चक जोगीवाला और साहब नगर के नदी किनारे बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का भौतिक निरीक्षण

कैबिनेट मंत्री व क्षेत्रीय विधायक डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने चक जोगीवाला, साहब नगर के नदी किनारे बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का भौतिक निरीक्षण किया। इस मौके पर मानसून से पूर्व सौंग और जाखन नदी के जल को गांव की उपजाऊ भूमि तक आने से रोकने के लिए चैनललाइजेशन के साथ जीआई वायरक्रेट लगाने के निर्देश दिए गए। साथ ही मौके पर निदेशक राजाजी नेशनल पार्क से दूरभाष पर वार्ता भी की।
सोमवार को मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल चक जोगीवाला और साहबनगर के बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में पहुंचे। डा. अग्रवाल ने कहा कि ग्राम चक जोगीवाला और साहबनगर आबादी क्षेत्र में फैला हुआ है। वर्षाकाल के दौरान सौंग और जाखन नदी की बाढ़ से यहां की आबादी प्रभावित होती है।
बताया कि वर्ष 2013 की आपदा के बाद से नदी का बहाव किसानों की उपजाऊ भूमि की ओर हो गया। जिसके चलते गांव में निवासरत लोगों को खेती बाड़ी का खतरा पैदा हो जाता है।
डा. अग्रवाल ने बताया कि इस क्षेत्र में 450 मीटर लंबी सुरक्षा दीवार का निर्माण होना है, जो बाढ़ सुरक्षा का कार्य करेगी और उपजाऊ क्षेत्र में नदी का बहाव को आने से रोकेगी। बताया कि यह कार्य मानसून के बाद प्रारंभ किया जाएगा।
बताया कि वर्तमान में मानसून से पूर्व इस वर्ष बाढ़ से निपटने को चैनललाइजेशन के साथ जीआई वायरक्रेट लगाई जा रही है, जो नदी से बायें तट की सुरक्षा करेगी। उन्होंने अधिकारियों को जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिए। साथ ही मौके पर निदेशक राजाजी नेशनल पार्क से दूरभाष पर वार्ता भी की।
डा. अग्रवाल ने बताया कि नदी के बहाव को किनारे से दूसरी दिशा में परिवर्तित करने के लिए सीसी पर स्पर बनाये जाएंगे। बताया कि यह कार्य 493.37 लाख की लागत से नाबार्ड के द्वारा किया जायेगा।
इस मौके पर सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता डीसी उनियाल, सहायक अभियंता अनुभव नौटियाल, कनिष्ठ अभियंता दिनेश कुमार, ब्लॉक प्रमुख भगवान सिंह पोखरियाल, पूर्व जिला पंचायत सदस्य देवेंद्र नेगी, प्रधान साहबनगर सोबन सिंह कैंतुरा, क्षेत्र पंचायत सदस्य अमर खत्री, अम्बर गुरुंग, माया राम पैन्यूली, शैलेन्द्र रांगड़, धनेश नेगी, धर्म सिंह चौहान सहित ग्रामीण आदि उपस्थित रहे।

गौहरी माफी में बाढ़ सुरक्षा कार्य तय समय के भीतर हों

बैराज रोड स्थित कैम्प कार्यालय में मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों संग बैठक की। उन्होंने अधिकारियों से गौहरीमाफी के बाढ़ सुरक्षा कार्यों की जानकारी मांगी। सहायक अभियंता अनुभव नौटियाल ने कहा कि सौंग नदी के दायें तट पर स्थित ग्राम गौहरी माफी में बाढ़ सुरक्षा कार्य चल रहे हैं, जो अंतिम चरण में हैं। इसी तरह एक करोड़ 32 लाख रुपये की धनराशि से गौहरीमाफी में नहरों, पुरानी शाखा गूलों का पुनरोद्धार और नई पक्की गूलों का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। मंत्री ने अति संवेदनशील क्षेत्रों पर वर्षाकाल से पूर्व निर्माण कार्य पूरा करने के निर्देश दिए। कहा कि निर्माण कार्य में गुणवत्ता से कोई समझौता न किया जाए। विकास कार्यों में लापरवाही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

कहा कि मानसून सिर पर है, इससे पहले ही अंतिम चरण का कार्य पूरा किया जाए। जल्द ही निर्माण कार्यों का निरीक्षण भी किया जाएगा, इसलिए गुणवत्ता का विशेष ख्याल रखा जाए। मौके पर अधीक्षण अभियंता सिंचाई केके तिवारी, अधिशासी अभियंता सिंचाई डीसी उनियाल, सहायक अभियंता अनुभव नौटियाल आदि उपस्थित रहे।

पनियाली नाले में आए उफान से मलबा फैला, करंट फैलने से तीन की मौत

पनियाली नाले में आए उफान से कौडिया के एक घर में मलबा घुसने के बाद करंट फैल गया। इसकी चपेट में आने से तीन लोगों की मौत हो गई। यह तीनों उस वक्त कमरों से सामान बाहर निकाल रहे थे। बरसाती नाले का पानी और इसके साथ आया मलबा आमपड़ाव और कौडिया के आधा दर्जन से ज्यादा घरों में घुसा। गुजरे तीन सालों से पनियाली नाला आसपास के इलाकों में कहर बरपा रहा है, लेकिन सिंचाई विभाग यहां बाढ़ सुरक्षा प्रबंध नहीं कर पाया। इससे नाराज क्षेत्रवासियों ने मंगलवार को सिंचाई विभाग के कार्यालय में तालाबंदी की।
कोटद्वार में सुबह सात बजे से शुरू हुई मूसलाधार बारिश करीब डेढ़ घंटे चली। इससे आसपास के इलाकों के नदी-नाले उफान पर आ गए। पनियाली नाले के पानी के साथ काफी मात्रा में मलबा आम पड़ाव और कौडिया स्थित कुछ घरों में घुस गया। इस नाले में सुरक्षा दीवार बनाने के लिए यहां से निकाला गया मलबा वहीं नाले के दोनों किनारों पर एकत्र किया गया था, यही मलबा पानी के बहाव के साथ लोगों के घरों तक पहुंचा। तेज हवाएं चलने और बारिश होने के चलते उस वक्त पूरे इलाके में बिजली भी गुल हो गई।
अफरा-तफरी में लोग घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर चले गए। इसी दरम्यान कौडिया निवासी रणजीत सिंह (30) पुत्र बलवीर अपने घर से सामान बाहर निकाल रहा था। उसकी मदद के लिए पड़ोस में रहने वाले अरुण (28) पुत्र कमल और शाकुन (23) पुत्र गुलशन भी वहां पहुंचे थे। तीनों कमरों से सामान निकाल ही रहे थे, तभी इलाके में बिजली की आपूर्ति बहाल हो गई। घर में मलबा भर जाने की वजह से रणजीत के घर में करंट फैल गया। तीनों लोग इसकी चपेट में आ गए। उन्हें तत्काल बेस चिकित्सालय कोटद्वार ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
रणजीत बैंक में कार्यरत था। हादसे में मारे जाने वाले अन्य दोनों युवकों में अरुण मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के ढाकी (नजीबाबाद) और शाकुन इसी जिले सिकरौड़ा नवादा का रहने वाला था। अरुण भारत इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड की कोटद्वार इकाई में कार्यरत था, जबकि शाकुन कोटद्वार में नगर निगम के ट्रेचिग ग्राउंड में कूड़ा निस्तारण के कार्य करता था।

सिंचाई विभाग कॉलोनी में चला सफाई अभियान

सिंचाई कर्मचारियों ने अधिशासी अभियंता को सौंपा था ज्ञापन
डेंगू और चिकनगुनिया से पीड़ित हैं सात परिवारों के सदस्य

ऋषिकेश।
नगर पालिका ऋषिकेश ने रेलवे रोड स्थित सिंचाई विभाग की कॉलोनी में शनिवार को सफाई अभियान चलाया। कर्मचारियों ने झाड़ियां काटी। कूड़े के ढेर को उठाया। जहां पानी जमा था वहां दवा का छिड़काव भी किया। कॉलोनी में सात कर्मचारियों के परिवार के सदस्य डेंगू और चिकनगुनिया से पीड़ित हैं। उन्होंने शुक्रवार को अधिशासी अभियंता से सफाई कराने को लेकर गुहार लगाई थी।
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शनिवार सुबह आठ बजे पालिका के दर्जनभर कर्मचारियों ने कॉलोनी में सफाई की। सफाई निरीक्षक सचिन रावत और अरविन्द डिमरी ने बताया कि सिंचाई विभाग की कॉलोनी में झाड़ियां काटने के साथ ही सफाई अभियान चलाया गया। दोपहर बाद दवा का छिड़काव किया गया। उन्होंने समय-समय पर सफाई अभियान चलाने के साथ-साथ फॉगिंग कराई जाएगी।

डेंगू के दो और मरीज मिले
सरकारी अस्पताल में शनिवार को डेंगू और टाइफाइड के दो-दो नए मरीज मिले हैं। डेंगू की आशंका पर 21 मरीजों की ब्लड जांच की गई थी। 39 मरीजों की मलेरिया जांच की गई, जिसमें एक मलेरिया से पीड़ित मिला। मलेरिया का मामला लंबे समय बाद सामने आया है। शनिवार की ओपीडी में 509 मरीजों ने पंजीकरण कराया।