पर्यटन के नए अवसरों को तलाशने के लिए सीएम ने पर्यटन ग्राम चौपाल लगाई

अपने दो दिवसीय टिहरी दौरे पर पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को ग्राम मरोड़ा तिवाड़गांव ( वि०ख० थौलधार) में आयोजित पर्यटन ग्राम चौपाल कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने मरोड़ा, तिवाड़ गांव में पर्यावरणविद् स्व० सुंदरलाल बहुगुणा स्मारक बनाने की घोषणा की। साथ ही उन्होंने तिवाड़ गांव एकलिंग का शुभारंभ भी किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सांस्कृतिक संध्या का अवलोकन भी किया।
कार्यक्रम में मौजूद ग्राम वासियों, महिलाओ, विभिन्न पर्यटन व्यवसायियों ने पर्यटन पर आधारित ग्राम चौपाल की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री को धन्यवाद अर्पित किया। इस अवसर पर लोगों ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न सुझाव दिए एवं पर्यटन से संबंधित समस्याओं को मुख्यमंत्री के सामने रखा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पर्यटन नीतियों के सरलीकरण हेतु राज्य सरकार सिंगल विंडो सिस्टम को बढ़ावा देगी। उन्होंने कहा साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अधिक से अधिक युवाओं को राफ्टिंग से जोड़ा जाएगा। युवाओं को राफ्टिंग का परमिट मिले इसके लिए सरकार कार्य करेगी। साथ ही एनजीटी द्वारा बीच कैंप हेतु आवंटित स्थानों में बीच कैंप स्थापित हो इसके लिए कार्य किया जाएगा। उन्होंने तिवाड़ गांव में चल रहे 32 होमस्टे की सराहना करते हुए कहा कि यह गांव पूरे राज्य के लिए एक उदाहरण है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज तिवाड़ गांव में आयोजित चौपाल से पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई सुझाव जनता के माध्यम से सरकार के सामने आएंगे। राज्य में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक राज्यवासी का सहयोग जरूरी है। सरकार एवं जनता आपसी समन्वय से हर असंभव कार्य को संभव करेगी। हमारा राज्य नदियों, पर्वतों, वनों व प्राकृतिक संसाधनों से आच्छादित है। देवभूमि में देवताओं का वास, आशीर्वाद है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कल्पना अनुसार हम उत्तराखंड राज्य के विकास को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाबा केदार की भूमि से 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का बताया। जिसके परिणाम अब दिखने लगे हैं। उन्होंने कहा स्थानीय लोगों के प्रयास से यह क्षेत्र लगातार आगे बढ़ रहा है। राज्य में अन्य गांव को भी इस गांव के रूप में विकसित किया जाए इस पर सरकार कार्य करेगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य निर्माण के दौरान पर्यटन का विकास भी हमारे मूल मंत्र में शामिल था। आज उत्तराखंड राज्य पूरे भारत का एक बड़ा पर्यटन स्थल है। यह देवों की ताकत है जो इस राज्य में इतने लोग आते हैं परंतु उन्हें इस राज्य में ठहराना इस राज्य के प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है और वह हम एक अच्छे विकसित पर्यटन स्थल के रूप में कर सकते हैं। उन्होंने कहा राज्य सरकार पर्यटन में आने वाली समस्याओं से भलीभांति वंचित है हम सभी आपसी समन्वय इच्छा शक्ति, संकल्प शक्ति, और सामूहिक शक्ति से हर काम को सरलीकरण कर उसका समाधान करेंगे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा आज होमस्टे के लिए मिलने वाली सब्सिडी 33 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दी गई है। राज्य सरकार होमस्टे को बढ़ावा देने के लिए लगातार कार्य कर रही है। आगामी बजट में राज्य सरकार ने उत्तराखण्ड में रोजगार कृषि बागवानी उद्यान जैसे विभिन्न क्षेत्रों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है। हमारा संकल्प है कि हम उत्तराखंड राज्य की जीएसडीपी को आने वाले सालों में दुगना करेंगे।

मंच छोड़ आमजन के बीच जमीन पर बैठे मुख्यमंत्री
पर्यटन पर आधारित चौपाल के दौरान मुख्यमंत्री मंच छोड़ महिलाओं के बीच बैठे और उनसे वार्ता की उन्होंने गांव वासियों का हालचाल जाना, पर्यटन में आने वाली दिक्कतों उनके समाधान एवं सरकार द्वारा मिलने वाली सहायता के बारे में जानकारी भी ली।
इस अवसर पर विधायक टिहरी किशोर उपाध्याय, धनोल्टी प्रीतम सिंह पंवार, देवप्रयाग विनोद कंडारी, घनसाली शक्तिलाल शाह, जिलाध्यक्ष भाजपा राजेश नौटियाल, जिला पंचायत अध्यक्ष टिहरी सोना सजवाण, प्रदेश महामंत्री भाजपा आदित्य कोठारी, जिलाधिकारी डॉ. सौरभ गहरवार, एसएसपी नवनीत सिंह भुल्लर, सीडीओ मनीष कुमार, अध्यक्ष उतरायनी भागीरथी समिति कपिल पंवार, होटल व्यवसाई सहित अन्य मौजूद रहे।

धामी सरकार की इन योजनओं से मिल रहा स्वरोजगार और आर्थिक मदद भी

उत्तराखंड में होम स्टे के तहत प्रदेश में दीन दयाल उपाध्याय होम स्टे योजना, ट्रैकिंग ट्रेक्सन सेंटर होम स्टे अनुदान योजना चलाई जा रही है। दीन दयाल उपाध्याय होम स्टे योजना के तहत होमस्टे का पंजीकरण कराना अनिवार्य है। लाभार्थी को 15 लाख रुपये तक पूंजी सहायता और डेढ़ लाख रुपये तक ब्याज सहायता दी गई है। पांच वर्षों के लिए राज्य जीएसटी की 100 प्रतिशत प्रतिपूर्ति की व्यवस्था भी सरकार ने की है। सीएम धामी ने बताया कि प्रदेश में अब तक 3700 से अधिक होम स्टे पंजीकृत हैं, जिन्हें 14 करोड़ 53 लाख रुपये पूंजी सहायता वितरित की जा चुकी है। होम स्टे से प्रदेश में आठ हजार से अधिक रोजगार सृजित हुए हैं।
सरकार, होम स्टे संचालकों को गांवों में पर्यटन के बुनियादी ढ़ाचे के विकास, निजी वेबसाईट पर होम स्टे विज्ञापित करने, सरकारी वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन प्रचार, निशुल्क प्रशिक्षण, ट्रैवल मार्ट में निशुल्क भागीदारी और गुणवत्ता निर्धारण से ग्रेडिंग की सुविधाएं भी दे रही है। सीएम धामी ने बताया कि सीमांत क्षेत्रों से पलायन रोकने व पर्वतारोहण को बढ़ावा देने के लिए चलाई जा रही ट्रैकिंग ट्रेक्सन सेंटर होम स्टे अनुदान योजना के लिए भी अक्तूबर तक 120 लाभार्थियों को तीन करोड़ 20 लाख का अनुदान दिया जा चुका है।
आपको बता दें कि हाल ही में वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुए सुशासन सम्मेलन (मुख्यमंत्री परिषद) में उत्तराखंड की होम स्टे योजना छा गई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वरोजगार के लिए इस योजना का प्रधानमंत्री मोदी के सामने प्रभावी प्रस्तुतिकरण दिया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने प्रस्तुतिकरण में बताया कि किस तरह प्रदेश में स्वरोजगार के नए अवसर प्रदान करने, नए पर्यटन स्थलों को विकसित करने के मकसद से होम स्टे पर सरकार विशेष ध्यान दे रही है।

फिल्म निर्माण के लिए 24 गांवों को होगा कायाकल्प

उत्तराखंड में पलायन के कारण खाली हो रहे नैनीताल जिले के वीरान गांवों में होम स्टे विकसित किए जा रहे हैं। अहमदाबाद की एक फर्म के साथ मिलकर उत्तराखंड के पर्यटन विभाग ने यह योजना शुरू की है। इसके तहत विभाग ने नैनीताल के पास कुंजखड़क गांव के आसपास के इलाकों को चिह्नित किया है, जहां कम्युनिटी बेस होम स्टे शुरू करने की तैयारी है। विभाग इन गांवों में खंडहर हो चुके मकानों को ठीक कर पर्यटकों को ठहरने की सुविधा देगा। योजना का मुख्य उद्देश्य पर्यटन विकास के साथ ही खाली गांवों का इस्तेमाल फिल्म निर्माण के लिए करने की भी योजना है।
पर्यटन विभाग के अनुसार, इस योजना के तहत नैनीताल जिले में करीब 24 गांव चिह्नित किए हैं। इनमें कुछ की पौराणिक व रोचक कहानियां हैं। कुछ बेहद अच्छी लोकेशंस पर स्थित हैं। फिल्म निर्माण के लिए भी योजना अच्छी साबित हो सकती है। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा। पर्यटन विभाग ऐसे गांवों को स्थानीय लोगों के साथ ही निवेशकों की मदद से विकसित करेगा।

इटली के गांवों को देख कर बनाई योजना
उत्तराखंड पर्यटन विभाग को यह विचार विदेशों में इस तरह की पहल को देखकर आया है। इटली में कई पुराने खाली हो चुके गांवों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया गया है। जहां प्रतिवर्ष विश्वभर से बड़ी संख्या में पर्यटक घूमने जाते हैं। इसी तर्ज पर पर्यटन विभाग ने प्रदेश के ऐसे कुछ गांवों को चिह्नित करना शुरू किया है। उत्तरकाशी की नेलांग घाटी के जादूंग गांव और गर्तातोली की सीढ़ियों को इसी तर्ज पर विकसित किया गया है। यह गांव 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद खाली करा दिए गए थे।
वहीं, नैनीताल के जिलाधिकारी धीराज गर्ब्याल ने बताया कि पलायन रोकने को होम स्टे योजना काफी कारगर है। खाली हो चुके कई गांव बहुत अच्छी लोकेशन्स और इलाकों में स्थित हैं। इन्हें सही तरीके से विकसित किया जाए तो यह राज्य की आर्थिकी के साथ स्वरोजगार का सबसे अच्छा माध्यम बन सकते हैं। इस तरह लोग उत्तराखंड की कला संस्कृति से भी जुड़ पाएंगे।