कैबिनेट के निर्णय को लागू न करने पर रेखा आर्य ने जताई नाराजगी

खेल एवं युवा कल्याण मंत्री रेखा आर्या ने विधान सभा स्थित सभागार कक्ष में अधिकारियों के साथ आबकारी विभाग से रू0 1/- प्रति बोतल सेस निर्धारित कर प्राप्त धनराशि खेल कोष अथवा महिला कल्याण कोष में जमा किये जाने के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक ली।

मंत्री ने कहा कि मार्च 2023 में कैबिनेट के निर्णय के अनुसार जिसमें गौ सेवा, महिला कल्याण तथा खेल कल्याण के लिए रू0 1/- प्रति बोतल आबकारी विभाग सेस के रूप में अनुशंसा की गई थी। इससे प्राप्त धनराशि को महिला सशक्तीकरण, गौ सेवा तथा खेल कल्याण हेतु उपयोग में लाया जायेगा। लेकिन उपरोक्त के सन्दर्भ में अगस्त 2023 तक उचित कार्यवाही न होने पर मंत्री ने सख्त नाराजगी जताते हुए कहा कि आबकारी विभाग द्वारा रू0 1/- प्रति बोतल कर संग्रह किये जाने के बाद भी अद्यतन तिथि तक कोई कार्यवाही नहीं हो पायी है। उन्होंने कहा कि कैबिनेट में लिये गये निर्णय के अनुसार रू0 1/- प्रति बोतल सेस को संशोधित करते हुए रू0 1/- प्रति बोतल अतिरिक्त शुल्क के रूप में आबकारी विभाग द्वारा संग्रह किये जाने का प्रावधान किया जायेगा। उन्होंने कहा कि वित्त विभाग द्वारा इस संबंध में सहमति प्रदान की गई है।

मंत्री ने कहा कि आगामी अनुपूरक बजट में संबंधित विभागों द्वारा मांग किये जाने के आधार पर आबकारी विभाग द्वारा धनराशि का आवंटन किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही रू0 1/- प्रति बोतल अतिरिक्त शुल्क के संबंध में महिला सशक्तीकरण तथा खेल विभाग अपनी नियमावली तैयार करेंगे, जिससे धनराशि के व्यय के मानकों का तय किया जा सके तथा संबंधित विभागों को समय पर धनराशि उपलब्ध हो सके।

इस अवसर पर विशेष प्रमुख सचिव, खेल, अभिनव कुमार, सचिव, वित्त, दिलीप जावलकर, सचिव, महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग, हरि चन्द सेमवाल तथा अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

हरिद्वार घटना पर सख्त कार्रवाई, 9 कार्मिकों पर गिरी गाज

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर हरिद्वार के पथरी क्षेत्र में शराब के सेवन से हुई मृत्यु पर आबकारी निरीक्षक सहित आबकारी विभाग के नौ कार्मिकों को निलम्बित किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि इस घटना में दोषी पाए जाने वालों पर सख्त कार्यवाही की जाएगी। मुख्यमंत्री ने आबकारी विभाग को निर्देश दिये कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। इसमें जो भी दोषी या लापरवाह पाया जाए उस पर कठोर कार्यवाही की जाए। मुख्यमंत्री के निर्देश पर आबकारी आयुक्त हरि चंद्र सेमवाल ने आबकारी विभाग के नौ कार्मिकों को निलम्बित करने का आदेश जारी कर दिया है।
आदेश मे कहा गया है कि दिनांक 09.09.2022 को जनपद हरिद्वार के क्षेत्र-3 लक्सर के अन्तर्गत ग्राम फूलगढ़ एवं शिवगढ़ थाना-पथरी में मंदिरा के सेवन से हुई जनहानि होना ज्ञात हुआ। इस सम्बन्ध में अपर आबकारी आयुक्त (ई०आई०बी०) मुख्यालय की प्राथमिक आख्या दिनांक 10.09.2022 में मृत व्यक्तियों द्वारा शराब सेवन की पुष्टि की गयी। उपरोक्त आख्या में क्षेत्र 3 लक्सर हरिद्वार एवं जनपदीय प्रवर्तन, हरिद्वार के स्टॉफ की लापरवाही एवं गम्भीर शिथिलता परिलक्षित हुई है। तदकम में क्षेत्र-3 लक्सर हरिद्वार एवं जनपदीय प्रवर्तन हरिद्वार में तैनात आबकारी निरीक्षक, उप आबकारी निरीक्षक, प्रधान आबकारी सिपाही एवं आबकारी सिपाहियों को उत्तराखण्ड कर्मचारी आचरण नियमावली-2002 के नियम-3 का व 2 में दिये गये प्राविधानों का स्पष्ट उल्लंघन का दोषी पाते हुए नौ कार्मिकों को तत्काल प्रभाव से निलम्बित करते हुए संयुक्त आबकारी गढ़वाल मण्डल, देहरादून के कार्यालय से सम्बद्ध किया गया है।

आबकारी विभाग में पारदर्शिता लाने के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया शुरु

उत्तराखंड में अब बार का लाइसेंस लेना और भी आसान हो गया है। शासन ने आबकारी विभाग की कार्यप्रणाली में सुधार और पारदर्शिता लाने के लिए पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन करने के शासनादेश जारी कर दिए हैं। इससे पहले गुरुवार को इसको लेकर निर्देश जारी किए गए थे। बार लाइसेंस के लिए एक ओर जहां शर्तों का सरलीकरण किया गया है तो वहीं दूसरी ओर आवेदक के ऑनलाइन आवेदन करने के 35 दिन के भीतर आवेदन को निस्तारित किया जाना है।
राज्य में अब बार लाइसेंस के लिये औपचारिकताएं पूरी होने के लिए सालों इंतजार नहीं करना पड़ेगा। 35 दिन के अंदर सभी औपचारिकताएं पूरी होने पर आबकारी विभाग को लाइसेंस देना ही होगा। इसके साथ ही इस पूरी व्यवस्था के लिए हर अधिकारी के स्तर पर ऑनलाइन रिपोर्ट लगाने की समय सीमा निर्धारित है। अब बिना आबकारी कार्यालय जाए लाइसेंस लिया जा सकता है।
वहीं, एक दिवसीय बार लाइसेंस की व्यवस्था भी पूरी तरह से ऑनलाइन कर दी गई है। पंजीकृत आवेदक को आवेदन करने के दो घंटे के अंदर लाइसेंस ऑनलाइन मिल जाएंगे। इस व्यवस्था से जहां आबकारी विभाग को भी राजस्व मिलने के साथ ही लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया सरल होने के साथ ही पारदर्शी भी होगी।

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को दी राहत, शराब की दुकानें होंगी बहाल

राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों में हाईवे पर शराब के ठेके और बार खुल सकेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने नौ पहाड़ी जिलों में हाईवे पर 500 और 220 मीटर दूरी की बाध्यता खत्म कर दी है। देहरादून और नैनीताल की सात तहसीलों को भी इस छूट का लाभ दिया गया है।
शुक्रवार को इसके आदेश मिलने के बाद आबकारी विभाग ने इस पर काम शुरू कर दिया है। राज्य सरकार ने सिक्कम में हाईवे पर दुकान खोलने के लिए दूरी में दी जा रही छूट के आधार पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली थी। जिसमें कहा गया था कि उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों की परिस्थितियां भी सिक्किम की तरह हैं। ऐसे में यहां भी उसी आधार पर हाईवे में शराब की दुकानें, ठेके और बार खोलने में दूरी की छूट दी जाए।
इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने शुक्रवार को सरकार के पक्ष में फैसला दिया। जिसमें कहा गया कि सिक्कम के लिए मार्च में दी गई छूट के आधार पर ही उत्तराखंड के नौ पहाड़ी जिलों में दुकानें या बार खोलने के लिए हाईवे से 500 मीटर और 220 मीटर दूरी की बाध्यता नहीं रहेगी। आबकारी आयुक्त युगल किशोर पंत ने इसकी पुष्टि की है।

इन जिलों में मिलेगी छूट
कोर्ट के इस फैसले से चमोली, चंपावत, पौड़ी, टिहरी, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, बागेश्वर और रुद्रप्रयाग में अब ठेके खोलने के लिए हाईवे से 500 मीटर या 220 मीटर की दूरी नहीं रखनी पड़ेगी। इससे विभाग को राजस्व का भी फायदा होगा।