1000 करोड़ का उत्तराखंड सरकार से करार कर चुके महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने कहा होम इज वेयर द हार्ट इज

देहरादून। उत्तराखंड में दिसंबर में होने जा रहे इन्वेस्टर्स समिट को लेकर उद्योग जगत में उत्साह का माहौल है। पहले ही पहाड़ी राज्य में पर्यटन के क्षेत्र में 1000 करोड़ के निवेश का उत्तराखंड सरकार के साथ एमओयू साइन कर चुके महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने अब इसे लेकर एक्स पर अपनी राय जाहिर की है। उन्होंने लिखा है कि श्होम इज वेयर द हार्ट इज। दुनिया में हॉस्पिटैलिटी के क्षेत्र में भारत में सर्वाधिक अवसर हैं क्यूंकि इस समय घरेलू टूरिज्म बूम पर है।
उत्तराखंड सरकार की ओर से आगामी दिसंबर माह में इन्वेस्टर समिट का आयोजन प्रस्तावित है। इसके लिए उत्तराखंड सरकार ने ढाई लाख करोड़ के निवेश का लक्ष्य रखा है। बीते दिनों दिल्ली में हुए समिट के कर्टेन रेजर कार्यक्रम में देश के कई नामी उद्योग घरानों ने राज्य में निवेश की दिशा में कदम बढ़ाते हुए एमओयू पर हस्ताक्षर किये। हॉस्पिटैलिटी के क्षेत्र में अग्रणी महिंद्रा ग्रुप के द्वारा भी उत्तराखंड में 1000 करोड़ के निवेश के एमओयू किये गए। अब, महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने इसे लेकर एक्स पर अपनी राय साझा की है। उन्होंने लिखा दुनिया में भारत मे पर्यटन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं।
गौरतलब है कि उत्तराखंड सरकार (यूके) के साथ महिंद्रा ग्रुप ने 1000 करोड़ के निवेश के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। पहले से उत्तराखंड में अपने ग्रुप के रिसोर्ट संचालित कर रही अग्रणी कंपनी की योजना है कि आने वाले दिनों में 4-5 बड़े रिसॉर्ट्स का निर्माण उत्तराखंड के अलग अलग क्षेत्रों में किया जाए। कंपनी का कहना है कि यह देश के किसी भी राज्य में ग्रुप द्वारा किया गया सबसे बड़ा निवेश होगा।

मुख्यमंत्री आवास से मौखिक निर्देश के लिए अधिकारी नियुक्त

मुख्यमंत्री सचिवालय अथवा आवास कार्यालय से आकस्मिकता एवं अपरिहार्य परिस्थितियों में दूरभाष या मौखिक रूप से दिए जाने वाले निर्देशों हेतु अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। इसके लिए अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की ओर से आदेश जारी किए गए हैं।

मुख्यमंत्री सचिवालय अथवा आवास कार्यालय से किसी भी प्रकार के निर्देश- अनुदेश सामान्यतः लिखित रूप से प्रसारित किए जाते हैं। अपरिहार्य परिस्थितियों में एवं आकस्मिकता की स्थिति में उक्त कार्यालयों से मुख्यमंत्री के किसी भी निर्देश को दूरभाष के माध्यम से या मौखिक रूप से अवगत कराए जाने की आवश्यकता पड़ने पर, इस हेतु अपर मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त जिन अधिकारियों/महानुभावों को प्राधिकृत किये जाने के निर्देश हैं, इनमें सचिव, मुख्यमंत्री, उत्तराखण्ड शासन, अपर सचिव, मुख्यमंत्री, उत्तराखण्ड शासन, दिवस अधिकारी ( जिस तिथि/दिवस को दिवस अधिकारी के रूप में दायित्वों का निवर्हन किया जा रहा हो। ) तथा मुख्यमंत्री द्वारा प्राधिकृत अन्य सामाजिक व्यक्ति (जिसके सम्बन्ध में पृथक से अवगत कराया जाएगा।)

824 बहनों को नवरात्रि के प्रथम दिन मिली स्वास्थ्य कार्यकर्ता के रूप में नियुक्ति

नवसंवत्सर और चौत्र नवरात्रि के अवसर पर प्रदेश की 824 बहनों को स्वास्थ्य कार्यकर्ता के रूप में विभिन्न जनपदों में नियुक्ति पत्र प्रदान किये गये। मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 187 एएनएम को नियुक्ति पत्र प्रदान किये। नारी शक्ति उत्सव के तहत आयोजित इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, ग्राम्य विकास एवं कृषि मंत्री गणेश जोशी एवं परिवहन मंत्री चंदन राम दास भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चयनित सभी एएनएम को बधाई देते हुए कहा कि हमारी इन बहनों को जन सेवा करने का भगवान ने सुनहरा अवसर दिया है, जन सेवा करने से इनको जो संतुष्टि मिलेगी एवं लोगों का जो आशीर्वाद मिलेगा उससे इनका जीवन पूर्णतः सफल होगा। प्रदेश के सुदूर गांवों में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिले इसके लिए इन महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को ग्रामीण क्षेत्रों में नियुक्ति प्रदान की जा रही है। प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के साथ-साथ गर्भवती महिलाओं व शिशुओं की भी देखभाल करने की इन पर जिम्मेदारी होगी। स्वास्थ्य कार्यकर्ता बहनें अपने क्षेत्र के उपकेन्द्र के आस-पास की आबादी को उपचार प्रदान करने की जिम्मेदारी का निर्वहन करेंगी। प्रसूती माताओं को सहयोग करने के साथ-साथ गर्भावस्था की जाँच, पंजीकरण सहित नवजात शिशु की देखभाल आदि कार्यों में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका हमारी एएनएम निभाती हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार मातृ शक्ति को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की दिशा में लगातार प्रयास कर रही हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश मातृ शक्ति के जीवन में कल्याणकारी परिवर्तन लाने और उनके भविष्य को उत्कृष्ट बनाने के लिए दृढ़ संकल्पित है। राज्य में महिलाओं को 30 प्रतिक्षत क्षैतिज आरक्षण दिया जा रहा है। आज हमारी बहन-बेटियों ने हर क्षेत्र में अपना एक अलग स्थान बनाया है और प्रदेश का नाम रोशन किया है। उत्तराखंड को सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने का जो सरकार ने लक्ष्य रखा है, उसमें हमारी मातृशक्ति का सहयोग एवं आशीर्वाद जरूरी है। उत्तराखण्ड को देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए सभी विभागों द्वारा आगामी 10 साल के रोडमैप पर कार्य किया जा रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि आज जिन एएनएम को नियुक्ति दी गई हैं, ये सभी अगले पांच सालों तक प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों में सेवाएं देंगी। अब प्रदेश में 92 प्रतिशत एएनएम उपलब्ध हो गये हैं। जल्द ही मेडिकल कॉलेजों में 171 असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति की जा रही है। इससे अल्मोड़ा, श्रीनगर एवं हल्द्वानी में असिस्टेंट प्रोफेसर की कमी दूर हो जायेगी। जल्द ही 300 एमबीबीएस डॉक्टर पासआउट हो रहे हैं। उन्हें भी जल्द नियुक्ति पत्र दिये जायेंगे। राज्य सरकार का प्रयास है कि 2024 तक प्रदेश में शत प्रतिशत एमबीबीएस डॉक्टर की नियुक्ति हो जाए। स्वास्थ्य सुविधाओं को और मजबूत बनाने के लिए मुख्यमंत्री स्वास्थ्य चौपाल लगाये जायेंगे। इसके लिए पूरा रोस्टर बनाया जा रहा है।
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने सभी नवनियुक्त एएनएम को बधाई देते हुए कहा कि लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने में हमारी ये बहने महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जिस सेवा भाव से स्वास्थ्य कर्मियों ने अपनी जान की परवाह किये बिना लाखों लोगों की जान बचाई, इसके लिए वे साधुवाद के पात्र हैं। प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में एएनएम की नियुक्ति होने से, वहां लोगों को स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी राहत मिलेगी।
कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास ने कहा कि 2025 तक उत्तराखण्ड को अग्रणी बनाने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। युवाओं एवं मातृशक्ति को रोजगार एवं स्वरोजगार से जोड़ने में सतत प्रयास किये जा रहे हैं। सरकार का कल एक साल का कार्यकाल पूरा हो रहा है, इस दौरान जनहित में अनेक निर्णय लिये गये हैं। समाज के हर वर्ग को ध्यान में रखते हुए कार्य किये गये हैं।
इस अवसर पर कुलपति हे.न.ब. चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. हेमचंद्र पाण्डे, स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. विनीता शाह, प्राचार्य दून मेडिकल कॉलेज डॉ. आशुतोष सयाना, अपर सचिव स्वास्थ्य अमनदीप कौर एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

सीएम और राज्यपाल ने क्रिकेटर ऋषभ पंत की सहायता करने वालों को किया सम्मानित

गणतंत्र दिवस के अवसर पर परेड ग्राउंड देहरादून में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सड़क हादसे में घायल भारतीय क्रिकेटर ऋषभ पंत की सहायता करने वाले हरियाणा रोडवेज के चालक सुशील कुमार और परिचालक परमजीत नैन एवं अन्य दो युवकों नीशू एवं रजत को सम्मानित किया। हरियाणा रोडवेज के चालक सुशील कुमार की पत्नी एवं परिचालक परमजीत के पिताजी ने सम्मान ग्रहण किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की घोषणा के अंतर्गत सूचना विभाग की ओर से हरियाणा रोडवेज के दोनों चालक एवं परिचालक तथा दोनों युवकों निशु और रजत को 1-1 लाख रूपये की सम्मान राशि प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिन्ह (ब्रह्म कमल की अनुकृति) प्रदान की गई।

सीएम से मिलकर महिलाएं बोली, सरकारी नौकरियों में महिला आरक्षण ऐतिहासिक फैसला

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से महादेवी कन्या पाठशाला कालेज सोसाइटी के तत्वाधान में संस्था के अन्तर्गत संचालित समस्त संस्थाओं की प्रबन्ध समिति के पदाधिकारियों एवं शिक्षिकाओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने भेंट की। उन्होंने उत्तराखंड की सरकारी नौकरियों में राज्य की महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण का विधेयक उत्तराखंड विधानसभा से पारित करवाने के लिए अभिनंदन पत्र सौंप कर मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।

महादेवी कन्या पाठशाला कालेज के सचिव जितेन्द्र सिंह नेगी ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में उत्तराखंड सरकार ने राज्य में सरकारी नौकरियों को 30 प्रतिशत आरक्षण देकर एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है। इससे महिला सशक्तीकरण एवं महिला उत्थान का भी मार्ग प्रशस्त हुआ है।

इस अवसर पर महादेवी कन्या पाठशाला कालेज के प्रतिनिधिमण्डल में शासक सभा के सदस्य व पूर्व राज्य आंदोलनकारी रवीन्द्र जुगरान, प्रबन्ध समिति के पदाधिकारी प्रवीण कुमार जैन, शोभित मांगलिक, कुलदीप नेगी, महादेवी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालाजी की उपनिदेशिक गीता चौहान, विभागाध्यक्षा डा. भावना सिंधवानी, वन्दना चौधरी, सुमित कौर शक्ति सिंह बड़वाल, सुषमा गोयल, वरिष्ठ प्रवक्ता डा० सीमा रस्तोगी सम्मिलित थे।

परिवहन आयुक्त ने आटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन को लेकर पूर्ण जानकारी दी

परिवहन आयुक्त अरविन्द सिंह ह्याँकी द्वारा राज्य में स्थापित आटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन स्थापना के महत्व की परिकल्पना के संबंध में स्थिति स्पष्ट की गई है।
इस संबंध में परिवहन आयुक्त द्वारा इसकी स्थापना एवं परिकल्पना का उल्लेख करते हुए स्पष्ट किया है कि परिवहन यान का समय-समय पर फिटनेस टेस्ट आर.टी.ओ/ए.आर.टी.ओ. कार्यालयों में तैनात आर.आई. (टेक्निकल) के द्वारा भौतिक तरीके से करते हुए फिटनेस सर्टिफिकेट निर्गत किया जाता रहा है। इस पद्धति के अंतर्गत आर. आई. (टेक्निकल) की दक्षता के साथ-साथ परीक्षण सम्बन्धी उपयुक्त उपकरणों की अनुपलब्धता सम्बन्धी व्यावहारिक कठिनाइयां भी रही है। उन्होंने बताया कि देश एवं प्रदेश के अंतर्गत यात्रियों, वाहन चालक एवं वाहन की सुरक्षा के साथ-साथ प्रदूषण नियंत्रण भी नित्य प्रति एक चिंता का विषय बनता जा रहा है। इस दृष्टि से वाहन का सही-सही परीक्षण करने हेतु तकनीक का प्रयोग अपरिहार्य हो गया है। वाहन के फिटनेस परीक्षण को बेहतर एवं त्रुटिरहित बनाये जाने के निमित्त ही भारत सरकार द्वारा ऑटोमेटेड टेस्टिंग सेंटर्स की स्थापना की परिकल्पना तैयार की गई और इस निमित्त ऐसे केन्द्रों की स्थापना हेतु सभी राज्य सरकारों से प्रस्ताव आमंत्रित किये गये, जिसके क्रम में राज्य सरकार द्वारा दो स्थानों पर ऑटोमेटेड टेस्टिंग सेंटर्स की स्थापना का प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित किया गया। इसके अतिरिक्त निजी निवेश के माध्यम से भी ऐसे केन्द्रों की स्थापना हेतु दिनांक 23.09.2021 को दिशा-निर्देश निर्गत किये गये। भारत सरकार द्वारा निर्गत दिशा-निर्देशों में राज्य सरकारों के द्वारा अपने राज्यों में ऑटोमेटेड फिटनेस टेस्टिंग सेंटर्स की शीघ्र स्थापना की जानी थी। इस निमित्त भारत सरकार द्वारा समय-समय पर अनुश्रवण किया जाता रहा है।
परिवहन आयुक्त द्वारा यह भी स्पष्ट किया गया है कि भारत सरकार द्वारा फिटनेस टेस्टिंग की व्यवस्था को त्रुटिरहित बनाये जाने हेतु दिनांक 05.04.2022 को निर्गत अधिसूचना के माध्यम से जारी होने वाले परिवहन वाहनों के फिटनेस के प्रमाण पत्र का नवीनीकरण के संबंध में जो अवधि निर्धारित की गई है उसमें आठ साल तक के वाहनों के लिए दो साल और आठ साल से पुराने वाहनों के लिए एक साल की अवधि रखी गई है जबकि स्वचालित परीक्षण स्टेशन की मान्यता, विनियमन और नियंत्रण के लिए नियम 175 के अनुसार पंजीकृत स्वचालित परीक्षण स्टेशन के माध्यम से ही फिटनेस अनिवार्य रूप से की जाएगी। इस प्रकार 01 अप्रैल 2023 से प्रभावी भारी माल वाहनों/भारी यात्री मोटर वाहनों के लिए तथा मध्यम माल वाहनों/मध्यम यात्री मोटर वाहनों और हल्के मोटर वाहनों (परिवहन) के लिए 01 जून 2024 से यह व्यवस्था प्रभावी रहेगी। भारत सरकार द्वारा उक्तानुसार मोटर व्हीकल रूल में किये गये संशोधन के क्रम में राज्य सरकारों को संदर्भित नियम में निर्दिष्ट तिथि से पूर्व ऑटोमेटेड टेस्टिंग केन्द्रों की व्यवस्था करनी है।
उक्त पृष्ठभूमि में ही उत्तराखण्ड शासन द्वारा इस वर्ष जनपद ऊधमसिंहनगर तथा जनपद देहरादून में एक-एक ऑटोमेटेड फिटनेस टेस्टिंग सेंटर्स की स्थापना हेतु निजी व्यवसायियों को लाईसेंस दिया गया और उनके द्वारा भारत सरकार के मानकानुसार केन्द्र की स्थापना कर लिये जाने पर उन केन्द्रों में टेस्टिंग हेतु सम्बन्धित वाहन परिक्षेत्रों का चिन्हीकरण करते हुए तत्सम्बन्धी दिशा-निर्देश निर्गत किये गये।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि राज्य में टेस्टिंग स्टेशन की वर्तमान में उत्तराखण्ड राज्य में मात्र देहरादून एवं रुद्रपुर में ही निजी क्षेत्र में ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन की स्थापना की गई है जबकि अन्य जनपदों में वर्तमान में वाहनों की फिटनेस का कार्य पूर्ववत् परिवहन कार्यालयों में सम्पादित किया जाता रहेगा।
परिवहन आयुक्त द्वारा सभी जिलाधिकारियों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों एवं संभागीय परिवहन अधिकारियों को जारी पत्र में टेस्टिंग स्टेशन की स्थापना के विरोध में प्रस्तावित चक्का जाम के दृष्टिगत स्थानीय स्तर पर अतिआवश्यक सेवाओं के वाहनों का संचालन बाधित न हो, इस हेतु समुचित उपाय किये जाने तथा ऐसे वाहन स्वामी जो अपने वाहनों का संचालन करना चाहते हैं, उन्हें सुरक्षा प्रदान की जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि यूनियन के सदस्यों द्वारा जबरन वाहनों के संचालन में बाधा उत्पन्न न की जाए। साथ ही आवश्यकता पड़ने पर उत्तराखण्ड परिवहन निगम से समन्वय करते हुए स्थानीय स्तर पर वाहनों की व्यवस्था की जाए। स्थानीय परिवहन व्यवसायियों के साथ संवाद करते हुए योजना की सही जानकारी उपलब्ध कराये जाने तथा उन्हें चक्काजाम में सम्मिलित न होने के लिए प्रेरित किये जाने की अपेक्षा भी उन्होंने की है।

राज्य में प्रथम चरण में छह जनपदों में सरकार टीबी रोगियों की करेगी पहचान

प्रधानमंत्री टीबी उन्मूलन अभियान के अन्तर्गत प्रदेश में अब घर-घर जाकर टी0बी0 मरीज खोज कर उनका उपचार किया जायेगा। इसके लिए सभी जनपदों के मुख्य चिकित्साधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं। प्रथम चरण में सूबे के 6 जनपदों में एक्टिव टी0बी0 केस फाइन्डिग कैम्पेन चलाई जायेगी।

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डा0धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी एक बयान में बताया कि उत्तराखण्ड को वर्ष 2024 तक टी0बी0 मुक्त प्रदेश बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा भरसक प्रयास किये जा रहे हैं। इसी अभियान के तहत 21 नवम्बर 2022 से 20 दिसम्बर 2022 तक प्रदेश के 6 जनपदों में घर-घर जाकर टी0बी0 रोगियों की पहचान की जायेगी तथा इस अभियान के दौरान सामने आये एक्टिव टी0बी0 मरीजों का सम्बन्धित क्षेत्र के अस्पतालों के जरिये उपचार किया जायेगा। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री के आवाह्न पर पूरे देश में टी0बी0 उन्मूलन अभियान चलाया जा रहा है जिसके तहत भारत में वर्ष 2025 तक टी0बी0 उन्मूलन का लक्ष्य रखा गया है। इस सम्बन्ध में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को एन0एच0एम0 के माध्यम से दिशा-निर्देश जारी कर दिये गये हैं। अभियान के प्रथम चरण में जनपद अल्मोड़ा, बागेश्वर, नैनीताल, पिथौरागढ, ऊधमसिंहनगऱ तथा उत्तरकाशी में घर-घर जाकर टी0बी0 मरीजों की खोज की जायेगी। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि इस अभियान के तहत शहरी एवं ग्रामीण मलिन बस्तियों, संवेदनशील जनसंख्या वाले क्षेत्रों यथा एच0आई0बी0 एवं मधुमेह से ग्रसित रोगी, सब्जी एवं फल मण्डी निर्माणाधीन प्रोजेक्ट, ईट भट्टे, स्टोन क्रेशर, नदियों में चुगान करते मजदूरों, साप्ताहिक बाजार, अनाथालय, वृद्धाश्रम, नारी निकेतन, बाल संरक्षण गृह, मदरसा एवं कारागार में व्यापक जन-जागरूकता अभियान के साथ ही एक रणनीति के तहत टी0बी0 लक्षणों से ग्रसित व्यक्तियों को चिन्हिंत कर उनकी जांच करायी जायेगी।

डॉ रावत ने बताया कि राज्य ने इस वर्ष टी0बी0 उन्मूलन कार्यक्रम के अन्तर्गत अनेक उपलब्धियां प्राप्त की हैं। प्रधानमंत्री टी0बी0 मुक्त भारत अभियान में उत्तराखण्ड ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुये राष्ट्रीय स्तर पर नि-क्षय मित्र पंजीकरण में लगातार द्वितीय स्थान पर बना हुआ है जो कि राज्य में टी0बी0 उन्मूलन के लिए आमजन भागीदारी एवं विभागीय प्रयासों का प्रतिफल है कि टी0बी0 उन्मूलन की दिशा में राज्य अग्रणीय भूमिका में नजर आ रहा है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा वर्ष 2022 में उत्तराखण्ड राज्य को 28 हजार टी0बी0 को खोजे जाने का लक्ष्य दिया है जिसके सापेक्ष माह अक्टूबर तक लक्ष्य की शतप्रतिशत प्राप्ति की गयी है जिसमें प्रदेश के जागरूक समाज के साथ ही स्वास्थ्य विभाग के कार्मिकों, अधिकारियों एवं रेखीय विभागों का विशेष सहयोग प्राप्त हो रहा है। इसके लिए उन्होंने सभी का आभार व्यक्त करते हुये उत्तराखण्ड में वर्ष 2024 तक टी0बी0 उन्मूलन हेतु अपना सहयोग बनाये रखने की अपेक्षा की है।

मुख्यमंत्री ने काफिला रुकवाकर घायल युवकों को पहुंचाया अस्पताल

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की फ्लीट वाडिया हिमालयन भू विज्ञान संस्थान से सचिवालय आ रही थी, इस दौरान मुख्यमंत्री ने ओएनजीसी चौक के समीप स्कूटी पर सवार दो युवकों को स्कूटी से गिरते देखा। मुख्यमंत्री ने काफिला रुकवाकर दोनों युवकों का हालचाल जाना, युवकों को मामूली चोट आई थी। मुख्यमंत्री ने मौके पर तैनात पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिये कि युवकों को शीघ्र आवश्यक उपचार उपलब्ध कराया जाए। मुख्यमंत्री ने सभी प्रदेशवासियों से अपील की है कि दो पहिया वाहनों में यात्रा करते समय हेलमेट का प्रयोग अवश्य करें।

मुख्य सचिव ने बैठक में दिए ई-आफिस का प्रयोग अधिक करने के निर्देश

अपणी सरकार के अन्तर्गत ऑनलाईन की गयी सभी 427 सेवाओं की जानकारी आम आदमी तक पहुंचे इसके लिए प्रचार प्रसार का अभियान चलाया जाए, साथ ही, ई-ऑफिस का प्रयोग भी अधिक से अधिक किया जाए, ताकि पेपरलेस ऑफिस की ओर उन्मुख हों। यह निर्देश मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु सचिवालय में सूचना प्रौद्योगिकी की बैठक के दौरान दिए।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम संचालित कर कैपेसिटी बिल्डिंग पर भी फोकस किए जाने की बात कही। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अपणी सरकार ऐप को यूजर फ्रेंडली और स्मार्टफोन फ्रेंडली बनाया जाए, ताकि सभी इसका प्रयोग आसानी से कर सकें। उन्होंने कहा कि इस ऐप के माध्यम से आमजन घर बैठे क्या-क्या कार्य करवा सकते हैं, इसकी जानकारी सभी को होनी चाहिए, ताकि लोग इसका प्रयोग कर सकें।
मुख्य सचिव ने स्वान के माध्यम से निर्बाध कनेक्टिविटी को बढ़ाए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने प्रदेश में 1246 टॉवर लगाए जाने पर तेजी से कार्य करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारियों को टावर के लिए भूमि चिन्हीकरण के कार्य में तेजी लायी जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने आईटीडीए और बीएसएनएल को नेटवर्क की 100 प्रतिशत कवरेज के लिए मौके पर जाकर जांच करने के निर्देश दिए। उन्होंने दूरस्थ क्षेत्रों पर विशेष फोकस किए जाने के भी निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने ITDA CALC द्वारा कराए जा रहे कोर्स के साथ इसका सर्टिफिकेट दिए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ड्रॉन एप्लीकेशन एंड रिसर्च सेंटर को बढ़ावा देते हुए ड्रॉन रिपेयर प्रोग्राम भी चलाए जाएं। उन्होंने डिजीलॉकर में अधिक से अधिक सेवाएं उपलब्ध कराए जाने हेतु अधिकारियों को निर्देशित किया। कहा कि सर्टिफिकेट डिजीलॉकर में उपलब्ध कराए जाएं।
इस अवसर पर सचिव शैलेश बगोली एवं निदेशक आईटीडीए अमित सिन्हा सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

साइबर इश्यू प्रस्तुतिकरण में उत्तराखंड भी रहा शामिल

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गृह मंत्रालय के चिंतन शिविर में प्रतिभाग किया। गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आयोजित चिंतन शिविर के द्वितीय दिन गृह मंत्रालय द्वारा चार राज्यों को साइबर इश्यू प्रस्तुतिकरण देने हेतु चुना गया। जिसमें उत्तराखण्ड राज्य भी शामिल था। इस क्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व, मार्गदर्शन एवं दिशा निर्देशन में उत्तराखण्ड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार द्वारा उत्तराखण्ड राज्य पुलिस का प्रतिनिधित्व करते हुए साइबर विषयों का प्रस्तुतिकरण समस्त राज्यों के सामने किया गया।

उनके द्वारा वर्तमान में प्रचलित उत्तराखण्ड के ई-सुरक्षा के मॉडल को विस्तार से बताया गया। उसके उपरान्त उनके द्वारा वर्ष 2021 के पॉवर बैंक घोटाले एवं वर्ष 2022 में फर्जी चाईनीज वेबसाइट के माध्यम से घोटालों में उत्तराखण्ड द्वारा पूरे देशभर में अभियोगों का अनावरण का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया गया। उत्तराखण्ड राज्य द्वारा कुछ अच्छी पहलों पर भी प्रकाश डाला गया। जैसे कि राज्य में साइबर थाने में शून्य अभियोग पंजीकृत करना जिससे कि पीड़ित को तत्काल अभियोग पंजीकरण कर उस पर कार्यवाही करते हुए पीड़ित को न्याय दिलाया जा सके, थानों की दीवारों पर साइबर जागरुकता सन्देश, साइबर बुलेटिन जागरूकता हेतु आदि।

टीम द्वारा साइबर समस्याओं के सम्बन्ध में कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिये गये। जैसे कि साइबर अपराध की विवेचना की शक्ति उप निरीक्षक स्तर अधिकारियों को देना जिससे कि विवेचनाओं का समयबद्ध विधिक निस्तारण किया जा सके, आई0टी0 एक्ट कानून को मजबूत करने हेतु सजा का प्रावधान और कठोर किया जाना सम्बन्धी जिससे अभियुक्तगण को शीघ्र जमानत न मिल सके व अपराध की पुर्नावृत्ति न कर सके तथा बढ़ते हुए साइबर अपराधों की चुनौतियों के क्रम में नये साइबर कानून की आवश्यकता लाना। भारत सरकार की पहल 1930 को 112 से जोड़ा गया व उक्त हेल्पलाईन नम्बर को प्रभावी करने हेतु बैंकों एवं इस प्रकार के वित्तीय कम्पनियों को प्रभावी रूप से प्रेरित करने हेतु निर्देश जारी करना। कानून व्यवस्था को बाधित करने हेतु बल्क सन्देशों (ठनसा ैडै) पर लगाम लगाने हेतु भी कुछ सुझाव प्रस्तुत किये गये।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वोकल फॉर लोकल मूल मंत्र के उद्देश्य से प्रेरणा लेकर उत्तराखंड राज्य द्वारा द्वितीय हैकॉथान चरण से क्रिप्टो करेंसी डार्क नेट और रोड दुर्घटना रोकने हेतु स्वदेशी समाधान मिलेंगे जिससे देश के अन्य राज्यों की भी मदद होंगी। इसके साथ ही सोशल मीडिया पर प्रकाशित फर्जी खबर व भड़काऊ पोस्ट पर भी सख्ती से कानून बनाया जाने तथा ऐसी पोस्ट को तत्काल सोशल मीडिया प्लेटफार्म से हटाने की त्वरित प्रक्रिया करने सम्बन्धी सुझाव भी प्रस्तुत किये गये।