सस्ती पढ़ाई के लिए शर्त रखकर सरकार डॉक्टरों की कमी करेगी पूरा

उत्तराखंड के राजकीय मेडिकल कॉलेजों में मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्र छात्राओं को धामी सरकार बड़ी राहत देने जा रही है। धामी सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए हैं कि वह देहरादून और हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में बांड प्रक्रिया को एक बार फिर शुरू करें। इसके तहत तमाम बच्चे बांड के तहत प्रदेश में मेडिकल की पढ़ाई करना चाहते हैं वह बांड भरकर कम फीस में पढ़ाई कर सकते हैं। लेकिन जो बांड नहीं भरना चाहते उनके लिए पुरानी व्यवस्था ही जारी रहेगी यानी उन्हें महंगी फीस ही देनी होगी।
आपको बता दें खंडूरी सरकार के द्वारा यह फैसला लिया गया था कि प्रदेश में मेडिकल की पढ़ाई बांड भरकर कराई जाएगी जिसके तहत डॉक्टरों को पढ़ाई के बाद पहाड़ी इलाकों में अपनी सेवाएं देनी होगी। लेकिन मेडिकल कॉलेजों में ज्यादातर पढ़ाई करने वाले छात्र छात्राओं ने बांड को तोड़ डाला और सरकार को इससे काफी नुकसान हुआ, इसके बाद देहरादून और हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में इस व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया था।
लेकिन हाल में देहरादून और हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में बच्चों द्वारा लगातार नाराजगी जताते हुए फीस कम करने की मांग की गई थी जिसको लेकर आज कैबिनेट ने स्वास्थ्य विभाग को अलग से इसको लेकर प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए हैं। जिसके बाद अब हल्द्वानी और देहरादून मेडिकल कॉलेजों में बांड के तहत सस्ती मेडिकल की पढ़ाई भी हो सकेगी। इसके साथ ही राज्य में डॉक्टरों की कमी भी पूरी हो सकेगी।

राज्य के मेडिकल कॉलेजों की दशा सुधारने को एम्स तैयार

-श्रीनगर, हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज गोद लेने को तैयार एम्स प्रशासन

ऋषिकेश।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के नए निदेशक प्रोफेसर डॉ. रविकांत वर्मा ने कहा कि विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले उत्तराखण्ड राज्य में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर करने की जरूरत है। डॉक्टरों की कमी के चलते इसमें दिक्कत आती है। इसलिए वह श्रीनगर और हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज को गोद लेने को तैयार हैं। उनके मेडिकल स्टूडेंट दोनों कॉलेजों में मरीजों का उपचार कर सकते हैं। इसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, राज्य सरकार और सेना के साथ बातचीत चल रही है। उन्होंने कहा कि एम्स में तेजी से संसाधन जुटाए जा रहे हैं। डॉक्टर और स्टॉफ की कमी जल्द दूर हो जाएगी। आने वाले दिनों में बदलाव देखने को मिलेंगे। उन्होंने कहा कि तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की भर्ती में स्थानीय को प्राथमिकता दी जाएगी। एम्स के विस्तार के लिए राज्य सरकार से भूमि मांगी गई है। इस मामले में वह मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे। ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस में 960 बेड होंगे जिसमें 500 बेड सामान्य, 300 बेड सुपर स्पेसिशियलिटीज, 50आईसीयू, 50 ट्रामा सेंटर, 30 पीएमआर और 30 बेड आयुष विंग के बनाए जाने हैं।