ग्रीन कुम्भ मेले की कल्पना को साकार करने के लिये सफाई व्यवस्था पर दें विशेष ध्यानः त्रिवेंद्र सिंह रावत

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कुम्भ मेला क्षेत्र में संचालित स्थायी एवं अस्थायी निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण करने के बाद अटल बिहारी वाजपेई राज्य अतिथि गृह में कुम्भ मेले से जुड़े सभी उच्चाधिकारियों की बैठक ली।

बैठक में मुख्यमंत्री ने कुम्भ मेले में संचालित स्थायी एवं अस्थायी निर्माण कार्यों के प्रति संतोष व्यक्त करते हुए अधिकारियों को कुम्भ मेले की व्यवस्थाओं से सम्बंधित कार्यों को शीघ्र अंतिम रूप देने को कहा। मुख्यमंत्री ने ग्रीन कुम्भ की कल्पना को साकार करने के लिए कुम्भ मेले की सफाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान देने को कहा। उन्होंने कुम्भ क्षेत्र के सौंदर्यीकरण पर भी विशेष ध्यान दिये जाने पर बल दिया। शहर की आंतरिक सड़कों की आवश्यक मरम्मत, साफ-सफाई एवं अतिक्रमण हटाये जाने के भी निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारी व्यक्तिगत ध्यान देकर शेष कार्यों को पूर्ण करायें। उन्होंने व्यवस्थाओं को शीघ्र दुरूस्त करने के लिये आपसी समन्वय से कार्य करने के भी निर्देश दिये। कुम्भ क्षेत्र के साथ ही स्नान घाटों पर पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि शहर में जो लाइटें खराब हैं, उन्हें तुरंत बदला जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुम्भ क्षेत्र की सफाई व्यवस्था हेतु धनराशि की कमी नहीं होनी दी जाएगी। इसके लिए आवश्यक मानव संसाधन की व्यवस्था करने के भी निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये।
बैठक में मेलाधिकारी दीपक रावत, जिलाधिकारी सी. रविशंकर, आईजी कुंभ संजय गुंज्याल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कुंभ जन्मेजय खंडूड़ी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार सेंथिल अबुदई कृष्ण राज एस आदि अधिकारीगण मौजूद थे।

त्रिवेंद्र सरकार ने किया आदेश निरस्त, हरकीपैड़ी नहीं होगी स्केप चैनल

देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने आज तत्कालीन कांग्रेस सरकार के हरिद्वार में हर की पैड़ी को स्केप चैनल घोषित करने के आदेश को निरस्त किया है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर सचिव आवास ने इसका शासनादेश जारी कर दिया है।

पूरा मामला जानें

वर्ष 2016 में हरीश रावत की कांग्रेस की सरकार ने हर की पैड़ी से होकर बहने वाली धारा को नहर (स्केप चैनल) घोषित किया था। उस के बाद से ही अखाड़ा परिषद सहित अन्य संत इसका विरोध कर रहे थे। यह मामला पिछले चार साल तक दबा रहा और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत इस आदेश को लेकर संतो के बीच पहुंच कर माफी मांगी तो यह मामला फिर उठ खड़ा हुआ था।

मुख्य हरकीपैड़ी क्षेत्र में आम लोगों को स्नान के लिए अनुमति नहीं

2021 में हरिद्वार में होने वाले कुंभ मेला में सिर्फ मुख्य स्नान पर ही श्रद्धालुओं के लिए पास की व्यवस्था होगी। इसके अलावा सामान्य दिनों में कोई भी श्रद्धालु आकर गंगा में स्नान कर सकता है। शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने इसकी पुष्टि की है।
उन्होंने बताया कि शाही स्नान का दिन और समय तय होता है। कौन सा अखाड़ा किस समय स्नान करेगा, यह पूर्व निर्धारित होता है। इस दौरान मुख्य हर की पैड़ी क्षेत्र में आम लोगों का स्नान नहीं होता है।

उन्होंने बताया कि सामान्य तौर पर मुख्य स्नान के दिन करोड़ों लोगों के हरिद्वार आने की संभावना रहती है। इसलिए सरकार मुख्य स्नान पर पास व्यवस्था लागू करने पर विचार कर रही है। इसके लिए देखा जा रहा है कि हरिद्वार के घाटों की क्षमता कितनी भीड़ वहन करने की है। इसी आधार पर मुख्य स्नान के दिन श्रद्धालुओं की संख्या तय की जा सकती है। हालांकि इस पर विचार ही चल रहा है, अंतिम निर्णय नहीं हुआ है।

डिस्ट्रिक गंगा कमेटी के तहत उत्तराखंड में हुए सराहनीय कार्य

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत से उत्तराखंड से संबंधित विभिन्न विषयों पर चर्चा की। इस अवसर पर नमामि गंगे, 2021 में हरिद्वार में होने वाले कुंभ मेले पर चर्चा की गई। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र शेखावत ने कहा कि हरिद्वार में होने वाले कुंभ मेले के लिए जल शक्ति मंत्रालय के तहत होने वाले कार्यों के लिए राज्य सरकार को हर संभव मदद दी जाएगी। उन्होंने कहा कि नमामि गंगे के तहत उत्तराखंड में अच्छा कार्य हुआ है। उन्होंने कहा कि डिस्ट्रिक गंगा कमेटी के तहत भी उत्तराखंड में सराहनीय कार्य हुए हैं।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि कुंभ मेले के लिए हरिद्वार में अनेक निर्माण कार्य होने हैं। जिसके लिए राज्य सरकार को जल शक्ति मंत्रालय से मदद की जरूरत होगी। केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री ने कहा कि नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा एवं जल शक्ति मंत्रालय की ओर से पूरा सहयोग दिया जाएगा। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश एवं अपर सचिव मुख्यमंत्री मेहरबान सिंह बिष्ट उपस्थित थे।

कुंभ कार्यों को समय और गुणवत्ता के साथ संपन्न करांए अधिकारीः त्रिवेन्द्र

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हरिद्वार में कुम्भ 2021 के सम्बन्ध में अखाड़ा परिषद के संत महात्माओं के साथ विचार विमर्श किया। बैठक के दौरान मेलाधिकारी दीपक रावत ने कुम्भ मेले हेतु किए जा रहे कार्यों की अद्यतन जानकारी दी।

मुख्यमंत्री ने सभी महात्माओं का माल्यार्पण कर स्वागत करते हुए कहा कि कुंभ की परंपरा में संतों के आशीर्वाद की आवश्यकता रहती है। संत महात्माओं ने मुख्यमंत्री के आश्वासन पर संतोष व्यक्त करते हुए मेले के सफल आयोजन के लिए अपना पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने श्री गंगा सभा हरिद्वार द्वारा कुम्भ महापर्व 2021 की प्रमुख स्नान तिथियों में से सभी अखाड़ों के संत महात्माओं की उपस्थिति में उनकी सर्वसम्मति से आगामी कुंभ मेले में आयोजित होने वाले चार शाही स्नानों की घोषणा की कुंभ मेले में होने वाले शाही स्नान में 11 मार्च 2021 (महाशिवरात्रि), 12 अप्रैल 2021 सोमवती अमावस्या, 14 अप्रैल 2021 बैसाखी कुम्भ स्नान एवं 27 अप्रैल 2021 चौत्र पूर्णिमा स्नान आयोजित होंगे। इसके साथ ही 6 पर्व स्नान 14 जनवरी 2021 (मकर संक्रान्ति), 11 फरवरी 2021 (मौनी अमावस्या), 16 फरवरी 2021 (बसंत पंचमी), 27 फरवरी 2021 (माघ पूर्णिमा), 13 अप्रैल 2021 (नव सम्वत् सर) एवं 21 अप्रैल 2021 (राम नवमी) को आयोजित होंगे।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि वे कुंभ कार्यों को समयबद्धता एवं गुणवत्ता के साथ संपन्न कराएं। इसमें जिन विभागों को कोई भी समस्या हो, उसे मेलाधिकारी के संज्ञान में लाएं। यदि स्वीकृति शासन स्तर से की जानी हो तो उसकी भी व्यवस्था की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने जल संस्थान के अधिकारियों को सीवर के कार्यों में तेजी लाते हुए निर्धारित समय पर कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने एनएचएआई को भी कुम्भ क्षेत्र में नेशनल हाइवे के कार्यों को पूरा करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने निर्माण कार्यों को दिन रात करते हुए युद्ध स्तर पर करने के निर्देश देते हुए कहा कि राज्य सरकार की ओर से हर संभव सहायता दी जाएगी। उन्होंने सभी आवश्यक अधिकारी तैनात किए जाने के भी निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रमुख संतों को आवश्यक सुरक्षा एवं अखाड़ों से लगातार संपर्क कर कुंभ मेले हेतु कार्य किए जाएं। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण हटाने के लिए समयबद्धता के साथ कार्य किया जाए। कुंभ क्षेत्र में निर्माण कार्यों के लिए निर्माण सामग्री की आवश्यकता के अनुसार विभागों को पट्टे आबंटित किए जाएंगे। इसके लिए दिन रात कार्य करने हेतु परमिट दिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुंभ मेले के सफल आयोजन हेतु सभी अखाड़ों के संत महात्माओं का सहयोग आवश्यक है।

बैठक में कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक, विधायक सुरेश राठौर, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी महाराज, महामंत्री हरिगिरी महाराज, रविन्द्र पुरी महाराज, महंत प्रेम गिरी महाराज, महंत धर्म दास, महंत राजेन्द्र दास, मुखिया मंहत भगत राम, महन्त जसविंदर सिंह, महंत साधना नन्द, मंहत देवेंद्र सिंह शास्त्री, महंत राम दास आदि उपस्थित रहे।

मेले से संबंधित जितने भी पुल है, उनका निर्माण समय सीमा के अंदर होः सीएम

बुधवार को सचिवालय में कुम्भ मेले के आयोजन से सम्बन्धित उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि कुम्भ मेले के निर्माण कार्यों में और अधिक तेजी लाने के लिये डबल शिफ्ट में कार्य करने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। कुम्भ मेले से सम्बन्धित जितने भी पुलों का निर्माण किया जाना है उनके निर्माण की समय सीमा निर्धारित कर उन्हें पूर्ण करने के प्रयास हों। उन्होंने कहा कि पुलों का समय पर निर्माण होने से सडकों के निर्माण में और अधिक सुविधा होगी।

मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये कि यदि निजी संस्थायें स्वयं के व्यय पर स्नान घाटों का निर्माण करती है तो इसके लिये उन्हें डीपीआर एवं तकनीकी सहयोग उपलब्ध कराया जाए। मेला क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने तथा स्वच्छता पर भी विशेष ध्यान देने पर भी उन्होंने बल दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुम्भ के आयोजन में ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए कि श्रद्धालु कुम्भ के सुखद अनुभव के साथ लौंटे। मुख्यमंत्री ने अखाड़ों के प्रमुख प्रतिनिधियों को सुरक्षा उपलब्ध कराने के भी निर्देश सम्बन्धित अधिकारी को दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी कुम्भ मेले की ऐसी व्यवस्थायें होनी चाहिए ताकि यह आयोजन भविष्य के आयोजनों के लिये भी मिसाल बन सके।

उन्होंने कुम्भ क्षेत्र के बिजली व गैस पाइप लाइन को अंडर ग्राउंड किये जाने में भी तेजी लाने को कहा। कुम्भ की व्यवस्थाओं के लिये जो भी जरूरत होगी वह उपलब्ध करायी जायेगी। सभी अधिकारी तालमेल से कार्य करें। मुख्यमंत्री ने हरिद्वार की देवभूमि के अनुरूप उसकी पहचान बनाये रखने पर भी ध्यान देने को कहा। उन्होंने निर्देश दिये कि असामाजिक गतिविधियों पर सख्ती बरती जाए। अतिक्रमण को हटाने की दिशा में भी उन्होंने प्रभावी कार्यवाही के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरिद्वार महाकुम्भ 2021, दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक व आध्यात्मिक मेला होगा। वैश्विक स्तर के इस मेले में दुनिया भर के देशों से करोड़ों श्रद्धालु आएंगे। तद्नुसार हमें इसकी व्यापक व्यवस्थायें सुनिश्चित करनी होंगी।

नगर विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि कुम्भ मेला की सफलता सभी के सामूहिक प्रयासों से जुड़ी है। इस कुम्भ में बेहतर व्यवस्थायें कर देश व दुनिया के श्रद्धालुओं को आवश्यक व्यवस्थायें करानी होंगी। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी अपनी जिम्मेदारी समझें। उन्होंने संत महात्माओं के सुझावों पर भी ध्यान देने को कहा। उन्होंने कुम्भ क्षेत्र के सीमांकन के साथ ही नये क्षेत्रों में आवश्यक अवस्थापना सुविधायें विकसित करने पर भी ध्यान देने को कहा।

बैठक में मेलाधिकारी दीपक रावत ने विस्तृत प्रस्तुतीकरण के माध्यम से मेलाक्षेत्र एवं मेले में की जाने वाली व्यवस्थाओं का व्यापक प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने बताया कि कुम्भ मेले के सम्बन्ध में विभागों से प्राप्त प्रस्तावों का परीक्षण कर वांछित धनराशि के वास्तविक आगणन का प्रस्ताव शासन को शीघ्र उपलब्ध कराया जायेगा।