एक दिन में पूर्ण होने वाला वन टाइम टास्क नहीं है, अपितु उसके अनुरूप खुद को बदलना पड़ता है। प्रशिक्षण ही वह माध्यम है जिसके द्वारा हम अपने पेशेवर कार्यों को तेजी व दक्षता से करने में सक्षम होते हैं। उन्होंने कहा कि पी.टी.सी प्रशिक्षुओं को कानूनों की जानकारी के अलावा शस्त्र संचालन आदि अनेक प्रकार के जरूरी कौशल का प्रशिक्षण भी दिया गया होगा, परंतु क्षमताओं का वास्तविक आकलन तो तभी होगा जब हम अपने सीखे हुए ज्ञान एवं कौशल को अपने व्यवहारिक जीवन सही व सहज तरीके से प्रयोग करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य की कई विविधताएं हैं, कठिन भौगोलिक परिस्थिति एक सबसे बड़ी चुनौती है जहां – बाढ़, बादल फटना, भू-स्खलन, भूकम्प जैसी प्राकृतिक आपदाओं के अतिरिक्त सड़क दुर्घटनाओं का यदा-कदा सामना करना पड़ता है, ऐसे में हमारी राज्य पुलिस की भूमिका अन्य राज्यों की तुलना में और भी चुनौतीपूर्ण होजाती है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड एक पर्यटक एवं धार्मिक स्थल बहुल राज्य है, यहां बाहर से प्रतिवर्ष उसकी कुल आबादी दोगुने से भी अधिक पर्यटक एवं श्रद्धालु आते हैं। पर्यटन उद्योग राज्य की आय का प्रमुख स्रोत भी है, ऐसे में राज्य पुलिस की भूमिका अत्यन्त ही महत्वपूर्ण हो जाती है। पुलिस को न केवल पर्यटकों के आवागमन को सुदृढ़ एवं सुरक्षित बनाने में अहम भूमिका निभानी है, अपितु पर्यटकों को सुरक्षित भी महसूस करवाना होता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य में साईबर एवं डिजिटल तकनीकी के माध्यम से होने वाले आर्थिक अपराधों, साईबर अपराधों एवं सामाजिक अपराधों से निपटना पुलिस के लिए प्रमुख चुनौती है। इसको भी ध्यान में रखते हुए प्रशिक्षण के दौरान साइबर अपराधों से निपटने की भी जानकारी उन्हें दी गई होगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि पुलिस अन्य अपराधों के अलावा साइबर और संगठित अपराधों पर रोक लगाकर राज्य में चैतरफा सुरक्षा का माहौल तैयार करेंगे। कोरोना संकट के इस दौर में उत्तराखण्ड पुलिस ने कई नई-नई चुनौतियों का सामना किया है।

पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि पुलिस के सामने अनैक चुनौतियां हैं। पुलिस को नई-नई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए यह कठिन प्रशिक्षण दिया जाता है। उन्होंने कहा कि पुलिस में जन सेवक के गुण होने बहुत जरूरी हैं। हमारा मकसद पीड़ित केन्द्रित होना चाहिए। हमारा प्रयास होना चाहिए कि समाज के ऐसे लोगों को न्याय दिलाया जाए जो सुविधाओं से वंचित हैं। पुलिस के पास यूनिफार्म के साथ ही कानूनी अधिकार भी है।

इस अवसर पर कृषि मंत्री सुबोध उनियाल, अपर पुलिस महानिदेशक, डॉ. पीवीके प्रसाद, पुलिस महानिरीक्षक, प्रशिक्षण पूरन सिंह रावत, निदेशक पी०टी०सी० राजीव स्वरूप, जिलाधिकारी टिहरी ईवा आशीष श्रीवास्तव, एसएसपी टिहरी तृप्ति भट्ट आदि उपस्थित थे।

अटैचमेंट को लेकर डीजीपी सख्त, मूल तैनाती के होंगे आदेश

उत्तराखंड के सभी पुलिसकर्मियों के पास एक माह के भीतर स्मार्ट कार्ड होंगे। इसके लिए डीजीपी ने विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। सभी जिला प्रभारी और सेनानायक इस काम को अपने पर्यवेक्षण में करेंगे।
दरअसल, बीते 12 सालों से पुलिस के आईडी कार्ड का काम बेहद धीमा है। फील्ड में तैनात पुलिसकर्मियों के कार्ड दौरान नहीं बन पाए थे। इनकी संख्या तीन से चार के आसपास बताई जा रही है। आईकार्ड न होने से पुलिसकर्मियों को बाहरी जनपदों और राज्यों में दबिश देने में भी समस्या सामने आती थी। लेकिन, अब डीआईजी ने सभी के कार्ड बनाने के लिए एक माह का समय दिया है।

पुलिस में खत्म होगा अटैचमेंट का खेल
पहाड़ की ड्यूटी से बचने के लिए लंबे समय से अटैच चले आ रहे पुलिसकर्मियों को मूल तैनाती पर जाना ही होगा। इसके लिए पुलिस मुख्यालय ने अटैचमेंट वाले प्रकरणों की समीक्षा करानी शुरू कर दी है। वाजिब कारण वालों को छोड़कर सभी को पहाड़ चढ़ाने की तैयारी की जाएगी।
दरअसल, मैदान में समयावधि पूरी होने के बाद कर्मचारियों का पहाड़ पर ट्रांसफर किया जाता है। लेकिन, बहुत से कर्मचारी कई मजबूरियां बताकर विभिन्न दफ्तरों में अटैच हो जाते हैं। यह अटैचमेंट अग्रिम आदेशों या समस्या हल होने तक किया जाता है।
बावजूद, इसके तमाम कर्मचारी अब भी दफ्तरों से अटैच होकर मैदान में ड्यूटी कर रहे हैं। इस मामले में अब डीजीपी ने मुख्यालय में मौजूद कर्मचारियों का डाटा और उनके अटैचमेंट की स्थिति की समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं। ताकि, इन कर्मचारियों को उनके मूल तैनाती स्थल पर भेजा जा सके।

आईजी ने भी दिए थे निर्देश
पिछले दिनों रेंज स्तर पर आईजी अभिनव कुमार ने भी अटैचमेंट की स्थिति साफ करने के निर्देश दिए थे। उन्होंने कई कर्मचारियों को उनके मूल तैनाती स्थल पर भेजने के निर्देश भी दिए थे। उन्होंने नाराजगी जताई थी कि बहुत से कर्मचारी सहूलियत का बेवजह फायदा उठा रहे हैं। उन्होंने कहा था कि अटैचमेंट एक सुविधा होती है, जिसका अनुचित लाभ लिया जाना गलत है।
डीजीपी अशोक कुमार ने कहा पहाड़ पर ट्रांसफर हुए लोगों को जल्द ही मूल तैनाती पर भेजा जाएगा। इसके लिए सभी को निर्देशित किया जा चुका है। इसके लिए समितियां भी काम कर रही है। ट्रांसफर, पोस्टिंग को लेकर वर्तमान में नौ समितियां हैं।

रतूड़ी ने नए डीजीपी अशोक कुमार को पुलिस बैटन सौंपी

उत्तराखंड पुलिस के डीजीपी अनिल कुमार रतूड़ी आज रिटायर हो गए हैं। उनकी जगह 1989 बैच के अधिकारी अशोक कुमार ने चार्ज संभाला है। डीजीपी अनिल कुमार रतूड़ी ने नए डीजीपी अशोक कुमार को पुलिस बैटन सौंपी। आईपीएस अशोक कुमार उत्तराखंड के 11वें डीजीपी बने हैं।
इससे पहले पुलिस लाइन में राज्य के 10वें डीजीपी अनिल कुमार रतूड़ी की विदाई में परेड का आयोजन किया गया। पुलिस लाइन में सुबह करीब नौ बजे से परेड की शुरुआत की गई । इसके लिए पुलिस लाइन में सुरक्षा व्यवस्था भी बढ़ाई गई। डीजीपी अनिल कुमार रतूड़ी को डीजी अशोक कुमार ने पुलिस लाइन में रिसीव किया। इसके बाद भव्य विदाई परेड आयोजित की गई।
डीजीपी अनिल रतूड़ी के पुलिस मुखिया के तौर पर तीन साल से अधिक का कार्यकाल रहा है। आज सेवानिवृत्त होने के दिन उनकी तीन साल की उपलब्धियों को बताया गया।

ये हैं उनके प्रमुख कार्य-
– गुमशुदा बच्चों को तलाशने के लिए ऑपरेशन स्माइल चलाया गया।
– सीपीयू की तर्ज पर पहाड़ों में हिल पेट्रोल यूनिट शुरू की गई।
– ई-चालन व्यवस्था की शुरुआत की गई।
– इस अवधि में 6 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण दिलाया गया।
– 2018 में माउंट एवरेस्ट पर पुलिस टीम ने चढ़ाई की।
– कॉमन वेल्थ ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव की इंडिया जस्टिस रिपोर्ट में उत्तराखंड पुलिस मानव संसाधनों के उपभोग में दूसरे स्थान पर रही।
– पिछले साल देश के 15000 थानों में प्रदेश के तीन थाने टॉप 10 में शामिल हुए।