सीएम ने एसबीआई का आपदा राहत कोष में सहयोग करने पर जताया आभार

जोशीमठ में भू-धंसाव वाले क्षेत्र से विस्थापित लोगों के राहत और पुनर्वास के लिए भारतीय स्टेट बैंक द्वारा गुरूवार को उत्तराखण्ड राज्य आपदा राहत कोष में 2 करोड़ रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गई।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में भारतीय स्टेट बैंक, नई दिल्ली मण्डल के मुख्य महाप्रबंधक कल्पेश कृ. अवासिया ने भेंट कर 2 करोड़ रूपये का चेक सौंपा। मुख्यमंत्री ने प्रभावितों की सहायता के लिए इस सहयोग राशि के लिए भारतीय स्टेट बैंक का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के चिन्हित चार वाइब्रेंट विलेज माणा, नीति, मलारी एवं गूंजी में अवस्थापना विकास से संबंधित अनेक कार्य किये जाने हैं, इसके लिए भी उन्होंने एस.बी.आई से सहयोग की अपेक्षा की।
भारतीय स्टेट बैंक, नई दिल्ली मण्डल के मुख्य महाप्रबंधक कल्पेश कृ. अवासिया ने कहा कि एस.बी.आई सामाजिक जिम्मेदारियों के अन्तर्गत समाज में जागरूकता फैलाने तथा जरूरतमंद लोगों की सहायता करने के लिए समय-समय पर समाज के विभिन्न स्तरों पर आर्थिक सहयोग प्रदान करता रहता है। भविष्य में भी राज्य की विभिन्न सामाजिक गतिविधियों में योगदान देता रहेगा।
इस अवसर पर एस.बी.आई के उत्तराखण्ड अंचल के उप महाप्रबंधक राजकुमार सिंह एवं अमरेन्द्र कुमार सिंह भी उपस्थित रहे।

भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में जोशीमठ आपदा की रिपोर्ट हुई पेश


भाजपा प्रदेश कार्यसमिति में जोशीमठ आपदा की गंभीरता और सरकार को दिए जाने वाले सुझाव को लेकर विस्तार से चर्चा की गई । इस दौरान प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी द्वारा आपदा से हुए नुकसान एवं राहत कार्यों को देखने गई पार्टी की 14 सदस्यीय समिति की रिपोर्ट पेश की।

आदित्य कोठारी ने बैठक में बताया की जोशीमठ में भू धंसाव की समस्या गंभीर है जिससे प्रभावित लोगों का काफी आर्थिक हानि हुई है । मुख्यमंत्री श्री पुष्कर धामी के निर्देशों पर प्रशासनिक स्तर से लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने से प्रभावित पक्ष संतुष्ट हैं । उन्होंने समस्या के मूल कारणों पर विशेषज्ञ समूह की रिपोर्ट आने के बाद प्रभावित लोगों को राहत व पुनर्वास को लेकर समिति के सुझावों को प्रस्तुत किया जिस पर आज सोमवार होने वाली कार्यसमिति बैठक विस्तार से चर्चा होगी। उन्होंने जानकारी दी कि संगठन की तरफ से जोशीमठ 4 सदस्यीय आपदा कंट्रोल रूम बनाया गया है और प्रत्येक वार्ड में 3-3 वरिष्ठ कार्यकर्त्ताओं की टीम दिन रात प्रभावित क्षेत्र में कार्य कर रही है। उन्होंने बताया, समिति की रिपोर्ट को पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व, केंद्र व राज्य सरकार को भी सुझाव प्रेषित किए गए हैं ।

जोशीमठ भू-धंसाव से प्रभावितों के लिये प्री फेब्रिकेटेड हट्स बनाने में एम्मार इंडिया सरकार का करेगी सहयोग

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मंगलवार को सचिवालय में एम्मार इंडिया के सीईओ कल्याण चक्रवर्ती ने भेंट की। उन्होंने मुख्यमंत्री को कहा कि उनके द्वारा जोशीमठ भू-धंसाव के कारण प्रभावित हुए लोगों की मदद के लिये 100 से 150 प्री फेब्रिकेटेड हटस बनाये जायेंगे। मुख्यमंत्री ने जोशीमठ के प्रभावितों की मदद के लिये सभी से सहयोगी बनने की अपील की है। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में प्रभावितों की मदद करना मानवता की बड़ी सेवा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जोशीमठ क्षेत्र के प्रभावितों को हर संभव मदद करना राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता है। प्रभावितों को किसी भी प्रकार की कठिनाई न हो, उनकी समस्याओं का प्राथमिकता के साथ त्वरित निराकरण हो, इसके निर्देश सभी सम्बन्धित अधिकारियों को दिये गये हैं। जोशीमठ क्षेत्र के भूगर्भीय जांच आदि में केंद्र एवं राज्य सरकार के सभी संस्थान जुटे हैं। शीघ्र ही इस संबंध में ठोस कार्य योजना पर कार्य किया जायेगा। प्रभावितों के पुनर्वास आदि के स्थायी समाधान के भी प्रयास किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्र का नियोजित विकास भी हमारी प्राथमिकता है। सांस्कृतिक, धार्मिक एवं सामरिक महत्व वाला जोशीमठ क्षेत्र सुरक्षित हो, यह अपने पुराने स्वरूप में लौटे तथा आगामी यात्रा भी सुनियोजित ढंग से संपन्न हो, इस दिशा में भी हमें कार्य करना है।
मीडिया से अनौपचारिक वार्ता के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह समय जोशीमठ पर राजनीति करने का नहीं बल्कि पीड़ितों की मदद का है। राज्य सरकार हर सम्भव मदद का प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी लगातार वहां चलाये जा रहे राहत कार्यों की जानकारी ले रहे हैं। उन्होंने पीड़ितों की पूरी मदद का भरोसा दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जोशीमठ के बारे में कई भ्रम फैलाये जा रहे हैं, जो उचित नहीं है। वहां 70 प्रतिशत दुकानें खुली हैं तथा आवश्यक काम काज सामान्य रूप से संचालित हो रहे हैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के लोग प्रभावितों की मदद में तैनात हैं। पुनर्वास कार्यों पर कार्य हो रहा है। चार माह बाद चार धाम यात्रा प्रारम्भ होनी है। ऐसे समय में यह संदेश नहीं जाना चाहिए कि पूरा जोशीमठ क्षेत्र ही असुरक्षित है। उन्होंने कहा कि जोशीमठ के बारे में लोगों में संशय की स्थिति पैदा न हो हमें इस पर भी ध्यान देना चाहिए।

उत्तराखंड के कांग्रेस नेताओं पर बिफरे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भट्ट

भाजपा ने कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में जोशीमठ आपदा को राजनैतिक रूप देने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए इसे कांग्रेस का दोहरा चरित्र करार दिया है।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस नेता एक ओर मुख्यमंत्री धामी से मिलकर आपदा पर सुझाव देते है और अगले दिन यात्रा में शामिल होकर इस मुद्दे को राजनैतिक रंग देते हैं। अपने कार्यकाल में जारी परियोजनाओं को राजनैतिक मुनाफे के लिए अब अनियंत्रित व अनियोजित विकास बता रहे हैं।
महेन्द्र भट्ट ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह आपदा के पहले दिन से ही प्रभावितों की मदद के बजाय उनकी भावनाओं के खेलने और भड़काने के मिशन में जुटी है। सरकार को बदनाम करने के इस प्रयास के चलते, सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों में जोशीमठ व पहाड़ की यात्रा को लेकर भय का माहौल बनाया जा रहा है। राहुल की भारत जोड़ो यात्रा का एक दिन जोशीमठ आपदा को समर्पित करना भी उनकी इसी नकारात्मक रणनीति का हिस्सा है। एक दिन पहले सीएम पुष्कर सिंह धामी से मिलकर अपने सुझावों की लंबी सूची के साथ सरकार पर विश्वास जताते हुए प्रशंसा करने वाले कांग्रेस के यही तमाम छोटे बड़े नेता दूसरे ही दिन कश्मीर में इसे राष्ट्रीय मुद्दा बनाने का प्रयास करते नही नजर आते।
भट्ट ने आरोप लगाया कि जोशीमठ आपदा ही नही, राष्ट्र की सुरक्षा व विकास से संबंधित परियोजनाओं को अपनी राजनैतिक यात्रा का हिस्सा बनाना उसका दोहरा चरित्र है। देश और ऊर्जा जरूरतों की दृष्टि से उत्तराखंड में निर्मित या निर्माणाधीन लगभग सभी परियोजनाओं में उनकी सरकारों के कार्यकाल से ही काम जारी है। वहीं इनके अतिरिक्त सैनिकों, देश भर से आने वाले श्रद्धालुओं व स्थानीय निवासियों की जरूरतों को जोड़ते चारधाम प्रोजेक्ट व रेलमार्ग के राष्ट्रीय व क्षेत्रीय महत्व से भी वे अनजान नही हैं। लेकिन बिना किसी तकनीकी व वैज्ञानिक रिपोर्ट के इन तमाम परियोजनाओं को आज अपनी राजनैतिक यात्रा के माध्यम से पहाड़ में अनियंत्रित व अनियोजित विकास बताकर देश भर में प्रचारित किया जाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण व पहाड़ विरोधी है। उन्होंने कांग्रेस की इस कोशिश को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए, राष्ट्र व पहाड़ विरोधी ठहराया। उन्होंने कहा, हमारी सरकार शुरुआत से ही आपदा प्रभावितों को राहत एवं मदद पहुंचाने के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रही है और जिससे सभी संतुष्ट भी हैं। जहां तक जोशीमठ में सुधार व पुनर्वास का विषय है तो केंद्र व राज्य की शीर्ष विशेषज्ञ एजेंसियों की फाइनल रिपोर्ट का सभी को इंतजार है।

ढाक गांव, चमोली में मॉडल प्री फैब शेल्टर निर्माण हेतु भूमि का चयन

सचिव आपदा प्रबन्धन डा0 रंजीत कुमार सिन्हा ने सोमवार को मीडिया सेन्टर, सचिवालय में जोशीमठ नगर क्षेत्र में हो रहे भू-धंसाव एवं भूस्खलन के उपरान्त राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे राहत व बचाव तथा स्थायीध्अस्थायी पुनर्वास आदि से सम्बन्धित किये जा रहे कार्यो की मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि जोशीमठ में अग्रिम राहत के तौर पर 3.45 करोड़ रूपये की धनराशि 261 प्रभावित परिवारों को वितरित की गई है। उद्यान विभाग, एचडीआरआई, जोशीमठ के पास स्थित भूमि पर केन्द्रीय भवन अनुसंधान संस्थान रूड़की के सहयोग से वन बीएचके, टू बीएचके व थ्री बीएचके के मॉडल प्रोटोटाइप प्रीफ्रेब्रिकेटेड शेल्टर का निर्माण कार्य आरम्भ हो चुका है। ढाक गांव, चमोली में वन बीएचके, टू बीएचके व थ्री बीएचके के मॉडल प्रोटोटाइप प्रीफ्रेब्रिकेटेड शेल्टर निर्माण हेतु भूमि चयन होने के बाद भूमि समतलीकरण, बिजली, पानी, सीवर आदि की व्यवस्था हेतु कार्यवाही प्रारम्भ हो चुकी है। आवश्यकता पड़ने पर भराणीसैंण विधानसभा के हॉस्टलों में विस्थापितों के रहने की व्यवस्था का विकल्प खुला रखा गया है।
सचिव आपदा प्रबन्धन ने जानकारी दी है कि जोशीमठ में प्रारम्भ में निकलने वाले पानी का डिस्चार्ज जो कि 06 जनवरी 2023 को 540 एल.पी.एम. था, वर्तमान में घटकर 180 एलपीएम हो गया है। अस्थायी रूप से चिन्हित राहत शिविरों में जोशीमठ में कुल 656 कक्ष हैं जिनकी क्षमता 2940 लोगों की है तथा पीपलकोटी में 491 कक्ष हैं जिनकी क्षमता 2205 लोगों की है। अभी तक 863 भवनों में दरारें दृष्टिगत हुई है। उन्होंने जानकारी दी कि गांधीनगर में 01, सिंहधार में 02, मनोहरबाग में 05, सुनील में 07 क्षेत्र वार्ड असुरक्षित घोषित किए गए हैं। 181 भवन असुरक्षित क्षेत्र में स्थित है। 278 परिवार सुरक्षा के दृष्टिगत अस्थायी रूप से विस्थापित किये गये हैं। विस्थापित परिवार के सदस्यों की संख्या 933 है।

जोशीमठ में आपदा प्रबन्धन के कार्यों में किसी भी प्रकार की धन की कमी नही आने दी जाएगी

सचिव आपदा प्रबन्धन डा0 रंजीत कुमार सिन्हा ने गुरूवार को जोशीमठ नगर क्षेत्र में हो रहे भू-धंसाव एवं भूस्खलन के उपरान्त राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे राहत एवं बचाव, स्थायी/अस्थायी पुनर्वास आदि से सम्बन्धित किये जा रहे कार्यो की मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि सीबीआरआई द्वारा भवनों की दरारों को नापने के लिए लगाये गये क्रेकोमीटर से गत तीन दिनों में दरारों की चौड़ाई में बढ़ोतरी नही होने के संकेत मिले हैं। यह एक सकारात्मक सकेंत है। डा0 सिन्हा ने जानकारी दी कि आज मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव वित्त, शहरी विकास, सचिव आपदा प्रबन्धन के साथ जोशीमठ में चल रहे राहत कार्यों के सम्बन्ध में बैठक की। राज्य सरकार तथा भारत सरकार के विभिन्न तकनीकी संस्थानों द्वारा किये गये कार्यों की अद्यतन स्थिति से माननीय मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया।
मुख्यमंत्री द्वारा जोशीमठ में आपदा प्रबन्धन के कार्यों में पूरी मुस्तैदी से कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि जोशीमठ में आपदा प्रबन्धन के कार्यों में किसी भी प्रकार की धन की कमी नही आने दी जाएगी। बैठक में शहरी विकास विभाग को प्रत्येक जिले में प्रभावी अर्बन टाउन प्लानिंग की तैयारी के निर्देश दिए गये हैं। पर्वतीय नगरों में डै्रनेज एव सीवर सिस्टम की प्रभावी व्यवस्था हेतु भी निर्देश दिए गए हैं। डा0 सिन्हा ने बताया कि चमोली जिला प्रशासन द्वारा जोशीमठ में मुस्तैदी से सर्वेक्षण का कार्य किया जा रहा है। जिला प्रशासन विस्थापितों से विचार-विमर्श भी कर रहा है।
सचिव आपदा प्रबन्धन ने जानकारी दी कि जोशीमठ में पानी का डिस्चार्ज 150 एल.पी.एम है। अस्थायी रूप से चिन्हित राहत शिविरों में जोशीमठ में कुल 615 कक्ष हैं जिनकी क्षमता 2190 लोगों की है तथा पीपलकोटी में 491 कक्ष हैं जिनकी क्षमता 2205 लोगों की है। अभी तक 849 भवनों में दरारें दृष्टिगत हुई है। सर्वेक्षण का कार्य गतिमान है। उन्होनें जानकारी दी कि गांधीनगर में 01, सिंहधार में 02, मनोहरबाग में 05, सुनील में 07 क्षेत्र/वार्ड असुरक्षित घोषित किए गए हैं। 181 भवन असुरक्षित क्षेत्र में स्थित है। 259 परिवार सुरक्षा के दृष्टिगत अस्थायी रूप से विस्थापित किये गये हैं। विस्थापित परिवार के सदस्यों की संख्या 867 है।
प्रेस वार्ता में अपर सचिव आपदा प्रबन्धन, निदेशक उत्तराखण्ड भूस्खलन प्रबन्धन एवं न्यूनीकरण संस्थान, निदेशक वाडिया संस्थान, निदेशक आईआईआरएस देहरादून, निदेशक एनआईएच तथा निदेशक आईआईटीआर उपस्थित थे।

भू-धसांव के कारणों का पता चलने पर आगे की योजना में तेजी से कार्य करने के निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में जोशीमठ में चल रहे राहत कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि जोशीमठ में भू-धसांव के कारणों को लेकर सभी तकनीकी संस्थानों एवं वैज्ञानिकों की रिपोर्ट आते ही आगे की योजना पर तेजी से कार्य किया जाए। जोशीमठ के भूधंसाव क्षेत्र के अध्ययन की फाइनल रिपोर्ट के बाद ट्रीटमेंट के कार्य तेजी से सुनिश्चित किए जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि विस्थापन के लिए वहां के लोगों से मिलकर सुझाव लिये जाएं। जिलाधिकारी चमोली स्थानीय लोगों से सुझाव लेकर शासन को रिपोर्ट जल्द से जल्द भेजें। मुख्यमंत्री ने कहा कि जोशीमठ के प्रभावित क्षेत्र से जिन लोगों को विस्थापित किया जायेगा, उनको सरकार की ओर से बेहतर व्यवस्थाएं की जायेंगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य के जिन शहरों में समुचित ड्रेनेज प्लान एवं सीवर सिस्टम नहीं हैं, उनमें ड्रेनेज एवं सीवर सिस्टम के लिए चरणबद्ध तरीके से कार्य योजना बनाई जाए। शहरों को श्रेणी वार चिन्हित किया जाए।
सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने कहा कि राष्ट्रीय जल विज्ञान (एनआईएच) की प्राथमिक जांच रिपोर्ट में जोशीमठ में रिस रहा पानी और एनटीपीसी परियोजना के टनल का पानी अलग-अलग है। उन्होंने कहा कि अन्य केन्द्रीय एजेंसियों की रिपोर्ट एवं एनआईएच की फाइनल रिपोर्ट आने के बाद स्थिति पूरी तरह स्पष्ट हो पायेगी। उन्होंने कहा कि जोशीमठ के भूधंसाव प्रभावित क्षेत्र के 258 परिवारों को राहत शिविरों में ठहराया गया है, उन्हें सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्र में पानी का डिस्चार्ज एवं सिल्ट दोनों काफी तेजी से कम हुआ है।
बैठक में मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनन्द बर्द्धन, सचिव आर.मीनाक्षी सुंदरम, अपर सचिव सविन बंसल, आनन्द श्रीवास्तव एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

मुख्य सचिव का वैज्ञानिकों को तत्काल अध्ययन कर समयबद्ध रिपोर्ट देने का आग्रह

सचिव आपदा प्रबन्धन डा0 रंजीत कुमार सिन्हा ने जोशीमठ नगर क्षेत्र में हो रहे भू-धंसाव एवं भूस्खलन के उपरान्त राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे राहत एवं बचाव, स्थायी/अस्थायी पुनर्वास आदि से सम्बन्धित किये जा रहे कार्याे की मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि जोशीमठ में प्रारम्भ में निकलने वाले पानी का डिस्चार्ज जो कि 6 जनवरी 2023 को 540 एल.पी.एम. था, वर्तमान में घटकर 100 एल.पी.एम. हो गया है। यह एक राहत की खबर है। सचिव आपदा प्रबन्धन ने जानकारी दी कि मुख्य सचिव उत्तराखण्ड ने जोशीमठ में कार्यरत विभिन्न तकनीकी संस्थानों के निदेशकों तथा वैज्ञानिकों से आग्रह किया है कि प्रभावित क्षेत्र का तत्काल अध्ययन करते हुए अध्ययन रिपोर्ट जल्द से जल्द उपलब्ध करायी जाय। जोशीमठ में भू-धसांव का अध्ययन समयबद्ध तरीके से हो। विभिन्न तकनीकी संस्थान अपनी अध्ययन रिपोर्टे एक दूसरे से सांझा भी करें। अध्ययन रिपोर्टाे में स्पष्टता के साथ ही समाधान की भी चर्चा की जाय।
सचिव आपदा प्रबन्धन ने जानकारी दी कि अस्थायी रूप से चिन्हित राहत शिविरों में जोशीमठ में कुल 615 कक्ष हैं जिनकी क्षमता 2190 लोगों की है तथा पीपलकोटी में 491 कक्ष हैं जिनकी क्षमता 2205 लोगों की है। अभी तक 849 भवनों में दरारें दृष्टिगत हुई है। सर्वेक्षण का कार्य गतिमान है। उन्होंने जानकारी दी कि गांधीनगर में 01, सिंहधार में 02, मनोहरबाग में 05, सुनील में 07 क्षेत्र/वार्ड असुरक्षित घोषित किए गए हैं। 181 भवन असुरक्षित क्षेत्र में स्थित है। 258 परिवार सुरक्षा के दृष्टिगत अस्थायी रूप से विस्थापित किये गये हैं। विस्थापित परिवार के सदस्यों की संख्या 865 है।
प्रेस वार्ता में अपर सचिव आपदा प्रबन्धन, निदेशक उत्तराखण्ड भूस्खलन प्रबन्धन एवं न्यूनीकरण संस्थान, निदेशक वाडिया संस्थान, निदेशक आईआईआरएस देहरादून, निदेशक एनआईएच तथा निदेशक आईआईटीआर उपस्थित रहे।

धामी सरकार ने जोशीमठ आपदा के प्रभावित छात्रों को दी ये सुविधा

जोशीमठ में भू-धंसाव से प्रभावित छात्र-छात्राओं की परेशानी देखते हुये उन्हें बोर्ड परीक्षा के लिये परीक्षा केन्द्र चुनने की छूट दी जायेगी, इसके लिये विभागीय अधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं। शीघ्र ही प्रभावित छात्र-छात्राओं से परीक्षा केन्द्र के लिये विकल्प मांगे जायेंगे। बोर्ड परीक्षाओं में परीक्षार्थियों का मनोबल बढ़ाने के दृष्टिगत प्रधानमंत्री के साथ ‘परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम’ का प्रदेशभर के स्कूलों में आयोजन किया जायेगा। इसके साथ ही सूबे के स्कूलों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पुस्तक ‘एग्जाम वारियर’ की थीम पर चित्रकला प्रतियागिता का भी आयोजन किया जायेगा। जिसके आयोजन की तैयारियों के बावत विभागीय अधिकारियों को दिशा-निर्देश दे दिये गये हैं। बैठक में विभागीय अधिकारियों को वित्तीय वर्ष 2022-23 हेतु विभिन्न मदों में स्वीकृत बजट को शीघ्र व्यय कर उपयोगिता प्रमाण पत्र शासन को उपलब्ध करने को कहा गया है।
आपदा प्रभावित क्षेत्र जोशीमठ दौरे से वापस लौटने पर विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने आज शिक्षा महानिदेशालय ननूरखेड़ में विभागीय बैठक ली। जिसमें डॉ0 रावत ने राहत कैम्पों में रह रहे प्रभावित छात्र-छात्राओं को बोर्ड परीक्षा में परीक्षा केन्द्र चुनने की छूट देने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि भू-धंसाव से प्रभावित छात्रों को बोर्ड परीक्षा देने में कोई परेशानी न हो इसके लिये उन्हें अपनी सुविधानुसार किसी भी शहर में परीक्षा केन्द्र चुनने की छूट देने का निर्णय लिया है। इसके लिये जिला प्रशासन एवं शिक्षा विभाग के अधिकारियों को सूची तैयार कर शीघ्र संबंधित बोर्ड के अधिकारियों को प्रभावित छात्र-छात्राओं का विवरण उपलब्ध कराने को कहा है। बैठक में डॉ0 रावत ने बताया कि जोशीमठ आपदा प्रभावित क्षेत्र के अधिकतर छात्र-छात्राएं उत्तराखंड बोर्ड व सीबीएससी बोर्ड के विद्यालयों में अध्ययनरत हैं। इस संबंध में सीबीएससी बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी व उत्तराखंड बोर्ड के सचिव को प्रभावित छात्र-छात्रों को उनकी सुविधानुसार बोर्ड परीक्षा केन्द्र आवंटित कराने के निर्देश दे दिये गये हैं। बैठक में डॉ0 रावत ने आगामी 27 जनवरी को प्रधानमत्रीं के साथ ‘परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम’ की तैयारियों की जानकारी ली। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री कार्यक्रम के माध्यम से बोर्ड परीक्षाओं में प्रतिभाग करने वाले परीक्षार्थियों को सम्बोधित करेंगे। प्रदेश के सभी विकासखंड मुख्यालयों के विद्यालयों में इस कार्यक्रम को आयोजित किया जायेगी, जिसकी सभी तैयारियों के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिये गये हैं। विभागीय मंत्री ने बताया कि आगामी 20 जनवरी से 23 जनवरी तक प्रदेशभर के विद्यालयों में चित्रकला प्रतियागिता का आयोजन किया जायेगा, जोकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पुस्तक ‘एग्जाम वारियर’ की थीम पर आधारित होगी। जिसमें विजेता छात्र-छात्राओं को प्रमाण पत्र भी दिये जायेंगे। उन्होंने कहा कि दोनों कार्यक्रमों में सांसद, स्थानीय विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, ब्लॉक प्रमुख एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति जरूरी है। इसके विभागीय अधिकारियों को जनप्रतिनिधियों से समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिये गये।
बैठक में सचिव विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रमन, अपर सचिव योगेन्द्र यादव, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी, सीबीएससी बोर्ड के संयुक्त सचिव व क्षेत्रीय अधिकारी रणवीर सिंह चौहान, निदेशक माध्यमिक शिक्षा आर0के0 कुंवर, निदेशक प्राथमिक शिक्षा वंदना गर्ब्याल, अपर निदेशक आर0डी0 शर्मा सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

विशेषज्ञों के परामर्श से बसेंगे नए शहर, जोशीमठ सहित कई क्षेत्रों में शुरु हुई कार्यवाही

जोशीमठ में आई आपदा के दृष्टिगत आवास मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने आवास विभाग की समीक्षा बैठक ली।
मंगलवार को विधानसभा स्थित कार्यालय में हुई बैठक में मंत्री को अवगत कराया कि नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग के द्वारा चमोली जिले हेतु महायोजना बनाने का कार्य कार्यदाई संस्था आरईपीएल को दिया गया है। जिसमें चमोली गोपेश्वर, कर्णप्रयाग, जोशीमठ, नंदप्रयाग, पीपलकोटी, पोखरी, थराली की महायोजना बनाने का कार्य किया जाना है।
इस मौके पर मंत्री ने जोशीमठ के घटनाक्रम को देखते हुए निर्देश दिए कि वहां मौजूद विशेषज्ञ व प्रशासनिक अधिकारियों से समन्वय बनाते हुए जोशीमठ की समस्या को दूर किए जाने हेतु महा योजना कम समय में तैयार की जाए।
मंत्री ने निर्देशित करते हुए कहा कि इस महा योजना के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों को शामिल किया जाए और उपरोक्त कार्यवाही तत्काल आरंभ की जाए।
मंत्री ने अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन को तत्काल कार्यदाई संस्था द्वारा कार्यवाही करने को कहा। उन्होंने कहा कि जोशीमठ में भी जाकर समस्त अधिकारी कार्य योजना शीघ्र लागू करें। मंत्री ने कहा कि पूरे प्रदेश में 63 जगहों पर मास्टर प्लान बनाया जाना है इनमें 43 पहाड़ी, जबकि 20 मैदानी क्षेत्र शामिल हैं। उन्होंने बताया कि हर जिले का मास्टर प्लान अलग-अलग कंपनी तैयार करेगी। इस मौके पर मंत्री ने चमोली में मास्टर प्लान तैयार करने वाली कंपनी आरईपीएल को शीघ्र मास्टर प्लान बनाने के निर्देश दिए।
इस मौके पर अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन, अपर आयुक्त आवास पीसी दुमका, चीफ टाउन प्लानर एसएम श्रीवास्तव, संयुक्त सचिव आवास राजेंद्र सिंह पतियाल उपस्थित रहे।