उत्तराखंड में रक्षा क्षेत्र की संभावनाओं पर सीएम से चर्चा

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुख्यमंत्री आवास में डीआरडीओ के चेयरमैन डॉक्टर सतीश रेड्डी ने मुलाकात की। इस दौरान उत्तराखंड में रक्षा क्षेत्र की संभावनाओं पर चर्चा हुई। हाल में भारत सरकार ने रक्षा क्षेत्र में 101 रक्षा उपकरणों के विदेशी आयात पर रोक लगाने का फैसला किया है, ऐसे में उत्तराखंड में रक्षा से जुड़े उद्योगों को बढ़ावा देने पर चर्चा हुई।
इस दौरान डीआरडीओ की लैब को उत्तराखंड में उद्योगों से जोड़ने एवं सीमांत इलाकों में खेती किसानी से जोड़ने पर भी चर्चा हुई। प्रदेश के युवाओं को डीआरडीओ में प्रशिक्षण देने एवं इंजीनियरिंग के छात्रों को डीआरडीओ की देहरादून स्थित आईआरडीए समेत कई लैब में इंटर्नशिप कराने पर भी सहमति बनी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के औद्योगिक सलाहकार डॉ. के. एस. पवार एवं डीआरडीओ प्रमुख के प्रौद्यागिक सलाहकार संजीव जोशी भी उपस्थित थे।

वेबिनार के जरिए सीएम ने पीएचडी चौंबर ऑफ कॉमर्स व अन्य विषय पर विशेषज्ञों से की चर्चा

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कौशल विकास विभाग के सहयोग से पीएचडी चौंबर ऑफ कामर्स द्वारा तैयार की गई स्किल स्टडी रिपोर्ट का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने वेबिनार के माध्यम से पीएचडी चौम्बर ऑफ कॉमर्स के पदाधिकारियों एवं विषय विशेषज्ञों से कौशल विकास से सम्बन्धित विषयों पर चर्चा की। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्रदेश की विशेष भौगोलिक परिस्थिति के अनुसार राज्य के युवाओं को विलुप्त हो रहे पारम्परिक कलाओं एवं कौशल के क्षेत्र में अधिक दक्ष बनाये जाने की जरूरत है। राज्य में जैविक कृषि, काष्ठ कला, पारम्परिक आभूषण, योगा एवं आयुर्वेद, मधुमक्खी पालन, बांस व रिंगाल के उत्पाद, मशरूम एवं पुष्प खेती के क्षेत्र में भी युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वरोजगार के लिये प्रेरित किया जाए। मुख्यमंत्री ने पीएचडी चौम्बर ऑफ कामर्स द्वारा तैयार की गई कौशल विकास से सम्बन्धित स्किल स्टडी रिपोर्ट को राज्य के युवाओं एवं उद्योगों के हित में बताया है। उन्होंने कहा कि इस से उद्योगों के अनुकूल दक्ष मानव संसाधन की उपलब्धता एवं युवाओं को अपने को उद्योगों के अनुकूल दक्षता हासिल करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन आपसी विचारों, अनुभवों एवं आवश्यकताओं के नये आयामों पर चर्चा करने में भी मददगार होते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में हुए इन्वेस्टर समिट में देश के प्रमुख उद्यमियों ने प्रतिभाग किया। 1.25 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए थे, जिसमें से 24 हजार करोड़ की ग्राउन्डिंग अब तक हो चुकी है। यह हमारे छोटे राज्य के लिये बड़ी बात है। उत्तराखण्ड के देश व विदेशों में अधिकांश लोग होटल व्यवसाय से जुड़े हैं। प्रदेश में वापस लौटे लोगों की दक्षता का आकलन कर उन्हें स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने में पीएचडी चौम्बर ऑफ कामर्स सहयोगी बनें। यहां के परम्परागत उत्पादों को बढ़ावा मिले। हमारा प्रदेश आर्गेनिक प्रदेश बने। इसके लिये कौशल विकास के द्वारा युवाओं को दक्ष बनाना होगा। राज्य में मेडिकल, आयुर्वेद व हर्बल इंडस्ट्री को बढ़ावा देना होगा। उत्तराखण्ड आयुर्वेद के जनक चरक की भूमि है। संजीविनी का यह क्षेत्र है। 71 प्रतिशत वन तथा 28 प्रतिशत जैव विविधता यहां है। उन्होंने कहा कि हमारे युवाओं को रोजगार मिले तथा वे स्वरोजगार अपनायें, इसके लिये उन्हें प्रशिक्षण के साथ ही उचित मार्ग दर्शन दिये जाने की जरूरत है। उन्होंने भी विभिन्न क्षेत्रों में दक्षता विकास के आंकलन को प्रदेश के लिये उपयोगी बताया।

अपर सचिव एवं प्रोजेक्ट हेड उत्तराखण्ड स्किल मिशन डॉ. इकबाल अहमद ने कहा कि कोविड- 19 महामारी के दृष्टिगत राज्य में लौटे प्रवासियों को कौशल प्रशिक्षण तथा रोजगार-स्वरोजगार के तहत मई 2020 में राज्य सरकार द्वारा होप पोर्टल निर्मित किया गया है। इस पोर्टल पर अब तक 20,000 युवाओं द्वारा पंजीकरण कराया जा चुका है साथ ही नियोजकों द्वारा 2200 रिक्तियाँ भी पोर्टल पर अपलोड की गई है। विभाग द्वारा पोर्टल पर पंजीकृत युवाओं को रिक्तियों के सापेक्ष रोजगार के अवसरों से जोड़े जाने हेतु विभाग द्वारा निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं, जिस हेतु एक कॉल सेन्टर भी स्थापित किया गया है।