सीएम ने पीएम द्वारा लिखित एग्जाम वॉरियर्स पुस्तक की छात्रों को भेंट

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली के भारत मंडपम से ‘परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में देश के छात्र-छात्राओं के साथ संवाद किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह ने जी.जी.आई.सी कौलागढ़ में विद्यार्थियों के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘परीक्षा पर चर्चा 2024’ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लिखित पुस्तक ‘ एग्जाम वॉरियर्स’ भी प्रदान की।

परीक्षा पे चर्चा के दौरान उत्तराखण्ड के ऊधम सिंह नगर जनपद की कक्षा 07 की छात्रा स्नेहा त्यागी ने प्रधानमंत्री से पूछा कि हम आपकी तरह सकारात्मक कैसे हो सकते हैं? प्रधानमंत्री ने स्नेहा की जिज्ञाशा का समाधान करते हुए कहा कि उनकी प्रकृति है कि वे हर चुनौती को चुनौती देते हैं। उसके कारण उन्हें नया सीखने को मिलता है। उन्होंने कहा कि उनके भीतर आत्मविश्वास है कि देश के 140 करोड़ देशवासी उनके साथ हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि ‘परीक्षा पे चर्चा’ के दौरान तैयारी में जुटे विद्यार्थियों को प्रधानमंत्री का प्रेरणादायी, सारगर्भित और व्यावहारिकता से परिपूर्ण उद्बोधन सुनने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि हमारा सम्पूर्ण जीवन एक परीक्षा है और इस परीक्षा में हार और जीत उतनी महत्वपूर्ण नहीं है, जितना कि हमारी सकारात्मक सोच, क्योंकि एक सकारात्मक सोच वाला व्यक्ति जीवन की किसी भी परीक्षा में असफल नहीं हो सकता। मन की बात हो या परीक्षा पे चर्चा इन दोनों कार्यक्रमों के माध्यम से प्रधानमंत्री ने लोगों को प्रेरित करने का कार्य किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि परीक्षा से पूर्व बच्चों को जिस प्रकार उनके माता-पिता और परिजनों द्वारा मानसिक रूप से मजबूत बनाने का प्रयास किया जाता है, उसी प्रकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के माध्यम से देश के विद्यार्थियों का हौसला बढ़ाते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत का वैश्विक स्तर पर मान, सम्मान और स्वाभिमान बढ़ा है। उन्होंने परीक्षा में भाग ले रहे छात्र-छात्राओं के अभिभावकों से अपील की कि परीक्षा के समय बच्चों पर अनावश्क दबाव न डालें। उन्होंने सभी विद्यार्थियों से कहा कि अपने जीवन में कार्य करने के लिए जो भी क्षेत्र चुनें, उसमें लीडर की भूमिका में कार्य करें। जीवन में जो भी लक्ष्य निर्धारित करना है, उसको प्राप्त करने के लिए पूरी तन्मयता से जुट जाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी बच्चे की प्रतिभा का आंकलन किसी भी एक परीक्षा में सफल या असफल होने पर नहीं किया जा सकता, क्योंकि प्रतिभा तथा बौद्धिक क्षमता किसी भी परीक्षा से ऊपर है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि महान लोगों की जीवनी जरूर पढ़ें। इससे जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा मिलती है। समाज में बड़े कार्य करने वाले अधिकांश लोग सामान्य परिस्थतियों से आगे बढ़े हैं। जब मेहनत के साथ सकारात्मक सोच का मिश्रण हो जाता है तो व्यक्ति को सफल होने से कोई नहीं रोक सकता।

इस अवसर पर शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, विधायक सविता कपूर, उत्तराखण्ड राज्य सलाहकार श्रम संविदा बोर्ड के अध्यक्ष कैलाश पंत, भाजपा के महानगर अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल, शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी, शिक्षा विभाग के अधिकारी एवं राज्य के विभिन्न स्कूलों से छात्र-छात्राएं, अभिभावक और शिक्षकगण जुड़े थे।

गैरसैंण का सर्वागीण विकास सरकार की प्राथमिकता-मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को राजकीय इंटर कॉलेज भराड़ीसैंण में सुदृढ़ीकरण, आर्ट-क्राफ्ट कक्ष एवं पुस्तकालय कक्ष का लोकार्पण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उपस्थित छात्र-छात्राओं को फूलदेई पर्व की शुभकामनाएं देते हुए विधानसभा परिसर भराड़ीसैंण में इस अवसर पर आने के लिए बच्चों का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि आपके विधानसभा परिसर में आने से वहां एक एक अलग प्रकार की ऊर्जा आ गईं। इस दौरान मुख्यमंत्री ने बोर्ड की परीक्षाएं प्रारंभ होने पर भी बच्चों को शुभकामनाएं दी और कहा कि सभी छात्र अच्छे अंको से उत्तीर्ण हों ऐसी उनकी शुभकामनाएं हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम जो छात्र देखने से रह गए अगर वह अभी भी उसे देखेंगे तो उनका बहुत अच्छा मार्ग-दर्शन होगा। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि भविष्य में ये बच्चे देश-प्रदेश का नाम रोशन करने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि जिन्होंने भी इतिहास बनाया वे सब सामान्य स्थिति में पले बढ़े हैं। नई शिक्षा नीति में आज बहुत सारे काम हो रहे हैं। नई शिक्षा नीति लागू करने वाले उत्तराखंड देश का पहला राज्य है। क्षेत्रीय विधायक अनिल नौटियाल की निधि से विद्यालय के सामान हेतु 5 लाख रुपये दिये जायेंगे। उन्होंने कहा कि प्राथमिकता के आधार पर हम इस क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत भी उपस्थित रहे।

सीएम ने परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम में बच्चों से किया संवाद, बढ़ाया हौसला

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने जनपद भ्रमण के दौरान थारू राजकीय इंटर कॉलेज पहुंचकर परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। सीएम धामी ने कॉलेज पहुंच कर अपनी पुरानी यादें ताजा की। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री इस विद्यालय के छात्र रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विद्यार्थियों के बीच पहुंचकर अपने विद्यार्थी जीवन के अनुभव साझा करते हुए कहा कि वे जमीन पर बैठकर पढ़ाई करते थे और लिखने के लिए तख्ती का उपयोग किया करते थे। उन्होंने कहा कि उनके आगे बढ़ने में विद्यालय का बहुत बड़ा योगदान है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एग्जाम के दौरान उत्पन्न होने वाले तनाव, जिज्ञासा आदि पर मार्गदर्शन किया है, धामी ने कहा कि तनाव से दूर रहने हेतु एक्जाम वारियर परीक्षा पे चर्चा पुस्तक को अवश्य पढ़ना चाहिए।
बालिका अष्टवी राज ने प्रश्न पूछा कि जैसे परीक्षा की घड़ी नजदीक आती जा रही है, वैसे-वैसे घबराहट बढ़ती जा रही, किस प्रकार टाइम मैनेजमेंट करें कि सारे सब्जेक्ट कवर हो जाएं, इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि परीक्षा से घबराने की जरूरत नहीं है, कठिन लगने वाले सब्जेक्ट को अधिक समय दीजिए, शिक्षकों, दोस्तों के साथ टॉपिक एवं विषय पर विस्तार से चर्चा कीजिए। उन्होंने कहा कि मैं भी सामान्य छात्र रहा हूं, हमें किसी भी सब्जेक्ट को कठिन नहीं मानना चाहिए बल्कि एक पाठ के बाद दूसरे पाठ को इस प्रकार लेना चाहिए कि कुछ अच्छा और नया सीखने के लिए मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यक्ति स्वयं के लिए सबसे अच्छा टाइम मैनेजर होता है, अपनी आवश्यकता के अनुसार टाइम मैनेज करना चाहिए और प्रातःकाल जरूर उठना चाहिए तथा दिनचर्या में व्यायाम एवं खेलों को भी शामिल करना चाहिए।
मोहम्मद रेहान ने प्रश्न पूछा कि बारहवीं के बाद क्या विकल्प चुनना चाहिए, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सभी विद्यार्थियों को यह जरूर सोचना चाहिए कि हमें किस क्षेत्र में आगे बढ़ना है, क्या करना है। धामी ने कहा कि हमें अपनी रूचि के अनुसार करियर का विकल्प चुनना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे गुरु एवं अभिभावक कैरियर चुनने के लिए गाइड कर सकते हैं परंतु कैरियर का चुनाव हमें अपनी रूचि के अनुसार ही करना चाहिए।
मोहम्मद आरिफ ने प्रश्न किया कि एग्जाम के नजदीक आने पर प्रेशर एवं डिप्रेशन बढ़ता जा रहा है, पढ़ाई कैसे की जाए, इस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि “मन के जीते जीत है, मन के हारे हार“। धामी ने कहा कि एग्जाम से डरने की जरूरत नहीं है, एग्जाम युद्ध का मैदान नहीं है और प्रश्न सिलेबस के बाहर से भी आने वाले नहीं है अर्थात प्रश्न सिलेबस से ही पूछे जाएंगे, श्री धामी ने कहा कि टाइम का ही मैनेजमेंट करना है और पूरी निष्ठा ईमानदारी एवं लगन से पढ़ाई करने के साथ-साथ व्यायाम एवं खेलकूद को भी समय देना चाहिए। प्रेरणा ने प्रश्न पूछा कि पहले और अब की पढ़ाई में क्या परिवर्तन दिखाई दे रहा है, इस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि अंतर इतना है कि पहले तख्ती पर पढ़ाई लिखाई होती थी और टाट एवं चटाई पर बैठकर पढ़ाई करते थे। उन्होंने कहा कि साइंस एंड टेक्नोलॉजी तेजी से आगे बढ़ रही है तकनीकी ज्ञान वर्तमान के बच्चों को ज्यादा है।
प्रियांशी ने पूछा कि नकारात्मक विचारों से कैसे बचा जाए, मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यक्ति को सकारात्मक सोच रखनी चाहिए क्योंकि सोच से ही विचार उत्पन्न होते हैं, उन्होंने कहा कि मन में सकारात्मक सोच, उत्साह एवं उमंग होनी चाहिए। हमारे मन में उत्साह होगा तो हमारे अंदर ऊर्जा आएगी और खराब सोच भूल जाएंगे। धामी ने कहा कि अपनी सोच के दायरे को कुआ की तरह सीमित न रखते हुए विशाल महासागरों की तरह बढ़ाना होगा, स्वामी विवेकानंद ने भी कहा है कि मनुष्य अनंत शक्ति एवं ऊर्जा का भंडार है।
आरिश ने प्रश्न पूछा कि स्पोर्ट्स के क्षेत्र में कौन-कौन सी योजनाएं हैं जिससे आगे बढ़ा जा सकता है, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार नई स्पोर्ट्स नीति लेकर आई है जिसमें प्रावधान किया गया है कि यदि कोई खेल क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करता है तो उसके बाहर आने जाने, रहने, खाने के साथ ही नौकरी की भी व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा कि नौकरियों में खेल कोटा शुरू कर रहे हैं।
अनमोल प्रजापति ने प्रश्न किया कि अपनी घबराहट एवं झिझक को कैसे दूर कर सकते हैं, इस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमें अपने सोचने का नजरिया बदलना चाहिए, उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि यदि आप किसी सभा में बोल रहे हैं तो यह सब मन से निकाल देना चाहिए कि कोई भी व्यक्ति हमसे ज्यादा विद्वान इस सभा में उपस्थित है, क्योंकि उस समय सभी विद्वान सिर्फ और सिर्फ आपको सुन रहे होते हैं, आपको सकारात्मक विचारों के साथ अपनी बात को रखते रहना चाहिए। श्री धामी ने कहा कि मन में नकारात्मक सोच नहीं रहनी चाहिए और मोरल हाई रखना चाहिए, झिझक स्वतः ही दूर हो जाएगी।
अंजू गंगवार ने प्रश्न पूछा कि पॉलिटिक्स में कैसे आगे बढ़ा जाए, इस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उदाहरण देते हुए कहा कि जितने भी लोग देश दुनिया में इतिहास में अपना नाम दर्ज कराया है उनका शुरुआती जीवन में कुछ बनने के लिए नहीं सोचा होगा, मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य होना चाहिए कि “मुझे कुछ बनने के लिए नहीं बल्कि कुछ करने के लिए बनना है“। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजनीति ही नहीं अपितु अपनी रूचि के अनुसार चुने गए कार्य क्षेत्र में पूरी ईमानदारी निष्ठा एवं लगन, समय बाध्यता के साथ कार्य करोगे तो निश्चित ही उस क्षेत्र के लीडर कहलाओगे। इसके साथ ही रिजवान अहमद ने एनसीसी, राहुल बडोनी ने इंग्लिश मीडियम आदि के बारे में प्रश्न पूछा, जिनका जवाब भी मुख्यमंत्री ने दिया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर ऑडिटोरियम को आधुनिक बनाने, मुख्य भवन की मरम्मत कराने तथा फील्ड-खेल मैदान का सौंदर्यीकरण कराने की घोषणा की।
इस दौरान जिलाधिकारी युगल किशोर पंत, एसएसपी मंजूनाथ टीसी, मुख्य विकास अधिकारी विशाल मिश्रा, मुख्य शिक्षा अधिकारी आरसी आर्य सहित विद्यार्थी तथा शिक्षक आदि उपस्थित रहे।

सफलता के लिए संयमए नियम और अनुशासित जीवन जरूरी

श्री भरत मन्दिर इंटर कॉलेज ऋषिकेश में परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इसमें मुख्य अतिथि के रूप में क्षेत्रीय विधायक व मंत्री डॉ प्रेम चंद अग्रवाल ने शिरकत की और छात्रों से संवाद किया। इस अवसर पर मंत्री डॉ अग्रवाल ने पेंटिंग प्रतियोगिता के प्रतिभागी छात्रों को पुरस्कार भी प्रदान किये।

शनिवार को विद्यालय के सभागार में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ मंत्री डॉ अग्रवाल ने माँ शारदा के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इसके बाद विद्यालय की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गए। मंत्री डॉ अग्रवाल ने कहा कि सफलता के लिए संयमए नियम और अनुशासित जीवन जरूरी है।

डॉ अग्रवाल ने छात्रों को उत्तराखण्ड एवं देश का भविष्य निर्माता बताते हुए उन्हें परीक्षा की तैयारियों के लिये ज्ञानवर्धक सलाह देकर उनकी शंकाओं का समाधान किया। उन्होंने कहा कि छात्रों के साथ इस आयोजन में शामिल होकर वे स्वयं को और अधिक ऊर्जा से भरा हुआ अनुभव कर रहे हैं। बच्चों की परीक्षाएं आने वाली हैं और उनके साथ इस विषय पर संवाद करना भी एक सुखद अनुभव है। इससे उन्हें अपने स्कूल के दिनों का भी स्मरण करने का अवसर मिला है।

डॉ अग्रवाल ने कहा कि उनके एक शिक्षक ने बचपन में उन्हें विद्यार्थी के पांच मुख्य गुणों के बारे में एक श्लोक के माध्यम से बताया था कि उसमें कौवे की तरह जानने की चेष्टाए बगुले की तरह ध्यान लगाने की क्षमताए श्वान निद्रा और अल्पाहारी और गृहत्यागी गुण पांच गुण होने चाहिये।

डॉ अग्रवाल ने कहा कि परीक्षाओं में थोड़ा तनाव होना स्वाभाविक बात हैए परन्तु जब यह तनाव बहुत अधिक बढ़ जाता है तो न केवल परीक्षा के परिणाम में इसका विपरीत असर पड़ता है बल्कि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भी गंभीर प्रभाव पड़ता है।

उन्होंने कहा कि आप लोग डा कलाम या हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित अनेक महान लोगों की जब जीवनी पढ़ेंगे तब पाएंगे कि उनमें एक बात समान है और वो है सकारात्मक सोच। जब मेहनत के साथ सकारात्मक सोच का मिश्रण हो जाता है तो व्यक्ति को सफल होने से कोई नहीं रोक सकता।

डॉ अग्रवाल ने कहा कि परीक्षा की तैयारियों से संबंधित प्रधानमंत्री जी ने भी एक किताब लिखी हैए इसका नाम है श्एग्जाम वॉरियर्सश् यह किताब अत्यंत ही रूचिपूर्ण और ज्ञानवर्धक है।

इस मौके पर मंत्री डॉ अग्रवाल ने सभी छात्रों को आने वाली परीक्षाओं की सफलता के लिये शुभकामना दी।

इस मौके पर श्री भरत मन्दिर ट्रस्ट के प्रबंधक हर्षवर्धन शर्माए महंत वत्सल प्रपन्नाचार्यए जिला उपाध्यक्ष भाजपा दिनेश सतीए मंडल अध्यक्ष सुमित पवारए विद्यालय अभिभावक संघ के अध्यक्ष रामकृपाल गौतमए जिला शिक्षा अधिकारी सुदर्शन सिंह बिष्टए खंड शिक्षा अधिकारी सुमन अग्रवालए प्रधानाचार्य मेजर गोविंद सिंह रावतए जिला कार्यालय प्रभारी देवदत्त शर्माए पार्षद शिव कुमार गौतमए युवा मोर्चा के अध्यक्ष नितिन सक्सेनाए विजय जुगलानए मनीष भट्टए सुनील थपलियाल आदि उपस्थित रहे।

छात्रों से संवाद में बोले सीएम, सफलता के लिए संयम, नियम और अनुशासित जीवन जरूरी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सफलता के लिए संयम, नियम और अनुशासित जीवन जरूरी है। मुख्यमंत्री ने गुरूवार को राजीव गांधी नवोदय विद्यालय ननूरखेड़ा में विद्यार्थियों के साथ परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम में छात्रों से संवाद किया। उन्होंने छात्रों को उत्तराखण्ड एवं देश का भविष्य निर्माता बताते हुए उन्हें परीक्षा की तैयारियों के लिये ज्ञानवर्धक सलाह देकर उनकी शंकाओं का समाधान किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पेंटिंग प्रतियोगिता के प्रतिभागी छात्रों को पुरस्कार भी प्रदान किये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्रों के साथ इस आयोजन में शामिल होकर वे स्वयं को और अधिक ऊर्जा से भरा हुआ अनुभव कर रहे हैं। बच्चों की परीक्षाएं आने वाली हैं और उनके साथ इस विषय पर संवाद करना भी एक सुखद अनुभव है। इससे उन्हें अपने स्कूल के दिनों का भी स्मरण करने का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि उनके एक शिक्षक ने बचपन में उन्हें विद्यार्थी के पांच मुख्य गुणों के बारे में एक श्लोक के माध्यम से बताया था कि उसमें कौवे की तरह जानने की चेष्टा, बगुले की तरह ध्यान लगाने की क्षमता, श्वान निद्रा और अल्पाहारी और गृहत्यागी गुण पांच गुण होने चाहिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि परीक्षाओं में थोड़ा तनाव होना स्वाभाविक बात है, परन्तु जब यह तनाव बहुत अधिक बढ़ जाता है तो न केवल परीक्षा के परिणाम में इसका विपरीत असर पड़ता है बल्कि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भी गंभीर प्रभाव पड़ता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने कुछ समय पहले पूर्व राष्ट्रपति, भारत रत्न स्व. एपीजे अब्दुल कलाम की जीवनी पर आधारित किताब “अग्नि की उड़ान“ पढ़ी। इस किताब से वे अत्यंत प्रभावित हुए, क्योंकि यह किताब हमें बताती है कि सफलता, परिश्रम के साथ-साथ व्यक्ति की सकारात्मक सोच पर निर्भर करती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आप लोग डा. कलाम या हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित अनेक महान लोगों की जब जीवनी पढ़ेंगे, तब पाएंगे कि उनमें एक बात समान है और वो है सकारात्मक सोच। जब मेहनत के साथ सकारात्मक सोच का मिश्रण हो जाता है तो व्यक्ति को सफल होने से कोई नहीं रोक सकता। मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्रों को भी ऐसी किताबें पढ़नी चाहिये। परीक्षा की तैयारियों से संबंधित प्रधानमंत्री जी ने भी एक किताब लिखी है, इसका नाम है “एग्जाम वॉरियर्स“ यह किताब अत्यंत ही रूचिपूर्ण और ज्ञानवर्धक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी कुछ दिन पूर्व जहां एक ओर हमने वीर बाल दिवस मनाकर गुरू गोविंद सिंह के महान सपूतों का स्मरण किया, वहीं दूसरी ओर हमने चिर युवा सन्यासी स्वामी विवेकानंद का जन्मदिवस भी युवा दिवस के रूप में मनाया। स्वामी विवेकानंद का उनके जीवन में बहुत अधिक प्रभाव रहा है। जब अपने स्कूल के दिनों में उन्होंने उनकी यह उक्ति उठो, जागो और लक्ष्य तक पहुंचे बिना रूको मत पढ़ी तभी ठान लिया था कि जीवन में जिस भी क्षेत्र में जाउंगा, अपना 100 प्रतिशत योगदान देने का प्रयास करूंगा। उन्होंने छात्रों का आह्वान किया कि आप लोग भी जिस क्षेत्र में जाएं उस क्षेत्र में अपना 100 प्रतिशत योगदान देकर उस क्षेत्र के नेता अर्थात लीडर बनें। जैसे आप खेल के क्षेत्र में जाएं तो सचिन तेंदुलकर की भांति खेल के लीडर बने। आप गायक बनें तो लता मंगेशकर और मोहम्मद रफी जैसे महान गायक बनें और यदि आप लोग राजनीति में आए तो नरेन्द्र मोदी की भांति विश्व के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता बनें।
मुख्यमंत्री ने छात्रों से कहा कि आप सबने इस कार्यक्रम के माध्यम से बहुत सारी पेंटिंग भी बनाई हैं। जिनमें पर्यावरण संरक्षण सहित अन्य बहुत से समाजोपयोगी विषयों को समाहित किया है। इसके लिये उन्होंने सभी के प्रयासों की सराहना भी की। मुख्यमंत्री ने छात्रों का आहवान किया कि सभी छात्र कड़े अनुशासन, सही समय प्रबंधन और अपने माता-पिता एवं गुरूजनों के आशीर्वाद से जिस भी क्षेत्र में जाए, अपने परिवार, राज्य और देश का नाम रोशन करें।
मुख्यमंत्री ने छात्रों को प्रेरित करने के लिये ‘‘मंजिल ही जीवन का किस्सा है राही बन उस तक जाना है सफलता-असफलता जीवन का हिस्सा है इनसे घबराना कैसा है उठो, जागो और संघर्ष करों यही तो बस जीवन कहता है’’ कविता भी सुनाई।
संवाद के दौरान छात्रा कु. शैलजा कुकरेती, छात्रा कु. खुशी, पूजा, निशा गुप्ता रानी, छात्र रामकरण, युवराज आदि द्वारा परीक्षा की तैयारियों एवं मुख्यमंत्री से बचपन में परीक्षाओं की तैयारी से संबंधित प्रश्नों के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि परीक्षा के समय कुछ तनाव सभी को रहता है किंतु पहले के और अबके समय में बड़ा अंतर है। आज पूरी दुनिया आपके मोबाइल में सिमटी है। पहले संसाधनों का अभाव था, उनकी प्राइमरी शिक्षा स्लेट, दफ्ती, दवात और टाट पट्टी में बैठकर हुई। 3-4 कि.मी. पैदल चलकर स्कूल जाना पड़ता था। उन्होंने छात्रों से कहा कि वे अपनी सोच सकारात्मक रखें, आप जैसा बनना चाहेंगे वही बनेंगे। आज हमारे साथ हमारे अभिभावक के रूप में प्रधानमंत्री जैसा व्यक्तित्व है जो परीक्षा के समय छात्रों से चर्चा कर उनका मार्ग दर्शन कर रहे हैं।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, सचिव रविनाथ रमन ने भी छात्रों को संबोधित किया। महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी ने सभी का आभार व्यक्त किया तथा सभी छात्रों को आने वाली परीक्षाओं की सफलता के लिये शुभकामना दी।

परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम का लाइव प्रसारण करेगा शिक्षा विभाग

शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मीडिया सेंटर, सचिवालय में मीडिया से वार्ता करते हुए कहा कि 27 जनवरी 2023 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तालकटोरा स्टेडियम, नई दिल्ली से छात्रों से ‘परीक्षा पर चर्चा’ कार्यक्रम के माध्यम से संवाद करेंगे। इस कार्यक्रम का लाइव प्रसारण 9 से 12वीं कक्षा तक के सभी विद्यार्थी, शिक्षक एवं विद्यार्थियों के अभिभावक देख सकें। इसके लिए सभी विद्यालयों में आवश्यक व्यवस्थाएं की जा रही हैं। कार्यक्रम में राजकीय, राजकीय सहायता प्राप्त एवं निजी विद्यालयों के छात्र भी जुड़ेगे। परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम में प्रधानमंत्री से संवाद के लिए उत्तराखण्ड से 2 बच्चों का नामांकन हुआ है।
शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि ‘परीक्षा पर चर्चा’ कार्यक्रम में राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री भी जुड़ेंगें। मंत्रीगण, सांसदगण, विधायकगण, राज्य के पद्म पुरस्कार प्राप्तकर्ता, शिक्षा, कला एवं संस्कृति से जुड़े महानुभाव एवं नगर निगमों, नगर पालिकाओं एवं नगर पंचायतों के जनप्रतिनिधि भी राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से इस कार्यक्रम में जुड़ेंगे। राज्य के 65464 शासकीय, अशासकीय एवं निजी विद्यालयों में यह कार्यक्रम संचालित होगा।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य में ‘परीक्षा पर चर्चा’ कार्यक्रम के व्यापक प्रचार-प्रसार के दृष्टिगत दिनांक 20 से 23 जनवरी 2023 तक परीक्षा में चर्चा के थीम से सम्बन्धित कला/पेंटिंग प्रतियोगिता राज्य के 95 विकासखण्ड एवं 8 नगर निगमों में स्थित विद्यालयों में आयोजित की जायेगी। इस प्रतियोगिता में शीर्ष 10 स्थान प्राप्त करने वालों को पुरस्कार दिये जायेंगे। 25 प्रतिभागियों को पारितोषिक एवं सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किये जायेंगे। इस कार्यक्रम में छात्रों के लिए जो थीम रखी गई है उनमें अपने स्वतंत्रता सैनानियों को जाने। हमारी संस्कृति ही शान है। मेरी किताब मेरी प्रेरणा। भविष्य की पीढ़ियों के लिए पर्यावरण सुरक्षा। मेरा जीवन मेरा स्वास्थ्य। मेरा स्टार्टअप सपना। सीमाओं के बिना शिक्षा। विद्यालयों में सीखने के लिए खिलौने और खेल है। शिक्षकों के लिए जो थीम रखी गई है उनमें हमारी विरासत। सीखने के लिए समर्थ वातावरण। कौशल के लिए शिक्षा। पाठ्यक्रम का कम भार और परीक्षा के लिए कोई भय नहीं। भविष्य में शिक्षा की चुनौतियाँ शामिल हैं। अभिभावकों के लिए थीम मेरा बच्चा मेरा शिक्षक । प्रौढ शिक्षा रू सभी को साक्षर बनायें। सीखना और एक साथ बढ़ना है। इस वर्ष इस कार्यक्रम में 81315 शिक्षक, छात्र एवं अभिभावकों की थीम प्राप्त हुई हैं।
इस अवसर पर सचिव शिक्षा रविनाथ रमन एवं शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी उपस्थित रहे।