आईटीबीपी के जवानों ने श्री बदरीनाथ धाम में चलाया स्वच्छता अभियान

उत्तराखण्ड में चारधाम यात्रा के आरम्भ के साथ ही आईटीबीपी द्वारा श्री बदरीनाथ धाम एवं इसके आस-पास स्वच्छता बनाए रखने में महत्वपूर्ण योगदान दिया जा रहा है। आईटीबीपी के जवानों द्वारा बद्रीनाथ मंदिर के निकट पहाड़ियों व जलस्रोतों को स्वच्छ रखने हेतु अभियान चलाया गया है। गुरूवार को श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के अवसर पर आईटीबीपी के जवानों द्वारा श्री बदरीनाथ मंदिर के निकट दुर्गम पहाड़ी पर रैपलिंग करते हुए यात्रियों द्वारा फेंके गए कूड़े को हटाया गया। आईटीबीपी द्वारा यह अभियान निरन्तर जारी रहेगा। प्रशासन ने भी आईटीबीपी के जवानों के इस स्वच्छता अभियान की प्रशंसा की। इससे चारधाम यात्रा पर आने वाले सभी तीर्थयात्रियों एवं स्थानीय लोगों को धामों व चारधाम यात्रा मार्ग पर स्वच्छता बनाए रखने की प्रेरणा मिलेगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी आईटीबीपी के जवानों को श्री बदरीनाथ धाम में स्वच्छता अभियान संचालित करने के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दी है।

शहीद नेगी के चित्र पर सीएम ने माल्यार्पण कर दी श्रद्धांजलि

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सांय आई.टी.बी.पी. के शहीद असिस्टेंट कमांडेंट टीकम सिंह नेगी के राजावाला स्थित आवास पर जाकर उनके परिजनों से भेंट कर उन्हें सांत्वना प्रदान की।
मुख्यमंत्री ने शहीद टीकम सिंह नेगी के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा के दौरान एक विशेष अभियान में शहीद नेगी ने अपने प्राणों का उत्सर्ग किया। हमें अपने वीर शहीद जवानों पर गर्व है। उनकी वीरता युवाओं को देश की सुरक्षा की प्रेरणा प्रदान करती रहेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद नेगी की स्मृतियों को चिरस्थायी बनाये जाने के प्रयास किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि दुख की इस घड़ी में राज्य सरकार शहीद के परिवार के साथ खड़ी है।

चारधाम यात्रा-श्रद्धालुओं की सुरक्षा को केन्द्र सरकार गंभीर

चारधाम यात्रा पर तीर्थयात्रियों की मौत के बाद केंद्र सरकार ने मदद के लिए एनडीआरएफ की टीम भेजी है। इसके अलावा आईटीबीपी के जवानों को भी पैदल यात्रा मार्गों पर मदद के लिए तैनात किया गया है। पैदल यात्रा करते समय अचानक तबीयत बिगड़ने पर एनडीआरएफ और आईटीबीपी के जवान तीर्थयात्रियों की मदद कर उन्हें तत्काल नजदीकी मेडिकल कैंप तक पहुंचाएंगे।
प्रदेश में तीन मई को गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा शुरू हुई है। शुरूआत में ही केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम जाने वाले तीर्थ यात्रियों की मौत पर पीएमओ ने संज्ञान लेकर राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी थी। साथ ही चारधाम यात्रा में तीर्थयात्रियों की मदद के लिए केंद्र ने एनडीआरएफ की टीम भेजी है। खास तौर पर केदारनाथ धाम के पैदल मार्ग पर एनडीआरएफ टीम तैनात की गई है। इसके अलावा आईटीबीपी के जवानों को यात्रियों की मदद के लिए तैनात किया गया है। केदारनाथ धाम के पैदल मार्ग पर यदि किसी यात्री की अचानक तबीयत खराब होती है तो एनडीआरएफ और आईटीबीपी के जवान तत्काल मदद कर उन्हें मेडिकल कैंप तक पहुंचाएंगे, ताकि समय पर इलाज मिल सके।
मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने बताया कि चारधाम यात्रा करने वाले यात्रियों की मदद के लिए केंद्र की ओर से एनडीआरएफ की टीमें भेजी गई हैं। इसके साथ ही आईटीबीपी के जवानों को तैनात किया गया। एसडीआरएफ की टीमें पहले ही चारधामों में तैनात हैं। एनडीआरएफ और आईटीबीपी को एक सीमित समय के लिए तैनात किया है। जरूरत पड़ने पर समय को बढ़ाया जाएगा।

क्षमता के अनुसार भेजे जा रहे यात्री
कोविड महामारी के कारण दो साल बाद चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। चारधामों में कपाट खुलने के दिन क्षमता से दोगुने यात्री पहुंचे थे। जिससे धामों में यात्रियों को अव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ा। मुख्य सचिव ने कहा कि चारधामों की वहन क्षमता के अनुसार यात्रियों का पंजीकरण कर दर्शन के लिए भेजा जा रहा है। पिछले तीन दिनों से धामों में स्थित पूरी तरह से नियंत्रण में है। उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग व चमोली जिले के जिलाधिकारियों से प्रतिदिन व्यवस्थाओं की समीक्षा की जा रही है।

विधानसभावार विकास कार्यों को वित्तीय स्वीकृति दे रहे सीएम धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों के लिये विकास कार्यों हेतु वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है। मुख्यमंत्री ने विधानसभा क्षेत्र धर्मपुर के अन्तर्गत वार्ड सं0-88 मेहूवाला में ऋषिविहार में आईटीबीपी के पीछे नाले को भूमिगत करते हुए सड़क का चौड़ीकरण कार्य किये जाने हेतु 188.79 लाख रूपये, विधानसभा क्षेत्र धर्मपुर के अन्तर्गत वार्ड संख्या 89 तथा 90 में दुर्गा विहार, हरभजवाला, कुमाऊनी बस्ती, नन्दा एन्क्लेव, तुन्तोवाला, चन्द्रताल, विष्णुपुर, माया एन्क्लेव तथा नीलवाला में मार्ग एवं नाली निर्माण हेतु 204.26 लाख रूपये, विधानसभा क्षेत्र चौबट्टाखाल के अन्तर्गत बेदीखाल भरोलीखाल एरोली मोटर मार्ग का चन्दोली तक विस्तारीकरण हेतु 133.58 लाख रूपये की स्वीकृति प्रदान की है।
मुख्यमंत्री ने विधानसभा क्षेत्र प्रतापनगर के अन्तर्गत मदन नेगी खोला मोटर मार्ग के किमी 1 से मोटना मदन नेगी मोटर मार्ग के जलवागांव तक मोटर मार्ग का नव-निर्माण हेतु 3.75 लाख रूपये, विधानसभा क्षेत्र पिथौरागढ़ के अन्तर्गत ऐंचोली बड़ावे मोटर मार्ग के किमी 13 पत्थरखानी से सेलकटिया डुबरिया बिजरकाण्डा धुईरा तक मोटर मार्ग का नव-निर्माण हेतु 104.35 लाख रूपये की स्वीकृति प्रदान की है।
मुख्यमंत्री ने ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत अधिकारी एवं सहायक विकास अधिकारियों को कोविड-19 में उनके द्वारा किये जा रहे सराहनीय कार्यों एवं सेवाओं हेतु सम्बन्धित 649 कार्मिकों को एकमुश्त 10,000 रूपये प्रति कार्मिक प्रोत्साहन राशि दिये जाने को वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है।

सीएम ने आईटीबीपी के जवानों के साथ मनाई दीपावली

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आईटीबीपी कैम्प कोपांग उत्तरकाशी में आईटीबीपी के जवानों एवं हर्षिल उत्तरकाशी में 9वीं बटालियन बिहार रेजिमेंट के सेना के जवानों के साथ दीपावली मनाई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जवानों का हौंसला बढ़ाया एवं जवानों व उनके परिवारजनों को दीपावली की शुभकामनाएं दी। जवानों ने मुख्यमंत्री को अपने बीच पाकर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि इससे कार्य करने का जज्बा और होंसला बढ़ता है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि हमारी सेना और अर्द्ध सैनिक बलों के जवान सीमान्त एवं दुर्गम क्षेत्रों में देश की रक्षा के लिए कठिन परिस्थितियों में कार्य करते हैं। इन सैनिकों की वजह से पूरा देश चैन की नींद सोता है। हमारे जवान अपने परिवारों से दूर रहकर देश की रक्षा के लिए जिस वीरता एवं साहस से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते है। इसके लिए वे निश्चित रूप से बधाई के पात्र हैं ।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि आज सेना एवं आईटीबीपी के जवानों के साथ मुझे कुछ समय बिताने का मौका मिला, यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है। उत्तराखण्ड का सेना एवं अर्द्धसैन्य बलों से गहरा नाता रहा है। उत्तराखण्ड के अनेक जवान इन सैन्य बलों में सेवाएं दे चुके हैं एवं दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरे पिताजी भी सेना में रहे हैं, एक सैनिक परिवार से होने के नाते मेरा सैनिकों से व्यक्तिगत लगाव भी है। सेना एवं अर्द्ध सैन्यबलों के प्रति देश का सम्मान, श्रद्धा एवं विश्वास का भाव रहता है। हमारे सैन्य बल दुनिया के सर्वोत्कृष्ट सैन्य बल माना जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इतने दुर्गम एवं सीमान्त क्षेत्रों में महिला अधिकारी जिस जज्बे के साथ ड्यूटी कर रहे हैं, यह सबके लिए अनुकरणीय है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि राज्य के आईएएस, आईएफएस एवं आईपीएस अधिकारियों की कैम्पिंग हम सीमांत क्षेत्रों में हर साल करेंगे।

इस अवसर पर विधायक गोपाल सिंह रावत, मुख्यमंत्री के औद्योगिक सलाहकार डॉ. केएस पंवार, विशेष सचिव पराग मधुकर धकाते, जिलाधिकारी उत्तरकाशी मयूर दीक्षित, पुलिस अधीक्षक पंकज भट्ट, सेना एवं आईटीबीपी के जवान उपस्थित थे।

सीएम त्रिवेंद्र ने पर्वतारोहियों को प्रशस्ति पत्र देकर किया सम्मानित

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आईटीबीपी सीमाद्वार परिसर में गंगोत्री-2 पर्वतारोहण एवं 6 पीक आरोहण फ्लैग इन सैरेमनी में प्रतिभाग किया। आईटीबीपी द्वारा सितम्बर माह में 06 अनाम चोटियों पर पर्वतारोहण हेतु दल भेजा गया जिसका नेतृत्व सैक्टर देहरादून आईटीबीपी की उपमहानिरीक्षक अर्पणा कुमार द्वारा किया गया। 08 सदस्यों के दल ने उत्तराखण्ड के उच्च हिमालय की 06 हजार मीटर से अधिक ऊंचाई वाली चोटियों का आरोहण किया। आईटीबीपी द्वारा एक और पर्वतारोहण अभियान उप सेनानी दीपेन्द्र मान के नेतृत्व में उत्तरकाशी से 21615 फीट की ऊंचाई पर गंगोत्री-2 चोटी का सफलतापूर्वक आरोहण कर तिरंगा फहराया। इस दल में 26 पर्वतारोही थे।

मुख्यमंत्री ने इन सभी पर्वतारोहियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि आईटीबीपी के जवानों ने शौर्य, दृढ़ता एवं कर्मनिष्ठा का परिचय देते हए अपनी ड्यूटी के साथ पर्वतारोहण के क्षेत्र में नया रिकॉर्ड कायम किया है। आशा है कि चुनौतियों को स्वीकार करने वाले इन हिमवीरों ने आगे भी लक्ष्य तय किये होंगे। उन्होंने कहा कि आईटीबीपी और उत्तराखण्ड का गहरा रिश्ता है। अभी उत्तराखण्ड के 11 हजार लोग आईटीबीपी में सेवारत हैं एवं उत्तराखण्ड से 40 हजार लोग अपनी सेवाएं आईटीबीपी में दे चुके हैं। आईटीबीपी शौर्य एवं संवेदना का दूसरा नाम है। अपने परिवार से दूर रहकर हमारे जवान सीमान्त क्षेत्रों में सेवाएं देकर देश की रक्षा के लिए अपने शौर्य का परिचय दे रहे हैं। उत्तराखण्ड आपदा की दृष्टि से संवेदनशील राज्य है, आईटीबीपी ने आपदाओं के समय राज्य सरकार को पूरा सहयोग दिया है। दुर्गम क्षेत्रों में जाकर इन जवानों ने अपना लोहा मनवाया है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आईटीबीपी के साथ मजबूती के साथ खड़ी है। राज्य सरकार की ओर से आईटीबीपी को हर संभव सहयोग दिया जायेगा। आज उत्तराखण्ड विश्वभर में पर्यटन के क्षेत्र में आकर्षण का केन्द्र है। पर्यटन गतिविधियों में प्रदेश में चारधाम यात्रा, ईको टूरिज्म, ट्रेकिंग, एडवेंचर, विंटर स्पोर्ट्स शामिल हैं। 13 डिस्ट्रिक 13 न्यू डेस्टीनेशन पर राज्य सरकार कार्य कर रही है। उत्तराखण्ड शासन ने आईटीबीपी के साथ एक एमओयू हस्ताक्षरित किया है, जिसमें माँ गंगा के सौन्दर्यीकरण के साथ-साथ वाटर स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने के लिए टिहरी बांध से में व्यावसायिक क्षमता, उत्कृष्ट कार्य, पर्यटन व स्वरोजगार बढ़ाने के लिए मिलकर कार्य करेंगे। टिहरी लेक में एडवेंचर की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए आईटीबीपी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

इस अवसर पर आईटीबीपी के महानिरीक्षक उत्तरी सीमांत नीलाभ किशोर, उपमहानिरीक्षक कुंवर पाल सिंह, मंधीर एक्का, रणजीत सिंह, निम के कर्नल अमित बिष्ट आदि उपस्थित थे।

उत्तराखंडः चीन सीमा को लेकर चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर उतरा वायुसेना का विमान

भारत-चीन की 345 किलोमीटर लंबी सीमा उत्तराखंड में है। इसमें उत्तरकाशी में करीब 122 किलोमीटर लंबी सीमा है। इस सीमा पर चैकसी की जिम्मेदारी आइटीबीपी (भारत तिब्बत सीमा पुलिस) के पास है। वायुसेना यहां चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर अस्थाई एयरबेस बना सकती है। इसी क्रम में वायुसेना का मल्टीपरपस विमान एएन-32 ने सात बार सुरक्षित लैंडिंग की और टेकआफ किया। चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर 29 अक्टूबर को एयर चीफ मार्शल आने वाले है।

भारत-चीन सीमा पर लद्दाख में चीन सेना की घुसपैठ के बाद बढ़े गतिरोध के बीच भारतीय सेना और वायु सेना अलर्ट मोड पर है। सीमा को अभेद्य बनाने के लिए वायु सेना अभ्यास में जुट गई है।

रनवे का परीक्षण करने के लिए पायलट दल ने आसमान में चक्कर भी लगाया। पायलट दल ने रनवे को सुरक्षित लैंडिंग के लिए मुफीद पाया है। यह भी बताया जा रहा है कि वायु सेना चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी को अस्थाई रूप से एयर बेस बना सकती है। इसके लिए 20 अक्टूबर को वायु सेना की टीम दो चेतक हेलीकॉप्टर के जरिये चिन्यालीसौड़ पहुंची, जहां वायु सेना की टीम ने हवाई पट्टी पर मौजूद सुविधाओं के अलावा हवाई पट्टी के निकट उत्तराखंड जल विद्युत निगम के गेस्ट हाउस को भी देखा। बताया जा रहा है कि अभी वायु सेना की ओर से अस्थाई एयर बेस को लेकर अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने सीमांत क्षेत्र विकास योजना के लिए स्वीकृत की 10 करोड़ की धनराशि

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सीमांत क्षेत्रों के विकास के लिए भारत सरकार द्वारा सहायतित सीमांत क्षेत्र विकास योजना के साथ ही मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना के तहत क्षेत्रीय विकास पर ध्यान देने को कहा है। उन्होंने कहा कि सीमांत क्षेत्रों की अवस्थापना सुविधाओं के विकास से पलायन रोकने में मदद मिलेगी। उन्होंने देश की सुरक्षा की दृष्टि से राज्य के सीमान्त क्षेत्रों से पलायन रोकने को देश की सुरक्षा से जुड़ा विषय भी बताया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना के लिए 10 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है।

आईटीबीपी के महानिदेशक एसएस देशवाल के साथ पहुंचे अधिकारियों एवं शासन के उच्च अधिकारियों के साथ आइटीबीपी से सम्बन्धित विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रदेश के सीमांत जनपदों के सीमा क्षेत्रों में आईटीबीपी की चौकियों को नियमित विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने की कार्ययोजना अविलंब तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि सीमांत क्षेत्रों में सीपीडब्लूडी द्वारा निर्मित सड़को की मरम्मत बीआरओ के द्वारा कीे जाय। इन क्षेत्रों में मोबाइल टावरों की स्थापना के लिए भारत सरकार से अनुरोध किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी देहरादून को आईटीबीपी को फ्रंटियर हेड क्वार्टर के लिए लगभग 15 एकड़ भूमि उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए हैं। सचिव राजस्व को आईटीबीपी को उनके जोशीमठ केम्पस की भूमि का स्वामित्व प्रदान करने के लिए प्रस्ताव कैबिनेट में लाने के भी निर्देश उन्होंने दिए हैं। मुख्यमंत्री ने महानिदेशक आईटीबीपी को आश्वस्त किया कि उनके द्वारा सीमान्त क्षेत्रों में आवाजाही बढ़ाई जाने एवं इन क्षेत्रों से लोगों का पलायन रोकने के लिए प्रभावी प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि आईटीबीपी द्वारा साहसिक पर्यटन की गतिविधियों के प्रति विशेष ध्यान दिए जाने के साथ ही इससे संबंधित तकनीकी दक्षता भी है। उन्होंने इसके लिए पर्यटन एवं आइटीबीपी के अधिकारियों का वर्किंग ग्रुप बनाए जाने तथा विन्टर टूरीज्म सेल से समन्वय बनाने पर भी बल दिया।

मुख्यमंत्री ने सीमान्त क्षेत्र विकास के तहत सीमांत क्षेत्रों के ट्रेक रूटों की मरम्मत के लिये आई0टी0बी0पी0 को धनराशि उपलब्ध कराने, उच्च हिमालयी क्षेत्रों में औषधीय वनस्पति के उत्पादन पर ध्यान देने, दूरस्थ सीमान्त क्षेत्रों मलारी, माणा, हर्षिल, नेलांग जैसे क्षेत्रों मे पर्यटन से सम्बन्धित योजनाओं में शामिल करने पर भी ध्यान देने को कहा, इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने आईटीबीपी को राज्य सरकार द्वारा यथा सम्भव सहयोग का भी आश्वासन दिया गया।

आईटीबीपी के महानिदेशक एसएस देशवाल ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य में उनकी 5 बटालियन हैं। मसूरी अकादमी के साथ ही फ्रंटियर हेड क्वार्टर भी यहां से संचालित होता है। उन्होंने फ्रंटीयर हेड क्वार्टर के लिए देहरादून के आस पास 15 एकड़ भूमि की व्यवस्था करने का अनुरोध करते हुए जोशीमठ की भूमि का स्वामित्व प्रदान करने एवं उनकी सीमांत 42 चौकियों में ग्रिड से बिजली आपूर्ति, सीपीडब्ल्यूडी द्वारा सीमांत क्षेत्रों में निर्मित सड़कों के रखरखाव, चौकियों के आसपास मोबाइल टावरों की स्थापना आदि की भी बात रखी।
उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि सीमान्त क्षेत्रों के गांवों में आवाजाही बढ़ाने के प्रयास किए जाएं। सीमा क्षेत्रों में आवाजाही से वहां तैनात बलों को भी सुविधा रहती है। उन्होंने कहा कि पड़ोसी देशों द्वारा बॉर्डर तक आवाजाही बढ़ाई गई है हमें भी अपने क्षेत्रों में केवल अपने देश के लोगों को इनर लाइन परमिट की व्यवस्था करनी चाहिए। अभी इन क्षेत्रों में ग्रास लैंड के लिए ही कैटल ग्रीजिंग के लिए परमिट जारी किए जाते हैं।

सैलानियों के लिए खुशखबरी, एक बार फिर हो सकती है बर्फबारी

उत्तराखंड में एक बार फिर बारिश और बर्फबारी हो सकती है। मौसम विभाग ने 19 और 20 फरवरी को प्रदेशभर में बारिश और बर्फबारी का अनुमान जताया है।
मौसम विभाग की ओर से रसाप्ताहिक बुलेटिन जारी करके बताया गया कि 17 और 18 फरवरी को प्रदेशभर में मौसम साफ रहेगा। उसके बाद 19 और 20 फरवरी को फिर मैदानी इलाकों में हल्की बारिश और पर्वतीय इलाकों में बर्फबारी का अनुमान जताया है। इससे तापमान फिर गोता खा सकता है। हालांकि 21 फरवरी से दोबारा मौसम साफ हो जाएगा। वहीं रविवार को प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में आंशिक बादल छाए रहे। जहां शनिवार को दिन का अधिकतम तापमान 27 डिग्री था, वहीं रविवार को गिरकर 24.8 डिग्री पर आ गया।
वहीं, केंद्रीय खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने रविवार को औली की वादियों का जमकर लुत्फ उठाया। आईटीबीपी और गढ़वाल मंडल विकास निगम के अधिकारियों के साथ उन्होंने औली की बर्फीली ढलानों का निरीक्षण किया।
केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने रविवार सुबह आईटीबीपी जवानों के साथ बर्फ की ढलानों पर दौड़ लगाकर जवानों को फिट इंडिया का संदेश दिया। उन्होंने औली के विकास को लेकर अधिकारियों के साथ चर्चा भी की। रिजिजू अपने दो दिवसीय दौरे पर शनिवार को औली पहुंचे थे। उन्होंने यहां स्नो स्कूटर की सवारी करने के साथ ही औली के प्राकृतिक सौंदर्य को भी करीब से निहारा।
केन्द्रीय मंत्री ने औली के विभिन्न स्थानों का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि औली बहुत खूबसूरत स्थान है, लेकिन इसे विकसित करने की जरूरत है। यहां अभी भी कई कमियां हैं, जिन्हें दूर करना केंद्र और राज्य सरकार की प्राथमिकता है।

जल नीति बनाने वाला देश के चुनिंदा राज्यों में शामिल हुआ उत्तराखंड

सांस्कृतिक नगरी के रुप में विख्यात अल्मोड़ा में राज्य बनने के बाद दूसरी बार कैबिनेट बैठक हुई है। इसमें लंबे समय से प्रतीक्षारत जल नीति-2019 को मंजूरी दे दी गई। इसमें राज्य में जल संरक्षण व जल दोहन को लेकर कड़े प्रावधान किए जाएंगे। जीबी पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण शोध एवं सतत विकास संस्थान कोसी कटारमल में बुधवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रीमंडल की बैठक में 15 प्रस्तावों पर मुहर लगी।
बैठक के बाद सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक ने पत्रकारों को बताया कि उत्तराखंड, जल नीति लागू करने वाले देश के चुनिंदा राज्यों में शामिल हो गया है। इस नीति का लक्ष्य राज्य के सभी जल संसाधनों को संरक्षित करना, पर्यावरण को संतुलित करना, प्रभावी क्रियान्वयन के लिए ढांचा तैयार करना है। राज्य में सिचाई, उद्योग, पशुपालन आदि के लिए केवल तीन फीसद जल की आवश्यकता है। अगर हम पूरे उपलब्ध जल का तीन फीसद रोकने में सफल रहे तो विकास की ओर आगे बढ़ेंगे। जल आवंटन की प्राथामिकता, भूजल के उपयोग, सिचाई, ईको टूरिज्म, जल विद्युत विकास से लेकर किस तरह वाटर चार्ज लेंगे, इस पर मंत्रिमंडल में विस्तार से चर्चा की गई है। इस नीति को बनाने से पहले हमने 14 विभागों व संस्थानों से विचार-विमर्ष किया गया था। इसे मंजूरी मिलना बड़ी उपलब्धि है।
सरकारी प्रवक्ता कौशिक ने बताया कि कुमाऊं विश्वविद्यालय के सोबन सिंह जीना परिसर अल्मोड़ा में अब आवासीय विश्वविद्यालय अल्मोड़ा संचालित होगा। यहां पर नया विश्वविद्यालय को विस्तार मिलने से अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़ व चम्पावत के महाविद्यालय संबद्ध हो जाएंगे। इसके लिए विधानसभा में जल्द ही एक्ट के जरिये मंजूरी दी जाएगी। देहरादून सिटी मिशन को पीपीपी मोड में दिया गया है। इसकी सफलता के बाद इस प्रोजेक्ट को अन्य शहरों में भी लागू किया जाएगा। इसमें परिवहन मंत्री यशपाल आर्य, कृषि मंत्री सुबोध उनियाल, संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉ. धन सिंह रावत, राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार रेखा आर्य मौजूद रही।

कैबिनेट में इन प्रस्तावों को भी मिली मंजूरी
1. अल्मोड़ा में सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय को आवासीय विश्वविद्यालय बनाने को मंजूरी ।
2. उत्तराखण्ड की जल नीति 2019 को मंजूरी ।
3. प्रदेश सरकार द्वारा जनकल्याणकारी योजनाओं को पीपीपी मोड नीति-2012 में संशोधन।
4. राज्य की आइटीआइ में फीस वृद्धि को मंजूरी। प्रतिवर्ष 3900 रूपये शुल्क देना होगा। इस फीस का कुछ हिस्सा शासन को भेजा जाएगा।
5. प्रदेश में जंगली जानवरों व आपदा से फसल, जान-माल की हानि का मुआवजा अब वन विभाग के बजाय आपदा के फंड से मिलेगा ।
6. टिहरी झील के पास आइटीबीपी के एडवेंचर सेंटर को मंजूरी। सेंटर के लिए भूमि की व्यवस्था होने तक पर्यटन विभाग के भवनों का उपयोग किया जाएगा।
7. डॉ. आरएस टोलिया उत्तराखंड प्रशासन अकादमी नैनीताल की सेवा नियमावली को मंजूरी ।
8. प्रदेश सरकार के सभी मंत्री अपने आयकर का भुगतान स्वयं वहन करेंगे। अभी तक मंत्रियों के आयकर का भुगतान प्रदेश सरकार द्वारा किया जा रहा था।
9. राजभवन अधिष्ठान में नियमावली संशोधन पर सहमति। अब राज्यपाल सचिवालय और राजभवन की एक ही नियमावली होगी।
10. पंडित दीनदयाल उपाध्याय गृह आवास (होम-स्टे) नियमावली में संशोधन। अब पुराने घर के नवीनीकरण अथवा उसमें सुविधाएं बढ़ाने के लिए 143 कराने की जरूरत नहीं। बैंक से ऐसे होमस्टे को अब मिल सकेगा ऋण।
11. मोटरयान नियमावली में संशोधन, अब 30 दिन के भीतर संबंधित थाने को रिपोर्ट देनी अनिवार्य होगी।
12. उत्तराखंड डेयरी सहकारी फेडरेशन के तहत उच्च प्राथमिक व प्राथमिक स्कूलों के लगभग 6 लाख बच्चों को सप्ताह में 1 दिन पौष्टिक दूध मिलेगा। इसमें छह करोड़ शासन खर्च करेगा।
13. पशुपालन विभाग के तहत वैक्सीनेटर सेवा नियमावली को मंजूरी।
14. उत्तराखंड राजस्व अभिलेख 2019 का प्रख्यापन किया गया, इसके लिए प्रदेश में 10 सदस्य कमेटी बनेगी और जिलों में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी बनाई जाएगी।
15. उत्तराखण्ड राजस्व अभिलेख नियमावली 2019 की स्वीकृति।