लंदन दौरे से लौटे मुख्यमंत्री धामी के स्वागत के लिए पहुंचे मंत्री अग्रवाल, सतपाल, उनियाल आर्य

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का लंदन दौरे के बाद देहरादून पहुंचने पर कैबिनेट मंत्रियों सतपाल महाराज, प्रेमचंद अग्रवाल, गणेश जोशी, सुबोध उनियाल तथा रेखा आर्या द्वारा उनका स्वागत किया गया। राज्य में निवेश को तेजी से बढ़ावा देने के लिए लंदन और बर्मिंघम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुए रोड शो और बैठकों में 12 हजार 05 सौ करोड़ से अधिक के प्रस्तावों पर सहमति बनने पर सभी ने मुख्यमंत्री के प्रयासों की सराहना करते हुए उनका आभार व्यक्त किया।

कैबिनेट मंत्रियों ने मुख्यमंत्री के ब्रिटेन दौरे को निवेश की दृष्टि से राज्य की आर्थिकी को मजबूत करने वाला बताया। मुख्यमंत्री के यू.के. भ्रमण से वहां के उद्यमियों के साथ ही प्रवासी उत्तराखंड वासियों द्वारा राज्य में निवेश के लिये की गई पहल निश्चित रूप से मुख्यमंत्री की अन्य देशों के प्रस्तावित दौरे तथा देश के प्रमुख शहरों में आयोजित होने वाले रोड शो में भी राज्य के प्रति और अधिक निवेशक आकर्षित होंगे। ये प्रयास माह दिसंबर में होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 2.50 लाख करोड़ के निवेश के लक्ष्यों को प्राप्त करने में भी मददगार होंगे।

उन्होंने प्रवासी उत्तराखंड वासियों और उत्तराखंड सरकार के बीच बेहतर सामंजस्य स्थापित करने तथा उनके निवेश प्रस्तावों पर त्वरित कार्यवाही करने के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय में एक उत्तराखण्ड अप्रवासी सेल बनाये जाने के मुख्यमंत्री के निर्णय की भी सराहना की है। सभी मंत्रीगणों का मानना है कि मुख्यमंत्री द्वारा राज्यहित में की गई पहल निश्चित रूप से राज्य के पर्यटन तथा उद्योगों को भी गति प्रदान करने वाला होगा। इससे राज्य के युवाओं को रोजगार के अवसर तो उपलब्ध होंगे ही साथ ही प्रदेश की आर्थिकी को भी नया संबल प्राप्त होगा।

ज्ञातव्य है कि मुख्यमंत्री द्वारा फ्रांस के पोमा ग्रुप के साथ हुई बैठक में उत्तराखंड के पर्यटन क्षेत्रों और सुदूर क्षेत्रों को रोपवे द्वारा जोड़ने तथा जन परिवहन की दृष्टि से इस माध्यम को प्रयोग में लाने के लिये 02 हजार करोड़ रुपए का करार किया गया। पोमा ग्रुप द्वारा राज्य में देश का पहला रोपवे मैन्युफैक्चरिंग पार्क विकसित किए जाने के संदर्भ में संभावनाएं तलाशने हेतु कार्य करने का भी प्रस्ताव दिया गया। उसके बाद इंग्लैंड में स्थित भारतीय दूतावास में पर्यटन क्षेत्र की विभिन्न गतिविधियों में शामिल लोगों के साथ बैठक में उत्तराखंड में पर्यटन गतिविधियों में तेजी लाने हेतु कार्ययोजना पर मंथन किया गया तथा उन्हें प्रदेश की नई पर्यटन नीति के संबंध में जानकारी दी गई।

यही नही उत्तराखंड में विभिन्न स्थानों पर केबल कार परिवहन व्यवस्था विकसित करने तथा औली, दयारा बुग्याल और मुनस्यारी में शीतकालीन खेलों को बढ़ावा देने हेतु विंटर स्पोर्ट्स डेस्टिनेशन विकसित किए जाने हेतु सहमति जताते हुए अमेरिका के के.एन. ग्रुप के साथ 4800 करोड़ रुपए का निवेश करार किया गया। ब्रिटिश पार्लियामेंट के लार्ड मेयर तथा बर्मिंघम विश्वविद्यालय के कुलपति बिली मोरया के साथ हुई बैठक में उत्तराखंड में शिक्षा के क्षेत्र में निवेश की संभावनाओं के विषय में चर्चा की गई। तथा उत्तराखंड में एक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस विकसित किए जाने हेतु सहमति जताई गई। उत्तराखण्ड में निवेश हेतु विभिन्न कंपनियों के 80 डेलिगेशनों के साथ ही सघन बैठक (लंदन रोड शो) में लगभग 1250 करोड़ रूपये के प्रस्तावों पर हस्ताक्षर किये गये।

मुख्यमंत्री द्वारा ब्रिटेन के बर्मिंघम शहर में आयोजित, उत्तराखंड में निवेश हेतु विभिन्न कंपनियों के 250 डेलिगेशनों के साथ हुई सघन बैठक (बर्मिघम रोड शो) में लगभग 1500 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्तावों पर हस्ताक्षर किए गए। तथा ब्रिटेन में कार्यरत विभिन्न उद्योग समूहों के साथ हुई बैठक में पर्यटन एवं विनिर्माण क्षेत्रों में हुए करार के अंर्तगत 3300 करोड़ रुपए के अनुबंध पत्रों पर हस्ताक्षर किए गए।

10 भूतपूर्व सैनिक संगठनों को दिए आर्थिक सहायता के चेक

सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने पूर्व सैनिक संगठनों के साथ बैठक कर उपनल के सीएसआर मद से प्रदेश के 10 भूतपूर्व सैनिक संगठनों को पूर्व सैनिक एवं उनके आश्रितों के कल्याण के लिए आर्थिक सहायता के चेक वितरित किये।

इस अवसर पर सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा हमारे विभिन्न पूर्व सैनिक संगठनो द्वारा अपने क्षेत्र में मेडिकल केम्प लगाकर जन सेवा की जाती है। सिविल प्रशासन से मिलाप कर सैनिको की समस्याओं का समाधान कराया जाता है। सैनिको के आश्रितों की पेंशन इत्यादि सस्याओं के लिये विभिन्न रिर्काड कार्यालयों से संपर्क स्थापित कर सुलझाया जाता है। मंत्री ने कहा देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल मार्गदर्शन और उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में शहीदों और उनके आश्रितों के उत्थान और उनके कल्याण के लिए अनेक योजनाएं संचालित की जा रही है। मंत्री ने कहा राज्य सरकार ने शहीद सैनिक के परिवार के एक सदस्य को रोजगार दिए जाने के क्रम में शहीद सैनिक के 24 आश्रितों को सेवायोजित किया जा चुका है। उन्होंने कहा वीरता पदक धारकों को देय राशि सम्मान राशि में बढ़ोतरी की गई है। पूर्व सैनिकों एवं उनके आश्रितों के लिए आईटीडीए के माध्यम से एक वर्षीय कम्प्यूटर संचालित किया जा रहा है।

सैनिक कल्याण मंत्री ने कहा कि शहीद सैनिकों के आश्रितों के लिए छात्रावास का निर्माण कुमाऊ मंडल के जनपद नैनीताल के हल्द्वानी में शहीद सैनिकों भूतपूर्व सैनिकों के आश्रितो के लिए 150 बेड के छात्रावास का निर्माण किये जाने को मजूरी के साथ – साथ सैनिक विश्राम गृहों का जीर्णाेधार किया जा रहा है। उन्होंने कहा दूरस्थ क्षेत्रों में पूर्व सैनिकों को कैंटीन का सामान लेने में कोई असुविधा न हो, इसके लिए कैंटीन का निमार्ण पूर्व सैनिकों की सुविधा अनुसार और भौगोलिक दृष्टि को देखते हुए किया जा रहा है, ताकि कैंटीन में समान लेते वक्त पूर्व सैनिकों कोई असुविधा न हो। मंत्री ने कहा देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जहां सीमा पर खड़े जवान की चिंता करते है, वहीं दूसरी ओर किसान की भी चिंता करते हैं उन्होंने कहा पीएम मोदी ने देश का मान विश्व के पटल पर पहुंचाने का काम किया है। मंत्री ने कहा सैनिकों के सम्मान और उनके कल्याण के लिए राज्य सरकार द्वारा अनेक योजनाएं संचालित की जा रही है। मंत्री ने कहा शीघ्र ही कुमाऊं में एक जो प्रतिभावान युवा सेना में जाना चाहता है उनके लिए कुमाऊं में एक कोचिंग संस्थान खोला जाएगा। उन्होंने कहा प्रदेश सरकार सैनिकों और उनके आश्रितों के उत्थान के लिए संकल्पबद्ध है।

प्रदेश के इन 10 पूर्व सैनिक संगठनों के अध्यक्षों को सहायता राशि की गई प्रदान

1. उत्तराखंड पूर्व सैनिक एवं पूर्व सैनिक संगठन, देहरादून।
2. अध्यक्ष एक्स सरविसैज लीग बिन्दुखत्ता, नैनीताल।
3. प्रसाद विहार वेलफियर मैन्टीनेन्स सोसाइटी, रुड़की।
4. पीबीओआर पूर्व सैनिक वेलफेयर एसोसिएशन, देहरादून।
5. उत्तराखंड पूर्व सैनिक एवं अर्धसैनिक संगठन, डोईवाला, देहरादून।
6. उत्तराखंड पूर्व सैनिक एवं अर्धसैनिक संयुक्त समिति, देहरादून।
7. राठ पूर्व सैनिक जन कल्याण समिति, पौड़ी गढ़वाल।
8. देवभूमि पूर्व सैनिक कल्याण समिति, हरिद्वार।
9. एक्स सर्विसमैन वेलफेयर कमिटी जोहड़ी गाँव, देहरादून।
10. अमर शहीद सैनिक सेवा समिति, सवाड, चमोली

इस अवसर पर उपनल के चेयरमैन मेजर जनरल सम्मी सबरवाल, प्रबन्ध निदेशक ब्रिगेडियर जेएनएस बिष्ट, निदेशक ब्रिगेडियर अमृत लाल सहित विभिन्न पूर्व सैनिक सगठनों के पदाधिकारी उपस्थित रहे।

किसानों को फल प्रजाति का चयन करने के लिए पूर्ण स्वतन्त्रता प्रदान की जायः गणेश जोशी

उत्तराखण्ड में जैविक खेती एवं सेब की सघन बागवानी को बढावा देने के उद्देश्य से एक दिवसीय कृषक गोष्ठी का उद्घाटन सुबे के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया।
गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कहा कि किसानों ने अल्प सूचना के बाद भी प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों से बढ़-चढ़कर प्रतिभाग किया गया है, इसके लिए वह सभी किसानों का आभार प्रकट करते हैं। मंत्री द्वारा बताया गया कि सरकार का उद्देश्य है कि कृषकों की मांगानुसार ही नवीनतम प्रजाति की उच्च गुणवत्तायुक्त पौध रोपण सामग्री उपलब्ध करायी जायेगी। प्रदेश में खराब होने वाले फलों का सदुपयोग कर अन्य प्रदेशों यथा- गोवा की भॉति फू्रट वाईन बनाकर एक तरफ किसानों को हो रही हानि से बचाने एवं दूसरी ओर प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा देने पर भी अध्ययन किया जा रहा है। उन्होंने किसानों द्वारा की गयी मांग के दृष्टिगत प्रदेश में फलों को संरक्षित करने के लिए कोल्ड चौन की आवश्यकता को स्वीकार करते हुए इस सम्बन्ध में एक स्थान पर अत्यधिक उत्पादन होने पर भी कोल्ड स्टोरेज की उपयोगिता पर बल दिया। कृषि मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को निम्नानुसार निर्देश दिये गयेः-
 किसानों को फल प्रजाति का चयन करने के लिए पूर्ण स्वतन्त्रता प्रदान की जाय।
 कोरोगेटेड बॉक्स की गुणवत्ता में और सुधार किया जाय एवं समय पर किसानों की आवश्यकतानुसार वितरण सुनिश्चित किया जाय, जिससे अन्य राज्यों से आयात रोका जा सके।
 किसानों द्वारा की गयी मांग के अनुसार राजसहायता में वृद्धि पर विचार किया जाय।
 स्थानीय स्तर पर छोटी-छोटी प्रसंस्करण इकाईयॉ स्थापित कर कृषकों को उनके बाजार में बिक्री अयोग्य उत्पाद का भी उचित मूल्य प्रदान कराया जाय।
 गढ़वाल एवं कुमाऊ मण्डल में 02-02 रिफरवैन की व्यवस्था की जाय ताकि कृषकों के उत्पादों की सुगमतापूर्वक विपणन व्यवस्था सुनिश्चित हो सके।
 प्रदेश के कृषकों के औद्यानिक उत्पादों (फल व सब्जी) को संरक्षित रखने के लिए हरियाणा के सोनीपत में 5000 मै0टन की भण्डारण क्षमता का भण्डारगृह किराये पर शीघ्र लिया जायेगा, जिससे प्रदेश के कृषक बाजार की मांग के अनुसार अपने उत्पादों की बिक्री कर अधिकाधिक लाभ प्राप्त कर सकें।
 विभागीय कार्मिकों को तकनीकी संस्थानों में एवं प्रदेश के किसानों को दूरस्थ क्षेत्रों में जाकर स्थानीय स्तर पर प्रशिक्षित करने हेतु कार्यक्रम किये जायें।
 जनपद उत्तरकाशी के हर्षिल में उत्पादित सेब को विशेष पहचान दिलाने हेतु पृथक से सेब के कोरोगेटेड बॉक्स वितरित किये जायें।
 प्रदेश में पौध रोपण सामग्री का उत्पादन कर रही राजकीय एवं व्यक्तिगत पौधशालाओं से शतप्रतिशत फल पौध वितरण के उपरान्त ही कृषकों की शेष मांग की पूर्ति हेतु राज्य के बाहर की पौधशालाओं से आपूर्ति पर विचार किया जाय। साथ ही प्रदेश की राजकीय पौधशालाओं में पौध रोपण सामग्री के लक्ष्यों में वृद्धि करने के निर्देश दिये गये।
 किसानों की समस्याओं के त्वरित समाधान हेतु कॉल सेन्टर की स्थापना तत्काल करायी जाय, जिससे कृषकों की समस्याओं का समाधान हो सके। साथ ही प्रदेश का स्प्रे-सिड्यूल तथा वर्षभर की औद्यानिक गतिविधियों का कैलेण्डर तैयार कर वृहद स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाय।
 कृषकों को विभिन्न औद्यानिक निवेशोें की आपूर्ति समय पर सुनिश्चित करायी जाय।
 कृषकों के उत्पादों की विपणन समस्या को दूर करने के लिए उत्तराखण्ड औद्यानिक परिषद को मजबूती प्रदान की जाय।
 अन्य फलों को भी प्रोत्साहित करने के लिए इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन समय-समय पर किया जाय।

कृषि सचिव दीपेन्द्र चौधरी द्वारा अपने भाषण में कार्यक्रम की रूप रेखा पर विस्तृत रूप से प्रकाश डालते हुए बताया गया कि कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री के निर्देशानुसार राज्य में सेब की अति सघन बागवानी को बढ़ावा देने हेतु गोविन्द बल्लभ पन्त कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पन्तनगर, केन्द्रीय शीतोष्ण बागवानी संस्थान व जम्मू-कश्मीर आदि के विशेषज्ञों के साथ-साथ विभिन्न स्टेक होल्डर्स के सहयोग से सेब की अति सघन बागवानी नीति का ड्राफ्ट तैयार किया गया है। इस नीति को अन्तिम रूप देने हेतु कृषि मंत्री के निर्देशानुसार कृषकों/सेब उत्पादकों के महत्वपूर्ण सुझावों का समावेश किये जाने हेतु आज इस गोष्ठी का आयोजन किया गया है। सचिव ने आशा जतायी कि आज की संगोष्ठी में प्राप्त सुझावों के समावेश से सेब की अति सघन बागवानी नीति आवश्यक सुधार कर प्रदेश में सफलतापूर्वक सेब के गुणवत्तायुक्त उत्पादन में वृद्धि की जा सकेगी।
विभाग के महानिदेशक रणवीर सिंह चौहान द्वारा कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज के प्रस्तुतिकरण में मात्र योजना के मुख्य बिन्दुओं पर ही प्रकाश डाला गया है, किन्तु किसानों के सुझावों को सुनने के बाद यह स्पष्ट हुआ है कि उनकी 90 प्रतिशत से अधिक समस्याओं का समाधान योजना के विस्तृत विवरण में समाहित किया गया है। उन्होंने किसानों द्वारा दिये गये महत्वपूर्ण सुझावों का स्वागत करते हुए कहा कि आज महत्वपूर्ण सुझाव दिये गये हैं एवं यह सभी सुझाव उद्यान विभाग अपने सरमाथे पर लेता है तथा उनके आधार पर किसानों की समस्याओं के समाधान हेतु तत्पर है। विभाग द्वारा विभिन्न समस्याओं के समाधान हेतु अपने स्तर से प्रभावी कार्यवाही की जा रही है, किन्तु थोड़ा समय अवश्य लगेगा। महानिदेशक ने कहा कि विभाग प्रदेश में सेब के गुणवत्तायुक्त उत्पादन हेतु निरन्तर प्रयासरत है, किन्तु साथ ही आने वाले उत्पादन के विपणन के लिए भी पूर्ण रूप से चिन्ता कर रहा है, जिससे उत्पादन बढ़ने पर विपणन की समुचित व्यवस्था की जा सके। इस हेतु शीघ्र ही मार्केटिंग पॉलीसी भी लायी जायेगी। उत्तराखण्ड राज्य के किसान व विभाग स्वयं में सक्षम हैं, हम मिलकर साथ-साथ काम करते हुए अपनी कमजोरी को ही अपनी ताकत बनायेंगे। महानिदेशक महोदय ने उद्यानपतियों को सजग करते हुए कहा कि नवीन बागान स्थापना करते हुए प्रजाति का चुनाव तकनीकी विशेषज्ञों के सुझाव एवं स्थानीय कृषि जलवायु की अनुकूलता के अनुसार ही किया जाय, अन्यथा की स्थिति में हानि की सम्भावना बनी रहती है। महानिदेशक महोदय ने समस्त उद्यानपतियों को आश्वस्त किया कि विभाग उनके लिए है एवं उनके द्वारा प्रस्तुत समस्याओं एवं सुझावों के अनुसार कार्य करने के लिए प्रयासरत है।
कार्यक्रम में पूर्व राज्यमंत्री नारायण सिंह राणा, पदम्श्री प्रेम चन्द्र शर्मा, प्रताप सिंह रावत, मण्डी परिषद के प्रबंध निदेशक आशीष भटगई, उद्वान विभाग के अपर निदेशक डा0 आर0के0 सिंह, डा0 रतन कुमार, डा0 सुरेश राम, डा0 बृजेश गुप्ता, महेन्द्रपाल, नरेन्द्र यादव, रजनीश सिंह, डा0 रोहित बिष्ट, मुख्य उद्यान अधिकारी डा0 मीनाक्षी जोशी, तेजपाल सिंह, डी0के0 तिवारी, प्रभाकर सिंह, राजेश तिवारी, आर0के0 सिंह, रामस्वरूप वर्मा, सतीश शर्मा उपस्थित रहे।

सैनिक कल्याण निदेशालय में विभागीय अधिकारियों के साथ मंत्री जोशी ने की समीक्षा

सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने आज सैनिक कल्याण निदेशालय में सैनिक कल्याण विभाग की समीक्षा बैठक की। बैठक में प्रदेश के सभी जिलों के जिला सैनिक कल्याण अधिकारी भी वर्चुअल माध्यम से जुड़े।

बैठक में सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने प्रदेश के विभिन्न जनपदों से वर्चुअल माध्यम से जुड़े अधिकारियों से जिले में सैनिकों के कल्याण के लिए संचालित योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त की। इस दौरान मंत्री ने वर्चुअल माध्यम से जुड़े जिले सैनिक कल्याण अधिकारियों की जनपद में आ रही समस्याओं को भी रखा जिसपर मंत्री ने मौके पर कई समस्याओं का निस्तारण भी किया।

बैठक में अधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया कि शहीद सैनिक के परिवार के एक सदस्य को रोजगार दिए जाने के क्रम में शहीद सैनिक के 24 आश्रितों को सेवायोजित किया जा चुका है। द्वितीय विश्व युद्ध अनुदान विगत वित्तीय वर्ष में कुल 567 पात्रों को रू 10,000.00 की दर से रू० 74001 लाख का द्वितीय विश्व युद्ध अनुदान प्रदान किया गया। वीरता पदक धारकों को देय राशि सम्मान राशि में विगत वर्ष में 1242 पात्रों को रू.1079.55 लाख की धनराशि का भुगतान किया गया है।गैर वीरता पदक धारकों को देय राशि सम्मान राशि में विगत वर्ष में 22 पात्रों को रू. 21.31 लाख की धनराशि का भुगतान किया गया है। पूर्व सैनिकों एवं उनके आश्रितों के लिए आईटीडीए के माध्यम से एक वर्षीय कम्प्यूटर संचालित किया जा रहा है जिसमें 352 प्रक्षण प्राप्त कर रहे है।

मंत्री ने शहीद सैनिकों के आश्रितों के लिए छात्रावास का निर्माण कुमाऊ मंडल के जनपद नैनीताल के हल्द्वानी में शहीद सैनिकों / भूतपूर्व सैनिकों के आश्रितो के लिए 150 बेड के छात्रावास का निर्माण किये जाने को मजूरी दी गयी है और चिन्हिकरण का कार्य गतिमान है। बैठक में मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि प्रदेश में जिन सैनिक विश्राम गृहों की स्थिति दयनीय है उनका शीघ्र जीर्णाेधार किया जाए। मंत्री ने कहा सैनिक विश्राम गृहों के लिए 25 करोड़ रुपए की अलग से व्यवस्था की गई है। मंत्री ने कहा उत्तराखंड की भौगोलिक स्थिति अलग है जिसके दृष्टिगत अधिकारियों को यह सुनिश्चित किया गया है दूरस्थ क्षेत्रों में पूर्व सैनिकों को कैंटीन का सामान लेने में कोई असुविधा न हो इसके लिए कैंटीन का निमार्ण पूर्व सैनिकों की सुविधा अनुसार और भौगोलिक दृष्टि को देखते हुए किया जाए। ताकि कैंटीन में समान लेते वक्त पूर्व सैनिकों कोई असुविधा न हो।

मंत्री ने कहा शीघ्र ही डोईवाला में कैंटीन का निर्माण भी किया जाएगा। मंत्री ने अधिकारियों को खटीमा में कैंटीन के निर्माण कार्य को शीघ्र किए जाए। उन्होंने अधिकारियों को सैनिक विश्राम गृहों शहीद द्वारों के निर्माण कार्यों को शीघ्र कार्य शुरू करने तथा शासन से संबंधित कार्यों को भी सुनियोजित तरीके से पूर्ण करने के निर्देश दिए। मंत्री ने अधिकारियों को सैन्य धाम के निर्माण कार्य को तय समय सीमा के भीतर पूर्ण करने के भी निर्देश दिए। मंत्री ने अधिकारियों को पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों के लिए चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं के प्रचार प्रसार करने के भी निर्देश दिए।

इस अवसर पर सचिव दीपेंद्र चौधरी, निदेशक ब्रिगेडियर अमृत लाल अपर सचिव धर्म सत्तू सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

मंत्री गणेश जोशी ने मंडियों द्वारा किये गए कार्यों की ली जानकारी

कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी से मंडी परिषद के प्रबंध निदेशक आशीष भटगांई ने भेंट की। इस अवसर पर मंत्री गणेश जोशी ने मंडी द्वारा अब तक किए जा रहे कार्यों की जानकारी भी प्राप्त की। मंत्री जोशी ने मंडियों को हाईटेक बनाने की संभावनाओं जैसे विभिन्न विषयों पर विस्तार से चर्चा कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

मंत्री जोशी ने कहा किसानों को कहीं भटकना न पड़े इसके लिए एक छत के नीचे सभी मंडियों को हाईटेक रूप में विकसित किया जाए। साथ ही मंत्री गणेश जोशी ने मंडी अधिकारियों को किसानों के सुविधानुसार मंडी में सुनयोजित ढंग से कार्य करने के भी निर्देश दिए। इसके अलावा मंत्री गणेश जोशी ने थोक बाजारों के प्रबंधन में व्यावसायिकता लाने और कृषि विपणन में निवेश को प्रोत्साहित करने पर ध्यान केंद्रित करने को भी निर्देशित किया।
मंत्री जोशी ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना के अनुसार प्रदेश में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में सरकार किसानों के लिए अनेक जन कल्याणकारी योजनाएं संचालित की है। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि किसान को उसकी उपज का सही दाम मिले इसके लिए निरंतर प्रयास किए जाएं।

सेब, खुमानी, आडू, प्लम, नाशपाती, अखरोट, कीवी आदि प्रजातियों के पौधे निशुल्क होंगे वितरित

कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि सरकार के विजन-2025 के अन्तर्गत बागवानी फसलों का उत्पादन दोगुना किये जाने के लिए कृषकों को अधिक से अधिक फलदार पौधों का वितरण कर लक्ष्य को पूर्ण किया जा सकता है और हमने राजकीय पौधालयों में उत्पादित समस्त शीतकालीन फल पौधों को कृषकों के प्रक्षेत्र में रोपण किये जाने के लिए निःशुल्क वितरित किये जाने का निर्णय लिया गया है। विदित हो कि सरकार द्वारा शीतकालीन पौंधों का निशुल्क वितरण प्रदेश में पहली बार किया जा रहा है।

मंत्री ने बताया कि राज्य में स्थापित 93 राजकीय उद्यानों या पौधालयों में मौसम वर्षाकालीन एवं शीतकालीन में विभिन्न प्रकार की फल पौध रोपण सामग्री उत्पादित की जाती है। राजकीय उद्यानों में शीतकाल में मुख्य रूप से सेब, खुमानी, आडू, प्लम, नाशपाती, अखरोट, कीवी आदि प्रजातियों के पौधे तैयार किये जाते हैं। इस वर्ष शीतकालीन में लगभग 2.60 लाख फल पौधे राजकीय उद्यानों में उपलब्ध हैं, जिनका वितरण प्रदेश भर में निशुल्क किया जाऐगा। मंत्री ने कहा कि प्रदेश की बागवानी को एक नई ऊँचाई प्रदान कर सरकार के विजन-2025 तक बागवानी के उत्पादन को दोगुना करने के लक्ष्य को सफल बनाने में सभी का सहयोग अपेक्षित है। मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में सरकार का संकल्प है कि जब राज्य निर्माण की रजत जयंती होगी, तब हमारा राज्य देश के अग्रणी राज्यों में होगा। मंत्री ने कहा कि पिछले दिनों हमने आम नागरिकों और औद्योनिक क्षेत्र में कार्य कर रहे कृषिकों के साथ चर्चा कर प्रदेश में बागवानी फसलों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए अहम निर्णय लिये। जहां पहले सिर्फ कुछ ही वरायटी के लिए परमिशन दी जाती थी, वहीं अब एम-7, एम-9, एमएम-106 एवं एमएम-111, सीडलिंग रुटस्टाक में से जो भी बागवान को ठीक लगे, उसे वह अपने बगीचें में लगा सकता है।

विदित हो कि इस सम्बन्ध में शासन द्वारा दिनांक 16 जनवरी, 2023 को शासनादेश निर्गत किया चुका है। राज्य के समस्त कृषक या बागवान एवं इच्छुक व्यक्ति अपने प्रक्षेत्र पर फलदार पौधों के रोपण के लिए अपने जनपद में स्थापित उद्यान सचल दल केन्द्र/मुख्य उद्यान अधिकारी कार्यालय से सम्पर्क कर निःशुल्क फल पौध प्राप्त कर रोपण कर सकते हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार, अल्मोड़ा में 76 हजार, बागेश्वर में 7 हजार, पिथौरागढ़ में 18 हजार, चम्पावत में 14 हजार, नैनीताल में 25 हजार, चमोली में 10 हजार, पौड़ी में 15 हजार, कोटद्वार में 9 हजार, उत्तरकाशी में 51 हजार, टिहरी में 10 हजार एवं देहरादून 7 हजार पौंधे राजकीय पौंधालयों में शीतकालीन फल उपलब्ध हैं।

मंत्री जोशी ने अधिकारियों को राजस्व विभाग के साथ समन्वय बनाकर विसंगतियों को शीघ्र दूर करने के दिए निर्देश

कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की समीक्षा बैठक की। इस बैठक में प्रदेश के सभी जिलों के कृषि अधिकारी वर्चुअल माध्यम से जुड़े।

बैठक में कृषि मंत्री जोशी ने किसान सम्मान निधि में जिन किसानों की ईकेवाईसी होनी शेष है उनकी जल्द से जल्द सभी औपचारिकताएं पूर्ण करने के मंत्री जोशी ने अधिकारियों को निर्देश दिए। कृषि मंत्री जोशी ने जिला कृषि अधिकारियों से वर्चुअल माध्यम से वार्ता कर किसानों की ईकेवाईसी संबंधित औपचारिकताओं के बारे में विस्तार से जानकारी ली।

कृषि मंत्री गणेश जोशी ने अधिकारियों को राजस्व विभाग से आ रही दिक्कतों को एक सप्ताह के भीतर दूर करने के सख्त निर्देश दिए। मंत्री ने किसान सम्मान निधि में राजस्व विभाग से आ रही विसंगतियों को दूर करने के लिए अपर सचिव को प्रदेश के सभी डीएम को पत्र भेजने के निर्देश दिए। इसके साथ ही मंत्री जोशी ने सभी जिले के कृषि अधिकारियों को जिलाधिकारी के संपर्क में रहने और पटवारी को शामिल कर राजस्व से आ रही समस्या को शीघ्र समाधान करने के सख्त निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि समीक्षा के बाद यह ज्ञात हुआ कि तहसील स्तर पर सत्यापन के कार्य न हो पाने से किसानों को दिक़्क़त हो रही है। मंत्री ने कृषि विभाग के अधिकारियो को निर्देशित किया कि न्यायपंचायत स्तर के कर्मचारियों को गाँव-गाँव जाकर किसान सम्मान निधि के पात्र व्यक्तियों का सत्यापन करे।

मंत्री जोशी ने कहा कि पूरे प्रदेश भर में किसानों को मिलने वाली किसान सम्मान निधि में अब तक 84ः किसान ईकेवाईसी की औपचारिकताएं पूर्ण कर चुके हैं। मंत्री ने कहा पिछले वर्ष सेल्फ रजिस्ट्रेशन में 1 लाख 43 हजार 266 केस पेंडिंग थे, जो अब मात्र 32 हजार केस पेंडिंग है। मंत्री ने भरोसा जताते हुए कहा कि राजस्व विभाग की सक्रियता से अब 1 सप्ताह के भीतर सभी कार्य पूर्ण कर दिए जायेंगे।

मंत्री जोशी ने कहा कि जहां देश के प्रधानमंत्री किसानों की चिंता कर रहे हैं, वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री खुद किसानों की की आय दोगुनी करने के संकल्प को पूर्ण करने के लिये प्रयत्नशील हैं। उन्होंने कहा मैं कृषि मंत्री होने के नाते लगातार इसकी मॉनिटरिंग कर रहा हूं और जो शेष कार्य है और वह शीघ्र ही पूर्ण कर लिए जाएंगे।

बैठक में अपर सचिव रणवीर सिंह चौहान, अपर निदेशक केसी पाठक सहित सभी जिलो के मुख्य कृषि अधिकारी उपस्थित रहे।

पहाड़ी उत्पाद मुंडवा, रामदाना, झंगोरा पर प्रदेश सरकार का विशेष फोकस हैः गणेश जोशी

कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कृषि एवं उद्यान विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक में सचिव वी. बी.आरसी पुरुषोत्तम अपर सचिव रणवीर सिंह चौहान उद्यान निदेशक एचएस बवेजा कृषि निदेशक गौरीशंकर सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

मंत्री जोशी ने अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। मंत्री जोशी ने प्रदेश में उद्यान के गार्डनों को होल्टीकल्चर टूरिज्म के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए। मंत्री जोशी रायवाला में गौहरीमाफी स्थित राजकीय उद्यान गंगालहरी में सेंटर फॉर एक्सीलेंस में फ्लोरी कल्चर के प्रोजेक्ट को 6 माह के भीतर धरातल पर तैयार करने के अधिकारियों निर्देश दिए। बैठक में मंत्री जोशी ने कृषि सचिव से लेकर विभाग के निदेशक को माह के 10 दिन फ़ील्ड में भ्रमण कर कार्य करने के भी निर्देश दिए। बैठक में धनोल्टी में होल्टीकल्चर टूरिज्म के रूप में विकसित करने पर भी विचार विमर्श किया गया।

बैठक में सेब की पेटियां किसानों को सही समय पर ओर अच्छी क्वालिटी की पेटी किसानों को मिले इसके लिए मंत्री ने अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने कहा अगली बार सेब बागवानों को सेब की पेटी के लिए बाहर न जाना पड़े इसके लिए अभी से तैयारी की जाए।बैठक में मंत्री जोशी ने कहा कि 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिलेट्स ईयर घोषित किया है।

मंत्री ने कहा मिलेट्स कि आज अधिक डिमांड है उन्होंने अधिकारियों को सुनिश्चित किया है कि सरकार का पहाड़ी उत्पाद जैसे मुंडवा, रामदाना, झंगोरा पर विशेष फोकस है। मंत्री जोशी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने फैसला लिया है कि राशन की दुकान में जो गरीबों को राशन दिया जाता है उसमें 1 किलो मंडवा भी दिया जाएगा। इसी प्रकार मिड डे मील, आंगनवाड़ी में मोटे अनाज को भेजेंगे ताकि इसकी खपत बढ़े किसानों जो पैदावार पैदा करता है। उसको उचित दाम मिले इसके लिए मोबाइल वैन के जरिए किसान के खेत में जाकर उसकी उपज को खरीदें।

ताकि जो बीच में पैसा व्यापारी को मिलता है उसकी जगह सीधा लाभ किसान को मिले। मंत्री जोशी ने कहा इससे हमारे जो मिलेट्स है उसके उत्पाद में बढ़ावा होगा। इसके अलावा मंत्री जोशी ने जनवरी में जो क्रॉप्स लगाए जा रहे हैं वह उच्च गुणवत्ता युक्त क्रॉप्स हो। इसके साथ ही मंत्री जोशी ने अधिकारियों को मिलेट्स का अधिक से अधिक प्रचार प्रसार करने पर भी जोर दिया। इसके साथ ही मंत्री जोशी ने 25 दिसंबर से विभाग द्वारा रूप गार्डनिग के कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर भी अधिकारियों को समय पर सभी तैयारियां पूर्ण करने के निर्देश दिए।

सचिव वी. बी.आरसी पुरुषोत्तम अपर सचिव रणवीर सिंह चौहान उद्यान निदेशक एचएस बवेजा कृषि निदेशक गौरीशंकर सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषि मंत्री ने पतंजलि के साथ की बैठक

उत्तराखण्ड में जैविक कृषि को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रदेश के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने पतंजलि योगपीठ के आचार्य बाल कृष्ण और प्रदेश सरकार के कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की।

बैठक में कृषि से संबंधित समस्याओं और उनके निदान में पतंजलि की भूमिका एवं सहयोग पर चर्चा की गई। बैठक में जैविक कृषि को बढ़ाने पर जोर दिया गया। आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि जैविक कृषि के क्षेत्र में हमने काफी अग्रणी कार्य किया किन्तु उत्तराखण्ड में अभी और सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पतंजलि जैविक प्रमाणीकरण के लिए मान्यता प्राप्त है तथा पहली ऐसी संस्था है जिसने जैविक कृषि प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया। ज्यादा उत्पादन के लालच में किसान परंपरागत कृषि को छोड़कर रसायनों की ओर चला गया।

कृषि मंत्री गणेश जोशी प्रदेश में पतंजलि एग्रीकल्चर और हॉर्टिकल्चर के क्षेत्र में बेहतर कार्य कर रहे हैं, मंत्री जोशी ने कहा कि पतंजलि का संस्थान सौभाग्य से हमारे प्रदेश में है तो किस तरीके से हम पतंजलि के साथ मिलकर प्रदेश में एग्रीकल्चर और हॉर्टिकल्चर के क्षेत्र में क्या बेहतर कर सकते हैं, बैठक में इस पर भी चर्चा की गई। मंत्री जोशी ने कहा कि पतंजलि को दो तीन राज्यों में पायलट प्रोजेक्ट पर कार्य कर रहें है। मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि अगले 8 से 10 दिनों के भीतर एक विभागीय बैठक की जाएगी और जिसके बाद हम विचार विमर्श कर पतंजलि का अनुभव और उनका सहयोग लिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जो सपना है किसानों की आय दोगुनी करनी है, उसको हम पूरा करेंगे। साथ ही प्रदेश में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का भी लगातार एग्रीकल्चर और हॉर्टिकल्चर पर विशेष फोकस है। मंत्री जोशी ने कहा कि प्रदेश में हमारे जितने भी गार्डन है, उसको हम हॉर्टिकल्चर टूरिज्म के रूप में विकसित करने जा रहे हैं। बैठक में इस बारे में भी चर्चा की गई और निश्चित तौर पर इस प्रयास के सार्थक कदम निकल कर आएंगे।

इस अवसर पर आचार्य बाल कृष्ण, कृषि सचिव बी.वी.आरसी.पुरुषोत्तम, कृषि निदेशक गौरशंकर, निदेशक उद्यान हरमिंदर सिंह बवेजा सहित कई लोग उपस्थित रहे।

सीएम ने नेपाली मूल के पूर्व सैनिकों की समस्याओं के समाधान का दिया आश्वासन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का मसूरी विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत नया गांव में क्षेत्र की जनता द्वारा आयोजित आभार एवं अभिनन्दन समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या मे आये क्षेत्र वासियों का अभिनन्दन करते हुए मुख्यमंत्री ने क्षेत्र की पेयजल की समस्या के समाधान के साथ ही नेपाल मूल के पूर्व सैनिकों की समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में प्रदेश की जनता ने इस बार चुनाव में इतिहास बनाया है। 5 वर्ष बाद सरकार बदलने के मिथक को तोडा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विकास के लिये हमने जो भी वायदे किये हैं उन्हें पूर्ण करने का हमारा प्रयास निरन्तर जारी है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कुशल मार्गदर्शन में हम प्रदेश को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करने के लिये प्रयासरत है। प्रदेश में सड़कों की स्थिति बेहतर हुई है। चारधाम सड़क परियोजना, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन निर्माण के साथ ही हवाई सेवा के विस्तार तथा केदारनाथ एवं बद्रीनाथ मन्दिरों के कायाकल्प का कार्य किया जा रहा है। पिछले 5 सालों में राज्य के विकास के लिये केन्द्र सरकार द्वारा 1 लाख करोड़ की धनराशि स्वीकृत की है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की केदारनाथ के प्रति गहरी आस्था है। उनके मार्गदर्शन में भव्य केदारपूरी का निर्माण अन्तिम चरण में है। बद्रीनाथ का भी सौन्दर्यीकरण का कार्य शुरू कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार सरलीकरण समाधान एवं निस्तारण के मंत्र के साथ कार्य कर रही है, राज्य को भ्रष्टाचार से मुक्त करने के लिये 1064 एप लांच किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हर क्षेत्र में कार्य सुचारू रूप से चले। इस दौरान कोई परिवार भूखा नहीं रहा। उन्होंने कहा कि जनता जनार्दन के आशीर्वाद से उन्हें जनता की सेवा करने का पुनः मौका मिला है। हमारे वादे के अनुसार हम यूनिफॉर्म सिविल कोड जल्द ही उत्तराखंड में लागू करेंगे। तथा माताओं तथा बहिनो को 1 वर्ष में 3 मुफ्त सिलेंडर देने पर कार्य करेंगे।

उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में सैनिक पृष्ठभूमि के लोगों की अधिकता है। वन रैंक वन पेंशन के साथ ही सैनिकों की समस्या के समाधान एवं उनका मनोबल बढ़ाने का कार्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया गया है। कश्मीर से धारा 370 हटाने, राम मन्दिर निर्माण, भव्य काशी विश्वनाथ केरीडोर निर्माण का कार्य भी प्रधानमंत्री मोदी की मजबूत इच्छाशक्ति व कार्यशैली का परिणाम है।
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने भी क्षेत्रीय जनता का आभार जताया। कार्यक्रम की अध्यक्षता से.नि. कर्नल डी.के.प्रधान ने की। कार्यक्रम में संयोजक ज्योति कोटिया, अध्यक्ष महिला मोर्चा शहीद दुर्गामल नगर मण्डल ने आभार जताया।