पीएम श्री स्कूल योजना के द्वितीय चरण में अधिक से अधिक स्कूल हों शामिल

भारत सरकार द्वारा संचालित पीएम-श्री योजना के अंतर्गत द्वितीय चरण के लिये विद्यालयों के चिन्हीकरण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। जिसमें सूबे के अधिक से अधिक स्कूलों को शामिल करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों दे दिये गये हैं। इस संबंध में सभी जनपदों के मुख्य शिक्षा अधिकारियों एवं खंड शिक्षा अधिकारियों को पीएम-श्री पोर्टल पर आवेदन कर विद्यालयों की सम्पूर्ण जानकारी अपलोड करने को कहा गया है साथ ही चिन्हित विद्यालयों के भौतिक निरीक्षण की रिपोर्ट निदेशालय को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये हैं

विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि भारत सरकार की महत्वकांक्षी पीएम-श्री योजना के अंतर्गत द्वितीय चरण में विद्यालयों के चयन की ऑनलाइन प्रक्रिया एक अगस्त से शुरू हो चुकी है। जिसके तहत 21 अगस्त तक विद्यालयों द्वारा चयन हेतु आवेदन किया जाना है। जिनका 31 अगस्त तक जनपद स्तर सत्यापन तथा 5 सितम्बर तक राज्य स्तर सत्यापन एवं चयन का कार्य पूरा किया जायेगा। इसके उपरांत 15 सितम्बर तक भारत सरकार द्वारा चयनित विद्यालयों की सूची जारी कर दी जायेगी। डॉ. रावत ने बताया कि इस योजना के प्रथम चरण के अंतर्गत राज्य से 232 स्कूलों का चिन्हिकरण कर भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा गया था, जिनमें से भारत सरकार ने 142 विद्यालयों को अपनी स्वीकृत प्रदान की। उन्होंने बताया कि योजना के द्वितीय चरण में प्रदेश के अधिक से अधिक विद्यालयों को शामिल करने के लिये विभागीय अधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं। जिसके तहत अपने अपने जनपदों में चिन्हित विद्यालयों की सम्पूर्ण सूचनाएं विद्यालय स्तर से नियत समय में पीएम-श्री पोर्टल पर अपलोड कराना होगा। साथ ही विकासखंड एवं जिला स्तरीय अधिकारियों द्वारा चिन्हित विद्यालयों का भौतिक निरीक्षण कर प्रामणीकरण रिपोर्ट राज्य स्तरीय अधिकारी को उपलब्ध कराने के निर्देश दे दिये गये हैं।

उत्तराखंड संस्कृत विवि के 10वें दीक्षांत समारोह में पहुंचे राज्यपाल

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने आज हरिद्वार में उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय के 10वें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने विश्वविद्यालय के मेधावी छात्र-छात्राओं को पदक और शोधार्थियों को शोध उपाधियां प्रदान की। दीक्षांत समारोह में राज्यपाल द्वारा पतंजलि विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य बालकृष्ण को आयुर्वेद एवं भारतीय ज्ञान परम्परा के संरक्षण के लिए तथा शिक्षाविद् पद्मश्री डॉ. पूनम सूरि को समाज सेवा एवं वैदिक शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए डी. लिट की मानद उपाधि प्रदान की गई। राज्यपाल ने इस अवसर पर विश्वविद्यालय की नई शोध पत्रिका ‘देवभूमि जर्नल ऑफ मल्टीडिसीप्लिनरी रिसर्च’ का भी विमोचन किया।

दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने पदक एवं उपाधि प्राप्त करने वाले सभी छात्र-छात्राओं एवं उनके अभिभावकों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने उपाधि प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं से कहा कि आप सभी संस्कृत के प्रचार एवं प्रसार में अपना योगदान दें। उन्होंने कहा कि संस्कृत को पूरे विश्व तक ले जाना आप सभी की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि युवा आने वाले 25 वर्ष विकसित भारत, आत्मनिर्भर भारत, समृद्ध भारत, श्रेष्ठ भारत और विश्वगुरू भारत के लक्ष्यों को प्राप्त करने में पूर्ण उत्साह, समर्पण और निष्ठा के साथ कार्य करें।

राज्यपाल ने युवाओं का आह्वान किया कि वे अपनी परम्पराओं का संरक्षण करते हुए भारत को समृद्ध और दुनिया का सर्वश्रेष्ठ राष्ट्र बनाने के महान अभियान का हिस्सा बनें। उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा में उपलब्ध ज्ञान में सभी चुनौतियों का समाधान निहित है। देश की एकता में संस्कृत का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कहा कि संस्कृत हमारी समृद्ध संस्कृति का आधार और भारत की आत्मा की वाणी है। उन्होने कहा कि संस्कृत भाषा भारतीयता की डीएनए है एवं प्राचीन के संरक्षण के साथ नवीन ज्ञान का प्रयोग भी आवश्यक है।

राज्यपाल ने संस्कृत विश्वविद्यालय की उपलब्धियों की प्रशंसा करते हुए संस्कृत के विकास एवं प्रचार-प्रसार के लिए सराहना की। उन्होंने संस्कृत के क्षेत्र में लड़कियों को ज्यादा अवसर व प्रोत्साहन देने पर जोर दिया ताकि संसकृत का ज्ञान प्रत्येक घरों तक पहुंचे। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय में 04 शोध पीठों की स्थापना होने पर खुशी जताते हुए इसे विश्वविद्यालय के हित में सराहनीय कदम बताया।

अपने संबोधन में कुलपति प्रोफेसर दिनेश चंद्र शास्त्री ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों, भविष्य की योजनाओं और चुनौतियों को विस्तार से सामने रखा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय को शासन स्तर पर उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि संस्कृत विश्वविद्यालय की प्रकृति को देखते हुए यहां पर प्राचीन ज्ञान से संबंधित न्याय, वैशेषिक, सांख्य, मीमांसा, वेदांत, धर्मशास्त्र और पुराणों आदि से संबंधित उच्च स्तरीय अनुसंधान होना जरूरी है। इसके लिए अपेक्षित संख्या में पद उपलब्ध न होने के कारण चुनौतियां बनी हुई हैं।

दीक्षांत समारोह के आधार संबोधन में केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली के कुलपति प्रोफेसर श्रीनिवास बरखेड़ी ने कहा कि संस्कृत विश्वविद्यालयों को भारतीय ज्ञान प्रणाली के उल्लेखनीय केंद्रों के रूप में विकसित होना चाहिए। साथ ही संस्कृत को आधुनिक तकनीकों का प्रयोग करके लोगों तक पहुंचाना चाहिए। उन्होंने उत्तराखंड को ज्ञान की भूमि बताया और कहा कि यहां के छात्रों और शिक्षकों को अपनी मूल परंपरा का संरक्षण करते हुए अंतरविषयी ज्ञान को बढ़ावा देना चाहिए।

दीक्षांत समारोह के समापन से पूर्व कुलसचिव गिरीश कुमार अवस्थी ने धन्यवाद ज्ञापित किया। वरिष्ठ आचार्य प्रोफेसर दिनेश चमोला ने स्नातकों को उपाधि हेतु उपस्थित किया। संचालन का दायित्व डॉ शैलेश तिवारी ने निभाया।

इस अवसर पर गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमदेव शतांशु, आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सुनील जोशी, उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर ओम प्रकाश नेगी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह, मुख्य विकास अधिकारी प्रतीक जैन, अपर जिलाधिकारी(प्रशासन) पी0एल0 शाह, एसडीएम पूरण सिंह राणा, एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार सिंह, एस0एस0 जायसवाल, डॉ0 सुशील उपाध्याय सहित अनेक विशिष्ट लोग उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने की समूह ’ग’ परीक्षाओं में साक्षात्कार की व्यवस्था समाप्त करने की घोषणा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रामलीला मैदान, हल्द्वानी, में नकल विरोधी कानून लागू करने के उपलक्ष में भारतीय जनता युवा मोर्चा द्वारा आयोजित आभार रैली में प्रतिभाग कर जनसभा को संबोधित किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर घोषणा की कि समूह ’ग’ की कोई भी परीक्षा चाहे वह लोक सेवा आयोग से बाहर की हो या लोक सेवा आयोग के द्वारा कराई जा रही हो। सभी परीक्षाओं में साक्षात्कार की व्यवस्था तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी जाय। इसमें तकनीकी और गैर तकनीकी पद भी सम्मिलित होंगे अर्थात् जेई जैसे तकनीकी पदों में भी साक्षात्कार की व्यवस्था पूर्ण रूप से समाप्त कर दी जाएगी। उच्च पदों में जहाँ साक्षात्कार आवश्यक हो, जैसे- पी०सी०एस० या अन्य उच्च पद वहां भी साक्षात्कार का प्रतिशत कुल अंकों के 10 प्रतिशत से ज्यादा नहीं रखा जाएगा। साक्षात्कार के अकों को भी पारदर्शी प्रक्रिया के तहत साक्षात्कार में किसी भी अभ्यर्थी को यदि 40 प्रतिशत से कम और 70 प्रतिशत से अधिक दिए जाते हैं तो साक्षात्कार लेने वाले व्यक्ति या बोर्ड को इसका स्पष्ट कारण बताना होगा।

हजारों की संख्या में मौजूद युवाओं का अभिनंदन स्वीकार करते हुए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हल्द्वानी में युवाओं द्वारा किए गए इस भव्य स्वागत से मैं अभिभूत हूं। उन्होंने कहा कड़ी मेहनत के दम पर परीक्षा देने वाले नौजवान के हक पर कोई डाका न डाले सके। युवाओं के हिस्से की सफलता का कोई और लाभ न उठा सके इसके लिए राज्य सरकार कड़े से कड़ा कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इन्हीं कदमों के अंर्तगत प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए सरकार ने देश का सबसे कड़ा नकल विरोधी कानून बनाया है। ये कानून नकल माफिया को काल कोठरी के अंदर तक ले जायेगा। राज्य सरकार किसी भी युवा साथी के भविष्य से खिलवाड़ नहीं होने देगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार के लिए राज्य की जनता सर्वाेपरि है और हमारा हर एक फैसला जन भावनाओं के आधार पर लिया जा रहा है। समाज के हर वर्ग के जीवन स्तर को ऊंचा उठाए जाने पर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले वर्ष केदारनाथ की पुण्य भूमि से कहा था कि 21वी सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक होगा। इसी संकल्प को धरातल पर उतारने के लिए आप और हम मिलकर काम कर रहे हैं। राज्य सरकार जनता के हित में सदैव कार्य करने का प्रयास करता रहेगा। राज्य सरकार का प्रयास है कि आने वाला बजट युवा और रोजगार केंद्रित बजट हो। हम ऐसा बजट लाने का प्रयास करेंगे जो प्रदेश के युवाओं की आशाओं और आकांक्षाओं के अनुरूप होगा। हम आने वाला बजट में प्रदेश की माताओं और बहनो को आत्मनिर्भर बनाने का कार्य करेंगे और प्रदेश के किसानों को खुशहाली प्रदान करने का भी प्रयास करेंगे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार का निरंतर प्रयास है कि आम लोगों का जीवन सुगम बनाया जा सके। आम जन की प्रगति, विकास से ही उत्तराखंड को सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाना है। उन्होंने कहा उत्तराखण्ड की सेवा करने का मुझे जितना भी अवसर मिला है, मैंने उसका एक- एक पल राज्य के लिए समर्पित करने का प्रयास किया है। राज्य सरकार ने प्रदेश की महिलाओं के हितों को ध्यान में रखते हुए उन्हें सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण देने का अपना फैसला, धरातल पर उतारा वहीं खेल कोटा भी पुनः प्रारंभ किया। सरकार ने उत्तराखंड में सबसे पहले नई शिक्षा नीति को लागू किया। नई खेल नीति लाकर युवा खिलाड़ियों से किए गए वादे को भी पूरा करने का प्रयास किया। इसी प्रकार से हम प्रदेश में पर्यटन नीति, ऊर्जा नीति सहित विभिन्न विभागों से संबंधित नीतियां लाने का कार्य कर रहे हैं, ये नीतियां भविष्य में रोजगार को बढ़ावा देने में सहायक सिद्ध होंगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा राज्य में लागू किए गए नकल विरोधी कानून का कठोर निर्णय नकल माफियाओं को नेस्तनाबूद करने का काम करेगा। पहली बार नकल करने वालों ,कराने वालों और प्रक्रियाओं को सही प्रकार से लागू न करने वालों को जेल की काल कोठरी में डालने का काम किया है। उन्होंने कहा वर्तमान में भर्ती घोटाले की जो भी जाँच हमारी सरकार करवा रही है वह जाँच निष्पक्ष हो और किसी भी माफिया या अपराधी को छोड़ा न जाय यह सुनिश्चित करने के लिए मैं स्वयं निरन्तर जाँच और कार्यवाही का पर्यवेक्षण कर रहा हूँ। जाँच में किसी भी प्रकार की कोई कमी न रहे, कोई पक्षपात न हो, कोई माफिया या अपराधी छूटे नहीं, इसके लिए सरकार ने उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति से पूरी जाँच की निगरानी करने का अनुरोध भी किया है। इस कानून में हमने प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल करवाने वाले और नकल करने वाले दोनों को ही कठोतम् सजा का प्रावधान किया है। जहाँ नकल में शामिल अपराधियों को आजीवन कारावास भी होगा, 10 करोड़ तक जुर्माना भी होगा और घोटाले से अर्जित सम्पत्ति को भी जब्त कर लिया जाएगा। सरकार ने हाल ही में पीसीएस परीक्षा को सफलतापूर्वक संपन्न कराने का कार्य किया है, इस परीक्षा में करीब एक लाख से अधिक युवाओं ने प्रतिभाग किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि नकल विरोधी कानून केवल और केवल प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए है न कि किसी स्कूल और कॉलेज की परीक्षाओं के लिए। केन्द्र एवं राज्य सरकार की नीतियां सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की भावना से प्रेरित हैं। उन्होंने कहा प्रतियोगी परीक्षाओं को पारदर्शी बनाने के लिए भविष्य में भी जो सुझाव आएंगे उन्हें भी हमारी सरकार आवश्यकतानुसार लागू करेगी। राज्य सरकार अंत्योदय के मंत्र पर कार्य करते हुए अंतिम व्यक्ति को मुख्य धारा से जोड़ रही है। विकसित उत्तराखंड का जो स्वप्न हमने देखा है, उसके लिए हम एक विजन को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। हमारा संकल्प है राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष तक उत्तराखंड को भारत का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाना है।

इस दौरान केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, केबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा, विधायक अरविंद पांडे, दीवान सिंह, मोहन सिंह बिष्ट, सरिता आर्या, राम सिंह कैड़ा, शिव अरोड़ा, त्रिलोक सिंह चीमा, पूर्व कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत, भाजपा महामंत्री संगठन अजेय कुमार, जिला अध्यक्ष भाजपा प्रताप बिष्ट, भा.ज.यु.मो प्रदेश अध्यक्ष शशांक रावत एवं अन्य जनप्रतिनिधिगण उपस्थित थे।

सरस्वती विद्या मंदिर में धूमधाम से मनाया गया वार्षिकोत्सव

आवास विकास विद्या मंदिर इंटर कॉलेज पार्क में आज वार्षिकोत्सव एवम प्रतिभा सम्मान समारोह कार्यक्रम का आयोजन बड़े हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक अपर निदेशक एससीईआरटी डॉ. आर डी शर्मा, कैबिनेट मंत्री डॉ. प्रेमचन्द अग्रवाल और संभाग निरीक्षक गढ़वाल क्षेत्र नत्थीलाल बंगवाल तथा प्रधानाचार्य राजेंद्र प्रसाद पांडे ने मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया।
वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में छात्र छात्राओं द्वारा रंगारंग कार्यक्रम की प्रस्तुति दी गई। जिसमे सरस्वती वन्दना, स्वागत गीत, गुजराती, पंजाबी, हिमाचली, कुमावनी, राजस्थानी, गढ़वाली, गढ़वाली जागर, योग, आसामी, अंग्रेजी देशभक्ति गीत, नेपाली नृत्य, कवाली, नाटक छात्र-छात्राओं द्वारा कार्यक्रम प्रस्तुत कर सभी दर्शकों का मनमोह लिया।
वहीं, कार्यक्रम में विद्यालय की ओर से प्रतिभा सम्मान समारोह के अंतर्गत 2021- 22 की वरीयता सूची में आने वाले छात्र छात्राओ को स्मृति चिह्न व हाईस्कूल में 13 वे स्थान पर हरीश बिजल्वान को 10,000 रुपए व हर्षित बर्थवाल को 15वा स्थान इण्टर में लाने पर 9,000 रुपए एवम मुस्कान टंडन को हाईस्कूल में 24 वे स्थान में आने पर 8,000 रुपए के चौक दिए गए।
साथ ही स्व. रामचंद्र स्मृति पुरस्कार अशोक पांडे द्वारा 551 की नकद धनराशि हरीश बिजल्वान को दी गई। जो प्रत्येक वर्ष विद्यालय में हाईस्कूल में प्रथम आने पर दी जाती है।
कार्यक्रम में विद्यालय परिवार की ओर से सभी अतिथियों को बेच अलंकृत कर व स्मृति चिह्न देकर उनको सम्मनानित किया। कार्यक्रम में रमेश पोखरियाल निशंक ने पांच लाख शिशु मंदिर तथा पांच लाख विद्या मंदिर को देने की घोषणा की।
वहीं कार्यक्रम मे प्रेमचंद अग्रवाल ने पांच लाख विद्या मंदिर को अपनी विधायक निधि से देने की घोषणा की।
कार्यक्रम में रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय शिक्षा नीति हमारे द्वारा लाई गई है उसके आधार पर हम राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का मुख्य उद्देश्य एक ऐसी शिक्षा प्रणाली को तैयार करना है जो भारत के सभी बच्चों को लाभान्वित करे। इस का लक्ष्य भारत को एक वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाना है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का उद्देश्य उच्च शिक्षण संस्थानों की नई गुणवत्ता को स्थापित करना आसान बनाना है जो वैश्विक मानकों के अनुरूप होगा।
कार्यक्रम में प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि आवास विकास का विद्या मंदिर अनेकों संस्कारों से युक्त है यहां की शिक्षा प्रणाली सदैव प्रशंसनीय रही है जिसके कारण प्रत्येक वर्ष हाईस्कूल व इंटरमीडिएट में छात्र-छात्राएं वरीयता सूची में अपना स्थान बनाते हैं, यहां के प्रधानाचार्य विद्यालय परिवार व प्रबंध समिति सदस्य बधाई के पात्र हैं।
इस अवसर पर विद्यालय अध्यक्ष अनिल कुमार मित्तल, व्यवस्थापक सुशील अग्रवाल, नवल कपूर, रविन्द्र राणा, अशोक पासवान, पार्षद गुरविंद्र, पार्षद विपिन पंत, सतीश चौहान, कर्णपाल बिष्ट, रामगोपाल रतूड़ी, नरेंद्र खुराना, रीना पाटिल, सुहानी सेमवाल, पूनम अनेजा, नन्द किशोर भट्ट, हरिचरण, रजनी रावत, गुरुप्रसाद उनियाल, अनिता रयाल, दिनेश सती आदि उपस्थित रहे।

इसी वर्ष से राजकीय महाविद्यालय में लागू होगी राष्ट्रीय शिक्षा नीति, हुई बोर्ड आफ स्टडीज की प्रथम बैठक

श्री देव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय की बोर्ड ऑफ स्टडीज की प्रथम बैठक पण्डित ललित मोहन शर्मा परिसर ऋषिकेश में आयोजित की गयी। बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत विश्वविद्यालय में विभिन्न संकायों में संचालित विषयों के पाठ्यक्रम निर्माण पर चर्चा हुई।

प्रथम बैठक का उद्घाटन विश्वविद्यालय के कुलसचिव खेमराज भट्ट, पण्डित ललित मोहन शर्मा परिसर ऋषिकेश के प्राचार्य प्रो गुलशन कुमार धींगरा, वाणिज्य संकायाध्यक्ष प्रो आर आर पटेल, कला संकायाध्यक्ष प्रो डी सी गोस्वामी ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।

विश्वविद्यालय के कुलसचिव खेमराज भट्ट ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। प्राचार्य प्रो. धींगरा ने कहा कि इस सत्र से विश्वविद्यालय के परिसर एवं सभी सम्बद्ध महाविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत प्रवेश प्रक्रिया आयोजित की जानी है जिस हेतु निर्मित पाठ्यक्रम को विश्वविद्यालय में लागू किये जाने हेतु संशोधित किया जा रहा है। जिसके लिए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो पी पी ध्यानी द्वारा बोर्ड ऑफ स्टडीज का गठन किया गया है। कला संकाय के लिए कला संकायाध्यक्ष प्रो डी सी गोस्वामी को संयोजक, वाणिज्य संकाय के लिए वाणिज्य संकायाध्यक्ष प्रो आर आर पटेल को संयोजक तथा विज्ञान संकाय के लिए विज्ञान संकायाध्यक्ष एवं परिसर के प्राचार्य प्रो गुलशन कुमार धींगरा को बोर्ड ऑफ स्टडीज का संयोजक बनाया गया है।

सभी विभागों के विभागाध्यक्ष इसके सदस्य होंगे। इसके अतिरिक्त प्रो० दुर्गेश पन्त, महानिदेशक यूकॉस्ट, डॉ हिमांशु दास निदेशक राष्ट्रीय दृष्टि वाधितार्थ संस्थान तथा निदेशक इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ रिमोट सेंसिंग अनुसन्धान संस्थान के निदेशक के रूप में बोर्ड ऑफ स्टडीज के सदस्य होंगे। प्रो सतपाल सिंह साहनी प्राचार्य रायपुर महाविद्यालय, डॉ वी एन शर्मा प्राचार्य लक्सर महाविद्यालय, प्रो ए के तिवारी प्राचार्य पुरोला महाविद्यालय, प्रो जानकी पंवार प्राचार्य कोटद्वार महाविद्यालय, प्रो लवली राजवंशी प्राचार्य जयहरीखाल महाविद्यालय, प्रो के एल तलवार प्राचार्य चकराता महाविद्यालय, प्रो डी सी नैनवाल प्राचार्य डोईवाला महाविद्यालय, प्रो रेनू नेगी प्राचार्य नई टिहरी महाविद्यालय, प्रो देवेश भट्ट प्राचार्य वेदीखाल महाविद्यालय सदस्य रहेंगेद्य साथ ही कुलपति के द्वारा प्रो जे पी भट्ट सहित प्रत्येक विषय के 02 प्राध्यापक एवं एक सेवानिवृत प्राध्यापक को वाह्य विशेषज्ञ के रूप में नामित किया गया है।

बैठक में बोर्ड ऑफ स्टडीज के सदस्यों द्वारा सभी विषयों के पाठ्यक्रमों पर गहन मंथन किया गया तथा सत्र 2022-23 से लागू किये जाने वाले पाठ्यक्रमों को संस्तुति प्रदान की। इस अवसर पर बोर्ड ऑफ स्टडीज के सदस्यों के साथ परिसर के सभी प्राध्यापक उपस्थित रहे।

शिक्षा मंत्री बोले, सूबे की शिक्षा व्यवस्था में होगा क्रांतिकारी बदलाव

सूबे में अगले छह महीनों के भीतर विद्या समीक्षा केन्द्र स्थापित किया जायेगा। इसके लिये शिक्षा विभाग ने प्रारम्भिक तैयारियां शुरू कर दी है। जिसके तहत विभाग ने आईटी क्षेत्र की एक बड़ी कंपनी से अनुबंध कर लिया है, जो एक माह के भीतर शिक्षा महानिदेशालय में समीक्षा केन्द्र की स्थापना का कार्य प्रारम्भ कर देगी। जल्द ही गुजरात एवं गोवा के बाद उत्तराखंड देश का तीसरा राज्य बन जायेगा जहां पर आधुनिक तकनीकी से लैस विद्या समीक्षा केन्द्र स्थापित होगा।

शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को प्रखर व प्रभावी बनाने के लिये राज्य सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार एवं आधुनिक तकनीकी का उपयोग कर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को और अधिक विश्वसनीय एवं रोजगारोन्मुख बनाने के उद्देश्य से सूबे में विद्या समीक्षा केन्द्र की स्थापना की जा रही है जो कि अगले छह माह के भीतर बनकर तैयार हो जायेगा। इसके लिये शिक्षा विभाग ने देश की एक ख्याति प्राप्त आईटी कंपनी कॉन्वेजीनियस के साथ अनुबंध कर लिया है। यह कंपनी इससे पूर्व गुजरात एवं गोवा राज्यों में विद्या समीक्षा केन्द्र की स्थापना करने में अहम भूमिका निभा चुकी है। हाल ही में गुजरात में आयोजित देशभर के शिक्षा मंत्रियों के सम्मेलन के दौरान विभागीय अधिकारियों के साथ गुजरात के विद्या समीक्षा केन्द्र का भ्रमण करने का मौका मिला। इस दौरान विद्या समीक्षा केन्द्र की कार्यप्रणाली को समझने का प्रयास किया गया। इसी केन्द्र की प्रेरणा से उत्तराखंड में भी विद्या समीक्षा केन्द्र की स्थापना का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा गया। केन्द्र सरकार ने प्रस्ताव को स्वीकृत कर रूपये 5 करोड़ की धनराशि भी जारी कर दी है। इसके लिये डॉ0 रावत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान का आभार जताया।

विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने बताया कि विभागीय अधिकारियों को छह माह के भीतर विद्या समीक्षा केन्द्र स्थापित करने के निर्देश दे दिये गये है। समीक्षा केन्द्र की स्थापना के बाद विभाग का सम्पूर्ण डाटा ऑनलाइन उपलब्ध रहेगा। जिसके तहत विद्यालयों का विवरण, शिक्षकों का विषयवार डाटा, छात्र-छात्राओं का विवरण के साथ ही प्रदेश के विद्यालयों में उपलब्ध संसाधनों डाटा मौजूद रहेगा। इसके अलावा शासन एवं महानिदेशालय स्तर के अधिकारी विद्या समीक्षा केन्द्र के माध्यम से किसी भी विद्यालय का ऑनलाइन निरीक्षण के साथ ही वहां की सम्पूर्ण गतिविधियों पर भी नजर रख सकेंगे। केन्द्र की स्थापना के उपरांत निश्चित रूप से प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में शैक्षणिक, प्रशासनिक सुधार तो आयेगा ही साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता में आमूलचूल परिवर्तन लाया जा सकेगा।

विधायक ने मेधावियों को किया सम्मानित

शहरी विकास मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने सीबीएसई बोर्ड के 10वीं के मेधावी छात्रों को सम्मानित किया है। इस दौरान उन्होंने कहा कि परिवार के संस्कारों और अच्छी परवरिश ने बच्चों को मुकाम दिलाने में मदद की है।

कैंप कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने 10वीं में नगर में क्रमशः प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान हासिल करने वाले मेधावियों सारांश यादव (98.4 प्रतिशत), साक्षी सती (98.2 प्रतिशत) और अग्रिम राणा (97.2 प्रतिशत) को शॉल औढ़ाकर एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। कहा कि जिन बच्चों के भीतर पढ़ाई के प्रति एकाग्रता और इच्छा शक्ति होती है, वहीं बच्चे अव्वल अंक लाकर माता-पिता, गुरुजनों और अपने क्षेत्र का नाम रोशन करते हैं। इस मौके पर सभी मेधावियों के परिजन, महिला मोर्चा मंडलाध्यक्ष उषा जोशी, पूर्व सभासद कविता शाह, अनिता तिवाड़ी, गोपाल सती आदि मौजूद रहे।

ढालवाला विद्यालय से दो छात्राओं का हुआ नवोदय विद्यालय के लिए चयन


राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय ढालवाला से दो छात्राओं का चयन जवाहर नवोदय विद्यालय के लिए हुआ है।

इनमें एक छात्रा का नाम आयत फातिमा तथा दूसरी का नाम मधु कुमारी है। विद्यालय की प्रधानाचार्य के कुशल मार्गदर्शन और दिशा निर्देशन में तथा शिक्षकों के अथक कठिन परिश्रम व बच्चों के अनुरूप मेहनत से विद्यालय से निरंतर प्रतिवर्ष छात्रों का चयन जवाहर नवोदय विद्यालय तथा राजीव गांधी नवोदय विद्यालय के लिए हो रहा है।

टिहरी जनपद में कुल 5 छात्र व छात्राओं का चयन हुआ है। इन 5 बच्चों में 2 बच्चे ढालवाला स्थित राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय सफेद चयनित हुए हैं बच्चों की सफलता पर माता-पिता अध्यापक तथा नगरीय लोगों ने अपनी शुभकामनाएं दी हैं।

यूपीएससी परीक्षा में भाजपा प्रवक्ता की बेटी दीक्षा ने हासिल की ऑल इंडिया 19वीं रैंक

पिथौरागढ़ की बेटी डॉ दीक्षा जोशी ने यूपीएससी परीक्षा में ऑल इंडिया स्तर पर 19 वीं रैंक हासिल करके देवभूमि का मान बढ़ाया है। डॉ. दीक्षा भाजपा प्रवक्ता सुरेश जोशी की बेटी हैं। दीक्षा हिमालयन अस्पताल से एमबीबीएस कर चुकी हैं। दीक्षा की इस उपलब्धि से उनके परिवार सहित पूरे पिथौरागढ़ जिले में खुशी की लहर है। दीक्षा के घर में बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है।

दीक्षा जोशी पिथौरागढ़ जिले की पहली महिला आईएएस है जिसने पूरे देश में 19 वीं रैंक हासिल की है। दीक्षा जोशी ने तीसरी बार में यूपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण की है। दीक्षा की इस उपलब्धि से उसके परिवार में खुशी की लहर है। दीक्षा जोशी की यूपीएससी में 19वी रैंक आने पर उनके माता-पिता ने गर्व महसूस करते हुए इसे पूरे ज़िले और उत्तराखंड के लिए खुशी की बात बताया है।

दीक्षा ने प्राथमिक शिक्षा पिथौरागढ़ से हासिल की है। उन्होंने वेल्हम गर्ल्स कॉलेज देहरादून से इंटर की परीक्षा पास की। जिसके बाद दीक्षा ने हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट से एमबीबीएस की पढ़ाई की। दीक्षा का कहना है कि एमबीबीएस के बाद दून अस्पताल में इंटर्नशिप के दौरान उन्हें महसूस हुआ कि प्रशासनिक सेवा में जाकर हेल्थ सिस्टम को मजबूत किया जा सकता है। तब जाकर उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू की। सबसे बड़ी बात यह है कि दीक्षा ने बिना किसी कोचिंग के ही खुद से तैयारी कर यूपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण की है। दीक्षा ने इसका श्रेय अपने माता-पिता के साथ ही गुरु अनुपम जैन को दिया है

नव प्रवेशी छात्र-छात्राओं का विद्यालय परिवार ने किया स्वागत

श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज में प्रवेश उत्सव के तहत कार्यक्रम आयोजित हुआ। इसका शुभारंभ विद्यालय प्रबंधक हर्षवर्धन शर्मा, प्रधानाचार्य मेजर गोविंद सिंह रावत, अभिभावक संघ अध्यक्ष रामकृपाल गौतम, पार्षद शिवकुमार गौतम ने संयुक्त रूप से दीप जलाकर किया।

हर्षवर्धन शर्मा ने कहा कि बच्चे कुम्हार की मिट्टी की तरह होते है। उनको इस अवस्था में जो आकार दिया जाएगा, उसका वे जीवन भर अनुकरण करते हैं। माता पिता व शिक्षकों की नैतिक जिम्मेदारी है कि बच्चों के सर्वागीर्ण विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें। प्रधानाचार्य मेजर गोविंद सिंह रावत ने कहा कि बच्चे परिवार का दर्पण होते हैं।

मौके पर पार्षद राधा रमोला, पार्षद अनीता रैना, पार्षद बृजपाल राणा, डॉ. सुनील दत्त थपलियाल, यमुना प्रसाद त्रिपाठी, लेफ्टिनेंट लखविंदर सिंह, शिवप्रसाद बहुगुणा, जितेन्द्र बिष्ट, शालिनी कपूर, रंजन अंथवाल, विकास नेगी, धनंजय सिंह रांगड, अजय कुमार, रमेश बुटोला, नीलम जोशी, सुशीला बड़थ्वाल, रंजना, सुनीता, सुखदेव कंडवाल, ऋचा अमोली, ज्योतिर्मय शर्मा, हरि सिंह, पवन शकुंतला, नीलम मनोड़ी, विवेक शर्मा, प्रवीण रावत आदि उपस्थित रहे। उधर, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय घमंडपुर में प्रवेशोत्सव के तहत छात्र-छात्राओं को पाठ्य सामग्री बांटी गई। मौके पर ग्राम प्रधान अभिषेक कृषाली, मानसी खत्री, प्रधानाचार्य संजय जैन, अर्चना गुसाईं, पुष्पा बिष्ट, मधु सेमवाल, दीप्ति आदि उपस्थित रहे।