1444 ग्रामों को अधिसूचित कर नियमित पुलिस व्यवस्था स्थापित की

राज्य सरकार द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों के कतिपय भागों में विद्यमान राजस्व पुलिस व्यवस्था को समाप्त कर नियमित पुलिस व्यवस्था स्थापित किये जाने की कार्यवाही की जा रही है। इस सम्बन्ध में राज्य के सामरिक, पर्यटन एवं आपराधिक गतिविधियों वाले स्थानों पर 6 नये थाने एवं 20 रिपोर्टिंग पुलिस चौकियों का गठन करते हुए कुल 1444 ग्रामों को अधिसूचित किया गया है। जिसमें देहरादून की 1 चौकी के कुल 14 गांव, पौड़ी के 1 थाना व 1 चौकी कुल 270 गांव, टिहरी के 1 थाना व 3 चौकी के कुल 267 गांव, चमोली के 1 थाना व 3 चौकी के कुल 120 गांव, रूद्रप्रयाग के 2 चौकी के कुल 104 गांव, उत्तरकाशी के 2 चौकी के कुल 47 गांव, नैनीताल के 1 थाना व 4 चौकी के कुल 121 गांव, अल्मोड़ा के 2 थाना व 3 चौकी के कुल 398 गांव तथा चम्पावत के 1 चौकी के कुल 103 गांव हैं।
इन क्षेत्रों में नवीन थाने एवं पुलिस चौकियां स्थापित होने से अपराध एवं असामाजिक गतिविधियों में कमी आयेगी ति नागरिकों की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ने से र्प्यटन एवं व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। उक्त विषय पर राज्य सरकार पर्यटन गतिविधि, संवेदनशील एवं महत्वपूर्ण क्षेत्रों का चिन्हीकरण करते हुए चरणबद्ध रूप में कार्यवाही कर रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों में बेहतर कानून व्यवस्था के दृष्टिगत वर्तमान पुलिस राजस्व व्यवस्था के स्थान पर नियमित पुलिस व्यवस्था का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड पर्यटन प्रदेश के साथ देवभूमि भी है प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु प्रदेश में आते हैं, इस दृष्टि से भी राज्य की कानून व्यवस्था का बेहतर होना जरूरी है।

प्रदेश की कानून व्यवस्था एवं अमन चैन बनाना अधिकारियों का दायित्व-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में कानून एवं व्यवस्था से सम्बन्धित घटनाओं को गम्भीरता से लेने के निर्देश जिलाधिकारियों को दिये हैं। उन्होंने निर्देश दिये हैं कि कानून एवं व्यवस्था से सम्बन्धित घटना चाहे वह राजस्व क्षेत्र की हो या पुलिस क्षेत्र की, जिसे भी कोई सूचना प्राप्त होती है तो उसे गम्भीरता से लेकर उसके समाधान की त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित कराये।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में वन क्षेत्र या अन्य क्षेत्रों में होटल, रिसोर्ट या धार्मिक कार्यों के लिये हो रहे अतिक्रमण का चिन्हीकरण कर उस पर सख्ती के साथ त्वरित कार्यवाही के भी निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के मदरसों के सत्यापन के साथ ही डेमोग्राफिक चेंज के प्रकरणों में भी सख्ती से कार्यवाही के निर्देश दिये। रविवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कानून व्यवस्था, अवैध अतिक्रमण, आपदा आदि से सम्बन्धित विभिन्न विषयों पर शासन के उच्चाधिकारियों के साथ गहनता से समीक्षा की। समीक्षा बैठक में सभी मण्डलायुक्त एवं जिलाधिकारी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े थे। मुख्यमंत्री ने जनपदवार जिलाधिकारियों से उनके स्तर पर की जा रही कार्यवाही तथा समस्याओं के समाधान के लिये किये प्रयासों की जानकारी प्राप्त की।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि जनपद स्तर पर सभी सम्बन्धित बिन्दुओं का कलेंडर तैयार कर उनकी पाक्षिक या मासिक समीक्षा कर रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराई जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में हाल ही में घटित कुछ घटनाओं से प्रदेश की छवि धुमिल हुई है। इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इस दिशा में सभी अधिकारी सर्तकता एवं जिम्मेदारी के साथ कार्य करें। उन्होंने कहा कि देवभूमि हमारा प्रदेश है, यहां अमन, चैन व शांति हम सबकी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि अपराधी कोई भी हो उसे बख्शा न जाए। इमानदारी से कार्य करने वालों को परेशान न किया जाए। बाहरी प्रदेशों से आने वालों पर कड़ी नजर रखी जाए। भविष्य में प्रदेश की जन संख्या घनत्व के कारण किसी परेशानी का सामना न करना पड़े, यह भी सुनिश्चित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जन समस्याओं का समाधान त्वरित ढंग से हो, इसके लिये सचिवालय में सोमवार को नो मिटिंग डे तथा पर्वतीय जिलों में 10 से 1 बजे तक अधिकारियों को जनता से मिलने के निर्देश दिये गये। जनपदों की कोई समस्या सचिवालय न आये यह भी जिलाधिकारी सुनिश्चित करें। इसके लिये बहुउद्देशीय शिविर तहसील दिवस के आयोजन के साथ दूरस्थ क्षेत्रों में जन समस्यायें सुनने की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा। इस सम्बन्ध में उन्होंने ऊधमसिंह नगर की भांति ई-समाधान चौपाल की व्यवस्था भी सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने सरलीकरण, समाधान निस्तारण एवं संतुष्टि के तहत की गई समस्याओं के समाधान का भी विवरण तैयार करने को कहा।
मुख्यमंत्री ने सड़कों की स्थिति की जानकारी प्राप्त कर 15 अक्टूबर तक सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने अवैध शराब, अवैध खनन पर भी प्रभावी नियंत्रण के निर्देश दिये। प्रदेश में बढ़े डेंगू के रोगियों की संख्या के दृष्टिगत इसके रोकथाम की भी कारगर व्यवस्था करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये।
मुख्य सचिव डॉ. एस.एस सन्धु ने सभी सभी जिलाधिकारियों को मुख्यमंत्री द्वारा दिये गये निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि अधिकारी सही गलत की पहचान कर दोषियों को सजा देने की कार्यवाही करें। अवैध अतिक्रमणों में राजस्व, वन एवं सिंचाई आदि विभागों की संयुक्त टीम बनायी जाए। जहां पर अतिक्रमण हटाया जाए वहां पुनः अतिक्रमण न हो यह भी सुनिश्चित किया जाए।
बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, सचिव शैलेश बगोली, सचिन कुर्वे, चंद्रेश यादव, अपर सचिव अतर सिंह सहित पुलिस के अन्य वरिष्ठ अधिकारी तथा वर्चुअल रूप से सभी मण्डलायुक्त व जिलाधिकारी उपस्थित रहे।

कुम्भ में क्राउड मैनेजमेंट की पूरी तैयारी रहेः तीरथ सिंह रावत

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने पुलिस विभाग के समस्त उच्चाधिकारियों के साथ बैठक कर प्रदेश के अपराध एवं कानून व्यवस्था की स्थिति की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने कहा कि बेहतर कानून व्यवस्था राज्य सरकार की प्राथमिकता है। पुलिस विभाग के लिए आने वाले समय में कुम्भ, चारधाम यात्रा एवं कोविड के दृष्टिगत चुनौतिपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि कुम्भ और चारधाम यात्रा की सफलता के लिए सभी तैयारियां समय से पूर्ण कर ली जाएं। कहा कि कुम्भ का पहला स्नान बहुत ही सफल रहा है। आगे के महत्वपूर्ण स्नानों में श्रद्धालुओं की संख्या और अधिक बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए समय से व्यवस्थाएं पूर्ण कर ली जाएं। कुम्भ मे क्राउड मैनेजमेंट की पूरी तैयारी सुनिश्चित कर ली जाए। यदि और अधिक फोर्स की आवश्यकता हो तो इसके लिए प्रस्ताव तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश योगी आदित्यनाथ ने भी कुम्भ हेतु और फोर्स उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुम्भ, चारधाम यात्रा एवं कोविड के दृष्टिगत विभाग में वाहनों की संख्या बढ़ाए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने छोटे पर्वतीय शहरों में भी सीसीटीवी सुविधाओं के विकास पर जोर देते हुए कहा कि विभाग को समय के आवश्यकताओं के देखते हुए लगातार विभाग के आधुनिकीकरण पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि प्रदेश में स्मार्ट पुलिसिंग की दिशा में अनेक पहल की गयी हैं। समाज सुधार के क्षेत्र में ऑपरेशन मुक्ति जैसे प्रयास किए जा रहे हैं, जिसके परिणाम स्वरूप 717 भीख मांगने वाले बच्चों को विद्यालय में एडमिशन दिलाया गया है एवं उनकी निगरानी भी की जा रही है। भीख मांगने वाले बच्चों के माता-पिता को जागरूक करने हेतु लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। ऑपरेशन स्माईल के तहत पिछले 05 साल में 2300 बिछड़े हुए बच्चों को उनके परिवारजनों से मिलाया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश, सी.पी.यू. के गठन के लिए वर्ष 2017 में एवं ई-सुरक्षा चक्र के लिए वर्ष 2018 में पुरस्कार प्राप्त कर चुका है, इसके साथ ही विगत 03 वर्षों में प्रदेश के 03 थानों ने देश के टॉप-10 थानों में अपना स्थान बनाया है।

राज्यपाल ने ‘राज्य स्थापना दिवस’ की 20वीं वर्षगांठ पर पुलिस रैतिक परेड की सलामी ली

राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने राज्य स्थापना दिवस की 20वीं वर्षगांठ पर पुलिस लाइन में आयोजित रैतिक परेड का निरीक्षण कर सलामी ली।

राज्यपाल ने विशिष्ट सेवाओं के लिए ‘‘राष्ट्रपति पुलिस पदक’’ प्राप्त 06 पुलिस अधिकारियों और ‘‘राष्ट्रपति के जीवन रक्षा पदक’’ से सम्मानित दो पुलिस कार्मिकों को अलंकृत भी किया। इनमें पुष्पक ज्योति, पुलिस महानिरीक्षक, श्रीधर प्रसाद बडोला, (से.नि.) पुलिस उपाधीक्षक, श्री प्रकाश चन्द्र शर्मा (से.नि.) उपनिरीक्षक, धनराम आर्य (से.नि.) पीसी विशेष श्रेणी पीएसी, आदित्यराम डिमरी (सेनि) उप निरीक्षक एस.डी.आर.एफ. तथा हीरा सिंह राणा (से.नि.) सहायक सेना नायक को राष्ट्रपति पुलिस पदक और विनोद प्रसाद थपलियाल, उप निरीक्षक, ममलेश सिंह, आरक्षी को राष्ट्रपति के जीवन रक्षा पदक से सम्मानित किया गया है।

उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था और शांति की स्थापना में उत्तराखण्ड पुलिस अच्छा कार्य कर रही है। कोविड महामारी के समय में भी पुलिस ने अग्रिम मोर्चे पर रहकर जनता की सहायता की है। कर्तव्य निवर्हन करते हुए लगभग 1600 पुलिस अधिकारी-कर्मचारी कोविड बीमारी से संक्रमित हुए। लेकिन इसके बाद भी हमारी पुलिस, डाक्टर्स, नर्सेज और सभी कर्मचारी अपने कर्त्तव्य का पालन कर रहे हैं। उत्तराखण्ड निर्माण में महिलाओं का बहुत बड़ा योगदान रहा है। हमें महिलाओं के समग्र कल्याण एवं सशक्तीकरण हेतु हर संभव कदम उठाने होंगे। उन्होंने कहा कि ड्रग्स हमारी युवा पीढ़ी के लिये बहुत बड़ा खतरा है। प्रदेश में एण्टी ड्रग्स टास्क फोर्स बनाई गई है। इस टास्क फोर्स को अपनी पूरी क्षमता से कार्य करना होगा, जिससे देवभूमि से नशे के सौदागरों का समूल नाश हो। उत्तराखण्ड में वर्ष 2022 तक हर घर तक नल से जल देने पर काम चल रहा है। इसी प्रकार राज्य सरकार द्वारा शिक्षा, स्वास्थ्य एवं अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में लगातार कार्य किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने संबोधन में 21वें राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर राज्य निर्माण के सभी ज्ञात अज्ञात शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सभी प्रदेशवासियों को राज्य स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दी। डी.जी.पी ए.के.रतूड़ी ने अपने संबोधन में उत्तराखण्ड पुलिस की उपलब्धियों की जानकारी दी।

राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सूचना एवं लोक संपर्क विभाग द्वारा प्रकाशित विकास पुस्तिका ‘‘विकसित होता उत्तराखण्डः बातें कम, काम ज्यादा’’ का विमोचन किया। इस दौरान राज्यपाल और मुख्यमंत्री द्वारा पुलिस विभाग द्वारा प्रकाशित कॉफी टेबल बुक का भी विमोचन किया गया।

मौके पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल, मेयर देहरादून सुनील उनियाल गामा, विधायक मुन्ना सिंह चैहान, कुंवर प्रणव सिंह ‘चैम्पियन‘, हरबंस कपूर, विनोद चमोली, गणेश जोशी, मुख्य सचिव ओम प्रकाश, सचिव आर.के.सुधांशु, सचिव नितेश झा, सचिव मुख्यमंत्री राधिका झा, सचिव सूचना दिलीप जावलकर, सचिव राज्यपाल बृजेश कुमार संत, महानिदेशक सूचना डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट आदि उपस्थित थे।

राज्य को निवेशकों के लिए आदर्श प्लेटफार्म देने में हम कृत संकल्पः त्रिवेन्द्र

केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से स्टेट बिजनेस रिफार्म एक्शन प्लान 2019 के चैथे एडिशन के तहत ईज आफ डूईंग बिजनेस के क्षेत्र में राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों की रेकिंग जारी की। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से इसमें शामिल हुए। रैकिंग में आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश तथा तेलंगाना क्रमश प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर रहे। उत्तराखण्ड 2015 में 23वें स्थान पर था जो अब 11वें स्थान पर आ गया है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने वर्ष 2019 की ईज ऑफ डूईंग बिजनेस रैंकिंग की घोषणा के अवसर पर कहा कि भारत सरकार द्वारा वर्ष 2015 से राज्यों की ईज ऑफ डूईंग बिजनेस रैंकिंग जारी की जा रही है। ईज ऑफ डूईंग बिजनेस के अंतर्गत राज्यों द्वारा किये जा रहे रिफॉर्म, केन्द्र सरकार तथा राज्य सरकारों के बीच सकारात्मक साझेदारी की अनूठी मिसाल है।

उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा राज्यों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के पश्चात निर्धारित रिफॉर्म एक्शन प्लान राज्यों को निवेश के अनुकूल वातावरण तैयार करने के लिए एक समुचित रोड मैप प्रदान करता है। उत्तराखण्ड ने आरंभ से ही ईज ऑफ डूईंग बिजनेस के क्षेत्र में लगातार सक्रियता से कार्य किया है। वर्ष 2015 की पहली रैंकिंग में हम 23वें स्थान पर थे और वर्ष 2019 में 11वें स्थान पर रहे हैं। उत्तराखण्ड राज्य राष्ट्रीय स्तर पर उपलब्धि प्राप्त करने वाले राज्यों की श्रेणी में सम्मिलित हो इसके लिये प्रभावी प्रयास किये जायेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यद्यपि ईज ऑफ डूईंग बिजनेस के अंतर्गत निवेश से सम्बन्धित आवश्यक क्षेत्रों को सम्मिलित किया गया है। बावजूद इसके इसमें स्वच्छ पर्यावरण एवं जलवायु, बेहतर कानून व्यवस्था, अनुशासित वर्कर्स एवं उत्पादकता तथा श्रमिक विवादों की अनुपस्थिति आदि हमारे राज्य के सकारात्मक क्षेत्र है। ये परिस्थितियां निवेश के अनुकूल वातावरण तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। उत्तराखण्ड राज्य को निवेशकों के लिए एक आदर्श गंतव्य के रूप में विकसित करने की दिशा में हम कृत संकल्प है। इस दिशा में राज्य सरकार द्वारा राज्य में निवेश हेतु उद्यमियों को अनेक सहुलियतें दिये जाने से सम्बन्धित कार्ययोजना बनायी है, जिसका परिणाम शीघ्र धरातल पर दिखायी देगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में उद्यौगों के अनुकूल माहोल तैयार करने के साथ ही प्रधानमंत्री द्वारा आत्म निर्भर भारत के लिए की गई पहल को साकार करने की दिशा में राज्य सरकार द्वारा कारगर प्रयास किये जा रहे है, स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही एक जनपद एक उत्पाद की दिशा में भी योजना बनायी जा रही है।