सूर्य नमस्कार व मौन साधना का अभ्यास

गढ़वाल मण्डल विकास निगम के गंगा रिसॉर्ट में योगाभ्यास का दूसरा दिन

ऋषिकेश।
गुरुवार सुबह गढ़वाल मंडल विकास निगम के गंगा रिसॉर्ट में साधकों ने सूर्योदय के समय सूर्य नमस्कार किया। साधकों को सूर्य नमस्कार का अर्थ समझाते हुए आचार्य प्रतिष्ठा ने कहा कि सूर्य नमस्कार का शरीर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि सूर्य की किरणें सीधे शरीर में प्रवेश कर आंतरिक ऊर्जा को जगाने का काम करती हैं। महर्षि पंतजलि योग मंडप में साधकों को यम, नियम, प्राणायाम और मौन का अभ्यास कराया गया। बताया गया कि मौन रहने के लिए संयम रखना भी एक साधना है।
दूसरी ओर महर्षि विश्वमित्र सभागार में स्विटजरलैंड की योग साधक ऊषा देवी ने एंगर योग के बारे में जानकारी दी। व्याख्यान सत्र में पदमश्री स्वामी डॉ. भारत भूषण ने कहा कि जिन्दगी का एक तिहाई हिस्सा हमारा सोने में बीत जाता है जबकि नींद को घंटों से नहीं वरन गहराई से मापा जाता है। एक घंटे की गहरी नींद भी मनुष्य को दिन भर तरोताजा रख सकती हैं। उन्होंने कहा कि योग ही एक ऐसा माध्यम है जिससे हम नींद पर विजय प्राप्त कर सकते हैं। योग गुरु सीएम भंडारी ने कहा कि योग और प्राणायाम शारीरिक अभ्यास से अधिक भावनाओं की एकाग्रता और निर्मलता का मार्ग है। तन और मन की एकाग्रता मनुष्य को ऊंचा उठाती है। स्वामी सुर्येन्दु पुरी ने कहा कि सूर्य को शास्त्रों में जगत का प्राण कहा गया है। अगर हम सूर्य की शक्ति को शरीर में धारण कर सकें तो हमारी प्राण शक्ति बढ़ती जाएगी। योगाचार्य गुलशन कुमार ने योग निंद्रा के बारे में साधकों को जानकारी दी। इस अवसर पर निगम के प्रबंध निदेशक अतुल कुमार गुप्ता, एमएस वर्निया, टीएस बिष्ट, धीरेन्द्र राणा, विश्वनाथ बेंजवाल आदि उपस्थित थे।