शासन का आदेश, पांचवी कक्षा से आगे की क्लासों के छात्रों को देनी होगी पूरी फीस

पांचवी से ऊपर की सभी कक्षाओं के छात्रों से पूरी फीस लेने का आदेश आज उत्तराखंड सरकार ने जारी कर दिया है। आदेश में प्राइवेट स्कूलों को फीस किस्तों में लेने पर सह्दयता से विचार करने को कहा गया है।

शिक्षा सचिव आर. मीनाक्षीसुंदरम ने आज फीस का जीओ जारी किया। स्कूल पूरी फीस उसी तारीख से ले सकेंगे, जिस दिन वो विधिवत रूप से खुले हैं। पहली से पांचवी कक्षा के छात्रों से फिलहाल केवल ट्यूशन फीस ही ली जाएगी। मालूम हो कि इससे पहले केवल 10 और 12 वीं कक्षा के छात्रों से ही पूरी फीस ली जा रही थी।

ये कक्षाएं दो नवंबर 2020 से खोल दी गईं थी। आठ फरवरी से सरकार ने छठी से ग्यारहवी कक्षाओं को भी खोल दिया है। दूसरी तरफ, पीपीएसए के अध्यक्ष प्रेम कश्यप ने सरकार के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट पूर्व में ही इस बाबत निर्देश दे चुका है। जो अभिभावक एक साथ फीस देने में सक्षम नहीं होंगे, वो रियायत के लिए आवेदन कर सकते हैं। स्कूल की प्रधानाचार्य उन्हें किस्त में फीस अदा करने की सुविधा दे सकते हैं।

गंभीर आरोप लगने से निलंबित हुए हरिद्वार जिले के जिला शिक्षा अधिकारी

जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक शिक्षा हरिद्वार ब्रह्मपाल सिंह सैनी को कुछ स्कूलों में गलत मान्यता देने और कई तरह की अनियमितताओं के आरोप लगने से निलंबित कर दिया है। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने आदेश जारी करते हुए कहा कि निलंबन के दौरान वह निदेशक माध्यमिक शिक्षा के कार्यालय में संबद्ध रहेंगे।

बता दें कि जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक शिक्षा हरिद्वार ब्रह्मपाल सिंह सैनी अपने गृह जनपद में तैनात हैं। उन पर एक शिक्षक को गलत सत्रांत लाभ देने का भी आरोप है। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि हाईकोर्ट नैनीताल में दाखिल जनहित याचिका पदम कुमार बनाम उत्तराखंड राज्य व अन्य में 30 जुलाई 2020 को पारित आदेश के क्रम में जिला शिक्षा अधिकारी को पांच अगस्त 2020 को आरोप पत्र दिया गया था। कहा कि आरोप गंभीर प्रकृति के हैं, जिसे देखते हुए उन्हें निलंबित कर दिया गया है।