देहरादून की त्रिशला ने यूपीएससी में देश में पाया दूसरा स्थान

यूपीएससी के नतीजे घोषित हो गए हैं। यूपीएससी की परीक्षा में देहरादून की त्रिशला सिंह ने देश में दूसरी रैंक हासिल की है। कोरोना काल में घर में पढ़ाई कर त्रिशला ने यूपीएससी में दूसरा स्थान हासिल किया है। यूपीएससी परीक्षा देने के लिए त्रिशला ने एमएनसी की नौकरी को छोड़ दी थी। त्रिशला ने देहरादून से ही स्कूली शिक्षा हासिल की और मास्टर करने के बाद एमएनसी में नौकरी करने लगीं।
त्रिशला के पिता डॉ. कौशल कुमार और माता ने कहा कि बेटी ने परिवार के साथ उत्तराखंड का नाम रोशन किया है। त्रिशला का छोटा भाई पार्थ पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। त्रिशला ने बताया कि उन्होंने लॉकडाउन के दौरान लिखित परीक्षा और दो महीने साक्षात्कार के लिए पढ़ाई की और उन्हें सफलता हाथ लगी।

सरकारी राशन की दुकानों के लिए आदेश, प्रतिदिन खुलेंगी

मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने सभी अधिकारियों, सचिवों, आयुक्त कुमाऊं व गढ़वाल व जिलाधिकारियों को निर्देश दिए। कोविड-19 संक्रमण के नियंत्रण के लिए कोविड-19 कफ्र्यू के दौरान राशन के सस्ते गल्ले की दुकानों के संचालन के संबंध में आदेश जारी किए हैं इसके तहत सार्वजनिक वितरण प्रणाली के खाद्यान्न वितरण को सरल बनाने के लिए राज्य की समस्त राशन के सस्ते गल्ले की दुकानें 14 मई से 18 मई तक सुबह 7 बजे से 10 बजे तक खुली रहेगी। वही अन्य राशन की दुकान है कल यानी 14 मई को खोली जायेंगी।

यूटयूब में वेस्ट मेटिरियल से उपयोगी वस्तुएं बनाना सीखा और जीत लिया राष्ट्रीय पुरस्कार

केशव भट्ट (वरिष्ठ पत्रकार)
आज के वक्त में कोई भी चीज बेकार नहीं होती हैं, घर के पुराने वेस्ट मेटिरियल हों या पुराने अखबार। इनसे भी घर को नया लुक दिया जा सकता है, बशर्ते उसका बखूबी इस्तेमाल करने का हुनर आपके पास हो। इस बात को सच साबित करने में लगी है बागेश्वर जिले के मेलाडुंगरी गांव की अर्चना भंडारी। लॉकडाउन में ऑनलाइन शिल्पकला के अपने हुनर से अर्चना ने न केवल राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय शिल्पकला प्रतियोगिता में दूसरा स्थान प्राप्त किया, बल्कि अब वो स्वयं शिल्पकला में अभिनव प्रयोग करने के साथ 20 अन्य बालिकाओं को भी पुराने अखबार, गत्ते व अन्य वैस्ट मैटीरियल का सदुपयोग कर उपयोगी सामान बनाने का प्रशिक्षण देने में जुटी पड़ी है।
कोरोना काल के लॉकडाउन में अर्चना की प्रतिभा निखर कर सामने आई। शुरूआत में उसने कोरोना वायरस से बचाव के लिए घर में ही मॉस्क बनाकर बांटने शुरू कर दिए। समय था तो उसने यूटयूब से वेस्ट मेटिरियल से उपयोगी वस्तुएं बनाना भी सीखना शुरू कर दिया और ऑनलाइन शिल्पकला में राष्ट्रीय और राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में द्वितीय पुरूष्कार भी हांसिल कर लिया। इससे उसके सांथियों ने भी शिल्पकला सीखने की बात कही तो अब वो 20 बालिकाओं को भी पुराने अखबार, गत्ते व अन्य वैस्ट मैटीरियल का सदुपयोग कर उपयोगी सामान बनाने का प्रशिक्षण देने में लगी है। अर्चना, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीजी के बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के सांथ ही स्वरोजगार अभियान को लेकर काफी जागरूक है। कई नुक्कड़ नाटकों में प्रतिभाग कर वो इसका संदेश भी दे चुकी हैं। अभी रक्षाबंधन के त्यौहार पर उन्हें पांच सौ राखियों की डिमांड मिली है तो वो सभी राखियां बनाने में जुटी पड़ी हैं।

हर दिन सुबह आठ से दस बजे तक के प्रशिक्षण में हाईस्कूल, ग्रेजुएशन कर रहे छात्राओं के सांथ ही नौकरीपेशा भी अर्चना से कलमदान, पेन स्टैंड, न्यूज पेपर होल्डर, फोटो फ्रेम, ज्यूलरी बॉक्स समेत राखी बनाना सीख रहे हैं। लगातार अभ्यास से वो अब पारंगत होते जा रहे हैं और अभी तक उन्होंने तीन हजार से भी ज्यादा सजावटी सामान बना दिए हैं। गुजरात सूरत के एक स्कूल में सुपरवाईजर पोस्ट पर तैनात भावना नयाल लॉकडाउन में स्कूल बंद होने पर गांव आ गई और अब वो भी यहां शिल्पकला का प्रशिक्षण ले खुश हैं।
अर्चना की इस पाठशाला में हर कोई अपनी प्रतिभा को निखारने के लिए पूरी मेहनत से जुटे हैं। वहीं अर्चना भी उनका उत्साहवर्धन कर बेटियों की प्रतिभा को सामने लाकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सपने को सच साबित कर समाज को नया संदेश देने में लगी है।

लॉकडाउन में भी पीएम-किसान योजना के लिए आवेदन करे!

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि केन्द्र सरकार ने मार्च से जारी लॉकडाउन के दौरान पीएम-किसान योजना के तहत 9.13 करोड़ किसानों को कुल 18,253 करोड़ रुपये की राशि भेजी है। पीएम किसान योजना के तहत सरकार पात्र किसानों को साल में तीन बराबर किस्त में 6,000 रुपये की राशि सीधे उनके बैंक खाते में भेजती है। लॉकडाउन की वजह से देश के गरीब किसानों की मुश्किलों को देखते हुए सरकार ने पीएम-किसान योजना के तहत चालू वित्त वर्ष की पहली किस्त को अप्रैल के पहले सप्ताह में ही भेजने का फैसला किया था। अगर आप किसान हैं और इस योजना के लिए रजिस्ट्रेशन करना चाहते हैं तो आपको बता दें कि ऐसा करना बहुत ही आसान है।

पीएम-किसान योजना के लिए ऐसे करे रजिस्ट्रेशन-
सबसे पहले पीएम-किसान की आधिकारिक वेबसाइट पर लॉग ऑन करिए।
वेबसाइट पर आपको फारमर्स काॅनर्स पर अपने माउस के कर्सर को ले जाना है।
ड्रॉप डाउन लिस्ट में आपको सबसे ऊपर न्यू फारमर्स कारनर्स का विकल्प मिलेगा।
इसके बाद आपको आधार कार्ड का नंबर एवं कैप्चा डालकर आगे बढ़ना होगा।
इसके बाद खुले पेज पर आपको जरूरी जानकारी डालकर रजिस्ट्रेशन करना होगा।
आप इस वेबसाइट के जरिए ही अपने आवेदन की स्थिति देख सकते हैं। साथ ही लाभार्थियों की सूची भी देख सकते हैं।
बतातें चले कि सीतारमण ने एक ट्वीट कर जानकारी दी, लॉकडाउन के दौरान मार्च, 2020 से अब तक सरकार ने 9.13 करोड़ किसानों को पीएम-किसान के तहत 18,253 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। कुल 4,22,113 करोड़ रुपये का कृषि ऋण लेने वाले करीब तीन करोड़ किसानों ने लोन पर तीन माह के मोराटोरियम के विकल्प का फायदा उठाया है।

रेलवे पहुंचायेगा प्रवासी भारतीयों को उनके घर

लॉकडाउन में जगह-जगह फंसे लोगों के लिए राहत की खबर है। रेलवे ने देशभर के पंद्रह स्टेशनों के लिए कुछ स्टॉपेज के साथ चुनिंदा ट्रेनें चलाने की तैयारी कर ली है। 12 मई से ये ट्रेनें नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से चलेंगी। सभी ट्रेनें वातानुकुलित होंगी। सोमवार शाम 4 बजे से बुकिंग शुरू की जाएगी। यात्रा किराया राजधानी एक्सप्रेस के बराबर होगा। डायनेमिक फेयर भी लागू किया जा सकता है। हालांकि, यात्रियों को लॉकडाउन में सार्वजनिक परिवहन नहीं होने से परेशान होना पड़ सकता है। इन 15 रूटों पर ट्रेन शुरू होने के बाद रेलवे कुछ और रूटों पर विशेष ट्रेन चलाएगा। गौरतलब है कि 25 मार्च से सभी यात्री ट्रेन सेवा बंद कर दी गई थीं। 
इन ट्रेनों के टिकट की बुकिंग स्टेशन काउंटर से नहीं होगी। आईआरसीटीसी की वेबसाइट से ही टिकट बुक हो सकेगा। सिर्फ आरक्षित टिकट वाले ही यात्रा कर सकेंगे। तत्काल कोटा नहीं होगा। किसी तरह की छूट भी नहीं मिलेगी। प्लेटफार्म पर वे ही प्रवेश कर पाएंगे जिनके पास कन्फर्म टिकट होगा। 
फेस मास्क पहने बगैर प्लेटफार्म पर यात्रियों को प्रवेश नहीं मिलेगा। थर्मल स्कैनर से चेकिंग के बाद ही यात्रा की इजाजत दी जाएगी। किसी तरह का लक्षण पाए जाने पर यात्रा नहीं कर पाएंगे।
रेलमंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि रेलवे रोज 300 ट्रेनें चलाकर प्रवासी कामगारों को घर पहुंचाने को तैयार है। गोयल ने ट्वीट किया, मैं सभी राज्यों से अपील करता हूं कि वे अपने लोगों को वापस लाने की अनुमति दें ताकि 3-4 दिन में उन्हें घर पहुंचाया जा सके। रेल मंत्रालय ने इसे लेकर एक विस्तृत योजना का निर्माण किया है। शुरुआत में कम संख्या में ही ट्रेनों का संचालन किया जाएगा। इस दौरान लोगों के स्वास्थ्य और कोरोना संक्रमण की जांच भी की जाएगी।

दिल्ली से 15 शहरों के लिए चलेंगी ये ट्रेन
नई दिल्ली-डिब्रूगढ़
नई दिल्ली-अगरतला
नई दिल्ली- हावड़ा
नई दिल्ली-पटना
नई दिल्ली-बिलासपुर
नई दिल्ली-रांची
नई दिल्ली-भुवनेश्वर
नई दिल्ली-सिकंदराबाद
नई दिल्ली-बंगलुरू
नई दिल्ली-चेन्नई
नई दिल्ली-तिरुवनंतपुरम
नई दिल्ली-मडगांव
नई दिल्ली-मुंबई सेंट्रल
नई दिल्ली-अहमदाबाद
नई दिल्ली-जम्मू तवी 

किसानों को राहत, त्रिवेन्द्र सरकार ने कृषि उत्पाद खरीदने की खुली छूट दी

लॉकडाउन के कारण किसानों को आ रही दिक्कतों को देखते हुए त्रिवेन्द्र सरकार ने बिना लाइसेंस कृषि उत्पाद खरीदने की छूट किसान समूहों, सहकारी समितियों व किसान उत्पादक संगठनों को दी है। अब लोग सीधे किसानों से कृषि उत्पाद की खरीद कर सकते हैं। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की ओर से जारी अधिसूचना 20 अप्रैल से पूरे प्रदेश में लागू हो गई है।
कोरोना वायरस को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने लॉकडाउन को तीन मई 2020 तक बढ़ाया है। इस कारण प्रदेश के किसानों को कृषि उत्पाद बेचने और भंडारण करने में दिक्कतें आ रही हैं। किसानों को राहत देने के लिए सरकार ने उत्तराखंड कृषि उत्पाद (विकास एवं विनियमन) अधिनियम की व्यवस्था को अतिक्रमित कर कृषि उत्पाद खरीदने की खुली छूट दे दी है।
अधिसूचना के अनुसार लॉकडाउन अवधि में राज्य में घोषित मंडी क्षेत्र के तहत किसान समूह, किसान उत्पादक संगठन, सहकारी समितियों को सीधे किसान से कृषि उत्पाद खरीदने की अनुमति दी गई है। इसके लिए लाइसेंस जरूरी नहीं होगा। वहीं, उत्पादों को भंडारण के लिए कोल्ड स्टोर, गोदाम, क्लस्टर को उप मंडी घोषित किया गया है।
अभी तक उत्तराखंड कृषि उत्पाद (विकास एवं विनियमन) अधिनियम में फल, सब्जी व अन्य कृषि उत्पादों के कारोबार के लिए मंडी समिति लाइसेंस जारी करती है। मंडी से बाहर कृषि उत्पादों का थोक कारोबार बिना अनुमति के नहीं किया जा सकता है। सरकार की ओर से छूट देने से किसानों को उत्पाद बेचने का झंझट नहीं रहेगा और मंडियों में भी भीड़ कम होगी।

बाहरी राज्यों से लौटे लोगों को राज्य में ही रोका जा सकता है…, इसकी रणनीति तैयार करे आयोग

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेश में कोरोना संक्रमण के कारण हुए रिवर्स पलायन पर पलायन आयोग से अध्ययन रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने कहा कि बाहरी राज्यों से गांव वापस लौटे उत्तराखंड वासियों को किस तरह राज्य में रोका जा सकता है, इसे लेकर रणनीति तैयार की जाए। सीएम ने मंगलवार को अपने आवास पर मंत्रिपरिषद के साथ देश में लॉकडाउन से पैदा परिस्थितियों पर चर्चा की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस आपदा को अवसर के रूप में किस प्रकार बदला जाए हमें इस दिशा में गंभीरता से सोचना होगा। लॉकडाउन की स्थिति के लिए केंद्र सरकार की ओर से जारी होने वाले निर्देशों के अनुरूप प्रदेश में कार्य योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा। बदलते हालात में अर्थव्यवस्था को किस प्रकार मजबूती प्रदान की जाए, इसकी भी चुनौती है। उन्होंने कहा कि इस दौरान बड़ी संख्या में लोग अपने घरों को लौटे हैं।

ये लोग रिवर्स माइग्रेशन की ओर अग्रसर हों, इसके लिए पलायन आयोग एक अध्ययन रिपोर्ट तैयार करके पेश करे। आयोग इनसे वार्ता कर उनसे सुझाव भी प्राप्त करे। यहां लौटे लोगों को यहां पर बेहतर संसाधन एवं सुविधाएं उपलब्ध कराकर उन्हें रोका जा सकता है। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम एवं लॉकडाउन के दौरान सरकार सामूहिक निर्णय लेगी। इस संबंध में कोई भी विभाग अपने स्तर से किसी भी प्रकार का आदेश निर्गत नहीं कर सकेगा।

कोरोना संक्रमण की रोकथाम में तैनात सभी लोगों के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष से 10 लाख की सम्मान निधि की व्यवस्था की गई है। इसके लिए एक कमेटी का गठन किया गया है जो इससे संबंधित प्रकरणों को देखेगी तथा किसी अनहोनी की स्थिति में उनके आश्रितों को यह धनराशि प्रदान करने की संस्तुति करेगी।

गैस खरीदने के लिए केन्द्र सरकार उज्ज्वला कनेक्शन धारकों के अकांउट में धनराशि भेजी

लॉकडाउन के कारण केंद्र सरकार ने उज्ज्वला कनेक्शन धारकों को तीन महीने फ्री में गैस सिलेंडर देने की घोषणा की है। जिला देहरादून में अभी तक 3330 लोगों के खाते में आईओसी कंपनी (इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन) की ओर से सिलेंडर खरीदने के लिए धनराशि पहुंचा दी गई है।
अभी तक उज्ज्वला के तहत 2780 बुकिंग हो चुकी है, जिसमें से 2450 लोगों को गैस सिलेंडर मिल चुका है। केंद्र सरकार उज्ज्वला कनेक्शन धारकों को तीन महीने अप्रैल, मई और जून फ्री में सिलेंडर उपलब्ध करा रही है। इसके तहत आईओसी कंपनी सिलेंडर धारकों के खाते में पहले धनराशि पहुंचा रही है।
देहरादून जिले में इसकी शुरुआत हो चुकी है। जिले में उज्ज्वला के तहत कुल 17980 कनेक्शन धारक हैं। इनमें से 14870 उपभोक्ताओं के खाते में धनराशि पहुंचाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। आईओसी के मुताबिक 3330 उपभोक्ताओं के खातों में पैसा डिलीवर हो चुका है। इनमें से अभी तक 2780 उपभोक्ताओं ने गैस की बुकिंग की है। जिसमें से 2450 उपभोक्ताओं को गैस सिलेंडर मिल भी चुका है। अन्य लोगों को भी गैस की डिलीवरी की जा रही है।
वहीं, लॉकडाउन के दौरान पिछले 15 दिनों में जिला प्रशासन एक लाख 14 हजार से ज्यादा लोगों तक मदद पहुंचा चुका है। इस दौरान जहां करीब एक लाख लोगों को पका हुआ भोजन उपलब्ध कराया गया, वहीं करीब 14 हजार लोगों को अन्नपूर्णा किट वितरित की गई।
जिलाधिकारी डॉ आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि 27 मार्च को जिला प्रशासन ने भोजन और राशन वितरण शुरू किया था। इसमें शहर की तमाम सामाजिक संस्थाएं, संगठन और दानदाता सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि रोजाना करीब पांच से 10 हजार लोगों को पका हुआ खाना दिया जा रहा है। वहीं करीब एक हजार लोगों को राशन की अन्नपूर्णा किट वितरित की जा रही है।

उत्तराखंड में मददगार बनी सीएम हेल्पलाइन 1905

पिछले 23 मार्च से सीएम हेल्पलाइन 1905 पर लाकडाउन के दौरान और कोरोना राहत से सबंधित समस्याओं और जानकारी से सबंधित काल को सुना जा रहा है।

मुख्यमंत्री के आईटी सलाहकार रविंद्र दत्त ने बताया कि अधिकतम समस्याओं का समाधान 24 घंटे के भीतर ही करवाया जा रहा है, इसके लिए सबंधित अधिकारी को आउटबांड काल करके समस्या का समाधान करने के लिए भी कहा गया है।

उन्होंने बताया कि नागरिक अपनी समस्या का बहुत ही कम समय में समाधान होने पर सीएम हेल्प लाइन पर सकारात्मक फीडबैक वीडियो और ऑडियो के माध्यम से भी दर्ज करा रहे हैं। उन्होंने बताया कि हेल्पलाइन के जरिए पानी की समस्या, अंतिम संस्कार में आ रही दिक्कत, अटल आयुषमान योजना के तहत डायलसिस के लिए सरकारी रेफर के बिना इलाज कराने में दिक्कत, राशन प्राप्त न होने की समस्या, मजदूर को बुखार होने पर हॉस्टिपल ले जाने जैसी समस्याएं दर्ज की गई। जिसका बहुत कम समय में निस्तारण किया गया। है।

हेल्पलाइन में सेनिटाईजेशन न होने, गैस सिलेंडर की आपूर्ति न होने, चार दिन से गाँव में लाईट न आने, खाद्य सामग्री और एलपीजी गैस उपलब्ध कराने, गर्भवती की जांच कराने जैसी समस्याएं भी दर्ज हुई। इन्हें भी समय रहते निस्तारित किया गया है।

केन्द्र ने राज्यों को 30 अरब रुपये की अतिरिक्त राशि जारी की

सरकार ने कोविड-19 महामारी के प्रबंधन के लिए राज्यों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन निधि से अतिरिक्त तीन हजार करोड़ रूपए जारी किए हैं। इससे पहले इस निधि में 11 सौ करोड रुपये जारी किए जा चुके हैं।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने नई दिल्ली इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की अवधि के दौरान देशभर में अब तक 16 लाख 94 हजार मीट्रिक टन अनाज का परिवहन किया गया। इस बीच, देश में पिछले 24 घंटे में छह सौ 93 लोगों में कोविड-19 के संक्रमण की पुष्टि हुई। इसके साथ ही संक्रमित लोगों की संख्या चार हजार 67 हो गई। इनमें से दो सौ 91 लोगों को उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है, जबकि एक सौ नौ लोगों की मृत्यु हुई है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि कुल मामलों में से 76 प्रतिशत पुरूष और 24 प्रतिशत महिलाएं हैं। उन्होंने कहा कि संक्रमित लोगों में से एक हजार चार सौ 45 तब्लीगी जमात से संबंधित हैं।
अग्रवाल ने कहा कि कोविड-19 के शिकार एक सौ नौ लोगों में से 63 प्रतिशत की उम्र 60 वर्ष से अधिक थी। मृतकों में 40 से 60 वर्ष की उम्र के 30 प्रतिशत जबकि 40 वर्ष से कम उम्र के सात प्रतिशत लोग थे। उन्होंने उच्च जोखिम वाले लोगों को सरकार के निर्देशों और दिशानिर्देशों का पालन करने का सुझाव दिया।
अग्रवाल ने देशवासियों से कोविड-19 महामारी को फैलने से रोकेने के लिए सामाजिक दूरी बनाए रखने और दिशा निर्देशों का पालन करने का आग्रह किया।
अग्रवाल ने बताया कि लॉकडाउन की अवधि के दौरान देशभर में अब तक 16 लाख 94 हजार मीट्रिक टन अनाज का परिवहन किया गया। उन्होंने कहा कि 13 राज्यों में एक लाख 30 हजार मीट्रिक टन गेहूं और आठ राज्यों में एक लाख 32 हजार मीट्रिक टन चावल आवंटित किया गया। कहा कि भारतीय खाद्य निगम के पास केंद्र के हिस्से वाला 55 लाख 47 हजार मीट्रिक टन अनाज है।
अग्रवाल ने कहा कि इस महामारी के प्रबंधन के लिए राज्यों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन निधि से 11 अरब रुपये जारी किए गए हैं। इस संबंध में 30 अरब रुपये की अतिरिक्त राशि जारी की गई है।
गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा कि लॉकडाउन के उपायों को प्रभावी ढंग से लागू किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आवश्यक वस्तुओं और चीजों की उपलब्धता संतोषजनक है।
तब्लीगी जमात से संबंधित मामलों के बारे में सुश्री श्रीवास्तव ने कहा कि अथक प्रयायों से तब्लीगी जमात के 25 हजार पांच सौ से अधिक स्थानीय लोगों और उनके सम्पर्क में आए लोगों को क्वारेंटीन किया गया है।