डीएम ने दिए मलिन बस्तियों का वर्गीकरण करने के निर्देश

हरिद्वार।
नगर निकायों में अवस्थित मलिन बस्तियों के सुधार, विनयमितीकरण, पुनर्वासन, पुनव्र्यस्थापना तथा उससे सम्बन्धित व्यवस्थाओं एवं अतिक्रमण निषेध नियमावली 2016 के क्रियान्वयन/ मलिन बस्ती क्षेत्रों का चिन्हांकन तथा मलिन बस्तीवासियों के पंजीकरण के लिए जिलाधिकारी हरबंस सिंह चुघ की अध्यक्षता में मेला नियंत्रण भवन में बैठक की गई। जिलाधिकारी ने कहा कि जो मलिन बस्तियां चिन्हांकित की गई है उन्हें नोटिस बोर्ड पर चस्पा किया जाए। ताकि कोई आपत्ति होने पर उसकी शीघ्रता से निस्तारण किया जा सके। उन्होंने समिति के सदस्यों को निर्देश दिया कि मलिन बस्तियों के चिन्हांकन के लिए जो एप्लीकेशन प्राप्त हो रही है, उनकी जांच कर अग्रिम कार्यवाही की जाए। सभी पात्रों को उनका अधिकार मिलना चाहिए। यदि कोई क्षेत्र अधिनियम के अनुसार मलिन बस्ती के अन्तर्गत आ रहा है तो उन्हें भी शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि सभी मलिन बस्तियों का वर्गीकरण किया जाए कि कौन सी बस्ती किस श्रेणी के अन्तर्गत आ रही है। जो मलिन बस्तियां निर्विवाद रूप से चिन्हांकित हैं उन मलिन बस्ती क्षेत्र में निवासरत परिवारों को सूचीबद्ध कर उन्हें पंजीकृत कर पहचान पत्र जारी किये जाए।
105चुघ ने कहा कि 30 अक्टूबर तक सभी मलिन बस्ती क्षेत्रों चिन्हांकन तथा उसमें निवासरत परिवारों का सर्वेक्षण पूर्ण कर लिया जाए। जनपद हरिद्वार के सभी 09 नागर निकायों में अभी तक 107 मलिन बस्तियों का चिन्हांकन किया गया है।
मलिन बस्ती क्षेत्रों के चिन्हांकन तथा मलिन बस्तीवासियों के पंजीकरण हेतु जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति का गठन किया गया है। समिति के सदस्य वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, अपर जिलाधिकारी प्रशासन, अधिशासी अभियन्ता, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण खण्ड, अधिशासी अभियन्ता लोक निर्माण विभाग, सचिव हरिद्वार-रूड़की विकास प्राधिकरण, मुख्य चिकित्साधिकारी एवं नगर आयुक्त नगर निगम रूड़की/ समस्त अधिशासी अभियन्ता नगर निकाय हैं। जबकि नगर आयुक्त नगर निगम हरिद्वार सदस्य सचिव हैं।
बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजीव स्वरूप, अपर जिलाधिकारी प्रशासन ललित नारायण मिश्र, नगर आयुक्त हरिद्वार नरेन्द्र सिंह, नगर आयुक्त रूड़की प्रेम लाल, सहायक नगर आयुक्त रूड़की उत्तम सिंह नेगी, अधिशासी अभियन्ता नगर निगम हरिद्वार दिनेश सिंह, अधिशासी अभियन्ता सिंचाई एच.सी.एस. राणा एवं समस्त नगर निकायों के ई.ओ. उपस्थित थे।