मुख्यमंत्री का छात्रों से वर्चुवली संवाद

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास स्थित कैम्प कार्यालय में ‘‘जब सीएम हो साथ तो बन जाए हर बात’’ कार्यक्रम के तहत जनपद उधमसिंह नगर के विभिन्न स्कूलों के छात्रों से वर्चुवली संवाद किया। मुख्यमंत्री ने उनसे जीवन में सफलता के लिए अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित करने को कहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी युवाशक्ति देश की ताकत है। युवा समय का बेहतर सदुपयोग कर जीवन में सफलता के सोपान प्राप्त कर सकते हैं। बीता हुआ समय लौटकर नहीं आता है, इसलिये समय के साथ चलकर उसकी उपयोगिता को समझना जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने युवाओं को जीवन में सफलता के लिये संकल्प लेने की सीख देते हुए कहा कि जब हम संकल्प में विकल्प की सोच लाते हैं तो सफलता की राह कठिन हो जाती है। हमें किसी भी कार्य के लिये संकल्प लेकर उसे पूरा करने का लक्ष्य बनाना होगा। पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि साधारण परिवार में जन्मे इन महानुभावों ने देश व दुनिया को नई दिशा देने का कार्य किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं को अपने अंदर नेतृत्व क्षमता विकसित करने पर भी ध्यान देना चाहिए। छात्र स्वयं का आंकलन करे। मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यक्ति स्वयं से झूठ नहीं बोल सकता है।
वेबिनार में छात्रों से संवाद के दौरान उनके प्रश्नों का उत्तर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में छात्रों को माध्यमिक शिक्षा के बाद बेहतर शिक्षा व्यवस्था के प्रयास किये जायेंगे। छात्राओं की बेहतर शिक्षा व्यवस्था के लिये महिला विश्वविद्यालय की स्थापना पर भी संभावनायें तलाशी जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं की खेल प्रतिभाओं के विकास के लिये प्रदेश की खेल नीति तैयार की जायेगी। खेलों के लिये अवस्थापना सुविधाओं का विकास किया जायेगा। उन्होंने कहा कि वंदना कटारिया ने महिला हॉकी में प्रदेश का नाम रोशन किया है। उनकी सफलता पर 25 लाख का पुरस्कार दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड देश का मस्तक है, सांस्कृतिक केन्द्र है। इस देवभूमि के युवाओं का भविष्य बेहतर हो उन्हें अनुकूल अवसर उपलब्ध हो इसके लिये कारगर प्रयास किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य के युवाओं के हित में कोरोना के कारण पिछले एक वर्ष के दौरान प्रतियोगिता परीक्षा अधिकतम आयु पूरी करने वालों को आयु में एक वर्ष की छूट प्रदान की जाने की व्यवस्था की है। लोक सेवा आयोग, संघ लोक सेवा आयोग, एन.डी.ए, सीडीएस आदि प्रतियोगिता की प्रारम्भिक परीक्षा पास करने वाले युवाओं को मेन परीक्षा की तैयारी के लिये 50 हजार की धनराशि प्रदान किये जाने का निर्णय किया गया है। एमबीबीएस चिकित्सकों का इंटर्न भत्ता 7500 से 17000 किया गया है। द्वितीय विश्व युद्ध की वीरांगनाओं की पेंशन 8 हजार से 10 हजार की गई है। हल्द्वानी में सैनिकों के आश्रितों के लिये छात्रावास की स्थापना की जायेगी। शीघ्र ही लगभग 24 हजार पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जायेगी। 30 अगस्त तक आवेदक युवाओं को स्वरोजगार उपलब्ध कराने की योजना तैयार कर जिलाधिकारियों के माध्यम से एक ही स्थान पर कार्यक्रम आयोजित कर ऋण वितरण की कार्यवाही की जायेगी।
मुख्यमंत्री ने युवाओं का आहवान किया कि जीवन में सफलता प्राप्त कर जिस क्षेत्र में भी कार्यरत रहें अपने परिवेश, प्रदेश व देश का नाम रोशन कर लोगों की भावनाओं से जुड़कर समाज का बेटा बनने का प्रयास करें।
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डेय ने भी वर्चुवली प्रतिभाग किया तथा छात्रों से संवाद किया। जिन छात्रों ने मुख्यमंत्री से संवाद किया उनमें इंटर की छात्रा सौम्या शर्मा, छात्र विपिन काण्डपाल, हिमांशु बिष्ट, यश अग्रवाल, अंजली रानी, नवजोत, अंजू, सलोनी बोरा, वंश अग्रवाल, पार्थ अग्रवाल, अरूषा नाथ आदि प्रमुख रही। छात्रों से वर्चुअल संवाद में संगठन महामंत्री अजेय, भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रभारी कुलदीप, अध्यक्ष कुंदन लटवाल, प्रदेश संयोजक सोशल मीडिया अमित नारंग भी उपस्थित थे।

अपने कॅरियर में देशभक्ति की भावना को भी करें शामिलः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने ई-संवाद कार्यक्रम में राज्य के छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि देशभक्ति सभी सद्गुणों की जननी होती है। जिस भी क्षेत्र में अपना भविष्य बनाएं, उसका उद्देश्य देशभक्ति होनी चाहिए। जो भी कैरियर बनाएं, मकसद एक ही होना चाहिए कि देश के लिए कुछ करना चाहते हैं।

लक्ष्य पूर्ति तक आराम नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि जीवन में सफल होने के लिए हनुमानजी से सीखा जा सकता है। ‘रामकाज किन्हे बिना मोहे आराम कहां’। जब तक लक्ष्य पूर्ति न हो, आराम नहीं करना है। पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की आज पुण्य तिथि है। हम उन्हें नमन करते हैं। वे सेना में अधिकारी बनना चाहते थे। देहरादून में साक्षात्कार के लिए आए परंतु उसमें सफल नहीं हुए। निराश हुए, तब ऋषिकेश गए, वहां एक संत से मार्गदर्शन लिया। इसके बाद उन्होंने पूरे मनोयोग से प्रयास किए और एक महान वैज्ञानिक बने। देश के राष्ट्रपति बने। उनका जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा का विषय है। हमारे प्रदेश में एक आईएएस हैं जो पहले श्रमिक का काम करते थे। उन्होंने मेहनत की और आईएएस बने। सफल होने के लिए जरूरी है कि हमारे प्रयास पूर्ण मनोयाग से हों।

उच्च स्तरीय शिक्षण संस्थानों की स्थापना
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा का मात्रात्मक प्रसार काफी हुआ है। अब विशेष तौर पर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में क्वालिटी एजुकेशन पर ध्यान देना होगा। आज का युग कड़ी प्रतिस्पर्धा का है। उच्च शिक्षण संस्थानों को वर्तमान और भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप बदलना होगा। इसी सोच के साथ सीपैट और ड्रोन एप्लीकेशन सेंटर की स्थापना की गई। इसके अलावा नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी भी प्रारम्भ की जाएगी। जल्द ही नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्किल डेवलपमेंट भी शुरू किया जाएगा। उत्तराखण्ड में स्नातकोत्तर और रिसर्च के लिए आवासीय साईंस कॉलेज की स्थापना पर भी विचार किया जा रहा है। राज्य में एक विद्यालय प्रतिभावान बच्चों के लिए खोला जाएगा। इसमें कक्षा 6 से 12 तक संचालित की जाएंगी। इसमें राज्य स्तरीय परीक्षा के बाद प्रवेश दिया जाएगा। आर्थिक रूप से सक्षम परिवारों के बच्चों से शुल्क लिया जाएगा जबकि निर्धन व प्रतिभावान बच्चों के लिए शिक्षा निशुल्क होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह देखकर बहुत प्रसन्न्ता होती है कि आज के बच्चे अपने कैरियर के संबंध में बहुत जागरूक हैं। उन्हें पता है कि किस क्षेत्र में भविष्य बनाना है। ई-संवाद में बच्चों ने अपनी बातें कहीं हैं। कोई डाक्टर बनना चाहता है तो कोई इंजीनियर और कोई सिविल सर्विसेज में जाना चाहता है। इसी प्रकार किसी ने वैज्ञानिक बनने की बात कही है। एक ने फाईन आर्ट में कैरियर बनाने की इच्छा व्यक्त की है। कोई शिक्षक बनकर और कोई सेना में जाकर देश की सेवा करना चाहता है।

कैरियर के लिए पूरे मनोयोग से करें प्रयास, सरकार व समाज से मिलेगा सहयोग
मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चे पूर्ण मनोयाग से आगे बढ़ें और मेहनत करें। जरूरत पड़ने पर सरकार और समाज से आवश्यक सहयोग मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि चमोली जिले के एक बच्चे का सेलेक्शन लंदन स्कूल ऑफ आर्टस में हुआ। उसे वहां भेजने की व्यवस्था की गई। इसी प्रकार निर्धन परिवार की एक छात्रा पढ़ाई के लिए न्यूजीलैंड जाना चाहती थी। पता चलने पर इसकी भी व्यवस्था की गई। जो भी पाना चाहते हैं, उसकी पूरी तैयारी करें। जब मदद की जरूरत पड़े, तो बताएं। सरकार के साथ ही व्यक्तिगत तौर पर भी लोग मदद के लिए आते हैं।
ई-संवाद में विधायक पुष्कर सिंह धामी, यूसर्क के निदेशक प्रोफेसर दुर्गेश पंत, अन्य वैज्ञानिक, शिक्षक, छात्र-छात्राओं ने भी प्रतिभाग किया।