केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा आयुष्मान ग्राम को लेकर निर्धारित किये गये हैं 6 इंडिकेटर्स

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा संचालित आयुष्मान भव अभियान के अंतर्गत प्रदेश में आयुष्मान ग्राम व आयुष्मान शहरी वार्ड घोषित करने के लिये केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा निर्धारित सभी मानकों को पूर्ण करना होगा। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को संबंधित ग्राम पंचायतों व शहरी वार्डों का समय-समय पर विभिन्न स्तरों से मूल्यांकन कराना होगा। मार्च 2024 तक के मूल्यांकन व प्रमाणीकरण की रिपोर्ट के आधार पर स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार द्वारा देशभर में आयुष्मान ग्रामों व आयुष्मान शहरी वार्डों की घोषणा की जायेगी।

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी बयान में बताया कि आयुष्मान भव अभियान पूरे प्रदेश में निरंतर गतिमान है। जिसके तहत ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिविरों एवं आयुष्मान सभाओं के माध्यम से जनमानस को केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं की जानकारी प्रदान की जा रही है। प्रत्येक ग्राम पंचायत व शहरी वार्डों में आयुष्मान कार्ड व आभा आईडी बनाने का काम तेजी से चल रहा है। इसके साथ ही गैर संचारी रोगों की जांच, टीबी रोग की जांच व उपचार, सिकल सेल एनिमिया की जांच एवं कार्ड वितरण का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जो ग्राम पंचायत एवं शहरी वार्ड स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार द्वारा निर्धारित 06 मानकों को शत प्रतिशत पूर्ण कर लेंगे उन्हें भारत सरकार द्वारा आयुष्मान ग्राम पंचायत एवं आयुष्मान शहरी वार्ड का दर्जा दिया जायेगा। इसके लिये समय-समय पर स्वास्थ्य विभाग, जिला प्रशासन, ग्राम्य एवं शहरी विकास विभाग के अधिकारियों द्वारा मानकों का मूल्यांकन किया जायेगा। इसके उपरांत ही ग्राम पंचायत व शहरी वार्डों की संबंधित विवरण 31 मार्च, 2024 से पूर्व भारत सरकार के पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य है। सभी मानकों का परीक्षण करने के उपरांत भारत सरकार देशभर के आयुष्मान ग्राम पंचायत एवं शहरी वार्डों की सूची जारी करेगी। इस अभियान के तहत चयनित सभी पंचायतों व शहरी वार्डों को भारत सरकार द्वारा आयुष्मान ग्राम पंचायत व शहरी वार्ड का प्रमाण पत्र भी दिया जायेगा।

आयुष्मान भवः अभियान के तहत होंगे स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न कार्यक्रम

स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत संचालित विभिन्न सेवाओं का लाभ आम लोगों तक पहुंचाने के उद्देश्य से आयुष्मान भवः अभियान के तहत प्रत्येक गांव में स्वास्थ्य चौपाल का आयोजन किया जायेगा। जिसमें आयुष्मान कार्ड, डिजीटल हेल्थ आईडी बनाने के साथ ही विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं एवं सेवाओं की जानकारी प्रदान करने के लिये आयुष्मान सभाओं का आयोजन किया जायेगा।

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी एक बयान में बताया कि केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के दिशा निर्देश पर प्रदेशभर में 17 सितम्बर से 31 दिसम्बर तक आयुष्मान भवः अभियान चलाया जायेगा। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन के उपलक्ष्य में 17 सितम्बर से 2 अक्टूबर गांधी जयंती तक सेवा पखवाडे़ का आयोजन किया जायेगा। जिसके तहत ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता अभियान के साथ-साथ अंग दान एवं रक्तदान के लिये पंजीकरण तथा स्वैच्छिक रक्तदान अभियान चलाया जायेगा। सेवा पखवाड प्रदेशभर में आयोजित कार्यक्रमों में स्वैच्छिक रक्तदान हेतु एक लाख लोगों का पंजीकरण कराया जायेगा, जिसमें सभी सांसदों, विधायकों, जिला पंचायत अध्यक्ष, ब्लॉक प्रमुख एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों की भागीदारी मौजूद रहेगी। डॉ. रावत ने बताया कि आयुष्मान भवः अभियान के तहत गांव एवं कस्बों में आयोजित स्वास्थ्य चौपाल में अधिक से अधिक लोगों के आयुष्मान कार्ड एवं आभा कार्ड (डिजीटल हेल्थ आईडी) बनाये जायेंगे। उन्होंने बताया कि शत-प्रतिशत लोगों के आयुष्मान कार्ड व आभा कार्ड बनाये जाने पर ग्राम पंचायत तथा शहरी वार्ड को आयुष्मान ग्राम व आयुष्मान शहरी वार्ड का दर्जा प्रदान किया जायेगा। विभागीय मंत्री डॉ. रावत ने बताया कि अभियान के दौरान आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, उप जिला चिकित्सालयों में आयुष्मान मेलों का आयोजन कर आम लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण कर 10 संचारी रोगों की निः शुल्क जांच की जायेगी साथ ही इस अवसर पर लोगों को स्वास्थ्य के प्रति भी जागरूक किया जायेगा।

विभागीय मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत बेहतर प्रदर्शन करने वाले जिलों, पंचायतों, शहरी वार्डों और निक्षय मित्रों को राज्य एवं जिला स्तरीय कार्यक्रमों में सम्मानित भी किया जायेगा। आयुष्मान भवः अभियान के सफल आयोजन के लिये विभागीय अधिकारियों को स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार से प्राप्त दिशा निर्देश के क्रम में सम्पूर्ण कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दे दिये गये हैं।

स्वास्थ्य मंत्री ने डेंगू मामले पर जिलाधिकारी को दिये अधिकारियों की जिम्मेदारी सुनिश्चित करने के निर्देश

देहरादून जनपद में लगातर बढ़ रहे डेंगू के मामले पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने अधिकारियों को जमकर लताड़ लगाई। उन्होंने डेंगू के बढ़ते केसों पर नाराजगी जताते हुये अधिकारियों से शीघ्र इस पर नियंत्रण पाने के निर्देश दिए। इसके लिए उन्होंने जिलाधिकारी को अधिकारियों की जिम्मेदारी सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने जिला प्रशासन, नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग को संयुक्त रूप से अभियान चलने के निर्देश दिए हैं। डॉ. रावत ने नगर निगम को शहर में फोगिंग बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने डेंगू पर शीघ्र नियंत्रण न पाने पर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई अमल में लाये जाने की बात कही।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने आज देहरादून जिला मुख्यालय के ऋषिपर्णा सभागार में डेंगू के बढते मामले की रोकथाम एवं प्रभावी नियंत्रण हेतु की जा रही कार्यवाही को लेकर समीक्षा बैठक ली। जिसमें उन्होंने देहरादून जनपद में लगातार बढ़ रहे डेंगू के मामलों पर अधिकारियों जमकर लताड़ लगाई। उन्होंने कहा कि अकेले देहरादून जनपद में डेंगू के केस सबसे ज्यादा सामने आए हैं। विभागीय मंत्री ने कहा कि जनपद में डेंगू से बचाव एवं नियंत्रण को लेकर जिलाधिकारी को अधिकरियों कीजिम्मेदारी सुनिश्चित करने को कहा गया है। यदि इसके बाद भी डेंगू के मामलों में नियंत्रण नहीं पाया गया तो जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। डॉ रावत ने बैठक में डेंगू पर नियंत्रण पाने के लिये आंगनबाड़ी, स्कूली बच्चों से लेकर आमजनमास में डेंगू से बचाव एवं रोकथाम के प्रति जनजागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए। साथ ही डेंगू से बचाव हेतु 10 दिन के लिए माइक्रो प्लान बनाकर आपसी समन्वय से कार्य करने के निर्देश दिए।

उन्होंने नगर स्वास्थ्य अधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी, एवं प्रधानाचार्य दून मेडिकल कालेज के प्रति कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए कार्यों में सक्रियता बनाये रखने की हिदायत दी। कहा कि किसी भी प्रकार के रोगियों को असुविधा न हो इस बात को गंभीरता से लेना सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अस्पतालों मेें उपलब्ध व्यवस्था एवं डेंगू से बचाव एवं जन जागरूकता हेतु सम्पादित कार्यों की प्रचार-प्रसार करना सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने चिकित्सालयों में लापरवाही बरतने तथा नियमित फॉगिंग न होने की शिकायतों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए मुख्य चिकित्साधिकारी एवं नगर स्वास्थ्य अधिकारी को व्यवस्था सुधारने को कहा।

उन्होंने निर्देश दिए जनमानस को डेंगू के प्रति जागरूक किया जाए ताकि कोई अनावश्यक न घबराए (पैनिक न करे), इसके लिए स्वास्थ्य विभाग को कांउसिलिंग एवं जागरूकता कार्यक्रम संचालित करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्वाथ्य विभाग को प्रतिदिन हेल्थ बुलेटिन जारी करने के निर्देश दिए।

स्वास्थ्य ने निर्देश दिए कि स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम एवं प्रशासन युद्धस्तर पर कार्यवाही करें, जिससे नये मामलें न बढें। माननीय मंत्री ने निर्देश दिए कि स्कूलों एवं आंगबाड़ी केन्द्रों में प्रार्थना सभा बच्चों को जागरूक करें इसके लिए चिकित्सक/कांउसलर स्कूलों में भेजे जाएं, नगर निगम एवं नगर निकायों को सभी वार्डों में, जिला पंचायत विभाग एवं पंचायतीराज अधिकारी को ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिदिन फॉगिंग एवं जनजागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने इसके लिए फॉगिंग चार्ट बनाने के निर्देश दिए। साथ ही निर्देशित किया कि आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्तियों के माध्यम से सर्वे कराते हुए सोर्स रैडिक्शन को चिन्हित करते हुए लार्वा को नष्ट करने के निर्देश दिए।
विभागीय मंत्री डॉ रावत ने जिलाधिकारी एवं मुख्य नगर आयुक्त नगर निगम को सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों के साथ वर्चुअल माध्यम से प्रतिदिन राहत बचाव कार्यों की समीक्षा बैठक /मॉनिटिरिंग करने के निर्देश दिए। उन्होेंने रक्तदान हेतु कैम्प आयोजित करते हुए जनमानस की भागीदारी बढाने तथा इस कार्य में एनजीओ का सहयोग लेने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि लोगों को रक्तदान करने हेतु प्रेरित हुए प्रत्येक वार्ड में पूर्व सूचना देकर रक्तदान करने हेतु अभियान चलाया जाए। उन्होंने आईएमए के अधिकारियों को चिकित्सकों के साथ बैठक करने एवं कांउसलर बिठाने के भी निर्देश दिए।
बैठक में मेयर नगर निगम देहरादून सुनील उनियाल गामा, सचिव स्वास्थ्य डॉ0 आर राजेश कुमार, जिलाधिकारी श्रीमती सोनिका, मुख्य नगर आयुक्त नगर निगम मनुज गोयल, महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ0 बिनीता शाह, प्रधानाध्यापक दून मेडिकल कालेज डॉ आशुतोष सयाना, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ0 संजय जैन, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक जिला चिकित्सालय डॉ शिखा जंगपांगी, मुख्य शिक्षा अधिकारी प्रदीप रावत सहित, बाल विकास, पंचायतीराज, जिला पंचायत, बाल विकास आदि सम्बन्धित समस्त विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने विभागीय अधिकारियों को दिये निर्देश

स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सुदृढ़ एवं सुलभ बनाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के अंतर्गत संचालित विभिन्न परियोजनाओं की वर्ष 2026 तक की कार्ययोजना तैयार कर शीघ्र भारत सरकार को भेजी जायेगी। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को विभागीय आवश्यकताओं एवं प्रदेश के भौगोलिक परिवेश को ध्यान में रखते हुये कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दे दिये गये हैं। इसके अतिरिक्त जिन परियोजनाओं की प्रगति धीमी चल रही है उनमें तेजी लाने को कहा गया है।

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज स्वास्थ्य महानिदेशालय स्थित सभागार में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत संचालित विभिन्न परियोजनाओं की प्रगति एवं अन्य राज्यों के साथ तुलनात्मक समीक्षा की। डा. रावत ने बताया कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के तत्वाधान में गत माह प्रदेश में आयोजित तीन दिवसीय चिंतन शिविर में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया जी ने सभी राज्यों से एनएचएम के अंतर्गत वर्ष 2026 तक की विस्तृत कार्य योजना प्रस्तुत करने को कहा। जिसके तहत राज्य सरकार ने प्रदेश की विषम भौगोलिक परिस्थितियों एवं आवश्यकताओं को देखते हुये राज्य में संचालित लगभग दो दर्जन परियोजनाओं का विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर भारत सरकार को भेजने का निर्णय लिया है ताकि आने वाले समय में प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर एवं लोक प्रिय बनाया जा सके। इसी क्रम में एनएचएम के अधिकारियों को प्रत्येक जनपद से स्वास्थ्य विभाग की आवश्यकताओं का विवरण मंगवाकर वर्ष 2026 तक का रोड़मैप तैयार करने के निर्देश दे दिये गये हैं। वर्तमान में संचालित कतिपय योजनाओं की धीमी प्रगति पर नाराजगी जताते हुये विभागीय मंत्री ने अधिकारियों को कार्यप्रणाली में सुधार लाने व योजनाओं की प्रगति में तेजी लाने के निर्देश दिये। डा. रावत ने कहा कि राज्य एवं जिला स्तरीय अधिकारियों के मध्य बेहतर समन्वय होना जरूरी है तभी योजनाओं का क्रियान्वयन तेजी से किया जा सकता है।

समीक्षा बैठक में डॉ. मुकेश राय, डॉ. फरीद व डॉ. अर्चना के द्वारा एनएचएम के अंतर्गत संचालित विभिन्न योजनाओं मैटरनल हेल्थ चाइल्ड हेल्थ, फेमिली प्लानिंग, पीसीएनडीटी, टीबी उन्मूलन, एनपीएनसीडी, पीएमएनडीपी, टेली कांस्लटेशन, फुटफॉल सहित डेढ़ दर्जन परियोजनाओं का पावर प्वाइंट प्रस्तुतिकरण दिया गया।

बैठक में अपर सचिव स्वास्थ्य एवं मिशन निदेशक एनएचएम रोहित मीना, अपर सचिव स्वास्थ्य अमनदीप कौर, नमामि बंसल, महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ विनीता शाह, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ आशुतोष सायना, निदेशक स्वास्थ्य डॉ. सुनीता टम्टा, वित्त अधिकारी दीपाली भरणे, डॉ. अजीत जौहरी, डॉ. अमित शुक्ला सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

स्वास्थ्य मंत्री ने अधिकारियों को दिये जिला स्वास्थ्य समिति के पुनर्गठन के निर्देश

उत्तराखंड स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अंतर्गत राजकीय चिकित्सालयों में एएनएम के रिक्त 330 पदों पर आउटसोर्स के माध्यम से शीघ्र तैनाती दी जायेगी। ब्लॉक स्तर पर रोगी कल्याण समिति का गठन किया जायेगा, जिसमें जनप्रतिनिधियों की सहभागिता सुनिश्चित की जायेगी जबकि जिला स्तर पर गठित जिला स्वास्थ्य समिति को पुनर्गठित किया जायेगा। संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिये प्रदेशभर में जनजागरूकता अभियान चलाये जाएंगे। इस संबंध में विभागीय अधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं।

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज शासकीय आवास पर स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने बताया कि सूबे में स्वास्थ्य सुविधाओं की मजबूती के दृष्टिगत विभिन्न राजकीय चिकित्सालयों में लंबे समय से रिक्त एएनएम के 330 पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया गतिमान है जिसमें अधिक समय लगने के मध्यनजर इन पदों के सापेक्ष आउटसोर्स के माध्यम से एएनएम की तैनाती की जायेगी। इसके अलावा राजकीय चिकित्सा इकाइयों में चतुर्थ श्रेणी के 2500 पदों को भी आउटसोर्स से भरा जायेगा। जिसके निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिये गये हैं। विभागीय मंत्री ने बताया कि संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिये प्रदेश में वृहद स्तर पर जनजागरूकता अभियान संचालित किये जायेंगे इसके साथ ही खुशियों की सवारी योजना का प्रचार-प्रसार किया जायेगा ताकि गर्भवती महिलाएं संस्थागत प्रसव के लिये प्रेरित हो सके। इसके लिये सभी जनपदों के मुख्य चिकित्साधिकारियों को अपने अपने जनपद में जनजागरूकता अभियानों के संचालन एवं उनकी मॉनिटरिंग करने के स्पष्ट निर्देश दे दिये हैं। डॉ रावत ने बताया कि आर्थिक रुप से कमजोर मरीजों की सहायता एवं अस्पतालों के बेहतर संचालन के लिये ब्लॉक स्तर पर रोगी कल्याण समिति का गठन किया जायेगा जबकि जिला स्तर पर गठित जिला स्वास्थ्य प्रबंधन समिति का पुनर्गठन कर दोनों समितियों में जनसहभागिता सुनिश्चित की जायेगी। इसके साथ ही समिति में महिलाओं की भागीदारी भी सुनिश्चित करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये।

बैठक में स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. विनीता शाह, निदेशक स्वास्थ्य डॉ सुनीता टम्टा, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ आशुतोष सयाना, सीएमओ देहरादून डॉ. संजय जैन सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

डेंगू जागरूकता अभियान में रेखीय विभागों को भी शामिल करने के दिये निर्देश

बरसात के मौसम में डेंगू की रोकथाम को लेकर अभी से तैयारियां शुरू करने के निर्देश दे दिये गये हैं। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को प्रदेशभर में वृहद स्तर पर जनजागरूकता अभियान चलाने को कहा गया है, जिसमें सभी रेखीय विभागों को भी शामिल किया जायेगा। स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं को आम जन तक पहुंचाने के लिये विभागीय अधिकारियों को कार्ययोजना तैयार करने को कहा गया है।

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने विधानसभा स्थित सभाकक्ष में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक ली। डा. रावत ने बताया कि बरसात के मौसम में डेंगू का प्रकोप बढ़ जाता है, जिसको देखते हुये अभी से बचाव व रोकथाम को प्रभावी कदम उठाने की सख्त आवश्यकता है, जिसके निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि माह अगस्त से लेकर माह अक्टूबर तक का समय डेंगू संक्रमण की दृष्टि से काफी संवेदनशील रहता है। डा. रावत ने बताया कि इसके लिये अभी से प्रदेशभर में वृहद स्तर पर जन जागरूकता अभियान संचालित करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिये गये है, इन अभियानों में रेखीय विभागों आवास एवं शहरी विकास, ग्राम्य विकास, पंचायतीराज, शिक्षा, सूचना विभाग आदि को भी शामिल किया जायेगा। विभागीय मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत एनएचएम (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन) में लगभग तीन दर्जन से अधिक स्वास्थ्य संबंधी कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं, जिनकी जानकारी आम लोगों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी स्टेट आईईसी टीम की है। उन्होंने टीम के सभी सदस्यों को एनएचएम के तहत संचालित कार्यक्रमों का विभिन्न माध्यमों से वृहद प्रचार-प्रसार हेतु कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिये। जिसकी समीक्षा प्रत्येक माह स्वयं स्वास्थ्य मंत्री करेंगे।

बैठक में विभागीय अधिकारियों ने बताया कि डेंगू की रेकथाम के लिये कार्ययोजना तैयार की जा रही है। जिसके तहत डेंगू के बचाव हेतु पोस्टर, बैनर एवं होर्डिंग्स के माध्यम से आम जनता को जागरूक किया जायेगा। उन्होंने बताया कि आम लोगों को घरों के आस-पास पानी न जमा होने, कूलर, फूलदान में पानी प्रत्येक सप्ताह बदलने, पानी की टंकी, बाल्टियां आदि को पूरी तरह से ढ़कने, शरीर पर पूरे बाजू वाले कपड़े पहनने सहित अनेक सुझाव दिये जा रहे हैं।

बैठक में सचिव स्वास्थ्य दीपेन्द्र चौधरी, अपर सचिव स्वास्थ्य अमनदीप कौर, महानिदेशक स्वास्थ्य डा. विनीता शाह, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डा. आशुतोष सयाना, निदेशक एनएचएम डा. सरोज नैथानी, अनु सचिव जसविंदर कौर, ओआईसी एनएचएम डा. पंकज सिंह, डा. अजय नगरकर सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

धन सिंह रावत ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. मनसुख मंडाविया से मिलकर की चर्चा

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज दिल्ली में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. मनसुख मंडाविया से मुलाकात की। इस अवसर पर उन्होंने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री के साथ उत्तराखंड में आयोजित होने वाली देशभर के स्वास्थ्य मंत्रियों के सम्मेलन को लेकर विस्तृत चर्चा की। डा. रावत ने चार धाम में स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण में सहयोग को लेकर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री का आभार जताया, साथ ही उन्होंने केन्द्रीय मंत्री को प्रदेश के ऊधमसिंह नगर जनपद में स्वीकृत एम्स सेटेलाइट सेटर के भूमि पूजन में आमंत्रित किया। मुलाकात के दौरान डा. रावत ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री को प्रदेश संचालित स्वास्थ्य से संबंधित विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी, जिस पर केन्द्रीय मंत्री ने डा. रावत के सकारात्मक पहलों की जमकर तारीफ की।

स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी एक बयान में बताया कि दिल्ली प्रवास के दौरान आज उन्होंने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. मनसुख मंडाविया से मुलाकात कर राज्य से जुड़े स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न मसलों पर लम्बी चर्चा की। डा. रावत ने बताया कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में उत्तराखंड में देशभर के स्वास्थ्य मंत्रियों का सम्मेलन आयोजित होगा, जिसको लेकर केन्द्रीय मंत्री के साथ विस्तृत चर्चा की। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रियों के सम्मलेन में भविष्य की स्वास्थ्य संबंधी योजनाओं का रोड़मैप तैयार किया जायेगा। डा. रावत ने बताया कि उन्होंने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री को जनपद ऊधमसिंह नगर में स्वीकृत एम्स सेटेलाइट सेंटर के भूमि पूजन हेतु आमंत्रित किया, जिस पर उन्होंने अपनी सहमति प्रदान की है। डा. रावत ने बताया कि चार धाम यात्रा में स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा किये जा रहे सहयोग को लेकर उन्होंने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री का आभार जताया। जिस पर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने भविष्य में भी सूबे में स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण को लेकर हर संभव सहयोग करने की बात कही। उन्होंने बताया कि चार धाम में स्वास्थ्य सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण एवं तीर्थयात्रियों को सुलभ चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने हेतु विगत माह केन्द्र सरकार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यक्रम के तहत 32.85 करोड़ के अतिरिक्त बजट का प्रस्ताव भेजा था। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्य सरकर के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुये चार धाम यात्रा के लिये अतिरिक्त बजट मंजूर कर 28 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की थी।

नवजात की मौत पर स्वास्थ्य मंत्री ने दिये जांच के आदेश

अल्मोड़ा में सरकारी अस्पताल से रेफर नवजात की हायर सेंटर ले जाते समय हुई मौत के प्रकरण को स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने इस मामले में परिजनों को सख्त कार्रवाई का भरोसा देते हुये स्वास्थ्य महानिदेशक एवं जिलाधिकारी अल्मोड़ा को प्रकरण की जांच के आदेश दिये हैं, डॉ. रावत ने जिला प्रशासन व स्वास्थ्य महानिदेशक से एक सप्ताह के भीतर प्रकरण की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

अल्मोड़ा जिला के फलसीमा निवासी आरती आर्या के नवजात शिशु की मौत का संज्ञान लेते हुये सूबे के स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने इसे दुःखद घटना बताया है। मीडिया को जारी बयान में डॉ. रावत ने कहा कि प्रकरण की गंभीरता को देखते हुये जिलाधिकारी व विभागीय स्तर पर अलग-अलग जांच कराई जायेगी। जांच में जो भी दोषी पाया जायेगा उसके विरूद्ध सख्त कार्रवाई अमल में लाई जायेगी। इस तरह की घटना को कतई भी बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन व स्वास्थ्य महानिदेशक को एक सप्ताह के भीतर विस्तृत जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिये गये हैं। रिपोर्ट के आधार पर लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जायेगी, ताकि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न हो तथा अस्पताल आने वाले किसी भी मरीज के उपचार में लापरवाही न हो सके।

चार धाम यात्रा में 29 विशेषज्ञ चिकित्सक एवं 182 चिकित्सक तैनात

चार धाम यात्रा के दौरान आपात स्थिति में तीर्थ यात्रियों को एयर एम्बुलेंस की सहायता से एम्स ऋषिकेश के साथ ही राजकीय मेडिकल कॉलेज देहरादून व श्रीनगर में एयर लिफ्ट किया जायेगा, ताकि किसी भी गंभीर परिस्थिति में उनको बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा सके। इसके लिये सभी जनपदों के जिलाधिकारियों एवं मुख्य चिकित्साधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं।

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने बताया कि विगत दिनों यमुनोत्री में हृदय गति रूकने से दो तीर्थ यात्रियों की मृत्यु हो गई थी, जिसको देखते हुये उत्तरकाशी, रूद्रप्रयाग व चमोली के जिलाधिकारियों एवं मुख्य चिकित्साधिकारियों को अलर्ट कर दिया गया है। अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि किसी भी प्रकार की आपात स्थिति में तीर्थयात्रियों को तत्काल एयर लिफ्ट कर एम्स ऋषिकेश तथा राजकीय मेडिकल कॉलेज देहरादून व श्रीनगर पहुंचाया जाय, ताकि समय रहते यात्रियों को गंभीर हालत में विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा बेहतर उपचार दिया जा सके। उन्होंने बताया कि चार धाम यात्रा मार्गों पर 48 स्थाई चिकित्सा इकाई तथा 23 अस्थाई चिकित्सा इकाई स्थापित की गई है, जहां पर 29 विशेषज्ञ चिकित्सक एवं 182 चिकित्साधिकारी तैनात किये गये हैं। 95 पीओसीटी डिवासेज उपलब्ध कराई गई हैं जोकि ईसीजी के साथ ही आक्सीजन लेवल की भी जांच कर सकेंगे। इसके अलावा 272 पैरामेडिकल स्टॉफ की तैनाती की गई है जिनमें 182 स्टाफ नर्स व 90 फार्मासिस्ट शामिल है। चार धाम यात्रा में 96 विभागीय एम्बुलेंस व 77 आपातकालीन सेवा 108 एम्बुलेंस सहित 200 एम्बुलेंस की तैनाती की गई है। यात्रा मार्गों पर आपात स्थिति से निकालने के लिये 11 ब्ल्ड बैंक व 2 ब्ल्ड संग्रहण केन्द्र क्रियाशील हैं। श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में कार्डिक सेंटर की स्थापना की गई है जहां पर कार्डियोलॉजिस्ट सहित अन्य पैरामेडिकल स्टॉफ तैनात रहेगा। इसी प्रकार एम्स ़ऋषिकेश से हेली एम्बुलेंस की सेवा शुरू की गई है। आपात स्थिति में उत्तरकाशी, चमोली, रूद्रप्रयाग सहित अन्य यात्रा मार्गों पर पड़ने वाले जिलों के डीएम एवं सीएमओ को हेली एम्बुलेंस सेवा के लिये अधिकृत किया गया।

’उत्तरकाशी में कार्डिक यूनिट शुरू, हृदय रोगियों को मिलेगी राहत’
जिला अस्पताल उत्तरकाशी में कार्डिक यूनिट शुरू कर दी गई है जहां पर एक कार्डियोलॉजिस्ट सहित अन्य स्टॉफ हर समय तैनात रहेगा। इसकी प्रकार जानकीचट्टी मेडिकल रिलीव प्वाइंट पर एक प्रशिक्षत फिजीशियन व अन्य स्टॉफ तैनात किया गया है, जबकि गंगोत्री, यमुनोत्री यात्रा मार्ग पर कुल 20 हेल्थ फैसिलिटी सेंटर बनाये गये हैं जहां पर डॉक्टर, फार्मासिस्ट सहित पैरामेडिकल स्टॉफ की तैनाती की गई है। डा. रावत ने बताया कि आपात स्थित के लिये जानकीचट्टी में एक कार्डिक एम्बुलेंस भी तैनात की गई है, जबकि पूरे जनपद में 5 एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस तथा 9 बेसिक लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस सहित 14 आपातकालीन एम्बुलेंस 108 तथा 6 विभागीय एम्बुलेंस विभिन्न स्थानों पर तैनात की गई है।

’केदारनाथ यात्रा मार्ग पर मिलेगी बेहतर स्वास्थ्य सेवा’
केदारनाथ यात्रा मार्ग पर 14 मेडिकल रिलीव प्वाइंट बनाये गये हैं, जहां पर प्रशिक्षित चिकित्सक के साथ ही फार्मासिस्ट व अन्य पैरामेडिकल स्टॉफ की तैनाती की गई है। बदरीनाथ धाम सहित पूरे मार्ग पर भी स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट मोड पर रखा गया है। यहां आने वाले यात्रियों के लिये आपात स्थिति में श्रीनगर मेडिकल कॉलेज को बेस कैम्प मानते हुये चिकित्सकों को अलर्ट रहने के निर्देश दिये गये हैं। इसके साथ ही श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में मेडिट्रीना ग्रुप ऑफ हास्पिटल के द्वारा सीएसआर के तहत कार्डिक यूनिट संचालित की जा रही है जहां पर विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ ही पैरामेडिकल स्टॉफ भी तैनात रहेगा।

राज्य में पांच चिकित्सा इकाईयों के उच्चीकरण पर खर्च होंगे 147 करोड़

राज्य सरकार ने चार धाम एवं यात्रा मार्गों पर स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण एवं विस्तारीकरण के लिये केन्द्र सरकार से 500 करोड़ की धनराशि स्वीकृत करने की मांग की है। जिसके लिये विभागीय अधिकारियों ने स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के समक्ष योजना का विस्तृत प्रस्तुतिकरण देकर डीपीआर को अंतिम रूप दिया। नई योजनाओं के तहत चार धाम के अंतर्गत आने वाले पांच चिकित्सा इकाईयों के उच्चीकरण के साथ ही श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में कैथ लैब सहित कार्डिक यूनिट, ट्रामा सेंटर व मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटर स्थापित करना शामिल है। इसके साथ ही चार धाम यात्रा पर तैनात चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टॉफ एवं अन्य कार्मिकों को प्रोत्साहन भत्ता देने की भी योजना है।

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज यमुना कलोनी स्थित अपने शासकीय आवास में स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों की बैठक ली। जिसमें विभागीय अधिकारियों ने चार धाम यात्रा के अंतर्गत चारों धामों सहित यात्रा मार्गों पर स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण एवं विस्तारीकरण संबंधी योजना का प्रस्तुतिकरण दिया। डॉ. रावत ने बताया कि प्रत्येक वर्ष चार धाम यात्रा पर पूरे भारतवर्ष से लाखों यात्री पहुंचते हैं, लेकिन इन स्थानों पर समिति स्वास्थ्य सुविधाओं के चलते यात्रियों को समुचित स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराना संभव नहीं हो पाता है। जिसको देखते हुये पिछले दिनों केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. मनसुख मांडविया की अध्यक्षता में नई दिल्ली में आयोजित बैठक में चार धाम यात्रा में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तारीकरण के लिये पृथक पैकेज की मांग रखी गई थी। जिसकी विस्तृत कार्ययोजना (डीपीआर) तैयार कर भारत सरकार को भेजी जा रही है। जिसमें स्वास्थ्य सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण एवं विस्तारीकरण के लिय लगभग 500 करोड़ की मांग की गई है।

जिसके अंतर्गत जोशीमठ, गुप्तकाशी, भटवाडी, पुरोला व बड़कोट चिकित्सा इकाईयों के उच्चीकरण के लिये 150 करोड़, श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में कैथ लैब सहित कार्डिक यूनिट, ट्रामा सेंटर व मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटर की स्थापना के लिये 27 करोड़, विभिन्न स्थानों पर ट्रंजिट हास्टल एवं स्वास्थ्य कुटिर की स्थापना हेतु 37 करोड़, मानव संसाधन के वेतन भत्तों एवं प्रोत्साहन राशि के लिय 270 करोड़, कार्डिक मोबइल वैन/एम्बुलेंस हेतु 1.5 करोड़, जनजागरूकता एवं चिकित्सकों व कार्मिकों के विशेष प्रशिक्षण हेतु 2 करोड़ तथा विभिन्न मेडिकल उपकरणों हेतु 6.5 करोड़ शामिल है। विभागीय मंत्री ने बताया कि आवश्यकता पड़ने पर देश के अन्य राज्यों से भी मेडिकल कॉलेज के पीजी छात्रों को यात्रा काल के लिये चार धाम यात्रा में तैनात करने की मांग केन्द्र सरकार से की जायेगी ताकि देशभर से उत्तराखंड आने वाले तीर्थ यात्रियों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराई जा सके।

बैठक में अपर सचिव स्वास्थ्य अमनदीप कौर, महानिदेशक स्वास्थ्य डा. विनीता शाह, डा. सुजाता सहित उत्तराखंड हेल्थ सिस्टम डेवलपमेंट की टीम व विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।