पीएम ने 4 हजार 200 करोड़ रूपये की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तराखण्ड को लगभग 4 हजार 200 करोड़ रूपये की सौगात दी। पिथौरागढ़ में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने राज्य की 23 महत्वपूर्ण परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। राज्य की जिन योजनाओं का शिलान्यास किया गया उनमें 21 हजार 398 पॉलीहाउस निर्माण, उच्च घनत्व वाले सघन सेब बागानों की योजना, राष्ट्रीय राजमार्गों पर 2 लेन एवं ढलान उपचार के 5 कार्य, राज्य में 32 पुलों का निर्माण, एसडीआरएफ के तहत अग्नि सुरक्षा बुनियादी ढांचे और बचाव उपकरणों को मजबूत करना, देहरादून में राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र का अपग्रेडेशन, बलियानाला, जनपद नैनीताल में भूस्खलन की रोकथाम हेतु उपचार, 20 मॉडल डिग्री कॉलेजों में हॉस्टल और कंप्यूटर लैब का निर्माण, सोमेश्वर, अल्मोडा में 100 बिस्तरों वाला उप जिला अस्पताल, चंपावत में 50 बिस्तरों वाले अस्पताल ब्लॉक का निर्माण, रूद्रपुर में वेलो-ड्रोम निर्माण कार्य, स्पोर्ट्स स्टेडियम, हल्द्वानी में एस्ट्रो टर्फ हॉकी मैदान का निर्माण, चार धाम की भांति मानसखंड के मंदिर क्षेत्रों का विकास, मानसखंड मंदिर माला मिशन के अंतर्गत जागेश्वर धाम, हाट कालिका एवं नैना देवी मंदिर में अवस्थापना सुविधाओं का विकास शामिल हैं।
प्रधानमंत्री द्वारा जिन योजनाओं का लोकार्पण किया गया उनमें पीएमजीएसवाई के तहत 76 सड़कें, पीएमजीएसवाई के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में 25 पुल, 9 जिलों में 15 ब्लॉक कार्यालय भवन, केन्द्रीय सड़क निधि के अन्तर्गत 3 सड़क सुदृढ़ीकरण कार्य, कौसानी-बागेश्वर रोड, धारी-डोबा- गिरेचिना रोड, नगला-किच्छा एस एच रोड डबल लेन, राष्ट्रीय राजमार्गों को 2 लेन एवं सुदृढ़ीकरण करने का कार्य, एन एच 309 बी-अल्मोड़ा-पेट्सल-पनुआनौला- दन्या एन एच- टनकपुर-चल्थी, प्रदेश में 39 पुल एवं देहरादून में यूएसडीएमए भवन, 38 ग्रामीण पंपिंग पेयजल योजनाएं और 3 ट्यूबवेल आधारित पेयजल योजनाएं, 419 ग्रामीण ग्रेविटी पेयजल योजनाएं, थरकोट, पिथौरागढ़ में कृत्रिम झील, 132 केवी पिथौरागढ़-लोहाघाट-चंपावत ट्रांसमिशन लाइन के कार्य शामिल हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड की सवा करोड़ देवतुल्य जनता की ओर से दो अन्तरराष्ट्रीय सीमाओं से लगे सीमान्त जनपद पिथौरागढ़ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का स्वागत एवं अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार प्रधानमंत्री के नेतृत्व में केदारखंड में मंदिरों तथा पौराणिक स्थलों का विकास हो रहा है। उनकी मानसंखंड की इस यात्रा द्वारा इस क्षेत्र का भी संपूर्ण विकास सुनिश्चित होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में आज भारत पुनः विश्वगुरू बनने की ओर अग्रसर है। आज जहां एक ओर देश में आंतरिक सुरक्षा मजबूत हुई है, वहीं विश्व में भारत का मान-सम्मान बढ़ रहा है। रूस और यूक्रेन के बीच हुए युद्ध के समय भारत द्वारा दिखाई गई कूटनीतिक परिपक्वता हो या जी-20 सम्मेलन के अध्यक्ष के रूप में विश्व के सभी प्रमुख देशों को एक मंच पर लाकर दिल्ली घोषणा पत्र पर सहमति स्थापित करना हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 9 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश ने हर क्षेत्र में तेजी से प्रगति की। यह स्वर्णिम कालखंड भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक चेतना के पुनरुत्थान का कालखंड भी है। आज नया भारत न केवल एक राष्ट्र के रूप में संपन्न और समर्थ बन रहा है, बल्कि विश्व का नेतृत्व करने के लिए भी तैयार हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री का उत्तराखण्ड से विशेष लगाव किसी से छुपा नहीं है। पिछले 9 वर्षों में केन्द्र सरकार द्वारा राज्य के लिए 1 लाख 50 हजार करोड़ रूपये से अधिक की परियोजनाएं स्वीकृत की गई, जिनमें से अनेक योजनाओं पर तेजी से कार्य चल रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व और मार्गदर्शन में राज्य सरकार द्वारा उत्तराखण्ड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने का विकल्प रहित संकल्प के साथ कार्य किये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को नारायण आश्रम की प्रतिकृति, ऐपण स्टॉल और बोधिसत्व विचार श्रृंखला-एक नई सोच, एक नई पहल पुस्तक भेंट की।
इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री अजय भट्ट, कैबिनेट मंत्री उत्तराखण्ड सतपाल महाराज, गणेश जोशी, प्रेमचंद अग्रवाल, सुबोध उनियाल, डॉ. धन सिंह रावत, रेखा आर्या, सौरभ बहुगुणा, सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, अजय टम्टा, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, कल्पना सैनी, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट आदि उपस्थित रहे।

सीएम ने एसबीआई का आपदा राहत कोष में सहयोग करने पर जताया आभार

जोशीमठ में भू-धंसाव वाले क्षेत्र से विस्थापित लोगों के राहत और पुनर्वास के लिए भारतीय स्टेट बैंक द्वारा गुरूवार को उत्तराखण्ड राज्य आपदा राहत कोष में 2 करोड़ रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गई।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में भारतीय स्टेट बैंक, नई दिल्ली मण्डल के मुख्य महाप्रबंधक कल्पेश कृ. अवासिया ने भेंट कर 2 करोड़ रूपये का चेक सौंपा। मुख्यमंत्री ने प्रभावितों की सहायता के लिए इस सहयोग राशि के लिए भारतीय स्टेट बैंक का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के चिन्हित चार वाइब्रेंट विलेज माणा, नीति, मलारी एवं गूंजी में अवस्थापना विकास से संबंधित अनेक कार्य किये जाने हैं, इसके लिए भी उन्होंने एस.बी.आई से सहयोग की अपेक्षा की।
भारतीय स्टेट बैंक, नई दिल्ली मण्डल के मुख्य महाप्रबंधक कल्पेश कृ. अवासिया ने कहा कि एस.बी.आई सामाजिक जिम्मेदारियों के अन्तर्गत समाज में जागरूकता फैलाने तथा जरूरतमंद लोगों की सहायता करने के लिए समय-समय पर समाज के विभिन्न स्तरों पर आर्थिक सहयोग प्रदान करता रहता है। भविष्य में भी राज्य की विभिन्न सामाजिक गतिविधियों में योगदान देता रहेगा।
इस अवसर पर एस.बी.आई के उत्तराखण्ड अंचल के उप महाप्रबंधक राजकुमार सिंह एवं अमरेन्द्र कुमार सिंह भी उपस्थित रहे।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत मिलेगा पर्वतीय जनपदों को स्पेशलिस्ट डॉक्टरों का लाभ-राजेश कुमार

प्रदेश के पर्वतीय जनपदों के लोगों को शीघ्र मिलेगा स्पेशलिस्ट डॉक्टरों का लाभ यह बात स्वास्थ्य सचिव डॉ आर. राजेश कुमार द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत ‘यू कोट, वी पे’ के माध्यम से स्पेशलिस्ट डॉक्टरों के हुए साझात्कार में उत्साह को देखते हुए कही।
डॉ. आर राजेश कुमार द्वारा बताया गया कि प्रदेश के पर्वतीय जनपदों में प्रायरू देखा गया है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर, दवाईयां, आधुनिक चिकित्सा उपकरण की सुविधाएँ हैं पर प्रदेश के कुछ स्थानों पर स्पेशलिस्ट डाक्टरों के रिक्त पदों के कारण आमजन को पूर्णता सुविधाओं का लाभ नही मिल पा रहा था। शीघ्र ही इन रिक्त पदों पर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की नियुक्ति हो जाएगी, जिससे आम जन को गुणवत्ता पूर्ण उच्च स्वास्थ्य सुविधा अपने नजदीकी चिकित्सालय में मिल सकेगी ताकि स्थानीय निवासियों को स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं का लाभ अपने ही क्षेत्र में मिल सके।
स्वास्थ्य सचिव ने बताया की प्रथम चरण में 47 स्पेशलिस्ट डॉक्टर जिसमें पैथोलॉजिस्ट, गायनोलॉजिस्ट, एनेस्थेटिक, सर्जन, पीडियाट्रिशन, ऑर्थोपेडिक, आदि ने साझात्कार में प्रतिभाग किया गया है। शीघ्र ही ‘यू कोट, वी पे’ मॉडल का दूसरा चरण भी किया जाएगा। उन्होंने बताया चयनित डॉक्टरों की सूची तैयार कर जल्द नियुक्ति दी जाएगी जिससे की आमजन को स्वास्थ्य लाभ मिल सके।

बेस अस्पताल का निरीक्षण कर स्वास्थ्य सचिव ने दिए दिशा-निर्देश

जनपद भ्रमण पर आये स्वास्थ्य सचिव डॉक्टर आर राजेश कुमार ने बेस चिकित्सालय का निरीक्षण किया। स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि जल्द ही सीमांत जनपद पिथौरागढ़ के लोगों को बेस चिकित्सालय का लाभ मिलेगा। सचिव ने कहा फिलहाल मेडिकल कॉलेज पिथौरागढ़ का संचालन मेडिकल एजुकेशनल डिपार्टमेंट के माध्यम से किया जाएगा और डॉक्टरों की तैनाती बेस चिकित्सालय में की जाएगी जिनके सहयोग से चिकित्सालय का संचालन कार्य किया जाएगा। उन्होंने बेस अस्पताल में 100 अतिरिक्त बेड के का प्रबंध करने के लिए कहा। उन्होंने पेयजल निगम को सप्ताह के अंदर टेंडर फाइनल कर जल आपूर्ति का शेष कार्य को पूर्ण करने के निर्देश दिए।
प्रधानाचार्य बेस चिकित्सालय द्वारा सचिव महोदय के समक्ष विशेषज्ञ डॉक्टरों को बेस चिकित्सालय में तैनात करने की मांग की गई इसके अतिरिक्त एंबुलेंस, एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड आदि भी मुहैया कराने की मांग रखी जिस पर सचिव ने प्रधानाचार्य बेस चिकित्सालय को एक सप्ताह के भीतर प्रधानाचार्य मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी, प्रधानाचार्य मेडिकल कॉलेज अल्मोड़ा और सीएमओ पिथौरागढ़ के साथ समन्वय स्थापित कर आवश्यक उपकरणों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए जिसे उपलब्ध करवाया जाएगा। इसके साथ ही एक सप्ताह में किए गए कार्यों की स्थिति के संबंध में वीसी के माध्यम से अवगत कराने के लिए कहा। प्रधानाचार्य मेडिकल कॉलेज पिथौरागढ़ ने मेडिकल कॉलेज के निकट स्थित रेशम विभाग की 1.87 हेक्टेयर भूमि को मेडिकल कॉलेज पिथौरागढ़ को देने की मांग रखी।
स्वास्थ्य सचिव द्वारा मोस्टामानु में मेडिकल कॉलेज कैंपस के लिए चयनित लैंड का स्थलीय निरीक्षण भी किया गया। इस दौरान जिलाधिकारी पिथौरागढ़ रीना जोशी, ज्वाइंट डायरेक्टर चिकित्सा शिक्षा विभाग डॉक्टर एम के पंत, प्रधानाचार्य मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी अरुण जोशी, प्रधानाचार्य मेडिकल कॉलेज अल्मोड़ा, उप जिलाधिकारी अनुराग आर्य, तहसीलदार पिथौरागढ़ आदि अन्य स्वास्थ्य अधिकारी उपस्थित रहे।

स्वास्थ्य सचिव के संवदेनशील अधिकारी होने का विभाग को मिल रहा लाभ

प्रदेश के सुदूर इलाकों में दवाईयों को पहुंचाने हेतु स्वास्थ्य विभाग द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से राज्य के दूरस्थ जनपदों में निवास कर रहे लाभार्थियों को कम से कम समय में वैक्सीन उपलब्ध कराने हेतु अनोखी पहल सफल साबित हुई। प्रदेश के भौगोलिक परिस्थितियों के मद्देनजर दवाओं, टीकों को समयबद्ध तरीके से पहुंचाने हेतु स्वास्थ्य विभाग उत्तराखंड ने ड्रोन टेक्नोलॉजी का सफल ट्रायल पूर्ण कर लिया है।
सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा ड्रोन टेक्नोलॉजी का उपयोग कर देहरादून से सीमांत जनपद उत्तरकाशी तक महज 40 मिनट में वैक्सीन की डोज को सफलतापूर्वक पहुंचाया गया। प्रतिरक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत ड्रोन द्वारा डिप्थीरिया टिटनेस (डी.पी.टी.) व पेंटा की 400 डोज मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय उत्तरकाशी पहुंचाई गई है। अमूमन सड़क मार्ग से 5-6 घंटे का समय लगता है।
डॉ. आर. राजेश कुमार ने यह भी अवगत कराया कि इस सफलतापूर्वक परीक्षण के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत द्वारा आगामी दिनों में प्रदेश के सूदूर इलाकों में ड्रोन के माध्यम से कोविड वैक्सीन को पहुंचाए जाने हेतु कार्य का शुभारंभ किया जाएगा। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग तथा इनफोरमेशन टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट एजेंसी (आई.टी.डी.ए.) के सहयोग से दवाईयों को पहुंचाया गया है।
डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि प्रदेश में दवाईयों या वैक्सीन को पहुंचाने हेतु सड़क मार्ग का उपयोग किया जाता है, जिसमें काफी समय लगता है व कभी-कभी आपदा के कारण भी दवाई पहुंचाने में परेशानी होती है। स्वास्थ्य विभाग का प्रयास है कि दवाई वितरण में किसी भी प्रकार की देरी न हो और समयपर सभी चिकित्सा इकाइयों तथा ऐसे स्थानों, गावों में जहां सड़क मार्ग की सुविधा नही है वहां भी दवाईयां, वैक्सीन उपलब्ध हो। निकट भविष्य में दुर्घटनाग्रस्त, आपदा या अन्य किसी विकट स्थिति पर समयान्तर्गत प्राथमिक उपचार की दवाईयां तथा अन्य सामाग्री पहुंचाने में ड्रोन टेक्नोलॉजी की सुविधा मील का पत्थर साबित होगी।
सचिव महोदय द्वारा बताया गया कि कोविड के दृष्टिगत भी ड्रोन टेक्नोलॉजी काफी कारगर साबित होगी। हम प्रदेश के सभी चिकित्सा इकाइयों में वैक्सीन की उपलब्धता बनाए रखेंगे ताकि पात्र लाभार्थियों का टीकाकरण सुलभ तरीके से पूर्ण हो।

पिथौरागढ़ में शरदोत्सव और विकास प्रदर्शनी में मुख्यमंत्री ने की कई घोषणाएं

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को देव सिंह मैदान, पिथौरागढ़ में नगर पालिका परिषद् बोर्ड द्वारा आयोजित शरदोत्सव एवं विकास प्रदर्शनी-2022 का शुभारम्भ किया।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की कि पिथौरागढ़ बॉस-गंगोलीहाट मोटर मार्ग के अवशेष कार्य के साथ रामगंगा नदी में मोटर पुल का निर्माण किया जाएगा। पिथौरागढ़ महाविद्यालय में विधि विभाग को प्रारम्भ किये जाने की स्वीकृति प्रदान की जायेगी। जनपद पिथौरागढ़ के अन्तर्गत देव सिंह मैदान के सौन्दर्यीकरण का कार्य प्रारम्भ करने के लिये वित्तीय स्वीकृति प्रदान की जाती है और इसके प्रथम चरण के लिये 2 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की जाती है। पिथौरागढ़ शरदोत्सव के सफल आयोजन हेतु पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी समान सहयोग राशि प्रदान की जायेगी साथ ही पिथौरागढ़ के प्राचीन मंदिरों को मानसखण्ड कोरिडोर में सम्मिलित किया जायेगा।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह बहुत ही हर्ष का विषय है कि शरदोत्सव के माध्यम से स्थानीय प्रतिभाशाली बच्चों और युवाओं को अपनी कला का प्रदर्शन करने का मौका मिल रहा है। उन्होंने कहा कि उन्हें पूर्ण विश्वास है कि आम लोगों को सरकार की विभिन्न विकास योजनाओं की अधिक से अधिक जानकारी देने का प्रयास भी शरदोत्सव के माध्यम से किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 21 अक्टूबर को माणा में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने उनके इस कथन को कि हमारे सीमांत गांव देश के अंतिम नहीं बल्कि पहले गांव है अपनी सहमति प्रदान कर हमारे सीमान्त गांवों को पहचान दिलाने का कार्य किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सीमान्त क्षेत्रों के समग्र विकास के लिये हमारी सरकार प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। वर्तमान में सीमाओं के अन्तिम गांवों को प्रथम गांवों की श्रेणी में मानकर विकास योजनाओं का निर्माण और क्रियान्वयन किया जा रहा है। हमारे सीमान्त गांव सामरिक दृष्टिकोण से भी विशेष महत्व रखते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सीमान्त क्षेत्रों के स्थानीय लोग केवल नागरिक नहीं है बल्कि हमारे सीमा प्रहरी भी है। उन्होंने कहा कि देश की रक्षा में उनका योगदान काफी महत्वपूर्ण है। सीमाओं पर बसे गांवों पर पलायन देश की सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा है। इसे लेकर हमारी सरकार सजग है। हमारी सरकार सीमान्त गांवों में रिवर्स पलायन हेतु गंभीर प्रयास कर रही हैं। रोजगार, स्वरोजगार एवं होम स्टे जैसी कई विकास योजनाओं को लेकर हम पलायन रोकने में प्रसासरत है। जिसके परिणामस्वरूप आज कई युवा अपने गांव में वापिस आकर उसे बसाने का कार्य कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे अन्य सीमान्त जिलों की तरह पिथौरागढ़ का विकास हमारी सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। इसके साथ ही दूरस्थ एवं सीमान्त क्षेत्रों में जैविक कृषि तथा स्वरोजगार को प्रोत्साहित करने के भी प्रयास किए जा रहे हैं, जिसके अंतर्गत धौलादेवी, मुनस्यारी, बेतालघाट, बेरीनाग के चाय बागानों को जैविक चाय बागान में परिवर्तित करने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष 2025 तक उत्तराखण्ड को प्रत्येक क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने हेतु प्रतिबद्ध है। हम उत्तराखण्ड के विकास में नये संकल्पों के साथ प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहे हैं। राज्य हित में सभी विभागों द्वारा रोडमैप तैयार किया गया है। नई कार्य संस्कृति के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों एवं कर्मचारियों से अपेक्षा की, कि राज्य हित में 10 से 5 तक कार्य करने की मानसिकता का परित्याग करना होगा, तभी हम राज्य के विकास में सहयोगी बन पायेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 7 हजार पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से लोक सेवा आयोग को स्थानांतरित की गई है। आयोग द्वारा भी इन पदों पर भर्ती प्रक्रिया आरम्भ कर दी गई है। हमारे युवाओं को रोजगार तथा स्वरोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध हों इस दिशा में हमारे प्रयास निरंतर जारी है।
इस अवसर पर सांसद अजय भट्ट, विधायक बिशन सिंह चुफाल, जिला पंचायत अध्यक्ष दीपिका बोहरा, राजेन्द्र रावत सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।

धामी सरकार का बड़ा फैसला, चीन सीमाओं पर सुरक्षा के लिए तैनात होंगे हिम प्रहरी

भारत और उत्तराखंड से लगे अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर दुश्मन का आंख दिखाना अब संभव नहीं हो पाएगा। उत्तराखंड में चीन सीमाओं पर सुरक्षा के लिए तैनात उत्तराखंड सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड के सीमांत जिलों में तैनात होने वाले हिम प्रहरियों को पांच-पांच हजार रुपये महीने का मानदेय देने का प्लान बनाया है।
आपको बता दें कि उत्तराखंड सरकार सीमांत के जिलों में कुल दस हजार हिम प्रहरियों की तैनाती करने जा रही है। केंद्र से वित्तीय सहायता पर सहमति मिलते ही सरकार योजना को लागू कर दी जाएगी। उत्तराखंड सरकार चीन-नेपाल से सटे गांवों पर पलायन रोकथाम के लिए हिम प्रहरी योजना लागू करने की तैयारी कर रही है।
गृह विभाग ने पिथौरागढ़, चम्पावत, उत्तरकाशी, चमोली और यूएसनगर जिले के सीमांत से सटे ब्लॉकों में प्रस्तावित इस योजना का खाका तैयार कर लिया है। अपर सचिव रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि योजना पर प्रति माह पांच करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान है। इसके लिए राज्य सरकार ने केंद्र से आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने की मांग की है। केंद्र की अनुमति के बाद योजना लागू हो जाएगी।
देश और उत्तराखंड पर चीन के नापाक इराकों पर नजर रखने को सीएम पुष्कर सिंह धामी ने फुलप्रूफ बनाया है। किसी भी बाहरी आक्रामण को नाकाम करने को सीएम धामी ने उत्तराखंड के अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर इलाकों में सुरक्षा बढ़ाने का फैसला लिया है। इसके लिए बॉर्डर एरिया पर निगरानी और त्वरित एक्शन के लिए बॉर्डर पर रह रहे युवाओं को हिम प्रहरी योजना से जोड़ा जाएगा।
यही नहीं, सीमांत इलाकों में अभेद सुरक्षा के लिए रिटायर्ड सैन्य कर्मियों की भी मदद ली जाएगी। हिम प्रहरी योजना के तहत करीब 10 हजार सेवानिवृत जवानों, पैरामिलिट्री से रिटायर्ड सैनिक सहित युवाओं को जोड़ा जाएगा। ‘हिम प्रहरी’ योजना से जुड़े लोगों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
यह सभी हिम प्रहरी जरूरत पड़ने पर बाहरी आक्रमण की स्थिति में दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब दे सकेंगे। सरकार का मानना है कि इसके लिए लिए प्रतिमाह 5 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। सीएम धामी ने केंद्र सरकार से मांग भी की है।