बेटी ने निभाया बेटे का फर्ज, नम हुई आंखें

(एनएन सर्विस)
परिवार में बेटियां बेटों से कम नही है। वे घरेलू कामों से लेकर समाज के रीति रिवाजों में पुरानी परंपराओं को तोड़ रूढ़ीवादी प्रथाओं को नजर अंदाज कर अपने कर्तव्यों को निभाने आगे आने लगी हैं। मंगलवार को चंद्रेश्वर नगर मुक्ति धाम में कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला, जहां एक बेटी ने अपनी मां के निधन पर अंतिम संस्कार की रस्में पूरी की।
मंगलवार की सुबह करीब पांच बजे आवास विकास निवासी 80 वर्षीय छाया अरोड़ा लंबी बीमारी से जुझते हुए परलोक सिधार गईं। उनके दोनों पुत्रों का निधन पूर्व में ही हो चुका है। ऐसे में उनकी बेटी दीपा सहगल जो शादी के घ्बाद रूड़की रह रही थी। उन्होंने चंद्रेश्वर नगर मुक्तिधाम में हिंदू रीति रिवाज के साथ मां को मुखाग्नि दी। दिवंगत छाया अरोड़ा की पौत्री काजोल अरोड़ा ने बताया कि उनकी दादी को करीब 20 वर्षों से डायबिटीज की बीमारी थी। वर्तमान में वह हार्ट और किडनी की समस्या से भी जूझ रही थी। उनके एक पुत्र की मौत बीमारी के चलते तो दूसरे की सड़क दुर्घटना में हुई थी।