11321 करोड़ का अनुपूरक बजट सदन पेश

वित्त मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने वर्ष 2023-24 के लिए प्रथम अनुपूरक बजट सदन में पेश किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में विश्व विरादरी में भारत का सम्मान बढ़ा है। चन्द्रयान सफल अभियान अभियान से हम शीर्ष देशों के पंक्ति में खड़े हो गए है। जी-20 के अध्यक्ष के नाते हमारे देश ने अपनी नेतृत्व क्षमता का परिचय दिया है।
वित्त मंत्री डॉ अग्रवाल ने कहा कि हमारी सरकार जनकल्याण को समर्पित सरकार है। इसलिए मुख्य बजट में हम अनेक महत्वपूर्ण योजनाएं लेकर आये थे। इसमें आयुष्मान योजना, नन्दा गौरा योजना, माध्यमिक व उच्च शिक्षा हेतु छात्रवृत्ति की योजना, अन्त्योदय कार्ड धारकों को वर्ष में तीन संलेडर निशुल्क रिफिल कराये जाने की योजना, सामाजिक सुरक्षा से सम्बन्धित विभिन्न पेंशन योजना आदि का विशेष उल्लेख है। कहा कि इन जनकल्याण योजनाओं से हम समग्र विकास, समावेशी विकास तथा सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास तथा सबका प्रयास आदि प्रतिबद्धताओं को पूर्ण करते हैं। इस अनुपूरक बजट में भी जनकल्याण को समर्पित योजनाओं हेतु महत्वपूर्ण प्रावधान हैं।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि अनुपूरक बजट के लिए आवश्यक वित्त की व्यवस्था के लिए हमने गम्भीर प्रयास किये हैं। हम लगातार राजस्व अभिवृद्धि के लिए प्रयास कर रहे हैं। इसी का परिणाम है कि हम अब तक बजट अनुमान का 34 प्रतिशत राजस्व प्राप्त कर चुके हैं। राजस्व प्राप्ति के सम्बन्ध में यह उपलब्धि मुख्यतः इसलिए है कि क्योंकि हमारी सरकार लगातार समीक्षा कर रही है। वित्त विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ मेरे द्वारा और माननीय मुख्यमंत्री द्वारा पहली बार व्यापक पैमाने पर समीक्षाएं की जा रही है।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि विगत दिनों हमारी सरकार द्वारा सर्किल रेट को रिवाईज किया गया था। जीएसटी के क्षेत्र में जहाँ एक और जन जागरूकता बढ़ाई गई वहीं दूसरी ओर सूचना प्रौद्योगिकी का सहारा लिया गया। कम से कम मानवीय हस्तक्षेप हेतु अधिकारियों को निर्देशित किया गया। हमारे इन प्रयासों के अच्छे नतीजे सामने आने लगे हैं।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि जहां 2021-22 में लगभग हमको लगभग रू0 14176 करोड का कर राजस्व प्राप्त हुआ था वहीं 22-23 में यह बढ़कर रू0 17103 करोड़ हो गया है। इस वर्ष गत वर्ष के सापेक्ष हम 47 प्रतिशत कर राजस्व प्राप्त कर चुके हैं लेकिन हमने राजस्व प्राप्ति के लक्ष्य बढ़ा दिये हैं ताकि जन कल्याण एवं अवस्थापना विकास हेतु समुचित प्रावधान कर सकें।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि राज्य के राजस्व के दृष्टिगत जी.एस.टी. वैट, स्टॉम्प वाहन कर आदि प्रमुख कर हैं और इन सभी में गत वर्ष के सापेक्ष वृद्धि हो रही है। इस वर्ष भी लक्ष्य के सापेक्ष भी अच्छी प्रगति है। राज्य वस्तु एवं सेवाकर में लक्ष्य के सापेक्ष 39 प्रतिशत, वैट (नॉन जीएसटी) में 41 प्रतिशत, स्टाम्प में 51 प्रतिशत तथा वाहन कर में 34 प्रतिशत की प्राप्ति हो चुकी है।

’प्रमुख केन्द्र पोषित योजनाओं हेतु अनुपूरक बजट में प्रावधान’
जल जीवन मिशन – लगभग रू0 795 करोड़, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन में 297 करोड़, प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण लगभग रू0 190 करोड़, समग्र शिक्षा अभियान लगभग रू0 128 करोड, राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान लगभग रू0 120 करोड़, मेडिकल कॉलेज लगभग रू0 54 करोड, स्वच्छ भारत मिशन लगभग रू0 36 करोड़।

’प्रमुख पूंजीगत योजनाओं हेतु अनुपूरक बजट में प्रावधान’
आवास एवं शहरी विकास के अन्तर्गत अवस्थापना का सुदृढीकरण हेतु रू0 321 करोड़, ऋषिकेश को योग नगरी के रूप में विकसित करने हेतु लगभग रू0 30 करोड, हरिद्वार को पर्यटन नगरी के रूप में विकसित करने हेतु लगभग रू0 25 करोड़, पार्किंग के निर्माण हेतु लगभग 135 करोड़, मुख्यमंत्री आंगनबाडी भवन निर्माण हेतु लगभग रू0 50 करोड़, हरिद्वार मेडिकल कॉलेज भवन निर्माण एवं स्थापना हेतु लगभग रू0 100 करोड़, लोक निर्माण विभाग के अन्तर्गत आरआई.डी.एफ. योजना के अन्तर्गत लगभग रू0 100 करोड़, नगरीय अवस्थापना सुविधाओं के विकास हेतु लगभग रू0 25 करोड़, अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्र में अवस्थापना सुविधाओं का विकास रू0 35 करोड़, अनुसूचित जन जाति बाहुल्य क्षेत्र में अवस्थापना सुविधाओं का विकास रू0 17 करोड़।

’प्रमुख राजस्व योजनाओं हेतु अनुपूरक बजट में प्रावधान’
सडकों के अनुरक्षण के अन्तर्गत लगभग रू0 300 करोड़।
अटल आयुष्मान हेतु लगभग रू0 200 करोड।
नन्दा गौरा हेतु लगभग रू0 95 करोड़।
औषधि तथा रसायन के अन्तर्गत लगभग रू0 90 करोड।
निशुल्क पाठ्य पुस्तक योजना हेतु लगभग रू0 68 करोड़।
रूफ टॉप सोलर स्ट्रीट लाईट संयंत्रों लगभग रू0 66 करोड़।
सामाजिक सुरक्षा (पेंशन) के अन्तर्गत लगभग रू0 40 करोड।
मशीन उपकरण सज्जा एवं संयंत्र के अन्तर्गत लगभग रू0 33 करोड़।
कम्यूटर हार्डवेयर सॉफ्टवेयर एवं अनुरक्षण के अन्तर्गत लगभग रू0 23 करोड।
व्यावसायिक तथा विशेष सेवाओं का भुगतान के अन्तर्गत लगभग रू0 17 करोड़।
कार्यालय प्रायोगार्थ वाहन क्रय में लगभग रू0 13 करोड।
ईजा बोई शगुन योजना हेतु लगभग रू0 10 करोड़।
पशुपालन के अन्तर्गत साइलेज पशुपोषण योजना हेतु लगभग रू0 7 करोड़।

समावेशी प्रबंधन-राज्य की जनता पर कोई नया कर नहीं, फिर भी आय बढ़ने का अनुमान

वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बुधवार को वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए भराड़ीसैंण विधानसभा में 77407.08 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। पिछले वर्ष की तुलना में यह 18.05 प्रतिशत अधिक है। पुरानी परंपरा को कायम रखते हुए सरकार ने कोई कर नहीं लगाया। बजट में सरकार ने 76592.54 राजस्व प्राप्ति का अनुमान लगाया है।
राजस्व खाते में 52747.71 करोड़ की व्यवस्था की गई है, जबकि पूंजीगत कार्यों पर सरकार 24659.37 करोड़ रुपये खर्च करेगी। पिछले वर्ष की तुलना में यह 21.16 फीसदी अधिक है। बजट में कोई राजस्व घाटा अनुमानित नहीं है। वित्तीय वर्ष में 4309.55 करोड़ रुपये का राजस्व सरप्लस संभावित है। गत वर्ष से अधिक 9046.91 करोड़ में राजकोषीय घाटा होने का अनुमान है, जो सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 2.72 प्रतिशत है।
उत्तराखंड का बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि 2025 में उत्तराखंड को देश का अग्रणीय राज्य बनाने की दिशा में सरकार का यह बजट अहम भूमिका निभाएगा। वित्त मंत्री द्वारा पेश किए गए उत्तराखंड के बजट में युवा शक्ति पर विशेष फोकस किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने सश्क्त उत्तराखंड बनाने का संकल्प लिया है। इसी दिशा में बजट को तैयार किया गया है।
वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि उत्तराखंड को पर्यटन के क्षेत्र में नंबर वन बनाएंगे। उन्होंने स्थानीय उत्पादों के निर्यात को सरकार की पहली प्राथमिकता बताई। उत्तराखंड को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने की बात कही गई। साथ ही उन्होंने उत्तराखंड को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने की बात कही गई।

उत्तराखंड के युवा नौकरी देने वाले बनेंगे-वित्त मंत्री
वित्त मंत्री प्रेमचंद ने कहा कि बजट में युवाओं पर विशेष ध्यान दिया गया है। अब प्रदेश का युवा नौकरी करने वाला नहीं बल्कि नौकरी देने वाला बनेगा। बजट में स्वरोजगार योजना के लिए 40 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है।

बजट के मुख्य अंश-
लोक सेवा आयोग की तैयारी के लिए 50 हजार।
बजट में युवा शक्ति पर विशेष फोकस किया गया है।
मुख्यमंत्री प्रतिभा प्रोत्साहन के लिए 11 करोड़ का प्रावधान
भर्तियों में घोटाला करने वालों के खिलाफ कड़े कानून।
एनसीसी कैडेट का भत्ता बढ़ाया।
पिछड़ी जातियों की छात्राओं के लिए एक करोड़ 90 लाख छात्रवृत्ति का प्रावधान।
2025 तक राज्य को सर्वश्रेष्ठ बनाने की दिशा में काम।
जी-20 के लिए 100 करोड़ का प्रावधान।
बालिका साइकिल योजना के लिए 15 करोड़ का प्रवाधान।
उत्तराखंड का युवा नौकरी करेगा नहीं बल्कि देगा।
स्वरोजगार योजना के लिए 40 हजार करोड़ का प्रावधान।
चिकित्सा शिक्षा पर विशेष फोकस

इन बिंदुओं पर विशेष जोर-
मानव पूंजी में निवेश पर जोर दिया गया।
समावेशी विकास के तहत अंतिम छोर तक खड़े व्यक्ति तक विकास को पहुंचाना और नए अवसर का उपयोग करने के लिए प्लेटफॉर्म देना।
स्वास्थ्य सुविधाओं की सुविधा।
पूंजीगत व्यय में सार्वजनिक संपत्ति का संवर्धन एव संरक्षण।
निर्बाध एवं सुरक्षित संयोजकता।
प्रोद्योगिक एवं आधुनिक विकास।
इकोलॉजी एवं इकोनॉमी में संतुलन।
जोशीमठ भू-धंसाव क्षेत्र के लिए एक हजार करोड़ का प्रावधान।
स्वरोजगार, शिक्षा, कनेक्टिविटी, हेली कनेक्टिवटी, सौर ऊर्जा, युवा, खेती किसानी, पर्यटन पर जोर।
अनुसूचित जनजाति के छात्रों को मिलेंगी फ्री किताबें
नवंबर माह से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाया जाएगा।

वित्त मंत्री अग्रवाल ने आगामी बजट में राज्य हित में कई सुझाव दिये

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन की अध्यक्षता में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्रियों की बैठक नई दिल्ली में आयोजित हुई। इसमें उत्तराखंड के वित्त व संसदीय कार्यमंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने भी शिरकत की। मंत्री डा. अग्रवाल ने आगामी बजट के लिए अपने सुझाव देते हुए बजट में प्रदेश की कई मांगों को पूरा करने का आग्रह किया। साथ ही केंद्र से मिल रहे भरपूर समर्थन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन का आभार प्रकट किया।
नई दिल्ली में आयोजित बैठक में सूबे के वित्त मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि राज्य की जनता को डबल इंजन की सरकार का लाभ मिल रहा है। देश के प्रधानमंत्री और केंद्रीय वित्त मंत्री के सहयोग से विभिन्न केन्द्र पोषित योजनाओं व अनुदानों से प्रदेश का सर्वागीण विकास हो रहा है।
डा. अग्रवाल ने कहा कि आगामी बजट में राज्य के लिए नयी केन्द्रीय योजनाओं की स्वीकृति मिले, जिससे पर्यावरण रक्षक व सीमान्त प्रहरी के रूप में उत्तराखंड अपनी भूमिका मजबूती से निर्वहन कर सके। डा. अग्रवाल ने आगामी बजट में नई रेल परियोजना ऋषिकेश-उत्तरकाशी और इसी तरह टनकपुर-बागेश्वर रेल परियोजना के लिए भी आवश्यक प्रावधान करने का भी निवेदन किया।
डा. अग्रवाल ने लैण्ड स्लाइड जैसी समस्याओं के लिए कोनिक लैण्ड स्लाईड के ट्रीटमेंट को राष्ट्रीय महत्व का शोध संस्थान उत्तराखण्ड के सीमान्त व संवेदनशील क्षेत्र जैसे चमोली अथवा पिथौरागढ़ जनपद में खोले जाने, दूरस्थ एवं दुर्गम क्षेत्रों में जल विद्युत परियोजनाओं को प्रोत्साहित करने के लिए 2 करोड़ रूपये प्रति मेगावाट की दर से 8 हजार करोड़ रूपये की वायबिलिटी गैप फंडिंग आगामी बजट में प्रदान करने की अपील की।
इसके अलावा डा. अग्रवाल ने जमरानी बांध परियोजना और सॉंग बांध परियोजना के लिए आगामी बजट में आवश्यक प्रावधान करने का भी निवेदन किया। उन्होंने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अवशेष कार्यों को पूर्ण करने के लिये समय-सीमा को बढ़ाने तथा अवशेष देयता के लिए बजट में प्रावधान करने का अनुरोध किया।
डा. अग्रवाल ने राज्य सरकार द्वारा पति और पत्नी को दी जा रही 1500 रूपये वृद्धावस्था पेंशन में केन्द्रांश को 200 रूपये से बढ़ाकर 500 रूपये आगामी बजट में किये जाने की भी मांग की। वित्त मंत्री ने बजट में प्रदेश की विषम भौगोलिक परिस्थिति का हवाला देते हुए सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत नेट फेज-2 परियोजना के लिए वित्तीय प्राविधान की भी मांग की।
डा. अग्रवाल ने सुझाव देते हुए कहा कि पर्वतीय क्षेत्र होने के कारण उत्तराखण्ड में सामग्री ढुलान अत्यन्त महंगा होता है, जिससे दूरस्थ क्षेत्रों में पहुंचने पर सामग्री की वास्तविक लागत में काफी बढ़ोत्तरी हो जाती है। उन्होंने उत्तराखण्ड सहित समस्त पर्वतीय राज्यों के लिए श्रम व सामग्री का अनुपात 60ः40 के बजाय 50ः50 करने का सुझाव दिया।
बैठक में केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी जी, मुख्यमंत्री छत्तीसगढ भूपेश बघल, मुख्यमंत्री हरियाणा मनोहर लाल खट्टर, महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, वित्त सचिव उत्तराखंड दिलीप जावलकर सहित विभिन्न राज्यों के वित्त मंत्री, सभी राज्यों के वित्त सचिव आदि उपस्थित रहे।

आशारोड़ी बॉर्डर पर राज्य कर जांच चौकी का औचक निरीक्षण

वित्त मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने दिल्ली से लौटते वक्त आशारोड़ी बॉर्डर पर बनी राज्य कर जांच चौकी का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने दिनभर की कार्यवाही को जानते हुए व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए। साथ ही मौके पर खड़े ट्रक चालकों से भी वार्ता की।
मंगलवार को वित्त मंत्री डॉ अग्रवाल आशारोड़ी बॉर्डर पर बनी राज्यकर जांच चौकी पहुंचे। यहां सेल टैक्स ऑफिसर भूपेंद्र रावत कार्यरत मिले। जिस पर वित्त मंत्री ने चौकी की दिनभर की की गई कार्यवाही की जानकारी मांगी। जिस पर रावत द्वारा बताया गया कि आज दिनभर में तीन चालान किये गए हैं।
अग्रवाल ने मौके पर पिछली चालानी कार्यवाही सहित फाइलें व्यवस्थित जांची। कहा कि प्रदेश का राजस्व बढ़ाने में राज्यकर की अहम भूमिका है। यह सुनिश्चित किया जाए कि राजस्व वृद्धि में प्रत्येक कर्मचारी द्वारा ईमानदारी से कार्य किया जाए।
वहीं, अग्रवाल ने कमिश्नर सेल टैक्स को सघन अभियान चलाकर राजस्व बढ़ाने के निर्देश भी दिए। कहा कि उनके द्वारा भविष्य में भी इस तरह के औचक निरीक्षण करेंगे।

मंत्री डा. अग्रवाल ने फ़्लाइट में यात्रियों को बांटे तिरंगा झंडा

प्रदेश के वित्त, संसदीय कार्य मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मनाये जा रहे आज़ादी के 75वें अमृत महोत्सव के अंतर्गत “हर घर तिरंगा अभियान” को आगे बढ़ाते हुए फ़्लाइट इंडिगो 6म्-852 में यात्रा कर रहे यात्रियों को राष्ट्रीय ध्वज वितरित किये और सभी से अपने घरों में राष्ट्रीय ध्वज लगाने का अनुरोध किया।

वित्त व संसदीय कार्य मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने यात्रियों को तिरंगा वितरित कर कहा कि पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव 75 वीं वर्षगांठ पर मना रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगामी 13, 14 व 15 अगस्त को हर घर तिरंगा फहराने का आवाहन किया है।

डॉ अग्रवाल ने यात्रियों से अपील करते हुए कहा कि अपने घरों में तिरंगा फहराकर आजादी का अमृत महोत्सव मनाएं। इस मौके पर डॉ अग्रवाल ने फ्लाइट में यात्रियों, एयर होस्टेस आदि को तिरंगा वितरित किया। इस दौरान सभी यात्रियों में तिरंगा को लेकर उत्साह देखा गया।

इस अवसर पर तिरंगा वितरण के दौरान फ्लाइट में डॉ अग्रवाल की धर्मपत्नी शशि प्रभा अग्रवाल, पुत्र पीयूष अग्रवाल भी मौजूद रहे।

मुख्य सड़क पर पड़ने वाले धर्मकांटा में सीसीटीवी लगाने के निर्देश

राज्य में जीएसटी संग्रह बढ़ाने को लेकर विभागीय अधिकारियों के साथ वित्त मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने बैठक की। इस दौरान जीएसटी चोरी करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए। साथ ही बड़े जीएसटी स्टेक होल्डर्स को सम्मानित कर उसे प्रोत्साहित करने के भी निर्देश दिए।
मंगलवार को रिंग रोड स्थित आयुक्त कर कार्यालय के मीटिंग हाल में बैठक आयोजित हुई। इसमें मंत्री डॉ अग्रवाल ने कहा कि राज्य का कर बढ़ाना हमारी प्राथमिकता में होना चाहिए। इसके लिए विभागीय अधिकारी युद्ध स्तर पर कार्य करें। उन्होंने कहा कि राज्य में कर चोरी की घटनाओं पर लगाम लगाने और ऐसे लोगों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करने के उद्देश्य से एफआईआर दर्ज कराई जाए। इससे कर चोरी की घटनाओं को रोक पाना आसान होगा।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि कुमायूं में कर चोरी की शिकायत मिल रही है। इसके लिए ऑडिट करें और ऐसे लोगों की पहचान कर कार्यवाही करें। कहा कि यदि कोई विभागीय अधिकारी की इसमें संलिप्तता भी पाई जाती है तो उनके विरुद कार्यवाही करने से गुरेज न करें।
व्यापारियों को जीएसटी की सही जानकारी मिल सके, इसके लिए सभी व्यापार मंडल के पदाधिकारियों के साथ बैठक करें, इस बैठक में निचले स्तर तक बात पहुंचाने की दिशा में काम करें। सम्भव हो तो बैठक में डीलर को भी बुलाया जाए।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि मुख्य सड़क पर पड़ने वाले धर्मकांटा में सीसीटीवी लगाए, जिससे मालवाहक वाहनों की सही जानकारी मिल सके। कहा कि जीएसटी के जिस भी सेंटर से कम राजस्व प्राप्त हो रहा है उसकी निरंतर समीक्षा करें।
बैठक में डॉ अग्रवाल ने देश में सबसे पहले सर्विस चार्ज को लेकर जागरूकता फैलाने पर विभागीय अधिकारियों को बधाई दी। कहा कि जो लोग अब भी सर्विस चार्ज ले रहे हैं और उसे टर्न ओवर का पार्ट नहीं बना रहे हैं, उनकी पहचान की जाए।
इस मौके पर अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन, विभागीय सचिव दिलीप जावलकर, आयुक्त कर इकबाल अहमद सहित विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।

पर्यावरण का संतुलन बनाए रखने के लिए पौधारोपण जरूरी-वित्त मंत्री अग्रवाल

भारतीय जनता पार्टी मंडल श्यामपुर की ओर से हरेला पर्व की पूर्व संध्या पर वृहद स्तरीय पौधरोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें मुख्य अतिथि के रूप में कैबिनेट मंत्री व क्षेत्रीय विधायक ने शिरकत करते पौधरोपण किया और हरेला पर्व का महत्व बताया।
शुक्रवार को गौहरीमाफी स्थित एक प्लॉट में वृहद स्तरीय पौधरोपण कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस मौके पर कैबिनेट मंत्री व क्षेत्रीय विधायक डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि प्रकृति को ईश्वर का दूसरा रूप कहा जाता है और पेड़ों पर प्रकृति निर्भर रहती है। कहा कि पौधारोपण करना प्रकृति का संरक्षण व संवर्धन है। कहा कि एक पौधा रोपने से़ असंख्य जीव-जन्तुओं के जीवन का उद्धार होता है।
डा. अग्रवाल ने कहा कि हरेला पर्व पर्यावरण संरक्षण का त्यौहार है। ऋग्वेद में भी हरियाली के प्रतीक हरेला का उल्लेख किया गया है। कहा कि हरेला त्यौहार की प्रसिद्धि आज की युवा पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ने का काम भी कर रही है।
डा. अग्रवाल ने कहा कि पेड़-पौधों की कमी से निरंतर पर्यावरण संतुलन बिगड़ रहा है। पर्यावरण का संतुलन बनाए रखने के लिए पौधारोपण बहुत जरूरी है। हम सभी का फर्ज बनता है कि पृथ्वी की खूबसूरती को बनाए रखने में अपना योगदान दें। उन्होंने युवाओं को अधिक से अधिक पौधे लगाने की अपील की।
इस मौके पर दो दर्जन से अधिक फलदार व छायादार पौधे रोपे गए। साथ ही प्रत्येक व्यक्ति से अपने जन्मदिन पर पौधरोपण करने का आवाहन किया गया।
इस अवसर पर मंडल अध्यक्ष श्यामपुर गणेश रावत, महामंत्री रवि शर्मा, भूपेंद्र रावत, सोशल मीडिया प्रभारी राजेश जुगलान, मीडिया प्रभारी नीलम चमोली, गौहरीमाफी प्रधान रोहित नौटियाल, रायवाला प्रधान सागर गिरी, महिला मोर्चा मंडल अध्यक्ष समा पंवार, उपाध्यक्ष लक्ष्मी गुरंग, महामंत्री पुनीता भंडारी, अनुसूचित मोर्चा मंडल अध्यक्ष बबीता कमल कुमार, सुरेंद्र सिंह रावत, सुमन रावत, आशीष जोशी, गौतम राणा, दीपक जुगलान, कमल कुमार, विष्णु थापा, आयुष रावत, राजवीर सिंह रावत सहित सैकड़ों की संख्या में भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट-उत्तराखंड की विकास दर 6.13 प्रतिशत

उत्तराखंड में लोगों का जीवन स्तर सुधरने के साथ ही प्रतिव्यक्ति आय में इजाफा हुआ है। विधानसभा बजट सत्र में वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22 की रिपोर्ट सदन में रखी। रिपोर्ट की मानें तो पिछले साल 1, 82,696 प्रति व्यक्ति आय थी, जो करीब आठ फीसदी इजाफ के साथ बढ़कर 1,96, 282 पहुंच गई है।
भले ही उत्तराखंड में प्रति व्यक्ति आय में इजाफा हुआ हो, लेकिन उत्तराखंड लगातार दूसरे साल प्रति व्यक्ति आय में हिमाचल प्रदेश से पिछड़ गया है। हालांकि, पिछले साल की तुलना में लोगों के जीवनापन में भी सुधार दर्ज किया गया है। रिपोर्ट की मानें तो उत्तराखंड में विकास दर में भी सुधार दर्ज किया गया है।
उत्तराखंड की विकास दर 6.13 प्रतिशत है। कोविड के कारण गत वर्ष के मुकाबले सुधार हुआ है। लेकिन, राष्ट्रीय स्तर से उत्तराखंड की विकास दर अभी भी काफी कम है । उत्तराखंड सरकार की कमाई का कुल प्रतिशत में से 19 प्रतिशत हिस्सेदारी आबकारी विभाग की है। इस साल शराब से 3260 करोड़ का राजस्व कमाया है।
अल्मोड़ा में गरीबी राष्ट्रीय औसत से अधिक है। अल्मोड़ा की 25.65 प्रतिशत आबादी बहुआयामी गरीब की श्रेणी में आई है। उत्तराखंड की करीब 17 प्रतिशत आबादी गरीब है। शिक्षा के बाद सर्वाधिक खर्च प्रशासनिक सेवाओं पर हुआ है। सरकार की ओर से 22 प्रतिशत खर्च प्रशासनिक सेवाओं पर किए गए है।

बजट में प्रदेश के विकास में हर क्षेत्र पर दिया गया है विशेष ध्यान

वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने विधानसभा के पटल में मंगलवार को उत्तराखंड सरकार का बजट 2022-23 रखा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विकास के लिए बजट में हर सेक्टर और वर्ग पर फोकस किया गया है। प्रदेश में गौसदनों की स्थापना के लिए बजट में विशेषतौर से ध्यान रखा गया है। समाज के हर वर्ग से राय लेकर ही बजट बनाया गया है, ताकि प्रदेश का विकास दोगुनी गति से हो सके।
बताया कि गौवंश के संरक्षण के लिए गौसदनों की स्थापना के लिए बजट के प्रावधानों में 6 गुना वृद्धि करते हुए 15 करोड़ स्वीकृत किए गए है। प्रदेश के गढ़वाल व कुमाऊं मंडल के विभिन्न जिलों से पलायन पर प्रभावी प्रहार के लिए ठोस रणनीति बनाकर कार्य किया जाएगा। इसके लिए रिवर्स पलायन पर कार्य किया जाएगा। गांवों में कृषि, उद्योग, पर्यटन पर फोकस करते हुए पलायन रोका जाएगा।
मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना के लिए 25 करोड़, सीमांत क्षेत्र विकास कार्यक्रम के लिए 44.78 करोड़ मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना के लिए 20 करोड़ और सबसे ज्यादा दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के लिए 105.41 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं।
धामी सरकार ने शिक्षा सेक्टर पर फोकस किया है। चंपावत स्थित शोबन सिह जीना विश्वविद्यालय और उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में आईटी अकादमी और उत्कृष्टता केंद्र के संचालन के लिए पांच-पांच करोड़ रुपयों का प्रावधान किया है। सामान्य व पिछड़ी जाति के छात्रों को निशुल्क किताबें उपलब्ध करवाने के लिए 36.86 करोड़ रुपयों का प्रावधान किया है।
कृषि क्षेत्र के विकास के साथ धामी सरकार ने अपना विजन साफ रखा है। बताया कि जीआई टैग प्राप्त कर वैश्विक बाजार की संभावना तलाशने की रणनीति बनाई जा रही है। स्थानीय फसलों का प्रोत्साहन कार्यक्रम के लिए 7.5 करोड़ रुपयों का प्रावधान है। मुख्यमंत्री एकीकृत बागबानी मिशन के लिए 17 करोड़ और दीन दयाल सहकारिता किसान कल्याण योजना के लिए 55 करोड़ रुपयों का प्रावधान किया गया है।

बजट में क्या है खास, जानिए-
कुल वार्षिक बजट – 65,571.49 करोड़
स्थानीय फसल प्रोत्साहन – 7.5 करोड़
बागवानी मिशन – 17 करोड़
सीएम स्वरोजगार में 40 करोड़ का प्रावधान
दीन दयाल किसान कल्याण योजना 55 करोड़
अंतोदय को तीन फ्री सिलेंडर 55.50 करोड़
अटल आयुष्मान 310 करोड़
पलायन रोकथाम योजना 25 करोड़
सीमात क्षेत्र विकास कार्यक्रम 44.78 करोड़
यूनिफार्म सिविल कोड को 5 करोड़
सोबन सिंह जीना विवि चम्पावत परिसर के लिए पांच करोड़
मुक्त विवि में आईटी अकादमी को पाच करोड़
ओपन जिम के लिए 10 करोड़

लोगों के सुझाव पर बजट में हर वर्ग का रखा गया है ध्यान-प्रेमचन्द अग्रवाल

उत्तराखंड के बजट में साल भर में 12 फीसदी का इजाफा हुआ है। पिछले वित्तीय वर्ष में राज्य का कुल बजट 57400 करोड़ था। जिसे इस बार बढ़ाकर 65571.49 करोड़ कर दिया गया है। एक साल के अंतराल पर बजट में आठ हजार करोड़ से अधिक का इजाफा हुआ है जो करीब 12 प्रतिशत बैठता है। वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि बजट को तैयार करते समय समाज के हर वर्ग की जरूरत को ध्यान में रखा गया है। कहा कि उत्तराखंड के विकास को ध्यान में रखकर बजट बनाया गया है। कृषि, रोजगार, पलायन, पेयजल, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि मुद्दों पर विशेषतौर से फोकस किया गया।
वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के सामूहिक प्रयासों से राज्य की अर्थव्यवस्था कोरोना के प्रभावों से उभर गई है। उन्होंने कहा कि कोरोना की वजह से समाज के हर वर्ग को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ा था। लेकिन पिछले दो सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से उठाए गए सुधारात्मक कदमों से अर्थव्यवस्था के हर वर्ग में सुधार हुआ है।
वित्त मंत्री प्रेमंचद अग्रवाल ने बताया कि सरकार ने राज्य का बजट तैयार करने से पहले समाज के हर वर्ग से राय मशविरा करने के साथ ही सुझाव लिए थे। गढ़वाल और कुमाऊं में बजट पर हर वर्ग की राय जानने के लिए अलग-अलग बैठकें बुलाई गई जिसमें 200 से अधिक सुझाव मिले थे। उन्होंने कहा कि इन सभी सुझावों को बजट में समाहित करने के प्रयास किए गए। इसके आधार पर ही राज्य का बजट तैयार किया गया है।
वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने विधानसभा के सदन में 65571.49 करोड़ का बजट पेश किया। बजट में कई नई योजनाओं के साथ ही पहले से चल रही विकास योजनाओं के लिए भी वित्तीय प्रावधान किए गए हैं। वित्त मंत्री ने बजट भाषण में कहा कि सरकार का यह बजट सर्व समावेशी है। इसमें किसानों, युवाओं, महिलाओं, गरीबों, वंचितों समेत समाज के सभी तबकों का ख्याल रखा गया है।
मंगलवार को सदन के पहले दिन अपराह्न चार बजकर पांच मिनट पर वित्त मंत्री प्रेमचंद ने अपना और धामी टू सरकार का पहला पूर्ण बजट पेश किया। इस दौरान सीएम पुष्कर धामी भी सदन में मौजूद रहे। वित्त मंत्री ने बजट भाषण की शुरूआत कोरोना के योद्दाओं को आभार जताने के साथ शुरूआत की।
धामी सरकार के बजट में 2460.96 करोड़ का राजस्व सरप्लस, जबकि राजकोषीय घाटा 8503.70 करोड़ अनुमानित है। राजस्व मद में 49013.31 करोड़ जबकि पूंजी मद में 16558.18 करोड़ का प्रावधान किया गया है। सरकार ने इससे पहले मार्च माह में चार महीनों के लिए 21 हजार करोड़ का लेखानुदान पेश किया था। पहले चार महीनों के लिए लाए गए आय व्यय को भी इस पूर्णकालिक बजट में समाहित किया गया है। बजट पेश करने के दौरान सत्ता पक्ष के विधायक बार-बार मेजें थपथपा रहे थे।

एक नजर में बजट
आय-
वित्तीय वर्ष 2022-23 में कुल प्राप्तियां 63774.55 करोड़ अनुमानित
करेत्तर राजस्व से राज्य को 5520.79 करोड़ प्राप्त हुए
राज्य का स्वयं का कर राजस्व 15370.56 करोड़

व्यय-
वित्तीय वर्ष 2022-23 में राजस्व लेखे का व्यय 49013.31 करोड़
वित्तीय वर्ष 2022-23 में पूंजी लेखे का व्यय 16558.18 करोड़
राज्य कर्मियों के वेतन भत्तों पर 17350.21 करोड़ व्यय का प्रावधान
पेंशन मद में 6703.10 करोड़ का व्यय अनुमानित
ब्याज भुगतान के लिए बजट में 6017.85 करोड़ का प्रावधान