बजट की प्रशंसा कर बोले सीएम, आने वाला समय उत्तराखंड का, मोदी जी के संकल्प को करेंगे पूरा

वित्त वर्ष 2023-24 के लिए शानदार बजट प्रस्तुत किया गया है। प्रधानमंत्री के मंत्र सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास और सबका प्रयास की अवधारणा पर आधारित ये बजट संतुलित, समावेशी और सभी वर्गों तक पहुंचने वाला बजट है। ये बजट हमारे सशक्त उत्तराखंड-2025 के संकल्प को पूरा करने वाला बजट है। नए उत्तराखंड के संकल्प का बजट है। इसमें जहां इन्फ्रास्ट्रक्चर पर विशेष ध्यान दिया गया है, वहीं कृषि, उद्यान, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य और पर्यटन को भी महत्व दिया गया है। इस बजट में युवाओं की भी विशेष चिंता की गई है। रोजगार और स्वरोजगार का परिवेश बनाने पर बल दिया गया है। 50 हजार पॉलीहाउस के लिए बजट में 200 करोड़ का प्रावधान किया है। एप्पल मिशन, कीवी मिशन को आगे बढ़ा रहे हैं।
इस बजट का केन्द्रीय बिन्दु है, उत्तराखण्ड का विकास। इस दशक को उत्तराखण्ड का दशक बनाने को ध्येय में रखते हुए बजट का निर्माण किया गया है। केन्द्रीय बजट से प्रेरणा लेते हुए विभिन्न आयामों को इस बजट में समेटने का प्रयास किया गया है।
विकास, सस्टेनेबेल विकास, और समावेषी विकास इन शब्दों के इर्द-गिर्द विकास की यात्रा बतायी गयी है। विकास कैसे किया जाना है, विकास की दिशा क्या होगी? इस पर भी यह बजट स्पष्ट हैं।
एक स्पष्ट सोच और गम्भीर चिन्तन बजट में मिलती है। हमारे छात्र, हमारी खिलाड़ी, हमारे युवा, हमारे किसान, हमारे कास्तकार, असंगठित व संगठित क्षेत्र में कार्यरत व्यक्ति, स्टार्ट अप, उद्योग कारोबारी और हम सब साथ मिलकर उत्तराखण्ड का विकास करेंगे।
उत्तराखंड तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रुप में उभर रहा है। 77 हजार करोड़ से अधिक का बजट है। साथ ही 4309 करोड़ का सरप्लस बजट वित्तीय प्रबंधन की कुशलता को बताता है। मुझे पूरा विश्वास है कि प्रधानमन्त्री के मार्गदर्शन में ये दशक उत्तराखंड का दशक होगा।
जोशीमठ को नए स्वरुप में खड़ा करना हमारा संकल्प है। बजट में हमने 1000 करोड़ का प्रावधान किया है। केन्द्र से भी पूरा सहयोग मिल रहा है।
एक बार फिर से शानदार बजट देने के लिए वित्त मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल को बहुत बधाई देता हूं।

इस महत्वपूर्ण बैठक में प्रतिभाग करने सीएम पहुंचे दिल्ली

गैरसैंण में चल रहे बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दिल्ली में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में भाग लेने के लिए देर शाम दिल्ली पहुंच गये है। बताया जा रहा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर राजनाथ सिंह द्वारा बुलाई गई बैठक में मुख्यमंत्री धामी भाग लेंगे।
विधानसभा बजट सत्र के पहले दिन की कार्यवाही संपन्न होने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं। दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में सीमांत राज्यों के अवस्थापना विकास को लेकर महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई है। जिसमें चीन सीमा से लगे राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल होंगे। इस महत्वपूर्ण बैठक में शामिल होने को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सोमवार की शाम को दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं। बैठक में शामिल होने के बाद 15 मार्च को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दिल्ली से सीधा भराड़ीसैंण पहुंचेंगे।
दरअसल, उत्तराखंड राज्य चीन सीमा से लगा हुआ है। यह सामरिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। यही वजह है कि केंद्र सरकार समय-समय पर उत्तराखंड राज्य के सीमांत गांव के लिए कई बड़े पहल करती रहती है। चाहे सड़कों के निर्माण की बात हो या फिर नई वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत सीमांत गांवों को बेहतर ढंग से विकसित करने की बात हो, हर मामले पर केंद्र सरकार लगातार नजर बनाए हुए है।

राष्ट्रीय दलों ने गैरसैंण के मुद्दे पर राज्य के लोगों से छलावा किया-आप

आम आदमी पार्टी ने भाजपा सरकार पर गैरसैंण के मुद्दे पर राजनैतिक रोटियां सेकने का आरोप जड़ा है। विधानसभा सत्र भी गैरसैंण के बजाए देहरादून में ही करवाने के फेसले की पुरजोर शब्दों में निंदा करते हुए पार्टी ने भाजपा सरकार पर हमला बोला है।
शुक्रवार को पार्टी कार्यालय से जारी बयान में विधानसभा प्रभारी राजे सिंह नेगी ने कहा कि गैरसैंण को लेकर भाजपा की कथनी व करनी में भारी अंतर रहा है। अब भाजपा विधानसभा सत्र भी गैरसैंण में करवाने से कन्नी काट गई है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने गैरसैंण में स्थाई राजधानी बनाने को लेकर जनता को गुमराह करने का काम किया है। आप के नेता नेगी के अनुसार उत्तराखंड आंदोलन की भावनाओं का केंद्र रहे गैरसैंण को लेकर दोनों ही राष्ट्रीय दल अब तक सियासी रोटियां सेंकते आए हैं। यही कारण है कि गैरसैंण राजधानी के सवाल पर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही कन्नी काटते आए हैं। किसी ने भी गैरसैंण पर अपना स्पष्ट नजरिया नहीं रखा। कहा कि, पिछले विधानसभा चुनाव में गैरसैंण को राजधानी बनाने की बात कहकर भाजपा सत्ता में आई थी लेकिन चुनाव में जनता को गुमराह कर प्रचंड बहुमत हासिल करने वाली भाजपा ने सरकार में आते ही जनमुद्दों को भुला दिया। कहा कि ,वर्ष 2017 के चुनाव में भाजपा ने गैरसैंण को प्रदेश की राजधानी बनाने का दावा किया था। जबकि उनकी मंसा गैरसैंण को राजधानी बनाने की थी ही नहीं।

गैरसैण नही देहरादून में 9 और 10 दिसम्बर को होगा शीतकालीन सत्र

उत्तराखंड में विधानसभा के शीतकालीन सत्र को लेकर अब असमंजस खत्म हो गया है। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया है कि आगामी नौ व दस दिसंबर को सत्र देहरादून में ही आयोजित किया जाएगा। शीतकालीन सत्र को लेकर संसदीय कार्य मंत्री बंशीधर भगत एवं नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह के साथ बातचीत करने के बाद ही यह फैसला लिया गया है।

अमृत महोत्सव को लेकर भी सदन में चर्चा की जाए
प्रेसवार्ता में विधानसभा अध्यक्ष ने कहा है कि मेरा प्रयास होगा इस सत्र के दौरान आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर अमृत महोत्सव के तहत भी एक दिन अतिरिक्त चर्चा के लिए रखा जाए। हालांकि यह सब कार्यमंत्रणा की बैठक में तय होगा, लेकिन मेरी इच्छा है कि अमृत महोत्सव को लेकर भी सदन में चर्चा हो।

पहले गैरसैंण में होना था सत्र
पिछले दिनों मंत्रिमंडल की बैठक में सरकार ने प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में सत्र कराने का निर्णय लिया था, जिसे बाद में बदल दिया। उसी दिन इस बात के संकेत मिल गए थे कि सरकार गैरसैंण में सत्र कराने को लेकर दुविधा में है।

कर्णप्रयाग और गैरसैंण विकासखंड में सुधरेगी मोबाइल की कनेक्टिविटी

भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय मीडिया टीम के सदस्य सतीश लखेड़ा ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति में कहा कि चमोली जनपद के कर्णप्रयाग और गैरसैण विकासखंडों की मोबाइल कनेक्टिविटी की समस्या को लेकर आज राज्यसभा सांसद एवं भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी के नेतृत्व में केंद्रीय संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव से भेंट की। सांसद बलूनी ने मंत्री जी को बताया कि कनेक्टिविटी ना होने से इन दुर्गम क्षेत्रों में जनता को परेशानी तो होती ही है साथ ही बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई बाधित होती है।
भाजपा नेता सतीश लखेड़ा ने कहा कि बलूनी ने दूर संचार मंत्री को कर्णप्रयाग विकासखंड के बगोली, चमोला, मैखुरा, मजखोला, कमेड़ा और सेरागढ़ क्षेत्रों तथा गैरसैंण विकासखंड के देवपुरी, राईकोट, कुनीगाड़ तल्ली, कुणखेत, बुखाली, चोरड़ा, पिंडवाली और कांसुवा क्षेत्रों की मोबाइल समस्या का ध्यान दिलाया।

केंद्रीय मंत्री अनिल वैष्णव ने कहां कि उनका मंत्रालय निरंतर मोबाइल कनेक्टिविटी के सुधार हेतु प्रयासरत है। उन्होंने उपरोक्त सभी 14 स्थानों की कनेक्टिविटी हेतु संबंधित अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा की बीएसएनएल सहित सभी निजी ऑपरेटर कंपनियां इन स्थानों का निरीक्षण कर संचार सुविधा बहाल करें।
सतीश लखेड़ा ने केंद्रीय मंत्री सहित सांसद अनिल बलूनी का आभार प्रकट करते हुए कहा कि इन दुर्गम क्षेत्रों में संचार सुविधा बहाल होने से आम नागरिकों को व विद्यार्थियों को राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि गत दिनों अपने क्षेत्र भ्रमण के दौरान आम जनता द्वारा मोबाइल कनेक्टिविटी की समस्या की ओर ध्यान दिलाया गया और स्वयं भी कनेक्टिविटी ना होने की परेशानियों का सामना करना पड़ा।

लखेड़ा, गौचर और गैरसैण में विशेषज्ञ डाॅक्टरों की मांग को लेकर सीएम से मिले

भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय मीडिया टीम के सदस्य सतीश लखेड़ा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भेंटकर गौचर और गैरसैण (जनपद चमोली) के अस्पतालों में चिकित्सकों की तैनाती के संबंध में मुलाकात की। मुख्यमंत्री धामी ने चिकित्सकों की तैनाती सुनिश्चित करने हेतु सचिव स्वास्थ्य को निर्देश जारी किए।

उन्होंने कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गैरसैण एवं उप सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गौचर अस्पतालों पर बहुत बड़ी आबादी के उपचार की जिम्मेदारी है उसके अनुरूप अस्पतालों की उपचार क्षमता नहीं है। गौचर अस्पताल में तो मात्र एक चिकित्सक की तैनाती है। गैरसैण और कर्णप्रयाग विकासखंड के दुर्गम क्षेत्रों के नागरिकों के यह निकटतम केंद्र हैं। चिकित्सक न होने से नागरिकों को उपचार के लिए अन्यत्र शहरों में जाना पड़ता है जो कि बहुत खर्चीला और असुविधाजनक है।अस्पतालों के मानकों के अनुसार दोनों स्वास्थ्य केंद्रों में पर्याप्त संख्या में डॉक्टरों की तैनाती की अपेक्षा है।

मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि इन दोनों केंद्रों में शीघ्र ही चिकित्सकों की तैनाती की जायेगी ताकि नगर क्षेत्र के अतिरिक्त आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों को बहुत सुविधा होगी विशेषकर गर्भवती महिलाओं, शिशुओं और बुजुर्गों को बड़ी राहत मिलेगी। लखेड़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री धामी की कार्यशैली और अनुभव उनके कामकाज में स्पष्ट दिखाई दे रहा है। वह प्रमाणिक रुप से कार्य करने वाले मुख्यमंत्री हैं और प्रदेश के हर क्षेत्र में उनके द्वारा विकास कार्यों की निगरानी और समयबद्धता प्रदेश की तस्वीर बदलेगी।

काम करने वालों के लिए समय मायने नही रखता- पुष्कर सिंह धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री के रूप में जो जिम्मेदारी उन्हें मिली है उसे जन अपेक्षाओं के अनुरूप पूरा करने का उनका सतत प्रयास है। उन्होंने कहा कि वे बोलने पर नहीं बल्कि कर्म में विश्वास करते हैं। कम बोलना और ज्यादा काम करना उनका ध्येय वाक्य है। राज्य हित में उन्होंने अब तक 50 से ज्यादा फैसले लिये हैं। राज्य के हर क्षेत्र का सर्वांगीण विकास हमारा एजेंडा है। उन्होंने कहा कि गैरसैंण जनभावनाओं का केन्द्र है। वहां पर ग्रीष्म कालीन राजधानी के अनुरूप सभी आवश्यक अवस्थापना सुविधाओं का तेजी से विकास किया जायेगा। देवस्थानम बोर्ड प्रदेश के पर्यटन, तीर्थाटन से जुड़ा विषय है, इसे लेकर सभी सम्बन्धित पक्षों से वार्ता कर निर्णय लिया जायेगा। इसमें किसी के भी हित प्रभावित न हों इसके लिये उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है।

रिक्त पदों पर भर्ती की प्रक्रिया, 10 लाख से अधिक लोगों को स्वरोजगार से जोडेंगे
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में 24 हजार सरकारी रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया आरम्भ की जायेगी, जबकि 10 लाख से अधिक लोगों को स्वरेजगार के माध्यम से रोजगार से जोड़ा जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के दृष्टिगत बेरोजगार युवाओं को भर्ती में एक साल की आयुसीमा में छूट प्रदान की गई है। जबकि एनडीए, सीडीएस, लोकसेवा आयोग की प्रारम्भिक परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले युवाओं को मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिये 50 हजार की धनराशि दी जायेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में औद्योगीकरण में तेजी लाने के लिये उद्योगों की समस्याओं का त्वरित समाधान किया जायेगा। इसके लिये अनुकूल वातावरण तैयार करने के साथ ही यदि आवश्यकता हुई तो नीतियों में भी संशोधन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भू-कानून, जनसंख्या कानून, नजूल भूमि से सम्बन्धित विषयों के समाधान के लिये कमेटी का गठन किया जायेगा।

जनता की समस्याओं का समाधान सर्वोच्च प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका पूरा ध्यान राज्य के विकास पर है। जिन योजनाओं का शिलान्यास किया जायेगा उनके लोकार्पण की व्यवस्था की जायेगी। उन्होंने कहा कि पहाड़ की जवानी तथा पानी दोनों राज्य के काम आये इसके लिये प्रभावी ढंग से योजनायें बनाकर उनका क्रियान्वयन किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आम जनता की समस्याओं का त्वरित समाधान हो इसके लिये सभी अधिकारियों को सभी कार्य दिवसों पर पूर्वाहन 10ः00 बजे से 12ः00 बजे तक जन समस्यायें सुनने तथा उनके त्वरित समाधान के निर्देश दिये गये हैं।

जीरो पेंडेंसी के निर्देश
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में जीरो पेंडेंसी पर ध्यान देते हुए शासन से लेकर जिलों तक सुशासन पर ध्यान दिया जायेगा। जिलों के कार्य जिलों में ही हों तथा जिलों के कार्य अनावश्यक रूप से शासन को सन्दर्भित न किया जाये, इसके सख्त निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें प्रदेश के हर क्षेत्र की समस्याओं की जानकारी है। हर उत्तराखण्डी के चेहरे पर मुस्कान लाना उनका उद्देश्य रहेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी जी का प्रदेश के प्रति भावनात्मक लगाव है। राज्य की समस्याओं से वे विज्ञ हैं। राज्य के विकास में उनका मार्गदर्शन निरन्तर हमें प्राप्त हो रहा है।