हरिद्वारः नेपाल के राजा ने की हरिद्वार महाकुंभ में शिरकत

हरिद्वार महाकुंभ में नेपाल के राजा ज्ञानेन्द्र बीर बिक्रम शाह के आगमन पर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने स्वागत किया है। मुख्यमंत्री ने राजा साहब को संदेश में कहा कि “देवभूमि उत्तराखंड और हरिद्वार कुंभ में आपका स्वागत है। आप साधु-संतों के सान्निध्य में गंगा स्नान कर कुंभ का पुण्य लाभ अर्जित करें।“

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के प्रतिनिधि के रूप में सूचना एवं लोक संपर्क विभाग के महानिदेशक रणवीर सिंह चैहान ने हरिद्वार जाकर राजा ज्ञानेन्द्र बीर बिक्रम शाह को मुख्यमंत्री की ओर से पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया। राजा साहब ने इसके लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया और उत्तराखंड में निवास कर रहे नेपाली समुदाय के लोगों को संदेश भी दिया।

कुंभ में अखाड़ों, महामंडलेश्वर, संत समाज के लिए अगले कुंभ में अभी से होगी भूमि चिन्हित

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सप्तसरोवर, हरिद्वार में विश्व हिंदू परिषद के केन्द्रीय मार्गदर्शक मंडल उपवेशन में प्रतिभाग किया। उन्होंने साधु संतो का आशीर्वाद लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुंभ उपासना का केंद्र एवं भावना का विषय है। हरिद्वार कुंभ दिव्य, भव्य और सुंदर हो इसके लिए राज्य सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किए गए हैं। कुंभ में आने वाले संत समाज, अखाड़ों एवं श्रद्धालुओं के भव्य स्वागत के लिए स्नान पर्वों पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की जा रही है। उन्होंने कहा कि कुंभ में कोविड गाइडलाइन का भी पूरा पालन हो।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि हरिद्वार में होने वाले अगले कुंभ के लिए 2010 एवं 2021 कुंभ के अनुसार चिन्हित भूमि के अनुरूप अखाड़ों, शंकराचार्यों, महामंडलेश्वर और संत समाज के लिए अभी से भूमि चिन्हित की जाएगी। इसके लिए डिजिटल प्रक्रिया अपनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि शपथ लेने के बाद मैंने सबसे पहले हरिद्वार कुंभ की बैठक ली। शिवरात्रि के स्नान पर्व पर हरिद्वार कुंभ में संतो का आशीर्वाद प्राप्त करने का सौभाग्य मिला।

महाकुंभ में विकास को लेकर कुम्भ क्षेत्र ऋषिकेश के साथ हुआ छलावाः डा. राजे नेगी

आम आदमी पार्टी ने कुम्भ बजट में ऋषिकेश की घोर उपेक्षा किए जाने का आरोप लगाया है। पार्टी नेता डॉ राजे सिंह नेगी ने कहा कि करोड़ों देशवासियों की आस्था का प्रतीक माने जाने वाला महाकुंभ प्रारंभ होने को है, लेकिन इसके बावजूद कुंभ क्षेत्र ऋषिकेश में इसका कोई प्रभाव देखने को नहीं मिल रहा है। एक जारी बयान में आप के नेता डॉ नेगी ने कहा कि पिछले तमाम कुंभ मेलों के दौरान भी कुंभ क्षेत्र ऋषिकेश की घोर उपेक्षा होती आई है।

कहा कि आगामी महाकुंभ में कुंभ क्षेत्र ऋषिकेश के विभिन्न घाटों पर जब देश और दुनिया से आए श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाएंगे तो उन्हें भारी अव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ सकता है, इसकी बड़ी वजह ऋषिकेश के प्रति उपेेक्षित रवैय्या होगा। आप नेता डा. नेगी कहा कि केंद्र व राज्य सरकार द्वारा महाकुंभ के सबसे महत्वपूर्ण ऋषिकेश क्षेत्र के भरपूर विकास की बड़ी बड़ी घोषणाएं की गई थी। मेला अधिकारी से लेकर तमाम विभागीय अधिकारियों द्वारा यहां पिछले 1 वर्ष से लगातार दौरे कर महाकुंभ को लेकर कुंभ क्षेत्र अंतर्गत ऋषिकेश, स्वर्गाश्रम, मुनिकीरेती में बैठकें ली जाती रही है लेकिन अब जबकि महाकुंभ बेहद करीब आ गया है तो कह सकते हैं कि यह तमाम बैठके सिर्फ हाथी के दांत की कहावत को ही चरितार्थ कर रही थी। उन्होंने कहा कि तीर्थ क्षेत्र ऋषिकेश में कुम्भ निधि से विकास कार्यों की उपेक्षा साफ इशारा कर रही है कि प्रदेश सरकार का फोकस महाकुंभ में पूरी तरह से सिर्फ हरिद्वार के विकास पर ही है। अन्य कुम्भ क्षेत्रों को सिर्फ विकास का सब्जबाग दिखाया गया है।

स्वामी सत्यमित्रानन्द गिरि महाराज का जीवन प्रेरणादायीः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राघव कुटीर भारत माता जनहित ट्रस्ट, हरिपुर कलां में निवृत्त जगद्गुरू शंकराचार्य पद्मभूषण ब्रह्मलीन पूज्य गुरूदेव स्वामी सत्यमित्रानन्द गिरि महाराज की दिव्य स्मृति में नवनिर्मित समाधि मन्दिर के शिलान्यास कार्यक्रम व श्री सद्गुरूदेव पुण्य स्मृति दर्शन सभागार के लोकार्पण कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। श्री सद्गुरूदेव पुण्य स्मृति दर्शन सभागार में स्वामी सत्यमित्रानन्द गिरि महाराज के जीवन से सम्बन्धित दुर्लभ चित्रों, महान हस्तियों की प्रतिमायें, ग्रन्थों व पुस्तकों के संकलन को बड़े ही व्यवस्थित ढंग से प्रत्येक के लिये निर्धारित स्थानों में प्रदर्शित किया गया है। इस अवसर पर सहकार्यवाह डॉ0 कृष्ण गोपाल सह सरकार्यवाह, भारत माता मन्दिर एवं समन्वय ट्रस्ट के अध्यक्ष जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरि महाराज, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द्र अग्रवाल, शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक, विशिष्ट जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने स्वामी सत्यमित्रानन्द गिरि महाराज के जीवन से सम्बन्धित संकलित वस्तुओं का अवलोकन किया तथा उन्हें प्रेरणादायी बताया।
इस अवसर पर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरि महाराज ने मुख्यमंत्री व उपस्थित विशिष्टजनों को अंगवस्त्रम् भेंटकर सम्मानित किया। आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरि महाराज ने कहा कि मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व में महाकुम्भ सम्पन्न होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी सत्यमित्रानन्द गिरि महाराज प्रेरणादायी व्यक्तित्व के धनी थे। उन्होंने भारत माता ट्रस्ट मन्दिर की स्थापना की। वह एक बहुत बड़े सन्त थे। उनको शंकराचार्य की उपाधि मिली और उन्होंने उसका परित्याग किया और जो धर्मदण्ड है, उसे उन्होंने मां गंगा को समर्पित किया। वे आध्यात्म व व्यवहार दोनों के समन्वयक थे। आज उनकी याद में स्मृति मन्दिर का शिलान्यास किया गया है, जो युगों-युगों तक हमारे आने वाली पीढ़ी को प्रेरणा देगा।
इस अवसर पर आई0डी0 शास्त्री, सचिव समन्वय सेवा ट्रस्ट एवं भारत माता जनहित ट्रस्ट, भारत माता मन्दिर, महामण्डलेश्वर गोविन्द गिरि महाराज, स्वामी ललितानन्द, स्वामी रामदेव, ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी, स्वामी हरचेतनानन्द, सतपाल ब्रह्मचारी, लक्सर विधायक संजय गुप्ता, ज्वालापुर विधायक सुरेश राठौर, मेला अधिकारी दीपक रावत, जिलाधिकारी सी0 रविशंकर आदि उपस्थित थे।

कुंभ की व्यवस्थाएं अलौकिक और दिव्य बनाने की तैयारी

वर्ष 2021 में आयोजित हो रहे हरिद्वार महाकुंभ को प्रदेश सरकार भव्य और ग्रीन कुंभ परिकल्पना के आधार पर आयोजित करेगी। इस परिकल्पना को साकार करने के लिए सरकार ने बजट में 1205 करोड़ रुपये खर्च करना तय किया है। महाकुंभ में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 450 करोड़ के स्थायी और एक हजार रुपये के अस्थायी कार्य किए जाएंगे।
सरकार की कोशिश है कि महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालु चारधाम की यात्रा भी कर पाए। इसके लिए चारधाम और ऑलवेदर रोड को महाकुंभ से पहले पूरा करने का सरकार ने लक्ष्य निर्धारित किया है। कुंभ के लिए सरकार अलग से सुरक्षा व्यवस्था के तहत 60.12 करोड़ रुपये भी खर्च करेगी।
वहीं, महाकुंभ के आयोजन के लिए सरकार ने केंद्र से भी पांच हजार करोड़ की अलग से मांग की है। अभी तक सरकार ने कुंभ के कार्यों के लिए 250 करोड़ का बजट जारी किया है। शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक के मुताबिक महाकुंभ के लिए केंद्र से सहायता जल्द मिलने की उम्मीद है।

सरकार का अनुमान है कि महाकुंभ में करीब 10 करोड़ श्रद्धालु आएंगे। इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने से सरकार ने भीड़ नियंत्रण पर भी फोकस किया है। सुरक्षा व्यवस्था पर 60 करोड़ की राशि खर्च की जाएगी। प्रदेश सरकार ने बजट में जनवरी 2021 में प्रस्तावित कुंभ मेले के लिए पुलिस विभाग के लिए 60.12 करोड़ का प्रावधान किया है। हालांकि कुंभ मेले को छोड़कर पुलिस आधुनिकीकरण और जेलों के उद्धार को कुल 174.33 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इससे पुलिस महकमे में थाना और नई चैकियों के भवनों के निर्माण होने की उम्मीद जगी है।
सरकार ने बजट में प्रस्तावित कुंभ मेले में बेहतर व्यवस्थाओं और पुलिस आधुनिकीकरण के संकल्प को दोहराया है। कहा गया कि जनसहभागिता से शांति बनाए रखने, अपराध नियंत्रण और पर्यटन गतिविधियों को सुचारु बनाने को पुलिस विभाग का निरंतर आधुनिकीकरण किया जा रहा है।

उत्तराखंड को मिली मायूसी, महाकुंभ और राष्ट्रीय खेल के लिए बजट में नही हुआ प्रवाधान

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट में ग्रीन बोनस मिलने का सपना टूट गया है। बजट पेश होने से पहले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत नीति आयोग के समक्ष ग्रीन बोनस की जोरदार पैरोकारी कर आए थे।
नीति आयोग ने भी पर्यावरणीय सेवाओं के एवज में हिमालयी राज्यों को वित्तीय अनुदान दिए जाने पर अपनी सहमति जताई थी। लेकिन शुक्रवार को पेश हुए बजट में ग्रीन बोनस का जिक्र तक नहीं हुआ। इतना ही नहीं भौगोलिक कठिनाइयों और पर्यावरणीय दबावों के बीच विकास की चुनौती का सामना कर रहे उत्तराखंड को निराशा हुई कि 2021 में प्रस्तावित हरिद्वार महाकुंभ और राष्ट्रीय खेलों के लिए बजट में प्रावधान नहीं हुआ। लेकिन प्रदेश को अधिक झटका ग्रीन बोनस न मिलने से लगा। पिछले करीब एक दशक से प्रदेश में काबिज रही सरकारों ने इस मांग को केंद्र से बेहद गंभीरता के साथ उठाया। हिमालयी राज्यों को ग्रीन बोनस देने की पैरोकारी करने वालों में केंद्र में कैबिनेट मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक भी शामिल रहे हैं।
राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी भी ग्रीन बोनस की लगातार वकालत कर रहे हैं। मगर पर्यावरणीय संरक्षण के दबाव में विकास की भारी कीमत चुका रहे उत्तराखंड पर फिलहाल केंद्र की कृपा दृष्टि नहीं पड़ी। ऐसे में अब उत्तराखंड की उम्मीदें नीति आयोग और 15वें वित्त आयोग पर टिक गई हैं। ये दोनों आयोग हिमालयी राज्यों को पर्यावरणीय सेवाओं के एवज में केंद्रीय सहायता दिए जाने पर सैद्धांतिक रूप से सहमत हैं।