नई दिल्ली में उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के रोड शो के दौरान सीएम पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में हुआ एमओयू

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में नई दिल्ली में ग्लोबल इन्वेस्टर समिट 2023 के रोड शो के अवसर पर उत्तराखण्ड सरकार और जे एस डब्लयू नियो एनर्जी लिमिटेड के मध्य 15 हजार करोड़ का एमओयू किया गया। एमओयू के तहत अल्मोड़ा में 1500 मेगावाट के 2 पम्प स्टोरेज का विकास किया जाएगा।

इसके साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड में पंप स्टोरेज प्लांट, सीमेंट, स्पोर्ट, ट्रेनिंग सेंटर, पेयजल, कुमाऊ के मंदिरों (मानसखंड मंदिर माला को सी.एस.आर. के तहत ) पुनर्द्धार व सौंदर्यीकरण के क्षेत्र में सहयोग की अपेक्षा की। एमओयू के तहत जे०एस० डब्ल्यू एनर्जी 1500 मेगावाट क्षमता के अल्मोड़ा में 2 स्व-पहचान वाली पंप स्टोरेज परियोजनाएं स्थापित करने की योजना पर कार्य करेगी, जिसे अगले 5-6 वर्षों में विकसित किया जाएगा। अल्मोडा के जोसकोटे गांव में साइट 1 में यह योजना निचला बांध / जलाशय कोसी नदी से 8-10 किमी की दूरी पर प्रस्तावित है तथा अल्मोड़ा के कुरचौन गांव में साइट 2 में यह ऊपरी जलाशय कोसी नदी से 16 किमी की दूरी पर प्रस्तावित है। इस योजना से एक बड़ी आबादी को पेयजल की आपूर्ति तथा कृषि के लिए सिचाई की सुविधा प्राप्त होगी द्य इसके साथ ही इस योजना से 1000 लोगो को रोजगार के अवसर मिलेंगे।

गौरतलब है कि राज्य सरकार ने राज्य में पी०एस०पी० के विकास को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखंड पंप स्टोरेज परियोजना नीति तैयार की है, जो डेवलपर्स को प्रमुख प्रोत्साहन प्रदान करती है।

एमओयू के दौरान सचिव डॉ मीनाक्षी सुंदरम, विनय शंकर पाण्डेय, एम डी सिडकुल रोहित मीणा तथा जे एस डबल्यू नियो एनर्जी लिमिटेड के निदेशक ज्ञान बद्र कुमार मौजूद रहे।

नीति आयोग की बैठक में ग्रीन बोनस सहित राज्य हित के कई मुद्दों को सीएम ने उठाया

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में नई दिल्ली में आयोजित नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की 8वीं बैठक में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड के विकास में मार्गदर्शन और सहयोग के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्र सरकार का आभार व्यक्त करते हुए राज्य से संबंधित विभिन्न विषयों को रखा।

ग्रीन बोनस
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के लगभग 70 प्रतिशत क्षेत्र में वनों, बुग्यालों, ग्लेशियरों का संरक्षण करके हम सम्पूर्ण राष्ट्र को महत्वपूर्ण पर्यावरणीय सेवायें उपलब्ध करा रहे हैं। आईआईएफएम, भोपाल के एक अध्ययन के अनुसार उत्तराखण्ड के वनों से प्राप्त होने वाली इन सेवाओं का न्यूनतम मौद्रिक मूल्य 95,000 करोड़ रूपये प्रतिवर्ष है। भविष्य में राज्यों के मध्य संसाधनों के आवंटन में इन वन एवं पारिस्थितिकी सेवाओं के मानक को बढ़ाने का उन्होंने अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब तक यह प्रणाली अस्तित्व में नही आती तब तक उत्तराखण्ड राज्य को ग्रीन बोनस प्रदान किया जाये।

भ्रमणशील जनसंख्या
मुख्यमंत्री ने कहा कि सामान्यतः विभिन्न केन्द्र पोषित योजनाओं में स्थिर जनसंख्या के मानक का उपयोग किया जाता है। महत्वपूर्ण तीर्थ स्थानों विशेष तौर पर चार धाम तथा कांवड़ यात्रा मे उत्तराखण्ड में बड़ी संख्या में तीर्थ यात्रियों एवं पर्यटकों का वर्ष भर आवागमन होता है, जो राज्य की जनसंख्या का पांच से छह गुना है। तीर्थ यात्रियों एवं पर्यटकों को समस्त आधारभूत सुविधायें जैसे-पार्किंग, यातायात, पेयजल, स्वच्छता, आवास, परिवहन, जन सुरक्षा इत्यादि राज्य के सीमित संसाधनों से ही करनी होती है। उन्होंने वित्तीय संसाधनों के आवंटन एवं नीति निर्माण में इस महत्वपूर्ण तथ्य को सम्मिलित किये जाने का अनुरोध किया।

बाह्य सहायतित परियोजनायें
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की लगभग 19,000 करोड़ रूपये की 11 वाह्य सहायतित परियोजनायें पाइप लाइन में हैं। इन परियोजना प्रस्तावों पर नीति आयोग, डी.ई.ए, सम्बन्धित केन्द्रीय मंत्रालयों से संस्तुति तथा फण्डिंग एजेंसियों से सैद्धान्तिक सहमति प्राप्त हो चुकी है। राज्य के वित्तीय संसाधन बहुत सीमित हैं जिस कारण ई.ए.पी तथा सी.एस.एस पर ही हमारी निर्भरता है। वित्त मंत्रालय के आदेश के अनुसार उत्तराखण्ड एवं हिमाचल प्रदेश हेतु इसमें बमपसपदह लगायी गयी है। इन परियोजनाओं पर कटौती किये जाने से राज्य में अवस्थापना सुविधाओं के सृजन तथा आजीविका के अवसर बाधित हो जायेंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री जी से इसका समुचित समाधान करवाने का अनुरोध किया।

ऊर्जा
मुख्यमंत्री ने राज्य में 25 मेगावाट से कम लघु एवं सूक्ष्म जल विद्युत परियोजनाओं की ही उत्पादन क्षमता लगभग 3500 मेगावाट है। इसमें से मात्र 200 मेगावाट का ही दोहन हो रहा है। उन्होंने अनुरोध किया कि 25 मेगावाट से कम क्षमता की परियोजनाओं के अनुमोदन तथा क्रियान्वयन का अधिकार राज्य सरकार को प्रदान किया जाए। इस निर्णय से लगभग 3000 मेगावाट तक विद्युत क्षमता का उपयोग शीघ्र करके विकसित भारत/2047 के विजन के अन्तर्गत स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन करते हुए नेट जीरो के लक्ष्यों को हासिल करने में भी सहयोग दे पायेंगे।

नदी जोड़ो परियोजना
मुख्यमंत्री ने कहा कि महत्वाकांक्षी नदी जोड़ो योजना के अन्तर्गत राज्य सरकार द्वारा कुछ हिमनद नदियों को वर्षा आधारित नदियों से जोड़ने पर विचार किया जा रहा है। ऐसी अति महत्वपूर्ण ‘‘नदी-जोड़ो परियोजना’’ के क्रियान्वयन हेतु अत्यधिक धनराशि की आवश्यकता है, इसके लिये मुख्यमंत्री ने भारत सरकार से विशेष वित्तीय सहायता एवं तकनीकी सहयोग का अनुरोध किया।

केन्द्र पोषित योजनाओं में लचीलापन
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र पोषित अधिकांश योजनाएं वन साइज फिट ऑल के आधार पर बनती हैं। जो राज्यों की अपनी विशिष्ट परिस्थितियां एवं आवश्यकताओं के अनुरूप नहीं होती है, परन्तु राष्ट्रीय कृषि विकास योजना जैसी योजनायें भी हैं जिसकी गाइडलाईन में पर्याप्त लचीलापन है। इसके कारण राज्य की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुसार कार्य करने की स्वायत्ता रहती है। स्वायत्ता की यही प्रक्रिया अन्य केन्द्र पोषित योजनाओं के लिये भी अपनायी जानी चाहिये ताकि उत्तराखण्ड जैसे पर्वतीय राज्य केन्द्र पोषित योजनाओं का अधिकतम लाभ प्राप्त कर सकें।

औद्योगिक प्रोत्साहन नीति
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में लागू औद्योगिक प्रोत्साहन नीति वर्ष 2017 के अन्तर्गत प्राप्त प्रोत्साहन वर्ष 2022 में समाप्त हो चुके हैं, जबकि जम्मू कश्मीर तथा पूर्वाेत्तर राज्यों हेतु इसी प्रकार की अन्य औद्योगिक नीति वर्तमान में भी चल रही है। पर्वतीय राज्य होने के कारण हमारी समस्यायें भी उन्हीं राज्यों की तरह ही हैं। उन्होंने औद्योगिक प्रोत्साहन नीति को उत्तराखण्ड राज्य में भी आगामी 5 वर्षाे के लिये विस्तारित करने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की कड़ी में उत्तराखण्ड को देश का अग्रणी राज्य बनाने का लक्ष्य-सशक्त उत्तराखण्ड 2025 की अवधारणा के आधार पर तेज गति से कार्य प्रारम्भ कर दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा नीति आयोग, भारत सरकार की तर्ज पर राज्य में स्टेट इंस्टीट्यूट फॉर इंपावरिंग एंड ट्रांसफॉर्मिंग उत्तराखण्ड (सेतु) का गठन किया है। गुजरात के जी.आई.डी.बी की तर्ज पर अवस्थापना सुविधाओं के सृजन हेतु उत्तराखण्ड निवेश और अवस्थापना विकास बोर्ड का गठन किया गया है ताकि घरेलू एवं अन्तर्राष्ट्रीय निवेशकों को राज्य में आकर्षित किया जा सके। जल संरक्षण को बढ़ावा देने, बाढ़ नियन्त्रण में सहायक और सभी विकास कार्याे में इकोनॉमी तथा इकोलॉजी का सन्तुलन सुनिश्चित करने के लिये ‘स्प्रिंग एंड रिवर रिजूवनेशन अथॉरिटी बनायी जा रही है। इससे स्थानीय स्तर पर पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा तथा जल आधारित रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। नगरीय मल्टी मॉडल परिवहन सुविधा के लिये यूनिफाइड मेट्रोपॉलिटयन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (यू.एम.टी.ए) का गठन किया गया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पी0एम0 गतिशक्ति में गुजरात के बाद उत्तराखण्ड दूसरा राज्य है, जिसके द्वारा अधिकतम कार्य पूर्ण किया गया है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में बद्री-केदार धाम के पुननिर्माण का संकल्प शीघ्र साकार होने जा रहा है। इसके लिये राज्य की ओर से मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री का आभार भी व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुमांऊ क्षेत्र में स्कन्द पुराण में उल्लिखित प्रमुख पौराणिक मंदिर तथा गुरूद्वारा को एक सर्किट के रूप में जोड़ने के लिये मानसखण्ड मंदिर माला मिशन प्रारम्भ की गयी है। इस परियोजना से स्थानीय स्तर पर लगभग 50,000 परिवारों को प्रत्यक्ष तथा परोक्ष रूप से रोजगार मिलने का अनुमान है। प्रथम चरण में 16 मंदिरों का अवस्थापना विकास किया जा रहा है। पहली बार जागेश्वर मंदिर पर आधारित गणतंत्र दिवस की झांकी को पहला स्थान मिला।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में ‘‘मिनिमम गवर्नमेंट मैक्सिमम गवर्नेंस’’ की अवधारणा के अन्तर्गत आई.टी का अधिक से अधिक उपयोग किया जा रहा है। अपणि सरकार पोर्टल पर लगभग 70 प्रतिशत सेवायें ऑनलाईन उपलब्ध है। ‘अपणों स्कूल अपणों प्रमाण’ के अन्तर्गत विद्यालय में ही छात्र-छात्राओं को सभी प्रमाण पत्र निर्गत किये जा रहे हैं। रोजगार के सृजन की दृष्टि से 18000 पॉली हाउस एक साथ स्वीकृत किये गये जबकि विगत वर्षों में लगभग 500 पॉली हाउस प्रतिवर्ष स्वीकृत होते थे। आगामी दो वर्षाे में प्रत्यक्ष तथा परोक्ष रूप से लगभग एक लाख से अधिक रोजगार का सृजन होगा। पर्यटन नीति 2023 के अन्तर्गत लगभग 40 हजार करोड़ रूपये का निवेश सम्भावित है, जिससे बड़ी संख्या में रोजगार सृजन होगा। विदेशों में रोजगार के आकर्षक अवसर उपलब्ध कराने हेतु मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन एवं वैश्विक रोजगार योजना लायी गयी है। पर्यटक स्थलों पर सुगमतापूर्वक आवागमन के लिये 58 हैलीपोर्ट तथा हैलीपैड निर्मित किये गये हैं एवं 29 हैलीपोर्ट तथा हैलीपैड निर्माणाधीन है। स्थानीय स्तर पर विभिन्न प्रकार के ड्रोन के निर्माण तथा दूरस्थ क्षेत्रों में आवश्यकीय सेवाओं, विकास कार्याे की निगरानी के लिये ‘ड्रोन यूसेज एंड प्रमोशन पॉलिसी’ लायी जा रही है। सात जनपदों के 250 कृषकों को वर्तमान में ड्रोन प्रशिक्षण दिया जा रहा है। राज्य में महिलाओं को अधिक सशक्त बनाने के लिये 2025 तक 1.25 लाख लखपति दीदी का लक्ष्य रखा गया है एवं 33,158 परिवारों को लखपति दीदी के रूप में तैयार किया गया है।

रोजगार के लिए उत्तराखंड लोक सेवा आयोग व अन्य एजेंसियां पारदर्शी तरीका अपनाएंः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. सन्धु को निर्देश दिये हैं कि प्रदेश में भविष्य में पारदर्शी एवं सुचिता पूर्ण ढंग से चयन प्रक्रिया सुनिश्चित करने की व्यवस्था की जाए ताकि योग्य युवाओं का चयन हो सके। उन्होंने इस सम्बन्ध में उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग तथा अन्य चयन एजेंसियों को सुदृढ़ एवं पारदर्शी बनाये जाने के भी निर्देश दिये हैं।

मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा जिन पदों के रिजल्ट घोषित कर दिये हैं किंतु संस्तुति अभी नहीं भेजी गई है उस संबंध में भी केस टू केस निर्णय लेने हेतु मुख्य सचिव एवं सचिव कार्मिक को निर्देश दिये हैं। ऐसी परीक्षायें जिनमें अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आवेदन आमंत्रित किये जा चुके हैं तथा कोई भी परीक्षा आयोजित नहीं की गई है उनमें लोक सेवा आयोग के स्तर पर नियम संगत कार्यवाही कर चयन प्रक्रिया सुनिश्चित की जाए।

मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये हैं कि उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की जो परीक्षायें लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जानी हैं उसके लिये शीघ्र विज्ञापन निर्गत कर चयन प्रक्रिया प्रारम्भ की जाय। मुख्यमंत्री ने परीक्षा परिणाम घोषित पुलिस रैंकर्स भर्ती परीक्षा के संबंध में भी शीघ्र कार्यवाही हेतु सचिव कार्मिक को निर्देश दिये हैं।

युवा सरकार के निर्णय से मिलने लगा रोजगार, बेराजगारी दर में दर्ज की गई गिरावट

उत्तराखंड में पिछले एक महीने में बेरोजगारी की दर में कमी आई है। सितंबर माह में राज्य की बेरोजगारी दर 4.1 प्रतिशत रही, जबकि पिछले साल इसी महीने बेरोजगारी दर 22.3 प्रतिशत थी। बेरोजगारी दर के मामले में उत्तराखंड देश में नौंवे स्थान पर है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी प्रा लि (सीएमआईई) के सर्वे में यह खुलासा हुआ है।
सर्वे के ऑनलाइन आंकड़ों के मुताबिक, पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश, हिमाचल, पंजाब, हरियाणा समेत 17 राज्यों में बेरोजगारी उत्तराखंड से अधिक है। उत्तराखंड में पिछले महीने की तुलना में सितंबर माह में बेरोजगारी दर में 2.1 प्रतिशत की गिरावट रही है। 

आर्थिक गतिविधियों में तेजी का असर
कोविड की दूसरी लहर के तकरीबन थम जाने के बाद आर्थिक गतिविधियों में आई तेजी बेरोजगारी दर में गिरावट की एक प्रमुख वजह मानी जा रही है। जानकारों के मुताबिक, पिछले दो महीनों के दौरान राज्य में पूरी तरह से अनलॉक हो गया है। बाहरी राज्यों के लोगों के राज्य में प्रवेश की बंदिश में ढील, अंतरराज्यीय परिवहन के संचालन और व्यावसायिक गतिविधियों को खोलने से आजीविका और रोजगार के अवसर खुले हैं।
 
सितंबर 2020 में थी 22 फीसदी से ज्यादा बेरोजगारी दर
कोरोनाकाल के दौरान सितंबर 2020 में उत्तराखंड की बेरोजगारी दर पिछले आठ महीनों में सबसे अधिक 22.3 फीसदी थी। जनवरी 2021 की तुलना में 2020 में बेरोजगारी दर केवल एक फीसदी कम थी। सितंबर 2020 में बेरोजगारी दर बढ़कर 22.3 फीसदी तक पहुंच गई।
 
कुछ प्रमुख राज्यों में बेरोजगारी दर 
प्रदेश-बेरोजगारी दर
उत्तरप्रदेश-5.0
हिमाचल-8.7
जम्मू कश्मीर-21.6
हरियाणा-20.3
गुजरात-1.3
दिल्ली-16.8
पंजाब-9.3
राजस्थान-17.9
असम-3.5
स्रोत-सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनामी (सीएमआई) प्रा. लि.

उद्यमियों की सहायता के लिए सिंगल विंडो सिस्टम का सरलीकरण-सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सचिवालय में उद्योग विभाग की समीक्षा की। उन्होंने प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए व्यापक प्रयासों की जरूरत बताते हुए बड़े उद्योगपतियों से संवाद कर प्रदेश में उद्योग लगाने हेतु आकर्षित करने, उद्योगों में स्थानीय लोगों को अधिक से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने, उद्यमियों की सहायता के लिए सिंगल विंडो सिस्टम का सरलीकरण और अधिक प्रभावी बनाए जाने के साथ ही उद्योगों की स्थिति एवं समस्याओं आदि की जानकारी के लिए कांक्रीट ऑडिट की व्यवस्था पर ध्यान देने को कहा है।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में औद्योगीकरण को बढ़ावा देने के साथ ही औद्योगिक क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाओं के विकास पर ध्यान देने के भी निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि उद्योगों से संबंधित लंबित प्रकरणों का त्वरित निस्तारण तत्परता एवं समयबद्धता के साथ किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा उद्योगों के हित में लिए गए निर्णयों की भी जानकारी उद्यमियों को होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में औद्योगिक अवस्थापना सुविधाओं के विकास एवं निवेशकों से संवाद से निवेश संवर्धन एवं आर्थिक विकास में मदद मिलेगी। उन्होंने युवाओं में उद्यमिता एवं स्वरोजगार के प्रति अभिरुचि पैदा करने की भी जरूरत बताई। उन्होंने मेगा इंडस्ट्रियल पॉलिसी, मेगा टेक्सटाइल पॉलिसी, क्रय वरीयता नीति, एम.एस.एम.ई. इकाइयों को दी जाने वाली सहूलियतों से संबंधित नियमों में किए जाने वाले आवश्यक संशोधनों पर त्वरित कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इन विषयों पर त्वरित निर्णय हेतु मुख्य सचिव के स्तर पर सभी सम्बन्धित विभागों की बैठक आयोजित किये जाने के भी निर्देश दिये हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने औद्योगिक विकास योजना को विस्तारित किये जाने, जनपद हरिद्वार मे इन लेण्ड कन्टेनर डिपो की स्थापना, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम के अन्तर्गत कल्स्टर विकास योजनाओं, अमृतसर-कोलकता इंडस्ट्रियल कोरिडोर, खटीमा एवं टनकपुर में सिड़कुल की स्थापना से सम्बन्धित प्रस्तावों के क्रियान्वयन मे भी तेजी लाये जाने को कहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा उद्देश्य प्रदेश में औद्योगिकरण को बढ़ावा देना है। राज्य में उद्योगों के अनुकूल माहौल है। कानून व्यवस्था की भी कोई समस्या नहीं है। बिजली की उपलब्धता है, इनके साथ ही राज्य का शान्त एवं स्वच्छ वातावरण उद्यमियों के अनुकूल है। इसके लिये सभी विभागों को समेकित प्रयासों पर ध्यान देना होगा। राज्य का औद्योगिक वातावरण प्रदेश की आर्थिकी एवं रोजगार सृजन में भी मददगार है।
बैठक में सचिव उद्योग राधिका झा ने व्यापक प्रस्तुतीकरण के माध्यम से प्रदेश में उद्योगों की स्थिति विभागीय कार्यों एवं प्रदेश में व्यापक औद्योगीकरण के लिये किये जा रहे प्रयासों, नीतियों कार्यक्रमों के साथ ही सिडकुल औद्योगिक क्षेत्र हरिद्वार पंतनगर, सेलाकुई, कोटद्वार,आईटी पार्क देहरादून, सितारगंज एस्कॉर्ट फार्म में उपलब्ध एवं आवंटित भूमि आदि की भी जानकारी दी।
बैठक में कैबिनेट मंत्री श्री गणेश जोशी, मुख्य सचिव डॉ. एस.एस.सन्धू, अपर मुख्य सचिव आनन्द वर्धन, प्रबन्ध निदेशक सिड़कुल रोहित मीणा, निदेशक उद्योग सुधीर नौटियाल, उप निदेशक अनुपम द्विवेदी एवं अन्य अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जनपदों के महाप्रबन्धक उद्योग उपस्थित थे।

पर्वतीय क्षेत्रों में लघु उद्योगों को दिया जा रहा बढ़ावा-सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में वर्चुअल माध्यम से सीआईआई के प्रतिनिधियों के साथ राज्य में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए वर्चुअल संवाद किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। औद्योगिक संगठनों के साथ मिलकर राज्य में रोजगार सृजन को बढ़ावा दिया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में लघु उद्योगों को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिसमें औद्योगिक संगठनों से सहयोग की अपेक्षा है। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन रोकने के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। सीमांत क्षेत्र सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में एक नई कार्य संस्कृति लाने के प्रयास किये गये हैं। कार्यों के सरलीकरण, समाधान और निस्तारण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। राज्य में कनेक्टिविटी तेजी से बढ़ रही है। सड़क, रेल एवं हवाई कनेक्टिविटी का तेजी से विस्तार हो रहा है। औद्योगिक विकास के लिए उत्तराखण्ड में अनुकूल माहौल है। उत्तराखण्ड में औद्योगिक विकास के लिए अनेक क्षेत्रों में अच्छा कार्य हो सकता है। भारत सरकार के सहयोग से सिडकुल हरिद्वार में 300 बेड का अस्पताल बनाया जा रहा है। उत्तराखण्ड आने वाले औद्योगिक संस्थानों को राज्य में हर संभव सुविधा दिये जाने के प्रयास किये जायेंगे।
सीआईआई के प्रतिनिधियों ने राज्य में औद्योगिक विकास के लिए अपने सुझाव दिये। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार द्वारा उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सराहनीय प्रयास किये जा रहे हैं। इन्वेस्टर समिट के बाद उत्तराखण्ड में औद्योगिक विकास में तेजी आई है। उत्तराखण्ड में विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने की अपार संभावनाएं हैं। इस अवसर पर वर्चुअल माध्यम से सीआईआई के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

सरकार का प्रयास, उद्योगो को अच्छी सुविधाएं मिले-मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास स्थित कैम्प कार्यालय सभागार में उत्तराखण्ड में औद्योगिक विकास योजना-2017 के स्वीकृत 23 दावों के लाभार्थियों को 35 करोड़ का उपादान वितरित किया। औद्योगिक विकास योजना भारत सरकार के उद्योग संवर्द्धन एवं आन्तरिक व्यापार विभाग द्वारा उत्तराखण्ड एवं हिमाचल प्रदेश के लिये 1 अप्रैल, 2017 से 31 मार्च, 2022 की अवधि तक लागू की गई है। इस योजना में प्लाण्ट एवं मशीनरी में किये कुल पूंजी निवेश के 30 प्रतिशत अधिकतम रू0 05 करोड़ तक का उपादान भारत सरकार से देय है। इसी प्रकार 5 वर्षों हेतु इकाईयों के प्लाण्ट एवं मशीनरी के इनस्योरेंस प्रीमियम की शतप्रतिशत प्रतिपूर्ति भी देय है।

योजना में पंजीकृत 725 इकाईयों में कुल पूंजी निवेश रू० 8000 करोड़ और 60,000 लोगों को रोजगार प्राप्त होगा
इस योजना में दिनांक 13-08-2021 तक 725 इकाईयों द्वारा पंजीकरण किया गया है, जिसमें कुल पूंजी निवेश रू० 8000 करोड़ तथा इससे लगभग 60,000 लोगों को रोजगार प्राप्त होगा। इनमें 355 नई इकाईया स्थापित होंगी, जबकि 370 इकाईयों द्वारा अपने विद्यमान क्षमता में विस्तारीकरण किया जा रहा है। इन इकाइयों में 629 इकाईयां विनिर्माण क्षेत्र में जबकि 96 इकाईया सेवा में स्थापित हो रही है।

उद्योगों को बेहतर माहौल देने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध-मुख्यमंत्री
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री के मिशन आत्म निर्भर भारत को सफल बनाने के लिये उद्योगों को बेहतर वातावरण एवं सहूलियते दिये जाने का यह प्रयास है। उन्होंने कहा कि विकास के लिये पूंजी निवेश जरूरी है। उद्योगों का संवर्धन एवं संरक्षण हमारा उद्देश्य है। उन्होंने उद्यमियों से सहयोग की अपेक्षा करते हुए कहा कि सरकार आपके साथ है। सरकार सबकी साझेदार के रूप में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा उत्तराखण्ड को दिये गये औद्योगिक पैकेज के कारण प्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों में उद्योगों की बड़ी संख्या में स्थापना हुई, आगे भी प्रदेश में देश विदेश के उद्यमी आये इसके लिये अनुकूल वातावरण का सृजन किया गया है। बाहर से आने वाले उद्यमियों को प्रदेश में आने के लिये यहां के उद्यमियों को आगे आना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्यमियों की समस्याओं के समाधान के निर्देश दिये गये हैं। वे स्वयं भी विभिन्न उद्योग प्रतिनिधियों एवं संगठनों से वार्ता करेंगे। कोरोना महामारी का वैश्विक प्रभाव सभी क्षेत्रों में पड़ा है हम सब आपसी समन्वय एवं सहयोग से इस चुनौती का सामना करने में सफल होंगे, इसकी उन्होंने उम्मीद जताई।
उन्होंने कहा कि उद्योग व्यापार से सम्बन्धित जितनी भी नीतियां प्रदेश में बनायी गयी हैं उन्हें और सुगम एवं लचीला बनाया जायेगा ताकि उद्यमियों एवं व्यापारियों को बेहतर सुविधा मिल सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि अर्थनीति अच्छी होगी तो देश प्रदेश का बेहतर विकास होगा। राज्य में अवस्थापना सुविधाओं के विकास सड़कों के निर्माण से सुविधायें बढ़ेंगी तथा उद्यमियों को सुविधा होगी।

केन्द्र के सहयोग से प्रदेश में कनेक्टीवीटी का विस्तार हुआ
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के चहुंमुखी विकास के लिए प्रधानमंत्री का मार्गदर्शन मिलता रहता है। जनपद उधम सिंह नगर एवं हरिद्वार के विभिन्न क्षेत्रों में स्थापित उद्योगों के सुविधा के लिये अनेक बाईपास सड़कों का निर्माण के लिये केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गड़करी ने 32 हजार करोड़ की धनराशि प्रदान करने की सहमति प्रदान की है। दिल्ली देहरादून एक्सप्रेस वे के तहत बनने वाले एलिवेटेड रोड के लिये 12 हजार करोड़ की धनराशि स्वीकृत की है। रेल सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। हवाई सेवाओं का भी विस्तार किया जा रहा है। हमारा उदेश्य उद्यमियों के साथ ही राज्यवासियों को बेहतर सुविधाये प्रदान करना अच्छे वातावरण से ही विकास की राह प्रशस्त होगी। उन्होंने सभी से इनमें सहयोगी बनने की अपेक्षा भी की है।
इस अवसर पर महानिदेशक उद्योग रोहित मीणा, निदेशक उद्योग सुधीर नौटियाल, उपनिदेशक अनुपम द्विवेदी, औद्योगिक संगठनों से पंकज गुप्ता, विश्वास डाबर, हरेन्द्र गर्ग, महेश शर्मा सहित उपादान प्राप्त करने वाले 23 उद्योगों के प्रतिनिधि आदि उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह ने लिया बेरोजगारों के ज्ञापन का संज्ञान, संसोधन के साथ होगी नर्सिंग भर्ती

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नर्सिंग की भर्ती में मानकों में संशोधन के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने नर्सिंग प्रशिक्षित बेरोजगार युवाओं के ज्ञापन का संज्ञान लेकर सचिव स्वास्थ्य को निर्देश दिए कि आवश्यक संशोधन का प्रस्ताव तैयार कर शीघ्र आगामी कैबिनेट में लाया जाए। जिससे नर्सिंग की भर्ती में मानकों में आवश्यक संशोधन किया जा सके और ज्यादा से ज्यादा नर्सिंग प्रशिक्षित युवा उसमें शामिल हो सकें।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निर्देश के बाद राज्य में 1200 से ज्यादा पदों पर नर्सिंग स्टाफ की भर्ती होने जा रही है। लेकिन भर्ती के लिए 30 बेड के अस्पताल से एक साल के अनुभव और फार्म 16 की अनिवार्यता के कारण कई नर्सिंग प्रशिक्षित युवा इस भाग लेने से वंचित हो रहे थे। इस पर नर्सिंग प्रशिक्षित बेरोजगार युवाओं ने मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन देकर मानकों में ढील देने की मांग की थी। जिससे अधिक से अधिक नर्सिंग प्रशिक्षित युवा इसमें भाग ले सकें।

कोरोना को हराकर आज से काम काज शुरू करते ही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पहला निर्णय नर्सिंग भर्ती के मानकों में संशोधन का लिया। नर्सिंग बेरोजगार संगठन की ओर से दिए ज्ञापन का संज्ञान लेकर मुख्यमंत्री ने सचिव स्वास्थ्य को निर्देश दिए कि 30 बेड के अस्पताल में एक साल के अनुभव की शर्त को हटा दिया जाए। सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश के अनुसार नर्सिंग भर्ती के लिए अब 30 बेड के अस्पताल में एक साल के अनुभव की शर्त को हटाया जाएगा। इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट के सम्मुख रखेंगे। इस संशोधन के बाद फार्म 16 की अनिवार्यता भी स्वत ही खत्म हो जाएगी। साथ ही 30 बेड के अस्पताल में एक साल के अनुभव की शर्त भी हट जाएगी। कैबिनेट निर्णय के बाद नर्सिंग प्रशिक्षित बेरोजगार इसके लिए नर्सिंग भर्ती के लिए पात्र हो जाएंगे।

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने आंकड़े जारी कर कहा बेरोजगारों के हाथों को दिया काम

देहरादून। भाजपा अध्यक्ष बंशीधर भगत ने कहा कि भाजपा सरकार ने युवा बेरोजगारो के हाथो को काम दिया है नौकरियो की बंदरबांट नही की है। उन्होंने कहा कि वह अपने दावे पर कायम है कि सरकार ने 4 साल में सरकारी, गैर सरकारी में स्थाई और अस्थाई रूप से 7 लाख से अधिक लोगो को रोजगार दिया है। इसके लिए उन्होंने आंकड़े भी जारी किये।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भगत ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के रोजगार सम्बन्धी बयान पर चुटकी लेते हुए आरोप लगाया कि उनके कार्यकाल में नौकरियो की बंदरबांट के आरोप भी सामने आये थे। तब चहेतो को रेवड़ियों की तरह सरकारी नौकरियों के बंटने के भी आरोप लगे हैं। तब पिछले दरवाजे से हुई नियुक्तियों पर हंगामा भी हुआ था।

भगत ने कांग्रेस शासनकाल मे बेरोजगारों के साथ छलावा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस ने बेरोजगारों को नही अपने चहेतों को सरकारी नौकरियां दी है। इसमें विधान सभा में 158 नियुक्तियों सहित अन्य कई विभागों में कई ऐसे मामले सामने आये जिसमे कहा गया कि मनमाफिक चहेतो को रोजगार दिया।

भगत ने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंन्द्र सिंह रावत की सरकार पूर्ण पारदर्शिता से सबका साथ सबका विकास की भावना से कार्य कर रही है। भाजपा सरकार ने युवाओं को रोजगार से जोड़ने का ऐतिहासिक कार्य किया है।

उन्होंने कहा कि अभी रोजगार का यह आंकड़ा और बढ़ेगा,क्योकि सरकार ने युवाओ को रोजगार देने के लिए वृहद रोड मैप बनाया है।

सरकार के बेहतर कामकाज पर कटाक्ष के बजाय विपक्ष रचनात्मक रूप से सुझाव दे और आगे आये। उन्होंने रोजगार और विकास के नजरिये से कांग्रेस को आइना दिखाते हुए कहा कि कांग्रेस के सामने आत्ममंथन का समय है कि आज के मुकाबले उसके कार्यकाल में रोजगार और विकास की क्या स्थिति थी।

भाजपा अध्यक्ष बंशीधर भगत ने भाजपा सरकार के बेरोजगारों को दिए गए वर्षवार आंकड़े देते हुए कहा कि 2017 से 2020 तक युवाओं के भविष्य को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंन्द्र सिंह रावत ने सभी विभागों में नए पदों का सृजन कर युवाओं को रोजगार देने का कार्य किया है ।

उन्होंने सृजित पदों के आंकड़ों का ब्यौरा भी दिया। जिनमें प्रमुख रूप से चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण में 562 पद, चिकित्सा में 1473 पद, उद्योग विभाग में 160675 पद, ग्रामीण विकास विभाग में 153360 पद, वन विभाग में 89280 पद, लोक निर्माण विभाग में 58163 पद, परिवहन विभाग में 58078 पद, पेयजल विभाग में 41630 पद, पर्यटन विभाग में 41630 पद, कौशल विकास एवं सेवायोजना में 30102 पद, माध्यमिक शिक्षा में 8611पद, सिंचाई विभाग में 8170 पद, शहरी विकास विभाग में 7630 पद, खेल एवं युवा कल्याण विभाग में 6509 पद, आबकारी विभाग में 6043 पद, सैनिक कल्याण विभाग में 5509 पद, लघु सिंचाई में 4656 पद, ऊर्जा विभाग में 4289 पद, गन्ना किसान एवं चीनी उद्योग में 2847 पद, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति में 2703 पद, महिला सशक्तिकरण में 2596 पद, स्वास्थ्य विभाग में 2585 पद, डेरी विकास विभाग में 2481पद, सहकारिता में 2276 पद, मत्स्य विभाग में 2016 पद,

इसी कड़ी में भगत ने कहा उनकी सरकार द्वारा अन्य कई प्रशासनिक विभागों में पद सृजित हुए बेरोजगारों को रोजगार देने का कार्य किया गया है।

भगत ने नए सृजित पदों के भी आंकड़े साझा किये जिसके अंतर्गत 2017 से 2020 चिकित्सा क्षेत्र में 1810 पद, वित्त विभाग में 1583 पद, उच्च शिक्षा विभाग में 1247 पद, संस्कृत शिक्षा विभाग में 75 पद, गृह विभाग आयुष विभाग में 75 पद, सूचना प्रौद्योगिकी में 485 पद, तकनीकी शिक्षा में 473 पद, रेशम विकास विभाग में 426 पद, पशुपालन विभाग में 421पद, उद्यान विभाग में 318 पद, निर्वाचन विभाग में 272 पद, महिला कल्याण विभाग में 254 पद, जलागम प्रबंधन में 174 पद, सचिवालय प्रशासन में 138 पद, राज्य संपत्ति विभाग में 136 पद, ग्रामीण निर्माण विभाग में 110 पद, समाज कल्याण विभाग में 96 पद, सूचना विभाग में 33 पद, आवास विभाग में 27 पद, नागरिक उड्डयन में 24 पद, संस्कृत विभाग में 14 पद, कृषि विभाग में 12365 पद, वन एवं पर्यावरण विभाग में 45 पद, सचिवालय प्रशासन (अधिष्ठान अनुभाग) में 122 पद, उत्तराखंड न्यायिक सेवा सिविल जज में 28 पद, अर्थ एवं संख्याधिकारी में 14 पद, असिस्टेंट प्रोफेसर राजकीय महाविद्यालय में 877 पद।

भगत ने कहा कोविड के दौरान मनरेगा में पिछले साल की तुलना में 84000 अतिरिक्त परिवारों (200000 अतिरिक्त श्रमिकों) को रोजगार दिया गया। पिछले वर्ष की तुलना में 170 का अतिरिक्त व्यय भी त्रिवेंद्र सरकार द्वारा किया गया है ।

कहा कि त्रिवेंद्र सरकार सरकार ने कैंपा के माध्यम से 40000 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने की कार्ययोजना भी तैयार कर ली है। कहा की अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा 2014 से 2017 तक केवल 8 परीक्षाएं आयोजित हुई जिनमें 801 पदों पर चयन हुआ, वहीं साल 2017 से 2020 तक 59 परीक्षाएं आयोजित की गई जिनमें 6000 पदों का चयन हुआ वर्तमान में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में 7300 पदों पर अधियाचन और भर्ती प्रक्रिया जारी है। भगत ने आंकड़े के साथ रोजगार देने का दावा करते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने पिछले 4 सालों में 712837 रोजगार सृजित कर बेरोजगारों को रोजगार दिया है।

स्वास्थ्य विभाग में नौकरी के लिए हो जाएं तैयार, स्टाफ नर्स की भर्ती को 14 दिसंबर से करें आवेदन

देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने स्टाफ नर्स के 1238 पदों पर भर्ती की विज्ञप्ति जारी कर दी है। लंबे समय से भर्ती का इंतजार करने वाले अभ्यर्थियों के लिए यह सुनहरा मौका है। भर्ती के लिए 14 दिसंबर सोमवार से ऑनलाइन आवेदन शुरू हो रहे हैं, जबकि 11 जनवरी को आवेदन और परीक्षा शुल्क जमा करने की अंतिम तारीख घोषित की है। इसके अलावा 12 जनवरी को आवेदन पत्र को प्रिंट आउट कर सकत है। 25 जनवरी को ऑनलाइन स्कूटनी के बाद रिजेक्ट किए गए आवेदन पत्रों की सूची अपलोड की जाएगी। 30 जनवरी को रिजेक्ट किए गए आवेदन कर्ताओं द्वारा संबंधित प्रमाण पत्र वेबसाइट पर अपलोड करने की अंतिम तारीख है। 20 फरवरी को लिखित परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र ऑनलाइन जारी होंगे, जबकि 7 मार्च को स्टाफ नर्स भर्ती की लिखित परीक्षा होगी।