बीएससी, एमएससी सहित नेट की तैयारी कर रहे विद्यार्थी डा. खाती की पुस्तक ने भी कीजिए ज्ञान अर्जित

राजकीय महाविद्यालय ऋषिकेश (श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय कैंपस) के रसायन विभाग में कार्यरत प्रोफेसर डा. पूरन सिंह खाती की पुस्तक Pollutant Dynamics in some of the lakes of Nainital ऐसे युवाओं को समर्पित है, जो वर्तमान में नेट, सेट तथा पीएचडी की प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। इसके अलावा ‘जल’ विषय पर जो पीएचडी करने की चाह रखते है, उनके लिए वह वरदान का कार्य करेगी। यही नहीं डा. खाती की इस पुस्तक से बीएससी तथा एमएससी के विद्यार्थियों को भी उचित लाभ मिलेगा।

डा. पूरन सिंह खाती ने इस पुस्तक को बहुत ही सरल और सहज भाषा में लिखा है इसमें उनके शोध कार्य सम्मिलित है। बतौर डा. खाती बताते हैं कि यह पुस्तक में जल से संबंधित सभी जानकारियां है, इसे विद्यार्थी गूगल पर भी सर्च कर पढ़ सकते है।

इस किताब में डॉक्टर खाती डॉक्टर खाती ने विशेष रुप से उन झीलों का वर्णन किया है। नैनीताल, भीमताल, नौकुचियाताल, खुरपा ताल तथा सात ताल इन पांच लेखों में डॉक्टर खाती ने अपना शोध कार्य किया है। आपको बता दें कि डॉक्टर खाती ने अपना शोध कार्य सुपरवाइजर प्रोफेसर एस पीएस मेहता डीएसबी केंपस नैनीताल कुमाऊं यूनिवर्सिटी नैनीताल के निर्देशन में किया है।
डॉक्टर खाती ने वाटर से संबंधित कार्य आईआईटी रुड़की, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी, गोविंद बल्लभ पंत यूनिवर्सिटी पंतनगर तथा डब्ल्यूटीए नोएडा तथा डीएसबी परिसर नैनीताल मैं किया है।

शासन का आदेश, पांचवी कक्षा से आगे की क्लासों के छात्रों को देनी होगी पूरी फीस

पांचवी से ऊपर की सभी कक्षाओं के छात्रों से पूरी फीस लेने का आदेश आज उत्तराखंड सरकार ने जारी कर दिया है। आदेश में प्राइवेट स्कूलों को फीस किस्तों में लेने पर सह्दयता से विचार करने को कहा गया है।

शिक्षा सचिव आर. मीनाक्षीसुंदरम ने आज फीस का जीओ जारी किया। स्कूल पूरी फीस उसी तारीख से ले सकेंगे, जिस दिन वो विधिवत रूप से खुले हैं। पहली से पांचवी कक्षा के छात्रों से फिलहाल केवल ट्यूशन फीस ही ली जाएगी। मालूम हो कि इससे पहले केवल 10 और 12 वीं कक्षा के छात्रों से ही पूरी फीस ली जा रही थी।

ये कक्षाएं दो नवंबर 2020 से खोल दी गईं थी। आठ फरवरी से सरकार ने छठी से ग्यारहवी कक्षाओं को भी खोल दिया है। दूसरी तरफ, पीपीएसए के अध्यक्ष प्रेम कश्यप ने सरकार के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट पूर्व में ही इस बाबत निर्देश दे चुका है। जो अभिभावक एक साथ फीस देने में सक्षम नहीं होंगे, वो रियायत के लिए आवेदन कर सकते हैं। स्कूल की प्रधानाचार्य उन्हें किस्त में फीस अदा करने की सुविधा दे सकते हैं।

मकर सक्रांति के बाद ऋषिकेश में काॅलेज में होगा कैंपस का उद्घाटन

विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल से उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने शिष्टाचार भेंट की। भेंटवार्ता के दौरान उन्होंने अवगत कराया है कि जनवरी माह में मकर संक्रांति पर्व के बाद ऋषिकेश स्थित श्री देव सुमन विश्वविद्यालय के कैंपस का विधिवत उद्घाटन किया जाएगा।

इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने विधानसभा अध्यक्ष को अवगत किया कि विश्वविद्यालय के छात्रों को डीजी लॉकर के माध्यम से डिग्री प्राप्त होगी इससे अब कोरोना संक्रमण के चलते छात्र-छात्राओं को घर पर ही ऑनलाइन माध्यम से डिग्री प्राप्त होगी।इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि छात्रों की सुविधा को देखते हुए सभी विश्वविद्यालयों को डीजी लॉकर व्यवस्था से जोड़ा जा रहा है उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं को अपनी मार्कशीट और डिग्री के लिए विश्वविद्यालय के चक्कर काटने पड़ते थे लेकिन डिजिटल लॉकर की व्यवस्था से छात्रों का कोई परेशानी नहीं होगी।डिजिटल लॉकर पर मार्कशीट और डिग्री अपलोड करने के बाद छात्र घर बैठकर निर्धारित कोड लगाकर अपने दस्तावेज डाउनलोड कर सकेंगे।

इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल ने कहा है कि ऋषिकेश में श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय परिसर स्थापित करने को लंबे समय से कवायद चल रही थी जनवरी माह के दूसरे सप्ताह में विधिवत इसका शिलान्यास हो जाएगा। अग्रवाल ने कहा है कि श्री देव सुमन विश्वविद्यालय का विधिवत उद्घाटन होने से ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के छात्र-छात्राओं को लाभ मिलेगा। अग्रवाल ने कहा कि ऋषिकेश के निकटवर्ती क्षेत्र के बच्चों को अब महाविद्यालय में प्रवेश पाने के लिए समस्या नहीं होगी। अग्रवाल ने इसके लिए उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत का भी आभार व्यक्त किया।

घर बैठे गैजेट्स पर पढ़़ाई कर सकेंगे छात्र, श्रीदेव सुमन विवि ने जारी की व्यवस्था

श्रीदेव सुमन विवि से संबद्ध 53 राजकीय महाविद्यालयों और 114 निजी कॉलेजों में अध्ययनरत छात्र-छात्राएं लॉकडाउन के दौरान घर बैठे ऑनलाइन पढ़ाई कर सकेंगे। विवि प्रशासन ने वेबसाइट पर विभिन्न एजुकेशलन साइट्स, प्रोफेशनल संस्थानों के लिंक शेयर किए हैं।

लॉकडाउन के चलते श्रीदेव सुमन विवि सेमेस्टर परीक्षाओं का केंद्रीय मूल्यांकन नहीं कर पा रहा है। कॉलेज बंद होने के कारण छात्र-छात्राएं भी पढ़ाई से वंचित हैं। कुलपति डा. पीपी ध्यानी और कुछ कर्मचारी लॉकडाउन पीरियड में सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए कार्यालय में जरूरी कामकाज निपटाने पहुंच रहे है।

कुलपति डा. ध्यानी का कहना है कि लॉकडाउन में छात्र-छात्राओं को शैक्षणिक गतिविधियां संचालित करने में कोई दिक्कतें न हो, इसके लिए देश-दुनिया के टॉप विश्वविद्यालय, बिजनेस संस्थान, जॉब सीकर वेब, समाचार एजेंसियों के लिंक विवि की वेबसाइट पर विवि प्रशासन ने हाइपर लिंक कर दिया है। अब छात्र-छात्राएं घर बैठे पीसी, लैपटॉप, मोबाइल, टैबलेट पर इन लिंकस को खोलकर अपडेट रह सकते हैं।

उन्होंने कालेजों के प्राचार्यों और निदेशकों को लॉकडाउन के दौरान छात्र-छात्राओं से निरंतर संवाद बनाए रखने को कहा है। कहा कि छात्रों की कोई भी समस्या हो तो उन्हें सोशल नेटवर्किंग साइट्स, ई-मेल, व्हाट्स एप, ट्वीटर आदि माध्यम से हल करें। कुलपति का कहना है कि यदि लॉकडाउन पीरियड लंबा खिंचता है, तो सेमेस्टर परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करने शिक्षकों के घरों पर ही भेजे जाएंगे।

आंबेडर यूनिवर्सिटी के एडमिशन में भारी गिरावट, कटआफ भी गिरी

दिल्ली की आंबेडर यूनिवर्सिटी में शहर के स्टूडेंट्स को मैथमैटिक्स (ऑनर्स) में ऐडमिशन लेना अब आसान हो गया है क्योंकि यहां का कटऑफ 3.25 फीसदी गिर गया है। शुक्रवार को इसकी सेकंड लिस्ट जारी होने के बाद यह बात सामने आई। सिर्फ शहर के ही नहीं शहर के बाहर रहने वाले स्टूडेंट्स को भी 2.5 फीसदी तक कटऑफ गिरने का फायदा मिला है। दूसरी लिस्ट स्टूडेंट्स को राहत देने वाली है क्योंकि पहली लिस्ट का कटऑफ काफी हाई था। कटऑफ नीचे जाने पर आंबेडर यूनिवर्सिटी दिल्ली ने बताया, हम सिर्फ चैंपियन्स की यूनिवर्सिटी नहीं हैं बल्कि सबको लेकर चलना चाहते हैं। हालांकि सॉइकॉलजी ऑनर्स का कटऑफ अभी भी दिल्ली के स्टूडेंट्स के लिए 96.5 फीसदी है और बाहरी स्टूडेंट्स के लिए 97.75 फीसदी है।
दिल्ली के स्टूडेंट्स के लिए बीए सस्टेनेबल अर्बनिज्म में सबसे ज्यादा 6 फीसदी गिरावट देखी गई, इसका कटऑफ अब 79.5 फीसदी हो गया है। यहां तक कि ग्लोबल स्टडी कोर्स में 5 फीसदी गिरावट देखी गई। इसी तरह लॉ कोर्स का कटऑफ भी 4 फीसदी गिरा है। पहली कटऑफ में मैथ्स को छोड़कर सभी ट्रडिशनल कोर्सेज 95 फीसदी से ज्यादा थे। अब सिर्फ साइकॉलजी 95 फीसदी से ऊपर है। एयूडी डीन ऑफ स्टूडेंट्स सर्विसेज के डीन संतोष सिंह ने बताया, एयूडी में हम चाहते हैं कि अलग-अलग तरह के स्टूडेंट्स आएं। जिनके 88 फीसदी नंबर हैं उनको भी लगना चाहिए कि उनके लिए मौका है। क्योंकि हम स्टेट यूनिवर्सिटी हैं इसलिए सुनिश्चित करना चाहते हैं कि दिल्ली के रहने वाले सभी सेक्शन के लोगों को यहां मौका मिले।
दिल्ली ने दिल्ली में रहने वाले और बाहर रहने वाले लोगों के लिए अलग-अलग कटऑफ जारी किया है। स्टेट यूनिवर्सिटी होने के नाते एयूडी की 85 फीसदी सीटें दिल्ली के स्टूडेंट्स के लिए रिजर्व हैं। जिनकी फैमिली इनकम 6 लाख से कम है उनको ट्यूशन फीस में भी राहत मिलेगी।