सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर घोषित हुए नीट के परिणाम


सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) की ओर से आयोजित नेशनल एलिजिबिलिटी एंट्रेंस टेस्ट (नीट) की परीक्षा में पंजाब होनहारों ने बाजी मारी है। श्री मुक्तसर साहिब के नवदीप सिंह ने 700 में से 697 अंक लेकर देश में पहला रैंक हासिल किया है। वहीं, हिसार में रहने वाली नितिका गोयल ने देशभर में 8वां रैंक हासिल कर लड़कियों के वर्ग में टॉप किया है। उसने 700 में से 690 अंक हासिल किए हैं। नीतिका मूलरूप से बठिंडा की रहने वाली हैं। इसके अलावा हिसार की अदित‍ि व पूर्वा ने क्रमशः 22वां व 26वां रैंक हासिल किया।
पहला रैंक प्राप्त करने वाले मुक्तसर के ग्रीन एवेन्यु की गली नंबर एक के निवासी नवदीप के पिता गोपाल सिंह गांव चड़ेवान के सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में प्रिंसिपल हैं, जबकि उसकी मां सिमरजीत कौर एलआइसी की मुलाजिम हैं। परिवार में माता पिता के अलावा नवदीप का एक छोटा भाई है, जो दसवीं में पढ़ता है। वहीं, नितिका के पिता राकेश गोयल बठिंडा जिला के खेतीबाड़ी विकास अफसर हैं। माता रानी देवी सरकारी पॉलीटेक्निक कॉलेज में लेक्चरर हैं।

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टॉप करने की नहीं थी उम्मीद: नवदीप
नवदीप ने इस सफलता का श्रेय माता पिता व अपने शिक्षकों को दिया। उन्होंने बताया कि किसी भी परीक्षा में सफलता के लिए दृढ़ निश्चय की आवश्यकता होती है, तभी सफलता मिलती है। उनके माता पिता ने बताया कि नवदीप शुरू से ही डॉक्टर बनना चाहता था। स्थानीय अकाल अकेडमी दसवीं करने वाले नवदीप ने दसवीं में 10 सीजीपीए प्राप्त किए थे, जबकि बारहवीं में उसने मुक्तसर के ही शिवालिक पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल से 88 फीसद अंक हासिल किए थे। नवदीप ने कहा कि उसे अच्छे रैंक हासिल करने की तो उम्मीद थी, लेकिन पहला रैंक प्राप्त होगा, यह उम्मीद नहीं थी। नीट की परीक्षा की कोचिंग उसने चंडीगढ़ के हेलिक्स इंस्टीट्यूट से ली है। वह अब नई दिल्ली के मौलाना आजाद मेडिकल इंस्टीट्यूट में दाखिल लेगा। पिता ने बताया कि नवदीप की फिजिक्स भी बहुत अच्छी है।

चैलेंज ने नीतिका को बनाया टॉपर
नितिका गोयल ने नीट में देशभर में 8वां रैंक प्राप्त कर किया है। मैगनेट इंस्टीट्यूट बठिंडा की छात्रा नितिका ने बताया कि वह इस टेस्ट को चैंलेज मान कर चली थी। इंस्टीट्यूट ने कहा था कि उन्हें नहीं लगता कि निकिता अपने भाई से बेहतर परफॉर्म कर सकेगी। उसके भाई निखिल ने नीट में एआइआर-142 प्राप्त किए थे। नितिका ने इस चुनौती को स्वीकार किया और 8वां रैंक हासिल किया। मैगनेट इंस्टीट्यूट की एमडी पिंकी शिवरावणी ने बताया कि नितिका ने दो साल रेगुलर उनके पास पढ़ाई की और कभी भी कोई टेस्ट मिस नहीं किया। वह हर टेस्ट में प्रथम ही आती थी। नितिका ने बताया कि एक बार दसवीं में वह दिमागी तौर पर बीमार हो गई और उनकी आंखें सूजने लगी। काफी लंबा इलाज चला, लेकिन वह पूरी तरह से ठीक हो गई। उसी दिन से यह फैसला कर लिया था दिमाग रोग विशेषज्ञ ही बनना है। नितिका एम्स में एआइआर-95 व जेआइपीएमईआर पांडुचेरी में 76वां रैंक प्राप्त कर चुकी है।

केन्द्र सरकार गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करेंः हाईकोर्ट

पशुओं की खरीद-फरोख्त के बारे में केन्द्र सरकार के नए नोटिफिकेशन पर मद्रास हाईकोर्ट द्वारा लगाई गई चार सप्ताह की रोक के बाद राजस्थान हाईकोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है। राजस्थान हाईकोर्ट के जज महेश चन्द्र शर्मा ने बुधवार को अपनी सेवानिवृति से पूर्व प्रदेश की बहुचर्चित हिंगोनिया गौशाला मामले में सुनवाई की।
जज शर्मा ने अपने फैसले में कहा कि केन्द्र सरकार से गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित कराने में राज्य सरकार प्रयास करे। इसके साथ ही गोकशी करने वालों को आजीवन कारावास का प्रावधान कानून में शामिल कराया जाए। वहीं हिंगोनिया गौशाला में भ्रष्टाचार की जांच राज्य भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो से कराई जाए। उन्होंने ब्यूरो के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक को प्रत्येक तीन माह में गौशाला को लेकर रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश देने के साथ ही प्रदेश के स्वास्थ्य शासन सचिव एवं जयपुर नगर निगम आयुक्त सहित संबंधित अधिकारियों को माह में एक बार गौशाला का दौरा करने के लिए भी कहा। जज शर्मा ने कहा कि राज्य के मुख्य सचिव और महाधिवक्ता को इस काम के लिए नियुक्त किया जाए कि वे केन्द्र सरकार से गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित कराने के पक्ष में दलील रखें। हाईकोर्ट ने इस मामले में एक कमेटी गठित करने के भी निर्देश दिए।
उल्लेखनीय है कि जयपुर स्थित नगर निगम की हिंगोनिया गौशाला में चारे की खरीद सहित अन्य मामलों में अनियमितताओं को लेकर हाईकोर्ट में लम्बे समय से मामला चल रहा था। जस्टिस शर्मा इस मामले की सुनवाई कर रहे थे और बुधवार को सेवानिवृत होने से पूर्व इस मामले में फैसला भी सुनाया। हिंगोनिया गौशाला में करीब माह पूर्व करीब 100 गायों की मौत को लेकर भी विवाद हुआ था। ये गायें देखभाल के अभाव,भूख,प्यास और मिट्टी के साथ कीचड़ में फंसने से मरी थी।