हंस फाउंडेशन ने सीएम को सौंपा 11 करोड़ रूपये का सीएम राहत कोष का चेक

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से हंस फाउण्डेशन के संस्थापक माता मंगला एवं भोले जी महाराज ने भेंट की। इस अवसर पर उन्होंने आपदा पीड़ितों के सहयोग के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष हेतु मुख्यमंत्री को 11 करोड़ रूपये का चेक सौंपा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हंस फाउण्डेशन के संस्थापक माता मंगला एवं भोले जी महाराज का आभार व्यक्त करते हुए हंस फाउण्डेशन द्वारा राज्य सरकार को समय-समय पर सहयोग दिया जाता है। राज्य में जब भी कोई आपदा आती है या जरूरतमंदों को कोई जरूरत होती है, तो हंस फाउण्डेशन सेवा के कार्यों में हमेशा आगे आता है। कोरोना काल में भी हंस फाउण्डेशन द्वारा अनेक तरह से सेवा के कार्य किये गये। शिक्षा, स्वास्थ्य एवं अन्य क्षेत्रों में हंस फाउण्डेशन द्वारा राज्य सरकार को लगातार सहयोग दिया जा रहा है।

धारचूला में आपदा प्रभावित क्षेत्र पहुंचकर सीएम ने लिया स्थिति का जायजा, प्रभावित परिवारों से मिलकर जताई शोक संवेदना


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पिथौरागढ़ जनपद के सीमांत तहसील धारचूला के आपदा प्रभावित क्षेत्र ग्राम जुम्मा पंहुचकर विगत दिनों क्षेत्र में हुई भारी वर्षा से हुई क्षति का जायजा लिया गया तथा आपदा प्रभावितों से मिले व उनका हाल जाना। इस दौरान उन्होंने जुम्मा के जामुनी तोक में आपदा से लापता व्यक्तियों की खोजबीन हेतु चलाए जा रहे रेस्क्यू कार्य का भी जायजा लिया गया। इस दौरान उन्होंने आपदा प्रभावित क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण कर नुकसान का जायजा भी लिया गया। उन्होंने जुम्मा के एलागाड़ स्थित एसएसबी कैम्प में जुम्मा के जामुनी एवं सिरौउयार तोक के आपदा प्रभावितों से मिलकर शोक संवेदना व्यक्त करते हुए दुःख व्यक्त किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार दुःख की इस घड़ी में उनके साथ खड़ी है। इस दौरान प्रभावित परिवारों को प्रति मृतक 4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता का चेक प्रदान किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि 1 लाख रुपये की अतिरिक्त धनराशि प्रति मृतक मुख्यमंत्री आर्थिक सहायता कोष से भी परिवार को सहायता के रूप में उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने आपदा पीड़ितों को आस्वस्त कराया कि सरकार इस दुःख की घड़ी में उनके साथ खड़ी है। उनकी हर संभव मदद की जाएगी।

इसके उपरांत मुख्यमंत्री पर्यटक आवास गृह धारचूला पहुंचकर स्थानीय लोगों से मिले और उनकी समस्याएं भी सुनी। इससे पूर्व जुम्मा में आपदा की घटना में मृतक व्यक्तियों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए उनकी आत्मा की शान्ति के लिए 2 मिनट का मौन रखा गया। इसके उपरांत उन्होंने धारचूला नगर के नो गांव(तरकोट), मल्ली बाजार के आपदा पीड़ित परिवार से मुलाकात कर उन्हें हर सम्भव मदद करने की बात करते हुए जिलाधिकारी को आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि क्षेत्र का भू गर्भीय परीक्षण कराते हुए सुरक्षा के कार्य कराए जाएंगे। इस दौरान उन्होंने क्षेत्रीय जनता की समस्याएं भी सुनी। उन्होंने बरम के गोगोई में भू कटाव को रोके जाने हेतु सुरक्षा दीवार का निर्माण करने की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि दुःख की घड़ी में सरकार प्रभावितों के साथ खड़ी है। हर सम्भव मदद की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी एक माह हेतु क्षेत्र में हैलीसेवा को बढ़ा दिया गया है। आवश्यकता पड़ने पर इसे आगे भी बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि पिथौरागढ़ से हवाई सेवा सुचारू किए जाने हेतु भी प्रयास जारी है। उन्होंने कहा कि धारचूला काली नदी किनारे तटबन्ध निर्माण हेतु सिंचाई विभाग द्वारा तैयार 42 करोड़ की धनराशि के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान हेतु शासन से कार्यवाही की जाएगी।

अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्र में आपदा से बंद क्षतिग्रस्त सड़कों को शीघ्रता से खोलना हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में तीन मांह हेतु खाद्यान्न की आपूर्ति की जा चुकी है,जहां खाद्यान्न की कमी होगी उन क्षेत्रों में हैलीकॉप्टर से खाद्यान्न पंहुचाया जाएगा। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में चिकित्सकों की तैनाती की जाएगी। उन्होंने आपदा के दौरान प्रशासन द्वारा किए गए त्वरित कार्य हेतु जिलाधिकारी एवं उनकी समस्त टीम की सराहना करते हुए कहा कि आपदा विभाग 24 घंटे कार्य कर रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत दुनिया का पहला देश है जहां सबसे अधिक वैक्सीनेशन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कोरोना कम हुआ है पर खत्म नहीं हुआ है। सभी लोगों से अपील है कि वह कोविड नियमों का अनुपालन अवश्य करें। उन्होंने कहा कि अगले 4 महीने में प्रदेश में शत प्रतिशत कोविड वैक्सीनेशन कर लिया जाएगा। केन्द्र से उत्तराखंड को 20 लाख वैक्सीन उपलब्ध करा दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी अधिकारी कार्यों को सरलीकरण करते हुए उनका समाधान कर त्वरित निस्तारण करना सुनिश्चित करें ताकि निचले स्तर की समस्याओं के निस्तारण हेतु लोगों को तहसील, जिला एवं राज्य स्तर तक न आना पड़े। उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों का भू गर्भीय परीक्षण कर सुरक्षा एवं पुनर्वास की व्यवस्था की जाएगी।
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि धारचूला के ग्वाल गांव में सुरक्षा के कार्य किए जाएंगे। व्यास खोतिला के भू कटाव की सुरक्षा हेतु धनराशि दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार जो भी घोषणा कर रही है उसे धरातल पर अवश्य ही साकार कर रही है। इस दौरान क्षेत्रीय सांसद अजय टमटा ने कहा कि सरकार इस दुःख की घड़ी में आपदा प्रभावितों के साथ है। उनकी हर संभव मदद की जाएगी।
भ्रमण के दौरान सांसद अजय टम्टा, जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान, पुलिस अधीक्षक सुखबीर सिंह, क्षेत्र प्रमुख धन सिंह धामी, अध्यक्ष नगर पालिका राजेर्श्वरी देवी, प्रभारी मुख्य विकास अधिकारी आशीष पुनेठा आदि मौजूद रहे।

आपदा प्रभावितों की पुनर्वास की व्यवस्था करेगी राज्य सरकारः त्रिवेंद्र

सीएम त्रिवेन्द्र सिंह पिथौरागढ़ जिले के आपदा प्रभावित क्षेत्र तहसील बंगापानी के राजकीय इंटर कालेज बरम में आपदा प्रभावितों के लिए बनाए गए राहत शिविर में पहुंचे। यहां उन्होंने निरीक्षण के बाद आपदा प्रभावितों की समस्याएं सुनी। उन्होंने आपदा की घटना में मृतकों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि दुःख की इस घड़ी में सरकार उनके साथ खड़ी है। उन्होंने शिविर में आपदा प्रभावितों को प्रशासन द्वारा दी जा रही सुविधाओं की जानकारी ली।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि आपदाग्रस्त परिवारों की परिस्थिति उनके कष्ट वह समझ सकते हैं, जो भी प्रभावित हैं, जांच के उपरांत उनकी सुविधा अनुसार उनके पुनर्वास की व्यवस्था सरकार द्वारा की जाएगी। जिलाधिकारी पिथौरागढ़ द्वारा इस हेतु प्रस्ताव भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि पूर्व में विस्थापन की नीति नहीं थी अब पुनर्वास हेतु सरकार द्वारा नीति बना दी गई है। इन 2 वर्षों में 350 परिवारों को विस्थापन करने का कार्य भी किया गया। नीति बनने के उपरांत कार्य करने में सुविधा भी मिलेगी। इस दौरान उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावित व्यक्ति को रोजगार से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावितों को मानकों के अनुरूप पूरी मुआवजा राशि दी जाएगी।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने क्षेत्र के विकास हेतु विभिन्न घोषणाऐं भी की। जिसमें दारमा घाटी में विभिन्न सड़कों का निर्माण, नगर पालिका धारचूला क्षेत्रान्तर्गत तट बंध निर्माण के 2 करोड़ 50 लाख, सीमांत क्षेत्र की तीनों घाटियों व्यास, दारमा व चैदास में 5 मोबाइल टावर जो भी कंपनी स्थापित करेगी उसे राज्य सरकार 40 लाख रुपये वहन करेगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान तक क्षेत्र में लगभग 300 सेटेलाइट फोन भी बांटे गए हैं। उन्होंने राजकीय इंटर कॉलेज धारचूला का नाम दानवीर जसुली शोकयानी दताल के नाम रखने की घोषणा की। इसके अतिरिक्त धारचूला घट काली नदी में सुरक्षा दीवार निर्माण कर बाईपास सड़क का निर्माण, खोतिला के गाँव के लिए स्लाइडिंग एरिया में सुरंग का निर्माण या अन्य विकल्पों से रास्ता निर्माण किया जाएगा।इसके अतिरिक्त धारचूला मिनी स्टेडियम में पर्वतारोहण हेतु दीवार का निर्माण, मुख्यमंत्री सड़क योजना से 28 करोड़ रुपये से सड़कों का निर्माण, नप्लचु से रोंगकांग तक सड़क का निर्माण व सामुदायिक मंच का निर्माण, तवाघाट-लिपुलेख सड़क निर्माण पूर्ण होने के उपरांत गुंजी में टैक्सी स्टैंड का निर्माण किए जाने की घोषणा, ग्राम सभा नाबि के मंदिर का सौंदर्यीकरण, दांतु, गो, फिलम मोटर मार्ग का निर्माण, तिदांग से सीपू तक मोटर मार्ग का निर्माण आदि घोषणाएं की।

भ्रमण के दौरान उत्तराखंड संविदा श्रम सलाहकार बोर्ड के माननीय अध्यक्ष शमशेर सत्याल, जिलाधिकारी डॉ विजय कुमार जोगदण्डे, पुलिस अधीक्षक प्रीति प्रियदर्शिनी आदि उपस्थित रहे।