कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में विस सत्र को सफल बनाने पर दिया जोर

उत्तराखंड विधानसभा के कल 24 जून से आरंभ हो रहे सत्र के सिलसिले में आज विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल की अध्यक्षता में कार्य मंत्रणा समिति की बैठक आयोजित की गई। इसमें तय किया गया कि संसदीय कार्य मंत्री रहे दिवंगत प्रकाश पंत को सत्र के पहले दिन सोमवार को श्रद्धांजलि दी जाएगी। 25 जून को होने वाले विधायी कार्यों के लिए 24 जून को दुबारा कार्य समिति की बैठक करके एजेंडा तय किया जाएगा। विधानभवन में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, विधान सभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चैहान, कार्यकारी संसदीय कार्य मंत्री मदन कौशिक, नेता प्रतिपक्ष इन्दिरा हृदयेश, गोविंद सिंह कुंजवाल, प्रीतम सिंह आदि मौजूद रहे।
वहीं, कल से आरंभ हो रहे विधानसभा सत्र की अवधि को लेकर विपक्ष ने सवाल खड़े किए हैं। विपक्ष का कहना है कि महज दो दिन का सत्र सरकार ने खानापूर्ति के लिए ही आहूत किया है, क्योंकि छह माह के भीतर सत्र बुलाने की बाध्यता है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल का कहना है कि सरकार के मंत्री सदन में जबाब देने से बचना चाहते हैं वहीं, दूसरी ओर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने विपक्ष की आपत्ति को खारिज किया है। उनका कहना है कि फिलहाल कोई बिजनेस नहीं है। जो विधेयक हैं, वे अभी पाइप लाइन में हैं। लिहाजा, सदन को अनावश्यक नहीं बढ़ाया जा सकता। यह बात विपक्ष भी जानता है। हालांकि, मुख्यमंत्री ने सदन के सुचारू संचालन में विपक्ष का सहयोग मिलने की उम्मीद भी जताई।

कांग्रेस के लिए काला दिन था रावत का हारना

हरिद्वार।
हरिद्वार पहुंची नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश का कांग्रेसी कार्यकर्ताओ ने स्वागत किया। मिडिया से बात करते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कांग्रेस की हार के लिए पूर्व सीएम हरीश रावत को जिम्मेदार ठहराया तो वही प्रदेश में सरकार के बाद खनन और शराब के विरोध में जुटी भाजपा के दोहरे चरित्र पर जमकर हमला बोला।
कांग्रेस की हार पर बोलते हुए इशारों ही इशारो में पूर्व सीएम हरीश रावत पर निशाना साधा। कहा की मुख्यमंत्री का दो सीटों पर हार जाना कांग्रेस के लिए सबसे काला दिन था राजनीति के इतिहास में यह पहली बार हुआ है। उन्होंने कहा की प्रदेश की जनता ने चेहरे को स्वीकार नही किया इस लिए कांग्रेस की यह स्थिति हुई।
वही, नेता प्रतिपक्ष ने शराब बंदी और खनन को लेकर राज्य सरकार की भूमिका पर सवाल खड़े किए। कहा की जो काम हमारे समय हो रहे थे तो भाजपा उनको जमकर कोस रही थी लेकिन आज सत्ता पर काबिज होने के बाद जिन मुद्दों पर भाजपा ने चुनाव लड़ा आज उनको किनारा कर शराब और खनन में तालमेल बैठाने में लग गयी है। प्रदेश में शराब बंदी हो इसके हम पक्षधर है हम इसमें सरकार के साथ खड़े है।