गढ़वाल रेजीमेंट के सैनिकों और उनके परिवार के साथ दीपावली मनाने पहुंचे सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को सैनिकों, भूतपूर्व सैनिकों तथा उनके परिजनों के साथ दीपावली पर्व मनाया। गढ़ी कैंट में 8 गढ़वाल रेजीमेंट द्वारा आयोजित दीपावली मिलन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उपस्थित सैनिकों तथा उनके परिजनों से व्यक्तिगत रूप से मिलकर उनकी कुशलक्षेम पूछी तथा उन्हें दीपावली की शुभकामनाएं एवं बधाई दी। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में सैनिकों द्वारा लगाए गए विभिन्न स्टॉलस का निरीक्षण किया तथा सैनिकों का उत्साहवर्धन किया। इस अवसर पर 8 गढ़वाल रेजीमेंट द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में 8 गढ़वाल रेजीमेंट के सैनिक, भूतपूर्व सैनिक तथा उनके परिजन उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री की पहल पर अग्निपथ योजना को लेकर हुआ संवाद कार्यक्रम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल पर अग्निपथ योजना के संबंध में पूर्व सैनिकों के साथ विचार विमर्श का संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह संवाद कार्यक्रम सीएम कैम्प कार्यालय के मुख्य सेवक सदन में आयोजित किया गया। गौरतलब है कि उत्तराखण्ड पहला राज्य है जहां अग्निपथ योजना पर पूर्व सैनिकों के साथ संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि के साथ ही वीर भूमि और सैन्य भूमि भी है। उत्तराखण्ड के युवाओं में देशभक्ति की भावना कूट-कूट कर भरी है। अधिकांश युवाओं ने अग्निपथ योजना का स्वागत किया है। हमारा दायित्व है कि हम अपने युवाओं को अग्निपथ योजना के सही तथ्यों के बारे में अवगत कराएं। इसे लेकर युवा भ्रमित न हों।

प्रधानमंत्री का हर निर्णय देशहित में

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पूरा जीवन देशहित को समर्पित है। उन्होंने अभी तक जो भी निर्णय लिये, देशहित में लिये। अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति का कल्याण उनकी प्राथमिकता है। लम्बे समय तक लम्बित वन रैंक वन पेंशन के संबंध में उनके द्वारा ही निर्णय लिया गया। सियाचिन में तैनात सैनिकों के उच्च स्तरीय उपकरण, आदि की उन्होंने व्यवस्था कराई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अग्निपथ योजना भी देशहित में लाई गई है। चयनित अग्निवीरों में से 25 प्रतिशत तो नियमित किये ही जाएंगे, बाकी 75 प्रतिशत के लिये भी विभिन्न अर्धसैन्य बलों, राज्यों के पुलिस बलों व अन्य संस्थानों में व्यवस्था की जा रही है। सेना के अनुशासन में प्रशिक्षित अग्निवीर को सभी जगह निश्चित तौर पर प्राथमिकता मिलेगी। सेना से आने पर उसके पास इतनी जमा राशि हो जाएगी कि वह अपना स्वयं का व्यवसाय भी प्रारम्भ कर सकता है। या फिर उच्च स्तरीय अध्ययन भी कर सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अग्निवीरों को आकर्षक वेतन पैकेज के साथ ही रिस्क व हार्डशिप एलाउंस भी दिये जाएंगे। चार साल की अवधि के बाद पारदर्शी तरीके से 25 प्रतिशत नियमित सेवा में जाएंगे। जबकि शेष 75 प्रतिशत को वन टाईम सेवा निधि पैकेज दिया जाएगा। इस वर्ष 46 हजार अग्निवीर भर्ती किये जाएंगे। इससे सेना की यंग प्रोफाइल होगी जिससे भविष्य की चुनौतियों से निपटा जा सकेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों में पलायन की समस्या है। यहां हॉर्टिकल्चर में व्यापक सम्भावनाएं हैं। राज्य सरकार हॉर्टिकल्चर में अग्निवीरों को प्रोत्साहित करने के लिये योजना की रूपरेखा तैयार करेगी। राज्य पुलिस बलों में प्राथमिकता की बात पहले ही कही जा चुकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे एक सैनिक के पुत्र है। सेना से उनका स्वाभाविक लगाव है। सैनिकों व पूर्व सैनिकों के बीच आकर ऐसा लगता है जैसे अपने अभिभावकों के बीच आ गए हों। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के मंथन से अमृत निकलेगा। जो भी सुझाव प्राप्त हुए हैं, उन्हें संकलित किया जाएगा। राज्य स्तर की बात होने पर अग्निवीरों के हित में राज्य सरकार के स्तर से कार्यवाही की जाएगी जबकि केंद्र स्तर से संबंधित सुझावों को केंद्र सरकार और रक्षा मंत्रालय को प्रेषित किया जाएगा।

युवाओं को भ्रम से बचाने के लिये सही जानकारी पहुंचाना जरूरी

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें अपने युवाओं को सही दिशा दिखाने की जरूरत है। उन्हें भ्रमित होने से बचाने के लिये अग्निपथ योजना की सही जानकारी उन तक पहुंचानी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर्मयोगी हैं। पूरा देश उनका परिवार है। उनके नेतृत्व में देश गौरवशाली, वैभवशाली और शक्तिशाली बन रहा है।
सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि उत्तराखण्ड में सेना में शामिल होने की परम्परा रही है। यहां योजना का सामान्यतः स्वागत किया गया है। अग्निपथ योजना से उत्तराखण्ड के युवा लाभान्वित होंगे। अग्निवीरों के लिये विभिन्न योजनाओं में क्या किया सकता है, इस पर राज्य सरकार गम्भीरता से विचार कर रही है।
कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, मेजर जनरल मोहन लाल असवाल, मेजर जनरल एस सब्बरवाल, विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, सचिव दीपेंद्र चौधरी सहित वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारी, एसएसपी सहित बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक मौजूद थे।
कार्यक्रम में प्रत्येक जिले से उपस्थित पूर्व सैनिकों ने अग्निपथ योजना को देशहित में सेना को मजबूत करने वाली महत्वपूर्ण योजना बताया। उन्होंने इस संबंध में अपने सुझाव भी दिये।

पूर्व सैनिकों के प्रतिनिधि मंडल ने मेयर अनिता से की शिष्टाचार भेंट

मेयर अनिता ममगई ने कहा कि नगर निगम प्रशासन देश बहादुर जवानों सहित पूर्व सैनिकों और उनके आश्रित परिवारों को हर आवश्यक सुविधाएं देने के लिए कटिबद्ध है। इसके लिए धरातल पर कार्य किया जा रहा है। उक्त बातें महापौर अनिता ममगाई ने उनके कैंप कार्यालय में शिष्टाचार भेंट के लिए पहुंचे पूर्व सैनिक वेलफेयर एसोसिएशन के सदस्यों से कही।

पूर्व सैनिक संगठन के एक प्रतिनिधिमंडल ने कैंप कार्यालय में उनसे मुलाकात की। इस दौरान पूर्व सैनिक संगठन के अध्यक्ष बलवंत सिंह रांगड़ ने सैनिक परिवारों की समस्याओं को लेकर महापौर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में नगर निगम क्षेत्र में रह रहे पूर्व सैनिकों के भवन कर में छूट की मांग की गई। इसके अलावा अपनी सेवाओं के दौरान घायल हुए पूर्व सैनिकों के लिए विकलांग कैंप आयोजित करने का भी आग्रह भी महापौर से किया गया। पूर्व सैनिकों के प्रतिनिधि मंडल की तमाम बातें गौर से सुनने के पश्चात महापौर ने तुरंत जनपद के जिला अधिकारी को फोन कर समाज कल्याण विभाग की ओर से ऋषिकेश नगर क्षेत्र में पूर्व सैनिकों के लिए विकलांग कैंप लगाने की मांग की जिस पर उन्होंने तुरंत हामी भरते हुए कहा कि इस संदर्भ में जल्द ही उनके द्वारा विभाग को आदेशित कर दिया जाएगा ।कैंप के दौरान सीएमओ की भी मोजुदगी सुनिश्चित कराई जायेगी। भवन कर में छूट की मांग मामले में महापौर ने पूर्व सैनिकों को आश्वासन दिया कि इस संदर्भ में बोर्ड की बैठक में प्रस्ताव लाकर समस्या का निस्तारण कराया जायेगा। महापौर से मिले पूर्व सैनिकों के प्रतिनिधि मंडल में गंगाराम बलूनी, दीपक ध्यानी, राजेश चैहान, जेपी रतूड़ी, कैप्टन एसएस बिष्ट, डीएस बिष्ट, आरएस नेगी, जीएस पुंडीर सहित नगर निगम पार्षद वीरेंद्र रमोला, विजेंद्र, विजय बडोनी, संयुक्त यातायात रोटेशन के प्रभारी मदन कोठारी, सुनील उनियाल आदि मौजूद रहे।

पूर्व सैनिक ब्लाॅक प्रतिनिधियों के लिए खुशखबरी, मानदेय सहित यात्रा भत्ता बढ़ा

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने पूर्व सैनिक ब्लॉक प्रतिनिधियों के मानदेय एवं यात्रा भत्ता वृद्धि हेतु स्वीकृति दी। पूर्व सैनिक ब्लॉक प्रतिनिधियों के मानदेय में दो हजार एवं यात्रा भत्ता में एक हजार रूपये की वृद्धि।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने पूर्व सैनिक ब्लॉक प्रतिनिधियों के मानदेय में प्रतिमाह 2000 रूपये एवं यात्रा भत्ता में प्रतिमाह 1000 रूपये की वृद्धि की स्वीकृति दी है। इससे इनके मानदेय में 40 प्रतिशत एवं यात्रा भत्ता में दुगुनी वृद्धि होगी। अब इन्हें प्रतिमाह 7000 रूपये मानदेय एवं 2000 रूपये यात्रा भत्ता मिलेगा। मानदेय एवं भत्ते में वृद्धि से प्रतिवर्ष 34 लाख रूपये से अधिक का अतिरिक्त व्ययभार बढ़ेगा। इससे पहले ब्लॉक प्रतिनिधियों को प्रतिमाह 05 हजार रूपये मानदेय एवं प्रतिमाह 01 हजार रूपये यात्रा भत्ता मिलता था। फरवरी 2014 के बाद ब्लॉक प्रतिनिधियों के मानदेय एवं यात्रा भत्ता में वृद्धि नहीं हुई थी।

उत्तराखण्ड के सभी 95 ब्लॉक में पूर्व सैनिक ब्लॉक प्रतिनिधि नियुक्त हैं। ब्लॉक प्रतिनिधियों द्वारा महत्वपूर्ण कार्यों, दूर-दराज गांवों में वृद्ध एवं अशक्त गौरव सेनानियों से सम्पर्क करने में होने वाले व्यय एवं साधनों की कमी को देखते हुए मानदेय एवं यात्रा भत्ता बढ़ाने की मांग की जा रही थी।

मसूरी विधायक के साथ सीएम से मिले पूर्व सैन्य अफसर

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से पूर्व सैन्य अधिकारियों के एक दल ने मुलाकात की। मसूरी विधायक गणेश जोशी के नेतृत्व में पूर्व सैन्य अधिकारियों ने सेवारत एवं पूर्व सैन्य अधिकारियों के लिये हाउस टैक्स छूट को समाप्त किये जाने के निर्णय को वापस लेने का अनुरोध मुख्यमंत्री से किया। उनका कहना था कि सैन्य अफसर हो या जवान सभी एक श्रेणी के जवान ही होते हैं। अतः हाउस टैक्स के मामले में सरकार द्वारा फौजियों को अलग-अलग श्रेणियों में रखा जाना उचित नहीं है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने इस सम्बन्ध में आवश्यक कार्यवाही का आश्वासन पूर्व सैन्य अधिकारियों को दिया।

इस अवसर पर सेवा निवृत्त मेजर जनरल केडी सिंह, मेजर जनरल सम्मी सभरवाल, ब्रिगेडियर केजी बहल, ब्रिगेडियर आरएस बरार, ब्रिगेडियर बीबी शर्मा, ले. कर्नल बीएम थापा, कर्नल जीके चोना उपस्थित रहे।

20 हजार कर्मचारियों को 20 प्रतिशत मानदेय में बढ़ोत्तरी की सौगात

त्रिवेन्द्र सरकार ने उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम लिमिटेड (उपनल) के माध्यम से विभिन्न विभागों में संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों के मूल मानदेय में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। इससे प्रदेश में 20 हजार से अधिक उपनल कर्मियों को लाभ मिलेगा। सैनिक कल्याण विभाग ने मानदेय वृद्धि के आदेश जारी कर दिए हैं। 
अपर सचिव सैनिक कल्याण विभाग प्रदीप सिंह रावत की ओर से जारी आदेश के अनुसार उपनल कर्मियों के मानेदय में 20 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। वर्ष 2018 में सरकार ने उपनल कर्मियों का मानदेय बढ़ाया था, लेकिन वित्तीय वर्ष 2019 में मानेदय नहीं बढ़ाया गया।
सरकार ने वर्ष 2019 व 2020 के लिए उपनल कर्मियों के मानदेय में 20 प्रतिशत बढ़ाने के आदेश जारी किए हैं। सरकार की ओर से 20 प्रतिशत बढ़ोतरी करने से अकुशल कर्मचारी के मूल मानदेय में 1392 रुपये की वृद्धि हुई है।
इसी तरह अर्द्धकुशल के मानेदय में 1602 रुपये, कुशल के में 1778 रुपये, उच्च कुशल के में 1978 रुपये और अधिकारी श्रेणी में 5935 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। अगले साल से उपनल कर्मियों के मानदेय में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जाएगी। 
उपनल कर्मचारी महासंघ के महामंत्री हेमंत रावत ने कहा कि उपनल कर्मचारी काफी समय से वेतन बढ़ोतरी की मांग कर रहे थे। इस मुद्दे पर हमने कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से भी मुलाकात की। आखिरकार सरकार ने हजारों कर्मचारियों की बात सुनी है।
वहीं, उपनल के एमडी ब्रिगेडियर पीसीएस पाहवा ने बताया कि कर्मचारियों के वेतन बढ़ोतरी का मामला काफी समय से लंबित था। इस संबंध में हमने विभागीय अधिकारियों से लगातार पत्राचार किया। सभी श्रेणी के कर्मचारियों के वेतन में करीब 20 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। अब उन्हें सम्मानजनक वेतन मिलेगा।