कुंभ महापर्व में स्नान करेगी बाबा महाकाल की पालकी

हरिद्वार में होने जा रहे कुम्भ महापर्व 2021 में उज्जैन से 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा महाकाल की दिव्य पालकी भी शामिल होगी।

यह जानकारी देते हुए श्री देवभूमि लोक संस्कृति विरासतिय शोभायात्रा समिति प्रवक्ता डॉ. धीरेंद्र रांगड़ ने बताया कि देवडोली समिति के तत्वावधान में तथा पर्यटन एवं संस्कृति मंत्रालय उत्तराखंड सरकार के सहयोग तथा सहभागिता से आयोजित होने वाले भव्य एवं दिव्य कुम्भ स्नान एवं शोभायात्रा में राजाधिराज बाबा महाकाल की दिव्य रजत पालकी प्रथम बार शामिल होने जा रही है।

रमेश चंद्र शर्मा एवं विश्वजीत सिंह राठौर के नेतृत्व में पुजारी सहित 15 सदस्यों का प्रतिनिधि मंडल 24 अप्रैल को हरिद्वार पहुँचेगा।

चैत्र शुक्ल त्रयोदशी सर्वार्थ अमृत सिद्धयोग रविवार 25 अप्रैल 2021 को दक्ष प्रजापति कनखल से हर की पैड़ी तक समस्त डोलियों के साथ सेमनागराजा भगवान श्रीकृष्ण जी तथा परम् वैकुण्ठ धाम श्री बद्रीनाथ जी के ध्वज के नेतृत्व में पर्वतीय क्षेत्र के पारम्परिक वाद्य यंत्र, ढोल-दमाऊ, रणसिंहा आदि के साथ भव्य शोभायात्रा निकलेगी। समिति के परमाध्यक्ष पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहन सिंह रावत गांववासी के संयोजन में शोभायात्रा ब्रह्मकुंड में स्नानोपरांत पंतदीप के पंडाल में एकत्र होगी। जहां बाबा महाकाल के मनमहेश स्वरूप का दिव्य दर्शन व पूजन सन्त महात्माओं, श्रद्धालुओं एवं प्रशासन द्वारा किया जायेगा।

महाकुंभ में भीड़ प्रबंधन की जो प्लानिंग हो, उसे कई बार परखा जाए

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने वर्ष 2021 में हरिद्वार में होने वाले महाकुम्भ की तैयारियों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि महाकुम्भ की व्यवस्थाएं, इसकी दिव्यता और भव्यता के अनुरूप हों। महाकुम्भ में देश-विदेश से आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए हर आवश्यक सुविधा जुटाई जाए। सुरक्षा में किसी तरह की चूक की गुंजाईश नहीं रहनी चाहिए। इसके लिए भीड़ प्रबंधन की जो भी प्लानिंग की जाए, उसे बार-बार परख भी लिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे स्वयं महाकुम्भ की तैयारियों पर नजर रख रहे हैं। समय-समय पर तैयारियों के स्थलीय निरीक्षण के साथ इसकी समीक्षा भी करते रहेंगे।

हरिद्वार महाकुम्भ 2021, दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक व आध्यात्मिक मेला होगा। वैश्विक स्तर के इस मेले में दुनिया भर के देशों से करोड़ों श्रद्धालु आएंगे। इसमें किसी भी स्तर पर कोई लापरवाही क्षम्य नहीं हो सकती है। मुख्यमंत्री ने शासन स्तर पर भी महाकुम्भ की तैयारियों की नियमित मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने, कुम्भ मेलाधिकारी को दैनिक तौर पर तैयारियों का स्थलीय निरीक्षण करने को कहा है। शासन स्तर से किसी भी तरह की आवश्यकता होने पर तत्काल अवगत कराया जाए। महाकुम्भ की तैयारियों में संत महात्माओं का मार्गदर्शन लेना सुनिश्चित किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि स्थाई प्रकृति के काम अक्टूबर 2020 तक पूरे कर लिए जाएं। समयबद्धता और गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए। इस वैश्विक मेले में बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालु, राज्य के दूसरे पर्यटन स्थलों में भी जा सकते हैं, इसलिए कुम्भ मेले के दौरान लोगों को प्रदेश के पर्यटन स्थलों की जानकारी देने के लिए पर्यटन सूचना केंद्र स्थापित किए जाएं। तमाम तरह की सुविधाएं विकसित करने मे आधुनिकतम तकनीक का प्रयोग किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरक्षा व भीड़ प्रबंधन मे तैनात किए जाने वाले पुलिसकर्मियों का व्यवहार कुशल होना जरूरी है। सुरक्षा के लिए हर आवश्यक व्यवस्था समय से कर ली जाए। रेलवे व निकटवर्ती दूसरे राज्यों के अधिकारियों से समन्वय रखा जाए। स्नान घाटों सहित पूरे कुम्भ क्षेत्र में सफाई की पूरी व्यवस्था रहे। श्रद्धालुओं के लिए स्वास्थ्य, पेयजल, पार्किंग, आवास व शौचालय की सम्पूर्ण सुविधा रहनी चाहिए।