पर्यटकों का स्वागत करेंगे लाटा-लाटी, इंस्ट्राग्राम में बड़ी संख्या में है फॉलोवर

उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) में ‘लाटा-लाटी’ पर्यटकों का स्वागत करेंगे। साथ ही यहां पहुंचने वाले पर्यटकों को पहाड़ी संस्कृति से भी रूबरू कराएंगे। इसके अलावा ‘लाटा-लाटी’ राज्य के विभिन्न पर्यटक स्थलों का भी प्रचार करेंगे। जी हां
लाटी किरदार लाकर लोगों के बीच चर्चाओं में आईं कंचन जदली अब पर्यटन विभाग के लिए भी कार्टून बनाएंगी। पहाड़ी कार्टून चित्रों और गुदगुदाती पंचलाइन से कंचन ने लोगों को अपनी बोली-भाषा से जुड़े रहने के लिए प्रेरित किया है। कंचन की इस कला ने सोशल मीडिया पर खूब धमाल मचाया है। जिसके बाद कंचन की लाटी आर्ट का सहारा कई विभाग अपनी योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए ले रहे हैं।
इसी कड़ी में अब पर्यटन विभाग के गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) ने कंचन की लाटी आर्ट के माध्यम से पर्यटकों को उत्तराखंड की संस्कृति दिखाने का निर्णय लिया है। राज्य के पर्यटन स्थलों का भी लाटी के जरिए प्रचार-प्रसार किए जाने की तैयारी है।
कचंन को पर्यटन विभाग की ओर से इस संबंध में पत्र मिला है, जिसमें जीएमवीएन व शौचालयों में लाटी आर्ट का उपयोग किए जाने की बात कही गई। इससे पूर्व कंचन की लाटी आर्ट के जरिए समाज कल्याण विभाग ने नशामुक्ति के खिलाफ अभियान चलाया था। महिला एवं बाल कल्याण विभाग की ओर से भी कंचन की लाटी आर्ट का सहयोग लिया गया।
लाटी आर्ट की कंचन जदली ने कहा मैं कुछ समय पहले ही कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज से मिली थी और उन्हें मेरी आर्ट और आइडिया पसंद आया है। अपनी आर्ट के जरिए मैं अपने राज्य की संस्कृति को बढ़ाना चाहती हूं और मुझे लगता है कि पर्यटन व संस्कृति को बढ़ावा देने वाले हर विचार या व्यक्ति को सरकार का सहयोग दे रही है। सोशल मीडिया पर लाटी छाई हुई है। कंचन द्वारा मौसम, ईगास, फूलदेई और हरेला से जुड़े लाटी आर्ट बनाए गए हैं। बीते दिनों ईगास पर बनाई लाटी आर्ट भी खूब वायरल हुई थी। इंस्ट्राग्राम पर 15 हजार से ज्यादा लोग लाटी को फॉलो करते हैं।

अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सवः सात दिवसीय महोत्सव का आज हुआ शुभारंभ

उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद व गढ़वाल मंडल विकास निगम द्वारा संयुक्त रुप से आयोजित 29वें सात दिवसीय अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव का शुभारंभ हो गया। गंगा रिसोर्ट मुनिकीरेती में आयोजित महोत्सव का शुभारंभ कृषि मंत्री सुबोध उनियाल, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी, पतंजलि योगपीठ के आचार्य बालकृष्ण ने विधिवत रूप से वेद मंत्रों के बीच दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया।

कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि मुनिकीरेती व ऋषिकेश ऋषि मुनियों की भूमि होने के कारण योगनगरी के रूप में विश्व विख्यात जननी भी है। योग का महत्व मनुष्य के अन्दर की बुराइयों को समाप्त कर, अच्छी गतिविधियों को संचालित करना है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योग को दुनिया में प्रचारित किया है, उसका संदेश भी दुनियाभर में जाएगा।

पतंजलि योगपीठ के आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि कोरोना काल में योग का काफी महत्वपूर्ण स्थान रहा है। निरंतर योग करने से कोई भी बीमारी नहीं आती है। योग प्रवचन या कथा नहीं, बल्कि प्रयोगात्मक कला है। जिसको करने से कोई भी बीमारी नजदीक तक नहीं आती है। उन्होंने कहा कि दुनिया की किसी भी दवाई में बीमारी का निदान नहीं है, उसका निदान तो योग में ही है। योग और आयुर्वेद से दुनिया में जीवन के प्रति जागृति लाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जो लोग योग कर रहे थे, उसे किसी भी प्रकार की बीमारी नहीं हुई और जो योग नहीं कर रहे थे वह आज भी अवसाद की जिन्दगी में जी रहे हैं।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी ने बताया कि योग की असली परिभाषा आत्मा का परमात्मा से मिलन करवाना है। योग समाधि की ओर भी ले जाता है। जिसको करने के लिए अपनी दिनचर्या में परिवर्तन करने की आवश्यकता है। गढ़वाल मंडल विकास निगम के अध्यक्ष महावीर सिंह रांगड ने कहा कि योग हमारी प्राचीन सभ्यता है। जिसके प्रचार प्रसार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काफी योगदान रहा है। जिसके कारण आज देश ही नहीं दुनिया में योग के प्रति लोगों की जिज्ञासा बढ़ी है। ऋषिकेश व मुनिकीरेती योगनगरी के रूप में विश्व में विख्यात हुई है। उनहोंने कहा कि आज योग सप्ताह में जो योगी प्रतिभाग कर रहे हैं, वह यहां से योग सीख कर पूरी दुनिया में इसका प्रचार-प्रसार करें।

गढ़वाल मंडल के प्रबंध निदेशक डॉ आशीष चैहान ने बताया कि भारत सरकार व राज्य सरकार की कोरोना संक्रमण की गाइडलाइन का पालन करते हुए सभी कक्षा व्यवस्थाएं की गई है। जिसके चलते अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में इस वर्ष 350 से अधिक साधकों ने अपना पंजीकरण कराया। जिसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर के टीवी कार्यक्रम मास्टर शेफ विजेता पंकज भदोरिया भी शामिल हो रहे हैं। जिनकी देखरेख में साधकों को हेल्दी खाना भी परोसा जाएगा। इसी के साथ फूड प्रतियोगिता भी आयोजित की जाएगी। इस दौरान उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा योग के साथ धोती नीति का प्रदर्शन भी किया गया।

इस मौके पर गढ़वाल मंडल विकास निगम के उपाध्यक्ष कृष्ण कुमार सिंघल, नगर पालिका मुनिकीरेती के अध्यक्ष रोशन रतूड़ी, दर्जाधारी राज्यमंत्री करण वोहरा, विवेक चैहान अपर निदेशक, उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद, गुरु गोपाल दास, स्वामी परमात्मानंद, ऊषा माता, योगी सिद्धार्थ, ग्रैंडमास्टर अक्षर, समाजसेवी बच्चन पोखरियाल, ऋषिकेश मंडी परिषद के अध्यक्ष विनोद कुकरेती, पुष्पा बर्थवाल, स्वामी आत्मा स्वरूप, भाजपा नेता चंद्रवीर पोखरियाल आदि मौजूद रहे।

निवेश के लिए उत्तराखंड सबसे उपयुक्त राज्य, तेजी से बढ़ रही उत्तराखंड की अर्थव्यवस्थाः त्रिवेन्द्र रावत

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बैंगलोर में आयोजित आठवें इनवेस्ट नाॅर्थ कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए उत्तराखण्ड में निवेश के लिए उद्यमियों को आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में सेवा क्षेत्र विशेष तौर पर पर्यटन, बायो टेक्नोलाॅजी, नवीकरणीय ऊर्जा, फिल्म शूटिंग व सूचना प्रौद्योगिकी में निवेश की काफी सम्भावनाएं हैं। उत्तराखण्ड सरकार, निवेशकों को आवश्यक सुविधायें प्रदान करने के लिए तत्पर है। गत दो वर्षों राज्य में निवेश के लिए सुनियोजित प्रयास किए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य तेजी से निवेश के लिये मुख्य गंतव्य स्थल के रूप में विकसित हुआ है। यह देश की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। राज्य सरकार ने डीपीआईआईटी और विश्व बैंक द्वारा प्रस्तावित विभिन्न व्यावसायिक सुधार किए हैं। पर्वतीय राज्यों द्वारा किए गए व्यापार सुधारों के मामले में उत्तराखण्ड अग्रणी है। लाॅजिस्टिक बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए अनेक बुनियादी अवसंरचनात्मक परियोजनाएं प्रारम्भ की हैं। राज्य में निर्यात को बढ़ावा देने के लिए आईसीडी और एलसीएस की स्थापना की गई हैं। आल वेदर रोड़ व जौलीग्रांट एयरपोर्ट की क्षमता विस्तार का काम प्रगति पर है। केन्द्र सरकार द्वारा प्रस्तावित अमृतसर-कोलकाता इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर से उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड में स्थित उद्योगों को लाॅजिस्टिक्स के लिए सुगमता होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में अक्टूबर, 2018 में प्रथम इन्वेस्टर्स समिट ‘‘डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड’’ का आयोजन किया गया था, जिसमें देश व विदेश के 4000 से अधिक प्रतिनिधियों, निवेशकों, उद्योगपतियों ने प्रतिभाग किया था। शिखर सम्मेलन के दौरान 600 से अधिक निवेशकों के साथ विभिन्न क्षेत्रों में पूंजी निवेश के लिए रू. 1,24,000 करोड़ (एक लाख चैबिस हजार करोड़) से अधिक के प्रस्तावों के एमओयू किये गये। इन एमओयू के क्रियान्वयन के लिए ठोस पहल की गई है। इन्वेस्टर्स समिट के बाद के 10 माह में लगभग रू. 17 हजार करोड़ से अधिक के पूंजी निवेश के प्रस्तावों की ग्राउण्डिंग की जा चुकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य का ध्यान ऐसी परियोजनाओं पर भी केंद्रित है, जिससे राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों के निवासियों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराकर उनकी आर्थिकी को मजबूत किया जा सके। पाइन निडिल से ऊर्जा उत्पादन इनमें से एक है, जिससे पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों को रोजगार के अवसर सुलभ हो सकें। राज्य सरकार ने अब तक 20 परियोजनाआं की स्थापना के लिए विकासकर्ताओं का चयन किया है, जो लगभग 675 किलोवाट की बिजली उत्पादन कर सकेंगे और आने वाले समय में इस परियोजना की क्षमता को 5 मेगावाट तक बढ़ाये जाने की योजना है।

मुख्यमंत्री ने राज्य में पर्यटन के क्षेत्र में निवेश की सम्भावनाओं के बारे में बताते हुए कहा कि उत्तराखण्ड भारत के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये नयी पर्यटन नीति-2018 लागू की गयी है, जिसका मुख्य उद्देश्य रिवर्स माइग्रेशन को सुगम बनाने, ग्रामीण पर्यटन को प्रोत्साहित करने और पारिस्थितिक पर्यटन, वैलनेस व साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देना है। राज्य के प्रत्येक जनपद में एक नया थीम बेस्ड डेस्टिनेशन विकसित किया जा रहा है। राज्य में पर्यटक रोप-वे निर्माण की व्यापक सम्भावनायें हैं, जिनमें से कुछ चिन्हित परियोजनायें देहरादून-मसूरी, जानकी चट्टी-यमुनोत्री, गोविन्दघाट-हेमकुण्ड साहिब, भैरव गढ़ी, देव का डाण्डा, बिनसर प्रमुख हैं। हाल ही में देहरादून को मसूरी से जोड़ने वाले रोप-वे प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया गया है, जिससे सड़क मार्ग से यात्रा मंे लगने वाला समय एक घण्टा तीस मिनट से घटकर केवल 15-20 मिनट हो जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा 66 वें राष्ट्रीय फिल्म फेयर अवाड्र्स में उत्तराखण्ड का चयन मोस्ट फिल्म फेंडली स्टेट के लिए किया गया है। राज्य सरकार की फिल्म नीति के कारण ही पिछले वर्ष 180 से अधिक फिल्मों की शूटिंग राज्य में की गईं, जो एक समर्पित क्षेत्र नीति का ही परिणाम है। उत्तराखण्ड, सूचना प्रौद्योगिकी एवं समर्थित सेवाओं के क्षेत्र के विकास पर भी अपना ध्यान केंद्रित कर रहा है और इस क्षेत्र के लिए राज्य सरकार ने आवश्यक बुनियादी ढांचे के विकास के लिए विशेष पहल की है। राज्य ने अपनी सूचना प्रौद्योगिकी नीति को अधिसूचित कर दिया है। इस अवसर पर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने भी सम्बोधित किया।