टापू में फंसे आठ लोगों को जल पुलिस ने कड़ी मशक्कत से बचाया

मुनिकीरेती में आठ लोगों की जान तब आफत में आ गई, जब गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से सभी टापू में फंस गए। मौके पर चीख पुकार मच गई। गनीमत रही कि जल पुलिस के जवानों से समय रहते राफ्ट से रेस्क्यू अभियान चलाया और सभी को सुरक्षित बाहर निकाला।

दरअसल, अलग-अलग क्षेत्रों के आठ लोग जिनमें सिमरन निवासी रायवाला, सलीना राणा, कनू क्षेत्री दोनों निवासी डोईवाला, विवेक थापा निवासी मियांवाला, देवेंद्र, महेन्द्र दोनों निवासी गुड़गांव, बीरबल सिंह, हर्ष दोनों निवासी शीशमझाड़ी दोपहर दो बजे करीब जानकी सेतु के समीप गंगा नदी में बने टापू पर पहुंचे। सभी घूमने में व्यस्त रहे, तभी अचानक करीब दो बजकर 35 मिनट पर गंगा का जलस्तर अचानक बढ़ गया। जलस्तर बढ़ने के बाद मौके पर चीख पुकार मच गई। तभी जल पुलिस के जवानों ने राफ्ट से अभियान चलाया और काफी मशक्कत करने के बाद सभी को सुरक्षित बाहर निकाला।

जल पुलिस के जवानों में उत्तम सिंह, सुनील रावत, मनोज बिष्ट और शिवम सिंह शामिल रहे।

जिला गंगा सुरक्षा समिति की हुई वर्चुअल बैठक, पौराणिक नदियों को नाला कहना गलत


जनपद में नमामि गंगे कार्यों की समीक्षा एवं सम्बंधित कार्यों की प्रगति हेतु गठित जिला गंगा सुरक्षा समिति देहरादून की 36 वीं बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सम्पन्न हुई। इससे पूर्व में सम्पन्न हुई बैठकों में जिलाधिकारी देहरादून द्वारा दिये गए निर्देशों पर कृत कार्यवाही तथा वर्तमान में संचालित कार्यक्रमों की समीक्षा करते हुए मुख्य विकास अधिकारी निकिता खंडेलवाल द्वारा विभागवार निर्देश दिए। बैठक में जिला गंगा सुरक्षा समिति के नामित सदस्य पर्यावरण विद विनोद जुगलान ने तीर्थ नगरी ऋषिकेश में पौराणिक रम्भा एवं सरस्वती नदियों को नमामि गंगे परियोजना में नाला शब्द प्रयोग किये जाने पर आस्था पर चोट पहुंचने का मामला उठाया था। जिसके प्रत्योत्तर में उपजिलाधिकारी ऋषिकेश वरुण चैधरी ने बैठक की अध्यक्षता कर रही मुख्य विकास अधिकारी को स्पष्ट किया कि पूर्व में जिलाधिकारी महोदय द्वारा दिये गए निर्देश के अनुपालन में 1938 से पूर्व के भूअभिलेखों की जाँच में पाया गया है कि उक्त नदियों के लिए किसी भी स्थान पर नाला शब्द का प्रयोग नहीं किया गया है। नमामि गंगे योजना में त्रुटिवश पौराणिक नदियों को नाला कह कर संबोधित किया गया है। जो कि महज एक भूल है। इसलिए भविष्य में भी इन पौराणिक नदियों को नदियों के नाम से ही जाना जाएगा।

गौरतलब है कि पर्यावरणविद विनोद जुगलान द्वारा इन नदियों के संरक्षण संवर्धन को स्थानीय प्रशासन के माध्यम से प्रधानमंत्री के नाम पत्र भी प्रेषित किया गया था,जिसका संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार द्वारा एसपीएमजी उत्तराखंड को पत्र लिखकर संज्ञान लेने के निर्देश पूर्व में दिए जा चुके हैं। इसके अतिरिक्त समिति के नामित सदस्य द्वारा गंगा नदी के तटीय क्षेत्र में मृतपशुओं के निस्तारण का मामला भी उठाया गया। साथ ही ऋषिकेश वन क्षेत्र अंतर्गत 15 हेक्टेयर प्लांटेशन के निकट ग्राम सभा खड़क माफ की खाली पड़ी 10 एकड़ भूमि पर बर्ड टूरिज्म विकसित करने का सुझाव दिया गया। उन्होंने कहा कि इससे न केवल पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी बल्कि स्थानीय स्तर पर युवाओं को नेचर गाईड के रूप में रोजगार के अवसर और सरकार और पंचायत सहित ग्रामीणों को राजस्व की प्राप्ति भी होगी।

मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि उनका सुझाव नोट कर लिया गया है और अगली बैठक में इस पर विस्तृत चर्चा की जाएगी। नगर निगम ऋषिकेश के सहायक नगर आयुक्त ऐलम दास ने बताया कि त्रिवेणी घाट पर गंगा अवलोकन केंद्र की स्थापना के लिए टिन शेड का निर्माण कराया जा रहा है और दिव्यांगों की गंगा तक पहुंच के लिए रैम्प की सुविधा की गई है। इसके अतिरिक्त पेयजल, जल संस्थान, प्रदूषण नियंत्रण विभाग, वनविभाग के कार्यों की प्रगति पर चर्चा की गई।

गंगा में डूब रहे एक युवक को बचाने के चक्कर में दूसरा युवक भी डूबा

ऋषिकेश में होली के दिन पिकनिक मनाना दिल्ली और जम्मू कश्मीर के दो युवकों को भारी पड़ गया। जबकि एक युवती सहित अन्य युवक को एक विदेशी नागरिक ने सकुशल बचा लिया है। वहीं, सूचना पाकर पुलिस भी मौके पर पहुंची और गंगा में लापता हुए दोनों युवकों की तलाश को रेस्क्यू अभियान चलाया।

चौकी इंचार्ज तपोवन विनोद कुमार ने बताया कि मंगलवार को होली के दिन दिल्ली से एक युवक मिलन पौडल मूल निवासी नेपाल, हाल जामिया मीलिया इस्लामिया कॉलेज दिल्ली से अपनी सहपाठी के साथ तपोवन नीम बीच पहुंचे। वहीं, दूसरी ओर, जम्मू-कश्मीर थाना रियासी शिवनगर निकट महादेव मंदिर निवासी कौशिक तुषार पुत्र प्रभुदयाल अपने मित्र साहिल के साथ नीम बीच पहुंचे।

सुबह करीब साढ़े 10 बजे मिलन पौडल नीम बीच के समीप गंगा में बने एक टापू से दूसरे टापू पर जाने की कोशिश करने लगा। इसी बीच उसका पैर फिसला और वह गंगा में डूबने लगा। उसे डूबता देख पास बैठे कौशिक तुषार ने उसे बचाने की कोशिश की। मगर, वह भी गंगा में डूबने लगे। दोनों को डूबता देख मिलन पौडल के साथ पहुंची युवती और कौशिक तुषार के साथ आए युवक साहिल कुमार भी उन्हें बचाने के लिए गंगा में उतर गए।

मगर, वह दोनों भी डूबने लगे। तभी दूसरे टापू पर बैठे जर्मनी निवासी क्रिश्चन रोसेनथाल ने गंगा में छलांग लगाकर युवती और साहिल को सकुशल बाहर निकाल लिया। उधर, सूचना पाकर पुलिस भी मौके पर पहुंची और देर शाम तक गंगा में रेस्क्यू अभियान चलाया। मगर, सफलता नहीं लग पाई।

मातृसदन के परमाध्यक्ष ने की केंद्र सरकार से मांग, कुंभ क्षेत्र को केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया जाए

केंद्र सरकार कुंभ क्षेत्र को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करें। तभी गंगा और कुंभ क्षेत्र को खनन माफियाओं से बचाया जा सकता है। यह बात मातृसदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती ने प्रेसवार्ता के दौरान कही।

स्वामी शिवानंद सरस्वती ने कहा कि राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन की ओर से स्पष्ट आदेश हैं कि गंगा और उसकी सहायक नदियों में किसी तरह का खनन नहीं किया जाएगा। लेकिन हरिद्वार से सटे लालढांग क्षेत्र में गंगा की सहायक नदियों में वन विकास निगम की ओर से खनन का काम शुरू करा दिया गया है। इससे साफ है कि गंगा और कुंभ क्षेत्र की प्रदेश सरकार को जरा भी चिंता नहीं है।

स्वामी शिवानंद सरस्वती का कहना है कि वह इस बारे में जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजेंगे। इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी भी दी है कि अगर सरकार ने गंगा और सहायक नदियों में खनन पर रोक नहीं लगाई तो मातृसदन की ओर से अनशन शुरू कर दिया जाएगा।

रोते हुए लड़की ने गंगा में छलांग लगाई

ऋषिकेश गंगा बिहार साईं घाट के समीप एक युवती ने गंगा में छलांग लगा दी। जल पुलिस ने युवती की तलाश की, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चल सका। यह घटना रक्षाबंधन के दिन दोपहर करीब 11.30 बजे की है। लड़की का नाम पता नहीं हो पाया है। एसएसआई हेमंत खंडूरी ने बताया कि युवती की उम्र करीब 21 वर्ष है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार युवती काफी रो रही थी। पहले उसने साईं घाट मंदिर के पास गंगा में कूदने का प्रयास किया। एक महात्मा ने उसे रोका तो वह वहां से चली गई। बाद में साईं घाट से आगे जाकर उसने गंगा में छलांग लगा दी। वह पीली टी-शर्ट और सफेद लोअर पहने हुए थी। गंगा नदी काफी उफान में होने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन ज्यादा लंबा नहीं चलाया जा सका। पुलिस युवती की तलाश गंगा नदी के किनारे बैराज तक कर रही है।