फिटनेस को ट्रेनर ने बताए योग के विशेष गुर

ऋषिकेश।
योग क्रियाओं से पूर्व साधकों को मंत्रोच्चारण के साथ सूर्य नमस्कार का अभ्यास कराया गया। अमेरिका से आए योगाचार्य गुरुशब्द खालसा ने साधकों को कुंडलिनी योग की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कुंडलिनी योग से मनुष्य के भीतर सुस्त अवस्था में रह रही शक्ति जागृति हो जाती है। इस क्रिया से शरीर के भीतर के सभी चक्र खुल जाते हैं। उन्होंने कहा कि एक बार यह चक्र खुल जाने के बाद मनुष्य को स्वयं का ज्ञान हो जाता है। उन्होंने इस क्रिया को गुरु के सानिध्य में ही करने की हिदायत दी। बॉलीवुड के फिल्मी सितारों की फिटनेस ट्रेनर दीपिका मेहता ने स्वस्थ शरीर के लिए सही खान-पान व योग क्रियाओं की जानकारी दी जिसके इस्तेमाल से व्यक्ति लंबे समय तक फिट और जवान रह सकता है। अमेरिका से आई आनन्द्रा जॉर्ज ने साधकों को नादयोग का प्रशिक्षण दिया। ऑस्ट्रेलिया के मार्क रॉबर्ट ने अष्टांग प्राथमिक श्रृंखला और योगाचार्य एचएस अरुण ने एंगर योग का अभ्यास कराया। न्यूयार्क के विश्वविख्यात योगाचार्य जूल्फ फेबर ने जीवमुक्ति योग कराया जबकि योगाचार्य लौरा प्लम्ब ने रॉक भक्ति का अभ्यास कराया। साध्वी भगवती एवं ब्रूस लिप्टन ने सभी योग साधकों से प्रकृति व पृथ्वी संरक्षण के लिए संकल्प लेने का आह्वान किया।

परमार्थ गंगातट पर 101 देशों से आए लोगों ने लिया महासंकल्प

ऋषिकेश।
परमार्थ निकेतन में अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव की निदेशिका साध्वी भगवती सरस्वती ने कहा कि दुनिया के सभी जलस्रोत मां गंगा से जुड़े हुए हैं। सभी नदियां समुद्र में मिलती हैं जो हमें एक दूसरे से जोड़ती हैं। जिस प्रकार योग हमें आपस में जोड़ता है, उसी प्रकार जल भी हमें जोड़ता है।
इससे पहले प्रातः कालीन कक्षाओं का शुभारम्भ आनन्द मेहरोत्रा ने हार्ट ऑफ कम्पैशन, डॉ. इन्दु शर्मा ने पारम्परिक हठ योग एवं सूर्य नमस्कार, कोलम्बिया दक्षिण अमेरिका से पधारे स्वामी बीए परमाद्वैती ने इनबाउंड योग एवं संदीप देसाई ने टाई-ची का अभ्यास कराया।
गोल्डन ब्रिज योग के संस्थापक गुरुमुख कौर खालसा एवं न्यूयार्क के जीवमुक्ति योग के योगाचार्य जूल्फ फेबर ने विभिन्न प्रकार के आसनों का अभ्यास कराया। वृदांवन से आई कीर्तन मंडली ने पर्यावरण एवं नदी संरक्षण के संबंध में अपनी प्रस्तुतियां दीं। वृदांवन से आए दल के साथ सभी प्रतिभागियों ने मिलकर अपने-अपने देश की नदियों को प्रदूषण मुक्त रखने का महासंकल्प लिया।
रात्रिकालीन कार्यक्रम में परमार्थ निकेतन के ऋषिकुमारों ने योग की विभिन्न विधाओं पर मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया। ऋषिकुमारों ने उपासना एवं ज्योति शर्मा के निदेशन में भजन प्रस्तुत किया।

90 प्रतिशत घटा बजट, तैयारियों पर दिखा असर

ऋषिकेश।
उत्तराखंड में पर्यटन को आय का मुख्य साधन माना जाता है और ऋषिनगरी को योग की अंतरराष्ट्रीय राजधानी। अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव की तैयारियों में जुटा गढ़वाल मंडल विकास निगम बजट के अभाव में अपनी तैयारियों में पिछड़ता हुआ दिखाई दे रहा है। 35 लाख रुपये के अनुमानित बजट के सापेक्ष निगम को मात्र दस लाख रुपये में ही काम चलाना पड़ रहा है।
अपना इंफ्रास्ट्रक्चर और कर्मचारियों की अच्छी संख्या होने के बाद भी निगम को योग महोत्सव में बड़ी कामयाबी नहीं मिली। इसके पीछे शासन द्वारा निगम को योग महोत्सव के बजट में भारी कटौती करना माना जा रहा है।
2015 में शासन से निगम को योग महोत्सव संपन्न कराने के लिए एक करोड़ रुपये का भारी भरकम बजट मिला था। निगम ने भी योग महोत्सव को भव्य रूप देकर देश-विदेश से प्रतिष्ठित योग साधकों को बुलाया था लेकिन अगले वर्ष 2016 और 2017 में शासन ने बजट में 90 प्रतिशत की कटौती कर मात्र 10 लाख रुपये ही जारी किए जबकि निगम ने 35 लाख रुपये का अनुमानित बजट शासन से मांगा था।