शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने अधिकारियों को दिये आयुष्मान भव के विशेष अभियान चलाने के निर्देश

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के तत्वाधान में प्रदेशभर में चलाया जा रहा आयुष्मान भव अभियान अब सभी शिक्षण संस्थानों में भी विशेष रूप से चलाया जायेगा। इसके लिये सभी सम्बंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं। जनपद स्तर एवं विकासखण्ड स्तर पर तैनात अधिकारी अभियान नोडल अधिकारी रहेंगे। यह अभियान आगामी 23 सितम्बर से 30 सितम्बर तक सप्ताहभर चलाया जायेगा। जिनका शुभारम्भ देहरादून से प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के द्वारा किया जायेगा।

शिक्षा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉॅ. धन सिंह रावत ने आज राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण देहरादून के सभागार में प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के शत-प्रतिशत आयुष्मान कार्ड, आभा आईडी बनाने के साथ ही स्वैच्छिक रक्तदान व नशामुक्ति को लेकर जनजागरूता कार्यक्रम आयोजित करने को लेकर संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक की। डॉ. रावत ने बताया कि आयुष्मान भव अभियान के तहत प्रदेश के समस्त शिक्षण संस्थानों उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, विद्यालयी शिक्षा, संस्कृत शिक्षा, जनजातीय आवसीय विद्यालयों व मदरसों में 23 सितम्बर से 30 सितम्बर तक विशेष अभियान चलाये जायेंगे। जिसमें शत-प्रतिशत छात्र-छात्राओं के आयुष्मान कार्ड, आभा आईडी बनाने का लक्ष्य रखा गया है। जिन शिक्षण संस्थानों में शत-प्रतिशत आयुष्मान कार्ड एवं आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउण्ट (आभा आईडी) बनाई जायेगी उनको आयुष्मान विद्यालय का दर्जा दिया जायेगा। इसके लिये संबंधित विद्यालयों के शिक्षकों का सहयोग लिया जायेगा। इसके अतिरिक्त समस्त शिक्षण संस्थानों में एक सप्ताह तक प्रतिदिन प्रार्थना सभा के दौरान छात्र-छात्राओं को नशा मुक्त अभियान, स्वैच्छिक रक्तदान, नेत्रदान एवं अंगदान तथा टीबी मुक्त अभियान के प्रति जागरूक किया जायेगा।

बैठक में राज्य स्वास्थ्य प्रधिकरण के सीईओ आनंद श्रीवास्तव, महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ. विनीता शाह, महानिदेशक यूकॉस्ट प्रो. दुर्गेश पंत, निदेशक यूसर्क प्रो. अनीता रावत, निदेशक विद्यालयी शिक्षा सीमा जौनसारी, संयुक्त निदेशक उच्च शिक्षा डॉ. ए.एस. उनियाल, यूसैक के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. उपाध्याय, सहित तकनीकी शिक्षा, समाज कल्याण, अल्पसंख्यक विभाग, जनजाति कल्याण विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

यूकॉस्ट, यूसर्क एवं यूसेक शिक्षण संस्थानों को देंगे सहयोग
प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में विज्ञान प्रयोगशाल व वर्चुअल लैब की स्थापना के साथ ही विज्ञान शिक्षकों के विशेष प्रशिक्षण एवं छात्र-छात्राओं को विज्ञान प्रदर्शनी हेतु विज्ञान एवं तकनीकी से जुडे तीनों संस्थान उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट), उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र (यूसर्क) एवं उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (यूसैक) सहयोग करेंगे। यही नहीं विज्ञान विषयों से जुड़े विभिन्न शिक्षण संस्थानों के छात्र-छात्राएं अपने शैक्षणिक भ्रमण के दौरान यूकॉस्ट के अंतर्गत झाझरा देहरादून में स्थित विज्ञान धाम जाकर विज्ञान एवं तकनीकी की बारीकियां समझेंगे। इस संबंध में संबंधित संस्थानों के शीर्ष अधिकारियों व शिक्षा विभाग के शीर्ष अधिकारियों के बीच आपसी सहमती बनी है।

जनजातीय क्षेत्र के बच्चों में होगी सिकल सेल की जांच
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण देहरादून के सभागार में आयोजित बैठक में स्वास्थ्य विभाग एवं जनजाति कल्याण विभाग द्वारा संयुक्त रूप से प्रदेशभर के जनजाति क्षेत्रों के शिक्षण संस्थानों में सिकल सेल उन्मूलन अभियान चलाने का निर्णय लिया गया। इस अभियान के अंतर्गत जनजाति क्षेत्र के बच्चों को सिकल सेल के प्रति जागरूक करने के साथ ही स्कूल एवं महाविद्यालय स्तर पर मेडिकल कैम्प लगाकर स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जायेगा। इस अभियान में स्वास्थ्य विभाग के साथ ही अल्पसंख्यक एवं जनजाति कल्याण विभाग शामिल रहेंगे।

स्वास्थ्य सचिव ने सीएमओ-सीएमएस सहित दो चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई की

डेंगू की मौजूदा स्थिति का जायजा लेने के लिए स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने तकनीकी विशेषज्ञ/राज्य कार्यक्रम नोडल अधिकारी डॉ पंकज सिंह के साथ बीते रोज पौड़ी जनपद के कोटद्वार बेस अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। स्वास्थ्य सचिव को अपने निरीक्षण के दौरान बेस अस्पताल में कई खामियां देखने को मिली। डेंगू वार्ड सहित अस्पताल में फैली तमाम अव्यवस्थाओं पर उन्होंने कड़ी नाराजगी की थी। जिसके बाद उन्होंने मौके पर ही अधिकारियों को संबधित चिकित्सकों को खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिये थे। जिसके बाद आज शासनस्तर से संबधित अधिकारियों सीएमओ, सीएमएस सहित दो डॉक्टरों को कारण बताओ नोटिश जारी कर दिये गये हैं।
गौरतलब है कि कोटद्वार के स्थानीय लोगों, समाजिक संगठनों, विभिन्न पार्टी के पदाधिकारियों ने स्वास्थ्य सचिव से शिकायत की थी कि बेस अस्पताल में डेंगू की रोकथाम के साथ ही मरीजों के इलाज में घोर लापरवाही बरती जा रही है। जिससे मरीजों को इलाज में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसी को देखते हुए स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने तकनीकी विशेषज्ञ/राज्य कार्यक्रम नोडल अधिकारी डॉ पंकज सिंह के साथ बेस अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण में ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक स्वास्थ्य सचिव के मरीजों के इलाज से सबंधित प्रशनों का कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाये। इसके साथ ही डेंगू मरीजों के इलाज में स्वास्थ्य सचिव को कोताही देखने को मिली। मरीजों की केस हिस्ट्री पूछने पर चिकित्सकों के पास कोई जवाब नहीं था। जिस पर स्वास्थ्य सचिव ने कार्रवाही के निर्देश जारी कर दिये हैं। स्वास्थ्य सचिव के द्वारा सीएमओ पौड़ी प्रवीण कुमार, सीएमएस कोटद्वार डॉ0 विजयेश भारद्वाज को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। वहीं वरिष्ठ फिजीशियन डॉ जगदीश चन्द्र ध्यानी और पैथोलॉजिस्ट डॉ0 सुप्रिया को स्पष्टीकरण नोटिश जारी करने के साथ ही अग्रिम आदेशों तक उनका वेतन रोकने के आदेश जारी किये गये हैं।
स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने कहा कि राज्य में डेंगू की रोकथाम के लिए महाअभियान चलाया जा रहा है। डेंगू मरीजों के इलाज में किसी भी प्रकार की कोई कोताही बदार्शत नहीं की जायेगी। कोटद्वार बेस अस्पताल में संबधित चिकित्सकों के खिलाफ अपने कार्यों में लापरवाही पर कार्रवाही की गई है। डेंगू रोकथाम और मरीजों को बेहत्तर इलाज देना हमारी प्राथमिकता है। पहले ही गाइडलाइन जारी कर दी गई है। प्रदेश में सभी संबधित अधिकारियों को इसको लेकर निर्देश पहले ही दे दिये गये हैं। बावजूद इसके डेंगू मरीजों के इलाज या अन्य किसी भी प्रकार की कोई शिकायत सामने आती है तो जांच के बाद कड़ी कार्रवाई की जायेगी।

स्वास्थ्य सचिव ने महाअभियान चलाने के दिये निर्देश

सचिवालय में सचिव स्वास्थ्य डॉ आर राजेश कुमार द्वारा डेंगू नियंत्रण हेतु समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। इस वर्चुवल बैठक में जिलाधिकारी देहरादून सोनिका, स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ विनीता शाह, निदेशक चिकित्सा शिक्षा आशुतोष सयाना, मुख्य चिकित्सा अधिकारी देहरादून डॉ संजय जैन, निदेशक राज्य संचरण परिषद डॉ अजय नगरकर, कार्यक्रम अधिकारी एनएचएम डॉ पंकज सिंह सहित जनपद देहरादून के नगर स्वास्थ्य अधिकारी तथा अन्य अधिकारीगण मौजूद रहे।
अन्य जनपदों के मुकाबले देहरादून जनपद में डेंगू के ज्यादा मामले देखने में सामने आ रहे हैं। सचिव स्वास्थ्य ने इसको लेकर जिलाधिकारी देहरादून सोनिका से पूरा फीडबैक लिया। डेंगू के हॉट स्पाट बन रहे इलाको को लेकर भी बैठक में बात हुई। समीक्षा बैठक में तय किया गया कि सभी विभागों के सामूहिक प्रयासों से अगले चार दिन देहरादून जनपद में डेंगू को लेकर महाअभियान चलाया जायेगा।

चिकित्साअधिकारी व आशायें चलायेंगी घर-घर जनजागरूकता अभियान
जनपद में चिकित्साअधिकारी और आशायें को घर-घर जन जागरूकता की जिम्मेदारी सौंपी गई हैं। चिकित्साअधिकारी, आशा कार्यकर्ता और अन्य विभागों की टीम घर-घर जागकर लोगों को डेंगू को लेकर जागरूक करेंगी साथ ही अगर कहीं डेंगू का लार्वा है तो उसको नष्ट करने का काम भी करेंगी। इसके साथ ही आम जनमानस को डेंगू को लेकर कोई जानकारी लेना चाहे तो चिकित्साअधिकारी उसको देने का काम करेंगे।

डेंगू नियत्रंण को सभी विभागों की सामूहिक जिम्मेदारी
स्वास्थ्य सचिव ने डेंगू महामारी रोकने को सभी विभागों को मिलकर कार्य करने के निर्देश जारी किये हैं। स्वास्थ्य, नगर निगम, शिक्षा, लोकनिर्माण, पेयजल सहित सभी विभागों को मिलकर कार्य करने को कहा गया है। जिन स्थानों पर चेतावनी के पश्चात् भी पानी जमा होने से डेंगू मच्छर पैदा होने की स्थितियां उत्पन्न हो रही हैं, ऐसे संस्थानों व लोगों पर आर्थिक दण्ड का प्रावधान किया जाये ताकि जनहित में डेंगू रोग के खतरे से लोगों को बचाया जा सके व महामारी का रूप लेने से रोका जा सके।

आवासीय समितियों से सहयोग की अपील
स्वास्थ्य सचिव ने जनपद की सभी स्वंय सेवी संस्थाओं, सामाजिक संगठनों, आवासीय समितियों से आग्रह किया है कि वह आगे बढ़कर डेंगू मुक्ति अभियान का हिस्सा बनें। सभी समितियां अपने-अपने इलाकों में आम जनमानस को जागरूक करने के साथ ही यदि कहीं डेंगू का लार्वा है तो उसे खत्म करने का प्रयास करें या फिर नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग की टीम को सूचित करें। सामूहिक प्रयासों से डेंगू के खतरे से लोगों को बचाया जा सकता है और इसे रोका जा सकता है।

माइक्रो प्लान बनाकर रोस्टर अनुसार फॉगिंग
स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने नगर निगम को निर्देशित किया कि डेंगू रोग को महामारी का रूप लेने से रोकने के लिए नगर निगम/नगर निकाय माइक्रो प्लान बनाकर रोस्टर अनुसार फॉगिंग करें। ताकि प्रत्येक क्षेत्र में फॉगिंग एवं स्वच्छता अभियान चलाया जा सके। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में डेंगू के हॉट स्पॉट चिन्हित कर निरन्तर स्वच्छता अभियान एवं डेंगू रोकथाम एवं नियंत्रण समबन्धित कार्यवाही की जाये जिससे डेंगू रोग के मच्छरों को पनपने से रोका जा सके।

डेंगू रोकथाम को कई बड़े फैसलों पर लगी मुहर

राज्य में डेंगू रोग संक्रमण रोकने लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई बैठकों के सकारात्मक परिणाम दिखने लगे हैं। इसी कड़ी में राज्य स्वास्थ्य विभाग ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर डेंगू रोगियों के बेहत्तर इलाज व देखभाल के लिए विस्तृत गाइडलाइन जारी कर दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर राज्य सचिवालय में सचिव स्वास्थ्य डॉ आर राजेश कुमार द्वारा सभी जिलों के साथ डेंगू नियंत्रण हेतु समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया।
वर्चुवल बैठक में जिलाधिकारी देहरादून सोनिका, निदेशक चिकित्सा शिक्षा आशुतोष सयाना सहित सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारी, नगर स्वास्थ्य अधिकारी, मेडिकल कॉलेजों के प्रतिनिधियों ने डेंगू उन्मूलन अपने विचार व्यक्त किये। बैठक में मुख्य रूप से अपर सचिव स्वास्थ्य अमनदीप कौर, स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ विनीता शाह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी देहरादून डॉ संजय जैन, निदेषक राज्य संचरण परिषद डॉ अजय नगरकर, कार्यक्रम अधिकारी एनएचएम डॉ पंकज सिंह मौजूद थे। समीक्षा बैठक में पहुंचे सभी विशेषज्ञों ने डेंगू की रोकथाम के लिए अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिये। बैठक में मिले सुझावों के बाद जिला क्षय रोग अधिकारियों को जिला नोडल अधिकारी रक्तकोष नामित किया गया। वहीं इस महत्वपूर्ण बैठक में डेंगू रोग की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु कई महत्वपूर्ण फैसलों पर मुहर लगी।

1.डेंगू रोग के संक्रमण काल के दृष्टिगत जनपदों के समस्त राजकीय एवं निजी चिकित्सालयों में डेंगू रोगियों हेतु 30 प्रतिशत डेंगू आईसोलेषन बेड आरक्षित रखे जायें जिसे आवश्यकता पड़ने पर बढ़ायें जाने की व्यवस्था सुनिष्चित की जाये।

2.रा0 दून मेडिकल कॉलेज के डेंगू विषेशज्ञों के परामर्श के अनुसार 90 प्रतिशत रागियों में डेंगू के सामान्य लक्षण होते हैं जो स्वतः ठीक हो जाते हैं एवं कुछ ही रोगियों को चिकित्सालय में उपचार हेतु भर्ती होने की आवश्यकता पड़ती है।

3.डेंगू रोग को महामारी का रूप लेने से रोकने के लिए नगर निगम/नगर निकाय द्वारा माइक्रो प्लान बनाकर रोस्टर अनुसार फॉगिंग की जाए ताकि प्रत्येक क्षेत्र में सप्ताह में कम से कम एक बार फॉगिंग एवं स्वच्छता अभियान किया जाये।

4.डेंगू रोग पर नियंत्रण हेतु लार्वा निरोधात्मक कार्यवाहियां (सोर्स रिडक्षन) एक कारगर व उपयुक्त उपाय है, जिन स्थानों पर चेतावनी के पश्चात् भी पानी जमा होने से डेंगू मच्छर पैदा होने की स्थितियां उत्पन्न हो रही हैं, ऐसे संस्थानों व लोगों पर आर्थिक दण्ड का प्रावधान किया जाये ताकि जनहित में डेंगू रोग के खतरे से लोगों को बचाया जा सके व महामारी का रूप लेने से रोका जा सके।

5.शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में डेंगू के हॉट स्पॉट चिन्हित कर निरन्तर स्वच्छता अभियान एवं डेंगू रोकथाम एवं नियंत्रण समबन्धित कार्यवाही की जाये जिससे डेंगू रोग के मच्छरों को पनपने से रोका जा सके।

6.आमजन में डेंगू रोग के प्रति भ्रान्तियों के समाधान हेतु जनपद स्तर पर डेंगू के संक्रमण काल (माह नवम्बर तक) के दौरान कन्ट्रोल रूम स्थापित किया जाना सुनिष्चित करें।

7.आम जन में ब्लड डोनेशन हेतु जागरूकता अभियान चलाया जाये।

आयुष्मान भवः अभियान के तहत होंगे स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न कार्यक्रम

स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत संचालित विभिन्न सेवाओं का लाभ आम लोगों तक पहुंचाने के उद्देश्य से आयुष्मान भवः अभियान के तहत प्रत्येक गांव में स्वास्थ्य चौपाल का आयोजन किया जायेगा। जिसमें आयुष्मान कार्ड, डिजीटल हेल्थ आईडी बनाने के साथ ही विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं एवं सेवाओं की जानकारी प्रदान करने के लिये आयुष्मान सभाओं का आयोजन किया जायेगा।

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी एक बयान में बताया कि केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के दिशा निर्देश पर प्रदेशभर में 17 सितम्बर से 31 दिसम्बर तक आयुष्मान भवः अभियान चलाया जायेगा। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन के उपलक्ष्य में 17 सितम्बर से 2 अक्टूबर गांधी जयंती तक सेवा पखवाडे़ का आयोजन किया जायेगा। जिसके तहत ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता अभियान के साथ-साथ अंग दान एवं रक्तदान के लिये पंजीकरण तथा स्वैच्छिक रक्तदान अभियान चलाया जायेगा। सेवा पखवाड प्रदेशभर में आयोजित कार्यक्रमों में स्वैच्छिक रक्तदान हेतु एक लाख लोगों का पंजीकरण कराया जायेगा, जिसमें सभी सांसदों, विधायकों, जिला पंचायत अध्यक्ष, ब्लॉक प्रमुख एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों की भागीदारी मौजूद रहेगी। डॉ. रावत ने बताया कि आयुष्मान भवः अभियान के तहत गांव एवं कस्बों में आयोजित स्वास्थ्य चौपाल में अधिक से अधिक लोगों के आयुष्मान कार्ड एवं आभा कार्ड (डिजीटल हेल्थ आईडी) बनाये जायेंगे। उन्होंने बताया कि शत-प्रतिशत लोगों के आयुष्मान कार्ड व आभा कार्ड बनाये जाने पर ग्राम पंचायत तथा शहरी वार्ड को आयुष्मान ग्राम व आयुष्मान शहरी वार्ड का दर्जा प्रदान किया जायेगा। विभागीय मंत्री डॉ. रावत ने बताया कि अभियान के दौरान आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, उप जिला चिकित्सालयों में आयुष्मान मेलों का आयोजन कर आम लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण कर 10 संचारी रोगों की निः शुल्क जांच की जायेगी साथ ही इस अवसर पर लोगों को स्वास्थ्य के प्रति भी जागरूक किया जायेगा।

विभागीय मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत बेहतर प्रदर्शन करने वाले जिलों, पंचायतों, शहरी वार्डों और निक्षय मित्रों को राज्य एवं जिला स्तरीय कार्यक्रमों में सम्मानित भी किया जायेगा। आयुष्मान भवः अभियान के सफल आयोजन के लिये विभागीय अधिकारियों को स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार से प्राप्त दिशा निर्देश के क्रम में सम्पूर्ण कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दे दिये गये हैं।

स्वास्थ्य सचिव डॉक्टर राजेश कुमार बोले पहाड़ों में डॉक्टरों की कमी होगी दूर, स्वास्थ्य सेवाएं होंगी मजबूत

देहरादून। उत्तराखण्ड में स्पेशलिस्ट और सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की पहली तैनाती कर दी गई है। डॉक्टरों को ‘यू कोट-वी पे‘ योजना के तहत संविदा पर तैनाती दी गई है। स्पेशलिस्ट और सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों को 4 लाख से 6 लाख रुपये महीने का वेतन दिया जाएगा। स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेश कुमार ने कहा कि स्पेशलिस्ट और सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की तैनाती से राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों में ​स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिल पाएंगी।

स्वास्थ्य विभाग लम्बे समय से राज्य के पर्वतीय जिलों में स्पेशलिस्ट और सुपर स्पेशलिस्ट डाक्टरों की कमी को दूर करने की कवायद कर रहा है। जिसके पहले चरण में 24 डॉक्टरों का चयन किया गया है। इनमें
पैथोलॉजिस्ट, गायनोलॉजिस्ट, एनेस्थेटिक, सर्जन, पीडियाट्रिश, ऑर्थाेपेडिक डॉक्टरों को तैनाती दी गई है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की लोकप्रिय योजना ‘यू कोट-वी पे’ के माध्यम से स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की संविदा पर तैनाती की गई है। सभी डॉक्टरों को तैनाती के ऑडर जारी कर दिए गए हैं।

सचिव स्वास्थ्य डा. आर राजेश कुमार ने बताया कि यह सारी भर्तियां राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत संविदा पर की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश के पहाड़ी जिलों में स्वास्थ्य विभाग की ओर से बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर, दवाईयां, आधुनिक चिकित्सा उपकरण की सुविधाएं तो है, लेकिन प्रदेश के कुछ स्थानों पर स्पेशलिस्ट डाक्टरों के रिक्त पदों के कारण आमजन को पूर्णता सुविधाओं का लाभ नही मिल पा रहा था। रिक्त पदों पर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की नियुक्ति होने से आम जन को गुणवत्ता पूर्ण उच्च स्वास्थ्य सुविधा अपने नजदीकी चिकित्सालय में दी गई है। आवश्यकतानुसार ‘यू कोट, वी पे’ मॉडल के अन्य चरण भी आयोजित किये जा सकते हैं।

गौरतलब है कि उत्तराखंड के पहाड़ी जनपदों में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी दूर करने के लिए धामी सरकार ने यू कोट वी पे फार्मूले के तहत प्लान बनाया है। इस योजना के तहत विशेषज्ञ डाक्टरों को 4 लाख और सुपर स्पेश्यलिस्ट डाक्टरों को 6 लाख रुपये तक प्रति माह वेतन देने की योजना है। योजना का असर रहा कि बड़ी सँख्या में डॉक्टर अपनी सेवाएं देने राज्य के पर्वतीय जिलों में तैयार हुए हैं।

’डॉक्टरों की तैनाती स्थल’

1- ऑर्थाे सर्जन महेश चंद्र, एसडीएच काशीपुर उधमसिंह नगर ।

2- एनेस्थेटिक रोहित, सीएचसी बेतालघाट नैनीताल ।

3- एनेस्थेटिक संजय कूट, सीएचसी सितारगंज उधमसिंह नगर ।

4- ईएनटी विपिन सेघल, एसडीएच रुड़की

5- ईनएटी तोषी जर्नाधन एसडीएच रानीखेत अल्मोड़ा ।

6- एमडी मेडिसन संदीप टंडन, डीएच हरिद्वार ।

7- एमडी मेडिसन प्रीति यादव, डीएच चंपावत ।

8- एमडी मेडिसन शैलेंद्र कुमार, एसडीएच कोटद्वार ।

9- जनरल सर्जन राजीव गर्ग, एसडीएच ऋषिकेश ।

10- जनरल सर्जन कुमार सेन नंदकर्णी, सीएचसी थलीसैंण ।

11- जनरल सर्जन सुरेश वशिष्ट, हरिद्वार ।

12- जनरल सर्जन प्रणाम सिंह प्रताप, एसडीएच रुड़की ।

13- जनरल सर्जन पुनीत बंसल, एसडीएच बाजपुर ।।

14- जनरल सर्जन भानूप्रताप शर्मा, फीमेल हॉस्पिटल शिमली चमोली ।।

15- गायनोलॉजिस्ट अनुराधा ​कुशवाहा, ​सीएचसी सितारगंज ।

16- ऑप्थेल्मोलॉजिट सुमन शर्मा, एसडीएच कर्णप्रयाग चमोली ।

17- पैथोलॉजिस्ट रश्मि संजय कूट, एसडीएच टनकपुर चंपावत ।

18- पेडेयेट्रिक प्रकाश चंद्र सिंह, सीएचसी डीडीहाट पिथौरागढ ।

19- पेडयेट्रिक भारत गुफ्ता, एसडीएच रुड़की ।।

20- पेडयेट्रिक ओमप्रकाश, सीएचसी बेरीनाग पिथौरागढ ।।

21- पेडयेट्रिक उमाशंकर सिंह रावत, सीएचसी अगस्तयमुनि रुद्रप्रयाग ।।

22- पेडयेट्रिक कनिका मेहता, सीएचसी सितारंगज उधमसिंहनगर ।।

23- रेडियोलोजिस्ट शंभू कुमार झा, एसडीएच हरिद्वार ।।

24- रेडियोलॉजिसट देवेंद्र शर्मा, सीएचसी सितारगंज उधमसिंह नगर ।।

स्वास्थ्य मंत्री बोले, वार्डों में एनएमसी मानकों के अनुरूप तैनात होंगे चतुर्थ श्रेणी कार्मिक

राज्य में राजकीय मेडिकल कॉलेजों से सम्बद्ध चिकित्सालयों में सफाई व्यवस्था को आउट सोर्स के माध्यम से मजबूत किया जायेगा। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को शीघ्र प्रस्ताव तैयार कर शासन को उपलब्ध कराने को कहा गया है। इसके साथ ही विभिन्न वार्डों में चतुर्थ श्रेणी कार्मिकों की तैनाती एनएमसी मानकों के अनुसार की जायेगी। मेडिकल कॉलेजों में छात्र-छात्राओं को ऑनलाइन माध्यम से पुस्तकें उपलब्ध कराने के लिये शीघ्र ही ई-ग्रंथालय की सुविधा प्रारंभ की जायेगी।

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज राजकीय दून मेडिकल कॉलेज के सभाकक्ष में सभी मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यों के साथ समीक्षा बैठक की। जिसमें मेडिकल कॉलेजों से संबद्ध चिकित्सालयों में सफाई व्यवस्था को दुरूस्त करने के लिये आउट सोर्स सेवाएं लेने का निर्णय लिया गया। इसके लिये चिकित्सा शिक्षा निदेशालय प्रस्ताव तैयार कर शासन को उपलब्ध करायेगा। इसके उपरांत शासन की अनुमति के उपरांत सभी मेडिकल कॉलेज सफाई व्यवस्था के लिये आउट सोर्स सेवाएं ले सकेंगे। इसी प्रकार सम्बद्ध चिकित्सालयों के सभी वार्डों में एनएमसी मानकों के अनुरूप चतुर्थ श्रेणी कार्मिकों की तैनाती सुनिश्चित की जायेगी ताकि मेडिकल कॉलेजों में आने वाले सभी मरीजों को 24 घंटे वार्ड ब्वाय की सेवा उपलब्ध हो सके। इसी प्रकार मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं को देश-विदेश के बेहतर लेखकों के पाठ्य पुस्तकों एवं शोध पत्रों को ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध कराने के लिये मेडिकल कॉलेजों में शीघ्र ई-ग्रंथालय की सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। इस संबंद्ध में चिकित्सा शिक्षा निदेशालय को शीघ्र ई-ग्रंथालय की सेवाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दे दिये गये हैं जिसका विधिवत शुभारम्भ इसी सत्र के शुरू होने के साथ ही कर दिया जायेगा। उन्होंने प्रदेश के पिथौरागढ़, हल्द्वानी, अल्मोड़ा, हरिद्वार, श्रीनगर व देहरादून मेडिकल कॉलेजों में चल रहे निर्माण कार्यों से संबद्ध कार्यदायी संस्थाओं के प्रतिनिधियों व विभागीय अधिकारयों को निर्माण कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिये। डॉ. रावत ने कहा कि मेडिकल छात्रों के छात्रावासों में सफाई से लेकर बेहतर पढ़ाई का माहौल उपलब्ध कराने के लिये कॉलेज प्रशासन को विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

बैठक में सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर राजेश कुमार, कुलपति मेडिकल विश्वविद्यालय प्रो. हेमचन्द्र, अपर सचिव स्वास्थ्य शिक्षा नमामि बंसल, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. आशुतोष सयाना, केजीएमसी लखनऊ के प्रो. सूर्यकांत सहित पिथौरागढ़, हल्द्वानी, अल्मोड़ा, हरिद्वार, श्रीनगर के प्राचार्य एवं कार्यदायी संस्थाओं के अधिकारी व विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

‘‘ईजा-बोई शगुन योजना‘‘ मां और बच्चें के लिए वरदान-स्वास्थ्य सचिव

राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस प्रत्येक वर्ष 11 अप्रैल को मनाया जाता है जिसके माध्यम से सुरक्षित मातृत्व सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक देखभाल, चिकित्सा जांच, स्वास्थ्य सहायता और सरकारी पहल के बारे में जागरूकता को बढ़ावा दिया जाता है। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के उद्देष्य से ही प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस मनाया जा रहा है। इसका उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को बच्चे के जन्म से पहले, जन्म के दौरान और बाद में देखभाल के बारे में जागरूक कराना है।
सुरक्षित मातृत्व दिवस के अवसर पर डा0 आर0 राजेश कुमार, सचिव, चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग, उत्तराखण्ड शासन द्वारा बताया गया कि प्रदेश में विभिन्न जन स्वास्थ्य प्रयासों के उपरान्त मातृ स्वास्थ्य संबंधित विभिन्न आंकड़ों में प्रगति दर्ज की गई है। हाल ही में जारी नेशनल फैमली हैल्थ सर्वे 2020-21 रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में गर्भवती महिलाओं को प्रथम तीमाही में पंजीकृत किए जाने में 22 प्रतिशत की बढ़ोतरी (68.8 प्रतिशत), 04 प्रसव पूर्व जांचों में 50 प्रतिशत बढ़ोतरी (61.8 प्रतिशत) एवं संस्थागत प्रसवों में 18 प्रतिशत बढ़ोतरी (83.2 प्रतिशत) दर्ज की गई है।
सचिव स्वास्थ्य द्वारा जानकारी साझा करते हुए कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस प्रदेश के विभिन्न चिकित्सालयों में मनाया गया है। साथ ही इस दिवस पर गर्भवती महिलाओं को चिकित्सकीय जांच, खान-पान तथा गर्भावस्था के दौरान एवं प्रसव के उपरान्त होने वाले जटिलताओं के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान की गई।
डा0 आर0 राजेश कुमार, सचिव, चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग, उत्तराखण्ड ने मातृ एवं शिशु के बेहतर स्वास्थ्य से सम्बन्धित प्रयासों को साझा करते हुए कहा कि मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य बेहतर करने हेतु जनपद हरिद्वार में 200 बेड एम.सी.एच. विंगचेनराय महिला चिकित्सालय, 50 बेड एम.सी.एच. विंग हल्द्वानी एवं 30 बेड अर्बन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, मेहुवाला जनपद देहरादून में शीघ्र स्थापित किया जा रहा है।
उन्होंने जानकारी दी कि मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य में सुधार करना सरकार का प्राथमिक फोकस बना हुआ है इसी के दृष्टिगत प्रदेश में प्रसूता के लिए ईजा-बोई शगुन योजना लागू की गई है, जिसके अन्तर्गत सरकारी अस्पतालों में जच्चा-बच्चा के सुरक्षित स्वास्थ्य हेतु प्रसव उपरान्त सरकारी अस्पताल में 48 घण्टे तक रूकने वाली सभी पात्र प्रसूताओं को रू. 2000/- की एक प्रोत्साहन धनराशि के रूप में दी जानी है। जो कि जननी सुरक्षा योजना में दी जाने वाली प्रोत्साहन धनराशि रू. 1400/- (ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाली गर्भवती महिला) एवं रू. 1000/- (शहरी क्षेत्र में रहने वाली गर्भवती महिला) के अतिरिक्त है। यह नीति सरकार की प्रतिबद्धता को मजबूत करने और मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य में सुधार लाने के उद्देश्य से लागू की गई है।
डा0 आर0 राजेश कुमार, सचिव, चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग, उत्तराखण्ड शासन द्वारा बताया कि सुरक्षित प्रसव हेतु उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं को जिला चिकित्सालय / स्वास्थ्य इकाइयों के नजदीक आश्रय प्रदान करने के लिए शीघ्र ही बर्थ वेटिंग होम वन स्टॉप सेन्टर में संचालित कर दिया जायेगा
उन्होंने आम जन से आवाहन किया है कि हम सब मिलकर सुरक्षित मातृत्व के सन्देश को जन-जन तक पहुॅचाकर जननी एवं शिशु को स्वस्थ एवं सुरक्षित भविष्य देने में अपना योगदान दें।

कोरोना गाइड लाइन का पालन कराने के निर्देश, आज 45 केस मिले

उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं। चिंता की बात है कि कोरोना संक्रमण अब 13 में से पांच जिलों में फैल गया है। विभिन्न जिलों में बढ़ते कोरोना केसो की वजह से अब एक्टि व केसों की संख्या भी 100 के करीब पहुंच गई है। कोरोना के बढ़ते केसों के बीच स्वास्थ्य विभाग की अलर्ट मोड पर आया गया है।
उत्तराखंड में मंगलवार को कोरोना के 45 नए मरीज मिले। अकेले राजधानी देहरादून में 35 नए कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार मंगलवार को देहरादून में 35, नैनीताल जिले में छह, हरिद्वार में दो जबकि पिथौरागढ़ और यूएस नगर जिले में एक-एक कोरोना संक्रमित मिले हैं। मंगलवार को कुल 45 नए मरीज मिलने के बाद राज्य में एक्टिव मरीजों का आंकड़ा सौ के करीब पहुंचते हुए 96 हो गई है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार राज्य में एक ही दिन में 45 कोरोना संक्रमित कई महीनों बाद मिले हैं। हालांकि, राहत की बात रही कि मंगलवार को राज्य में किसी भी कोरोना संक्रमित की मौत नहीं हुई है। स्वास्थ्य विभाग की हेल्थ रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेशभर में मंगलवार को 322 सैंपल जांच के लिए भेजे गए। स्वास्थ्य विभाग को 238 संदिग्धों की रिपोर्ट मिली।

सभी जिलों को सतर्कता के निर्देश
स्वास्थ्य विभाग के सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने बताया कि राज्य में कोरोना के मामलों में इजाफे को देखते हुए सभी जिलों को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि एडवायजरी जारी कर सभी अस्पतालों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही सभी अस्पतालों और आम लोगों को कोविड गाइडलाइन का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं।

चारधाम यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत कर रही धामी सरकार

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में शनिवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में आगामी चारधाम यात्रा के दृष्टिगत महानिदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण एवं निदेशक कार्पाेरेट अफेयर एण्ड सी.एस.आर. हेवलेट पैकर्ड एंटरप्राइज के मध्य 50 हेल्थ ए.टी.एम. को गढ़वाल मण्डल के चिन्हित चिकित्सा इकाईयों में स्वास्थ्य स्क्रीनिंग हेतु अनुबन्ध हस्ताक्षरित किया गया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि चारधाम यात्रा में हेल्थ ए.टी.एम. की सुविधा होने से श्रद्धालुओं को काफी सुविधा होगी। चारधाम यात्रा मार्ग पर चिकित्सा सुविधाओं के सुदृढीकरण के लिए यह एक अच्छा कदम होगा। मुख्यमंत्री ने मानस खण्ड स्थित पवित्र स्थानों मानसरोवर यात्रा, बैजनाथ धाम, कैंची धाम, पूर्णागिरी, चितई धाम के लिए भी हेवलेट पैकर्ड एंटरप्राइज हेल्थ ए.टी.एम. सुविधा प्रदान करने की अपेक्षा की। उन्होंने आशा व्यक्त की कि केदारखण्ड की तर्ज पर मानस खण्ड हेतु भी सी.एस.आर. के अन्तर्गत ये सेवायें हेवलेट पैकर्ड एंटरप्राइज जनहित में प्रदान करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां न हो, इसके लिए स्वास्थ्य सुविधाओं को लगातार बेहतर बनाया जा रहा है।
हेवलेट पैकर्ड एंटरप्राइज के निदेशक अंकुर मल्होत्रा ने कहा कि सी.एस.आर. के अन्तर्गत उपलब्ध कराये जा रहे हेल्थ ए.टी.एम. द्वारा 70 से अधिक परीक्षण किये जा सकेंगे एवं टेली मेडिसिन सेवायें भी प्रदत्त की जायेंगी। हेवलेट पैकर्ड एंटरप्राइज के द्वारा 24 घण्टे ये सेवायें प्रदान की जायेंगी। सभी उपकरण स्थापित होने से आगामी 03 माह तक हेवलेट पैकर्ड एंटरप्राइज के इंजीनियरों द्वारा हेल्थ ए.टी.एम. की देखरेख की जायेगी। अद्यतन हेल्थ ए.टी.एम. हेतु 01 वर्षीय सी.एम.सी. सेवायें भी हेवलेट पैकर्ड एंटरप्राइज द्वारा प्रदान की जायेंगी। हेल्थ ए.टी.एम. का शुभारम्भ 24 अप्रैल 2023 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा किया जाना प्रस्तावित है।
इस अवसर पर सचिव शैलेश बगोली, डा. आर.राजेश कुमार, अपर सचिव अमनदीप कौर, महानिदेशक स्वास्थ्य डा. विनीता शाह, निदेशक स्वास्थ्य डा. सुनीता टम्टा, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डा. आशुतोष सयाना, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संजय जैन, संयुक्त सचिव महावीर सिंह राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के प्रतिनिधि डा. अजय नागरकर, हेवलेट पैकर्ड एंटरप्राइज के कार्पाेरेट अफेयर हेड सुशील भाट्ला, सीनियर प्रोग्राम मैनेजर ईशान अग्रवाल, सी.एस.आर. एवं विवेक अग्रवाल उपस्थित रहे।