काशीपुर कलस्टरः ठोस अपशिष्ट प्रबंधन परियोजना के लिए 1429.89 लाख रूपये पर हुए अनुमोदन

काशीपुर कलस्टर की ठोस अपशिष्ट प्रबंधन परियोजना के लिए वित्त मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने 1429.89 लाख रूपये पर अपना अनुमोदन दिया है।

मंत्री डा. अग्रवाल ने बताया कि काशीपुर कलस्टर जिसमें काशीपुर, जसपुर और महुआडाबरा आदि की ठोस अपशिष्ट प्रबंधन परियोजना के लिए उनकी ओर से 1429.89 लाख रूपये को अपना अनुमोदन दिया है। उन्होंने बताया कि इसमें चतुर्थ राज्य वित्त आयोग से 571.956 लाख रूपये, स्वच्छ भारत मिशन से 500.46 लाख रूपये तथा काशीपुर कलस्टर से 357.4725 लाख रूपये स्वयं के वहन से करेगा।

उन्होंने बताया कि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन का तात्पर्य है कि वातावरण एवं जन स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना ठोस कचरे के उपचार, निस्तारण, पुनः प्रयोग, पुनः चक्रण व ऊर्जा में परिवर्तन करने की प्रक्रिया से है।

उन्होंने बताया कि ठोस कचरा प्रबंधन की प्रक्रिया के अनेक लाभ है इन लाभों में जन स्वास्थ्य, पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी तंत्र को लाभ मिलता है, बताया कि पर्यावरण स्वच्छ रहता है।

उन्होंने बताया कि हमारे आसपास के सभी कचरे का उचित निपटान किया जाए तो हम पर्यावरण को आसानी से स्वच्छ रख सकते हैं। बताया कि कचरा प्रबंधन की पुनर्चंक्रण प्रक्रिया से हमें नए उत्पादों के लिए कच्चा माल प्राप्त होता है।

मंत्री अग्रवाल ने बिल लाओ इनाम पाओं योजना के तहत वितरित किये पुरस्कार

वित्त मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने बिल लाओ ईनाम पाओ योजना के तहत माह अक्टूबर और नवंबर के विजेताओं को स्मार्ट फ़ोन, स्मार्ट वाच, एयर बड्स वितरित किये। इस दौरान विजेताओं ने योजना के लिए सरकार के प्रयासों की प्रशंसा की।

राज्य कर विभाग ऋषिकेश कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में डॉ अग्रवाल ने कहा कि इस योजना के अंतर्गत पुरस्कार विजेताओं तथा पुरस्कार वितरण में पूर्ण पारदर्शिता रहे इसीलिए इस सम्पूर्ण प्रक्रिया में कोई मानवीय हस्तक्षेप नहीं रखा गया है। बताया कि सम्पूर्ण कार्यवाही इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से पूर्ण की जाती है।

डॉ अग्रवाल ने बताया कि योजना के अन्तर्गत दिनांक 01 सितम्बर, 2022 से 01 जनवरी, 2024 तक कुल 66,857 उपभोक्ता पंजीकृत हुये हैं, जिनके द्वारा 3,89,112 बिल अपलोड किये गये हैं तथा जिनका कुल मूल्य लगभग रु0 180 करोड़ है। कहा कि यह आंकड़े दर्शाते हैं कि योजना को लेकर जनता में असीम उत्साह है एवं उनके द्वारा अधिकाधिक बिलों को अपलोड किया गया है। बताया कि योजना की लोकप्रियता को देखते हुए योजना के अंतर्गत मासिक पुरस्कार दिए जाने की अवधि को दिनांक 30 नवम्बर, 2023 से बढ़ाकर दिनांक 31 मार्च, 2024 तक किया गया है।

डॉ अग्रवाल ने बताया कि गत वर्ष 2022-23 (माह दिसम्बर तक) रु0 5596 करोड़ राजस्व की तुलना में संगत वर्ष 2023-24 (माह दिसम्बर तक) में रु0 6122 करोड़ राजस्व प्राप्त किया गया है, जो कि लगभग 09ः अधिक है। माह दिसम्बर, 2022 में प्राप्त राजस्व रु0 573 करोड़ की तुलना में माह दिसम्बर, 2023 में प्राप्त राजस्व रु0 684 करोड़ है, जो कि लगभग 19रू अधिक है स वर्ष 2023-24 के लिए राज्य कर विभाग हेतु बजटीय राजस्व लक्ष्य रु0 8787 करोड़ रखा गया है स इस क्रम में माह दिसम्बर, 2023 तक निर्धारित राजस्व लक्ष्य रु0 6434 करोड़ के सापेक्ष रु0 6122 करोड़ की प्राप्ति कर ली गयी है, जो कि निर्धारित राजस्व लक्ष्य का 95.15 प्रतिशत है स

इस मौके पर कार्यक्रम संचालन आरजे काव्या, अपर आयुक्त आईएस बृजवाल, अपर आयुक्त अनिल सिंह, अपर आयुक्त पीएस डुंगरियाल, संयुक्त आयुक्त संजीव सोलंकी, संयुक्त आयुक्त एसएस तिरुवा, उपयुक्त राज्य कर जगदीश सिंह, मण्डल अध्यक्ष सुमित पंवार, सुरेंद्र कुमार, प्रतीक कालिया, दिनेश पयाल, जिलाध्यक्ष महिला मोर्चा कविता शाह, कृष्ण कुमार सिंघल, जितेंद्र अग्रवाल, बृजेश शर्मा, अम्बरीष गर्ग, शिव कुमार गौतम, विकास तेवतिया, प्रदीप कोहली, संजीव पाल, राजेश दिवाकर, राजू नरसिम्हा, राधे जाटव, दिव्या बेलवाल, भगवान सिंह मेहर, दिनेश सती, नितिन सकसेना, शम्भू पासवान, चंदू यादव, माधवी गुप्ता, निर्मला उनियाल, दीपक बिष्ट, सौरभ गर्ग, रूपेश गुप्ता, अखिलेश मित्तल, मोनिका गर्ग, जगावर सिंह, अभिनब पाल, अनिता तिवाड़ी, राजेश्वरी, अरुण जुगलान, अरुण बडोनी, गुड्डी कालूड़ा, निवेदिता सरकार, सुधा असवाल, रीता गुप्ता, हिमानी कौशिक सहित सैकड़ों की संख्या में लोग उपस्थित रहे।

पारिवारिक पेंशनरों को मिलेगी डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट की व्यवस्थाः प्रेमचंद

अब प्रदेश के कोषागारों से पेंशन प्राप्त कर रहे पेंशनरों और पारिवारिक पेंशनरों के लिए डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट की व्यवस्था हो सकेगी। इस पर वित्त मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल के अनुमोदन के बाद शासन ने जीओ भी जारी कर दिया है।

डॉ अग्रवाल ने बताया कि पेंशनरों द्वारा अपने वार्षिक सत्यापन हेतु जीवन प्रमाण पत्र जमा करने की निर्धारित प्रक्रिया को अधिक सरल, प्रभावशाली एवं सुविधापूर्ण बनाते हुए UIDAI द्वारा विकसित Aadhar face RD app का प्रयोग करते हुए face authentication के माध्यम से डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र जमा किया जाएगा।

डॉ अग्रवाल ने बताया कि डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र (Digital Life Certificate) को जनरेट करने के लिए पेंशन मास्टर में पेंशनरों/पारिवारिक पेंशनरों के आधार संख्या अपडेट करना होगा। बताया कि आधार संख्या अपडेट करने हेतु पेंशनरों/पारिवारिक पेंशनरों को प्रथम बार अपने सम्बन्धित कोषागार में पेंशन प्राधिकार पत्र (पी.पी.ओ.), आधार कार्ड एवं बैंक पासबुक की मूलप्रति तथा उनकी छायाप्रतियां लानी होगी। बताया कि जिन पेंशनरों / पारिवारिक पेंशनरों द्वारा उपर्युक्त कार्यवाही का प्रयोग करते हुए डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र (Digital Life Certificate) जीवन प्रमाण एप्लीकेशन के माध्यम से जनरेट किया जाएगा, उन्हें अब कोषागार में उपस्थित होने की अनिवार्यता नहीं होगी।

डॉ अग्रवाल ने बताया कि पेंशनर भी यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके आधार संख्या कोषागार में पंजीकृत हो चुके हैं। इस हेतु पेंशनर अपने जी.आर.डी. सख्या का प्रयोग करते हुए आई.एफ.एम.एस. पोर्टल में लॉगिन कर अपनी प्रोफाईल में आधार नम्बर देख सकते हैं। बताया कि यदि आधार संख्या पेंशनर के प्रोफाईल में उपलब्ध नहीं है तो पेंशनर को पेंशन प्राधिकार पत्र (पी.पी.ओ.), आधार कार्ड एवं बैंक पासबुक की मूलप्रति तथा उनकी छायाप्रतियां लेकर अपने नजदीकी कोषागार में उपस्थित होकर अपने आधार संख्या पंजीकृत कराना होगा।

डॉ अग्रवाल ने बताया कि कोषागार स्तर पर सम्बन्धित पेंशनर का जी.आर.डी. नम्बर का प्रयोग करते हुए पेंशन मास्टर खोला जायेगा एवं उसमें आधार नम्बर / मोबाईल नम्बर इत्यादि को रक्षित कर वांछित अभिलेख अपलोड करते हुए तीनों (ऑपरेटर, सुपरवाईजर, ऑफिसर) स्तर से स्वीकृत किया जायेगा।

डॉ अग्रवाल ने बताया कि पेंशनर द्वारा Google Play Store पर जाकर जीवन प्रमाण एवं Aadhar face RD app इन्सटॉल किया जायेगा। इसके लिए पेंशनर के पास अपनी ई-मेल आई.डी होनी आवश्यक है।

डॉ अग्रवाल ने बताया कि जीवन प्रमाण एप का प्रयोग करते हुए अपने चेहरे को मोबाईल फोन की सहायता से स्कैन करते हुए ऑपरेटर के रूप में स्वयं को पंजीकृत किया जायेगा। बताया कि प्रथम बार डिजिटल जीवन प्रमाण हेतु पंजीकृत हो जाने के उपरान्त पेंशनरों को भविष्य में जीवन प्रमाण पत्र देने हेतु कोषागर में उपस्थित होने की अनिवार्यता समाप्त हो जायेगी।

डॉ अग्रवाल ने बताया कि जो पेंशनर /पारिवारिक पेंशनर कोषागार द्वारा www.jeevanpramaan.gov.in में पंजीकृत हो जायेंगे, वे भविष्य में जीवन प्रमाण पत्र स्मार्ट फोन/ टेबलेट / विन्डोज कम्प्यूटर पर एप्लीकेशन www.jeevanpramaan.gov.in से डाउनलोड कर फिंगरप्रिंट स्कैनर / आधार फेस आर.डी. एप (Aadhar face RD app) का प्रयोग करते हुए घर से भी डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र दे सकेंगे। बताया कि इस के लिए वे नजदीकी जीवन प्रमाण केन्द्र / नागरिक सुविधा केन्द्र में भी सम्पर्क कर सकते हैं, जिसकी सूची www.jeevanpramaan.gov. in वेबसाइट के locate a center link में दी गयी है।

डॉ अग्रवाल ने बताया कि पेंशनर का डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र सफलतापूर्वक जमा होने के फलस्वरूप जीवन प्रमाण वेबसाईट द्वारा SFTP सर्वर के माध्यम से आईएफएमएस सर्वर को उपलब्ध हो जायेगा एवं उपलब्ध डाटा के आधार पर वित्तीय डाटा सेण्टर द्वारा कोषागार स्तर पर एक MIS रिपोर्ट उपलब्ध करायी जायेगी।

डॉ अग्रवाल ने बताया कि कोषागार द्वारा उक्त MIS रिपोर्ट की जांच कोषागार स्तर पर उपलब्ध अभिलेखों / डाटा से करते हुए पेंशनरों के डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र स्वीकृत / अस्वीकृत किये जायेंगे, जिसकी सूचना SMS के माध्यम से पेंशनरों को दी जायेगी। बताया कि रिपोर्ट में किसी भी प्रकार की भिन्नता के समाधान हेतु आई.एफ.एम.एस. के अन्तर्गत सपोर्ट विकल्प के माध्यम से निदेशक कोषागार को अवगत कराया जायेगा।

डॉ अग्रवाल ने बताया कि डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र (Digital Life Certificate) नवीन व्यवस्था वर्तमान प्रचलित व्यवस्था के अतिरिक्त होगी। बताया कि नवीन व्यवस्था को लागू किये जाने से सम्बन्धित किसी भी प्रक्रियात्मक जानकारी हेतु www.jeevanpramaan.gov.in पर जाकर अथवा सम्बन्धित कोषागार से सम्पर्क किया जा सकता है।

डॉ अग्रवाल ने बताया कि जो पेंशनर पारिवारिक पेंशन प्राप्त कर रहे हैं, उनके द्वारा पुनर्विवाह नहीं किये जाने से सम्बन्धित प्रमाण पत्र सम्बन्धित कोषागार को उपलब्ध कराया जायेगा। बताया कि इस व्यवस्था के सफल क्रियान्वयन के लिए प्रत्येक कोषागार अपने जनपदों में इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करेंगे तथा पेंशनर्स / पारिवारिक पेंशनर्स के विभिन्न संगठनों को उक्त नवीनतम ऑनलाईन व्यवस्था से अवगत करायेंगे एवं पेंशनर / पारिवारिक पेंशनर को अपना “डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र” ऑनलाईन प्रक्रिया के माध्मय से प्रस्तुत किये जाने हेतु प्रोत्साहित एवं सकारात्मक सहयोग प्रदान करेंगे।

केंद्रीय गृहमंत्री पहुंचे उत्तराखंड, मंत्री अग्रवाल ने किया स्वागत

वित्त व संसदीय कार्य, शहरी विकास, आवास, पुनर्गठन व जनगणना मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने देवभूमि आगमन पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जी का स्वागत किया।

बता दें कि नरेंद्र नगर के होटल वेस्टिन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में मध्य क्षेत्रीय परिषद की 24वीं बैठक आयोजित की गयी। जिसमें यूपी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री भौतिक रूप से जबकि छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रतिभाग किया।

संविदा व आउटसोर्स से कार्यरत महिलाओं व एकल पुरूषों को भी बाल दत्तक ग्रहण अवकाश तथा बाल देखभाल अवकाश देने पर भी सरकार बना रही मन

राज्य के विभिन्न विभागों में दैनिक वेतन पर कार्यरत महिला कर्मचारियों को अब सरकार मातृत्व अवकाश देने पर विचार कर रही है। यही नहीं, विभिन्न विभागों में संविदा व आउटसोर्स से कार्यरत महिला व पुरूष कर्मचारियों को भी सरकार बाल दत्तक ग्रहण अवकाश तथा बाल देखभाल अवकाश देने का मन बना चुकी है। इन तीनों ही प्रस्तावों पर राज्य के वित्त मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने अपना अनुमोदन दिया है। वित्त मंत्री के अनुमोदन के बाद अब आगामी कैबिनेट से मंजूरी का इंतजार है।

वित्त मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि राज्य के विभिन्न विभागों में कार्यरत ऐसी महिला कर्मचारियों, जिनका वेतन दैनिक कार्य पर निर्भर है। उन्हें भी अब राजकीय कर्मचारियों की तरह ही छह माह का मातृत्व अवकाश देने पर सरकार ने मन बनाया हैं, इस प्रस्ताव पर वित्त मंत्री डा. अग्रवाल की ओर से अपना अनुमोदन प्रदान किया गया है।

वित्त मंत्री डा. अग्रवाल ने बताया कि विभिन्न विभागों में कार्यरत संविदा व आउटसोर्स महिला व एकल पुरूष कर्मचारी (तलाकशुदा, विधुर इत्यादि) को भी सरकार एक वर्ष से कम आयु के शिशु को गोद लेने पर अधिकतम 120 दिन का बाल दत्तक ग्रहण अवकाश देने का विचार कर रही है। उन्होंने बताया कि इस प्रस्ताव पर भी अनुमोदन प्रदान किया गया है।

वित्त मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि विभिन्न विभागों में कार्यरत संविदा व आउटसोर्स केवल महिला कर्मचारियों को भी 18 वर्ष तक के बच्चों की देखभाल हेतु बाल देखभाल अवकाश देने का भी सरकार विचार कर रही है। उन्होंने बताया कि इसमें प्रत्येक वर्ष 15 दिन बाल देखभाल अवकाश देने का प्रावधान होगा। उन्होंने बताया कि इस पर भी अपना अनुमोदन दिया है।
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संविदा कर्मियों के लिए पितृत्व अवकाश पर भी वित्त मंत्री ने दिया अनुमोदन
देहरादून। वित्त मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि विभिन्न विभागों में कार्यरत संविदा व आउटसोर्स पुरूष कर्मचारियों को भी पितृत्व अवकाश देने पर सरकार ने मन बनाया है। इसमें राजकीय कर्मियों की तरह ही 15 दिन का पितृत्व अवकाश दिया जाएगा। इस पर भी मंत्री डा. अग्रवाल ने अपना अनुमोदन दिया है।

मुनिकीरेती नगर पालिका होगी उच्चीकृत, वित्त मंत्री के अनुमोदन के बाद अब कैबिनेट की मंजूरी का इंतजार

अब नगर पालिका परिषद मुनिकीरेती उच्चीकृत होकर ग्रेड-02 से ग्रेड-01 श्रेणी में शामिल होने जा रही है। वित्त व शहरी विकास मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने इस प्रस्ताव पर अपना अनुमोदन दिया है। ग्रेड-01 में शामिल होने के बाद मुनिकीरेती पालिका को अधिक अनुदान तो मिलेगा ही। साथ ही निर्धारित मानकों के अनुसार पदों में भी वृद्धि होगी।

वित्त व शहरी विकास मंत्री डा. प्रेमंचद अग्रवाल ने बताया कि नगर पालिका परिषद मुनिकीरेती के उच्चीकृत होने का प्रस्ताव उनके समक्ष आया था। बताया कि उच्चीकृत होने के सभी मानकों (स्वयं के स्त्रोत से पालिका की आय एक करोड़ रूपये से अधिक हो, स्वच्छता सर्वेक्षण में लगातार सुधार तथा कर एकत्रीकरण की परफारमेंस बेहतर हो) को नगर पालिका मुनिकीरेती ने पूर्ण किया है। जिसके आधार पर वित्त व शहरी विकास मंत्री डा. अग्रवाल ने अपना अनुमोदन दिया है। डा. अग्रवाल ने बताया कि मुनिकीरेती पालिका ग्रेड-01 में शामिल होने वाली यह सातवीं नगर पालिका होगी।

डा. अग्रवाल ने बताया कि ग्रेड-01 में उच्चीकृत होने के बाद मुनिकीरेती पालिका में पदों का विस्तार होगा। बताया कि 12 जून 2016 के शासनादेश के आधार पर पालिका में मुख्यतः सहायक अभियन्ता, कर एवं राजस्व अधीक्षक, मुख्य सफाई निरीक्षक, लेखाकार सहित अन्य पदों में वृद्धि होगी। बताया कि जिससे निकाय अपने क्षेत्रान्तर्गत किये जा रहे कार्यों का और अधिक रूप से निरीक्षण कर सकती है तथा करों के निर्धारण में अधिक वृद्धि कर सकती है।

डा. अग्रवाल ने बताया कि ग्रेड-01 में उच्चीकृत होने के बाद मुनिकीरेती पालिका को राज्य वित्त आयोग की आगामी संस्तुतियों में ग्रेड-01 का लाभ प्राप्त करते हुए अधिक अनुदान प्राप्त होगा।

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’एक नजर मुनिकीरेती नगर पालिका पर’
वर्ष 1997 तक इस क्षेत्र की टाउन एरिया में गिनती होती थी। वर्ष 1998 में इसे नगर पंचायत मुनिकीरेती का स्वरूप दिया गया। नगर पंचायत के बेहतर प्रदर्शन के आधार पर वर्ष 2014 में इसे ग्रेड-02 की नगर पालिका परिषद में उच्चीकृत किया गया। मगर, अब ग्रेड-02 से ग्रेड-01 में उच्चीकृत होने के सभी मानकों पर खरा उतरने तथा वित्त मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल के अनुमोदन के बाद इसे ग्रेड-01 की नगर पालिका परिषद के रूप उच्चीकृत किया जायेगा।
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’लगातार चार बार स्वच्छता रैंकिंग में प्रथम रही है नगर पालिका मुनिकीरेती’
नगर पालिका परिषद मुनिकीरेती वित्तीय वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक लगातार चार बार स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंकिंग में प्रदेश में प्रथम स्थान पर काबिज है। इससे पूर्व भी पालिका वर्ष 2015-16 में मुख्यमंत्री उत्कृष्ट पुरस्कार भी हासिल कर चुकी है। यहीं नहीं, ऑल इंडिया रैंकिंग में भी पालिका वर्ष 2021-22 में देश में पांचवें स्थान पर काबिज है।

राजस्व अर्जन को सभी विभाग इनोवेटिव प्रयास करेंः सीएम

राजस्व वृद्धि के लिए सभी विभाग सजगता और पूरी सक्रियता से कार्य करें। इस वर्ष निर्धारित राजस्व प्राप्ति के लिए सभी विभाग समन्वय से कार्य करें। राजस्व अर्जन के लिए सभी विभाग इनोवेटिव प्रयास करें, इसके लिए ऑनलाइन सिस्टम को और मजबूत किये जाने की दिशा में विशेष ध्यान दिया जाए। बैठकों में जो निर्णय लिये जा रहे हैं, अगली बैठक होने से पूर्व उन निर्णयों की एक्शन टेकन रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। यह निर्देश मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में राजस्व प्राप्ति के सम्बंध में बैठक लेते हुए अधिकारियों को दिये।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि राजस्व वसूली की नियमित मॉनिटरिंग की जाए, इसके लिए पोर्टल विकसित किया जाए। इससे विभिन्न विभागों द्वारा दिये गये राजस्व वसूली के डाटा एवं राजस्व परिषद में राजस्व वसूली के डाटा में जो अंतर दिख रहा है, उस समस्या का समाधान होगा। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये की राजस्व वसूली की कार्यवाही में तेजी लाई जाए। इसके लिए जनपदों में बनाई गई समिति की नियमित बैठक की जाए। उन्होंने कहा कि देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंहनगर एवं नैनीताल जनपद में राजस्व वसूली में और तेजी लाए जाने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऊर्जा के क्षेत्र में यूपीसीएल एवं यूजेवीएनल को राजस्व बढ़ाने की दिशा में विशेष प्रयासों की जरूरत है। बिजली चोरी संभावित क्षेत्रों में लगातार सतर्कता आधारित गतिविधियां चलाई जाए एवं उच्च औद्योगिक मांग वाले क्षेत्रों में बिलिंग दक्षता बढ़ाने की दिशा में विशेष ध्यान दिया जाए। वन सम्पदाओं के बेहतर उपयोग से राजस्व वृद्धि की दिशा में और प्रयास किये जाएं। तराई क्षेत्रों में कमर्शियल प्लांटेशन की दिशा में तेजी से कार्य किये जाएं। प्रकाष्ठ बिक्री के लिए उचित व्यवस्था की जाए। जड़ी-बूटियों के संरक्षण एवं सतत विकास के लिए दीर्घकालिक योजना को ध्यान में रखकर कार्य किये जाएं। वन क्षेत्रान्तर्गत के बरसाती नालों को चिन्हित कर चौनेलाइज करने की दिशा में ध्यान दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिये कि पिछले सालों की रिकवरी की गति में और तेजी लाई जाए। परिवहन, खनन, जीएसटी आदि क्षेत्रों में गहन निगरानी रखने के लिए ऑनलाइन सिस्टम को और बेहतर बनाया जाए। जीएसटी के तहत राजस्व वृद्धि बढ़ाने के लिए और प्रयास किये जाएं। कर चोरी करने वालों पर सख्त कारवाई की जाए। जीएसटी संग्रह के लिए अन्य राज्यों की बेस्ट प्रैक्टिस का भी गहनता से अध्ययन किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि अतिवृष्टि के कारण नदियों का जल स्तर लगातार खतरे के निशान के आस-पास चल रहा है, इसके कई क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति बनी रहती है। बाढ़ की स्थिति से बचाव के लिए सिंचाई विभाग द्वारा ठोस कार्ययोजना बनाई जाए। जिलाधिकारी भी आपदा प्रबंधन की दृष्टि से इन सभी चीजों को ध्यान में रखते हुए कार्य करें।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में उद्योगों को बढ़ावा देने की दिशा में प्रयास किये जाए। राज्य में होने वाले इन्वेस्टर समिट में निवेशकों को पर्वतीय क्षेत्रों में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा। सभी जिलाधिकारी देख लें कि उनके जनपदों में किस-किस क्षेत्र में निवेश की अधिक संभावनाएं हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि भारत सरकार से मिलने वाली ग्रांट पर तेजी से कार्य किये जाएं। प्रदेश का समग्र विकास हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।
बैठक में कैबिनेट मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल, मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधू, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, दिलीप जावलकर, अरविन्द सिंह ह्यांकी, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, नई दिल्ली में उत्तराखण्ड के स्थानिक आयुक्त अजय मिश्रा एवं वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारी उपस्थित थे।

सर्वाधिक पॉइंट के आधार पर मेगा ड्रॉ के दौरान होंगे विजेता सूची में स्थान न बना पाने वाले होंगे पुरस्कृत

बिल लाओ और इनाम पाओ योजना के तहत जो भी व्यवसायी व व्यापारी अपने ग्राहकों को बिल लेने के लिए प्रोत्साहित करेंगे, ऐसे व्यापारियों को उत्तराखंड सरकार सम्मानित करेगी। साथ ही ऐसे ग्राहक जिनका नाम विजेता सूची में नहीं आया है, उन्हें पॉइंट दिए जाएंगे। जो मेगा ड्रॉ के दौरान अधिकतम पॉइंट के आधार पर पुरस्कृत होंगे। यह घोषणा वित्त मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने सरकार की बहुमूल्य योजना बिल लाओ और इनाम पाओ के तृतीय ड्रॉ के दौरान कही।

विधानसभा स्थित कार्यालय कक्ष में मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने योजना का तृतीय ड्रॉ निकाला। इस दौरान 500 मोबाइल, 500 एयर बड्स, 500 स्मार्ट वाच के विजेताओं की घोषणा की गई।

मंत्री डॉ अग्रवाल ने बताया कि योजना का प्रथम लकी ड्रॉ दिनांक 12 दिसम्बर, 2022 तथा दूसरा लकी ड्रॉ दिनांक 16 जनवरी, 2023 को निकाला गया था। बताया कि सोमवार को तृतीय मासिक लकी ड्रॉ में 01 जनवरी, 2023 से 31 जनवरी, 2023 तक की अवधि में की गयी खरीद पर अपलोड किये गए है, जिसमें 10,659 बिलों को शामिल किया गया है।

मंत्री डॉ अग्रवाल ने बताया कि योजना के अन्तर्गत अब तक 21,306 उपभोक्ता पंजीकृत हुये हैं, जिनके द्वारा 36,683 बिल अपलोड किये गये हैं। बताया कि गत वर्ष 2021-22 (माह जनवरी तक) रु0 4625 करोड़ राजस्व की तुलना में संगत वर्ष 2022-23 (माह जनवरी तक) में रु0 6236 करोड़ राजस्व प्राप्त किया गया है, जो कि लगभग 35ः अधिक है। माह जनवरी, 2022 में प्राप्त राजस्व रु0 526 करोड़ की तुलना में माह जनवरी, 2023 में प्राप्त राजस्व रु0 640 करोड़ है, जो कि लगभग 22ः अधिक है।

मंत्री डॉ अग्रवाल ने 49वीं जीएसटी परिषद बैठक में राज्य को क्षतिपूर्ति के रूप में रु0 345 करोड़ जारी किये जाने की घोषणा करने पर माननीय वित्त मंत्री, भारत सरकार श्रीमती निर्मला सीतारमण का आभार व्यक्त किया।

इस मौके पर राज्यकर आयुक्त डॉ अहमद इकबाल, अपर आयुक्त (विशेष वेतनमान) राज्य कर आईएस बृजवाल, अपर आयुक्त अनिल सिंह, अमित गुप्ता, आयुक्त आयुक्त अनुराग मिश्रा, उपायुक्त राज्यकर एसएस तिरुवा आदि उपस्थित थे।

1500 पुरस्कारों का ऑनलाइन वित्त मंत्री ने निकाला लकी ड्रा

राज्य सरकार द्वारा उपभोक्ताओं को बिल लेने के संबंध में जागरूक करने के उद्देश्य से ’बिल लाओ ईनाम पाओ’ योजना चलायी जा रही है, जिसका आज दिसंबर माह अथवा दूसरा लकी ड्रॉ वित्त मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल के द्वारा निकाला गया। जिसमें 500 स्मार्ट फ़ोन, 500 स्मार्ट वॉच, 500 एयर बड शामिल है।

रिंग रोड स्थित राज्य का मुख्यालय में लकी ड्रॉ निकाला गया। वित्त मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि लकी ड्रॉ में 01 दिसम्बर 2022 से 31 दिसम्बर 2022 तक की अवधि में की गयी खरीद पर अपलोड किये गए 9158 बिलों को शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि इस बिलों की धनराशि 6 करोड़ 13 लाख रुपए है।

डॉ अग्रवाल ने बताया कि इस योजना का प्राथमिक उद्देश्य प्रदेश के विकास एवं कर संग्रह में वृद्धि हेतु जनता के योगदान को प्रोत्साहित करना है। इस प्रकार खरीद पर बिल प्राप्त करने की जागरूकता के माध्यम से राजकोष को सुरक्षित करने में समस्त हितधारकों की भागीदारी सुनिश्चित किये जाने के लिए राज्य कर विभाग द्वारा “बिल लाओ ईनाम पाओ’’ योजना लागू की गई है।

डॉ अग्रवाल ने अपील करते हुए कहा कि लकी ड्रॉ में आप भी शामिल हो सकते है, इसके लिए उत्तराखंड के पंजीकृत व्यापारी से सामान खरीदकर बिल को ठस्प्च्न्ज्ञ ।चच पर अपलोड करना होगा। उन्होंने बताया कि इस योजना के अंतर्गत पुरस्कार विजेताओं तथा पुरस्कार वितरण में पूर्ण पारदर्शिता रहे इसीलिए इस सम्पूर्ण प्रक्रिया में कोई मानवीय हस्तक्षेप नहीं रखा गया है। सम्पूर्ण कार्यवाही इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से पूर्ण की जाती है।

इस मौके पर कमिश्नर राज्य कर इकबाल अहमद, स्पेशल कमिश्नर बृजवाल, एडिशनल कमिश्नर अनिल सिंह, अमित गुप्ता, ज्वाइंट कमिश्नर अनुराग मिश्रा, जगदीश आदि विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

ऑनलाइन हुई जीएसटी परिषद की 48वीं बैठक

जीएसटी परिषद की 48वीं बैठक केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी की अध्यक्षता में ऑनलाइन आयोजित हुई। बैठक में उत्तराखण्ड राज्य का प्रतिनिधित्व सूबे के वित्त मंत्री डॉ प्रेम चंद अग्रवाल ने किया।

सचिवालय में आयोजित ऑनलाइन बैठक में विभिन्न विषयों यथा विधि समिति द्वारा संस्तुत विषयों तथा फिटमेंट समिति द्वारा संस्तुत विषयों पर विस्तृत चर्चा की गयी।

बैठक में राज्य द्वारा समाधान व्यापारियों को ई-कॉमर्स ऑपरेटर के माध्यम से बिक्री किये जाने की सुविधा दिए जाने, सेवाओं के निरस्तीकरण के मामले में अपंजीकृत व्यक्तियों को रिफंड दिए जाने की सुविधा देने, अपीलार्थी को अपील वापस लिए जाने की सुविधा दिए जाने तथा टीडीएस/टीसीएस कटौती/जमा करने वाले व्यक्तियों को पंजीयन स्वयं निरस्त करने की सुविधा देने पर सहमति व्यक्त की गई स

बैठक में फिटमेंट समिति द्वारा की गई संस्तुतियों के अंतर्गत कर दरों के संबंध में स्पष्टीकरण जारी किए जाने तथा कतिपय विसंगतियों को दूर किये जाने पर विचार विमर्श किया गया, जिसका राज्य द्वारा समर्थन किया गया।

बैठक में डा. अहमद इकबाल, आयुक्त राज्य कर सहित विभागीय अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।