रेलवे पहुंचायेगा प्रवासी भारतीयों को उनके घर

लॉकडाउन में जगह-जगह फंसे लोगों के लिए राहत की खबर है। रेलवे ने देशभर के पंद्रह स्टेशनों के लिए कुछ स्टॉपेज के साथ चुनिंदा ट्रेनें चलाने की तैयारी कर ली है। 12 मई से ये ट्रेनें नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से चलेंगी। सभी ट्रेनें वातानुकुलित होंगी। सोमवार शाम 4 बजे से बुकिंग शुरू की जाएगी। यात्रा किराया राजधानी एक्सप्रेस के बराबर होगा। डायनेमिक फेयर भी लागू किया जा सकता है। हालांकि, यात्रियों को लॉकडाउन में सार्वजनिक परिवहन नहीं होने से परेशान होना पड़ सकता है। इन 15 रूटों पर ट्रेन शुरू होने के बाद रेलवे कुछ और रूटों पर विशेष ट्रेन चलाएगा। गौरतलब है कि 25 मार्च से सभी यात्री ट्रेन सेवा बंद कर दी गई थीं। 
इन ट्रेनों के टिकट की बुकिंग स्टेशन काउंटर से नहीं होगी। आईआरसीटीसी की वेबसाइट से ही टिकट बुक हो सकेगा। सिर्फ आरक्षित टिकट वाले ही यात्रा कर सकेंगे। तत्काल कोटा नहीं होगा। किसी तरह की छूट भी नहीं मिलेगी। प्लेटफार्म पर वे ही प्रवेश कर पाएंगे जिनके पास कन्फर्म टिकट होगा। 
फेस मास्क पहने बगैर प्लेटफार्म पर यात्रियों को प्रवेश नहीं मिलेगा। थर्मल स्कैनर से चेकिंग के बाद ही यात्रा की इजाजत दी जाएगी। किसी तरह का लक्षण पाए जाने पर यात्रा नहीं कर पाएंगे।
रेलमंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि रेलवे रोज 300 ट्रेनें चलाकर प्रवासी कामगारों को घर पहुंचाने को तैयार है। गोयल ने ट्वीट किया, मैं सभी राज्यों से अपील करता हूं कि वे अपने लोगों को वापस लाने की अनुमति दें ताकि 3-4 दिन में उन्हें घर पहुंचाया जा सके। रेल मंत्रालय ने इसे लेकर एक विस्तृत योजना का निर्माण किया है। शुरुआत में कम संख्या में ही ट्रेनों का संचालन किया जाएगा। इस दौरान लोगों के स्वास्थ्य और कोरोना संक्रमण की जांच भी की जाएगी।

दिल्ली से 15 शहरों के लिए चलेंगी ये ट्रेन
नई दिल्ली-डिब्रूगढ़
नई दिल्ली-अगरतला
नई दिल्ली- हावड़ा
नई दिल्ली-पटना
नई दिल्ली-बिलासपुर
नई दिल्ली-रांची
नई दिल्ली-भुवनेश्वर
नई दिल्ली-सिकंदराबाद
नई दिल्ली-बंगलुरू
नई दिल्ली-चेन्नई
नई दिल्ली-तिरुवनंतपुरम
नई दिल्ली-मडगांव
नई दिल्ली-मुंबई सेंट्रल
नई दिल्ली-अहमदाबाद
नई दिल्ली-जम्मू तवी 

जान ले आपकी ट्रेन का समय तो नही बदला

रेलवे की नई समय सारिणी में कई ट्रेनों का समय बदला गया है। इसकी जानकारी यात्रियों को नहीं होने के कारण तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ा। सोमवार को फिरोजपुर से धनबाद जाने वाली धनबाद एक्सप्रेस ट्रेन शाम 6.25 बजे की बजाय शाम को 4.15 बजे रवाना कर दी गई।
इस कारण करीब 50 यात्रियों की ट्रेन छूट गई। उक्त यात्रियों ने इसकी शिकायत रेल अधिकारियों से की और टिकट बुकिंग पर क्लर्कों से कहासुनी भी हुई। मंगलवार को रेल डिवीजन फिरोजपुर के अधिकारियों ने धनबाद एक्सप्रेस ट्रेन को पुराने समय 6.25 बजे रवाना किया। एक जुलाई से रेलवे ने नई समय सारिणी जारी की है। इसमें कई ट्रेनों का समय बदला गया है। इसके अलावा कुछेक ट्रेनों को रेगुलर किया है और कई ट्रेनें जो रेगुलर चलती थी, उन्हें सप्ताह में दो दिन किया गया है। यात्रियों का कहना है कि रेलवे ने नई समय सारिणी जारी करने के बाद अपनी वेबसाइट पर अपलोड नहीं की। उत्तर रेलवे ने 267 ट्रेनों का समय बदला है। रेलवे ने नई दिल्ली-चंडीगढ़ और नई दिल्ली-लखनऊ के बीच दो नई तेजस एक्सप्रेस की शुरुआत की है।

ट्रेन के खाने में निकली छिपकली, यात्री की तबीयत हुई खराब

ट्रेनों में यात्रियों को परोसे जाने वाले भोजन की क्वॉलिटी की तस्वीर उस वक्त सामने आई, जब एक यात्री को परोसी गई वेज बिरयानी में छिपकली पाई गई। इसके बाद यात्री की तबीयत भी खराब हुई, जिसकी वजह से उसे दवा लेनी पड़ी। इसके बाद बैकफुट पर आए रेलवे बोर्ड ने ट्रेन में भोजन सप्लाई करने वाले ठेकेदार का ठेका रद्द करने का ऐलान कर दिया। इसके साथ ही अब रेलवे ने चुनींदा राजधानी, शताब्दी और दुरंतो ट्रेनों में यात्रियों को विकल्प देने का फैसला लिया है कि अगर यात्री चाहें तो रेलवे का भोजन लेने से इनकार कर दें। ऐसी स्थिति में टिकट जारी करते वक्त पैसेंजर से भोजन का पैसा नहीं लिया जाएगा।
ट्रेन में खाने में छिपकली मिलने का यह मामला सीएजी की रिपोर्ट के एक सप्ताह के भीतर सामने आया है। पिछले ही सप्ताह सीएजी की रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया था कि रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में परोसे जाने वाले खाने की क्वॉलिटी कितनी खराब है। हालांकि, इसके बाद रेलवे ने दावा किया कि वह सुधार के लिए कदम उठा रहा है लेकिन मंगलवार को बिरयानी में छिपकली निकलने का मामला सामने आ गया।
इंडियन रेलवे के सूत्रों के मुताबिक बिरयानी में छिपकली मिलने का मामला पूर्वा एक्सप्रेस में सामने आया। ट्रेन नंबर 12303 के फर्स्ट क्लास में यात्रा कर रहे वकील संतोष कुमार सिंह ने अपने लिए वेज बिरयानी का ऑर्डर किया। उन्हें बिरयानी में छिपकली दिखी। इसके बाद उन्होंने कैटरिंग स्टाफ को इसकी जानकारी दी और बिरयानी की फोटो भी ट्वीट करते हुए रेलमंत्री सुरेश प्रभु को टैग कर दी। बाद में इस यात्री की तबीयत खराब होने पर उसे दवा भी दी गई।
इस मामले के सामने आने के बाद रेलवे ने इस ट्रेन में खाना परोसने वाले कांट्रैक्टर आर.के. असोसिएटस का ठेका रद्द करने का फैसला किया है। महत्वपूर्ण है कि इसी ठेकेदार के खिलाफ पिछले साल भी खराब खाने की शिकायतें आई थीं। उस वक्त रेलवे ने इस पर क्रमश 10 लाख और साढ़े सात लाख रुपये का जुर्माना ठोंका था। अब रेलवे अपने बचाव में दावा कर रही है कि उसने भोजन की क्वॉलिटी को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रखी है। इसी वजह से उसने इस साल जनवरी से अब तक ट्रेनों में खाना परोसने वाले 12 ठेकेदारों के ठेके रद्द किए हैं।

कैग ने खोली भारतीय रेला सेवा की पोल!

नियंत्रक महालेखा परीक्षक (कैग) ने रेल मंत्रालय पर गंभीर आरोप लगाते हुए स्टेशनों व ट्रेनों में परोसा जाने वाला खाना यात्रियों के खाने योग्य नहीं बताया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि रेलवे के खाने में कीलें निकली। पेंट्रीकार में चूहे एवं काकरोच पाए गए।
इससे अधिक गंभीर बात यह है कि रेलवे ही ठेकेदारों को घटिया, बासी, कम मात्रा और अधिक दरों पर खाना देने के लिए मजूबर करती है। यात्रियों को ब्रांडेड के बजाए दूसरी कंपनियों का बोलतबंद पानी दिया जाता है। इतना ही नहीं 22 ट्रेनों में पेय, काफी, चाय और शूप तैयार करने में सीधे नल से आ रहे अशुद्ध जल का उपयोग किया जा रहा है।
कैग ने शुक्रवार को संसद में पेश अपनी रिपोर्ट में कहा है कि रेलवे की खानपान सेवाओं की कलई खोल दी है। कैग ने रेलवे अफसरों के साथ संयुक्त जांच में पाया कि खाना बनाने में साफ सफाई का ध्यान नहीं रखा जाता। बेस किचन व पेंट्रीकार कॉकरोच-चूहे घूमते हैं। लखनऊ-आनंद विहार डबल डेकर (ट्रेन नंबर 12583) में एक यात्री के कटलेट में खाते समय कील निकली। इसी प्रकार एक अन्य ट्रेन कानपुर दिल्ली शताब्दी की शिकायत पुस्तक में भी खाने में कील निकलने की शिकायत दर्ज है। दुरंतो एक्सप्रेस ट्रेनों (ट्रेन नंबर 12260 व 12269) में कॉकरोच व चूहे देखे गए। इसी प्रकार जांच के दौरान वेलकम ड्रिंक को नल के पानी से बनाते हुए देखा गया।
कैग ने कहा कि खाने की रसीद यात्रियों को नहीं दी जाती है। ट्रेनों की कोच में मैन्यू नहीं लगया जाता है जिससे खाने की दरें व मात्रा पता चल सके। यात्रियों को घटिया खाना कम मात्रा में परोसा जाता है, और तय मूल्य से अधिक पैसा लिया जाता है। यह स्थिति यात्री ट्रेनों व रेलवे स्टेशनों दोनो जगह की बनी हुई है।
रेलवे खानपान की गुणवत्ता की जांच और नियंत्रण प्रभावी ढ़ग से लागू करने में विफल साबित हुआ है। रेलवे बोर्ड से लेकर जोनल रेलवे तक शिकायत प्रणाली व्यवस्था लागू की गई, लेकिन इनकी संख्या में कमी नहीं आ रही है। कैग ने रिपोर्ट में कहा है कि खानपान नीति में बार बार परिर्वतन कर आईआरसीटीसी से लेने और फिर देने के फैसले से खानपान व्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हुई है। 2010 से इसका खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है।
कैग व रेलवे के संयुक्त जांच में पाया गया कि जोनल रेलवे ने मास्टर प्लान बनाकर सभी स्टेशनों व ट्रेनों में खानपान आपूर्ति की ठीक प्रकार से निगरानी नहीं की। लंबी दूरी की ट्रेनों में पेंट्रीकार नहीं थी। ट्रेनों में खाना आपूर्ति के लिए रेलवे मात्र तीन फीसदी बेस किचन का प्रयोग करती है, शेष बेस किचन कैटरिंग ठेकेदारों द्वारा रेल परिसर से बाहर बनाया जाता है। यहां रेलवे का निगरानी तंत्र नहीं है। इसलिए खाना बनाने की गुणवत्ता, बेस किचन की साफ सफाई, कम मात्रा में खाना पैक करना आदि अनियमितताएं होती है।
रेलवे ने बेस किचन, कैटरिंग यूनिट, विशिष्ठ बेस किचन जैसे फूड प्लाजा, फूड कोर्ट, फास्ट फूड यूनिट, ट्रेन साइड वेडिंग लगाने की दिशा में ठोस काम नहीं किया। कैग ने सिफारिश की है कि आईआरसीटीसी को खानपान सेवा को देने के नियम को सरल बनाया जाना चाहिए। पेंट्रीकार में गैस बर्नर के स्थान पर इलेक्ट्रिकल चूल्हा लगाना चाहिए।

रेलवे स्टेशन की सुविधाओं को समिति ने निरीक्षण किया


ऋषिकेश।
रेल मंत्रालय भारत सरकार द्वारा गठित यात्रा सेवा समिति के पांच सदस्यीय दल ने ऋषिकेश रेलवे स्टेशन की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। दल ने यहां पेयजल, सफाई, शौचालयों की स्थिति, बिजली व अन्य व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। कमेटी के सदस्य पंकज कुमार पाठक ने बताया कि रेल मंत्रालय द्वारा कांवड़ यात्रा को देखते हुए स्टेशनों पर यात्री सुविधाओं में इजाफा किया जा रहा है। इसमें यात्रियों के लिए पेयजल, शौचालय आदि की अतिरिक्त व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि निरीक्षण में जो भी कमियां पाई गई हैं, उन्हें शीघ्र दुरुस्त करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने बताया कि रेल मंत्रालय द्वारा इस कमेटी का गठन इसलिए किया गया है कि वह प्रत्येक रेलवे स्टेशन का जायजा लेकर खामियों व अव्यवस्थाओं की रिपोर्ट रेल मंत्रालय को सौंपे। जिससे रेलवे स्टेशनों को आधुनिक सुविधाओं से जोड़ा जा सके। इस मौके पर मंडल रेल प्रबंधक मुरादाबाद एके सिंघल ने बताया कि कांवड़ यात्रा को देखते हुए सात जुलाई से यात्राकाल में ऋषिकेश-हरिद्वार के बीच कांवड़ रेल सेवा शुरू की जाएगी। जिससे यात्रियों को परिवहन की समस्या से न जूझना पड़े। यात्री सेवा समिति की टीम को स्टेशन अधीक्षक आरपी मीणा ने भी स्टेशन की समस्याओं से अवगत करवाया। निरीक्षण टीम में पंकज कुमार पाठक, एमएन ¨सह, राजेश शाह, मंजू मखीजा व जयदीप आर्य शामिल थे।